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मुंबई पुलिस का बयान, शायद सुशांत सिंह की मानसिक हालत की जिम्मेदार बहनों द्वारा दी गई दवाईयां

बॉलवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की गुत्थी दिन प्रतिदिन उलझती जा रही है. सुशांत सिंह राजपूत केस में आए दिन कुछ न कुछ नया देखऩे को मिल रहा है. ऐसे में सुशांत सिंह के केस में कुछ ऐसा देखने को मिला जिसे देखऩे के बाद आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे.

सुशांत सिंह कि एक्स गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ने सुशांत सिंह की बहनों पर केस दर्ज करवाया था जिसमें उन्होंने यह कहा था कि उनकी बहनें सुशांत की मौत की जिम्मेदार हैं.

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सुशांत सिंह राजपूत की बहनों के खिलाफ लगे आरोप पर मुंबई पुलिस ने सफाई देते हुए कहा है कि सुशांत कि मानसिक हालत उनकी बहनों द्वारा दिए गए दवा से खराब हुआ है.

मुंबई पुलिस के इस बयान के बाद सुशांत सिंह की बहनों ने हाईकोर्ट की तरफ रुख किया था. और इस गलत प्राथमिकता को खारिज तकरने की मांग की थी.

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मुंबई पुलिस ने यह दावा किया है कि उनकी बहनों ने गलत पर्चा पर साइन करवाया है. जिसके बाद इस बात का खुलासा हुआ है. इसमें यह भ कहा गया है कि इन सभी के बाद उन्हें गलत दवा दिया जाता था.

जिससे उनकी मानसिक हालत दिन प्रतिदिन खराब होती चली गई. वहीं सुप्रीम कोर्ट के अनुसार सारे दस्तावेज कोर्ट को भेज दिए गए हैं.

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बता दें सुशांत सिंह राजपूत की मौत 14 जून को मुंबई के फ्लैट में हुआ था जिसके बाद से लगातार यह मामला आगे बढ़ता जा रहा है हालांकि इस मामले का अभी तक कोई सही फैसला नहीं आया है.

गेहूं की वैज्ञानिक खेती

सब से खास अनाज गेहूं के उत्पादन में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है. राष्ट्रीय अन्न उत्पादन में साल 1964-65 में गेहूं का योगदान करीब 34 फीसदी यानी 12.3 मीट्रिक टन था, जो साल 2012-13 में बढ़ कर 92.46 मीट्रिक टन हो गया. देश की मौजूदा उत्पादकता 3.21 टन प्रति हेक्टेयर है, जबकि विश्व की औसत उत्पादकता 3.16 टन प्रति हेक्टेयर है. उत्पादकता के इस अंतर का पूरा श्रेय शोध, प्रचार कार्यक्रमों व देश के प्रगतिशील किसानों को दिया जाना चाहिए.

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गेहूं की कम उत्पादकता की खास वजहें

* बासमती धान गेहूं फसलचक्र के कारण देर से गेहूं की बोआई का होना.

* धान के बाद गेहूं की बोआई में खरपतवारों का ज्यादा प्रकोप होना.

* समय से उन्नतशील प्रजातियों के बीज मौजूद न होना.

* बीज उपचार न करना. सही विधि से सही गहराई पर बोआई न करना.

* सही खरपतवारनाशी का इस्तेमाल न करना.

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* सही उर्वरकों का इस्तेमाल न करना.

*  सही ढंग से सिंचाई न करना व सही समय पर कीटों व बीमारियों की रोकथाम न करना. प्रजातियों का चुनाव : सही उन्नतशील प्रजाति का चयन कर के समय पर सही विधि से बोआई करने से पैदावार में 15-20 फीसदी का इजाफा हो जाता है.

तापमान : गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए जमाव के समय 20-22 डिगरी सेंटीग्रेड, बढ़वार के समय 15-20 डिगरी सेंटीग्रेड और दाना भरते समय 25 डिगरी सेंटीग्रेड तापमान सही होता है.

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बोआई की विधि व बीज की मात्रा

* छिटकवां विधि : 125-130 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर.

* शून्य या बिना जुताई : 80-100 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर.

* हल के पीछे कूंड़ों में (पोरा विधि) : 80-100 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर.

* फर्टिकम सीड ड्रिल: 80-100 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर.

* बेड बोआई : 40-50 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर.

बीज उपचार : मिट्टी के बरतन में 20 लीटर कुनकुने पानी में 10 किलोग्राम बीज डालने से बेकार व हलके बीज पानी के ऊपर तैरने लगते हैं. उन्हें निकाल कर अलग करें  बाकी बीजों को इस्तेमाल में लें. उस के बाद 4 लीटर देशी गाय का मूत्र, 3 किलोग्राम वर्मी कंपोस्ट व 2 किलोग्राम गुड़ आपस में खूब अच्छी तरह मिलाएं. तैयार मिश्रण 1 एकड़ के हिसाब से है.

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तैयार मिश्रण को 6-8 घंटे के लिए अलग रखें. इस के बाद जूट के बोरे में मिश्रण रख कर हलका पानी छिड़कें व बीजों में अच्छी तरह मिलाएं. फिर 2 ग्राम बाविस्टीन व 1 ग्राम थीरम प्रति किलोग्राम बीज की दर से या 2-3 ग्राम ट्राइकोडर्मा जैविक फफूंदीनाशक, 7.5 ग्राम पीएसवी कल्चर व 6 ग्राम एजोवैक्टर को प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजों पर अच्छी तरह चढ़ाएं. इस के बाद करीब 10-12 घंटे तक इन बीजों को किसी नमी मुक्त जूट के बोरे में अंकुरण के लिए रखें, अंकुरण के बाद बीज बोआई लायक तैयार हो जाते हैं. जहां दीमक या भूमिगत कीटों का प्रकोप होता है, उस इलाके में ब्यूवेरिया वेसियान 2.5-3.0 किलोग्राम को 80-100 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद/वर्मी कंपोस्ट में मिला कर बोआई से पहले खेत में अंतिम जुताई के समय मिला दें.

उर्वरक : मिट्टी की जांच के आधार पर उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिए. सामान्य हालात में 150:60:40:25 के अनुपात में क्रमश: नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश व जिंक प्रति हेक्टेयर इस्तेमाल करने के लिए 263-275 किलोग्राम यूरिया, 130-140 किलोग्राम डीएपी, 67-70 किलोग्राम म्यूरेट आफ पोटाश और 25 किलोग्राम जिंक सल्फेट का इस्तेमाल करना चाहिए. देरी से बोआई करने पर 80 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फास्फोरस, 30 किलोग्राम पोटाश और 20-25 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति हेक्टेयर की दर से इस्तेमाल करना चाहिए. काफी देरी से बोआई करने पर 140 किलोग्राम यूरिया, 94 किलोग्राम डीएपी, 50 किलोग्राम पोटाश व 20-25 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए. नाइट्रोजन की आधी मात्रा और फास्फोरस, पोटाश व जिंक की पूरी मात्रा बोआई के समय जड़ क्षेत्र में डालनी चाहिए (नीचे खाद ऊपर बीज). बाकी आधी नाइट्रोजन (यूरिया) की आधी मात्रा पहली सिंचाई के बाद (25-25 दिनों बाद) और बाकी मात्रा दौज बनने की अवस्था में दूसरी सिंचाई के बाद (45-50 दिनों बाद) जब पैर चिपकने लगें तब डालनी चाहिए. बढ़वार की अवस्था में 2 फीसदी यूरिया के घोल का छिड़काव करने से 20-30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से यूरिया की बचत की जा सकती है.

जिंक की कमी : जिंक की कमी से सब से पहले ऊपर से तीसरी पत्ती पर सफेदपीले ऊतकों की एक पट्टी बन जाती है, जो आमतौर पर बीच की शिरा पर व पत्ती के किनारों के बीच दिखाई देती है. शिराओं के भागों में धब्बे दिखाई देते हैं. 5 किलोग्राम जिंक व 2.5 किलोग्राम बुझा चुना प्रति हेक्टेयर की दर से इस्तेमाल करें या लक्षण दिखाई देने पर 0.5 फीसदी जिंक के छिड़काव के लिए 2.5 किलोग्राम जिंक सल्फेट व 1.25 किलोग्राम बुझा चूना या 12.5 किलोग्राम यूरिया 500 लीटर पानी में घोल कर 15 दिनों के अंतराल पर 2 बार छिड़काव करें.

मैंगनीज की कमी के लक्षण दिखाई देने पर 0.5 फीसदी मैंगनीज सल्फेट के छिड़काव के लिए 2.5 किलोग्राम मैंगनीज सल्फेट 500 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें.

सिंचाई : गेहूं में अमूमन 5-6 बार सिंचाई की जाती है. यह मिट्टी व मौसम पर निर्भर करती है. पहली सिंचाई ताज मूल अवस्था पर न होने की दशा में उपज में भारी गिरावट आती है.

सिंचाई की अवस्थाएं

पहली सिंचाई : ताज मूल अवस्था (बोआई के 20-21 दिनों बाद).

दूसरी सिंचाई : बढ़वार अवस्था (बोआई के 60-65 दिनों बाद).

तीसरी सिंचाई : फुटाव व दुधवा अवस्था (बोआई के 80-85 दिनों बाद).

चौथी सिंचाई : फूल आने व दुधवा अवस्था (बोआई के 100-105 दिनों बाद).

पांचवीं व छठी सिंचाई : गरम मौसम होने पर जरूरत के मुताबिक.

खरपतवार नियंत्रण : गेहूं की खेती में ज्यादातर गेहूं का बथुआ, चटरीमटरी, हिरन खुरी, सेंजी, जंगली गाजर, कृष्ण नील, जंगली पालक, जंगली जई, मोथा और गेहूंसा वगैरह खरपतवार खास होते हैं. सब से अच्छा तो यह है कि बोआई के 30-35 दिनों व 56-60 दिनों बाद खुरपी व कुदाल वगैरह का इस्तेमाल कर के खरपतवार निकाल दिए जाएं.

खास कीट

गुजिया विविल : मटमैले रंग के ये कीट सूखी जमीन में दरारों में रहते हैं और

उगने वाले पौधों को जमीन की सतह से

काट कर नुकसान पहुंचाते हैं.

दीमक : इस कीट का ज्यादातर हमला फसल  की जड़ों पर होता है. इस से फसल को बचाने के लिए क्लोरोपाइरीफास 20 ईसी की 400 मिलीलीटर दवा 02 लीटर पानी में घोल कर प्रति क्विंटल की दर से बीजों को उपचारित कर के व सुखा कर बोआई करें. खड़ी फसल में क्लोरोपाइरीफास की 3 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से इस्तेमाल करनी चाहिए.

जैविक रोकथाम के लिए बवेरिया ब्रेसियाना की 2-2.5 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से सड़ी गोबर की खाद में मिला कर इस्तेमाल करें.

माहू : एमिडाक्लोरोप्रिड की 0.5 मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से इस्तेमाल करनी चाहिए.

चूहे : एल्यूमीनियम फास्फाइड दवा को आटे में मिला कर गोलियां बना कर इस्तेमाल करें.

भंडारण : मईजून में सही नमी में भंडारण करना चाहिए. भंडारगृह में 15 दिनों के अंतर पर न्यूवान 5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी का घोल बना कर दीवारों, छतों व फर्श पर छिड़काव करना चाहिए. भंडारगृह में दीवारों से 1 फुट दूरी पर लकड़ी या प्लास्टिक के पैकेटों पर गेहूं रखना चाहिए. भंडारगृह में रखने के बाद पालीथीन से ढक कर सल्फास 3 ग्राम की 2-3 गोलियां प्रति टन बीज की दर से रखनी चाहिए.

डा. हंसराज सिंह, डा. अरविंद कुमार,
डा. विपिन कुमार, डा. पीके मडके (कृषि विज्ञान केंद्र, मुरादनगर, गाजियाबाद)

Cime Story : 37 सेकेंड में 35 लाख की लूट

सौजन्या-मनोहर
लुटेरों ने सुंदर ज्वैलर्स शोरूम में 37 सेकेंड में 35 लाख की जूलरी लूट ली और फरार हो गए. अलीगढ़ पुलिस तो इस में कुछ नहीं कर पाई, लेकिन घटना के 6 दिन बाद नोएडा पुलिस ने तीनों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया. लेकिन तब तक 35 लाख में से 6 लाख की ही जूलरी बची थी. आखिर 6 दिन में 29 लाख की…    यूंतो ज्यादातर दुकानदार कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हैं, लेकिन बड़े दुकानदार खासकर शोरूम मालिक अपने और ग्राहकों के नजरिएसे नियमों का पूरा पालन करते हैं. इस से ग्राहकों पर भी अच्छा इंप्रेशन पड़ता है. इसी के मद्देनजर सुंदर ज्वैलर्स के मालिक सुंदर वर्मा ने यह जिम्मेदारी गेट के पास बैठने वाले सेल्समैन को सौंप रखी थी.
कोई भी ग्राहक आता तो सेल्समैन सेनेटाइजर की बोतल उठा कर पहले उसके हाथ सेनेटाइज कराता, फिर वेलकम के साथ अंदर जाने को कहता.  उस दिन शोरूम में जूलरी खरीदने वाले 2-3 ग्राहक मौजूद थे. तभी मास्क लगाए 2 युवकों ने शोरूम में प्रवेश किया. गेट के पास काउंटर पर बैठे सेल्समैन ने सेनेटाइजर से दोनों के हाथ सेनेटाइज कराए. तभी दोनों युवकों ने अपनीअपनी शर्ट के अंदर हाथ डाल कर तमंचे निकाल लिए. उसी वक्त उन का तीसरा साथी अंदर आ गया.
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यह देख शोरूम में मौजूद सभी लोग दहशत में आ गए. एक युवक ने तमंचा तानते हुए काउंटर पर रखा जूलरी बौक्स उठा लिया. इतना ही नहीं, सुंदर वर्मा के बेटे यश को तमंचे के निशाने पर ले कर वह काउंटर लांघ कर तिजोरी के पास पहुंच गया. तिजोरी में कीमती जेवर रखे हुए थे. तिजोरी से जेवरों के डिब्बे, नकदी निकाल कर वह अपने साथी को देने लगा. साथी लुटेरे के पास बैग था, वह जेवर बैग में भरता रहा. इस काम में उस का तीसरा साथी भी मदद कर रहा था.
बैग को जेवरों के डिब्बों और नकदी से भर कर वे तीनों तमंचे लहराते हुए शोरूम से बाहर निकल गए. यह सारा काम महज 37 सेकेंड में निपट गया. शोरूम के बाहर लुटेरों की मोटरसाइकिल खड़ी थी. तीनों बाइक पर बैठ कर भाग निकले. यह 11 सितंबर, 2020 की बात है  लुटेरों ने शोरूम में प्रवेश कर के जब अपने हाथ सैनेटाइज किए, तभी उन के हावभाव से खतरे की आशंका भांप कर शोरूम मालिक सुंदर वर्मा फुरती से शोरूम के पिछले गेट से बाहर निकल कर पीछे बने जीने से छत पर चढ़ गए थे. ऊपर जा कर वह चोरचोर चिल्लाते हुए शोर मचाने लगे.
इसी बीच लुटेरे लूट की घटना को अंजाम दे कर शोरूम से भाग निकले. सुंदर वर्मा के शोर मचाने पर आसपास के दुकानदारों और सड़क पर आतेजाते लोगों का ध्यान उन की तरफ गया, लेकिन बदमाशों के हाथों में हथियार देख कर लोग दहशत में आ गए. किसी ने भी बदमाशों को रोकने या टोकने की हिम्मत नहीं दिखाई. लुटेरे खैर रोड की ओर भाग गए.दिनदहाड़े जूलरी शोरूम में हुई लूट की जानकारी होते ही आसपास के दुकानदारों में सनसनी फैल गई. घटना की खबर मिलने पर आईजी पीयूष मोर्डिया, एसएसपी मुनिराज, एसपी (सिटी) अभिषेक, थाना बन्नादेवी के प्रभारी निरीक्षक रविंद्र दुबे, एसओजी और सर्विलांस टीमें शोरूम पर पहुंच गईं.
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पुलिस अधिकारियों ने शोरूम मालिक सुंदर वर्मा से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. पुलिस पूछताछ में सुंदर वर्मा से पता चला कि 37 सेकेंड की लूट में लुटेरों ने लगभग 35 लाख की जूलरी और 50 हजार की नकदी लूट ली थी.शोरूम में मौजूद महिला ग्राहक ने लुटेरों की नजरों से बचा कर अपना बैग पीछे छिपा कर बचा लिया था. एक पुरुष ग्राहक काउंटर पर जिस बौक्स में जूलरी देख रहा था, लुटेरे ने उस बौक्स को खींच कर बैग में डाल लिया था. इस दौरान शोरूम के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए थे. सुंदर वर्मा ने एसएसपी पर बिफर कर गुस्से का इजहार किया. उन्होंने कहा कि 4 साल पहले भी उन के शोरूम पर लूट हुई थी. आज तक न तो माल मिला और न ही लुटेरे पकड़े गए. इस पर इलाके के लोग भी सुंदर वर्मा के समर्थन में आ गए. दिनदहाड़े हुई इस लूट पर सभी ने नाराजगी जताई.
एसएसपी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि संयम रखें. इलाके में पुलिस का विश्वास कायम होगा. इस में कुछ समय जरूर लग सकता है, लेकिन इस बार आप को लगेगा कि पुलिस आप के साथ है.बहरहाल, सुंदर वर्मा की तहरीर पर 3 अज्ञात लुटेरों के विरुद्ध लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया गया, जिस में 50 हजार रुपए नकदी और करीब 35 लाख रुपए मूल्य के आभूषण लूटने की बात कही गई. घटना के बाद जांच में जुटी पुलिस टीमों ने खैर रोड के सीसीटीवी देखे तो तीनों बदमाश नादा चौराहे से पहले गोमती गार्डन गेस्टहाउस की ओर जाते दिखे. बाद में उन के खैर रोड पर भागने का पता चला. इस से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि बदमाश खैर या खोड़ा क्षेत्र के रहे होंगे.
इस को आधार बना कर पुलिस ने अपना ध्यान इसी क्षेत्र के बदमाशों पर लगाया. शोरूम के सीसीटीवी में पूरी घटना रिकौर्ड हुई थी. वहां से जो फुटेज मिले, वे बिलकुल साफ थे, उस से तीनों बदमाशों को पहचाना जा सकता था. इसलिए पुलिस ने उसी फुटेज से बदमाशों के फोटो निकलवा कर जारी कर दिए गए. इस के साथ ही लोगों को बदमाशों का हुलिया बता कर जानकारी जुटाने का प्रयास किया जाने लगा.ज्वैलरी शोरूम में दिनदहाड़े लूट को अंजाम देने वाले तीनों लुटेरे बेशक मास्क पहने थे, लेकिन उन के चेहरे और कदकाठी सीसीटीवी में कैद हो गई थी, जिसे पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था.
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एसएसपी मुनिराज की ओर से लोगों से अपील की गई कि जो भी लुटेरों के बारे में जानकारी देगा, उस का नाम गुप्त रखा जाएगा, साथ में पुलिस स्तर से उसे पुरस्कार भी दिया जाएगा. लूट के खुलासे के लिए पुलिस ने एड़ीचोटी का जोर लगा दिया था. इस के साथ ही एसएसपी ने पुलिस पैट्रोलिंग में लापरवाही को ले कर इंसपेक्टर रविंद्र दुबे को निलंबित कर दिया. लूट के दूसरे दिन यानी शनिवार को एडीजी (जोन) अजय आनंद भी घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने सुंदर वर्मा से पूरी घटना के बारे में बारीकी से जानकारी ली.इस लूटकांड के लिए इंसपेक्टर बन्नादेवी को निलंबित किए जाने के बाद से जांच टीम से थाना पुलिस को अलग कर दिया गया था. एसपी (सिटी) अभिषेक और एसपी (क्राइम) के नेतृत्व में एसओजी, सर्विलांस के अलावा इंस्पेक्टर क्वार्सी छोटेलाल व एसओ (जवां) अभय कुमार की टीमें जांच में लगाई गईं.बदमाशों की कदकाठी, बालों के स्टाइल से एक सवाल यह भी खड़ा हुआ कि बदमाश कहीं पुलिस मैडीकल में शामिल होने तो नहीं आए थे. इस बात की तस्दीक करने के लिए एक टीम ने पुलिस लाइन मेडीकल बोर्ड कक्ष के अंदर व बाहर लगे सीसीटीवी चैक कर के बदमाशों के हुलिया का मिलान किया, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ.

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इस लूटकांड की जांच में जुटी पुलिस को अब तक की जांच में कई चौंकाने वाले सुराग हाथ लगे. इन में सब से खास यह था कि घटना के समय शोरूम में मौजूद 3 ग्राहकों में जहां एक दंपति थे, वहीं एक पुरुष ग्राहक पेशेवर लुटेरा भी था, जो अपने गिरवी जेवर छुड़ाने के लिए पहुंचा था. हालांकि ज्वैलर ने उसे पुलिस के सामने क्लीन चिट दे दी थी कि वह पुराना कस्टमर है.मगर पुलिस ने उस से भी व्यापक पूछताछ की. वह मूलरूप से खैर क्षेत्र का रहने वाला था, जो थाना बन्नादेवी क्षेत्र में आता था. वह पहले भी देहली गेट की एक लूट में जेल गया था. पुलिस ने उस से पूछताछ की. कुछ हाथ नहीं लगा तो उसे छोड़ दिया गया.
घटना के समय शोरूम में मौजूद ग्राहक दंपति नगला कलार के रहने वाले थे, वे भी पुराने ग्राहक थे. बदमाशों के भागते समय कुछ जेवर शोरूम के फर्श पर गिर गए थे, उन्हें महिला ने बटोर कर अपने कपड़ों में छिपा लिया था. यह दृश्य सीसीटीवी में कैद हो गया था.
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पुलिस ने दंपति को पूछताछ के लिए बुला लिया. पहले तो महिला ने जेवर बटोरेने की बात से इनकार किया. लेकिन जब सीसीटीवी में घटना रिकौर्ड होने की बात बताई गई तो महिला डर गई. उस ने चुपचाप जेवर वापस कर दिए.नहीं जुड़ी टूटीफूटी कडि़यां35 लाख के जेवरात की लूट में अभी कोई लुटेरा पुलिस के हाथ नहीं लगा था. जबकि पुलिस दावा कर रही थी कि वह लूट के खुलासे के करीब है. शिनाख्त के बाद पुलिस लूट और लुटेरों की कडि़यां जोड़ रही थी. पुलिस टीमें लुटेरों की धरपकड़ के लिए एड़ीचोटी का जोर लगाए हुए थीं. उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगेगी. एक पुलिस टीम यह पता लगाने में जुटी थी कि लुटेरे किस की मुखबिरी से लूट करने आए थे. लूट के बाद कहां गए और उन्होंने लूटा हुआ माल कहां गलाया या छिपाया.
पुलिस ने उस बदमाश को भी क्लीनचिट नहीं दी थी जो मौके पर अपने गिरवी जेवरात छुड़ाने पहुंचा था. इसी बीच अचानक कुछ ऐसा हुआ कि अलीगढ़ पुलिस हैरान रह गई.16 सितंबर बुधवार की शाम नोएडा पुलिस ने मुठभेड़ के बाद अलीगढ़ के एक ज्वैलर के यहां लूट करने वाले 3 लुटेरों को सेक्टर 38ए स्थित जीआईपी मौल के पास से गिरफ्तार कर लिया. मुठभेड़ के दौरान तीनों बदमाशों को पैर में गोली लगी.
कोतवाली सेक्टर-39 पुलिस ने तीनों घायल लुटेरों को अस्पताल में भरती कराया. पुलिस ने उन से सुंदर ज्वैलर्स शोरूम से लूटी गई 35 लाख की जूलरी में से लगभग 6 लाख की जूलरी, एक मोटरसाइकिल और 3 तंमचे, जिंदा कारतूस व खोखे बरामद किए.
गिरफ्तार बदमाशों की पहचान अलीगढ़ के गांव सोफा खेड़ा निवासी सौरव कालिया, रोहित और मोहित के रूप में हुई.  पूछताछ में तीनों ने सुंदर ज्वैलर्स शोरूम में दिनदहाड़े लूट करने का जुर्म कबूल करते हुए जो कहानी बताई, वह इस प्रकार थी—इन बदमाशों ने सुंदर ज्वैलर्स को लूटने की योजना फरवरी महीने में ही बना ली थी. तीनों बदमाश नोएडा की एक नामचीन पान मसाला बनाने वाली फैक्टरी में नौकरी करते थे और गाहेबगाहे अपराधों को भी अंजाम देते थे.
तीनों बदमाशों में से एक का चाचा अलीगड़ में खैर रोड स्थित नादा पुल के पास रहता था. बदमाश अकसर उस के पास आया करते थे. इसी दौरान इन की नजर खैर रोड स्थित सुंदर ज्वैलर्स के शोरूम पर पड़ी.फरवरी में तीनों बदमाश सुंदर ज्वैलर्स शोरूम के सामने से हो कर गुजरे थे. लूट को अंजाम देने से पहले इन बदमाशों ने शोरूम की लोकेशन देखने के साथ आसपास के पूरे इलाके की रेकी की थी.
वारदात को अंजाम देने के बाद इन्हें वापसी के लिए यह शोरूम सब से सही लगा था, लेकिन फरवरी महीने के बाद लौकडाउन लगने से ये लोग लूट को अंजाम नहीं दे पाए. इस के बाद लौकडाउन में तीनों की नौकरी चली गई.
पैसों की जरूरत महसूस हुई तो तीनों को एक बार फिर खैर रोड स्थित सुंदर ज्वैलर्स के शोरूम की याद आई और फिर मौका मिलते ही इन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया.ज्वैलर लूटकांड में शामिल लुटेरे पेशेवर अपराधी हैं. खास बात यह है कि ये लोग उत्तर प्रदेश में पहली बार पकड़े गए हैं. इस से पहले इन की गिरफ्तारी गुरुग्राम में हुई थी. वहां से जमानत पर छूटने के बाद तीनों गाजियाबाद के खोड़ा में जा कर रहने लगे थे.ये लोग वहीं से इधरउधर अपराध करने जाते थे. चूंकि तीनों बदमाश पान मसाला फैक्टरी में नौकरी करते थे, इसलिए गांव के आसपास के ज्यादा लोगों को इन पर शक नहीं होता था. बाद में जब इन के कारनामे उजागर हुए तो लोग हैरान रह गए. 11 सितंबर को अलीगढ़ स्थित जूलरी शोरूम में लूट की घटना को अंजाम के बाद तीनों मोटरसाइकिल पर सवार हो कर फरार हो गए थे.
घटना के बाद ये लोग फरीदाबाद में छिप गए. मुठभेड़ वाले दिन तीनों लुटेरे मोटरसाइकिल से खोड़ा में किराए पर लिए कमरे पर जा रहे थे. पुलिस ने जब खोड़ा स्थित इन बदमाशों के कमरे की तलाशी ली तो वैसे ही कपड़े मिले जैसे एक बदमाश घटना के समय पहने था, जो सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहे थे.
 लौकडाउन में आई याद ज्वैलरी शोरूम कीसुंदर ज्वैलर्स के शोरूम पर लूट करने वाले तीनों बदमाशों ने एक साल पहले 12 अक्टूबर, 2019 को अपने गांव सोफा खेड़ा की प्रधान शांतिदेवी के 53 वर्षीय पति कालीचरण की गोली मार कर हत्या कर दी थी.कालीचरण की हत्या इन्होंने सुपारी ले कर की थी. कालीचरण पर गांव के ही हरिओम की हत्या का आरोप था. हरिओम का बेटा अमन जो जेल में है, ने इन तीनों लुटेरों को सुपारी दे कर कालीचरण की हत्या कराई थी. इस के बाद से ये तीनों गांव से फरार थे.तीनों बदमाशों का अपराधों से गहरा संबंध रहा है. इन का गिरोह अलीगढ़ जनपद में डी श्रेणी में सौरभ गैंग के रूप में दर्ज है. अलीगढ़ के अलावा दिल्ली एनसीआर क्षेत्र, गुरुग्राम, नोएडा, सिकंदराराऊ, अतरौली और खैर आदि में भी इन पर संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. इन में सौरव कालिया पर 7, रोहित पर 8 तथा मोहित पर 9 मुकदमे लूट, चोरी, धमकी देने, आर्म्स एक्ट, हत्या और हत्या के प्रयास के मुकदमे दर्ज हैं.
सौरव और मोहित पर गैंगस्टर एक्ट में काररवाई भी हो चुकी है. लौकडाउन में भी गुरुग्राम की पुलिस खैर स्थित सोफा खेड़ा में इन बदमाशों के घर पहुंची थी और कुर्की नोटिस चस्पा कर गई थी.
बन्नादेवी पुलिस ने न्यायालय में बी वारंट के लिए आवेदन किया था, जिस पर न्यायालय ने तीनों आरोपियों को अलीगढ़ न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया. नोएडा पुलिस ने 21 सितंबर को बी वारंट पर तीनों को अलीगढ़ न्यायालय में पेश किया. अदालत ने इन तीनों को लूट के मुकदमे में अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया.
पकड़े गए बदमाशों की आजीविका का मुख्य आधार लूटपाट ही था. लूटपाट कर के ये लोग उस पैसे को अपने शौक और ऐशोआराम पर खर्च करते थे. द्य
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

MeToo पर मुकेश खन्ना के विवादित बयान पर भड़की दिव्यांका त्रिपाठी, सुनाई खरीखोटी

इन दिनों टीवी जगत के शक्तिमान यानि मुकेश खन्ना अपने बयानों को लेकर खासा चर्चा में बने हुए हैं. यह कभी ‘कपिल शर्मा शो’ को लेकर तो कभी फिल्म ‘लक्ष्मी बॉम्ब’ को लेकर बयान देते नजर आ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से यह क्या कह रहे हैं शायद इन्हें भी इस बात का अंदाजा नहीं है.

दरअसल, कुछ वक्त पहले ही इन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि Mee Too जैसी समस्याओं महिलाओं की वजह से होता है क्योंकि वह मर्द के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलना चाहती हैं. जिसके बाद लोग सोशल मीडिया पर जमकर इन्हें ट्रोल करते नजर आएं.

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अब टीवी एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी ने भी मुकेश खन्ना को जमकर लताड़ा है. उन्होंने ट्विटर अकाउंट पर मुकेश खन्ना के बयान की निंदा की है. दिव्यांका ने लिखा है कि यह पुराना रिग्रेसिव कैसे हुआ? सम्मानित पदों पर बैठे व्यक्तियों का ऐसे बयान देना शर्मनाक है. महिलाओं से घृणा करना बीते कल की पुरानी यादों का हिस्सा हो सकता है. आगे उन्होंने कहा कि मुकेश खन्ना के बयान का पुराने सम्मान के साथ निंदा करती हूं.

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मुकेश खन्ना ने एक इंटरव्यू में ऐसी बाते कही है जिसके बारे में सोचना भी गलत है उन्होंने कहा है कि मर्द कि रचना अलग होती है और औरतों की रचना अलग होती है दोनों के काम भी अलग- अलग होते हैं. औरतों का काम है घर संभालना माफ करना मैं कभी- कभी भूल भी जाता हूं कि आखिर औरतें जबसे घर से बाहर निकलना शुरू की तबसे Mee Too जैसी समस्याओं की शुरुआत हुई.

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इस बयान के बाद लोगों ने उन्हें जमकर सोशल मीडिया पर ट्रोल किया है. जिसके बाद वह मुकेश खन्ना अपनी सफाई में बहुत कुछ कह रहे हैं लेकिन लोग लगातार उन्हें ट्रोल किए जा रहे हैं.

ये रिश्ता क्या कहलाता है: कायरव की वजह से अक्षरा की जान को होगा खतरा, नायरा गुस्से में लेगी फैसला

सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है में नया ट्विस्ट आने वाला है. इस सीरियल में कार्तिक और नायरा का बेटा कायरव कृष्णा को फंसाने के लिए प्लानिंग करते नजर आएगा. जिसके बाद कुछ ऐसा होगा जिससे सभी के होश उड़ जाएंगे.

लेकिन आगे कुछ ऐसा होगा कि कायरव का प्लान उसी पर भारी पड़ जाएगा. दरअसल, कायरव बाद में अपनी प्लानिंग चेंज कर देगा. कायरव ने कृष और वंश की मदद से अक्षरा को गोदाम में छीपा दिया होता है. जब बाद में कायरव अक्षरा के पास जाएगा तो वह उसे मिल जाएगी लेकिन वह आंखे नहीं खोलेगी जिससे नन्हा कैरव परेशान हो जाएगा.

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वहीं दूसरी तरफ अक्षरा और कार्तिक के हालत खराब हो जाएंगे. वह परेशान हो जाएंगे. किसी चतरह वह घर पहुंचेगे लेकिन उनके सवाल का जवाब नहीं होगा.

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इन सभी चीजों को देखने के बाद नायरा कायरव को बोर्डिंग स्कूल भेजने की तैयारी करेगी. नयरा के इस फैसले से घर वालों को झटका लगेगा. कायरव के इस फैसले को सुनने के बाद पैर तले जमीन खिसक जाएगी.कायरव समझ नहीं पाएगा कि अपनी मां को कैसे समझाएं.

जैसे- तैसे कायरव के मन से कृष्णा के लिए जो जहर था वह गायब हुआ था लेकिन अब जाकर फिर से एक बार पनपने लगेगा. इससे वह समझ नहीं पाएगा कि आखिर सच में घर के लोग मुझे प्यार करते हैं या नहीं. ऐसे में कायरव खुद ही अपनी मां और पापा से एक बार फिर नफरत करना शुरू कर देगा.

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जिससे घर वाले परेशान हो जाएंगे अब आखिरी में देखना यह है कि कायरव के साथ आखिर क्या वर्ताव करेंगे घर वाले क्या वह वाकई में पढ़ने के लिए बाहर जाएगा.

शादी के बाद मोटापा: लापरवारी या खुद की अनदेखी

“मेरी हाईट पांच फुट एक इंच है. वजन ६८ किलोग्राम है और नेक्स्ट मंथ मेरी शादी होने वाली है. मैं ऐसा क्या करूं कि शादी तक मेरा वजन कम हो जाए और मैं अपने फेवरेट डिजाईनर लहंगे में फिट आ जाऊं और मेरी मैरिज की पिक्चर्स भी परफेक्ट आयें”

फिटनेस सबंधी समस्याओं में शादी से पहले वजन घटाने को लेकर आने वाली समस्याओं में यह एक आम समस्या है. आप यकीन मानिये इन सभी समस्याओं वाली युवतियां विवाह से पहले फिटनेस एक्सपर्ट की बात मानकर, डाइट फौलो कर के, जिम जाकर, अपना वजन बिलकुल परफेक्ट कर लेती हैं और अपने लाइफ पार्टनर को इम्प्रेस भी कर लेती हैं.

लेकिन समस्या यहीं खत्म हो जाती तो ठीक होता लेकिन असली समस्या शुरू होती है शादी के १-२ साल बाद जब विवाह के बाद स्लिम ट्रिम वेल मेंटेंड फिगर की चाहत की धज्जियाँ उड़ती दिखाई देने लगती हैं, बड़ी रिसर्च करके बनवाई गयी डिजाईनर ड्रेस में वे समा नहीं पातीं. खूबसूरत फिगर में जगह जगह से टायर निकलने शुरू हो जाते हैं.

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यह बात तो शोध में भी साबित हो गयी है कि विवाह और तलाक दोनों ही मोटापा बढ़ाते हैं. समाचार पत्र ‘डेली एक्सप्रेस’ के मुताबिक महिलाओं में जहां विवाह के बाद वजन बढ़ता है, वहीं पुरुषों में वैवाहिक सम्बंध टूटने के बाद ऐसा होने की सम्भावना रहती है.

तीस पार की उम्र वाले लोगों में विवाह या तलाक के बाद वजन बढ़ने की सम्भावना ज्यादा होती है।. विवाहित महिलायें घर की जिम्मेदारियों में व्यस्तता के चलते व्यायाम के लिए समय नहीं निकाल पाती हैं और अविवाहित महिलाओं की तुलना में शारीरिक रूप से कम चुस्त होती हैं.

कोई इन युवतियों से पूछे क्यों भई आपके वेल मेंटेंड फिगर पाने, पति को इम्प्रेस करने के सपने का क्या हुआ? क्या बस शादी तक ही स्लिम ट्रिम बनने का सपना था. क्या शादी या बच्चा होने के बाद आपको मोटे होने का राईट मिल गया?

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इस सवाल के जवाब में वे कहती हैं क्या करें बच्चों और घर के कामों से फुर्सत ही नहीं मिलती. और वैसे भी अब शादी के बाद कौन हम पर ध्यान देने वाला  है. अब आईं न आप सही मुद्दे पर लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आपके उन्होंने आप पर ध्यान देना इसलिए बंद कर दिया है क्योंकि अब आपने अपने ऊपर ध्यान देना बंद कर दिया है.

इसलिए पति आपकी अनदेखी न करें और साथ ही आप भी अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ न करें इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी सेहत और फिगर दोनों को फिट रखें. माना कि विवाह के बाद जिन्दगी बदल जाती है लेकिन विवाह के बाद आपका वजन बदल जाए, आपकी फिगर बदल जाए तो यह आपकी सेहत व वैवाहिक  संबंधों दोनों के लिए किसी भी तरह से सही नहीं होगा.

गर्भावस्था को न दें दोष

कुछ महिलाएं शादी के बाद अपनी बिगड़ती फिगर का दोष प्रेगनेंसी को देती हैं, सबको कहती हैं प्रेगनेंसी ने उनकी कमर को कमरा बना दिया है और वे मान लेती हैं कि अब उन्हें बेडौल होने से कोई नहीं रोक सकता. माना कि प्रेगनेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद वजन बढ़ जाता है लेकिन अगर आप चाहें तो प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद भी खुद को फिट रख सकती हैं.

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प्रेग्नेंसी के बाद खुद को फिट रखने के लिए अपने खानपान पर पूरा ध्यान दें तला-भुना खाना, शक्कर और मैदा से बनी चीजें खाने से परहेज करें. इसके अलावा प्रेग्नेंसी के बाद परफेक्ट शेप और फिटनेस प्राप्त करने के लिए एक्सरसाइज और ब्रिस्क वाक को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनायें. माधुरी दीक्षित, काजोल, रवीना टंडन, करिश्मा कपूर, शिल्पा शेट्टी और ऐश्वर्या राय बेहतरीन उदाहरण हैं किसी भी महिला को प्रेरित करने के लिए. ये सभी एक्ट्रेस मां बन चुकी हैं पर फिटनेस के मामले में ये किसी को भी टक्कर दे सकती हैं.

मोटापा सेहत के लिए खतरा

यूनिवर्सिटी औफ मौंट्रियल के शोधकर्ताओं के अनुसार मोटापे से ग्रस्त लोगों को वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों का ज्यादा खतरा रहता है, क्योंकि ऐसे लोगों को सांस लेने के लिए ज्यादा हवा की जरूरत होती है. जिन लोगों का बीएमआई यानी बौडी मास इंडैक्स 18.5 से 25 तक हो उन्हें रोजाना 16.4 क्यूबिक मीटर हवा की जरूरत पड़ती है जबकि 35 से 40 बीएमआई वालों को 24.6 क्यूबिक मीटर हवा की.

ऐसे में ज्यादा बीएमआई वालों को वायु प्रदूषण का ज्यादा प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा मोटापे से डायबिटीज, जोड़ों में दर्द, बांझपन, हार्ट फेल्योर, अस्थमा, कोलैस्ट्रौल, ज्यादा पसीना आना, हाइपरटैंशन जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.

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मुसीबतें और भी हैं

आप अपनी बिगड़ती फिगर के चलते अपनी मनपसन्द ड्रेस नहीं पहन पाएंगी. अगर पति फिट होंगे तो अपनी फिटनेस की वजह से स्मार्ट, यंग और फिट दिखेंगे और आप अपने बढे वजन के कारण उनके आगे बड़ी लगेंगी जो आपको कॉम्प्लेक्स का शिकार बनाएगा. पिक्चर्स क्लिक करवाते समय आपको खुद को किसी के पीछे छुपाना पड़ेगा. फोटोग्राफर को बारबार कहना पड़ेगा ‘फोटो ऐसे लेना कि मैं पतली दिखूं.’

मेरा मायका और ससुराल पासपास ही हैं, जब कभी ससुराल जाती हूं तो सास चाहती हैं कि मैं सारा समय उन्हीं के साथ बिताऊं, क्या करूं?

सवाल
मैं 30 वर्षीय विवाहिता हूं. विवाह को 6 साल हो चुके हैं. मेरा मायका और ससुराल कानपुर में पासपास ही हैं. मैं पति और साल भर के बेटे के साथ दिल्ली में रहती हूं. जब कभी 10-15 दिनों के लिए ससुराल जाती हूं तो सास चाहती हैं कि मैं सारा समय उन्हीं के साथ बिताऊं. मेरे मायके में 2-4 दिन रुकने पर भी उन्हें एतराज होता है. कहती हैं कि मायका जब लोकल हो तो वहां जा कर रहने का क्या मतलब है. बस जाओ और मिल कर आ जाओ. पर मैं चाह कर भी ऐसा नहीं कर पाती. मां और भाईभतीजों के साथ 2-4 दिन रहे बिना दिल नहीं मानता. मेरे पति न तो मां को और न ही मुझे कुछ कहते हैं.

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अगले महीने मेरी भतीजी की शादी है. जब से शादी का निमंत्रण आया है मैं बहुत उत्साहित हूं कि सब नातेरिश्तेदारों से मिलनाजुलना होगा. पर साथ ही यह डर भी है कि मेरे वहां जा कर रहने पर सास फिर से बवाल करेंगी. सारा मजा ही किरकिरा हो जाएगा.

भैयाभाभी पहले से मनुहार कर रहे हैं कि मुझे पहले पहुंचना होगा. शादी की शौपिंग वगैरह मेरे साथ की करेंगे. वे इतने प्यार से बुला रहे हैं, तो न तो उन्हें मना करते बन रहा है और अधिक दिन के लिए जाऊंगी तो हमेशा की तरह सास बवाल करेंगी. कुछ समझ में नहीं आ रहा. बताएं क्या करूं?

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जवाब
भले ही आप का मायका और ससुराल एक ही शहर में हैं पर आप स्वयं तो दिल्ली में रहती हैं, इसलिए मायके वालों से भी कुछ अरसे बाद ही मिलना होता होगा. ऐसे में यदि आप 2-4 दिन मायके में जा कर रहती हैं तो इस में आप की सास को एतराज नहीं होना चाहिए. आप पूरा समय ससुराल में बिताएं और मायके जाने पर उसी दिन मिल कर सास का लौटने की बात करना बेमानी है.

आप की सास की यह जिद एक तरह से तालिबानी फरमान है. आप के पति आप दोनों (सासबहू) के बीच नहीं पड़ते, तटस्थ रहते हैं, यह कुछ हद तक अच्छा है. आप अपनी सास को प्यार से समझा सकती हैं कि भले ही आप का मायका लोकल है पर अब तो आप वहां न रह कर दिल्ली में रहती हैं और कभीकभार ही वहां जाना हो पाता है. ऐसे में आप का अपने घरपरिवार वालों के साथ भी कुछ समय बिताने का मन करता है.

जहां तक आप के भैयाभाभी की अपनी बेटी की शादी में आप से अपेक्षा है, आप को उन्हें निराश नहीं करना चाहिए. भले ही पति आप के साथ ज्यादा समय के लिए न जा सकें पर आप को वहां जाना चाहिए और यथासंभव सहयोग देना चाहिए.

मायके के लिए आप की अधिक सक्रियता हो सकता है आप की सास को नागवार गुजरे और वे खफा हो जाएं या थोड़ाबहुत हल्ला मचाएं पर इस पर आप ध्यान न दें. एक बार शादी निबट जाएगी तो आप उन्हें मना ही लेंगी. यों भी सासबहू में इस तरह का मनमुटाव चलता रहता है. आप को यह समझना चाहिए कि यह घरघर की कहानी है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

सब्जेक्ट में लिखें- सरिता व्यक्तिगत समस्याएं/ personal problem 

मीरा-भाग 3 : मीरा के दिल में बसे अंगद ने उसे कौन सा आघात दिया

उस शाम अंगद आया तब मीरा घर में नहीं थी. मेरियन साथ में ही थी, फिर भी न जाने क्यों अंगद को कुछ अच्छा नहीं लगा. आज वह मेरियन के साथ भी ठीक से बात नहीं कर पाया. बारबार उस का ध्यान घड़ी की सूई पर जाता रहा.

मीरा जब आई तब रात हो चुकी थी. उस का चेहरा खुशी से चमक रहा था.

मीरा को देखते ही अंगद बरस पड़ा, ‘‘समय क्या हुआ है, पता भी है? कहां थीं इतनी देर?’’

‘‘अरे, अंगद, आप तो ऐसे डांट रहे हो जैसे मैं आप की पत्नी हूं.’’

‘‘तो क्या, तुम मेरी पत्नी नहीं हो?’’

‘‘आप भी क्या मजाक कर लेते हो? मैं कब से आप की पत्नी हो गई?’’

‘‘हमारी शादी हुई है, भूल गईं?’’

‘‘हां, शादी हुई थी. लेकिन तुम्हारी पत्नी मेरियन है, मैं नहीं. यह बात आप ने ही तो पहले ही दिन मुझे बताई थी न? हम दोनों पतिपत्नी नहीं हैं, यह बात आप ने कही थी, मैं ने नहीं.’’

‘‘तुम भी तो किसी और से प्यार करती हो, ऐसा कहा था न?’’

‘‘यह तो आप के कहने के बाद कहा था. वरना मैं तो अपने प्यार का बलिदान दे चुकी थी. पूरा जीवन आप के साथ बिताने, सिर्फ आप के भरोसे ही इतनी दूर आई थी.’’

‘‘देखो मीरा, मुझे तुम्हारे साथ कोई बहस नहीं करनी है. लेकिन तुम इतनी रात तक किसी के साथ बाहर रहो, यह मुझे अच्छा नहीं लगता.’’

‘‘आप को जो अच्छा लगे वह ही करना मेरी ड्यूटी में नहीं आता. आप की कई बातें मुझे भी पसंद नहीं आतीं. मैं ने कभी कुछ बोला?’’

‘‘तुम भी बोल सकती हो.’’

‘‘अंगद, ऐसा कोई हक आप ने मेरे पास रहने नहीं दिया है. अब प्लीज, आप जाओ, मैं भी थक गई हूं. गुडनाइट.’’

और मीरा अपने कमरे में चली गई. अंगद उसे देखता रह गया.

1 महीना बीत गया. मीरा अब पूरी तरह बदल चुकी है. वह कभीकभी काफी देर से आती है. अंगद के पूछने पर अंटशंट जवाब देती है.

अंगद को कुछ चुभता रहता है. वह अब मेरियन पर गुस्सा करता रहता है. मेरियन के साथ छोटीछोटी बातों में झगड़ा होता रहता है.

अंगद को खुद को पता नहीं चलता कि उस को क्या हो रहा है? मीरा कब आती है, कब जाती है, इसी बात पर उस का ध्यान लगा रहता है.

और आज तो मानो हद हो गई. आज मीरा के साथ माधव भी घर पर आया था. अंगद के आने पर मीरा ने माधव के साथ उस का परिचय करवाया.

अंगद क्या बोलता? खा जाने वाली नजर से बस माधव को देखता रहा.

‘‘माधव, अब चलो, मेरे कमरे में बैठते हैं.’’

माधव उठ कर मीरा के कमरे में चला गया. पूरी रात माधव वहीं रुका था. सुबह जब माधव गया तो अंगद मीरा पर बरस पड़ा, ‘‘यह क्या चालू किया है तुम ने?’’

‘‘क्यों, क्या हुआ?’’

‘‘क्या हुआ? जैसे कुछ हुआ ही नहीं.’’

‘‘पर, मुझे हकीकत पता नहीं कि क्या हुआ है? कोई प्रौब्लम?’’

‘‘तुम्हारे कमरे में कल पूरी रात कोई गैर मर्द रुका था और पूछती हो कि क्या हुआ?’’

‘‘माधव कोई गैर मर्द थोड़े ही है? मेरा होने वाला पति है.’’

‘‘होने वाला होगा, अभी हुआ नहीं है. अभी मैं तुम्हारा पति हूं.’’

‘‘सौरी अंगद, लेकिन आप मेरियन के पति हो. मेरियन तो रोज पूरी रात आप के कमरे में रहती है. मैं तो कुछ नहीं बोलती.’’

‘‘मैं मेरियन का पति नहीं हूं. मैं ने अभी मेरियन के साथ शादी नहीं की है.’’

‘‘ओह, तो आप दोनों बिना शादी किए ही…उफ, मैं भूल गई. यह अमेरिका है. बाय द वे, अब शादी कब कर रहे हो?’’

अंगद मौन साधे मीरा की ओर देख रहा था. बोला, ‘‘मीरा, याद है, शादी के बाद हम ने एक रात साथ बिताई थी?’’ अंगद की आवाज में न जाने कहां से भावुकता छा गई थी.

‘‘हां, याद है, मैं जीवन की उस काली रात को कैसे भूल सकती हूं?’’

‘‘काली रात?’’

‘‘हां, और क्या कह सकती हूं?’’

‘‘मीरा, सौरी, मुझे लगता है कि मैं ने कहीं कोई गलती की है.’’

‘‘अंगद, अब ये सब सोचने का कोई अर्थ कहां रहा है?’’

‘‘मीरा, तुम अगर मानो तो अभी भी अर्थ हो सकता है.’’

‘‘कैसे, मुझे भी तो पता चले?’’

‘‘मीरा, मुझे एहसास हो गया है कि मेरियन मेरे जीवन की मंजिल नहीं है. वह मेरे जीवन की एक भूल थी.’’

‘‘अंगद, जीवन में हर भूल ठीक नहीं हो सकती. अब हम पौइंट औफ नो रिटर्न पर खड़े हैं.’’

‘‘मीरा, प्लीज, मुझे एक मौका चाहिए.’’

‘‘सौरी, मैं माधव को धोखा नहीं दे सकती.’’

‘‘मीरा, तुम कुछ भी कहो पर पवित्र अग्नि के सात फेरे ले कर सामने हमारी शादी हुई है. हम ने जीवनभर साथ निभाने का प्रण लिया था.’’

‘‘ये सब आज याद आया?’’

‘‘मैं ने कहा न कि वह मेरी गलती थी. और मैं नहीं मानता कि कोई गलती सुधारी नहीं जाती.’’

‘‘अच्छा? कैसे सुधरेगी यह गलती? आप के कमरे में बैठी हुई मेरियन को क्या जवाब देंगे आप?’’

‘‘मेरियन के लिए मैं अकेला नहीं हूं. उस के पास दोस्तों की फौज है.’’

‘‘ओह, तो ये बात है? इसीलिए आज मेरे लिए प्यार उमड़ आया है.’’

‘‘नहीं मीरा, यह बात नहीं है. पर मुझे लगता है मैं सचमुच तुम से प्यार करता हूं.’’

‘‘अभी पता चला?’’

‘‘शायद, हां, माधव के साथ मैं तुम्हें देख नहीं सकता. मेरी पत्नी किसी के साथ है, यह भावना…’’

‘‘अंगद, यह प्रेम नहीं है. यह पुरुष वर्ग की सहज ईर्ष्या है.’’

‘‘तुम जो भी कहो, पर मीरा, आज से मेरी जिंदगी में तुम्हारे सिवा किसी और स्त्री का कोई स्थान नहीं होगा.’’

‘‘पर मेरा प्यार माधव है. उस का क्या?’’

‘‘मीरा, हमारी शादी तो हो चुकी थी न? और अगर मेरियन न होती तो तुम यह शादी निभाने वाली भी थीं न? तब माधव को तुम भूलने वाली ही थीं न?’’

‘‘पर…’’

‘‘मीरा, प्लीज फौरगेट इट, फौरगेट ऐवरीथिंग. हम दोनों ही सब भूल जाते हैं. नए सिरे से जिंदगी शुरू करेंगे.’’

‘‘मैं देखूंगी, मुझे सोचने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए. वैसे भी जब तक मेरियन घर में है तब तक तो सोचने का कुछ सवाल भी नहीं है.’’

‘‘ये सब मुझ पर छोड़ दो. मुझे मेरी गलती का पूरा एहसास हो गया है.’’

और अगले 2 दिनों में मेरियन अंगद की जिंदगी से सदा के लिए चली गई.

‘‘मीरा, अब क्या सोचा?’’

‘‘मैं आप को कल जवाब दूंगी.’’

दूसरे दिन अंगद को मीरा का जवाब मिल गया था, एक पत्र के रूप में-

‘‘अंगद, सौरी, पर मैं हमेशा के लिए चली जाती हूं. कहां? यह जानने का कोई हक आप को नहीं है. हां, जाने से पहले, एक और बात.

‘‘मेरी जिंदगी में कभी कोई माधव था ही नहीं. कितने सपने सजाए मैं आई थी. मेरे दिल में दूरदूर तक अंगद के सिवा किसी और का अस्तित्व नहीं था. पर आप ने जो आघात दिया उसी आघात ने एक काल्पनिक माधव का सृजन किया, बस इतना ही.

‘‘आप ने जिस माधव को देखा था वह वास्तव में मेरा ममेरा भाई था. वह यहां अमेरिका में ही था. मुझे उस की मदद मिल गई और हमारे नाटक में हम सफल भी रहे. अंगद, जीवन में सब भूल हम सुधार नहीं सकते. क्या आप मेरा कौमार्य वापस दे सकते हो? उस रात एक नारी ने पूरी श्रद्धा से अपने पति को अपना सर्वस्व अर्पण किया था. श्रद्धा का टूटना क्या होता है, यह आप कभी नहीं समझ पाओगे. मेरे पूरे अस्तित्व में से उठे चीत्कार को क्या आप कभी सुन सके? आज की नारी बदल चुकी है. यह एहसास दिलाने के लिए ही मुझे यह नाटक करना पड़ा.

‘‘और एक दूसरा प्रश्न.

‘‘ऐसी कोई भूल मैं ने की होती तो? तो आप क्या करते? सिर्फ एक गलती समझ कर मुझे माफ कर पाते? दे सकते हो सच्चा जवाब? ऐसी कितनी ही मीरा समाज में होंगी? और हर मीरा को

कोई माधव नहीं मिलता. आप को और आपजैसे सभी पुरुषों को अपनी भूल का एहसास हो, इसी इच्छा के साथ, अलविदा.’’

अंगद, किंकर्तव्यविमूढ़ हो कर पत्र को देखता रह गया.

 

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