सवाल
मैं 30 वर्षीय विवाहिता हूं. विवाह को 6 साल हो चुके हैं. मेरा मायका और ससुराल कानपुर में पासपास ही हैं. मैं पति और साल भर के बेटे के साथ दिल्ली में रहती हूं. जब कभी 10-15 दिनों के लिए ससुराल जाती हूं तो सास चाहती हैं कि मैं सारा समय उन्हीं के साथ बिताऊं. मेरे मायके में 2-4 दिन रुकने पर भी उन्हें एतराज होता है. कहती हैं कि मायका जब लोकल हो तो वहां जा कर रहने का क्या मतलब है. बस जाओ और मिल कर आ जाओ. पर मैं चाह कर भी ऐसा नहीं कर पाती. मां और भाईभतीजों के साथ 2-4 दिन रहे बिना दिल नहीं मानता. मेरे पति न तो मां को और न ही मुझे कुछ कहते हैं.
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अगले महीने मेरी भतीजी की शादी है. जब से शादी का निमंत्रण आया है मैं बहुत उत्साहित हूं कि सब नातेरिश्तेदारों से मिलनाजुलना होगा. पर साथ ही यह डर भी है कि मेरे वहां जा कर रहने पर सास फिर से बवाल करेंगी. सारा मजा ही किरकिरा हो जाएगा.
भैयाभाभी पहले से मनुहार कर रहे हैं कि मुझे पहले पहुंचना होगा. शादी की शौपिंग वगैरह मेरे साथ की करेंगे. वे इतने प्यार से बुला रहे हैं, तो न तो उन्हें मना करते बन रहा है और अधिक दिन के लिए जाऊंगी तो हमेशा की तरह सास बवाल करेंगी. कुछ समझ में नहीं आ रहा. बताएं क्या करूं?
जवाब
भले ही आप का मायका और ससुराल एक ही शहर में हैं पर आप स्वयं तो दिल्ली में रहती हैं, इसलिए मायके वालों से भी कुछ अरसे बाद ही मिलना होता होगा. ऐसे में यदि आप 2-4 दिन मायके में जा कर रहती हैं तो इस में आप की सास को एतराज नहीं होना चाहिए. आप पूरा समय ससुराल में बिताएं और मायके जाने पर उसी दिन मिल कर सास का लौटने की बात करना बेमानी है.
आप की सास की यह जिद एक तरह से तालिबानी फरमान है. आप के पति आप दोनों (सासबहू) के बीच नहीं पड़ते, तटस्थ रहते हैं, यह कुछ हद तक अच्छा है. आप अपनी सास को प्यार से समझा सकती हैं कि भले ही आप का मायका लोकल है पर अब तो आप वहां न रह कर दिल्ली में रहती हैं और कभीकभार ही वहां जाना हो पाता है. ऐसे में आप का अपने घरपरिवार वालों के साथ भी कुछ समय बिताने का मन करता है.
जहां तक आप के भैयाभाभी की अपनी बेटी की शादी में आप से अपेक्षा है, आप को उन्हें निराश नहीं करना चाहिए. भले ही पति आप के साथ ज्यादा समय के लिए न जा सकें पर आप को वहां जाना चाहिए और यथासंभव सहयोग देना चाहिए.
मायके के लिए आप की अधिक सक्रियता हो सकता है आप की सास को नागवार गुजरे और वे खफा हो जाएं या थोड़ाबहुत हल्ला मचाएं पर इस पर आप ध्यान न दें. एक बार शादी निबट जाएगी तो आप उन्हें मना ही लेंगी. यों भी सासबहू में इस तरह का मनमुटाव चलता रहता है. आप को यह समझना चाहिए कि यह घरघर की कहानी है.
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