खानपान के विकार इंसान के गंभीर मनोरोग संबंधी दशा की ओर संकेत करते हैं. इस में महिलाएं आगे हैं. कभी घरगृहस्थी की व्यस्त जीवनशैली के चलते तो कभी औफिस जाने की जल्दबाजी में महिलाएं पोषणयुक्त खाना व नियमित खुराक नहीं ले पाती हैं. कई बार बिना खाए सो जाना, रात को 3-4 बजे खाना या फिर चलतेफिरते खाना खाने से उन्हें कई तरह की शारीरिक दिक्कतों से दोचार होना पड़ता है. खानपान के ये विकार महिलाओं को बीमार बना सकते हैं.
- बुलिमिया नरवोसा :
बुलिमिया से पीडि़त लोग चोरीछिपे जम कर खाना खाते हैं और फिर मल त्याग करते हैं. बुलिमिया नरवोसो यानी बीएन से पीडि़त व्यक्ति अतिरिक्त कैलोरी से छुटकारा पाने के लिए नुकसानदेह तरीके अपनाते हैं. उदाहरण के लिए, जबरदस्ती उलटी करते हैं, लैक्सेटिव लेते हैं, जम कर खाना खाने के बाद एनीमा लेते हैं या अतिरिक्त कसरत करते हैं.
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युवकों व पुरुषों के मुकाबले युवतियों व महिलाओं में बुलिमिया होने की आशंका अधिक रहती है. बुलिमिया का असर अकसर किशोरावस्था के आखिरी पड़ाव पर या युवावस्था के शुरुआती चरण में देखने को मिलता है.
चिंता संबंधी विकार या आत्मविश्वास में कमी जैसी मनोवैज्ञानिक व भावनात्मक समस्याएं भी भोजन संबंधी विकार में योगदान दे सकती हैं.
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टीवी और फैशन पत्रिकाओं में अकसर दुबलीपतली मौडल्स और अभिनेता दिखाई देते हैं. ये तसवीरें सफलता और लोकप्रियता के साथ दुबलेपन की बराबरी दिखाती हैं. ऐथलीट, अभिनेता, डांसर व मौडल्स में खानपान संबंधी विकार उभरने का खतरा अधिक रहता है. वे बेहतर प्रदर्शन के लिए अपने खानपान को प्रतिबंधित करते हैं. इस विकार के चलते ये नुकसान हो सकते हैं :
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