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कितना दें बच्चों को जेब खर्च

अकसर पेरैंट्स में कनफ्यूजन रहता है कि बच्चों को जेबखर्च के लिए पैसा दिया जाए या नहीं और यदि दिया जाए तो कितना. यह जेबखर्च इतना न हो कि बच्चा गलत आदत का शिकार हो जाए और इतना भी कम न हो कि उसे शर्मिंदा होना पड़ जाए. मृणालिनी अपने दोनों बच्चों को हर सप्ताह 10 रुपए जेबखर्च देती थी. बच्चे खुशीखुशी स्कूल जाते थे. लेकिन कई बार कुछ बच्चों के पेरैंट्स अपने बच्चों को अधिक पैसे देते थे जिस से मृणालिनी के बच्चों को खराब लगता था.

कई बार तो उन्होंने अपने पैसे जेब से निकाले नहीं और कह दिया, ‘मां ने आज जेबखर्च नहीं दिया, शायद भूल गई होगी.’ बच्चों ने यह बात मां को कभी नहीं बताई. अगले सप्ताह फिर 10 रुपए जोड़ कर जब 20 रुपए होते तो वे पैसे निकाल कर स्कूल कैंटीन से कुछ खा लेते थे. एक दिन मां की नजर सोनू का बैग साफ करतेकरते 10 रुपए पर पड़ी. उन्होंने बेटे से इस की वजह पूछी, क्योंकि जेबखर्च वाले दिन मृणालिनी अपने बच्चों को टिफिन न दे कर फ्रूट्स देती थी. इस पर 8 साल का सोनू रोने लगा. उस की दीदी मिताली ने सारी बात बताई. तब मां ने दोनों को किसी बात को उन से न छिपाने की सलाह दी और अगले सप्ताह से मां ने हर सप्ताह 20 रुपए देना शुरू कर दिया.

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रखें नजर खर्च पर जेबखर्च बच्चे को दिया जाए या नहीं, इसे ले कर वैज्ञानिक, समाजशात्री और मनोचिकित्सक की राय अलगअलग हैं. कुछ के अनुसार पौकेट मनी से बच्चे को पैसे की कीमत सिखाना आसान होता है. इस से बच्चा किसी भी चीज को खरीदते समय पैसे के बदले में वस्तु लेने के लायक है या नहीं, की परख कर पाता है. यह चीज उस को भविष्य में बचत करने की जरूरत को समझने में सहायक होती है. जबकि कुछ मानते हैं कि इस से बच्चे में पैसे का लालच बढ़ जाता है और उतने पैसे न मिलने पर वे कुछ गलत कर बैठते हैं. देखा जाए तो जेबखर्च बच्चे को बना और बिगाड़ भी सकता है.

इसलिए बच्चे को सोचसमझ कर जेबखर्च देना चाहिए और बच्चा किस पर उस पैसे को खर्च करता है, इस की जानकारी पेरैंट्स को होनी चाहिए. कई बार बच्चे के पास अधिक पैसे न होने पर वह किसी दूसरे बच्चे के बैग से या मातापिता की अलमारी से भी निकालते हुए पाया गया है. ऐसा होने पर बच्चे के साथ मातापिता का सीधा संवाद होना चाहिए. छोटे बच्चे अधिकतर जो भी गलत करते हैं, डर की वजह से बता देते हैं लेकिन थोड़े बड़े बच्चे ऐसा नहीं करते. इसलिए व्यस्त होने पर भी बच्चे के साथ रोज कुछ क्वालिटी समय बिताएं. समझाएं पैसे का महत्त्व मुंबई के मनोचिकित्सक डा. हरीश शेट्टी कहते हैं कि बच्चे को जेब खर्च देते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए- द्य परिवार की आमदनी जितनी भी हो उस में पारदर्शिता का होना अर्थात बच्चे को भी उस के बारे में जानकारी होना.

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परिवार में किसी लक्जरी सामान को खरीदते समय लिए गए निर्णय में बच्चों की भागीदारी का होना, इस से बच्चे को अपने भविष्य में किसी वस्तु को खरीदते समय निर्णय लेने में आसान होता है. द्य बचत की इच्छा का विकसित होना. द्य वित्तीय ज्ञान होना. पेरैंट्स न करें गलतियां कुछ पेरैंट्स के पास कमाई बहुत अधिक होती है, जिस से वे अपनी शान दिखाने के लिए कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिस का पछतावा उन्हें बाद में होता है.

इसलिए कुछ बातों को बच्चों के साथ शेयर न करना ही अच्छा होता है. ये निम्न हैं-

-बचपन में पेरैंट्स से जेब खर्च का न मिलना. द्य खुद के बच्चे की सारी इच्छाएं पूरी करना. द्य बच्चे को शांति से बैठने के लिए भी उस की पसंद की वस्तु देना.

-बच्चे की जिद को पहले पूरा करने के लिए आपस में कंपीटिशन करना. क्या किया जाना चाहिए

-पैसे की मात्रा आपसी समझ के आधार पर दें.

-बच्चे को हमेशा अस्तित्व, एहसास और पर्यावरण का ज्ञान देने/होने की जरूरत.

-पैसा देते समय हमेशा पेरैंट्स को बच्चे के व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए जिस से बच्चा अपनी शान किसी के आगे न दिखाए. उसे नीचा न समझे, किसी के लिए भी सम्मान उस के व्यवहार में होना जरूरी है.

दें हलका पनिशमैंट गलत व्यवहार के लिए डा. हरीश कहते हैं कि अगर बच्चे ने कहीं से पैसा निकाला है तो उस की जरूरत क्या है, पेरैंट्स को देखना है. मेरे पास अधिकतर बच्चे फोन को ले कर आते हैं जैसे किसी के पास आईफोन है लेकिन मेरे पास नहीं. इस तरह की समस्या से पेरैंट्स परेशान रहते हैं. बच्चे के हिसाब से ये चीजें अगर किसी के पास हैं तो उस का आत्मविश्वास अधिक बढ़ जाता है. ऐसे बच्चों को मातापिता सामने बैठा कर उन को आत्मविश्वास के बारे में जरूर समझाएं.

अपने अनुभव के बारे में मनोचिकित्सक कहते हैं कि ‘‘एक परिवार में केवल 20 रुपए मिसिंग थे. महिला ने अपनी मेड पर शक किया. उस के मना करने पर उन्होंने बच्चों से पूछा. बच्चों ने पहले मना किया, फिर छोटा बच्चा बड़े को बाथरूम में ले गया और उस से अपनी गलती बताने को कहा. ‘‘बड़े ने कहा, ‘तुम भी तो मेरे साथ वड़ापाव खाए हो तो तुम्हीं बता दो.’’ मां के कान में यह बात पड़ने पर मां ने इस का पनिशमैंट उन दोनों के लिए एक सप्ताह टीवी न चलाने का रखा. इस से दोनों रोने और कूदने लगे जैसे कुछ गंभीर बात हो पर मां अपनी बात पर अटल रही. इस से फैमिली के बीच संवाद बड़ा और मां के दिए इस पनिशमैंट के चलते बच्चों ने फिर कभी अनुपयुक्त काम नहीं किया.

‘‘इस के अलावा एक टीनेजर बच्चे ने 50 हजार रुपए अलमारी से निकाल कर उड़ा दिया और खुद मां के साथ जा कर पुलिस स्टेशन में कंप्लेन किया. पुलिस ने पड़ोसी और घरवालों से पूछताछ की पर कुछ पता न चला. शक के आधार पर पुलिस ने उस बच्चे को पकड़ा और थोड़ा जोर लगा कर बात करने पर उस ने बताया कि मां के घर से जाने पर उस ने पड़ोस से चाबी ले कर पैसा निकाला था.’’ डाक्टर के अनुसार, ऐसे बच्चों को सुधारना आसान होता है. पेरैंट्स को घबराना नहीं चाहिए. बच्चों को इमोशनल सेफ्टी अवश्य दें. कुछ गलत करने पर मातापिता और स्कूल उसे सही करें.

Satyakatha: बेवफा बीवी

सौजन्या-सत्यकथा

30वर्षीय राहुल गोकुल प्रतापे मूलरूप से महाराष्ट्र में उस्मानाबाद जनपद के घारगांव तालुका पंडारा का रहने वाला था. वह पुणे की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड था. वह पुणे की ही मालवाड़ी चाली में अपने परिवार के साथ किराए पर रहता था.उस के परिवार में मांबाप, भाईभाभी के अलावा एक बहन थी. परिवार खुश था. घर में अगर किसी बात की चिंता थी तो बस राहुल की शादी की. उस की बढ़ती उम्र को देखते हुए उस के मातापिता ने उस के योग्य लड़की की तलाश शुरू कर दी थी.

उन्होंने अपने नातेरिश्तेदारों में जब राहुल की शादी की बात चलाई तोएक रिश्तेदार ने उन्हें सोलापुर जिले के बारशी लहू चौक सुभाष नगर निवासी संतोष काकंडे की बेटी गौरी का नाम सुझाया था.परिवार वालों को गौरी पसंद आ गई थी. गौरी के मांबाप का देहांत हो चुका था. वह अपने दादादादी शिवगंगा और अपनी सौतेली मां मनीषा व सौतेले भाई के साथ रहती थी. बिना मांबाप की लड़की की देख दिखाई की सारी रस्में उस के परिवार और नातेरिश्तेदारों ने मिल कर की थीं.लड़कालड़की के पसंद और मुंहदिखाई की रस्म पूरी होने के बाद 28 अप्रैल, 2017 को रिश्तेदारों और परिवार वालों के साथ मिल कर बालाजी मंदिर में साधारण तरीके से उन दोनों का विवाह हो गया था.

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गौरी जैसी सुंदर पत्नी पा कर जहां राहुल खुश था, वहीं परिवार वालों ने भी गौरी को आदरसत्कार और प्यार, मानसम्मान दिया था.समय अपनी गति से चल रहा था. परिवार में किसी तरह का तनाव नहीं था, सब अपनाअपना काम मिलजुल कर किया करते थे. जिस किराए के मकान में वे रहते थे, वहां के लोगों की भी कुछ समय तक उन से पूरीपूरी सहानुभूति थी.पूरा परिवार मिलजुल कर रहता था. मकान के किराए से ले कर पूरे परिवार की देखरेख की जिम्मेदारी गौरी और राहुल के कंधों पर थी. कभी भी किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं था. शादी के 4 साल कब और कैसे बीत गए, इस का उन्हें एहसास नहीं हुआ.
मगर 2021 का साल उन के लिए सुखद नहीं रहा. उन के सुखी जीवन में एक आंधी आई, जिस ने उन का पूरा दांपत्य जीवन तहसनहस कर दिया था.

5 मई, 2021 को गौरी 15 दिनों के लिए अपनी मौसेरी बहन के यहां घूमने गई. वहां से वापस आने के बाद उस का व्यवहार पूरी तरह बदल गया था. अब वह सीधीसादी गौरी नहीं बल्कि स्मार्ट और तेजतर्रार बन गई थी.वह जब से अपनी मौसेरी बहन के घर से लौट कर आई थी, तब से उस का एक नया शौक सामने आया था. वह अपना सारा समय मोबाइल पर बिताती थी. घर के किसी भी काम में उस का मन नहीं लगता था. उसे अपने मोबाइल के आगे खानेपीने का भी ध्यान नहीं रहता था.

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धीरेधीरे घर का माहौल बिगड़ने लगा था. राहुल अपनी ड्यूटी पर अगर शाम को जाता तो दूसरे दिन सुबह लौटता और जब सुबह जाता था तो शाम को रात 8 बजे घर लौटता था. इस बीच गौरी अपना सारा समय मोबाइल फोन से चिपक कर बिताती थी.पहले तो परिवार वालों को लगा कि गौरी शायद अपने पति राहुल के साथ टाइम पास करती है. लेकिन जब शक गहराया तो राहुल की बहन ने उस से पूछ लिया, ‘‘भाई, तुम और भाभी सारीसारी रात क्या बातें करते हो?’’पहले तो राहुल ने इसे मजाक समझा और कहा, ‘‘कैसी बातें करती है पगली, मैं जब ड्यूटी पर रहता हूं, तो फिर मुझे किसी से बात करने का मौका कहां मिलता है.’’
‘‘क्यों झूठ बोलते हो भाई,’’ बहन ने कहा, ‘‘भाभी तो अकसर रात भर मोबाइल फोन से चिपकी रहती हैं. पता नहीं क्याक्या बातें करती हैं. अगर वह तुम से बात नहीं करती हैं तो फिर किस से करती हैं?’’ उस ने पूछा.

इधर कई दिनों से गौरी के बदले व्यवहार और बहन की बातों से राहुल ने ध्यान दिया तो उस का भी माथा ठनका.7 जून, 2021 के दिन राहुल जब अपनी नाइट ड्यूटी पर गया, तो इस बात की सच्चाई जानने के लिए उस रात एक बजे से ले कर 4 बजे के बीच उस ने कई बार गौरी को फोन लगाया. लेकिन हर बार उस का फोन व्यस्त बता रहा था. इस का कारण यह था कि गौरी ने राहुल के फोन को ब्लैक लिस्ट कर दिया था. उस समय राहुल को गुस्सा तो बहुत आया था, लेकिन उस ने किसी तरह अपने गुस्से को काबू किया.
8 जून, 2021 को राहुल अपनी ड्यूटी से घर जल्दी आया तो गौरी को बैड पर चादर ताने लेटा पाया. उस ने जब गौरी के ऊपर से झटके में चादर खींची तो यह देख कर दंग रह गया कि गौरी का फोन उस के कान के नीचे था. राहुल ने फोन उठा कर जब कान से लगाया तो उस तरफ से किसी पुरुष की आवाज आ रही थी.
राहुल ने जब पूछा कि आप कौन बोल रहे हो, तो फोन कट गया था.

राहुल ने जब वापस फोन लगाया तो उस का फोन स्विच्ड औफ बताने लगा था. इस से नाराज राहुल ने गौरी को आड़ेहाथों लिया.‘‘वह आदमी कौन था जिस से तुम बातें कर रही थी?’’ कई बार पूछने पर जब गौरी ने अपना मुंह नहीं खोला तो राहुल का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.वह अपने आप को संभाल नहीं सका और गौरी को कई थप्पड़ जड़ दिए. बात आगे न बढ़े इसलिए घर वालों ने उस समय राहुल को समझाबुझा कर मामला शांत करवा दिया था.उस दिन तो राहुल शांत हो गया था. लेकिन अब इस मामले को ले कर उस का मन अशांत रहने लगा था. उस ने गौरी के मायके वालों को फोन कर उन्हें सारी बातें बताईं और कहा कि उस का किसी के साथ चक्कर चल रहा है. इस विषय में वह उसे कुछ बता नहीं रही है अच्छा होगा कि आप लोग ही उस से बात करें.

दूसरे दिन राहुल गौरी को बस से ले कर उस के मायके के लिए रवाना हो गया था. इस बीच राहुल ने जब गौरी का फोन ले कर उस के वाट्सऐप मैसेज देखे तो उस में कई चौंका देने वाले मैसेज मिले.उस मेंअंजान नंबर से कई लव मैसेज आए हुए थे. राहुल ने जब उस नंबर को ट्रूकालर पर जा कर चैक किया तो उस के होश उड़ गए थे. वे सभी लव मैसेज किसी गणेश नाम के व्यक्ति ने किए थे.उस में कुछ मैसेज तो ऐसे थे, जो काफी अश्लील थे. अब उसे यकीन हो गया कि गौरी भरोसे लायक नहीं है. यानी उस का गणेश से गहरा संबंध है.उस समय तो वह पत्नी की बेवफाई से खून का घूंट पी कर रह गया था. लेकिन ससुराल पहुंचने के बाद उस का गुस्सा गौरी पर फूट पड़ा था. उस ने गणेश और गौरी के सारे मैसेज उस के मायके वालों के सामने रख दिए और उस पर गणेश को ले कर दबाव डाला. लेकिन गौरी गणेश को ले कर टस से मस नहीं हुई.

इस के बाद मायके वालों ने जब गौरी को समझाबुझा कर वापस पुणे जाने के लिए कहा तो वह इस के लिए तैयार नहीं हुई. उस ने साफ शब्दों में कह दिया कि अब वह राहुल के साथ नहीं रहेगी और न वापस पुणे जाएगी. अब वह अकेली रहेगी.उस की बात सुन कर मायके वाले सन्न रह गए थे. परिवार और नातेरिश्तेदारों ने गौरी को काफी समझायाबुझाया, लेकिन वह अपनी बात पर अड़ी रही. गौरी के इस व्यवहार से नाराज राहुल ने उसे उस के मायके वालों के हवाले किया और वापस पुणे चला आया.
गौरी मायके में रह कर वही हरकतें किया करती थी, जो अपनी ससुराल में रह कर करती थी. घर का सारा कामकाज छोड़ कर के सारी रात, सारा दिन मोबाइल से चिपकी रहती थी. कुछ दिन निकल जाने के बाद अचानक ही बिना किसी को कुछ बताए बताए घर से गायब हो गई. तब घर वाले घबरा गए थे.

अपने नातेरिश्तेदारों और जानपहचान वालों के यहां उस की तलाश करने के बाद घर वालों ने वारसी पुलिस स्टेशन में जा कर उस की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवा दी. शिकायत दर्ज कराने के 15 दिनों बाद वह खुद ही वापस अपने घर आ गई. और घर वालों को यह विश्वास दिलाया कि वह अपनी एक सहेली के घर पर थी.21 जुलाई, 2021 को गौरी के घर वालों के बुलाने पर राहुल गौरी के मायके गया और उस के घर वालों के समझानेबुझाने पर गौरी को वापस पुणे अपने घर ले जाने के लिए तैयार हुआ. उसे यह बताया गया था कि अब गौरी के रहनसहन में बदलाव आ गया है.

मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ था. गौरी के स्वभाव में कोई फर्क नहीं आया था. पुणे आते ही अगले दिन उस ने सारा घर अपने सिर पर उठा लिया.गौरी को अपने और उस के परिवार वालों के दबाव में आ कर राहुल साथ रखने के लिए तैयार तो हो गया था, लेकिन अपनी मन:स्थिति से समझौता नहीं कर पाया था. वह न तो ठीक से अपने काम पर जा रहा था, और न ही ठीक से खानापीना कर रहा था.

मगर गौरी पर इस से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था. वह मौका पाते ही राहुल से उलझ पड़ती थी और बारबार उस पर अपने मायके छोड़ आने का दबाव डालती थी, लेकिन राहुल इस के लिए तैयार नहीं था.वह दोनों परिवारों को बदनामी से बचाने के लिए गौरी को समझाने की पूरी कोशिश करता था, पर गौरी समझने के लिए तैयार नहीं थी. उस का कहना था कि अगर 15 अगस्त, 2021 के पहले उसे उस के मायके नहीं छोड़ा तो नतीजा ठीक नहीं होगा.रोजरोज के गौरी के झगड़े से राहुल और उस का परिवार तंग आ चुका था. क्या करें क्या न करें, यह उन की समझ में नहीं आ रहा था.

17 अगस्त, 2021 को हद तो तब हो गई, जब गौरी ने सारी मर्यादा को ताख पर रख दी. उस दिन गौरी ने घर में महाभारत शुरू की तो पूरे दिन चलती रही. राहुल और उस के घर वालों ने गौरी को समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन उस का ड्रामा बंद नहीं हुआ.उस का कहना था कि अगर उसने उसे मायके नहीं भेजा तो वह लड़कों को बुला कर के राहुल की हत्या करवा देगी.इस तरह की धमकी से राहुल का मूड इतना खराब हुआ कि उस ने उसी समय गौरी की बुरी तरह पिटाई कर दी. लेकिन गौरी पर इस का कोई फर्क
नहीं पड़ा.गौरी ने इस पर कुछ इस तरह हंगामा खड़ा किया कि आसपड़ोस वालों के होश उड़ गए. उन्होंने गौरी के घर आ कर उसे समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन गौरी ने उन की एक भी नहीं सुनी. उलटा वह उन लोगों से भी उलझ पड़ी थी, ‘‘यह हमारे घर का मामला है, आप लोगों से कोई मतलब नहीं है.’’
‘‘आप लोगों के घर का मामला है तो इसे शांति से सुलझाइए. शोर मचा कर हम लोगों का चैन क्यों हराम कर रखा है?’’ पड़ोसियों ने कहा.

‘‘हम ऐसे ही रहेंगे, तुम लोगों को जो करना है वह कर लो.’’ गौरी ने उन्हें जवाब दिया.गौरी की यह बात पड़ोसियों को इतनी खराब लगी कि उन्होंने मकान मालिक नवनाथ रामदास बोरगे से शिकायत कर उस परिवार से मकान खाली करवाने का दबाव बनाया.पड़ोसियों की शिकायत पर मकान मालिक बोरगे अपना महीने का किराया लेने राहुल के घर आया तो यह कहते हुए राहुल और उस के परिवार वालों को मकान खाली करने के लिए कहा कि उन के रोजरोज के झगड़ों से और किराएदारों को काफी तकलीफ हो रही है. इसलिए वह मकान खाली कर दें.

मकान मालिक बोरगे की इस बात पर राहुल ने उन से कहा कि वह थोड़े दिन का उसे समय दें. वह कोई दूसरा मकान मिलते ही उन का मकान खाली कर देगा.मकान मालिक महीने भर का समय दे कर चला गया. अभी तक गौरी ही उस के लिए समस्या बनी हुई थी, अब मकान ने उसे और टेंशन दे दी.
मगर गौरी को इस बात से क्या लेनादेना था वह तो सिर्फ एक ही रट लगाए बैठी थी कि उसे मायके जाना है तो जाना है.शाम को इसी बात को ले कर गौरी ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया था. इस बार राहुल गौरी का हंगामा सुनने को तैयार नहीं था. उस ने गौरी के प्रति एक खतरनाक फैसला ले लिया था.

‘‘मैं आज तुझे तेरे मायके भेज ही दूंगा.’’ कहते हुए उस ने गौरी का हाथ पकड़ा और उसे खींचते हुए घर से बाहर ले जा कर छोड़ दिया और कहा कि अब वह अपने मायके चली जाए.लेकिन ऐसा नहीं हुआ. घर वाले समझाबुझा कर गौरी को वापस घर में ले आए थे. पर राहुल इस बार गौरी को बख्शने के मूड में नहीं था. उस ने सोच लिया कि न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी.उस समय रात के यही कोई 8 बजे का समय था. गौरी और राहुल का झगड़ा चालू था. राहुल घर के एक कमरे में गया और वहां रखे हुए कोयते को ले कर बाहर आया.

उस के हाथ में कोयते को देख कर जब तक उस के घर वाले राहुल के इरादे को समझने की कोशिश करते, तब तक राहुल गौरी पर कई वार कर चुका था, जिस से गौरी की एक दर्दनाक चीख निकल कर वातावरण में खो गई थी और वह तड़पकर जमीन पर गिर गई. थोड़ी देर तक तड़पने के बाद वह शांत हो गई थी.गौरी की हत्या करने के बाद राहुल बड़े शांत मन से हिजवाडी पुलिस थाने पहुंचा. थानाप्रभारी बालकृष्ण सावंत और उन के सहायक थाने आए राहुल का हुलिया देख कर स्तब्ध रह गए. उस के कपड़ों व शरीर पर पड़े खून के छींटे किसी बड़ी घटना की तरफ इशारा कर रहे थे.

थानाप्रभारी बालकृष्ण सावंत उस से कुछ पूछते, इस के पहले ही राहुल ने उन्हें जो कुछ बताया उसे सुन कर उन के पैरों तले की जमीन जैसे खिसक गई.मामला काफी गंभीर और चौंका देने वाला था. थानाप्रभारी बालकृष्ण सावंत और उन के सहायकों ने उसे तुरंत अपनी हिरासत में ले लिया था. साथ ही उन्होंने इस मामले की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी.इस के बाद थानाप्रभारी अपने साथ पीआई अजय जोगदंड, एसआई समाधान कदम, एपीआई सागर काटे, हैडकांस्टेबल किरण पवार आदि को ले कर घटनास्थल पर पहुंच गए.

इस के पहले कि थानाप्रभारी बालकृष्ण सावंत अपने सहायकों के साथ घटनास्थल का निरीक्षण करते, मामले की जानकारी पा कर के पुणे शहर आयुक्त कृष्ण प्रकाश, डीसीपी आनंद भोइट, एसीपी श्रीकांत डिसले के साथ फोरैंसिक टीम के अधिकारी भी घटनास्थल पर आ गए.फोरैंसिक टीम का काम खत्म होने के बाद सीनियर अधिकारियों ने घटनास्थल और शव का सरसरी तौर पर निरीक्षण कर थानाप्रभारी बालकृष्ण सावंत को कुछ आवश्यक निर्देश दिए और अपने औफिस लौट गए.

वरिष्ठ अधिकारियों के जाने के बाद थानाप्रभारी बालकृष्ण सावंत ने अपने सहायकों के साथ घटनास्थल और मृतक गौरी के शव का बारीकी से निरीक्षण किया तो पाया कि बड़ी बेरहमी से गौरी की हत्या की गई थी. चेहरे पर 7 गहरे घाव थे. घावों से इस बात का पता चल रहा था कि उस समय हत्यारे की मन:स्थिति कैसी थी.बहरहाल, अपने सीनियर अधिकारियों के जाने के बाद थानाप्रभारी बालकृष्ण सावंत ने अपने सहयोगियों के साथ घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर मृतक गौरी के शव के पास पड़े कोयते को अपने कब्जे में ले कर उसे सील कर लिया .

इस के बाद उन्होंने उस के घर वालों और पड़ोसियों के बयान लिए. शव को पोस्टमार्टम के लिए वाईसीएम अस्पताल भेजने के बाद थाने लौट आए. साथ ही साथ उस के मकान मालिक नवनाथ रामदास बोरगे को भी अपने साथ ले आए.उस के बयान के आधार पर उन्होंने राहुल गोकुल प्रतापे के खिलाफ भादंवि की धारा 302/4 (25) मुंबई पुलिस अधिनियम 37(1), 135 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था.विस्तार से पूछताछ करने के बाद जांच अधिकारी बालकृष्ण सावंत ने मेट्रोपौलिटन मजिस्ट्रैट के सामने पेश कर पुणे की यरवदा जेल भेज दिया.कथा लिखे जाने तक राहुल गोकुल प्रतापे जेल की सलाखों के पीछे था.

21 एयरपोर्ट के साथ 05 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य उत्तर प्रदेश

लखनऊ . भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया.

प्रधानमंत्री जी ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी का नया भारत आज सर्वश्रेष्ठ आधुनिक बुनियादी ढांचे में से एक का निर्माण कर रहा है. बेहतर सड़कें, बेहतर रेल नेटवर्क, बेहतर एयरपोर्ट सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स नहीं होते बल्कि यह पूरे क्षेत्र का कायाकल्प कर देते हैं, लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल देते हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की ताकत और बढ़ जाती है जब उनके साथ सीमलेस कनेक्टिविटी हो, लास्ट माइल कनेक्टिविटी हो. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कनेक्टिविटी की दृष्टि से भी एक बेहतरीन मॉडल बनेगा. यहाँ आने जाने के लिए टैक्सी से लेकर मेट्रो और रेल तक, हर तरह की कनेक्टिविटी होगी. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तरी भारत का लॉजिस्टिक्स गेट-वे बनेगा. यह इस पूरे क्षेत्र को नेशनल गतिशक्ति मास्टरप्लान का एक सशक्त प्रतिबिम्ब बनाएगा.

प्रधानमंत्री जी ने नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के भूमि पूजन के लिए देश व प्रदेश के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि इसका बहुत बड़ा लाभ दिल्ली-एन0सी0आर0 और पश्चिमी यूपी के करोड़ों लोगों को होगा. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते हैं. हवाई अड्डे को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी हजारों लोगों की आवश्यकता होती है. यह हवाई अड्डा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को नए रोजगार भी देगा.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के बढ़ते विमानन क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा और विमानों के रखरखाव, मरम्मत और संचालन का एक प्रमुख केन्द्र होगा. यहां मरम्मत, रखरखाव और ओवरहॉल के लिए 40 एकड़ में एम0आर0ओ0 (मेंटेनेंस, रिपेयर एण्ड ओवरहॉल) प्रतिष्ठान का निर्माण किया जा रहा है. देश मंे एम0आर0ओ0 सेवाओं की उपलब्धता से, विदेशांे से इन सेवाओं को प्राप्त करने में व्यय होने वाले हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इस एयरपोर्ट के माध्यम से पहली बार देश में इंटीग्रेटेड मल्टी मोडल कार्गाे हब की कल्पना भी साकार हो रही है. इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास को एक नई गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों की सीमा समुद्र से सटी होती है, उनके लिए बंदरगाह बहुत बड़े एसेट होते हैं. विकास के लिए एक बड़ी ताकत के रूप में कार्य करते हैं. उत्तर प्रदेश जैसे लैण्ड-लॉक्ड राज्यों के लिए एयरपोर्ट यही भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, आगरा, बिजनौर, मुरादाबाद, बरेली जैसे अनेकों औद्योगिक क्षेत्र हैं. सर्विस सेक्टर का बड़ा ईकोसिस्टम भी है और एग्रीकल्चर सेक्टर में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अहम हिस्सेदारी है. अब इन क्षेत्रों का सामर्थ्य भी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, एक्सपोर्ट के एक बहुत बड़े केंद्र को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों से सीधे जोड़ेगा. अब यहां के किसान, विशेषकर छोटे किसान, फल-सब्ज़ी, मछली जैसे जल्दी खराब होने वाली उपज को सीधे एक्सपोर्ट कर पाएंगे. खुर्जा के कलाकार, मेरठ की स्पोर्ट्स इण्डस्ट्री, सहारनपुर का फर्नीचर, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, आगरा का फुटवीयर और पेठा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अनेक एम0एस0एम0ई0 को विदेशी मार्केट तक पहुंचने में अब और आसानी होगी.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आजादी के सात दशक बाद, पहली बार उत्तर प्रदेश को वह मिलना शुरु हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है. डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है. यहां पश्चिमी यूपी में भी लाखों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम चल रहा है. रैपिड रेल कॉरिडोर हो, एक्सप्रेस-वे हो, मेट्रो कनेक्टिविटी हो, पूर्वी और पश्चिमी समुद्र से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर हों, यह आधुनिक होते उत्तर प्रदेश की नई पहचान बन रहे हैं.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है. आज उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हाई-वे, एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर की रेल कनेक्टिविटी तैयार हो रही है. आज उत्तर प्रदेश मल्टीनेशनल कंपनियों के निवेश का सेंटर है. आज देश और दुनिया के निवेशक कहते हैं- उत्तर प्रदेश यानि उत्तम सुविधा, निरंतर निवेश. आने वाले 02-03 वर्षांे में जब यह एयरपोर्ट काम करना शुरु करेगा, तब उत्तर प्रदेश 05 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बन जाएगा.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे लिए राजनीति का नहीं बल्कि राष्ट्रनीति का हिस्सा है. भारत का उज्ज्वल भविष्य एक जिम्मेदारी है.

इसलिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि तय समय के भीतर ही इंफ्रास्ट्रक्चर का काम पूरा किया जाए. देरी होने पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. हम राष्ट्र प्रथम की भावना पर चलते हैं. सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास, यही हमारा मंत्र है. कुछ समय पहले ही भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज से कठिन पड़ाव को पार किया है. इसी महीने की शुरुआत में भारत ने वर्ष 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य का ऐलान किया. कुछ समय पहले ही कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण किया गया. उत्तर प्रदेश में ही एक साथ 09 मेडिकल कॉलेज की शुरुआत करके देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया. महोबा में नए डैम और सिंचाई परियाजनाओं का लोकार्पण हुआ तो झांसी में डिफेंस कॉरिडोर के काम ने गति पकड़ी, पिछले हफ्ते ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश वासियों को समर्पित किया गया. आज नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमिपूजन हुआ है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से देश के लोगों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में बदलते हुए भारत, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार होते हुए देखा है. प्रधानमंत्री जी ने कुशल प्रबन्धन के माध्यम से वैश्विक महामारी कोरोना से देशवासियों के जीवन और जीविका की रक्षा की. प्रधानमंत्री जी द्वारा आज यहां नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया जा रहा है. इसके माध्यम से वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए आए हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन मंे उत्तर प्रदेश निरन्तर विकास के नये आयाम स्थापित कर रहा है. प्रदेश सरकार ने विगत साढ़े चार वर्षाें में विभिन्न विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से राज्य के सम्बन्ध में पर्सेप्शन को बदला है. प्रदेश में आस्था को सम्मान दिया गया. वर्तमान उत्तर प्रदेश विकास की राह पर आगे बढ़ने वाला प्रदेश है. उन्होंने नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के विकास के लिए स्वेच्छा से भूमि उपलब्ध कराने वाले किसानों को बधाई दी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत साढ़े चार वर्ष में जनपद गौतमबुद्धनगर में अनेक परियोजनाओं पर कार्य हुआ है. 1125 करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो लाइन का विस्तारीकरण तथा 1067 करोड़ रुपये की लागत से एलीवेटेड रोड के निर्माण का कार्य कराया गया. मेडिकल पार्क, इण्डोर स्टेडियम, शिल्पकार एवं बुनकर भवन, नया सिटी बस टर्मिनल, हैबिटेट सेन्टर की स्थापना करायी गयी. ग्रेटर नोएडा में 800 करोड़ रुपये की लागत से गंगा जल की आपूर्ति, 08 नये औद्योगिक सेक्टरों का विकास, 3880 करोड़ रुपये की लागत से मल्टी मोडल लॉजिस्टिक हब एवं मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट हब का कार्य कराया जा रहा है. साथ ही, आने वाले समय में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में फिल्म सिटी, एपैरल पार्क, ट्वाय पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, हैण्डीक्राप्ट पार्क, लॉजिस्टिक पार्क, हेरिटेज सिटी आदि विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी. इन योजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम0 सिंधिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक एवं पर्यटन विकास की असीम क्षमता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में यहां एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनया जा रहा है. वर्ष 2024 तक इसका पहला चरण पूरा होगा. इस पर 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा. इससे 01 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा 60 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा. उत्तर प्रदेश 21 एयरपोर्ट के साथ 05 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य है. आजादी के बाद 70 वर्षाें मंे देश में कुल 74 एयरपोर्ट बने. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में विगत 07 वर्षाेे में 62 अतिरिक्त एयरपोर्ट बनाए गये. देश में इनकी कुल संख्या बढ़कर 136 हो गयी है.

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश सुशासन की नई मिसाल प्रस्तुत कर रहा है. प्रदेश में राजकीय सेवाओं में युवाओं का पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ बिना भेदभाव के नियोजित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन मंे प्रदेश में उड़ान योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है. वर्ष 2017 से पहले राज्य में केवल 02 एयरपोर्ट संचालित थे. वहीं अब 09 हवाई अड्डे संचालित हैं. 08 एयरपोर्ट बनकर लगभग तैयार हैं. 04 एयरपोर्ट पर तेजी से कार्य हो रहा है.

Anupamaa : अनुज और समर ने जादूगर बनने के चक्कर में तोड़ डाला फोन

सीरियल अनुपमा में नजर आ रहे टीवी एक्टर गौरव खन्ना आएं दिन सेट पर मस्ती करते नजर आते हैं,  हाल ही में वह सेट पर जादूगर दिखाते नजर आ रहे थें, इस काम में गौरव खन्ना की पारस कलनावत मदद करते नजर आएं थें.

ये दोनों सितारे सेट पर फोन गायब करते नजर आ रहे थें, हालांकि गौरव खन्ना की चाल गलत पड़ गई. जिसके बाद से यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिसके बाद से फैंस लगातार इनका मजाक बना रहे हैं. कुछ फैंस यह कह रहे हैं कि अब आपको एक्टिंग छोड़कर जादू करना चाहिए.

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अनुपमा सीरियल को देखना लोगों को खूब पसंद करते हैं, इन दिनों इस सीरियल में अनुज कपाड़िया और अनुपमा का रोमांस देखने को मिल रहा है.जिसका खुलासा पूरे परिवार के लोगों के सामने हो चुका है. इस सीरियल को देखने के लिए फैंस लगातार इंतजार कर रहे होते हैं.

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अनुपमा में अब इन दिनों ट्विस्ट देखने को मिल रहा है कि अनुज कपाड़िया और अनुपमा के प्यार का होता है. वहीं काव्या अनुज और अनुपमा के नजदीकियों को देखकर जल रही है. वहीं पहले की तरह आज भी घर से बाहर होने के बाद भी अनुपमा अपने परिवार के बारे में सोचती है.

Bigg Boss 15 से बाहर हुए ये 3 कंटेस्टेंट, जानें किसकी होगी एंट्री

सलमान खान के विवादित शो बिग बॉस 15 में एक के बाद एक ट्विस्ट देखने को मिल रहा है. मेकर्स शो की टीआरपी बढ़ाने के लिए किसी भी हद तक गुजरने के लिए तैयार हैं. बीते दिन जयभानुशाली का इस शो से पत्ता साफ हो गया है.

जय भानुशाली को घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, इसी बीच खबर आ रही है कि जयभानुशाली के साथ शो से और भी 2 लोग आउट होने वाले हैं. जिससे पता चलता है कि इस बार बिग बॉस के घर से 1 नहीं 2 नहीं 3 एलिमिनेशन होने वाले हैं.

एक खबर में इस बात का खुलासा हुआ है, यह खुलासा हुआ है कि जय भानुशाली , नेहा भसीन और विशाल कोटियान घर से बाहर हो चुके हैं. इससे पहले मेकर्स ने सिम्बा नागपाल को घर से बाहर का रास्ता दिखाया था.

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एक साथ 3 लोगों का रास्ता साफ करके मेकर्स ने यह साफ कर दिया है कि अब घर में जल्द बड़े बदलाव देखने को मिलने वाले हैं. मेकर्स ने इतना बड़ा फैसला लेकर फैंस को जोरदार झटका दिया है. फैंस को यकिन नहीं हो रहा है कि जयभानुशाली और विशाल कोटियाल घर से बाहर हो चुके हैं.

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वहीं फैंस विशाल कोटियान और जयभानुशाली को फिनाले में देख रहे थें, विशाल कोटियान बड़े ही चालाकी के साथ यह गेम खेल रहे थें. वहीं जय भानुशाली इस खेल को काफी ज्यादा गंभीरता के साथ ले रहे थें. अपने गेम खेलने के दौरान कई बार जयभानुशाली और विशाल कोटियान को कई तरह के परेशानी का सामना करना पड़ा था.

वहीं खबर है कि बिग बॉस के घर में वाइल्ड कार्ड एंट्री होने वाली है, जिसमें राखी सावंत के अलावा और भई कई सारे सितारे आने वाले हैं. इसके अलावा रश्मि देसाई और देबोलीना भट्टाचार्जी बिग बॉस के घर में कदम रखने वाली है.

Top 10 Winter Snacks Recipe in Hindi: टॉप 10 विंटर स्नैक्स की रेसिपी हिंदी में

Winter Snacks Tips in Hindi : इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आएं हैं, सरिता की Top 10 Winter Snacks Tips in Hindi 2021. इस टिप्स के साथ आप सर्दी के मौसम में भी लजीज स्नैक्स का लुफ्त उठा सकते हैं. अगर विंटर में आप भी कुछ खाना चाहते हैं अच्छा तो पढ़ें सरिता की Winter Snacks Tips in Hindi .

  1. Winters 2021: ऐसे बनाएं अनियन सूप

प्‍याज, लहसुन, आलू और गाजर को छोटे- छोटे टुकड़ों में काट लें. इसके बाद मध्‍यम आंच पर पैन में बटर गर्म कर लें और जब बटर मेल्‍ट हो जाए तो उसमें प्‍याज और लहसुन के टुकड़े डाल दें.इसे हल्‍का ब्राउन होने तक भूनें. इसके बाद मीडियम फ्लेम पर पानी गर्म करें. इसके बाद उसमें अजवायन और बाकी की सब्जियां डाल दें.साथ में शक्‍कर, नमक और काली मिर्च डालकर अच्‍छे से चलाएं. इसके बाद इसे 2 से 3 मिनट तक अच्‍छे से मिलने दें.जब यह उबलने लगे तो इसमें प्‍याज और लहसुन का पहले से तैयार किया हुआ मिक्‍सचर डाल दें.

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2.शाम के नाश्ते में बच्चों के लिए बनाएं ये 5 मजेदार Snacks

शाम के समय अक्सर बच्चे कुछ अलग खाने का डिमांड करते हैं, ऐसे में आप अपने बच्चों के लिए इस तरह के स्नैक्स बना सकती हैं, जो आपके बच्चों को खूब पसंद आएगा.

आलुओं को अच्छी तरह धो कर छिलके सहित लंबी पतली फांकों में काट लें. फांकों को धीमी आंच पर डीप फ्राई कर लें, गुलाबी होने पर निकाल लें. इन पर नमक व 1/2 छोटा चम्मच कालीमिर्च बुरक दें. मोजरेला चीज डाल कर आलुओं को 1 मिनट तक माइक्रोवेव करें. चीज पिघलने पर माइक्रोवेव से निकाल कर बची कालीमिर्च, पुदीनापत्ती व ओरिगैनो हर्ब डाल कर परोसें.

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3. Winters Special 2021 :एक, दो नहीं गुड़ खाने से होते हैं ये 25 फायदे, क्या आपको है मालूम?

आमतौर पर मिठास के लिए लोग चीनी यानी शक्कर की ओर भागते हैं. कोई भी मिठाई या मीठी चीज बनाने के लिए ज्यादातर शक्कर को ही तरजीह दी जाती है. मगर वैज्ञानिकों व डाक्टरों के मुताबिक चीनी सेहत के लिए ज्यादा मुनासिब नहीं होती. इसीलिए खानपान के विशेषज्ञ मिठास के लिए हमेशा गुड़ के इस्तेमाल पर जोर देते हैं.

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4 .Winter Special 2021: सर्दी में पीजिए ये 4 गरमागरम चाय और ड्रिंक

 

सर्दी के मौसम में गरमाहट लाने के लिए कुछ ऐसा चाहिए होता है जो सेहतमंद होने के साथसाथ गरमाहट भी दे. इस सर्दी में मजा लीजिए कुछ ऐसे हैल्दी ड्रिंक्स का.

एक पैन में उबला पानी ले कर उस में टी बैग्स डाल कर 5 मिनट के लिए ढक कर रख दें. फिर टी बैग्स निकाल कर बाकी सामग्री मिलाएं और धीमी आंच पर 5 मिनट तक मिश्रण को पकाएं. गरमगरम सर्व करें.

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5. घर पर बनाएं स्वीट कार्न की सब्जी

आज आपको कार्न की सब्जी बनाने की रेसिपी बताते हैं. जो  बहुत ही टेस्टी है और बनाने में  उतना ही आसान है. तो आईए जानते हैं स्वीट कार्न बनाने की सब्जी.

एक पैन को गर्म करें  और उसमें थोड़ा तेल डालें. जब तेल हल्का गर्म हो, तो उसमें एक चम्मच जीरा डालें.फिर कटा हुआ प्याज और लहसुन-अदरक का पेस्ट डालें और धीमी आंच पर इन्हें पकाएं.जब प्याज का रंग हल्का सुनहरा हो जाए, तो इसमें टमाटर, हल्दी, लाल मिर्च, गरम मसाला पाउडर और नमक डालकर पकाएं.

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6. विंटर स्पेशल: ऐसे बनाएं आंवला का मुरब्बा

आज आपको आंवला मुरब्बा बनाने की रेसिपी बताते हैं. आंवला का मुरब्बा बेहद हेल्दी होता है और टेस्‍टी होता है. तो चलिए झट से जानते हैं आंवला मुरब्बा बनाने की रेसिपी.

सबसे पहले आंवला को धो कर 2 दिन के लिये पानी में भिगो दें.इसके बाद उन्हें पानी से निकालें और अच्छी तरह से कांटे से गोद दें. अब आंवलों को 2 दिन तक फिटकरी के पानी में भिंगो दें.2 दिन बाद आंवलों को पानी से निकालें और अच्छी तरह से धो लें.अब एक भगोना लेकर उस में एक लीटर पानी गरम करें.पानी खौलने पर उसमें आंवले डाल दें और 2-3 मिनट उबालने के बाद गैस बंद कर दें (आंवलों को पानी में ज्यादा देर तक पकाने से वे टूट जायेंगे) और भगोने का ढ़क्कन से बंद दें.10-12 मिनट बाद आंवलों को पानी से निकालें और उन्हें किसी दूसरे बर्तन में रख दें, जिससे उनका पानी पूरी तरह से निकल जाए.

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7.Winter Special : ऐसे बनाएं मेथी पनीर

methi paneer

आज आपको मेथी पनीर बनाने की रेसिपी बताने जा रहे है. जो बनाने में भी आसान है और खाने में उतना ही टेस्टी… तो देर किस बात की, झट से आपको बताते हैं मेथी पनीर बनाने की रेसिपी.

सबसे पहले मेथी के पत्तों को धो लें, उसके बाद पत्तों को भाग में बराबर-बराबर बांट दें.अब एक भाग वाले पत्‍तों को उबाल लें और उबालने के बाद उन्हें मिक्‍सर में महीन पीस लें.बाकी बचे मेथी के पत्तों को बारीक काट लें.अब पनीर को मनचाहे टुकड़े में काट लें.फिर एक पैन में तेल गर्म करें और उसमें पनीर को फ्राई कर लें.फ्राई करने के बाद पनीर के टुकड़ों को पानी में भिगो दें, इससे पनीर के टुकड़े नरम हो जाएंगे.

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8.फ्रिज में रखी बची हुई ब्रेड से तैयार करें ब्रेड मंचूरियन

अक्सर लोग सुबह के नाश्ते में ब्रेड खाना पसंद करते हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आपका ब्रेड बच जाता है और आप समझ नहीं पाते हैं कि इसका क्या करें. ऐसे स्थिति में आपको बताने जा रहे हैं. ब्रेड मंचूरियन.

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9. चटपटी पाव भाजी

पाव भाजी एक ऐसा स्वादिष्ट डिश है जो बच्चे,बुढ़ें सभी को पसंद आता है. यह कम समय में बन भी जाता है. आइए जानते हैं पाव भाजी बनाने का सबसे सरल तरीका .

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10.Winters 2021: पंजाबी चिक्की- तिल, गुड़ और मूंगफली से भरपूर

जाड़ों में खानपान के जरीए सर्दी के असर को दूर किया जा सकता है. गुड़ और मूंगफली का इस में सब से अहम रोल होता है. ये चीजें खाने से शरीर गरम रहता है. गुड़ और मूंगफली को मिला कर चिक्की तैयार की जाती है.  चिक्की पहले आम लोगों की मिठाई ही मानी जाती थी. अब यह बड़ी मिठाई की दुकानों पर भी मिलने लगी है. स्वाद में लाजवाब चिक्की को गुड़, चीनी और मूंगफली मिला कर तैयार किया जाता है. अब इस के स्वाद को और बढ़ाने के लिए इस में तिल और गुलाब की सूखी पंखुडि़यों को भी मिलाया जाता है. इसे पंजाबी चिक्की के नाम से जानते हैं. जाड़ों में पंजाब का मशहूर त्योहार लोहड़ी आता है, इस में पंजाबी चिक्की का अलग महत्व होता है. कई जगहों पर इसे गुड़ की पट्टी भी कहते हैं.

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अधिकार- भाग 1 : लक्षिता मायके क्यों चली गई थी

लेखक-हरीश जायसवाल

‘अरे लक्षिता, तुम…?’ आश्चर्य से भरे सजन बोले, ‘भाई इतनी सुबहसुबह. तुम्हारी बचपन की सरप्राइज देने की आदत गई नहीं.’लक्षिता ने कुछ जवाब नहीं दिया. बस अटैची रख कर वह अपने पापा के सामने वाले सोफे पर जा कर बैठ गई.

‘अरे लक्षिता इतनी सुबहसुबह कैसे आ गई?’ लक्षिता की मां जैनी हाथों में चाय की ट्रे लिए किचन से ड्राइंगरूम में आते हुए बोलीं, ‘चलो, अच्छा हुआ. आज चाय कुछ ज्यादा भी बन गई थी.”आज हमारी गुड़िया कुछ गुमसुम सी है. क्या बात है? क्या लव्य से कोई झगड़ा हुआ है ?’ सजन ने स्नेह भरे स्वर में पूछा.

‘तुम लव्य को बतला कर तो आई हो ना ?’ मां जैनी ने पूछा.’अभी तुम्हारी शादी को 2 साल भी पूरे नहीं हुए हैं लक्षिता. इस समय तो पतिपत्नी में खट्टीमीठी नोंकझोंक होती रहनी चाहिए .और, दोनों को ही चाहिए कि वह उसे सकारात्मक रूप में ही लें,’ पिता सजन लक्षिता को समझाते हुए बोले.

‘पहले चाय पी लो, फिर आराम से बैठ कर बातें करते हैं. वैसे, लक्षिता अकसर पतिपत्नी के झगड़ों में सिर्फ नासमझी और बचपना होता है. और इन झगड़ों को सुखद भविष्य के लिए नींव ही मानना चाहिए,’ मां जैनी चाय का कप लक्षिता के हाथों में थमाते हुए बोली.

अपनी मम्मी जैनी की यह बातें सुन कर लक्षिता की आंखें डबडबा आईं.’क्या हुआ लक्षिता? क्या लव्य ने तुम पर हाथ उठाया?’ पापा ने घबराते हुए पूछा.’नहीं पापा. ऐसा कुछ नहीं हुआ,’ लक्षिता ने लंबे समय बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा.’तब तो कोई बड़ी बात नहीं है. जबानी जंग तो पतिपत्नी के बीच के माहौल को और रंगीन बनाती है,’ पापा मुसकराते हुए अपनी पत्नी जैनी की तरफ देखते हुए बोले.

‘नहींनहीं, पहले विवाद का विषय देख लो, फिर फैसला करो,’ जैनी लक्षिता का पक्ष लेते हुए बोली.’यस… यस, यू आर करेक्ट. वी शुड सी द मैटर फर्स्ट. हां तो बेटे बताओ, झगड़ा किस बात का है?’ पापा लक्षिता की तरफ मुखातिब हो कर बोले.

‘पापा, मुझे लगता है… लगता नहीं, बल्कि सच में लव्य मेरी अनदेखी कर रहा है,’ यह बात कहतेकहते लक्षिता की आंखों में आंसू आ गए.’तुम्हारी अनदेखी…? मतलब, लव्य किसी और लड़की की तरफ आकर्षित हो गया है?’ पापा ने शीघ्रता से पूछा. उन के स्वर में चिंता थी.

‘नहींनहीं, ऐसा हो ही नहीं सकता कि लव्य लक्षिता को छोड़ कर किसी और की तरफ आकर्षित हो. मुझे तो बातों से ही वह बहुत नम्र और संस्कारवान लगता है. बातें करते समय भी हमेशा नजरें झुका कर बात करता है, वरना तो आजकल के लडके मांबाप से भी बातें करते समय खिड़की से बाहर जाती हुई लड़कियों को ताकते रहते हैं,’ जैनी लव्य की अनुपस्थिति में उस का पक्ष रखते हुए अपने अनुभव से बोलीं.

‘यह बात तो सही है तुम्हारी जैनी. मैं भी लव्य के बारे में कुछ ऐसी ही फीलिंग रखता हूं,’ अपनी पत्नी जैनी की बात का समर्थन करते हुए सजन बोले.’वैसे तो इस बात को मैं जब से शादी हुई है, तभी से महसूस कर रही हूं. परंतु, अब मैं इस से ज्यादा सहन नहीं कर सकती,’ कुछ रुक कर लक्षिता ने आगे बोलना जारी रखा, ‘आप सब को तो मालूम ही है कि मुझे साफसफाई और घर सजाने का कितना शौक है. मैं ने कुकरी क्लासेज भी की हुई है और मैं कई देशी और विदेशी डिश भी बहुत अच्छी बना लेती हूं.

हमारे घर पर आने वाले सभी मेहमान यहां तक कि पड़ोसी भी हमारे घर की साफसफाई और साजसज्जा की भरपूर तारीफ करते हैं. यही बात खाने की भी है. आसपास रहने वाले लोग भी अगर कोई डिश बनाते हैं, तो मुझ से रायमशवरा अवश्य करते हैं. उन लोगों को मेरे हाथ के बने खाने में कोई क्वालिटी दिखाई पड़ती होगी, तभी तो वह मुझे इतना अच्छा रिस्पांस देते होंगे ना?

‘मगर, लव्य को मुझ में कोई खूबी ही नजर नहीं आती. इसी कारण वह मेरी तारीफ के लिए कभी जबान ही नहीं खोलता. यह तो सीधेसीधे मेरी और मेरे काम की अनदेखी ही हुई ना? कई बार मुझे लगता है, जैसे मेरा व्यक्तित्व ही शून्य हो गया. मेरा अस्तित्व और मेरी पहचान ही छीन ली गई हो.

एक बार लव्य ने कहा था कि उसे इटैलियन डिशेस बहुत पसंद है. 3 दिन पहले मैं ने दिनभर मेहनत कर के उस के लिए इटैलियन खाना बनाया. सभी डिशेस बनी भी बहुत टेस्टी थी. संयोग से उस दिन लव्य के कुछ दोस्त घर आ गए थे. सभी ने चटकारे ले कर खूब मस्ती से खाई और भरपूर तारीफ भी की. दोस्तों ने अपने घर पर बनाने के लिए रेसेपी भी पूछी.

मगर, लव्य ने प्रशंसा में एक शब्द भी नहीं कहा. उन्हें खाना पसंद आया का अनुमान सिर्फ इस बात से लगाया कि उन्होंने रोज की डाइट से कुछ अधिक ही खाना खाया.’मुझे ऐसा लगता है कि लव्य अपने मुंह से मेरी तारीफ कर मुझे सम्मान देना नहीं चाहता.

सब्जियों की बर्बादी को रोकने में मददगार ‘सोलर कोल्ड स्टोर’

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कई गांवों में हजारों किसान सब्जियों की खेती करते हैं, जिस को वे स्थानीय मार्केट के अलावा पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ वगैरह राज्यों की मंडियों में भी भेजते हैं, लेकिन कई बार सब्जियों का अधिक उत्पादन और बाजार में रेट गिरने से किसानों को नुकसान होने का डर सताता रहता है. ऐसे में स्थानीय लैवल पर कोल्ड स्टोर की सुविधा न होने से किसान खराब होने वाली तैयार सब्जियों को लंबे समय तक रोक कर भी नहीं रख सकते हैं.

मुजफ्फरपुर के बंदरा प्रखंड का एक गांव है सुंदरपुर रतवारा, जहां के छोटे व मझोले किसान ‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ के मार्गदर्शन में सब्जियों और दूसरी फसलों की खेती करते हैं. जब एकेआरएसपीआई को किसानों की इस समस्या की जानकारी हुई, तो संस्था ने उन की खराब होने वाली सब्जियों के भंडारण का स्थानीय लैवल पर समाधान निकाला. यहां तक कि इस पर आने वाला बिजली का खर्च लगभग शून्य है. किसानों के समूह ने शुरू किया सोलर कोल्ड स्टोर ‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ ने सब से पहले सुंदरपुर रतवारा गांव में सब्जी की खेती करने वाले छोटे और मझोले किसानों को एकजुट किया.

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ये वे किसान हैं, जो आर्गेनिक आधार पर मौसमी सब्जियों की खेती करते हैं, इन किसानों के साथ बैठक में यह तय किया गया कि सब्जियों की खेती करने वाले किसान अगर सामूहिक रूप से एकजुट हो कर कुछ अंशदान करें, तो गांव में ही बिना बिजली के चलने वाले कोल्ड स्टोर की स्थापना की जा सकती है. किसानों ने सामूहिक रूप से अपने गांव में सोलर कोल्ड स्टोर लगाए जाने की पहल शुरू कर दी. जौन डियर इंडिया के सहयोग से सपना हुआ साकार ‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ ने जौन डियर इंडिया के सहयोग से गांव में हरियाली शीतभंडार के नाम से किसानों का एक समूह बनाया.

इस समूह में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई. इस के बाद गांव में 400 वर्गफुट में सोलर कोल्ड स्टोर लगाया गया. इस की कुल लागत तकरीबन 13 लाख, 59 हजार, 320 रुपए आई. इस लागत में समूह का भी अंशदान तकरीबन एक लाख, 20 हजार रुपए है. ऐसे काम करता है सोलर कोल्ड स्टोर ‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ बिहार के कृषि प्रबंधक डा. बसंत कुमार ने बताया कि इस कोल्ड स्टोर को कंटेनर से बनाया गया है. इस पर 316 वाट के 16 सोलर प्लेट लगाए गए हैं. इस तरह सोलर प्लेटों की कुल क्षमता 5056 वाट है. इस के अलावा सोलर पावर को स्टोर करने के लिए क्षमता की 150 एमएच की 16 बैटरियां लगाई गई हैं, जो कुल मिला कर 2400 क्षमता की हैं.

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6 केवीए और 3 फेज क्षमता का एक इनवर्टर लगाया गया है, जो कोल्ड स्टोर को 24 घंटे ठंडा रखता है. इस कोल्ड स्टोर में रात में भी बिजली की जरूरत नहीं पड़ती है. इस में किसानों की सब्जियां 8 से 10 दिनों तक भंडारित कर के रखी जा सकती हैं. किसानों की आय में हुआ इजाफा ‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ के बिहार राज्य के रीजनल मैनेजर सुनील कुमार पांडेय ने बताया कि सुंदरपुर रतवारा गांव में लगाया गया सोलर आधारित कोल्ड स्टोर किसानों की सब्जियों को खराब होने से बचाने में काफी मददगार साबित हुआ है, जिस से किसानों की आय में काफी इजाफा हुआ है.

‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ के चीफ औपरेटिंग औफिसर नवीन पाटीदार का कहना है कि एकेआरएसपीआई बिहार के मुजफ्फरपुर में जौन डियर इंडिया के सहयोग से छोटे और मझोले किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें तकनीकी जानकारी, जरूरी प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है, जिस से किसान खेती के प्रति काफी जागरूक हुए हैं. इस से किसानों का पलायन दूसरे राज्यों की तरफ काफी कम हुआ है. रखरखाव के लिए मामूली शुल्क हरियाली शीत भंडार की कोषाध्यक्ष बीना कुमारी ने बताया कि किसानों की सब्जियों के भंडारण के लिए एक रुपए प्रति किलोग्राम मामूली शुल्क निर्धारित है, जो समूह के खाते में जमा होता है. इस शुल्क से शीतगृह में आने वाली तकनीकी खराबियों, बैटरियों इत्यादि के रिप्लेसमैंट में इस्तेमाल किया जाता है.

भारत भूमि युगे युगे- (परा) जय राम ठाकुर

इस से पहले कि कोई पूछता या उंगली उठाता, खुद जयराम ठाकुर ने ही ट्वीट कर दिया कि इस पराजय की वजह बढ़ती हुई महंगाई है. जाहिर है इस की जिम्मेदार केंद्र सरकार ही होती है. हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट सहित 3 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में वोटरों ने इस बार भाजपा पर भरोसा नहीं किया, नहीं तो सभी राज्यों में नतीजे उम्मीद के मुताबिक आए थे और मतदाता ने सत्तारूढ़ दल को ही जिताया.

हिमाचल में ऐसा क्या हो गया कि गढ़ में ही लोग रूठ गए. इस की जवाबदेही मुख्यमंत्री की ही बनती है या केंद्र सरकार भी जिम्मेदार है, इस का फैसला साल के आखिर तक हो जाएगा. लेकिन यह रिजल्ट मोदीशाह की जोड़ी के लिए खतरे की घंटी है कि अभी भी वक्त है संभल जाओ, नहीं तो 22 में उत्तर प्रदेश और 2024 में हिंदूमुसलिम भूल कर लोग महंगाई को मुद्दा बनाते हिमाचल की राह पर चल पड़ेंगे. आत्मनिर्भर हुए अमरिंदर लंबे रोमांचक नाटक के बाद आखिरकार 80 वर्षीय कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से अलग हो कर अपनी खुद की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस लौंच कर दी है, इस तरह वे आत्मनिर्भर हो गए हैं. यह और बात है कि अपनी टीम में वे ही कैप्टन और वे ही खिलाड़ी हैं.

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कोई बड़ी तोड़फोड़ अपने नाम और रसूख के मुताबिक वे नहीं कर पाए. अब उन की आस असंतुष्ट कांग्रेसी ही रहेंगे जिन्हें यह ज्ञान प्राप्त हो गया है कि विभाजन हमेशा नुकसानदेह होता है और समझदारी इसी में है कि ताकत के साथ रहा जाए जो दिल्ली में रहती है. दिल्ली में ही रह रही दूसरी ताकत भाजपा से अमरिंदर गठजोड़ कर सकते हैं लेकिन इस में किसान आंदोलन आड़े आ रहा है जिस की वकालत अमरिंदर भी करते रहे थे. कांग्रेस से सौ कांग्रेस अब तक बन चुकी हैं लेकिन हर कोई शरद पवार या ममता बनर्जी नहीं होता जो अपना अलग शोरूम बना ले, फिर अमरिंदर के साथ तो उन के अपने भी नहीं गए. लिहाजा, उन्हें वानप्रस्थ आश्रम के फायदों के बारे में पढ़ना चाहिए.

विसर्जन नीति कभी अपने मजाकिया अंदाज के लिए पसंद किए जाने वाले राजद सुप्रीमो लालू यादव मुद्दत बाद जेल से बाहर आए तो बिहार की आबोहवा काफी बदली हुई थी. भगवा गैंग के भरोसे चल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 विधानसभा उपचुनावों के नतीजे अपने पक्ष में देख मीलों लंबी सांस ली और अपने भूतपूर्व मित्र और अर्धगुरु लालू का शुक्रिया अदा किया होगा जिन्होंने यह कहा था कि वे नीतीश कुमार का विसर्जन करने आए हैं. लालू यादव अब पहले जैसे सुपरमैन या शक्तिमान नहीं रह गए हैं. उन की चुटीली बातें भी महत्त्व खोती जा रही हैं.

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हालांकि, उन की विरासत को बेटे तेजस्वी यादव ने काफी कुछ संभाल रखा है. ऐसे में उन्हें चाहिए कि बेटे के किएधरे पर पानी न फेरें और आराम से घर में चौपाल लगाते खैनी का लुत्फ उठाएं. हे हरि… वाकई देश के हालात इतने खराब हो चुके हैं कि फौरन एक अवतार की सख्त जरूरत हर किसी को महसूस होने लगी है जो भारत भूमि पर आ कर धार्मिक वैमनस्य मिटा दे, जातपांत खत्म कर दे और उस से भी ज्यादा अहम यह कि गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और महंगाई से त्राहित्राहि कर रही जनता को राहत दिला दे.

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उत्तर प्रदेश के एक ब्राह्मण मंत्री उपेंद्र तिवारी की मानें, तो विष्णुजी अवतार ले चुके हैं और वे कोई और नहीं बल्कि आप के अपने प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी हैं. व्यक्तिपूजा और दिमागी दिवालिएपन की यह इंतहा ही है कि जब भाजपाइयों को कुछ नहीं सूझता तो मोदी को भगवान और अवतार घोषित कर देते हैं, जिन के राज में आम लोगों का सुकून से जीना दुश्वार हो गया है. कमी बस इस नए अवतार के माथे पर स्वर्ण मुकुट और हाथ में सुदर्शन चक्र की ही नजर आ रही है जिन्हें शायद वे चाय की अपनी गुमटी या हिमालय पर कहीं भूल आए हैं.

 

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