आमतौर पर मिठास के लिए लोग चीनी यानी शक्कर की ओर भागते हैं. कोई भी मिठाई या मीठी चीज बनाने के लिए ज्यादातर शक्कर को ही तरजीह दी जाती है. मगर वैज्ञानिकों व डाक्टरों के मुताबिक चीनी सेहत के लिए ज्यादा मुनासिब नहीं होती. इसीलिए खानपान के विशेषज्ञ मिठास के लिए हमेशा गुड़ के इस्तेमाल पर जोर देते हैं.

इस मामले में गांवों में रहने वाले लोग ज्यादा समझदार होते हैं, वे ज्यादातर मीठी चीजें बनाने के लिए गुड़ का ही इस्तेमाल करते हैं. गांव के लोग तो चाय भी चीनी की बजाय गुड़ से बनाना पसंद करते हैं.

इस हकीकत से इनकार नहीं किया जा सकता कि गुड़ बेहद गुणकारी होता है. अपनी गरम तासीर और सोंधे मीठे जायके के लिए जाना जाने वाला गुड़ आयरन से भरपूर होता है.

बुंदेलखंड जैसे इलाकों में गुड़ को गोलगोल बड़े लड्डुओं के आकार में बना कर बेचा जाता है, तो तमाम इलाकों में इसे 10 और 5 किलोग्राम के बड़ेबड़े आकारों में ढाल कर मार्केट में पेश किया जाता है. साधारण चौकोर बट्टियों या गोल भेलियों के आकार में भी गुड़ बाजार में मौजूद रहता है. आजकल तो तमाम बड़ी कंपनियां हाईजीनिक तरीके से (यानी बगैर हाथ के इस्तेमाल के) मशीनों के जरीए पैक कर के गुड़ पेश कर रही हैं. हाईजीन यानी सफाई का खास खयाल रखने वालों के लिए यह महंगा गुड़ अच्छा रहता है.

बहरहाल, कुछ कत्थई और पीला सा नजर आने वाला गुड़ किसी भी आकार और प्रकार में मिले, मगर होता है गुणों से भरपूर. सेहत के लिहाज से इस के फायदे बेशुमार हैं. आइए डालते हैं एक नजर गुड़ के खास फायदों पर:

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