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उस मोड़ पर : भाग 1

भावनाओं की रौ में बह कर लिए गए फैसले हमेशा गलत होते हैं. चांदनी के प्यार में दीवाने हुए राजीव ने भी ऐसा ही एक फैसला किया उस से शादी करने का. लेकिन महत्त्वाकांक्षी चांदनी ने उसी राजीव के फैसले को इतनी बेदर्दी से ठुकरा दिया जिस के लिए उस ने अपना घर और घर वालों को छोड़ा था.

कभीकभी जीवन की सचाइयां वर्षों के फैसलों को पल भर में बदल देती हैं. प्यार और भावनाओं के आवेश में किए गए वादे दौलत की चमक के आगे बेमानी जान पड़ते हैं और इनसान को लगने लगता है कि उस के पांव के नीचे का धरातल कितना कमजोर था, उस के विश्वास की बुनियाद कितनी खोखली थी.

अपने विवाह के निमंत्रणपत्र को निहारते हुए ऐसे न जाने कितने विचार राजीव के मन को मथ रहे थे. उस की यादों में वे लमहे कौंध गए, जब शाम के समय वह और चांदनी सागर के किनारे रेत पर जा बैठते थे. चांदनी बारबार रेत पर उस के नाम के साथ अपना नाम लिखती जिसे सागर की लहरें आ कर मिटा देती थीं. तब वह उस की बांहों को थाम स्नेहसिक्त स्वर में कहती, ‘आज ये नासमझ लहरें भले ही तुम्हारे नाम के साथ लिखे मेरे नाम को मिटा डालें किंतु कल जब हम दोनों का विवाह हो जाएगा तब तुम्हारे नाम के साथ मेरे नाम को कौन मिटा पाएगा?’ उन लमहों को याद कर राजीव के होंठों पर एक विद्रूप सी मुसकान तैर गई और वह अतीत की गहराइयों में उतरता चला गया.

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उस शाम लायंस क्लब में काव्य गोष्ठी का आयोजन था. कई बड़ेबड़े कवि वहां आए हुए थे. साहित्य में रुचि होने के कारण राजीव भी अकसर ऐसे कार्यक्रमों में जाया करता था. उस दिन एक 20-21 साल की युवती की काव्य रचना को काफी सराहा गया था. शब्दों का चयन और भावों की अभिव्यक्ति के बीच सुंदर तालमेल था. कार्यक्रम की समाप्ति पर वह उस लड़की के करीब पहुंचा और बोला, ‘आप बहुत अच्छा लिखती हैं, इतनी कम उम्र में विचारों में इतनी परिपक्वता कम ही देखने को मिलती है.’

चांदनी हंस दी तो वह एकटक उसे निहारता रह गया था.

‘सच कहूं तो आप का नाम भी आप की कविता की तरह दिल को ठंडक पहुंचाने वाला है,’ वह बोला.

चांदनी खिलखिला पड़ी. उस की खनकती हंसी ऐसी थी मानो जलतरंग बज उठी हो. उस की सुंदर दंतपंक्तियों को देख लग रहा था मानो गुलाब की 2 पंखडि़यों के बीच में आकाश से तारे उतर कर सिमट गए हों.

राजीव मंत्रमुग्ध सा उसे निहारता ही रह गया. उसे लगा, चांदनी के रूप में विधाता ने स्वयं एक जीतीजागती काव्य रचना लिख डाली थी. जैसे ही घर जाने के लिए चांदनी ने बाहर की ओर कदम बढ़ाए, बादलों की गड़गड़ाहट ने बारिश की सूचना दे डाली.

चांदनी घबरा कर बोली, ‘अब मैं घर कैसे जाऊंगी?’

‘अगर आप को कोई एतराज न हो तो आप मेरे साथ कार में बैठ कर अपने घर चल सकती हैं,’ राजीव ने कहा.

पहले तो चांदनी के चेहरे पर हिचकिचाहट के भाव उभरे फिर परिस्थिति की मजबूरी को समझते हुए उस ने सहमति में गरदन हिला दी. राजीव चांदनी को उस के घर छोड़ कर अपने घर लौट आया.

राजीव शहर के सब से बड़े ज्वैलर्स विजय सहाय का छोटा बेटा था. उस से बड़े दोनों भाई संजय और अजय बी.ए. तक पढ़ाई कर के पिताजी के व्यवसाय में उन का हाथ बटा रहे थे किंतु राजीव की पढ़ने में रुचि अधिक थी इसलिए वह अपने ही शहर के एक प्रतिष्ठित कालिज से एम.बी.ए. की पढ़ाई कर रहा था. शाम को वह अपनी दुकान पर चला जाता था.

उस दिन भी राजीव कुछ ग्राहकों को आभूषण दिखा रहा था, जब चांदनी अपनी मां के साथ वहां आई. उसे देख वह प्रसन्न हो उठा. चांदनी भी उसे दुकान में देख कर हैरान रह गई थी.

‘अरे, तुम यहां? लगता है, पढ़ाई के साथसाथ  पार्टटाइम नौकरी भी करते हो?’

राजीव मुसकराया, ‘ऐसा ही कुछ समझ लो. फिर उस की मां से बोला, ‘हां, तो बताइए आंटी, क्या दिखाऊं?’

‘बेटी के लिए हलका सा हार चाहिए.’

‘अभी लीजिए,’ और इसी के साथ राजीव ने वार्डरोब से कई डब्बे निकाल कर उन के सामने रख दिए. एक के बाद एक कर के कई डब्बे देखने के बाद एक लाल मोतियों के हार पर चांदनी की नजर अटक गई. उस ने उस हार को अपने गले में पहना और खुद को शीशे में निहारते हुए राजीव से पूछा, ‘कैसा लग रहा है?’

प्रशंसात्मक नजरों से राजीव ने चांदनी को देखा और बोला, ‘आप के गले में पड़ कर यह हार नहीं जीत लग रहा है.’

‘हार से ज्यादा सुंदर तो आप की बातें हैं,’ चांदनी बोली, ‘क्या कीमत है इस की?’

‘किस की, हार की या मेरी जबान की?’ राजीव हंसा फिर बोला, ‘5 हजार रुपए.’

चांदनी ने हार खरीद लिया. राजीव ने अपने पिताजी से कह कर उस की कीमत कुछ कम करवा दी. चांदनी उस के हाथ से रसीद लेते हुए बोली थी, ‘लगता है तुम्हारा यहां अच्छा रसूख है.’

राजीव हंस दिया था. अगली शाम वह दुकान पर जब पहुंचा तो चांदनी को वहां पहले से ही आ कर बैठे देखा. वह उस के पिताजी से पूछ रही थी, ‘आप का वह राजीव नाम का कर्मचारी आज नहीं आया?’

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पिताजी पहले तो हंसे, फिर बोले, ‘बेटी, वह मेरा कर्मचारी नहीं, मेरा सब से छोटा बेटा है.’

तभी चांदनी की नजर राजीव पर पड़ी. उस ने आंखें तरेर कर उस की तरफ देखा तो उस ने अभिवादन में हलका सा सिर झुका दिया.

चांदनी को हार के साथ के टाप्स चाहिए थे. राजीव ने एक हफ्ते बाद उसे आने के लिए कहा परंतु 3 दिन में ही टाप्स तैयार करवा कर वह उन्हें ले कर चांदनी के घर पहुंच गया.

राजीव को घर आया देख चांदनी बहुत खुश हुई और जल्दी से चाय बना कर ले आई. वह मध्यवर्गीय परिवार की लड़की थी. उस के पिता बिजली विभाग में क्लर्क थे. घर में मांबाप के अलावा एक छोटी बहन भी थी.

चाय पीते हुए चांदनी ने पूछा था, ‘राजीव, तुम इतने बड़े ज्वैलर्स के बेटे हो, घर का जमाजमाया व्यवसाय है, फिर भला तुम्हें एम.बी.ए. करने की क्या सूझी?’

‘मुझे शुरू से ही पढ़ाई का शौक रहा है. पढ़ाई कभी व्यर्थ नहीं जाती, चांदनी. एक न एक दिन काम आती  ही है,’ उस ने तर्क दिया.

चांदनी ने कंधे उचकाए फिर लापरवाही से बोली, ‘पता नहीं, एम.बी.ए. तुम्हारे ज्वैलरी के व्यवसाय में क्या काम देगा? मेरे विचार में तो पढ़ाईलिखाई का चक्कर छोड़ कर तुम्हें जल्द से जल्द अपने व्यवसाय पर अपनी पकड़ मजबूत करनी चाहिए.’

राजीव खामोश रहा.

वह बोली, ‘क्या सोचने लगे?’

‘सोच रहा था कि अगली बार तुम्हारे घर किस बहाने से आऊंगा?’

उस की बात पर वह खिलखिला कर बोली, ‘राजीव, अब तुम्हें मेरे घर आने के लिए किसी बहाने की जरूरत नहीं है. जब भी दिल करे बेझिझक आया करो.’

धीरेधीरे चांदनी, राजीव की अच्छी दोस्त बन गई. दोनों की मुलाकातों का सिलसिला बढ़ने लगा. दोस्ती के इस रिश्ते में कब प्यार की कोंपलें फूटने लगीं उसे पता ही नहीं चला. अकसर वह और चांदनी समुद्र के किनारे जा बैठते थे. ऐसी ही एक सुनहरी शाम को राजीव ने चांदनी का हाथ अपने हाथ में ले कर पूछा था, ‘चांदनी, मुझ से शादी करोगी?’

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यह सुन कर उस के गाल शर्म से  लाल हो उठे थे. वह बोली थी, ‘तुम इतने पैसे वाले बाप के बेटे हो. तुम से विवाह करने का सौभाग्य मिले, इस से ज्यादा खुशी की बात मेरे लिए और क्या हो सकती है? मेरे घर वाले तुरंत राजी हो जाएंगे.’

अगले भाग में पढ़ें – विवाह कोई हंसीखेल नहीं. जीवन भर का बंधन है…

छोटी सरदारनी: क्या परम और मेहर की जान बचा पाएगा सरब?

कलर्स के शो, ‘छोटी सरदारनी’ में परम की बिगड़ती हालत को देखकर पूरा परिवार परेशान है, तो वहीं मेहर ने परम को बचाने का एक रास्ता निकाल लिया है. पर क्या परम की जान बचाने के लिए नया रास्ता बन जाएगा मेहर की जान के लिए खतरा? आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

सरब को समझाती है मेहर

अब तक आपने देखा कि मेहर, परम की जान बचाने के लिए अपना लीवर देने का फैसला डौक्टर संजना को बताती है. साथ ही वह सरब को कहती है कि वह परम की मां होने का फर्ज निभा रही है. मेहर से लंबी बहस के बाद सरब, मेहर के फैसले को मानने के लिए तैयार हो जाता है. वहीं कुलवंत कौर और उसका परिवार मेहर के इस फैसले से बिल्कुल राजी नही होते, पर मेहर उन्हें मना लेती है.

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लिफ्ट में फंसी है मेहर

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मेहर, डौक्टर संजना से कहती है कि वह सरब से ये बात छिपाए कि परम को लीवर देने से उसकी जान को खतरा है, लेकिन सरब उन दोनों की बातें सुन लेता है. वहीं डौक्टर, सरब को बताती है कि एक दवा है, जिससे मेहर की जान को बचाया जा सकता है, वहीं सरब दवाई को लाने की जिम्मेदारी ले लेता है. इसी बीच दवाई लेकर आते समय सरब को पता चलता है कि मेहर लिफ्ट में फंस गई है, जबकि औपरेशन के लिए काफी कम समय रह गया है.

क्या बचेगी मेहर की जान?

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आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि लिफ्ट में फंसी मेहर को सरब किसी तरह बचा लेगा, जिसके बाद वह औपरेशन थियेटर जाएगी, लेकिन इसी दौरान एक दुर्घटना होगी और मेहर की जान बचाने वाली दवाई की शीशी फर्श पर गिरकर टूट जाएगी. वहीं मेहर की जान बचाने के लिए सरब दवाई के लिए हर तरह से  ढूंढने की कोशिश करेगा.

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अब देखना ये है कि क्या मेहर की जान बचाने के लिए सरब सही समय पर दवाई का इंतजाम कर पाएगा? क्या परम और मेहर का औपरेशन बिना किसी मुश्किल के सफल हो पाएगा?  जानने के लिए देखते रहिए ‘छोटी सरदारनी’, सोमवार से शनिवार, रात 7:30 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

‘शुभ मंगल ज़्यादा सावधान’ के स्टार्स ने सोशल मीडिया पर लगाया ‘ज़्यादा’ का तड़का

इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है और आयुष्मान खुराना और जितेंद्र कुमार अभिनीत शुभ मंगल ज़्यादा सावधान का ट्रेलर रिलीज हो चूका है. हितेश केवल्या द्वारा निर्देशित ये फिल्म एक समलैंगिक प्रेम कहानी पर आधारित है. जो इस विषय पर एक बहुत ही महत्वपूर्ण सन्देश देती हैं| एंटरटेनमेंट और हंसी से भरे इस फिल्म में इसके प्रमुख अभिनेताओं के संघर्ष को दर्शाया है जिसमें वो अपने रिश्ते के बारे में अपने परिवार और समाज को समझाने की कोशिश करते हैं. इस रौम-कौम फिल्म में मानवी गगरू, गजराज राव, नीना गुप्ता, मनु ऋषि चड्ढा, सुनीता राजवार और पंखुरी अवस्थी की प्रमुख किरदार निभाते हुए नजर आएंगे.

एक तरफ जहां बौलीवुड सितारों और दर्शकों ने पहले से ही फिल्म को एक ब्लौकबस्टर का तगमा दे दिया है तो वहीं फिल्म की स्टारकास्ट ने सोशल मीडिया पर एक मज़ेदार मुहीम शुरू की है| जिसमें उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर अपने नाम के बीच में ज़्यादा शब्द जोड़ लिया है. आयुष्मान खुराना अब “आयुष्मान ज़्यादा खुराना”, नीना गुप्ता अब “नीना ज़्यादा गुप्ता, मानवी “मानवी ज़्यादा गगरू ‘, गजराज राव” गजराज ज्यादा राव ” को गए हैं वहीँ फिल्म के निर्माता आनंद एक रॉय का ट्विटर हैंडल आनंद ज्यादा एल राय हो गया है. अब ये हुई न दिलचस्प बात!

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अब फिल्म की स्टार कास्ट नई अपना ट्विटर हैंडल बदल दिया है तो हम भी इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि ये फिल्म हमें ‘ज़्यादा’ एंटरटेनमेंट देगी जिसका हमें इंतज़ार था.

आयुष्मान खुराना स्टारर ‘शुभ मंगल ज़्यादा सावधान’ एक ऐसी फैमिली एंटरटेनर फिल्म है जो प्यार, रिश्तों और समलैंगिकता के बारे में बात करती है. फिल्म में नीना गुप्ता, गजराज राव, जीतेन्द्र कुमार और मानवी गगरू ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भूषण कुमार की टी-सीरीज़ और आनंद एल राय की कलर येलो प्रोडक्शन ने मिलकर फिल्म को प्रोड्यूस किया है. हितेश केवल्या द्वारा निर्देशित यह फिल्म 21 फरवरी को रिलीज होगी.

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इस मामले में दीपिका ने खाई दिशा और प्रियंका से मात, मिली तीसरी पोजीशन

स्कोर ट्रेंड्स इंडिया के मुताबिक पिछले दिनों ट्विटर पर दिशा पाटनी, प्रियंका चोपड़ा जोनस और दीपिका पादुकोण बौलीवुड की तीन सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियां रही हैं. सबसे पहले स्थान पर दिशा पाटनी रहीं हैं. दूसरे स्थान पर प्रियंका चोपड़ा तो तीसरे स्थान पर दीपिका पादुकोण हैं.

लोकप्रियता में पहली बार दिशा ने प्रियंका और दीपिका को कड़ी टक्कर देकर मात दी हैं. 100 अंकों के साथ स्कोर ट्रेंड्स इंडिया चार्ट्स पर दिशा ने नंबर वन की पोजीशन हासिल की है. यह आंकड़े अमेरिका की मीडिया टेक कंपनी स्कोर ट्रेंड्स इंडिया द्वारा प्रमाणित और संशोधित किए गयें हैं.

पहले स्थान पर रहीं दिशा पटानी…

दिशा पाटनी स्कोर ट्रेंड्स इंडिया चार्ट्स पर सोशल प्लेटफॉर्म ‘ट्विटर’ पर सबसे आकर्षक अभिनेत्री के रूप में 100 का स्कोर करने वाली नई अग्रणी महिला हैं. ये आंकड़े यूएस-आधारित मीडिया टेक स्कोर ट्रेंड्स इंडिया द्वारा प्रमाणित और शोधित हैं. दिशा ने अपने मलंग के फर्स्ट लुक से खासकर युवाओं का ध्यान आकर्षित किया हैं. 2020 के शुरूआत में हीं ट्विटर पर सबसे ज्यादा लोकप्रिय बनी इस अभिनेत्री की फिट बॉडी की वजह से भी वो युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं.

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दूसरे नंबर पर रहीं प्रियंका चोपड़ा…

दूसरे स्थान पर रहीं ग्लोबल आइकन प्रियंका चोपडा जोनस दुनिया भर में अपने जलवे बिखेर रहीं है. प्रियंका की इस वक्त ग्लोबली काफी फैनफोलोविंग हैं. 98 अंकों के साथ प्रियंका चोपड़ा जोनस ट्विटर में लोकप्रिय रहीं दूसरी अभिनेत्री हैं.

दीपिका पादुकोण को मिली तीसरी पोजीशन…

वहीं, सोशल मैसेज लेकर आयीं फिल्म छपाक की वजह से दीपिका पदुकोण पिछले दिनों ट्विटर पर छायी रहीं. 84 अंकों के साथ दिशा ने लोकप्रियता में तीसरा स्थान हासिल किया हैं.

इन वजह से मिली ये पोजीशन…

स्कोर ट्रेंड्स के सह-संस्थापक अश्वनी कौल बतातें हैं, “ युवाओं में इस वक्त यंग एक्ट्रेस दिशा पाटनी की काफी चर्चा हैं. ट्विटर पर उनके हर एक पोस्ट पर युवाओं के आते रिएक्शन और एंगेजमेंट देखकर साफ पता चलता हैं. उनकी लोकप्रियता दिन ब दिन बढ़ रहीं हैं. प्रियंका चोपड़ा के ट्विटर पेज पर तो ग्लोबली एंगेजमेंट देखी गयीं हैं. प्रियंका-निक के फोटो कों काफी एंगेजमेंट मिलती हैं. फिल्म छपाक का प्रमोशन, जेएनयू की मीटिंग में रहीं दीपिका की मौजुदगीं पर छिड़ा विवाद और छपाक में दिखा दीपिका का  लाजवाब परफॉर्मेन्स इन सब वजह से दीपिका के ट्विटर पेज पर काफी एंगेजमेंट दिखी.“

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अश्वनी कौल आगें बतातें हैं, “हम मीडिया का विश्लेषण करने के लिए भारत में 14 भाषाओं में 600 से अधिक समाचार स्रोतों से डेटा एकत्र करते हैं. इनमें फेसबुक, ट्विटर, प्रिंट प्रकाशन, सोशल मीडिया, वायरल खबरें, प्रसारण और डिजिटल प्लेटफॉर्म शामिल हैं. विभिन्न परिष्कृत एल्गोरिदम तब डेटा की इस भारी मात्रा को संसाधित करने और हस्तियों के स्कोर और रैंकिंग पर पहुंचने में हमारी मदद करते हैं.”

इस शानदार लुक से जीते अपने पार्टनर का दिल

त्यौहार पर महिलाएं खासतौर से सजती संवरती हैं. इस दिन आप सबसे ज्यादा खूबसूरत दिखना चाहती हैं. खूबसूरत दिखने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है आपका मेकअप करने का तरीका. जी हां अगर आपका मेकअप परफेक्ट होगा तभी आपकी खूबसूरती निखर पाएगी. तो चलिए जानते हैं आप कैसे मेकअप करें.

मेकअप में ब्लशर लगाने से नेचुरल ग्लो मिलता है. लेकिन क्या आप जानती हैं कि आप लिपस्ट‍िक को ब्लश की तरह इस्तेमाल कर सकती है?  जी हां इसे सीधे तौर पर नहीं लगाया जाना चाहिए. लिपस्ट‍िक को उंगली से हल्का सा दबाएं और फिर इस उंगली से गालकर उसे तब तक गाल पर मलिए, जब तक कि आपको नेचुरल कलर न मिल जाए.

एक अच्छे मौइश्चराइजर को माथे, गाल, नाक और ठोडी पर लगाएं. इसके बाद उंगलियों की मदद से इसे पूरे चेहरे पर फैला लें. आप चाहें तो इसके लिए स्पंज का इस्तेमाल भी कर सकती हैं.

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इसके बाद गोल्डेन कलर का आईशैडो पलकों पर लगाएं. इसे स्किन के कलर से मैच होने तक मिलाएं. इसके बाद हाईलाइटर की मदद से आंखों को उभारें. आईब्रो पेंसिल की मदद से आईब्रो को भरें.

होंठों पर लिपस्ट‍िक लगाने के लिए सबसे पहले लिप लाइनर का चुनाव करें. लिप लाइनर का रंग आपकी लिपस्ट‍िक के कलर से मैच करता हुआ होना चाहिए. होंठों के बीच से लिपस्ट‍िक का इस्तेमाल करके होंठों में कलर भरें और उसके बाद किसी अच्छे लिप ग्लौस का इस्तेमाल करें.

आईशैडो का चुनाव करते समय एक ही कलर का चुनाव करें. अगर आपको और बेहतर लुक चाहिए तो फाउंडेशन लगाने के बाद शैडो का इस्तेमाल करें. ब्रश से शैडो लगाते समय हमेशा ध्यान रखें कि स्ट्रोक बहुत हल्के हाथ से लगाएं.

लाइनर लगाएं. आंखों के बाहरी कोने से शुरू करके अंदरुनी कोने तक लाइनर लगाइए. आंखों के बाहरी ओर एक छोटा सा स्ट्रोक लगाएं. उसके बाद मसकारा और काजल की मदद से आखों के मेकअप को पूरा कर लें.

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वजन कम करने के लिए ऐसे करें हल्दी का इस्तेमाल

हमारे खानपान के बेहद जरूरी हिस्सों में से एक है हल्दी. रोजमर्रा के खाने में हम इसका इस्तेमाल करते हैं. ये ना केवल खाने को पीला रंग देता है, बल्कि इसके औषधि गुण इसे खास बनाते हैं. अपनी खास औषधि गुणों के कारण हल्दी वजन कम करने में भी बेहद लाभकारी है. इसमें पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी ओबसिटी गुण इसकी महत्ता को और खास बनाते हैं. बहुत से जानकारों का मानना है कि हल्दी में कर्क्यूमिन नामक सक्रिय यौगिक होता है जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है. वजन कम करने में इसका प्रमुख योगदान होता है.

वजन कम करने के लिए आप हल्दी की चाय का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे बनाने के लिए एक पैन में पानी गर्म कर लें. इसके बाद इसमें थोड़ी हल्दी मिलाएं. इसके अलावा आप इसमें दालचीनी मिला सकते हैं. दालचीनी भी वजन कम करने में मदद करती है. अब स मिश्रण को अच्छी तरह से मिला लें और गुनगुना ही इसे पिएं.

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इसके अलावा आप हल्दी का इस्तेमाल चावल की डिशेज, मिठाई और अन्य तरह के व्यंजनों में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं. ये आपका वजन कम करने में काफी लाभकारी होगा.

दूध में हल्दी डाल कर पीने से भी वजन कम होता है. मध्यम आंच पर लगभग छह से सात मिनट तक दूध गर्म करें. एक गिलास में दूध डालें और इसमें हल्दी पाउडर मिलाकर पिएं.

ध्यान रहे कि वजन कम करने के लिए हल्दी मात्र एक सहायक का काम करता है. कुल मिला कर संतुलित आहार और कसरत से ही आप वजन कम कर सकेंगे.

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शुभारंभ: राजा का झूठ जानने के बाद अब क्या होगा रानी का अगला कदम?

कलर्स के शो, ‘शुभारंभ’ में राजा और रानी की शादी की शुरूआत होने से पहले ही खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है. दोनों अपने परिवार के लिए एक-दूसरे से दूर हो रहे हैं. वहीं कीर्तिदा और गुणवंत हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं इस शादी को खत्म करने की. आइए आपको बताते हैं अब क्या नया मोड़ लेगी राजा-रानी की जिंदगी…

रानी की माँ का होता है एक्सीडेंट

अब तक आपने देखा कि आशा, कीर्तिदा के ताना मारने से गुस्से में आकर रानी का सामान घर से बाहर फेंक देती है, जिसके बारे में रानी को पता चल जाता है और वह गुस्से में रेशमिया निवास जाती है. वहीं रानी की माँ, वृंदा उसे रोकने के लिए भागती है, लेकिन वह एक दुर्घटना का शिकार हो जाती है.

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वृंदा को अस्पताल ले जाता है राजा

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राजा के घर से वापस आने के बाद रानी अपनी माँ को ढूंढती है, तब रानी को पता चलता है कि उसकी माँ का एक्सीडेंट हुआ है. अस्पताल पहुँचने पर जब रानी, राजा को अपनी माँ के पास देखती है, उसका दिल पिघल जाता है.  इसी बीच, गुणवंत और कीर्तिदा को पता चलता है कि राजा, पूजा को छोड़कर रानी की माँ को अस्पताल पहुँचाने गया है.

रेशमिया और दवे परिवार में बढ़ी दुश्मनी

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आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि गुणवंत, राजा के आने से पहले जानबूझकर रानी के पिता, छगन को लड़ाई के लिए उकसाएगा. इसी बीच गुणवंत से छगन को लड़ता देख राजा, छगन पर अपना हाथ उठा देगा. वहीं रानी अपने परिवार के साथ ऐसा व्यवहार देखकर राजा को रोक देगी.

रानी को पता चलेगा राजा का झूठ 

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बढ़ती गलतफहमियों के बीच रानी अपने तलाक के लिए कोर्ट जाने वाली ही होगी कि वृंदा, रानी को बताएगी कि उसने राजा और आशा की बातें सुनी थी कि राजा ने अपनी माँ के मान को बचाने के लिए उससे पैसों के लिए शादी करने का झूठ बोला, जिसे सुनकर रानी हैरान रह जाएगी.

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अब देखना ये है कि राजा के झूठ को जानने के बाद क्या रानी तलाक होने देगी? जानने के लिए देखते रहिए शुभारंभ, सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

छोटी सरदारनी: क्या परम की जान बचाने के लिए मेहर निकाल पाएगी कोई नया रास्ता?

कलर्स के शो, ‘छोटी सरदारनी’ में एक तरफ परम की हालत खराब होती जा रही है, तो दूसरी तरफ सरब और मेहर भी हार मानने को तैयार नही हैं. दोनों कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह परम का डोनर मिल जाए, लेकिन क्या सरब और मेहर, परम को बचाने की इस कोशिश में कामयाब हो पाएंगे. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

परम की हालत हुई खराब

अब तक आपने देखा कि पिकनिक पर परम बेहोश हो जाता है, जिसके कारण डौक्टर संजना कहती है कि परम को तुरंत ट्रांसप्लांट की जरूरत है. वहीं सरब और मेहर, परम को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करते हैं ताकि परम का ट्रांसप्लांट हो जाए.

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परम की डोनर सीमा को शुक्रिया कहता है सरब 

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यूवी, परम की तबीयत खराब होने की खबर कुलंवत कौर और उनकी फैमिली को बताता है, जिसके बाद पूरा परिवार अस्पताल पहुंचता है. वहीं सरब, परम के लिए डोनर ढूंढ लेता है, जिसका नाम सीमा है और उसका शुक्रिया अदा करता है. डौक्टर सर्जरी के लिए डोनर सीमा को लाने की तैयारी करते हैं, लेकिन जैसे ही वह कमरे के अंदर पहुंचते हैं, उन्हें पता चलता है कि डोनर अस्पताल छोड़कर भाग चुकी है.

डोनर सीमा के पास पहुंचेंगे मेहर और सरब

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आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि पूरे अस्पताल में मेहर और सरब डोनर सीमा को ढूंढते दिखेंगे. इसी बीच डौक्टर संजना बताएगी कि परम की जान बचाने के लिए अगले चार घंटे में ट्रांसप्लांट करना जरूरी है. वहीं परम के लिए सरब, मेहर और उनका पूरा परिवार डोनर सीमा के घर पहुंचेंगे. जहां परम की डोनर सीमा, सरब और मेहर को बताएगी कि वह डोनर नही बन सकती क्योंकि वह प्रैग्नेंट है. परम की जान बचाने के लिए सरब लाइव प्रैस कौंफ्रेंस में लोगों की मदद मांगेगा कि लोग अपना लीवर परम को देने के लिए आगे आएं.

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अब देखना ये है कि क्या परम का इलाज हो पाएगा? क्या मेहर और सरब इतनी कोशिशों के बावजूद सही समय पर परम की जान बचाने में कामयाब हो पाएंगे? जानने के लिए देखते रहिए ‘छोटी सरदारनी’, सोमवार से शनिवार, रात 7:30 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

जेएनयू में दीपिका पादुकोण

बौलीवुड अदाकारा दीपिका पादुकोण का दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पहुंच कर वहां चल रहे स्टूडैंट्स के आंदोलन में भाग लेना और विश्वविद्यालय की स्टूडैंट्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जबरदस्त तरीके से लगाए जा रहे आजादी के नारे को खड़े रह कर समर्थन देना बहुत बड़ी हिम्मत का काम है. आमतौर पर बौलीवुड के कलाकार भीरु और दकियानूसी हैं जो देश की मौजूदा भगवा सरकार से बेहद डरते हैं. वे ऐसा कुछ भी करने को तैयार नहीं होते जिस से किसी भी वर्ग को कोई आपत्ति हो.

सिनेमा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है और यह लोगों का दिलदिमाग बदलने में उतना ही मजबूत है जितने समाचारपत्र व पुस्तकें. यह बात दूसरी है कि पिछली सदी के 5वें, 6ठे दशकों के बाद फिल्मों में से क्रांति गायब हो गई. वैसे उस दौर में जहां एक तरफ ‘बिराजबहू’, ‘दो बीघा जमीन’, ‘नया दौर’, ‘परख’  और ‘गोदान’ जैसी फिल्में बनीं, वहीं ज्यादातर फिल्मों में जम कर धर्म का प्रचार किया गया था. फिल्मों ने ही नाग देवता जैसे अंधविश्वासों को जन्म दिया. ‘जय संतोषी मां’ फिल्म के कारण एक नई देवी पैदा हो गई थी, जो बाद में फिल्मी सहयोग के अभाव में लुप्त हो गई.

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दीपिका पादुकोण का अपनी फिल्म ‘छपाक’ के रिलीज होने के समय कट्टरपंथियों के खिलाफ खुल्लमखुल्ला चल रहे आंदोलन में हिस्सा लेना जोखिमभरा काम था और ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर पाखंडियों की बरात ने उसे ट्रोल कर के साबित कर दिया है कि आज का कट्टरपंथी हिंदू तर्क की तो सुनता ही नहीं, वह अपने खिलाफ भी कुछ नहीं सुनना चाहता. उसे तो केवल आरती, कीर्तन, भक्तिगान आता है. वंदेमातरम भी आरती के अलावा कुछ नहीं है. कट्टरपंथी हिंदू इसे राष्ट्रगान के रूप में थोपना चाहते हैं. यह वर्ग भाजपा नेताओं को अवतार मानता है और उन के हर कदम पर हां करने के अलावा कुछ नहीं करना चाहता.

इस वर्ग के पास पैसा है क्योंकि धर्म दूसरों का आर्थिक शोषण करने का एक बहुत बड़ा हथियार है. लोग जितने धार्मिक होंगे, उतने ही भीरु होंगे. वे व्यापारी, मंत्री व संतरी की बात सिर झुका कर मानेंगे. दीपिका पादुकोण पाखंडविरोधी हैं या नहीं, लेकिन आज जो छात्र विद्रोह शुरू हुआ है वह पाखंड पर टिकी राजनीति के खिलाफ है चाहे पाखंडों का सीधा विरोध न किया जा रहा हो.

दीपिका की फिल्म ‘छपाक’ भी असल में इसी विषय पर है जिस में तेजाब फेंकने के बाद झुलसाई पीडि़त युवती को ही दोषी मान लिया जाता है.

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धर्म हमेशा से अनाथ, विधवा, निपूती, बलात्कार की शिकार को दोषी मानता रहा है. किसी महिला पर तेजाब डाला गया है तो ‘कुछ तो पाप किया ही होगा उस ने’ की मानसिकता रखने वाले लोग कल के गुनाहों के लिए आज के मुसलमानों को हर हक से बेदखल करना चाह रहे हैं. नागरिकता संशोधन कानून इस ओर एक कदम है कि देश के हालात के लिए आज के मुसलमानों को दोषी ठहरा दो जैसे तेजाब की शिकार को दोषी ठहरा दिया जाता है कि वह घर से निकली ही क्यों.

दीपिका की हिम्मत है कि देशभक्त दिखने वाले अभिनेता अमिताभ बच्चन व उन जैसों को उन्होंने उन की जगह दिखा दी.

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