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2 साल में ही टूट गई इस एक्ट्रेस की दूसरी शादी, जानें वजह

टीवी एक्ट्रेस प्रिया बठीजा एकता कपूर शो ‘डायन’ का हिस्सा रह चुकी हैं. इन्होंने अपनी शादी टूटने के बाद पहली बार मीडिया के सामने बात रखी हैं. आपको बता दें, साल 2017 में डीजे कंवलजीत के साथ प्रिया ने दूसरी शादी रचाई थीं. लेकिन ये शादी भी ज्यादा दिन नहीं चली और प्रिया बठीजा का डीजे कंवलजीत के साथ तलाक हो रहा है.

टीवी एक्ट्रेस ने एक एंटरटेनमेंट पोर्ट्ल को दिए इंटरव्यू में कहा है, ‘ये बहुत दुख की बात है कि मैं इस बारे में बात कर रही हूं. आप समझ सकते हैं कि जो लड़की दूसरी बार तलाक से गुजर रही हो वो भी एक आम लड़की की तरह परियों जैसी शादी चाहती थी. नहीं तो मैं दोबारा शादी के लिए हां ही क्यों करती. लव मैरिज से विश्वास उठने के बाद मैंने अरेंज मैरिज का फैसला लिया. मुझे लगा कि ये मेरे लिए अच्छा होगा. इसीलिए मैंने अपना करियर छोड़कर उसके परिवार के साथ रायपुर में रहना सही समझा.

दया बेन बनी एकता जैन

 

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एक्ट्रेस ने बताया, लेकिन ये बिल्कुल अलग बातें थी. जब मैं रायपुर पहुंची तो मुझे पता लगा कि मेरे हसबैंड मुंबई में शिफ्ट होना चाहते हैं. पहले मुझे लगा कि मेरा सपना सच हो गया क्योंकि मैं भी मुंबई में ही रहना चाहती थी. मेरी सारी मिन्नतें पूरी हो गई थी और हम मुंबई शिफ्ट हो गए. मैंने अपने पति के करियर के लिए हर तरह से सपोर्ट किया लेकिन उन्होंने कभी हमारे रिश्ते को गंभीर तरीके से नहीं लिया. बल्कि वास्तव में मैं तो उनके लिए मुंबई में आने के लिए टिकट भर थी.

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बता दें, प्रिया की पहली शादी लव मैरिज थी जो उनकी एक्टर जतिन शाह के साथ हुई थी अपनी आपबीती के बारे में आगे बताते हुए टीवी एक्ट्रेस ने कहा, ‘मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहती थी लेकिन अखबार में छपे आर्टिकल के बाद मुझे इसके बारे में बताना पड़ रहा है. मैं अपनी शादी की असफलता के बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहती लेकिन ये एक घरेलू हिंसा का केस था और एक दिन चीजें काबू से बाहर चली गई. मुझे पुलिस में शिकायत दर्ज करानी पड़ी और मैं ओशिवारा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करवाया.

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तंदूरी फ्रूट चाट रेसिपी

जैतून का तेल  (2 टेबल स्पून)

बालसमिक सिरका (1/2 कप)

अनारदाना पाउडर (5 टेबल स्पून)

ऐसे बनाएं स्ट्फ्ड खीरा, जानिए रेसिपी

चीनी पाउडर (6 टी स्पून)

जीरा पाउडर (3 टी स्पून)

चाट मसाला (2 टी स्पून)

कश्मीरी मिर्च (2 टी स्पून)

गरम मसाला (1 टी स्पून)

हेल्दी सलाद रेसिपी

काला नमक (1 टी स्पून)

कालीमिर्च (1 टी स्पून)

शकरकंदी  (2 मीडियम)

फ्रूट (1 स्टार)

1/2 ग्रीन एप्पल

1/2 अमरूद

चिकन सूप बनाने की आसान रेसिपी

बनाने की विधि

एक छोटा पीस पाइनएप्पल (100 ग्राम)

एक-एक छोटा पीस लाल, पीली और हरी शिमला मिर्च का

एक बाउल में जैतून का तेल, ब्लासमिक सिरका, पीसी हुई चीनी, अनारदाना, चाट मसाला, गरम मसाला, भुना जीरा और कश्मीरी लाल मिर्च लें.

इसके बाद इसमें काला नमक और क्रशड कालीमिर्च डालें और अच्छे से मिला लें.

मैंगो पैन केक

उबली हुई शकरकंदी, ग्रीन एप्पल, स्टार फ्रूट, पाइनएप्पल और तीनों तरह की शिमला मिर्च को तैयार किए गए मिश्रण में डालकर आधा घंटा या एक घंटे के लिए मैरीनेट करें.

इन्हें सीक में लगाएं और तंदूर में पकाएं और गर्मागर्म सर्व करें.

5 होममेड टिप्स: होठों के कालेपन से पाएं छुटकारा

बिजी लाइफस्टाइल और गलत खानपान से अक्सर हमारी बौडी के साथ-साथ हमारी स्किन को भी नुकसान पहुंचता है. और अगर स्किन को नुकसान पहुंचता है तो हमारी पर्सेनेलिटी भी खराब हो जाती है. जब हम लोगों से मिलते हैं तो उनकी सबसे पहली नजर हमारे फेस और स्माइल पर पड़ती है. और अगर हमारे होठ काले हों…होंठों को खूबसूरत बनाने के लिए आप क्‍या नहीं करतीं. लिपस्टिक, लिप बाम, मौश्‍चराइजर और ना जाने क्‍या-क्‍या. लेकिन, होंठों पर लगाये जाने वाले कई प्रौडक्टस खूबसूरत बनाने के बजाय लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकते है. अगर आप भी अपने होठों के फटने या कालेपन से परेशान हैं तो जानिए होममेड तरीके…

होममेड दूध की मलाई से करें होंठों को कालापन दूर

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होंठों से रूखापन हटाने के लिए थोडी सी मलाई में चुटकी भर हल्दी‍ मिलाकर नियमित रूप से धीरे-धीरे होठों पर मालिश करें. आप देखेंगे कि इस घरेलू उपाय से कुछ ही दिनों में आपके होठ मुलायम और गुलाबी होने लगेंगे.

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होंठों को कालापन दूर करें नींबू

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क्‍या आप जानते है होंठों को कालापन नींबू से भी दूर हो सकता है. इसके लिए आप निचोड़े हुए नींबू को अपने होठों पर सुबह और शाम को रगड़ें.

शहद से पाएं शाइनी पिंक लिप्स

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शहद के इस्‍तेमाल से कुछ ही दिनों में आपके होंठ शाइनी और सौफ्ट हो जाते हैं. इसके लिए थोड़ा-सा शहद अपनी उंगली में लेकर धीरे-धीरे अपने होंठों पर मलें या फिर शहद में थोड़ा सा सुहागा मिलाकर अपने होंठों पर लगाएं.

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अंडे की जर्दी से पाएं पिंक लिप्स

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अंडा खाना आपकी सेहत के लिए तो अच्‍छा होता ही हैं, लेकिन क्‍या आप जानते है यह होंठों का कालापन दूर करने में भी सहायक होता है. होंठों पर अंडे की जर्दी का लेप लगाने से होंठों की शाइन बरकरार रहती है.

औलिव औयल से काले होठों को कहें बाय-बाय

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यदि होंठ पूरी तरह से फट चुके हैं और उनमें कालापन भी आ रहा है तो औलिव औयल और वैसलीन मिलाकर दिन में तीन या चार बार फटे होंठों पर लगाने से फायदा होता है. इनका पेस्ट होंठों पर 4-5 दिन लगातार लगाने से होठों की क्रैक्स भी भरने लगती हैं और होंठ पिंक भी होने लगते हैं.

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कहीं ये तो नहीं प्रेग्नेंसी में देरी का कारण

आपकी प्रेग्नेंसी पर आपके खानपान का काफी असर पड़ता है. और ये बात केवल प्रेग्नेंसी के दौरान के खानपान की नहीं है, बल्कि लंबे समय से चली आ रही आपकी डाइट पर निर्भर करती है. एक शोध से स्पष्ट हुआ है कि जो महिलाएं जंक फूड का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं, वो देर से प्रेग्नेंट होती हैं. इसमें ये भी स्पष्ट हुआ कि जो महिलाएं सप्ताह में तीन या चार बार या इससे भी अधिक फास्ट फूड खाती हैं, उनको कम फास्टफूड खाने वाली महिलाओं की अपेक्षा, प्रेग्नेंट होने में एक महीना अधिक वक्त लगता है.

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औस्ट्रेलिया में हुए इस शोध के मुताबिक जो महिलाएं हेल्दी फूड खाती हैं वो ज्यादा फिट होती हैं. उन महिलाओं के समय पर गर्भवती होने की संभावना ज्यादा रहती है. सेहतमंद खानपान से महिलाओं की फर्टिलिटी में सुधार होता है.

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इस शोध में करीब 5,500 गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया था. इनमें जिन महिलाओं ने ज्यादा फास्टफूड का सेवन किया है उन्हें प्रेग्नेंट होने में ज्यादा समय लगा.

आपको बता दें कि जिन खाद्य पदार्थों में जिंक और फोलिक एसिड की मात्रा प्रचुर होती है उनके सेवन से गर्भधारण की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. हरे पत्तेदार सब्जियों, मछली, बीन्स और नट्स में गर्भावस्था के लिहाज से फायदेमंद तत्व पाए जाते हैं.

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शुगर से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के बच्चों को हो सकती है ये बीमारी

आजकल शुगर की शिकायत लोगों में तेजी से बढ़ी है. खानपान इसका सबसे बड़ा कारण है. किसी उम्र के व्यक्ति को ये परेशानी हो सकती है. ऐसे में गर्भवती महिलाएं जो शुगर से पीड़ित हैं, उसके लिए खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है. एक शोध में ये बात सामने आई कि वो गर्भवती महिलाएं, जिन्हें शुगर की बीमारी है, उनके बच्चों में अटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऔर्डर (एएसडी) का खतरा बढ़ जाता है.

आपको बता दें कि एएसडी मानसिक विकास से संबंधित विकार है, जिसमें व्यक्ति को सामाजिक संवाद स्थापित करने में समस्या आती है और वह आत्मकेंद्रित बन जाता है.

इस शोध में ये बात सामने आई कि यह खतरा टाइप-1 और टाइप-2 के विकार और गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से पीड़ित होने से संबंधित है. शोध में पाया गया कि एएसडी का खतरा मधुमेह रहित महिलाओं के बच्चों की तुलना में उन गर्भवती महिलाओं के बच्चों में ज्यादा होता है, जिनमें 26 सप्ताह के गर्भ के दौरान मधुमेह की शिकायत पाई जाती है.

इस शोध में 4,19,425 बच्चों को शामिल किया गया, जिनका जन्म 28 से 44 सप्ताह के भीतर हुआ था. यह शोध 1995 से लेकर 2012 के दौरान किया गया.

‘राजनीतिक उदासीनता’ है कम मतदान की वजह

उत्तर प्रदेश में लोकसभा के 4 चरण का चुनाव पूरा हो चुका है. 3 चरण का चुनाव अभी बाकी है. पहले 4 चरण के चुनाव में औसत मतदान 60 फीसदी ही हो पाया है. बाकी 3 चरण के चुनाव में गर्मी का प्रकोप पहले से अधिक होगा. ऐसे में चिंता इस बात की है कि मतदान का प्रतिशत और भी कम ना हो जाये. प्रशासन कम मतदान की वजह बढ़ती गर्मी को मान रहा है.

देश के दूसरे हिस्सों की बात करें तो ज्यादा गर्मी के बाद भी वहां मतदान अधिक हुआ है. अधिक मतदान के लिये सामाजिक संगठनों से लेकर सरकार तक तमाम लोगों ने बहुत सारे प्रयास किये है. ऐसे में अब यह बात भी नहीं कही जा सकती कि मतदान जागरूकता में कमी है. कम मतदान की सबसे बडी वजह जनता के बीच ‘राजनीतिक उदासीनता’ है.

नेताओं के बिगड़े बोल कह दी गंदी बात

सत्ता के पक्ष और विपक्ष दोनो में ही कोई लहर नहीं चल रही है. अगर पार्टी कार्यकर्ताओं की बात छोड़ दें तो जनता चुनाव में किसी भी तरह से सक्रिय नहीं है. नेताओं के भाषण सुनने पहुंचने वाले लोग भी वहां पर एकत्र किये जा रहे है. अपने से चल कर वहां जाने वाले लोंगों की संख्या कम है. सत्ता पक्ष ने अपने प्रचार अभियान में हर तरह से प्रचार प्रसार का काम पहले से अधिक सुव्यस्थित तरह से किया है.

पार्टी के लोग ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिल रहे है. इसके अलावा दूसरे दलों का प्रचार तंत्र बहुत कमजोर है. वह सत्ता के विरोध में कोई हवा नहीं बना पा रहा है. जनता के सरकार के काम काज को लेकर निराशा है पर उसे लगता है कि कोई विकल्प भी नहीं है. ऐसे में उसे चुनाव से कुछ हासिल होता नहीं दिख रहा है. यही वजह है कि मतदान कम हो रहा है. गांव के मुकाबले शहरों में मतदान कम हो रहा है. जबकि शहरी लोग मतदान को लेकर ज्यादा जागरूक है.

डरती है भाजपा कन्हैया से

शांति फाउडेंशन के चीफ ट्रस्टी तन्मय प्रदीप कहते हैं ‘जनता जागरूक है. उसे वोट देने के लिये घर से निकालने के लिये प्लान बनाने चाहिये. केवल मतदान के जागरूकता अभियान चलाने से काम पूरा नहीं होगा. लोगों को मतदान के दिन घरों से बाहर निकालना होगा. वे भले ही ‘नोटा‘ का प्रयोग करें पर मतदान जरूर करें. जनता में चुनाव के प्रति उदासीनता को नहीं फैलना चाहिये. चुनाव के प्रति उदासीनता से लोकतंत्र का मकसद ही खत्म हो जायेगा.’

पूर्वांचल में मोदी मैजिक के बजाय निरहुआ इफेक्ट का सहारा

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है. यहां लोकसभा की 80 सीटें हैं. पिछले चुनाव में 73 सीटें भाजपा और उसके सहयोगी दलों को मिली थी. ऐसे में हर दल उत्तर प्रदेश को सामने रखकर अपनी योजना बना रहा है. इसके बाद भी मतदान का प्रतिशत हीं बढ़ रहा है. जिससे जीत और हार का अंतर कम रह जाता है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बसपा के गठबंधन से साथ कांग्रेस और बीजेपी में त्रिकोणी लड़ाई है. सपा-बसपा और कांग्रेस के बीच लड़ाई कम है. इसके बाद भी दोनो दल मिलकर भाजपा को ठीक से घेर नहीं पा रहे हैं. जनता को यह लग रहा कि सरकार कोई भी बनाये पर जनता हमेशा परेशान होगी. इस वजह से उसे वोट में ही अब दिलचस्पी नहीं रह गई है.

दया बेन बनी एकता जैन

‘‘शादी विद जुगाड़’ ’सहित कई फिल्मों और कई सीरियलों में अभिनय कर चुकी एकता जैन महज मशहूर अभिनेत्री ही नहीं बल्कि एंकर व मौडल भी हैं. हिंदी, हिंग्लिश, गुजराती व संस्कृत भाषा में स्टेज शो और टीवी पर कई शो की एंकरिंग भी कर चुकी हैं.

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तो अब सरोगसी पर फिल्में

अब वह ‘आज तक’ चैनल के कार्यक्रम ‘सास बहू और बेटियां’ के आगामी एपीसोडों में पूजा कंवल के साथ टीवी सीरियल ‘‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’’ के लोकप्रिय किरदार दया बेन के रूप में नजर आने वाली हैं.

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अमित त्यागी निर्मित एक घंटे का ‘सास बहू और बेटियां’ नामक शो हर दिन दोपहर ढाई बजे प्रसारित होता है. इस शो में टीवी इंडस्ट्री की हलचल के बारे में चर्चा की जाती है. इससे पहले इसी शो में एकता कपूर चार एपीसोड में गुजराती लड़की के किरदार में झाड़ूवाली और शौपिंग करने वाली लड़की के किरदार में नजर आ चुकी हैं.

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औरतें ‘बेवफा’ होने के लिए मजबूर क्यों हो जाती हैं?

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उम्र में अन्तर होना

भारतीय समाज में पति अपनी पत्नी से पांच से लेकर पंद्रह साल तक बड़ा होता है. किसी भी लड़की की शादी समान उम्र के लड़के से न करना एक बहुत बड़ी समस्या है. उम्र के इस फासले के चलते लड़की अपने मन की बात, ख्वाहिश या विचार पति से शेयर नहीं पाती. इस हिचकिचाहट के चलते सेक्स सम्बन्ध बनाते वक्त पति को तो संतुष्टि मिल जाती है, लेकिन स्त्री को नहीं मिलती और यही वजह उसे अन्य किसी हमउम्र लड़के की ओर आकर्षित करती है. आमतौर पर देखा गया है कि यदि पति उम्र में पत्नी से छोटा है तो वहां स्त्री सेक्स सम्बन्धों में काफी खुश रहती है क्योंकि वहां उसे अपनी बात रखने में कोई हिचकिचाहट नहीं होती और वह अपनी ख्वाहिशों को खुल कर पति के सामने प्रकट कर देती है. ऐसे में दोनों के बीच किसी तीसरे के आने की कोई सम्भावना नहीं होती है.

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पैसे की भूख

हर औरत चाहती है कि उसका पति अच्छी कमाई करे और उसे जेवर-कपड़े से लाद दे. भारतीय समाज में ‘दिखावे’ की परम्परा ने अधिकांश घरों को बर्बाद किया है. ऐसे में जब औरत की अपनी जरूरतें या घरेलू जरूरतें पति की कमाई से पूरी नहीं होती हैं तो पैसे चाह में महिलाएं किसी अमीर शख्स से नाजायज सम्बन्ध बनाने के लिए तैयार हो जाती हैं. पति द्वारा उनकी इच्छाएं पूरी न कर पाना, कम आय की वजह से ऐशोआराम की जिन्दगी न मिल पाना, बच्चों की छोटी-छोटी जरूरतें पूरी न हो पाना किसी महिलाएं को अन्य पुरुष से सम्बन्ध बनाने को मजबूर करती है.

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आपसी मतभेद

हर पति-पत्नी में लड़ाई होती है, लेकिन जरूरत से ज्यादा लड़ाई रिश्ते को खराब करने में अहम भूमिका निभाती है. एक दूसरे की भावनाओं को न समझ पाना कई बार बड़े झगड़े का कारण बन जाता है और आपसी रिश्ते खराब होने लगते हैं. आपसी मन मुटाव में एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में सम्बन्ध इतने बिगड़ जाते हैं कि दोनों एक बिस्तर पर होते हुए भी शारीरिक सम्बन्धों से दूर हो जाते हैं. यदि दोनों की आपस में बिल्कुल नहीं बनती है तो ऐसी हालत में पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी इस कमी को बाहर पूरी करती हैं. इससे उनके अहम् को भी संतुष्टि मिलती है और शरीर को भी सुख मिलता है.

इमरजेंसी से भी बदतर हालत में मीडिया

पति का पास न रहना

कई बार पति के साथ नहीं होने के कारण महिला अकेलापन महसूस करती हैं. कई बार पार्टनर काम के सिलसिले में देश से बाहर होते हैं. मुस्लिम परिवारों में अधिकतर पुरुष अरब देशों में कमाने चले जाते हैं. वे छह महीने या साल में पन्द्रह दिन या एक महीने की छुट्टी पर ही पत्नी के पास वापस आते हैं, ऐसे में अकेलेपन को दूर करने के लिए महिलाएं बाहर सहारा ढूंढती हैं या परिवार के अन्य मर्दों से सम्बन्ध बना लेती हैं. जिन लोगों की जॉब में टूरिंग ज्यादा होती है, उनकी पत्नियां भी पर-पुरुष से सम्बन्ध बना लेती हैं. वहीं पति भी टूर के दौरान बाहरी महिलाओं से रिश्ता जोड़ लेते हैं, आखिर सति-सावित्री या पत्नीव्रता बन कर शारीरिक जरूरतों को कब तक नजरअंदाज किया जा सकता है?

वैचारिक मतभेद

कई बार पुरुष-स्त्री के विचारों में मतभेद होता है. यह मतभेद धार्मिक विचारों में भी हो सकता है और सामाजिक व घरेलू परिस्थितियों के कारण भी हो सकता है. मान लीजिए कोई स्त्री कलात्मक प्रवृत्ति की है, उसे ड्रॉइंग, पेंटिंग, गाने या नाचने का शौक है, मगर उसके पति को यह सब पसन्द नहीं है अथवा उसके ससुराल में इन चीजों पर पाबन्दी है, तो यह बातें उसके अन्दर कुंठा पैदा करती हैं. ऐसे में वह एक ऐसे साथी को ढूंढने लगती है जो उसकी कला की कद्र करे. ऐसा पुरुष उसे भावनात्मक रूप से संतुष्टि प्रदान करता है, तो वह भी उस पर अपना सबकुछ वार देती है. धार्मिक विचारों में मतभेद होने पर भी ऐसी ही स्थिति पैदा होती है. इसी के साथ जब पुरुष अपनी पत्नी के घरवालों के प्रति सज्जनता या अपनत्व नहीं दिखाता है, या उसके मायके जाने पर प्रतिबन्ध लगाता है, अथवा उसके मायके वालों को उलटा-सीधा बोलता है, तो यह बातें भी वैचारिक कुंठाएं, घृणा और दूरी पैदा करती हैं और मजबूरन स्त्री एक ऐसे साथी की तलाश करने लगती है, जो उसको मानसिक और भावनात्मक स्तर पर सहारा दे. एक बार किसी बाहरी पुरुष से भावनात्मक नजदीकी पैदा हो गयी, तो शारीरिक रूप से करीब आने में देर नहीं लगती.

पति की प्रेमिका का खूनी प्यार

पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव

आजकल महानगरों में जिस तरह लोगों के पास पैसा बढ़ रहा है, आमोद-प्रमोद के साधन, शराब, ड्रग्स का का चलन भी उसी तेजी से बढ़ रहा है. आये-दिन पार्टियां, नाइट क्लब, डिस्को थेक जैसी चीजों ने मौके उपलब्ध कराये हैं कि पुरुष और स्त्री खुल कर अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकें. इन इच्छाओं में सेक्स प्रमुख है. कई बार ऐसे रिश्ते औफिस में प्रमोशन या बिजनेस में बड़े फायदे पहुंचाने लगते हैं. कभी-कभी पुरुष अपनी पत्नियों को अपने बिजनेस पार्टनरों से सम्बन्ध बनाने के लिए खुद ही मजबूर करते हैं, तो कई बार वाइफ स्वैपिंग के जरिये अतिरिक्त आनन्द प्राप्त करने की कोशिशें होती हैं. आर्थिक फायदे के लिए अपनी स्त्री को पराये मर्द को सौंपने की कहानियां भारत के ग्रामीण अंचलों से लेकर महानगरों तक खूब सुनायी देती हैं.

गर्भ निरोधक चीजों का बढ़ता इस्तेमाल

पहले जहां गर्भ ठहरने के डर से औरत किसी गैरमर्द से शारीरिक सम्बन्ध बनाने से हिचकती थी, वहीं अब गर्भ निरोधक गोलियों ने यह हिचक दूर कर दी है. ऐसे इंजेक्शन भी आ गये हैं जिन्हें छह महीने में एक बार लगवा लो, तो गर्भ ठहरने का कोई डर नहीं होता है. वहीं पुरुषों में कंडोम के इस्तेमाल ने उन्हें घर से बाहर शारीरिक सम्बन्ध कायम करने को आसान बना दिया है. कंडोम का इस्तेमाल इस डर को भी खत्म कर देता है कि पराई स्त्री से सम्बन्ध स्वास्थ्य की दृष्टि सुरक्षित नहीं है. अब उन्हें एड्स या यौनजनित रोगों का भय नहीं होता है.

पति का किसी और से अफेयर

पुरुषों के लिए घातक धंधेवालियां

कई बार पति का अफेयर शादी से पहले या बाद में किसी और महिला के साथ होता है, जिसकी वजह से वह अपनी पत्नी को कभी दिल से स्वीकार नहीं कर पाता है. ऐसे में महिला खुद को टूटा हुआ या छला हुआ महसूस करती है. पति से बदला लेने की भावना उसे पराये मर्द से सम्बन्ध बनाने के लिए उकसाती है. जिस व्यक्ति से भी उसे प्यार पाने की उम्मीद होती है वह उसके साथ शारीरिक रिश्ता जोड़ लेती है.

 

ऐसे बनाएं स्ट्फ्ड खीरा, जानिए रेसिपी

आमतौर पर आप खीरे को सलाद के तौर पर ही खाते हैं. पर आज आपको खीरे की एक रेसिपी बताएंगें, जो आपको खाने में काफी टेस्टी लगेगी. तो आइए जानते हैं, खीरे की इस नई रेसिपी को.

सामग्री

दो टमाटर (बारीक कटा हुआ)

पनीर (250 ग्राम कद्दूकस किया हुआ)

एक प्याज (पतले लंबे टुकड़ा में कटा हुआ)

चिकन सूप बनाने की आसान रेसिपी

तुलसी के पत्ते (7 से 8)

काली मिर्च पाउडर

नमक (स्वादानुसार)

खीरा (चार)

एक शिमला मिर्च (लाल, पीली और हरी)

आलू का रायता बनाने की विधि

बनाने की विधि

सबसे पहले खीरे को लंबा-लंबा काट लें और शिमला मिर्च को भी टुकड़ों में काट लें.

इसके बाद एक चम्मच की मदद से खीरे के बीज निकाल लें जिससे कि ये बीच में से खाली हो जाए.

अब एक कटोरी में पनीर , टमाटर, प्याज, तुलसी के पत्ते, काली मिर्च पाउडर और नमक डालकर अच्छे से मिक्स करें. (ये स्ट्फिंग का मिश्रण है)

खीरे में भरे और सर्व करें.

क्रिस्पी भुट्टे के पकौड़े

 

posted by- saloni

हेल्दी सलाद रेसिपी

सलाद में कई तरह के न्यूट्रिएंट्स होते हैं.और यह खाने में काफी हेल्दी होता है. तो आज आपको पालक-पनीर के सलाद की विधि बताते हैं, जिसमें पालक और पनीर दोनो काफी सेहतमंद है.

सामग्री

पालक उबला हुआ (डेढ़ कप)

पनीर टुकड़ों मे कटा हुआ (1/2 कप)

हरी मिर्च (1 टेबलस्पून बारीक कटी हुई)

टमाटर (1 कप बारीक कटा हुआ)

ब्रेकफास्ट में बनाएं हेल्दी और टेस्टी बनाना ब्रैड केक

चीनी पीसी हुई (1 टीस्पून)

चिली सौस (1 टीस्पून)

सोया सौस (1 टीस्पून)

नींबू का रस (1 टेबलस्पून)

झटपट बनाएं पनीर इडली

टोमैटो केचप (2 टेबलस्पून)

नमक (स्वादानुसार)

काली मिर्च पाउडर (आवश्कतानुसार)

बनाने की विधि

सबसे पहले एक बाउल में पालक और पनीर डालकर अच्छे से मिक्स कर लें.

अब इसमें टमाटर, हरी मिर्च और पीसी चीनी डालकर मिलाएं.

ऐसे फैमिली को परोसें गरमा-गरम चीज पोटैटो कौर्न बाइट…

फिर इसमें चिली सौस, सोया सौस, नींबू का रस, टोमैटो कैचप, नमक और काली मिर्च पाउडर मिलाएं.

अब तैयार है पालक पनीर सलाद. अभ इसे सर्विंग प्लेट में निकालकर सर्व करें.

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