23 वर्षीया रीना एक न्यायालय में कार्यरत है. उस की शादी पिछले वर्ष हुई थी. शादी के 2 महीने बाद रीना को पता चला कि उस का पति हेपेटाइटिस बी से संक्रमित है. इस धोखे और विश्वासघात ने रीना को अंदर तक तोड़ दिया. रीना के परिवार को यह डर है कि कहीं ऐसा न हो कि वह भी हेपेटाइटिस से संक्रमित हो जाए. अब रीना अपने पति से अलग होना चाहती है. उस का कहना है कि यदि उसे शादी से पहले ही इस बारे में बता दिया गया होता तो शायद वह वैक्सिनेशन लेती और सही प्रोटैक्शन का इस्तेमाल करती. उस का पति अब कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है.

मिनी 25 वर्ष की है. वह चेन्नई से नर्सिंग की पढ़ाई कर चुकी है. कुछ दिनों पहले मिनी को दिल्ली के एक कौर्पोरेट अस्पताल में नर्स की नौकरी के लिए बुलाया गया. मिनी आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार से है जो नर्स बनने की राह में उस की सब से बड़ी चुनौती थी. अस्पताल में अपौइंटमैंट से पहले मिनी को हैल्थ चैकअप कराना अनिवार्य था. मिनी की हैल्थ रिपोर्ट में वह हेपेटाइटिस बी वायरस पौजिटिव निकली. जब यह रिपोर्ट अस्पताल के एचआर डिपार्टमैंट में पहुंची तो उस ने मिनी की जौब अपौइंटमैंट को बिना किसी स्पष्ट कारण के होल्ड पर रख दिया.

मिनी बताती है, ‘‘अचानक से ही मैं नौकरी के लिए बेकार हो गई. जो भी मैं ने अब तक सीखा था उस का कोई मतलब नहीं रह गया, केवल इसलिए कि मुझे हेपेटाइटिस है. कई रातों तक मैं बस यही सोचती रही कि आखिर मुझे यह बीमारी क्यों हुई. मुझे पेट में कई बार दर्द रहता था. पर मैं ने गौर नहीं किया. उस का नतीजा मुझे अब दिख रहा है. मेरे मैडिकल प्रोफैशन में होने के बावजूद जब अस्पताल मेरे साथ ऐसा रवैया अपना रहा है तो उन आम लोगों को किन परेशानियों से गुजरना पड़ता होगा जो मेरी ही तरह हेपेटाइटिस से पीडि़त हैं.’’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...