एक समय था जब परदे केवल जरूरत के लिये ही घर में लगाए जाते थे. अब हालात बदल गए है. परदों का प्रयोग घर की खूबसूरती बढ़ाने के लिये किया जाता है. परदों का महत्व इंटीरियर के नए ट्रेंड में सबसे प्रमुख हो गया है.

परदे कमरे की दीवारों, खिड़कियों और दरवाजों की खूबसूरती बढ़ाने और उनमें नयापन लाने के लिये प्रयोग किये जा रहे हैं. इसलिए परदे अब बस परदे भर नहीं रह गए हैं. ‘इंटेरियो आर्च" की ओनर इंटीरियर डिजाइनर गरिमा मिश्रा कहती हैं ‘अब परदे अलग अलग डिजाइन, कपडे, रंग के बनने लगे है.

कुछ परदे कपड़ों के अलावा दूसरे मैटेरियल से भी बनने लगे हैं. यह पूरे कमरे के डिजाइन को बदल देते है. घर के ही नहीं औफिस और दूसरी जगहों पर भी परदों का स्टाइल पूरी तरह से बदल चुका है. इंटीरियर डिजाइनर गरिमा मिश्रा कहती हैं-

  • ‘परदों का चयन करते समय कमरे की दीवारों, खिड़कियों और दरवाजे पर किये गए रंग का पूरा ख्याल रखें. परदे का कपड़ा और उसका रंग बहुत महत्वपूर्ण होता है. परदों का डिजाइन जिस जगह पर परदा लगाया जा रहा हो उसके अनुसार चुने.
  • अगर बच्चों के कमरे में परदा लगाना हो तो उसका डिजाइन बच्चों की पसंद से मिलता जुलता हो. इंटीरियर का नया ट्रेंड यह है कि परदों का प्रयोग जब कमरें की खिडकियों पर हो रहा हो तो कारपेट के कलर के साथ भी उसका सही तालमेल रखा जाये. कुछ इंटीरियर डिजाइनर कारपेट के कलर से मैच खाता और कुछ उसके कलर से अलग कलर रखने की बात करते है. आजकल क्रीम और बादामी कलर ज्यादा चलन में है‘.
  • परदे के साथ ही साथ उसमें लगने वाली डोरी भी खूबसूरत होनी चाहिये. परदों को लगाने के लिये गोल्डन रौड का प्रयोग चलन में है. खिड़की या दीवार के पास परदें का बांधने के लिए खूंटी जैसी चीजों का प्रयोग भी कर सकती हैं. अब यह भी स्टाइलिश हो गई है. इसके अलावा परदों को हैंग करने के लिये स्टील के ऐससरीज का प्रयोग भी ट्रेंड में है. यह जल्दी खराब नहीं होते और मजबूती में भी सबसे अधिक होते हैं.
  • इंटीरियर डिजाइनर गरिमा मिश्रा कहती हैं ‘अगर आप चाहती हैं कि कमरे में परदा पड़े रहने का खूबसूरत अहसास हो और रोशनी भी आती रहे तो पारदर्शी कपड़े के परदे और नेट के परदों का प्रयोग भी कर सकती हैं.
  • कमरा छोटा हो तो प्लने और बड़ा हो तो फूलदार प्रिंट वाले परदे लगाये. हल्के रंगों के परदे लगाने से गर्मी का अहसास कम होता है. परदे के कपड़े के रूप में नेट, काौटन, सिल्क, लिनेन जैसी फैब्रिक का प्रयोग खूब हो रहा है.
  • परदे को बदलने के लिये उनके फटने का इंतजार न करें. साल में एक बार परदे जरूर बदल दें. अगर खिड़की और दरवाजे का साइज एक जैसा हो तो एक कमरे का परदा दूसरे कमरे में लगा कर परदों के नए होने का अहसास बना सकती हैं.

आजकल डिजाइनर परदों का प्रयोग चलन में है. यह कमरों के इंटीरियर को अलग लुक देते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...