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जान्हवी कपूर का फेदर ड्रेस में बोल्ड अवतार

फिल्म धड़क से बौलीवुड में डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर इस समय अपनी कुछ तस्वीरों को लेकर लोगों के बीच लाइम लाइट में बनीं हुई है. जान्हवी ने अपनी कुछ फोटोज अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की हैं. इन तस्वीरों में आप जान्हवी ने व्हाइट कलर के फेदर यानी पंखों से बनी एक शार्ट ड्रेस पहनी है. इस ड्रेस में जान्हवी ग्लैमरस और बोल्ड नजर आ रही हैं.

एक्ट्रेस जान्हवी कपूर अपने लुक्स और फैशन सेन्स को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. फिर चाहे उनका इंडियन लुक हो या वेस्टर्न लुक जान्हवी हर लुक में बेस्ट लगती है. वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी एक से बढ़ कर एक लेटेस्ट तस्वीरें अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर करती रहती हैं. उनके फैंस उनके फैशन को बहुत पसंद भी करते हैं.

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हाल ही में जान्हवी कपूर अपनी कुछ तस्वीरों को लेकर लोगों के बीच चर्चा में बनीं हुई हैं. दरअसल इन तस्वीरों में जान्हवी ने पंख का ड्रेस कैरी कर रखा था. अपने आप को मॉर्डन लुक देने के लिए जान्हवी ने फेदर (पंख) से बने एक वेस्टर्न व्हाइट कलर के ड्रेस को पहना हुआ है. उनकी इन मस्त तस्वीरों को उनके फैंस खूब पसंद कर रहे है. इन फोटोज पर खूब लाइक्स और कमेंट किए जा रहे हैं. लोगों ने जान्हवी के इस बोल्ड फैशन सेंस की तारीफ भी खूब हो रही है.

कुछ दिनों पहले ही जान्हवी ने शीशे से जड़ी साड़ी पहने हुए हौट फोटोशूट करवाया था. वहीं जान्हवी का बाथरौब फोटोशूट भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया था.

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अगर जाह्नवी के वर्कफ्रंट की बात करें तो जाह्नवी कपूर के हाथ में कई प्रोजेक्ट हैं. अब जाह्नवी साउथ सिनेमा में नजर आएंगी जिसमें वह साउथ इंडियन सिनेमा के सुपरस्टार विजय देवरकोंडा के साथ स्क्रीन शेयर करती नजर आ सकती है. साथ ही वह गुंजन सक्सेना की बायोपिक में भी दिखेंगी. इसके अलावा जाह्नवी फिल्म रुहीआफ्जा में भी दिखाई देंगी.

नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली में भारी बवाल, जामिया इलाके में हुए हिंसक झड़प की पूरी कहानी

नागरिकता संशोधन बिल अब कानून का रुप ले चुका है. पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. पूर्वोत्तर के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. हिंसक प्रदर्शन की आग असम, गुवाहटी के बाद केरल, हैदराबाद तक पहुंची. लेकिन यहां इतना उग्र प्रदर्शन नहीं हुआ. अब नंबर था बंगाल का. यहां पर प्रदर्शनकारियों ने पांच रेलगाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. खैर, इतना अच्छा रहा कि उस वक्त वो सभी ट्रेनें खाली पड़ी हुई थी. अब नंबर था राजधानी दिल्ली का. यहां जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा नागरिक संशोधन कानून के विरोध का मामला तूल पकड़ चुका है. रविवार शाम दिल्ली के जामिया नगर से लगे सराय जुलैना के पास डीटीसी की तीन बसों को आग लगाने से बात शुरू हुई और फिर राजधानी दहल उठी. जामिया के छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने यूनिवर्सिटी में घुसकर उनसे मारपीट की.

शुरुआत से समझिए

असल में दिल्ली के जामिया इलाके में छात्रों ने नागरिकता कानून के खिलाफ शुक्रवार को ही आंदोलन शुरू किया था. उस दिन पुलिस और छात्रों में हल्की नोंकझोंक भी हुई थी लेकिन बात बढ़ती गई और धीरे धीरे इस छात्रों के इस प्रदर्शन में ऐसे लोग भी शामिल हो गये जिन्हें उपद्रवी कहा जाता है.जामिया की वीसी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि हिंसा वाली प्रदर्शन का कॉल तो स्थानीय लोगों ने दिया था.

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रविवार को तकरीबन 12 बजे ओखला, शाहीन बाग से प्रदर्शनकारी जुटना शुरू हो गए. एक अनुमान के मुताबिक तकरीबन 30 से 40 हजार लोग वहां प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान कई मार्गों को रोका गया लेकिन तब तक प्रदर्शन हिंसक या उग्र नहीं हुआ था. इसके बाद लगभग दोपहर के दो बजे केबाद प्रदर्शनकारियों की ओर से जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बसों में तोड़फोड़ की गई. दिल्ली के ओखला, जामिया और कालिंदी कुंज वाले इलाके में सरकारी बसों को आग के हवाले करने की घटना सामने आई. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थराव किया, जिसके बाद अराजक तत्वों के जामिया मिलिया परिसर में होने के संदेह में पुलिस अंदर घुसी और कैंपस को खाली कराया. साथ ही कई छात्रों को हिरासत में लिया गया. इस दौरान छात्रों ने पुलिस पर बर्बरता करने का आरोप लगाया और जामिया कैंपस में हिंसा के खिलाफ रात 9 बजे से पुलिस मुख्यालय पर बैनर-पोस्टर के साथ विरोध प्रदर्शन करने पहुंच गए थे.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ ”आपात प्रदर्शन के तौर पर रविवार देर रात को सैकड़ों छात्र आईटीओ पर स्थित दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय पर पहुंच गए. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाए और विश्वविद्यालय में घुसने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. जेएनयू छात्र संघ के इस प्रदर्शन में जामिया, अंबेडकर विश्वविद्यालय के और अन्य छात्र भी शामिल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने मुख्यालय जाने वाली सभी सड़कों को अवरुद्ध कर दिया.

हिंसा और दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशन बंद होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के समीप हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर कई घंटों तक 13 स्टेशनों के प्रवेश एवं निकास द्वार बंद कर दिए. हिंसा के तुरंत बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने रविवार को दावा किया कि दिल्ली पुलिस के कर्मी बगैर इजाजत के जबरन विश्वविद्यालय में घुस गये और कर्मचारियों तथा छात्रों को पीटा तथा उन्हें परिसर छोड़ने के लिए मजबूर किया.

विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि पुस्तकालय के भीतर मौजूद छात्रों को निकाला गया और वे सुरक्षित हैं. इस बीच पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) चिन्मॉय बिस्वाल ने कहा कि जामिया की ओर से आ रहे लोग न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के समीप एकत्रित हुए और सड़क को अवरुद्ध कर दिया. करीब 1,500 प्रदर्शनकारियों ने इलाके को खाली करने की पुलिस की अपील नहीं मानी. पुलिस ने उन्हें खदेड़ने की कोशिश की जिसके बाद कुछ ने दोपहर करीब साढ़े तीन बजे आगजनी की. उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान चार बसों और दो पुलिस वाहनों को जला दिया गया. उन्होंने कहा कि इसमें छह पुलिसकर्मी और दमकलकर्मी घायल हुए है. उन्होंने गोलियां चलाए जाने के बारे में किए जा रहे दावों को खारिज कर दिया.

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दक्षिण दिल्ली में हिंसा होने के मद्देनजर डीएमआरीस ने जीटीबी नगर, शिवाजी स्टेडियम, पटेल चौक और विश्वविद्यालय समेत कई मेट्रो स्टेशनों के गेट रविवार शाम को कई घंटों के लिए बंद कर दिए. सूत्रों ने बताया कि जामिया मिलिया इस्लामिया के समीप नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस के बीच झड़प में करीब 35 घायल विद्यार्थियों को समीप के अस्पताल ले जाया गया.

सूत्रों ने बताया कि पुलिस जामिया मिल्लिया इस्लामिया के परिसर में घुस गई और विश्वविद्यालय के गेट बंद कर दिए ताकि ”बाहरी लोगों को पकड़ सके जो छिपने के लिए परिसर में घुस गए थे. हालांकि, विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने रविवार को दावा किया कि दिल्ली पुलिस के कर्मी बगैर इजाजत के जबरन विश्वविद्यालय में घुस गये और कर्मचारियों तथा छात्रों को पीटा तथा उन्हें परिसर छोड़ने के लिए मजबूर किया.

सोमवार को तड़के करीब तीन बजे दिल्ली पुलिस ने 6 घंटे हिरासत में रखने के बाद छात्रों को रिहा कर दिया. दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने भी उसके बाद अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया.

दिल्ली में उग्र प्रदर्शन के पीछे राजनीतिक साजिश की भी बू आ रही है. जिस तरह से अचानक भीड़ का इकट्ठा हो जाना. भीड़ के पास पत्थरों का होना. इस बात का एहसास दिलाता है कि इन सब के पीछे कोई न कोई राजनीतिकि साजिश भी थी. समाज सेवी और पेशे से वकील आशु खान ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्ला खान पर भड़काऊ भाषण देन का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने विधायक के साथियों पर भी तोड़-फोड़ करने का आरोप लगाया है. आशु खान ने पुलिस पर भी एक बस में आग लगाने और लड़कियों को पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगया है.

छोटी सरदारनी और विद्या महासंगम: सलमान के साथ एक्सपीरियंस को शेयर करते दिखे शो के सितारे

इस हफ्ते कलर्स के शो ‘छोटी सरदारनी और विद्या’ के महासंगम स्पेशल में चुलबुल पांडे यानी सुपरस्टार सलमान खान और सोनाक्षी सिन्हा अपनी नई फिल्म ‘दबंग 3’ का प्रमोशन करने पहुंचे. जहां सलमान और सोनाक्षी के साथ-साथ शो की पूरी कास्ट ने औनस्क्रीन के साथ-साथ औफस्क्रीन भी मस्ती की. छोटी सरदारनी की कास्ट ने इस खास एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कई फोटोज शेयर की हैं. आइए आपको दिखाते हैं दबंग खान के साथ स्क्रीन शेयर करने के बारे में क्या कहते हैं शो के सितारे…

मेहर ने शेयर की सलमान के साथ खास फोटो

मेहर यानी निमृत आहलूवालिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सलमान के साथ एक फोटो शेयर करते हुए एक प्यारा सा मैसेज भी लिखा. इसी के साथ सलमान के साथ अपने एक्सपीरियंस के बारे में कहा ” जब हम सभी को पता चला कि सलमान सर हमारे सेट पर आने वाले हैं तो पूरे सेट पर शादी का माहौल हो गया. उनसे मिलने के लिए सभी एक्साइटेड थे. सलमान सर के सेट पर आने के बाद पूरा माहौल ही बदल गया. उनकी शख्सियत में ही कुछ खास और अलग था. हर किसी के चेहरे पर खुशी थी. को-एक्टर के रूप में देखा जाए तो सलमान सर बहुत एंटरटेनिंग, फनी और अलग हैं. मैं सलमान सर के साथ ये एक्सपीरियंस कभी नही भूल सकती और गर्व से बोल सकती हूं कि हां मै सलमान खान से मिली हूं और उनसे बात की है.”

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परम भी नहीं रहे पीछे

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अपने इस खास एक्सपीरियंस को शेयर करने से परम भी पीछे नही रहे. परम ने कहा, ” सलमान अंकल के आने की खबर से मुझे इतनी खुशी हुई कि मुझे रातभर नींद ही नहीं आई. सेट पर आते ही उन्होंने सबसे पहले मुझे गले लगाया. जो मुझे बहुत अच्छा लगा. शूटिंग के दौरान भी सलमान अंकल ने मुझे बहुत बार गले लगाया और किस करते रहे. इसी के साथ परम ने सोनाक्षी सिन्हा के साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए लिखा,” P फौर परम विद सोनाक्षी सिन्हा, वह पल जब उन्होंने खास मेरे साथ फोटो खिंचवाने के लिए मुझे अपनी वैनिटी में बुलाया. लव यू सोनाक्षी मैम.”

सरब ने खास दोस्त चुलबुल के साथ शेयर की फोटो 

सरब ने अपने खास दोस्त चुलबुल पांडे यानी सलमान खान के साथ औनस्क्रीन और औफस्क्रीन फोटोज शेयर की. अपने खास एक्सपीरियंस के बारे में बताते हुए सरब यानी अविनेश रेखी ने कहा, ” सलमान सर का सेट पर आना बहुत खास था. जब मै पहली बार मुंबई आया था तो सलमान सर से मिलना चाहता था. मै सलमान सर की फिल्में देखकर बड़ा हुआ हूं. मैने अपने स्कूल के फंक्शन में ‘ओ ओ जाने जाना’ गाने पर डांस किया था और अब सलमान सर के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करना किसी सपने के सच होने जैसा है. सीनियर होने के बावजूद उन्होंने शूटिंग में पूरा साथ दिया. मै डांस स्टैप्स भूल गया था, लेकिन सलमान नहीं भूले. जो उन्हें ‘द सलमान खान’ बनाता है.”

कुलवंत कौर ने भी शेयर की फोटो

सलमान खान के साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए कुलवंत कौर ने लिखा- देखिये मेरे सबसे पसंदीदा विनम्र, Wonderful soul वाले सलमान खान जो हमारे शो छोटी सरदारनी के सेट पर पहुंचे. इसी के साथ कुलवंत कौर ने कहा, ” छोटी सरदारनी और विद्या के महासंगम स्पेशल की शूटिंग के लिए जब हमें करीब एक हफ्ते पहले पता चला की सलमान खान आ रहे हैं तो हमने तैयारियां शुरू कर दी. जब वह आए तो सभी खुश थे. पूरा सेट खुशियों से भरा हुआ था कि चुलबुल पांडे जी आ रहे हैं. वहीं उनके आने से ऐसा लगा कि वक्त थम गया है. सलमान का जो ‘440 वोल्ट’ का अपीयरेंस है वो देखकर सभी दंग रह गए. बहुत अच्छा लगा कि वह हमारे सेट पर आए और उन्होंने हमारे लिए बहुत प्यार दिखाया. हमारी बस यही चाहत है कि वह दोबारा हमारे सेट पर आएं.

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बता दें, सरब के खास दोस्त चुलबुल पांडे यानी सलमान खान ने छोटी सरदारनी और विद्या के महासंगम स्पेशल में मेहर की प्रेग्नेंसी का खुलासा कर दिया है. अब देखना है कि सलमान का ये खुलासा मेहर, सरब और परम को किस मोड़ पर ले जाता है. जानने के लिए देखते रहिए  ‘छोटी सरदारनी’, सोमवार से शनिवार, रात 7:30 बजे, सिर्फ कलर्स पर. 

दूरियों को मिटाता आपका प्यार

दो प्यार करने वाले कही भी रहे उनके प्यार में कमी नहीं आती, फिर भी ऐसा कोई नहीं चाहता हैं,लेकिन किसी कारणवस कई  बार नवविवाहित जोड़ी एवम् कपल्स को अपने पार्टनर से दूर रहना पड़ता है. हालात के साथ दोनो तरफ मिलने की आग लगी रहती है और इस मिलन के तड़प को समझने के लिए बस एक ही काम बेहतर हैं.

भावनात्मक जुड़ाव

जो हर प्रकार के दूरियों को हर पल मिटाता है और आपको आपके पार्टनर से जुड कर रखता है. तों आईये जानते हैं, जब हमसफर हो दूर तो क्या करे:

हालात का सकारात्मक पक्ष देखे

अपने पार्टनर से दूर रहना किसी को पसंद नही है, फिर भी आगे आप लोगो के बीच दूरियां हो जाती है , तो हर समय उदास रहने के बजाय, दूरी के सकारात्मक पक्ष को देखे.  एक दूसरे की अहमियत को समझे. पार्टनर को अपने से दूर होने को अपनी ताकत बनाये और जंहा तक हो सके नकारात्मक सोच से.

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फोन पर हल्की- फुल्की बात करें

जब पार्टनर की याद सताए तो उसे फोन ना करें क्योंकि ये तो सभी करते है, जब पार्टनर आपसे दूरी पर तो उस समय आप उसे एक नियमावली बंध फोन करे. यानि फोन पर हल्की फुल्की बात करते रहे, बातों बातों में ये जानने की कोशिश करें कि आपके पार्टनर का मुड कैसा है. अगर आपको ऐसा लगे कि आज आपका पार्टनर दुखी है तो, उसे पूछे क्या हुआ , अगर वो नहीं बताना चाहता तो, किसी बात को लेकर शर्त एवं वादों की बात ना करें.

खास पलो को कैमरे में संजो कर रखें

जब आपसे कोई दूर होता है, उस वक्त उसकी यादें आपके साथ होती है. हर वो पल आपको सुखद अनुभूति प्रदान करते है. जिस पल में उस खास ने आपके लिए खास किया हो. जब आपका पार्टनर आपके पास हो तों कुछ खास पलो कों कैमरे में जरूर संजोएं. यह पल आपके लिए अकेलेपन के कुछ समय में काफी मददगार होंगे .

पढ़ें किताब और दूर करें अकेलापन

अकेलेपन दूर करने के लिए किताब पढना सबसे बेहतर माना जाता है. अपने मनपसंद किताबों कों पढ़े, नयी बातो को जाने एवं हो सके तो कुछ नयी किताबों का अध्धयन करें. इससे आपका खाली समय आसानी से कट जायेगा.

समाजिक एवम् परिवारिक दायरा बढ़ाये

अक्सर देखा गया है की जब लोग अपने पार्टनर दूर रहते है तो अकेले रहने ज्यादा पसंद करते है. लेकिन अकेले रहने की आदत उन्हीं के लिए नुकसान दायक होती है, जब आप अपने पार्टनर से दूर हो तो अकेले रहने के बजाये अपने परिवार के सदस्यों से मेल-जोल बढ़ाएं. आस-पास के पड़ोसियों एवं अपनी पसंदीदा सहेलियों से मिले. इन मुलाकात में आप सकारात्मक रुख रखे. यह सामाजिक एवं पारिवारिक दायरा अपने लिए आगे चाल जर फायदेमंद होगा.

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अपने पार्टनर को सप्राइज दें

जब आप या आपका साथी बहुत दिनों के बाद आपसे मिलने आ रहा है , तो आप उसे कुछ खास गिफ्ट भेट करें. ताकि उनसे और नजदीक आप आये.

मिलते समय हर पल सकारात्मक रहें

जब कभी आप अपने पार्टनर से मिले, सकारात्मक रहे. यह कदापि ना करें कि मुलाकात की शुरुआत ही नकारात्मक बातो से करें. बहुत दिनों के बाद अपने पार्टनर से मिलने पर हर कोई खुश होता है , लेकिन कभी-कभी इन खुशियों में नकारात्मक बातो कों शामिल कर कई लोग उसे अंतिम मुलाकात में बदल देते है. आप हमेशा इससे बचे .

योगीजी का कालू कुत्ता

कालू लैब्राडोर नस्ल के उस काले कुत्ते का नाम है जो इन दिनों गोरखपुर के मठ की शान है. दान में मिला कालू उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रिय है, इसलिए वह हर समय सुर्खियों में रहता है. नवंबर के तीसरे सप्ताह में जब योगी आदित्यनाथ गोरखपुर गए तो उन्होंने शाकाहारी कालू को पुचकारते उसे पनीर के टुकड़े भी खिलाए. मंदिर प्रबंधन मानता है कि कालू योगीजी के लिए शुभ है क्योंकि उस के आने के 3 महीने बाद ही वे सीएम बन गए.  साबित हो गया कि किसी बड़े आदमी का कुत्ता होना या बनना भी कुत्ते के पूर्वजन्म के संचित पुण्यों का फल होता है.

योगी आदित्यनाथ का विदेशी नस्ल के कुत्ते से ही लगाव क्यों है, यह जरूर शोध का विषय है कि क्या देशी कुत्ते वफादार नहीं होते. अगर सचमुच यह कुत्ता शुभ है तो इसे 24 अक्तूबर के पहले महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के पास भेज कर उन के समय को शुभ बनाया जा सकता था. अब इसे दिल्ली में मनोज तिवारी के पास भेज दिया जाए तो भाजपा दिल्ली में महाराष्ट्र जैसी फजीहत से बच सकती है.

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डिप्रैशन में हैं मायावती

‘कुछ न कुछ किया कर, पजामा फाड़ कर सिया कर’ वाली कहावत पर अमल करते बसपा प्रमुख मायावती इन दिनों पहाड़ से दिन गुजारने के लिए थोक में पदाधिकारियों का निष्कासन कर रही हैं. उन्होंने नवंबर में एकएक कर कई निष्ठावानों को यों ही चलता कर दिया, तो इस पर बचेखुचे बसपाई हैरान हैं कि ऐसे तो एक दिन पार्टी में अकेली बहनजी ही बचेंगी.

दलितों की राजधानी कहे जाने वाले आगरा में निष्कासन की गाज ज्यादा गिरी. इस जिले से कभी बसपा ने भाजपा को दौड़ से बाहर ही कर दिया था. मायावती क्यों अपने गढ़ ध्वस्त कर रहीं हैं, इस का जवाब तो वही बेहतर दे सकती हैं, शायद वे दूसरों को इस का श्रेय नहीं देना चाहतीं. लेकिन बसपा के एक जमीनी नेता देवेंद्र कुमार चिल्लू की मानें तो जो पार्टी के लिए पैसों या चंदे का इंतजाम नहीं कर पाता उस पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा कर बाहर कर दिया जाता है और जो दे देता है, उसे फिर अंदर कर लिया जाता है.

पेरियार इफैक्ट

रामास्वामी पेरियार घनघोर नास्तिक थे जिन्होंने 70 के दशक तक ब्राह्मण और पंडापुरोहितवाद के चिथड़े ऐसेऐसे तर्कों से उड़ा कर रख दिए थे कि पूरे दक्षिण भारत, खासतौर से तमिलनाडु, के दलित उन्हें मसीहा मानने लगे थे. अभी भी उन के अनुयायी खासी तादाद में हैं. योगगुरु कहे जाने वाले रामदेव को जाने क्या सू झी कि उन्होंने बैठेठाले पेरियार को बौद्धिक और दलित आतंकवादी कह दिया. कह तो दिया, लेकिन बाद में दलितों की प्रतिक्रिया देख कर वे लड़खड़ा भी गए.

जगहजगह रामदेव के खिलाफ प्रदर्शन हुए और पेरियारवादियों ने पतंजलि के उत्पादों के बहिष्कार की भीष्म प्रतिज्ञा भी कर डाली. गरीबी में गीला आटा इसी को कहते हैं. रामदेव पहले से ही अपनी कंपनी पतंजलि के घाटे को ले कर हैरानपरेशान हैं. लोग उन के उत्पाद खरीदना तो दूर की बात, उन के इश्तिहार देखने से भी कतराने लगे हैं. ऐसे में पेरियार की अतार्किक निंदा उन का घाटा और बढ़ाएगी.

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संसद से विरक्ति

अभी कुछ दिनों पहले ही मध्य प्रदेश कांग्रेस की एक दिग्गज नेत्री शोभा ओ झा ने भोपाल की साध्वी सांसद प्रज्ञा सिंह भारती को पागल तक कह डाला था. इस पर कुछ दिन प्रज्ञा शांत रहीं, लेकिन लोकसभा में वे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कह बैठीं तो इस पर खासा बवाल मच गया. बतौर सजा, भाजपा ने उन्हें रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से हटा दिया. इधर, विपक्ष इस मांग पर अड़ा रहा कि प्रज्ञा को लोकसभा से ही बाहर कर दिया जाए.

सोचना बेमानी है कि प्रज्ञा भारती जैसी सांसद से भाजपा को कोई परेशानी होती है. उलटे, उन से इस तरह की बातें कहलवाई जाती हैं ताकि आम लोगों की प्रतिक्रिया देखी जा सके कि अब और कितने लोगों ने गोडसे दर्शन से इत्तफाक रखा. हिंदुत्व के पैरोकार सोशल मीडिया पर खूब प्रचार करते रहते हैं कि गोडसे ने गांधी की हत्या क्यों की थी. प्रज्ञा भारती तो एक बहुत बड़े व दीर्घकालिक षड्यंत्र का हिस्सा या मोहरा भर हैं.

घर पर बनाएं सब्जियों की तहरी

सब्जियों की तहरी सब्जियों में मसालों को एक साथ मिलाकर बनाई गई लाजवाब डिश है. यह उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय है.डिनर पार्टी में भी आप इसे सर्व कर सकते हैं.

1 कप चावल

2 गाजर

10 बीन्स

1/2 कप दही

2 टी स्पून पीली मिर्च पाउडर

1 टी स्पून हल्दी पाउडर

8-10 हरी मिर्च, कटा हुआ

3 टी स्पून अदरक, कटा हुआ

1 टी स्पून हरी इलाइची पाउडर

1 टी स्पून जावित्री पाउडर

1/2 कप क्रीम

2 आलू

100 ग्राम ताजी मटर

1 टेबल स्पून सरसों का तेल

2 टी स्पून जीरा

2 टी स्पून लहसुन का पेस्ट

1/2 कप कसूरी मेथी

नमक (स्वादानुसार)

पानी (आवश्यकतानुसार)

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बनाने की वि​धि

चावल को दोगुने पानी में 20 मिनट के लिए भिगो दें.

गाजर, बीन्स और आलू को ​छीलकर छोटे और तिरछे टुकड़ों में काट लें.

एक पैन में पानी उबाल लें, इसमें नमक, आलू, गाजर, मटर और बीन्स को डालकर हल्का ब्लांच कर लें. एक बार जब यह उबल जाए तो इन्हें ठंडे पानी से धो लें.

एक बर्तन में सरसों का तेल डालकर गर्म करें, इसमें जीरा, लहसुन पेस्ट, कसूरी मेथी के पत्ते डालकर भूनें.

पानी डालकर इसे एक मिनट के लिए पकाएं और इसमें सब्जियां और नमक डालें फिर कुछ देर के लिए पकाएं.

अब इसमें दही, पीली मिर्च, हल्दी पाउडर डालकर 5 से 10 मिनट के लिए पकाएं और पानी डालें और कुछ देर इसे उबलने दें.

इसमें हरी मिर्च, अदरक, इलाइची पाउडर, जावित्री पाउडर और चावल डालें.

इसे अच्छे से चलाएं और आंच को धीमा कर दें और ढक कर इसे कुछ देर पकने दें.

एक बार जब चावल पक जाए तो इसमें क्रीम डालकर भूनें और इसे गर्मागर्म सर्व करें.

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काम के बीच लें झपकी

कोई व्यक्ति 24 घंटे चुस्त नहीं रह सकता. कम से कम 8 घंटे की नींद शरीर और दिमाग को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए बहुत ही जरूरी है, मगर दिन में काम के दौरान महसूस होने वाली छोटीछोटी नींद को भी हरगिज नजरअंदाज न करें.

अकसर औफिस में लंच के बाद आलस्य या नींद हावी हो जाती है. ऐसे में कुछ काम करते ही नहीं सूझता. बारबार आंखें बंद हो जाती हैं. मन करता है कि कोई एकांत कोना मिल जाए जहां कुछ देर की झपकी ले जी जाए. वैज्ञानिक इसी झपकी को पौवर नैप कहते हैं, जिसे ले लेना बहुत जरूरी है. इस से आप का काम बिलकुल भी प्रभावित नहीं होता है, बल्कि पौवर नैप लेने के बाद आप दोगुनी ऊर्जा के साथ तेजी से अपना काम निबटा सकते हैं.

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आप को फिर से तरोताजा करने वाली पौवर नैप जरूरत के अनुसार 10 मिनट, 20 मिनट या फिर एक घंटा तक की हो सकती है. आदर्श पौवर नैप 20 मिनट की मानी जाती है. लगातार 8 घंटे काम करने के दौरान कुछ देर के लिए ली गई एक पौवर नैप आप को दोबारा रीचार्ज कर देती है और आप बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं.

इंसान पूरे दिन में 2 बार ऐसा महसूस करता है कि उसे नींद आ रही है. यह मानव शरीर का स्वभाव है. आप चाहें भी तो इसे रोक नहीं सकते. दिन में ली गई एक झपकी वास्तव में पूरी रात की नींद के बराबर आप को एनर्जी देती है.

अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार,

26 मिनट तक कौकपिट में सोने वाला पायलट बाकी पायलटों की तुलना में 54 प्रतिशत सतर्क और नौकरी के प्रदर्शन में 34 प्रतिशत ज्यादा बेहतर देखा गया है. नासा में नींद के विशेषज्ञों ने नैप के प्रभावों पर शोध करने पर पाया कि नैप लेने से व्यक्ति के मूड, सतर्कता और प्रदर्शन में काफी सुधार होता है.

10 मिनट की झपकी आप को पूरी रात की नींद जैसा फ्रैश महसूस करवा सकती है. आप 10 से 20 मिनट के बीच ली गई पौवर नैप से बिना सोए रातभर की नींद जैसा फायदा उठा सकते हैं. खास बात यह है कि 10 मिनट की झपकी लेने से मांसपेशियों के बनने से ले कर याददाश्त के मजबूत होने तक में सहायता मिलती है.

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दोपहर के वक्त लंच के बाद 20 से 30 मिनट की पौवर नैप सब से अच्छी है, मगर ज्यादा नींद आती हो, तो भी एक घंटे से ज्यादा नहीं सोना चाहिए, वरना आप के शरीर की जैविक घड़ी प्रभावित हो जाएगी और रात की नींद में खलल पड़ेगा.

नैप के लिए शांत कोना ढूंढ़ें

पौवर नैप से अधिकतम लाभ पाने के लिए आप को एक शांतिपूर्ण, ठंडी और आरामदायक जगह ढूंढ़नी चाहिए, जहां दूसरे लोग आप को परेशान न करें. औफिस में कौन्फ्रैंस रूम का कोना हो या कार पार्किंग स्थल, 10 से 15 मिनट यहां खामोशी से आंख बंद कर के बिताए जा सकते हैं. लगभग 30 प्रतिशत कौर्पोरेट औफिस में लंच के बाद एम्प्लाइज को आधा घंटे का वक्त पौवर नैप के लिए दिया जाता है. इस से उन के काम की गति और क्षमता में बढ़ोतरी होती है.

अगर आप किसी स्कूलकालेज में पढ़ाते हैं, तो वहां की लाइब्रेरी इस काम के लिए सब से बेहतर जगह है. वहां शांति और खाली जगह होती है. आप सड़क पर जा रहे हों और आप को झपकी लगी हो तो किसी पार्किंग स्थल पर कार खड़ी कर के 10-15 मिनट की झपकी ले लेनी चाहिए.

अकसर देखा गया है कि कार ड्राइव करने वाले लोग नींद आने पर तंबाकूगुटका का सेवन नींद भगाने के लिए करते हैं, जो सेहत के लिए बहुत खतरनाक है. बेहतर है कि नींद आने पर किसी सेफ जगह पर गाड़ी खड़ी कर के झपकी मार ली जाए. इस से नींद तो भागती ही है, शरीर और दिमाग पहले से अधिक ऊर्जा महसूस करने लगते हैं.

कम रोशनी का स्थान चुनें

पौवर नैप लेते वक्त लाइट औफ कर दें. बेहतर हो कि आप कोई अंधेरा कमरा चुनें ताकि आंख बंद करते ही आप को नींद आ जाए. अंधेरा होने से आप की आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलेगा और दिमागी तनाव भी दूर होगा. यदि अंधेरा स्थान उपलब्ध न हो तो आप स्लीपमास्क या धूप का चश्मा आंखों पर चढ़ा लें और आराम से सो जाएं. इस के अलावा जिस जगह आप पौवर नैप लें, वह स्थान बहुत गरम या बहुत ठंडा नहीं होना चाहिए. आप की नैपिंग आरामदायक हो, इसलिए एक शीतल लेकिन आरामदायक जगह तलाश करिए.

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शांतिदायक संगीत सुनें

रिलैक्सिंग म्यूजिक आप के दिमाग को सही स्थिति में ला सकता है. यदि आप अपनी कार में पौवर नैप ले रहे हैं, तो कोई हलका संगीत लगा लें, इस से नींद अच्छी आती है. अगर आप काम की वजह से ज्यादा तनाव में हैं और आंख बंद करने पर भी आप को नींद नहीं आती है तो कुछ व्यायाम करें. आंख बंद कर के एक से सौ तक गिनती गिनें या कोई मनपसंद गीत गुनगुनाएं. इस के बाद आप को जल्द ही नींद आ जाएगी और जागने पर दिमाग तनावमुक्त महसूस होगा.

नैप की अवधि

आप खुद तय करें कि आप कितनी देर तक नैप लेना चाहते हैं. एक पौवर नैप 10 से 30 मिनट के बीच की होनी चाहिए. वैसे तो, छोटे और लंबी नैप्स भी विभिन्न लाभ प्रदान कर सकती हैं. आप का शरीर खुद आप को बता देगा कि आप को कितनी देर तक नैप लेनी है. बस उस समयसीमा का पालन आप हर दिन समान रूप से करें. यदि आप के पास अधिक समय नहीं है, लेकिन आप इतनी नींद में हैं कि आप जो कुछ भी कर रहे हैं, उसे जारी नहीं रख पा रहे हैं, तो 2 से 5 मिनट की नैप, जिसे ‘नैनो नैप’ कहा जाता है, लें. यह आप को नींद से निबटने में मदद कर सकती है.

5 से 20 मिनट के लिए नैप आप की सतर्कता, स्टैमिना, और मोटरपरफौर्मेंस बढ़ाने के लिए बहुत अच्छी होती है. इन नैप्स को ‘मिनी-नैप्स’ के रूप में जाना जाता है. 20 मिनट की नींद बहुत आदर्श नैप मानी जाती है. एक पौवरनैप मस्तिष्क को अपने शौर्टटर्म मैमोरी में एकत्रित अनावश्यक जानकारी से छुटकारा पाने में भी मदद करती है और मसलमैमोरी में सुधार भी लाती है. 20 मिनट की पौवर नैप से आप के नर्वस सिस्टम में मौजूद इलैक्ट्रिकल सिग्नल्स आप को अधिक आराम किया हुआ और सतर्क महसूस कराने के अलावा आप के मसलमैमोरी में शामिल न्यूरौन्स के बीच के संबंध को मजबूत भी करती है, जिस से आप का मस्तिष्क तेजी से और अधिक सटीक तरीके से काम करने लगता है. यदि आप बहुत से महत्त्वपूर्ण तथ्यों को याद करने की कोशिश कर रहे हैं, उदाहरणस्वरूप किसी परीक्षा के लिए, तो पावर नैप लेनी विशेषरूप से उपयोगी हो सकती है.

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पौवर नैप से पहले कौफी पिएं

यह बात अजीब लग सकती है कि पौवर नैप से पहले कौफी पिएं क्योंकि कौफी का इस्तेमाल नींद को दूर भगाने के लिए किया जाता है. परंतु 20 मिनट की पौवर नैप लेने से पहले अगर आप कौफी का एक प्याला पी लेते हैं तो यह कौफी आप के शरीर में तुरंत अवशोषित नहीं होती है.

कौफी पहले आहार नाल से गुजरती है और फिर शरीर में अवशोषित होने में उसे 45 मिनट का वक्त लगता है. इस दौरान आप 20-25 मिनट की पौवर नैप ले लें तो जागने के बाद शरीर में मौजूद कौफी आप को और ज्यादा ताजगी से भर देगी और आप दोगुनी ऊर्जा के साथ अपने काम का संचालन कर सकते हैं. इस प्रयोग से आप 7 से 8 घंटे तक बिना रुके काम कर सकते हैं.

एक लड़की ऐसी भी : भाग 1

किसी लड़के से लड़की को और लड़की को लड़के से प्यार होना स्वाभाविक होता है. काजल ने हरिमोहन से प्यार कर के कोई गुनाह नहीं किया था. लेकिन प्यार की मंजिल तक पहुंचने के लिए उस ने जो किया, वह गुनाह था.

आखिर काजल ने…

उस दिन तारीख थी 10 सितंबर, 2019 और समय था शाम के करीब 5 बजे का. गोरखपुर जिले के चौरीचौरा के ओमनगर में रहने वाले शिक्षक अनिल कुमार पांडेय विद्यालय से थकेमांदे घर लौटे थे. बड़ी बेटी सुमन पिता के लिए चायनाश्ते का इंतजाम करने लगी.

नाश्ता कर के अनिल आराम करने के लिए अपने कमरे में चले गए. तभी उन के वाट्सऐप पर एक मैसेज और कई फोटो आए. मैसेज में लिखा था, ‘मैं ने तुम्हारी बेटी से बदला ले लिया है. उस की हत्या कर के लाश ऐसी जगह फेंक दी है कि तुम सात जन्मों तक भी नहीं ढूंढ पाओगे.’

अनिल पांडेय सोचने लगे कि यह भद्दा मजाक किस ने किया है. लेकिन जब उन्होंने मैसेज के साथ आए फोटो को ध्यान से देखा तो वह सन्न रह गए. उन के हाथ से मोबाइल छूटतेछूटते बचा. जो 3-4 फोटो वाट्सऐप पर आए थे, वे उन की दूसरे नंबर की बेटी काजल के थे.

फोटो देखने से साफ पता चल रहा था कि किसी ने काजल की हत्या कर के लाश जंगल में कहीं फेंक दी है. उस के सिर से खून निकल रहा था. मुंह और दोनों पैर किसी कपड़े से बंधे थे. उस के दोनों हाथ भी पीछे की ओर बंधे हुए थे.

हड़बड़ाए से अनिल मोबाइल ले कर पत्नी के पास पहुंचे. बच्चों को आवाज दे कर अपने पास बुलाया. उस समय उन के चेहरे की रंगत उड़ी हुई थी और सांसों की रफ्तार तेज हो चली थी. पत्नी ने उन की इस हालत के बारे में पूछा तो उन्होंने पत्नी की ओर मोबाइल फोन बढ़ा दिया.

पत्नी और बच्चों ने जब वाट्सऐप पर काजल की लाश की फोटो देखीं तो उन की आंखें फटी रह गईं और मुंह से चीख निकल गई.

घर में रोनापीटना शुरू हो गया. अनिल पांडेय के घर में अचानक रोना सुन कर पासपड़ोस के लोग भी उन के यहां पहुंच गए. जब उन्हें पता चला कि काजल की हत्या हो गई है, तो सभी के चेहरों पर दुख की छाया उतर आई.

पड़ोसियों ने पांडेयजी को सुझाया कि यह पुलिस केस है, इसलिए पुलिस को यह सूचना दे देनी चाहिए ताकि वे काजल की लाश का पता लगा सकें.

उन की सलाह पर अनिल पांडेय पड़ोसियों के साथ चौरीचौरा थाने पहुंच गए. उस समय शाम के करीब 7 बज रहे थे. थानाप्रभारी नीरज राय थाने में मौजूद थे. अनिल पांडेय ने सारी जानकारी थानाप्रभारी को दे दी.

थानाप्रभारी ने वाट्सऐप पर आई तसवीरों को गौर से देखा. इस के बाद उन्होंने अनिल पांडेय से पूछा कि उन्हें किसी पर कोई शक है? तब अनिल पांडेय ने पड़ोस में रहने वाले 3 युवकों के नाम बता दिए, जिन पर उन्हें शक था. उन्होंने बताया कि इन से उन का पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा था. विवाद के चलते उन युवकों ने धमकी दी थी कि वे उन के परिवार वालों की हत्या कर देंगे.

थानाप्रभारी नीरज राय ने बिना समय गंवाए अनिल पांडेय की निशानदेही पर तीनों युवकों को उन के घरों से हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए थाने ले आए. तीनों युवक पांडेयजी के पड़ोसी थे.

पुलिस ने तीनों युवकों से पूरी रात सख्ती से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान कोई ऐसी वजह निकल कर सामने नहीं आई जिस से यह साबित होता कि काजल की हत्या उन्हीं तीन युवकों ने की है. तब पुलिस ने उन्हें कड़ी हिदायत दे कर छोड़ दिया.

अगले दिन सुबह अनिल पांडेय यह पता लगाने थाने पहुंचे कि उन तीनों ने किस वजह से बेटी की हत्या की थी, उन्होंने क्या बताया? थानाप्रभारी नीरज राय ने अनिल को बताया कि युवकों से काजल की हत्या की कोई ऐसी बात नहीं पता चल सकी, जिस से उन की संलिप्तता दिखती. फिलहाल उन्हें हिदायत दे कर छोड़ दिया गया है. यह सुन कर अनिल पांडेय मायूस हो गए.

इसी बीच पुलिस को कहीं से एक चौंकाने वाली खबर मिली. सूचना यह थी कि बीते दिन 2 युवकों को काजल का अपहरण करते देखा गया था.

इस जानकारी के बाद अनिल पांडेय ने भोपा बाजार चौराहा स्थित एक मोबाइल दुकानदार अनूप जायसवाल और उस के कर्मचारी विजय पाठक पर अपहरण कर बेटी की हत्या किए जाने की नामजद तहरीर थानाप्रभारी को दे दी. इस के पीछे एक खास वजह थी.

अनिल पांडेय ने बताया कि काजल और विजय पाठक के बीच कई दिनों से किसी बात को ले कर गहरा विवाद चल रहा था. संभव है उसी विवाद के चलते विजय और दुकानदार ने मिल कर बेटी का अपहरण किया हो और उस की हत्या कर लाश जंगल में फेंक दी हो. अनिल पांडेय की इस बात में थानाप्रभारी को दम नजर आ रहा था.

अनिल पांडेय की इस तहरीर पर पुलिस ने विजय पाठक और दुकान मालिक अनूप जायसवाल के खिलाफ अपहरण और हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने दोनों को भोपा बाजार स्थित मोबाइल की दुकान से हिरासत में ले लिया.

काजल की हत्या की सूचना थानाप्रभारी ने एसएसपी डा. सुनील गुप्ता, सीओ (चौरीचौरा) सुमित शुक्ला को पहले ही दे दी थी और वह उन्हीं अधिकारियों के दिशानिर्देश पर फूंकफूंक कर कदम रख रहे थे.

दुकान मालिक अनूप जायसवाल ने पूछताछ में बताया कि काजल को दुकान पर काम करने के लिए विजय पाठक ले कर आया था. वह मेहनती लड़की थी. इस से ज्यादा वह काजल के बारे में कुछ नहीं बता सका.

विजय ने पुलिस को बताया कि वह पांडेय जी के पड़ोस में रहता है. इस वजह से उन के परिवार को अच्छी तरह जानता है. कुछ दिनों पहले काजल ने उस से कहा था कि वह कोई नौकरी करना चाहती है. इस पर उस ने अपने दुकान मालिक से बात कर के काजल को उसी की दुकान पर नौकरी दिला दी थी.

कुछ दिनों बाद काजल की बड़ी बहन सीमा ने भी काम करने की इच्छा जाहिर की और कहा कि जहां काजल काम करती है, उसी दुकान पर उस की भी नौकरी लगवा दे. जब इस बात की जानकारी काजल को हुई, तो वह मुझ से झगड़ने लगी थी.

उस ने कहा था कि उस की बहन को यहां नौकरी पर न रखवाए, नहीं तो इस का अंजाम बहुत बुरा होगा. इसी बात को ले कर उस के और मेरे बीच मतभेद हो गया था. इस बारे में चाहें तो आप सीमा से पूछ लें. पुलिस ने सीमा से पूछताछ की तो उस ने भी विजय की बातों का समर्थन किया.

इस से एक बात तो तय हो गई थी कि विजय पाठक जो कह रहा था, वह सच था. लेकिन काजल की लाश वाली तसवीर झुठलाई नहीं जा सकती थी.

इस सब से पुलिस इस सोच में फंस कर रह गई कि काजल की हत्या अनूप और विजय ने नहीं की तो फिर किस ने की? आखिर यह माजरा है क्या. हत्या की गुत्थी को कैसे सुलझाया जाए. सोचविचार के बाद पुलिस ने कानूनी काररवाई कर के अनूप जायसवाल और विजय को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

घटना के तीसरे दिन यानी 12 सितंबर, 2019 को सीओ सुमित शुक्ला ने थानाप्रभारी नीरज राय और स्वाट टीम के प्रभारी के साथ अपने कार्यालय में एक मीटिंग की. मीटिंग में तय हुआ कि काजल हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए काजल के मोबाइल फोन की घटना से 15 दिनों पहले तक की काल डिटेल्स निकलवा कर जांच की जाए. घटना के खुलासे के लिए काल डिटेल्स ही आखिरी सहारा थीं.

‘छोटी सरदारनी’ और ‘विद्या’ महासंगम: इनकी जिंदगी में कौन सा नया मोड़ लाएगा चुलबुल पांडे

कलर्स के शो ‘छोटी सरदारनी’ और ‘विद्या’  में आज रात होने वाले महासंगम में फैंस के लिए कई दिलचस्प ट्विस्ट आने वाले हैं. जहां सरब के दोस्त चुलबुल पांडे यानी की सुपरस्टार सलमान खान नजर आएंगे तो वहीं मेहर की जिंदगी से जुड़ा एक खुलासा भी इस महासंगम में होने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा इस महासंगम एपिसोड में खास…

चुलबुल पांडे का होगा शो में स्वागत

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छोटी सरदारनी और विद्या के इस महासंगम में सरब के खास दोस्त चुलबुल पांडे की एंट्री एक अनोखे अंदाज में होगी.

विद्या और छोटी सरदारनी का महासंगम

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विद्या की इंग्लिश टीचर बनने की कहानी में जिस तरह विवेक ने विद्या का साथ दिया है, इससे इन दोनों का रिश्ता और मजबूत हो गया है. विद्या और विवेक के बीच कुछ खास है लेकिन विद्या को इसका एहसास नही है. अब जानना ये है कि क्या टिप देंगे इन दोनों को चुलबुल पांडे उर्फ सलमान खान .

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परम होगा एक्साइटेड

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सरब अपने खास दोस्त चुलबुल पांडे का पार्टी में वेलकम करेगा और कहेगा कि परम और मेहर उनके बहुत बड़े फैन है.

मेहर की जिंदगी से जुड़ा खुलासा करेंगे चुलबुल पांडे

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इस खास एपिसोड में आप देखेंगे कि चुलबुल पांडे की एंट्री होने के साथ मेहर की जिंदगी से जुड़ा खुलासा करेंगे, जिसके बाद पूरा गिल परिवार हैरान होता हुआ नजर आएगा.

डांस का लगेगा तड़का

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छोटी सरदारनी और विद्या के किरदार चुलबुल पांडे यानी सलमान खान के साथ ‘हुड़-हुड़ दबंग’ और ‘मुन्ना बदनाम’ सौंग्स पर डांस करते हुए नजर आएंगे.

 

 

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अब देखना ये है कि मेहर की जिंदगी से जुड़े कौनसे बड़े राज का खुलासा करने वाले हैं चुलबुल पांडे, जिससे मेहर, परम और सरब की जिंदगी में आएगा नया मोड़. इसी के साथ विद्या और विवेक को चुलबुल पांडे कौन सी एडवाइस देंगे. इस धमाकेदार महासंगम का हिस्सा बनने के लिए देखना ना भूलें ‘छोटी सरदारनी और विद्या महासंगम स्पेशल’ आज रात 7:00 से 8:00 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

लगातार 3 फिल्मों में छाने वाली इस एक्ट्रेस के लिए ये साल रहा खास

बौलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर इस साल खूब कामयाबी बटोर रही है. उनके लिए साल 2019 खास रहा इस साल भूमि  एक के बाद एक लगातार 3 हिट फिल्मों की हैट्रिक लगा चुकीं है. भूमि की ये फिल्में हैं, ‘बाला’, ‘सांड की आंख’ और ‘पति पत्नी और वो’. तीनों ही फिल्मो को दर्शकों को जमकर प्यार मिल रहा है हिंदी सिनेमा में दशकों बाद ऐसा हुआ है कि किसी हीरोइन की तीन फिल्में एक ही समय सिनेमाघरों में हिट चल रही हैं.

आपको बता दे भूमि की अब तक कुल सात फिल्में रिलीज हुई हैं और इनमें से छह हिट रही हैं. अपनी हर फिल्म में एक अलग किरदार निभा कर फैंस के दिल में खास जगह बना ली है इन दिनों भूमि के फिल्म पति पत्नी और वो में निभाए गए एक मॉडर्न बीवी के किरदार को लोग काफी पसंद कर रहे है है, इससे पहले फिल्म बाला  में और सांड की आंख में भी भूमि ने किरदार के हिसाब से अपने लुक्स में बदलाव करके दर्शकों को चौंकाया था.

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हिंदी सिनेमा में करियर की शुरूआत में ही ऐसी कामयाबी पाने वाली वह पहली अभिनेत्री बन चुकी हैं. दरअसल हिंदी सिनेमा में दशकों बाद ऐसा हुआ है कि किसी हीरोइन की तीन फिल्में एक ही समय सिनेमाघरों में सफलता के साथ चल रही हैं. भूमि की ये फिल्में हैं, ‘बाला’, ‘सांड की आंख’ और ‘पति पत्नी और वो’. तीनों ही फिल्मो को दर्शकों को जमकर प्यार मिला था

इन दिनों भूमि के फिल्म ‘पति पत्नी और वो’ में निभाए गए एक मौडर्न वाइफ के किरदार की खूब तारीफ हो रही है, इससे पहले फिल्म ‘बाला’ में उन्होंने एक डार्क स्कीन वाली लड़की का किरदार निभाया था जिसे समाज में रंग के चलते बेइज्जती का सामना करना होता है. और वही फिल्म ‘सांड की आंख’ में शूटर दादी बनीं नज़र आई थीं. भूमि ने अलग किरदार के हिसाब से अपने लुक्स और एक्टिंग में बदलाव करके अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ दिए.भूमि पेडनेकर के लिए ये साल खास रहा.

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