भले ही हर जगह विरोध हो रहें हों लेकिन राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया. इसके पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े. पहले तो सेलेक्ट कमेटी को ये बिल जाएगा या नहीं इस पर वोटिंग हुई और फिर हुई फाइनल वोटिंग और बिल पास हो गया. राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद से ही नागरिकता संशोधन विधेयक कानून बन जाएगा.

कई शरणार्थियों ने खुशियां मनाई और एक-दूसरे को मिठाई खिलाई कि अब उन्हें नागरिकता मिल जाएगी. खुशियां भले ही हों लेकिन वहीं दूसरी ओर नागरिकता संशोधन बिल पर बवाल भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. असम में ये विरोध और भी ज्यादा हिंसक होता जा रहा है. असम के मुख्यंत्री सर्बानंद सोनोवाल विरोध प्रदर्शन के चलते गुवाहाटी एयरपोर्ट पर तकरीबन 20 मिनट तक फंसे रह गए. प्रदर्शनकारियों ने उनके घर को भी घेर लिया था.

ये भी पढ़ें- नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रोटेस्ट

हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने काफी कड़ी मशक्कत के बाद सर्बानंद सोनोवाल को वहां से निकाल लिया और प्रदर्शनकारियों को भी हटाया. ये हिंसा इस कदर बढ़ रही है कि लोग जगहों पर आगजनी कर और तोड़ फोड़ कर रहे हैं. बस को आग के हवाले कर दिया और तो और पुलिस को लोगों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. यहां पर शाम 7 बजे से 10 बजे तक इंटरनेट सेवाओं को भी बंद करने का आदेश दे दिया गया था. क्योंकि असम में सीएबी के खिलाफ प्रोटेस्ट और भी उग्र रूप ले चुका है.

वहां पर सेनाओं की तैनाती बढ़ा दी गई है. कल 11 दिसंबर को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश किया गया था और इस पर कई घंटों तक बहस चली. बहस के दौरान कपिल सिब्बल ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि मान लीजिए एक व्यक्ति 1972 में आया और अब उस व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके दो तीन बच्चे हैं, जो नागरिकता मांग रहे हैं तो आप किस आधार पर उनको नागरिकता प्रदान करेंगे. सिब्बल ने तो यहां तक कह दिया की आप संविधान की धज्जियां उड़ा रहें हैं. सिब्बल ने आगे कहा की हम 2 नेशन थ्योरी पर नहीं 1 नेशन थ्योरी पर विश्वास रखते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...