9 दिसंबर की रात को कई घंटे चली बहस के बाद सीएबी, नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास हो गया जिसके पक्ष में 311 वोट पड़े थें और विरोध में 80 वोट. अब इस बिल को बुधवार को राज्यसभा में पास किया जा सकता हैं, लेकिन इससे पहले ही इस बिल को लेकर कई जगह पर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है. इस बिल को लेकर संसद में हंगामा होना आम बात है लेकिन इस बिल के पास होने के बाद जगह-जगह कई शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ लोग जश्न मना रहें हैं तो कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं.असम, भापाल,कोलकाता, बिहार कई जगहों पर नागरिकता बिल को लेकर आगजनी,तोड़फोड़,पथराव और विरोध प्रदर्शन कर रहें हैं. गुवाहाटी, अगरतला समेत कई जगहों पर विरोध हो रहा है. लोकसभा में नागरिकता बिल पास होते ही ये विरोध शुरू होने लगा. जैसा की सभी जानते हैं कि असम में सबसे ज्यादा घुसपैठ होती है. इसके बावजूद भी वहां पर नागरिकता बिल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. इसे लोग संविधान के खिलाफ बता रहे हैं .इसको लेकर जंतर-मंतर पर जेडीयू कार्यालय में भी विरोध व तोड़फोड़ किया गया है. मुंबई में भी इस बिल के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

नागरिकता संशोधन बिल(CITIZEN AMENDMENT BILL) के पास हो जाने और कानून बनने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में जो भी व्यक्ति धर्म के कारण उत्पीड़न झेल रहा है और वहां से भागकर भारत आकर बसते हैं तो भारत उसको सीएबी(CAB) के तहत नागरिकता प्रदान करेगी,चाहे वो किसी भी धर्म के हों.लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि ये संविधान के खिलाफ है और इससे खतरा पैदा हो सकता है. इसलिए नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि ये धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिश की जा रही है जो कि सही नहीं है. जयपुर में प्रदर्शन के दौरान बिल की कापियां भी फाड़ी गई और उन्हें जलाया गया. इतना ही नहीं संसद में बहस के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी बात रखते हुए बिल की कौपी फाड़ दी थी. दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय और राउज एवेन्यू कोर्ट के पास भी कांग्रेस के लोगों ने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस बिल को लेकर सबसे ज्यादा विरोध असम में हो रहा है जबकि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस बिल का स्वागत किया है. अब देखना होगा कि इतने विरोध के बाद राज्यसभा में क्या होता है ?

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