हमेशा से समाज में शादी कर घर बसाने को युवाओं की जिम्मेदारी और जरुरत के रूप में देखा जाता रहा है. खास कर जो लड़कियां शादी नहीं करतीं उन्हें अजीब रिएक्शन दिए जाते हैं. लोग उन्हें डराना शुरू कर देते हैं कि आने वाले वक्त में तुम्हे अपने फैसले पर अफसोस होगा. मगर देखा जाए तो आज के समय में शादी उतना अनिवार्य नहीं जितना पहले था. आज लड़कियां अपने पैरों पर खड़ी हैं और खुद अपना ख्याल रख सकती हैं. आज उन्हें किसी सहारे की जरुरत नहीं.

  1. फाइनेंशियल सपोर्ट - आज के समय में लड़कियां काफी ऊंचे पदों पर पहुंच रही हैं. नाम और रुतबे के साथसाथ उन्हें अपने काम और काबिलियत की अच्छी कीमत भी मिल रही है. वे आर्थिक रूप से भी किसी पर निर्भर नहीं रहतीं. अपने बल पर अच्छी जिंदगी जी सकती हैं.

2. अकेलेपन का डर - अकेले होने और अकेलेपन में बहुत फर्क है. बहुत से शादीशुदा लोग भी अकेलेपन से बेहाल है. ये ऐसी घरेलू , सामाजिक महिलाएं होती हैं जिन के पति सुबह घर से निकलते हैं और देर रात वापस आते हैं. बच्चे थोड़े बड़े होते ही अपनी दुनिया में मशगूल हो जाते हैं. उन के लिए मां पुराने विचारों वाली पिछड़ी महिला होती है जिसे आज के समय की कोई बात पता नहीं होती. इसलिए बच्चे अपने हमउम्र दोस्तों या मोबाइल में वक्त बिताना ज्यादा पसंद करते हैं. वैसे भी स्कूल और ट्यूशन के बाद वे घर पर बहुत कम होते हैं. समय के साथ उन की जिंदगी में कोई खास भी आ चुका होता है और तब मां की उन की जिंदगी में बस यही अहमियत होती है कि घर आते ही उन्हें तरहतरह के स्वादिष्ट भोजन मिल जायेंगे. ऐसी महिलाएं पूरी जिंदगी अकेलेपन में गुजार देती है. उन के हाथ केवल रिमोट या बेलन ही रह जाता है. जब कि शादी न होने के बावजूद अच्छा करियर आप को आप को संतुष्टि और आत्मसम्मान देता है. आप अपनी इच्छा से फैसले ले पाती हैं, रूपए खर्च कर पाती हैं. जिंदगी अपने हिसाब से जी पाती हैं.

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