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#coronavirus: बिहारी भइया के आगे कोरोना फुस्स 

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते यूरोप और अमेरिका में काफी संख्या में लोगों की जान जा रही है, वहीं भारत में बिहारी मानुस के आगे कोरोना की ताकत फुस्स नज़र आ रही है. बिहार में इस वायरस से संक्रमित लोगों में इसका कम असर दिख रहा है.एक तरफ जहां विदेशों में कई मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है, अमेरिका, स्पेन, इटली और योरोप के कई देशों की हालत खराब है, वहां मरने वालों की तादात बढ़ती जा रही है, वहीँ भारत के बिहार राज्य में कोरोना मरीज़ों ने कोरोना को मुहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया है. एक खबर के अनुसार बिहार का सीवान जिला कोरोना की चपेट में है.यहाँ कोरोना के मरीज़ बढ़ते जा रहे हैं मगर ख़ुशी की बात ये है कि अधिकतर मरीज़ जल्दी ही ठीक होकर अपने घरों को लौट भी रहे हैं. जहां पूरी दुनिया में कोरोना से अपनी जाती साँसे बचाने के लिए वेंटिलेटर को ले कर मारामारी मची है, वहीं बिहार में अब तक किसी भी कोरोना मरीज को वेंटिलेटर या आईसीयू में रखने की जरूरत नहीं हुई है.बिहार के लोगों पर कोरोना आक्रमण तो कर रहा है मगर जल्दी ही पराजित हो कर भाग खड़ा हो रहा है। दरअसल मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू, दिमागी बुखार जैसी बीमारियों का सामना करते-करते बिहार के लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी मजबूत हो गई है कि उन पर कोरोना का वार खाली ही जा रहा है.

गौरतलब है कि पिछले दो दिनों में बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले अचानक बढे हैं. ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक बिहार में संक्रमण के 60 केस हो चुके हैं. लेकिन इनमें से 15 लोग पूरी तरह ठीक होकर अपने-अपने घर जा चुके हैं, जबकि अभी तक मात्र एक शख्स की ही जान गई है. बिहार में फैले कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बात और गौर करने वाली है. यहां अब तक जितने भी कोरोना संक्रमित मरीज आए हैं उन सबको केवल अलग वॉर्ड में क्वारंटीन करके और मलेरिया की दवाई खिलाकर ठीक किया जा रहा है.बिहार की राजधानी पटना के नालन्दा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है.यहां अबतक केवल दो कोरोना पॉजिटिव मरीज को इमरजेंसी वॉर्ड में शिफ्ट करने की नौबत आई है.

 

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हालांकि इस चीज़ पर कभी रिसर्च नहीं हुई कि बिहारियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता देश के अन्य राज्यों के निवासियों से अधिक है अथवा नहीं, लेकिन ये बात सौ फीसदी सही है कि बिहार में लोग साल के कई महीने कई तरह के वायरस का सामना करते हैं. डॉक्टर मान रहे हैं कि इस वजह से हो सकता है कि बिहारी मानस के शरीर में बेस्ट लाइन इम्यूनिटी सिस्टम डेवलप कर गया हो, जो कोरोना को मात दे रहा है.फोर्टिस अस्पताल की डॉक्टर नीना बहल कहती हैं कि इस बात की पूरी संभावना है कि कई वायरस को झेलने वाले बिहार के लोगों के शरीर में वायरस के क्रॉस कनेक्शन की वजह से हार्ड इम्युनिटी डेवलप हो गया है. इसलिए वे इस महामारी के असर से जल्दी बाहर निकल पा रहे हैं.

डॉक्टर नीना बहल कहती हैं कि बिहार के ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े लोग बचपन से ही कई तरह के वायरस का सामना करते हैं. इसलिए ऐसी संभावना है कि उनकी  रोग प्रतिरोधक क्षमता अमेरिका और यूरोपिय लोगों से अधिक है और इसीलिए उनको वेंटीलेटर की आवश्यकता भी नहीं पड़ रही है.हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि यह शोध का विषय है इसलिए अभी किसी निष्कर्ष को बताना आसान नहीं है.

उल्लेखनीय है कि तराई एरिया होने के कारण बिहार में मलेरिया का काफी प्रभाव है.यहां हर साल भारी तादात में लोगों में मलेरिया की शिकायत होती है.ऐसे में जानकार यह भी मानते हैं कि मलेरिया का सामना करते-करते बिहार के लोगों की वायरस प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो गई है. यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज में मलेरिया की दवाई कारगर साबित हो रही है. अमेरिका ने भी भारत से मलेरिया की दवाई डिमांड की है.

 

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बिहार से जो खबर आ रही है उसने ये बात तय कर दी है कि अगर  कोरोना से बचना है तो अपने इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करना होगा. इस वक़्त कोरोना वायरस ने दुनियाभर में आतंक मचा रखा है. लेकिन यह भी सच है कि कोरोना आखिरी वायरस नहीं है, आगे भी कई जानलेवा वायरस आएंगे. जरूरी है कि आप अपनी इम्यूनिटी बढ़ाएं और खुद को अंदर से मजबूत बनाएं ताकि आप आसानी से बीमार न पड़ें.

 

सौगात: भाग 1

स्मिता तेज कदमों से चलती हुई स्टेशन की एक खाली बैंच पर बैठ गई. कानपुर वाली ट्रेन आने में अभी 2 घंटे बाकी थे. एक बार उस ने सोचा कि वेटिंगरूम में जा कर थोड़ा सुस्ता ले, पर फिर विचार बदल दिया. आज उस के दिल में जो खुशी का ज्वार फूट रहा था, उस के आगे कोई भी परेशानी माने नहीं रखती थी. स्मिता आज दिनभर की घटनाओं के क्रम और रफ्तार को सोच कर हैरान थी. आज सुबह ही ब्रह्मपुत्र मेल से 8 बज कर 25 मिनट पर कानपुर से इलाहाबाद पहुंची थी. होटल दीप में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इलाहाबाद के प्रसिद्ध व्यवसायी विपिन चंद्र की तरफ से स्मिता को निमंत्रणपत्र भेजा गया था. विपिन चंद्र पेशे से फैक्टरियों के मालिक होते हुए भी दिल से कवि और कलापारखी थे. वे साल में इस प्रकार के कवि सम्मेलन 1-2 बार आयोजित करते थे. ऐसे सम्मेलनों में वे जानेमाने कवियों के साथ उभरते नए कवियों को भी बुलाते थे, ताकि उन की कला को मंच मिल सके और आर्थिक रूप से भी उन की मदद हो सके. हमारे देश में आर्थिक तंगी से तंग हो कर कितनी ही प्रतिभाएं हर रोज दम तोड़ देती हैं. स्मिता सोचने लगी कि यह भी एक तरह का समाज कल्याण कार्य है.

सिविल लाइंस स्थित दीप होटल कुछ खास बड़ा नहीं था, परंतु पुराना और जानामाना अवश्य था. आटो वाले को दीप होटल का पता था इसलिए स्मिता को उस ने मात्र 20 मिनट में ही होटल के बाहर उतार दिया. स्मिता ने होटल में जा कर रिसैप्शनिस्ट को अपना परिचयपत्र और निमंत्रणपत्र दिखाया. रिसैप्शनिस्ट ने उसे लौबी में बैठाया और कहा, ‘‘मैं अभी मैनेजर साहब को खबर करती हूं.’’ स्मिता ने सोफे पर बैठते हुए सोचा, ‘कवि सम्मेलन के लिए मैं ही शायद सब से पहले आ गई हूं. स्टेशन पर बैठी रहती तो अच्छा था. सम्मेलन शुरू होने में अभी डेढ़ घंटा बाकी है. क्या करूंगी साढ़े 10 बजे तक?’ स्मिता ने सामने रखी पत्रिकाओं पर निगाह डाली और एक पत्रिका उठाने ही जा रही थी कि पीछे से किसी की आवाज आई, ‘‘आप को आने में कोई तकलीफ तो नहीं हुई न?’’

‘‘जी, नहीं,’’ कह कर स्मिता ने जैसे ही नजर घुमाई तो देखा सामने प्रणव खड़ा था. कोट पर लगे बिल्ले से पता चला, प्रणव ही मैनेजर था. स्मिता हैरान थी, उस का सहपाठी, प्रेमी प्रणव इस साधारण से होटल में मैनेजर था? कितनी तनख्वाह पाता होगा, 15-20 या 25 हजार? प्रणव तो इतना मेधावी छात्र हुआ करता था, और उस के आईएएस बनने की खबर भी तो आई थी, उस का क्या हुआ?

प्रणव ने स्मिता को पहचान कर कहा, ‘‘मेहमान कवियों में जब तुम्हारा नाम देखा तो मुझे जरा भी उम्मीद नहीं थी कि स्मिता तुम होगी, तुम तो मलिक थीं न?’’

‘‘हां, तो? 25 साल तक कुंआरी बैठी रहूं और पढ़पढ़ कर बुड्ढी होती रहूं? अरे भई, राम नरेश सहाय से मेरी शादी हुए 23 साल हो गए हैं,’’ स्मिता ने हंसते हुए कहा. अपनी गरिमा और गांभीर्य की चादर को उतार कर स्मिता अचानक पहले वाली कालेज गर्ल बन गई थी.

प्रणव ने कहा, ‘‘चलो, मेरे केबिन में चल कर बात करते हैं.’’ इतना कह कर प्रणव ने एक कर्मचारी को बुला कर चायनाश्ता मंगवाया और स्मिता के साथ केबिन में चला आया. होटल की तरह प्रणव का केबिन भी कुछ खास बढि़या न था. स्मिता और प्रणव दोनों टेबल के दोनों ओर आराम से बैठ गए. स्मिता ने पूछा, ‘‘तुम बताओ, यहां पर कैसे? मैं ने तो सुना था तुम एक बार टीवी के किसी ‘क्विज शो’ में गए थे. बाद में सुना तुम्हारा आईएएस में सलैक्शन हो गया है.’’

प्रणव मुसकरा कर बोला, ‘‘मेरे बारे में बड़ी खबरें रखती रहीं. कालेज में तो मुझे कभी भाव नहीं दिया.’’

‘‘सही कहा तुम ने, कभी भाव नहीं दिया, पर खबरें रखने में क्या जाता है?’’ स्मिता ने बात को बदल कर पूछा, ‘‘यह बताओ, तुम ने शादी की? इस होटल में कैसे नौकरी कर रहे हो? शक्ल तो देखो, अपनी उम्र से 10 साल बड़े लग रहे हो.’’ प्रणव ने हंस कर कहा, ‘‘जब से आई हो प्रश्नों की बौछार कर रही हो. एक बात तो तय है कि तुम्हें मेरी परवा पहले भी थी और अब भी है. हालांकि तुम ने अपने मुंह से कभी कुछ कहा नहीं, पर मुझे तुम्हारी भावनाओं का एहसास है.’’ इतने में नाश्ता आ गया तो जैसे स्मिता को बात बदलने का मौका मिल गया, कहने लगी, ‘‘अरे वाह, क्या बढि़या समोसे हैं. होटल में खाना बढि़या बनता है, यह मानना पड़ेगा.’’ प्रणव समझ गया स्मिता पहले की तरह प्यार की बातों को किसी बहाने टालने का प्रयास कर रही थी. वह स्वयं भी समझता  था कि अब स्मिता एक शादीशुदा औरत थी. उस ने कालेज के दिनों में ही प्रणव के प्रणय निवेदन को स्वीकारा नहीं था. स्मिता और प्रणव दोनों चुपचाप नाश्ता करने लगे. दोनों अपनेअपने ढंग से अतीत को देख रहे थे.

कालेज के रंगारंग कार्यक्रम में स्मिता और प्रणव पहली बार मिले थे. दोनों को युगल गान के लिए चुना गया था. प्रणव में संगीतकारों वाली समझ थी. गीत बढि़या गाया जाए, उस के लिए यह काफी न था. गीत को विभिन्न वाद्यों के मेल से कैसे सजा कर पेश किया जाए यह उन के लिए माने रखता था. तमाम तैयारियों के बाद जब कार्यक्रम के दौरान प्रणव और स्मिता ने गीत गाया तो उन्हें खूब तालियां मिलीं. कालेज के शिक्षकों ने भी उन की प्रशंसा की. धीरेधीरे उन के सहपाठियों ने उस युगल गान के बहाने उन की युगल जोड़ी बनानी शुरू कर दी. ऐसी बातें सुन प्रणव तो खुश होता था पर स्मिता हंस कर कहती, ‘तुम लोग कहानी बना रहे हो, ऐसा कुछ नहीं है’ प्रणव ने कई बार स्मिता से इस बारे में बात करनी चाही पर स्मिता कोई न कोई बहाने से टाल जाती. धीरेधीरे प्रणव समझ गया कि स्मिता शायद उसे प्रेमी के रूप में स्वीकार नहीं करना चाहती थी. इस के बावजूद वह स्मिता का दोस्त बने रहना चाहता था. प्रणव पढ़ाई में अत्यंत प्रखर छात्र था. उस ने स्मिता को अपने नोट्स दिए. पुस्तकालय से किताबें इश्यू करा कर दीं. स्मिता को याद है वह प्रायोगिक परीक्षा का दिन, जब प्रणव ने उस में आत्मबल जगाया था. कालेज के नियम के अनुसार, प्रत्येक परीक्षार्थी को शिक्षक के सामने 2 पर्चियां उठानी होती थीं. उन में किन्हीं 2 प्रयोगों के नाम लिखे होते थे. परीक्षार्थी को उन प्रयोगों में से एक का चुनाव कर शिक्षक को बताना पड़ता था और उसी प्रयोग को प्रयोगशाला में करना पड़ता था. स्मिता ने जिन पर्चियों का चुनाव किया था उन में लिखे दोनों प्रयोग उसे मुश्किल लग रहे थे. आखिरकार उस ने एक प्रयोग चुना और शिक्षक को बताया. स्मिता प्रयोगशाला में प्रयोग करने जा रही थी कि अचानक प्रणव ने आ कर कहा, ‘चेहरे का बल्ब क्यों औफ है? कौन सा प्रैक्टिकल मिला?’ स्मिता ने धीरे से अपनी पर्ची दिखाई.

‘अरे, यह तो बहुत आसान है. समय से पहले कर लोगी तुम, घबराना नहीं.’ उस ने उस प्रयोग के बारे में जरूरी टिप्स दिए और शिक्षकों की नजर बचा कर जल्दी से खिसक गया. उस की इन्हीं छोटीछोटी मदद के कारण स्मिता अच्छे अंकों से पास हो गई.इसी बीच स्मिता के पिता का तबादला हैदराबाद हो गया. प्रणव ने बड़ी मिन्नत कर के स्मिता से मिलने का समय मांगा तो वह मान गई. स्मिता ने अपने भाई को भी उसी समय कालेज से ले जाने का समय दे दिया. प्रणव पुस्तकालय के बाहर स्मिता से मिलते ही बोला, ‘सुना है तुम हैदराबाद जा रही हो?’

‘हां.’

‘यहीं होस्टल में रह जाओ न?’

‘यह संभव नहीं है.’

‘पता है मैं ने हमारे गाने की रिकौर्डिंग अपने घर में मम्मी को सुनाई है. मम्मी को तुम्हारे बारे में भी बताया है. मेरे पेरैंट्स मुझे आईएएस अधिकारी के रूप में देखना चाहते हैं जबकि मैं तो संगीतकार बनना चाहता हूं. जगजीत सिंह-चित्रा सिंह के जैसी हमारी जोड़ी भी क्या खूब जमेगी, है न?’स्मिता गंभीरता से बोली, जो वह कई बार अकेले में अभ्यास कर चुकी थी, ‘देखो प्रणव, मैं कोई चलतीफिरती मूर्ति नहीं हूं जो तुम्हारे प्यार को समझ न सकूं. मैं एक रूढि़वादी परिवार से हूं. हमारे घर में प्यार शब्द को सिर्फ गाने में इस्तेमाल करने की इजाजत है. प्यार कर घर बसाने की तो मैं सपनों में भी नहीं सोच सकती. तुम एक मेधावी छात्र हो. अपने मांबाप की इच्छा पूरी कर आईएएस अधिकारी बनो, देश की सेवा करो. हर जोड़ी जगजीत सिंह-चित्रा सिंह जैसी कामयाब नहीं बनती है. फिल्म अभिमान की कहानी याद है न? अभिमान में अमिताभ-जया दोनों गायक कलाकार थे. दोनों में प्यार हुआ, शादी हुई. उस के बाद जो दोनों के अहं आपस में टकराए तो बस, कहानी बन गई.’ स्मिता थोड़ा रुक कर बोली, ‘मुझे उम्मीद है कि तुम्हें मुझ से कई गुणा सुंदर और गुणी जीवनसंगिनी मिलेगी.’ इतने मे स्मिता के भैया आते दिखाई दिए. स्मिता ने आगे बढ़ कर प्रणव का परिचय भैया से करवाया. उन तीनों में औपचारिकतावश 2-4 बातें हुईं. इस के बाद स्मिता हमेशा के लिए उस कालेज और प्रणव की जिंदगी से चली गई. अतीत के पन्नों से निकल स्मिता ने नजरें उठाईं तो प्रणव को अपनी ओर देखते पाया. स्मिता ने सोचा, ‘प्रणव क्या देख रहा है? कहीं उसे चेहरे की हलकीहलकी झुर्रियां तो दिखाई नहीं दे रहीं? आने से पहले तो मैं फेशियल करवा आई थी.’

इतने में प्रणव ने कहा, ‘‘तुम ने अपने बारे में कुछ नहीं बताया.’’

#coronavirus: कोरोना ‘हॉट स्पॉट’ क्या होता है ?

दुनिया के साथ साथ भारत में जिस रफ़्तार से कोरोना बढ़ रहा है, अगर समय रखते सख्त कदम नहीं उठाया जायेगा तो स्थिति और भयावह हो जाएगी। इसके फैलाव को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 1200 से अधिक स्थानों को चिन्हित किया है , भीलवाड़ा  मॉडल के तर्ज पर कर्फ्यू लगा संक्रमण को रोकने की योजना तैयार किया गया है । देश में कुछ इलाके ऐसे हैं, जिन्हे कोरोना वायरस के ‘हॉटस्पॉट’ के रूप में चिन्हित किया गया हैं, तो जानते है क्या होता है हॉट स्पॉट ?  कैसी है यहाँ व्यवस्था और देश में ऐसे कितने जगह है . जानते है सबके बारे में …

* क्या होता है कोरोना हॉटस्पॉट :- 

कोरोना के संक्रमण से ग्रसित वैसा इलाका, जहाँ संक्रमित मरीजों की संख्या  6 या 6 से अधिक हो , उस इलाकों को हॉटस्पॉट कहा जाता है.

* हॉटस्पॉट घोषित कैसे करती है सरकार  :-

स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन क्षेत्रों को ‘हॉटस्पॉट’ के रूप में चिन्हित किया है जहाँ सबसे अधिक कोरोना पॉजिविट मरीज पाए जा रहे हैं.  सरकार का कहा है कि ‘अगर सरकार को लगेगा कि किसी इलाक़े में संक्रमण के बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना है तो सिर्फ एक मामला सामने आने पर भी उस इलाक़े को हॉटस्पॉट घोषित किया जाएगा.’

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* यह इलाके कैसे अन्य इलाकों से अलग होंगे :- 

1 कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित को सरकार ने सील करने का फैसला किया है, जहां से तबलीगी जमात के लोग पकड़े गए हैं, या जहां पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को रखा गया है.

2 सील किए गए पूरे इलाके में बैरियर लगाए जाएंगे और मैजिस्ट्रेट के साथ पुलिस अधिकारी इलाके की निगरानी करेंगे.

3 इलाकों में किसी भी तरह की दुकान को खुलने की इजाजत नहीं होगी.

4 इसके अलावा प्रवेश और निकास के दरवाजों पर पुलिस का सख्त पहरा होगा.

5 ऐसे इलाकों में किसी भी शख्स के आने या इनसे बाहर जाने पर पाबंदी होगी.

6 अति आवश्यक सेवाओं के कुछ पास छोड़कर सारे मूवमेंट एकदम से बंद कर दिए जाएंगे.

7 साथ ही ऐम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को भी अनुमति के बाद आने की इजाजत होगी .

8 इन इलाकों में लोगों को जरूरत के सामानों जैसे-दवा और राशन के लिए भी घरों से निकलने की इजाजत नहीं दी जाएगी.  स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और डिलीवरी वाले कर्मचारी ही इन इलाकों में जा पाएंगे.

9 इन इलाकों का कोई भी व्यक्ति ना ही यहां से बाहर जा पाएगा, और ना ही बाहर का कोई व्यक्ति इन इलाकों में एंट्री पा सकेगा, यानी पूरी तरह से आवाजाही रोकी जाएगी.

10 इन हॉटस्पॉट वाली जगहों पर मीडिया को भी नहीं जाने दिया जायेगा.

11 तीन किलोमीटर में रहने वाले सभी लोगों को घर में रहने की सलाह दी जा रही है.

12 साथ ही, यहां के सभी घरों पर सेनेटाइजर छिड़का जा रहा है.

13 पीड़ित व्यक्ति से बात करके उन लोगों की लिस्ट बनवाई जा रही, जिन-जिनके वह संपर्क में आया.

14 जिस किसी में कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं, उन्हें तुरंत क्वारंटाइन करके उनके टेस्ट किए जा रहे हैं.

* 9 सूबों में 10 विशेष टीमें :-

इन क्षेत्रों में केंद्र सरकार विशेष टीमें भेजेगी जो राज्यों को कोरोना हॉटस्पॉट में रोकथाम की रणनीति पर करेगी मदद करेगी . इन इलाकों में डोर टू डोर सर्वेक्षण को शुरू किया जायेगा. इसमें साथ ही सभी को घर घर जाकर स्वास्थ्य पड़ताल और अधिक टेस्ट करने की योजना सरकार ने बनाया. केंद्र सरकार ने 9 सूबों में 10 टीमें भेजी रही है , यह टीम बिहार, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे कोरोना हॉट स्पॉट वाले लाखों में जाकर रोकथाम रणीनीति पर मदद करेंगी.

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* दिल्ली में  हॉट स्पॉट :- दिल्ली में बुधवार को 20 इलाको हॉट स्पॉट घोषित कर  सील किया गया है , इन इलाकों में मंडावली गली नंबर एक, पांडव नगर एच ब्लॉक की गली नबंर एक, खिचड़ीपुर की तीन गलियां, किशन कुंज एक्सटेंशन की गली नंबर चार, आईपी एक्सटेंशन के दो अपार्टमेंट वर्धमान व मयूरध्वज और वसुंधरा एंक्लेव के मनसारा अपार्टमेंट का नाम शामिल है .

* उत्तर प्रदेश में हॉट स्पॉट :–  यूपी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य sarkar ने budhvar को ही फैसला लिया कि 15 जिलों के हॉटस्पॉट को सील किया जाएगा. लोगों को हर हाल में बाहर निकलने से रोका जाएगा.  यह फैसला अभी 15 अप्रैल तक के लिए लिया गया है. लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, आगरा, कानपुर, वाराणसी, शामली, मेरठ, सीतापुर, बरेली, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, बस्ती, सहारनपुर और महाराजगंज ऐसे जिले हैं यहां मरीजों की संख्या ज्यादा है.  इन जिलों के वे मोहल्ले पूरी तरह सील होंगे जहां सबसे  ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. उन मोहल्लों में सब कुछ बंद रहेगा. इन जिले के दूसरे मोहल्ले खुले रहेंगे.

हरियाणा में हॉट स्पॉट :- हरियाणा में वायरस संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ते जा रहे है . हरियाणा में दिल्ली के नजदीक स्थित गुरुग्राम और नूंह कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट बन गए हैं. हरियाणा के चार जिले है जहाँ सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमितों की संख्या पाया गया है , नूंह से 38, गुरुग्राम से 32 , पलवल से 28 एवं फरीदाबाद से 28 संक्रमण का मामला मिला है , इन इलाको में कई क्षेत्रों को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है .

* पंजाब में हॉट स्पॉट :- दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट स्थित मोहाली जिला का डेरा  बस्सी का जवाहरपुर गांव  कोरोना हॉट स्पॉट बन क्र उभरा है . यहाँ वायरस संक्रमण के 21 मामले सामने आये है. इस गांव में लोगों की आवाजाही बंद करने लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं ताकि जानलेवा महामारी के प्रसार को रोका जा सके.

* राजस्थान में हॉट स्पॉट :-  राज्य का पहला हॉट स्पॉट एक महीने पहले भीलवाड़ा जिला बन क्र  उभरा था, लेकिन सरकार के सख्ती के बाद स्थिति बेहतर हो गया है . अब  प्रदेश में राजधानी जयपुर और जोधपुर  में कोरोना संक्रमण  के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. राज्य में जयपुर और जोधपुर दो नया कोरोना के बड़ा हॉट स्पॉट बन कर उभरा है .

* बिहार में हॉटस्पॉट :- बिहार का सीवान जिला कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है और अबतक सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज इसी जिले से मिले हैं. बिहार में जहां पॉजिटिव मामलों की संख्या 58 हो गई वहीं इसमें सिर्फ सीवान जिले के 27 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है. बिहार में  सीवान के साथ ही नवादा, गोपालगंज, बेगूसराय, पटना समेत अन्य जिलों में भी कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है.

* केरल में हॉटस्पॉट :-  केरल के कासरगोड जिले में कोरोना वायरस के सबसे संक्रमित लोग है. यह देश का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट में बदल गया है. यही देश का पहला संक्रमण मरीज मिला था , तब से अब तक यहाँ संक्रमित मामलों में तेजी हुए है. जिले  से 150 अधिक मामले मिले है , अब यहाँ स्थिति स्थिर है . इसके साथ ही आप यह जान ले केरल के सभी जिले संक्रमित है. राज्य सरकार के सख्ती के बाद यहाँ कोरोना संक्रमण के मामले आने में भरी कमी देखी गई है .

* हिमाचल में हॉटस्पॉट :- हिमाचल में चिह्नित की गईं हॉटस्पॉट पंचायतें कांगड़ा, चंबा, सिरमौर, सोलन और ऊना जिले की हैं, जहां पर कोरोना वायरस के मरीज सामने आए हैं.

* मध्य प्रदेश में हॉट स्पॉट :– प्रदेश में तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है , शुक्रवार को यह संख्या 411 पहुंच गया। गुरुवार को ही सरकार ने कोरोना से ज्यादा प्रभावित 15 जिलों के 46 हॉटस्पॉट को पूरी तरह सील करने के आदेश दे दिए गए हैं। प्रदेश के 15 जिलों के कुल 46 क्षेत्रों को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, जहां कोरोना संक्रमण के मामले मिले हैं। जबलपुर 8, ग्वालियर 6, खरगोन 5, बड़वानी 5, छिंदवाड़ा 5, देवास 4, होशंगाबाद 3, विदिशा 2, खंडवा 2, मुरैना, शिवपुरी, बैतूल, श्योपुर, रायसेन और धार की 1-1 जगह को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है.

* महाराष्ट्र में हॉट स्पॉट :-  मुंबई में 21 हॉटस्पॉट और ठाणे शहर में 15 क्षेत्रों को चिह्नित किया है और उन्हें कोरोना हॉट स्पॉट घोषित किया गया है.

* जम्मू और कश्मीर में हॉट स्पॉट :- कश्मीर में मध्य और उत्तरी कश्मीर के कई क्षेत्र कोरोना के हॉटस्पॉट बनकर उभर कर आये हैं , उत्तरी कश्मीर के बारामुला का उड़ी और बांडीपोर का हाजिन क्षेत्र संक्रमण के बड़े केंद्र बन चुके हैं. श्रीनगर के छत्ताबल में सबसे अधिक संक्रमण है। इसके बाद लालबाजार और ईदगाह क्षेत्र में कई हॉटस्पॉट बनकर उभर कर आये हैं.

Coronavirus: समाज और रामदीन का योगदान 

लेखक-दीपा डिंगोलिया 

आज सोसाइटी में सुबह-सुबह मीटिंग थी.सब लोग इकट्ठा थे.”करोना के लिए आप लोग जितना योगदान कर सकते हैं उतना ही अच्छा है. सारी राशि प्रधानमंत्री कोष में ही जायेगी”-सोसाइटी के मैनेजर गुप्ता जी माइक पर जोर-जोर से बोल रहे थे.

सब बढ़ चढ़ कर दान बॉक्स में कैश और चेक डाल रहे थे और खुद को दुनिया का सबसे बड़ा दानवीर समझ फूले नहीं समा रहे थे. कुछ तो स्वयं को सोसाइटी का सबसे अमीर व्यक्ति भी साबित कर चुके थे.

जब पूरा कार्यक्रम ख़त्म हुआ तब हिम्मत कर सालों से काम कर रहा सोसाइटी का सफाई कर्मचारी रामदीन अमीरों व ताजे-ताजे दानवीर लोगों से घिरे गुप्ता जी के पास पहुँचा और बोला -“साहब मैं भी कुछ देना चाहता हूँ इस कोष में”.

गुप्ता जी और दूसरे लोग उसे घूरते हुए बोले -“तुम…तुम क्या दे सकते हो ? तुम्हारे पास है ही क्या ? तुम खुद को और अपने बीवी-बच्चों को ही दो टाइम की रोटी खिला लो वो ही बहुत है”.

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“साहब मैं अब छुट्टी नहीं लूँगा और इतवार को भी सफाई करूँगा जिससे सोसाइटी में गन्दगी न हो व सभी लोग सुरक्षित रहें . कोष में सिर्फ पैसा ही नहीं इंसान अपनी सेवा भी तो दान में दे कर अपना योगदान दे सकता है.सेवा कैसी भी हो पुण्य तो सबको बराबर ही मिलता है न साहब”-रामदीन ने कहा.

रामदीन की बात सुन नए-नए दानवीरों के मुहँ की चमक फीकी पड़ गयी.

तभी सोसाइटी की बुजुर्ग माता जी बोलीं -“वो सब तो ठीक है पर कुछ हिस्सा पूजा,पाठ और दान में भी लगायें  गुप्ता जी. दो दिन बाद महायज्ञ का आयोजन रखिये सोसाइटी के मंदिर में.

दूर खड़ा रामदीन बोला -“पर माता जी इस समय पर इतने लोगों का एक साथ इकट्ठा होना ठीक नहीं है और इन सब से कुछ न होगा माता जी. खुद को एक दूसरे से दूर रखने में ही समझदारी है “.

“तुझे बड़ा कुछ पता है”-माता जी बोलीं.

“हाँ माता जी मेरा बेटा भी उसी अस्पताल में सफाई का काम कर रहा है जहाँ करोना के मरीज़ों का इलाज हो रहा है.समाज की सेवा में कुछ इस तरह ही योगदान कर रहें हैं हम माता जी “-रामदीन बड़े ही फख्र से बोला . रामदीन की बात सुनते ही सोसाइटी के सभी लोग उसे घेर कर खड़े हो गए.

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“तुमने बताया क्यों नहीं अपने लड़के के बारे में. तुम ही हम सब को बीमार कर दोगे. भैय्या अपना हिसाब करो और चलते बनो यहाँ से. किसी तरह की असावधानी नहीं झेल सकते हम”-गुप्ता जी और अन्य लोग गुस्से से रामदीन से बोले और उसे फ़ौरन नौकरी छोड़ जाने को कहा.

“पर साहब अभी तो वह काफी समय से मेरे साथ नहीं रहता है. आप चाहें तो मेरा चेकअप करवा लें. पर मुझे नौकरी से न निकालें. इस समय मुझे कहाँ काम मिलेगा”-रामदीन सबके सामने गिड़गिड़ाने लगा.

किसी ने उसकी एक न सुनी और रामदीन को सोसाइटी से बाहर निकाल दिया गया. रामदीन चलते हुए सोच रहा था कि -इस कठिन समय में अपनी जिंदगी को दाँव  पर लगा कर दिया जा रहा उसका व उसके परिवार का योगदान समाज को पसन्द नहीं आया शायद.

#coronavirus: कोरोना ही नहीं भूख और बेरोजगारी से भी लड़ना कड़ी चुनौती

भारत मे एक तरफ महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है तो दूसरी तरफ शेयर बाजार में चमक देखी जा रही जिससे साफ लग रहा कि देश मे अमीर और गरीब के बीच की दूरी और बढ़ने जा रही है. ऐसे में कोरोना से बड़ा संकट महंगाई और बेरोजगारी के रूप में सामने आने को तैयार है.

नोटबन्दी और जीएसटी की गलत आर्थिक नीतियों से भारत की जीडीपी पहले से ही लगातार गिरावट की तरफ चल रही थी.कोरोना संकट ने इसको और भी अधिक बढ़ा दिया है.सरकार के लिए जरूरी है कि वह कोरोना संकट से लड़ने के साथ ही साथ देश के आर्थिक विकास को भी ध्यान के रखते हुए काम करे. भारत का एक बहुत बड़ा हिस्सा ऐसे लोगो का जिनको किसी तरह की सरकारी सहायता नहीं मिलती है. यह वर्ग निजी क्षेत्रों में काम करता है.निजी क्षेत्रों में संकट आने से इनमे काम करने वाले लोगो की आजीविका जानें का पूरी तरह से खतरा बढ़ गया है.

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संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वितीय वर्ष के दौरान भारत की जीडीपी घट कर 4.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.कोरोना यानी कोविड 19 के कारण पूरी दुनिया मे आर्थिक संकट आने का बड़ा खतरा दिख रहा है. इसका सबसे बड़ा खतरा पर्यटन, सीमा पार व्यपार और वित्तीय स्थिति पर पड़ेगा.विदेशों में कोविड 19 का आर्थिक प्रभाव भले ही कुछ देर में पड़े पर भारत जैसे देशों में इसका असर 2 सप्ताह में ही देखने को मिलने लगा है.

2 सप्ताह में ही बढ़ गई बेरोजगारी :
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कोविड 19 के संकट के पहले 2 सप्ताह में ही 5 करोड़ लोगों का बेरोजगार होना चिंताजनक है.सरकार को ऐसे लोगो की पहचान करके इनके लिये कोई एक्शन प्लान तैयार करना चाहिए.

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अखिलेश यादव ने कहा कि लोक डाउन के दौरान सभी को मेडिकल सुविधा तो दी ही जाए लॉक डाउन के बाद इनको रोजगार दिया जा सके इसके उपाय होना चाहिए.1 से 2 हजार की मदद से किसी की परेशानियों से निजात नही मिलनी चाहिए.

संकट में निजी क्षेत्र
कोरोना संकट का सबसे बड़ा असर निजी क्षेत्र पर पड़ रहा है. देश का 85 प्रतिशत निजी सेक्टर और 93 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र प्रभावित हुआ है.भारत मे बेकारी की दर 23 प्रतिशत से अधिक हो गई है.अखिलेश यादव कहते है यह संख्या अभी और बढ़ने वाली है. विभिन्न प्रदेशो में काम करने वॉले श्रमिक और कामगार लाखो की संख्या में शहरों से गांव की तरफ जिस तरह से पलायन करने को मजबूर हुए है उससे परेशानी और बढ़ी है.

बुनकर और इस तरह के काम करने वाले लोगो के सामने सबसे अधिक परेशानी भरा समय आ गया है.अखिलेश यादव कहते है कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में 4 लाख 30 हजार बुनकर परिवार रहते है.इन सभी के काम धंधे बन्द हो गए है। मज़दूरो का सबसे बड़ा काम सड़क निर्माण से हो रहा था. सड़क निर्माण बन्द होने से इसमे लगे मजदूर भुखमरी की कगार पर पहुँच गए है. अखिलेश यादव कहते है ऐसे समय मे आर्थिक संकट को दूर करने के लिए आथिर्क पैकेज और बेरोजगारी भत्ता देने की जरूरत है. अमेरिका जैसे देश भी इस काम को कर रहे है.

संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट भी इस चिंता की तरफ ध्यान दिलाते कहती है कि भारत मे आर्थिक विकास में पहले की तुलना में कमी आई है. आने वाले दिनों में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ने से देश मे दिक्कते और बढ़ेगी.

 

#lockdown: मंदी में भी चमका शेयर मार्किट

देशभर में कोरोना वायरस अब तक 6412 लोगों को संक्रमित कर चुका है. कोविड-19 के शिकार लोगों के ताजा आकड़ों के मुताबिक भारत में संक्रमण के चलते अब तक 199 लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना के प्रसार की तेज़ी को देखते हुए यूपी के 15 जिलों के हॉटस्पॉट को बिलकुल सील कर दिया गया है. दिल्ली मुंबई में भी कई जगहें पूरी तरह सील हैं. अन्य तमाम राज्यों में भी कर्फ्यू जैसी सख्ती बरती जा रही है.लोगों के काम धंधे ठप्प हैं.बेरोज़गारी और भुखमरी से देश आने वाले सालों में कैसे निपटेगा, अर्थव्यवस्था पटरी पर कैसे आएगी, किसानो-मजदूरों को आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाने से कैसे रोका जाएगा, इन तमाम चिंताओं ने सरकार, नीति-निर्णायकों और बुद्धिजीवियों की नींद हराम कर दी है.मगर निराशा, डर और तनाव के माहौल में भी शेयर मार्केट मुस्कुरा रहा है.बीते तीन दिनों पर नज़र डालें तो कोरोना का डर पीछे छोड़ शेयर बाजार ने लम्बी हुंकार भरी है.बीते दो दिनों में सेंसेक्स 2,500 अंक चढ़ने से निवेशकों की पूंजी 6.63 लाख करोड़ बढ़ी है.

दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और देश में लॉकडाउन आगे बढ़ने की आशंका में शेयर बाजार बुधवार को लाल निशान के साथ खुला था मगर कुछ ही देर बाद सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार तेजी दिखने लगी. हालांकि दोपहर तक सुबह की बढ़त गंवाकर दोनों एक्सचेंज शाम को लाल निशान पर बंद हुए. सेंसेक्स 173 अंक लुढ़ककर 29893 के स्तर पर और निफ्टी 43 अंक टूटकर 8747 के स्तर पर बंद हुआ। जबकि इससे पहले मंगलवार को सेंसेक्स ने एक दिन की सबसे बड़ी बढ़त हासिल की थी. लॉकडाउन में छूट के संकेत, वैश्विक बाजारों में तेजी, दवाओं पर से निर्यात प्रतिबंध हटाने तथा एफपीआई निवेश बढ़ने की खबरों के बीच मंगलवार को भी सेंसेक्स में 2500 अंकों की तेजी दर्ज की गई थी. गुरुवार को शेयर मार्किट खुल कर मुस्कुराया और अब इसके बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

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दरअसल कोरोना संक्रमण के कम पड़ने की उम्मीद से अमेरिकी शेयर बाजारों में थोड़ी तेज़ी आई तो एशियाई शेयर बाजारों में गुरुवार को फिर से रौनक बढ़ी. इसका असर घरेलू शेयर बाजार पर भी देखने को मिला और सेंसेक्स 1265 अंक उछल कर 31159 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 9100 का स्तर फिर पाने में कामयाब रहा. बैंक, फार्मा, ऑटो सेक्टर में भी खूब तेजी देखी गई.वहीं अगर निफ्टी के टॉप गेनर स्टॉक की बात करें तो महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति, सिप्ला, टाइटन और टाटा मोटर्स प्रमुख रहे। जबकि हिन्दुस्तान लीवर, डॉक्टर रेड्डी, इंडसंड बैंक, यूपीएल के शेयर सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाले स्टॉक्स की लिस्ट में ऊपर थे.

गुरुवार को प्री-ओपनिंग सेशन में भारतीय शेयर हरे निशान पर थे. सुबह 9:02 बजे सेंसेक्स 462 अंक या 1.6% बढ़कर 30,356 अंक पर पहुंच गया.निफ्टी 209 अंक या 2.4% बढ़कर 8,958 पर था.बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 677 अंकों की उछाल के साथ 30571 के स्तर पर खुला. वहीं निफ्टी भी शुरुआती कारोबार में 234 अंक चढ़कर 9000 के करीब पहुंच गया था. डॉलर के मुकाबले रुपया 8 पैसे मजबूत होकर 76.29 के स्तर पर बंद हुआ.

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आईडीबीआई बैंक का शेयर 10.6 प्रतिशत तक उछल गया। बीएसई पर आईडीबीआई बैंक का शेयर 10.57 प्रतिशत बढ़कर 21.95 रुपये पर चल रहा था. इसी तरह एनएसई पर भी यह 6.34 प्रतिशत की बढ़त के साथ 20.95 रुपये पर चल रहा था.बैंक ने बुधवार को कहा था कि उसकी योजना चालू वित्त वर्ष में 7,500 करोड़ रुपये जुटाने की है.शेयर बाजार में जोरदार खरीदारी के चलते सेंसेक्स 1126 अंकों की उछाल के चलते 31,020 के स्तर पर पहुंच गया है जबकि निफ्टी 333 अंक उछलकर 9081 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. बैंक निफ्टी, ऑटो, मिड कैप, फार्मा सेक्टर में जोरदार तेजी देखी गई.
बड़ा सवाल यह है कि बढ़ती महामारी के बावजूद शेयर बाजार में इतना उछाल कैसे आ रहा है? विशेषज्ञों की माने तो इसके लिए कुछ बिंदुओं पर विचार किया जाना चाहिए.

लॉकडाउन में छूट
सरकार द्वारा 14 अप्रैल के बाद चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाने की खबरों से निवेशकों में भारी उत्साह पैदा हो गया है क्योंकि इससे एक बार फिर तमाम बिजनस शुरू हो जाएंगे.सरकारी अधिकारी एक प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, जिसमें कोरोना के कम जोखिम वाले राज्यों और जिलों से लॉकडाउन को आंशिक रूप से हटाने और जिन इलाकों में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या अधिक है, वहां सख्ती बरकरार रखने की बात कही जा रही है. कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित दो देशों स्पेन तथा इटली में भी वायरस से मरने वालों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है. इसलिए वहां के अधिकारी भी लॉकडाउन में छूट देने पर विचार कर रहे हैं। जिससे शेयर मार्किट में ख़ुशी देखी जा रही है.

1.3 अरब डॉलर का विदेशी निवेश
भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा 1.3 अरब डॉलर (लगभग 10 हजार करोड़ रुपये) के निवेश की खबरों का भी घरेलू निवेशकों पर सकारात्मक असर पड़ा है.दरअसल, विभिन्न क्षेत्रों में एफपीआई निवेश की सीमा को बढ़ा दिया गया है, जिसकी वजह से पैसिव फ्लो विदेशी निवेश में बढ़ोतरी होनी तय है.यह राहत ऐसे वक्त में सामने आ रही है, जब 1 मार्च तक विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से 1.25 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं.

भारत ने दवा निर्यात से बैन हटाया
अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या से घबरा कर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की खेप भिजवाने का दबाव बनाया और ऐसा ना करने पर बदला लेने की धमकी दी. गौरतलब है कि भारत में कोरोना मरीज़ों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस दवा के निर्यात पर प्रतिबन्ध लगा हुआ था मगर अंकल सैम की धमकी के बाद भारत ने कोरोना के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल में आने वाली 24 दवाओं के निर्यात पर से प्रतिबंध हटा लिया. सरकार के इस फैसले के बाद फार्मा कंपनियों के शेयरों में बड़ी तेजी दर्ज की गई.केडिल हेल्थकेयर, ऑरबिंदो फार्मा, सिप्ला और डॉ. रेड्डीज लबोरेट्रीज में 10-14% की तेजी की बदौलत निफ्टी फार्मा में 9.53% की तेजी देखी गई.हालांकि पैरासिटामोल तथा इसके फॉर्म्यूलेशंस पर प्रतिबंध बरकरार है अगर इस पर भी प्रतिबन्ध उठा लिया गया तो तो फार्मा शेयर्स में और उछाल आने की संभावना है.

वैश्विक बाजारों में तेजी का माहौल
अमेरिकी शेयर बाजार तथा एशियाई शेयर बाजारों में तेजी से घरेलू शेयर बाजार को बल मिला और लगातार तीन सत्रों की गिरावट झेल रहे भारतीय बाजार में जमकर लिवाली हुई.जापान के निक्केई में 2 फीसदी की तेजी देखी गई.
अमेरिकी शेयर बाजारों में तेजी के चलते एशियाई शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख देखा जा रहा है.कारोबारियों को उम्मीद बंध रही है कि कोरोना वायरस संकट अब अपने चरम पर है और आगे स्थितियां सुधार की ओर बढ़ेंगी. यही वजह है कि हांगकांग, सियोल और सिंगापुर में एक प्रतिशत से अधिक और सिडनी में लगभग दो प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है.

इन शेयरों में तेजी
बीएसई पर इंडसइंड बैंक के शेयर में सर्वाधिक 22.60 फीसदी, एक्सिस बैंक में 19.41 फीसदी, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में 14.44 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक में 13.82 फीसदी तथा हिंदुस्तान यूनिलीवर में 13.51 फीसदी की तेजी दर्ज की गई.वहीं, एनएसई पर इंडसइंड बैंक के शेयर में 25 फीसदी, एक्सिस बैंक में 20.14 फीसदी, ग्रासिम में 15 फीसदी, डॉ. रेड्डी में 14.40 फीसदी तथा हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर में 13.69 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई.

पारस छाबड़ा और माहिरा शर्मा के वेडिंग कार्ड को मां ने बताया फेक , यूजर्स पर भड़की

बिग बॉस देखने वाले पारस छाबड़ा और माहिरा शर्मा को कैसे भूल सकते हैं. बिग ब़स सीजन 13 में इनकी केमेस्ट्री लोगों को खूब पसंद आई थी वहीं कुछ लोगों ने इन्हें जमकर ट्रोल भी किया था. पारस और माहिरा एक दूसरे को कितना पसंद करते हैं.

माहिरा शर्मा के प्यार में इतने पागल होगए थे कि बिग बॉस 13 से बाहर आते ही पूर्व गर्लफ्रेंड आकांक्षा पुरी से ब्रेकअप कर लिया था. आकांक्षा पर शो के दौरान कई तरह के गलत आरोप भी लगाए थें.

 

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Lock the date ♥️ #baarish #pahira @parasvchhabrra @sonukakkarofficial @desimusicfactory

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वहीं महिरा शर्मा पारस को सिर्फ अपना दोस्त मानती है. वह कभी इस रिश्ते को दोस्त से ज्यादा नहीं बताई है. वहीं, पारस ने शो के दौरान कहा था कि मेरे दिमाग में माहिरा के लिए कुछ कुछ चलता है. इन सभी के बीच एक कार्ड इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जो पारस और माहिरा का वेडिंग कार्ड है.

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यह कार्ड सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. माहिरा की मां ने कहा है कि इस कार्ड को जब माहिरा और पारस ने देखा तो वह खुद ही शॉक्ड थे कि यह कार्ड कहा से आया है और किसने बनाया है.

आगे माहिरा की मां ने कहा अगर कुछ भी ऐसा होगा तो हम सभी को बताएंगे हमारे तरफ से ऐसा कुछ नहीं है. हमें भी समझ नहीं आ रहा है कि यह अफवाहें कहां से आ रही हैं.

शादी कोई छुपाने वाली बात नहीं है अगर होगी तो हम सभी को बताएंगे. यह कार्ड एक फैन ने बनाया है जो पारस और माहिरा की जोड़ी को बहुत पसंद करता है.

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माहिरा की मां सानिया शर्मा ने कहा वह मेरी तरह माहिरा का बहुत ज्यादा ध्यान रखता है. बिग बॉस के घर में सिर्फ पारस की वजह से ही इतने दिनों तक वह टिक पाई थी. यह खुद भी माहिरा भी मानती है.

पारस हमारे फैमली का हिस्सा है, माहिरा अक्सर उनसे मिलती जुलती रहती है. हमें इससे कोई एतराज नहीं है, लेकिन शादी का फिलहाल कोई इरादा नहीं है.

पूरे देश में परेशान, गन्ना किसान

गन्ना किसान पर्ची न मिलने से परेशान

बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की चीनी मिल गन्ने की पैदावार कम होने के बाद भी कम पेराई कर रही हैं. किसानों के खेतों में अब भी गन्ना खड़ा है. नोटिस जारी होने के बाद भी चीनी मिल क्षमता के अनुसार पेराई नहीं कर रही हैं. इस से पेराई सत्र पूरे अप्रैल चलने का अनुमान है.

जिले के किसानों की प्रमुख फसल गन्ना है. जिले की खेती के कुल रकबे से आधी जमीन करीब 2 लाख,10 हजार हेक्टेयर में केवल गन्ने की फसल बोई जाती है.

गन्ने की फसल पैदा करने में किसान कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. पेराई सत्र 2017-18 में जिले की चीनी मिलों में गन्ना उत्पादन 10 करोड़ क्विंटल से भी अधिक हुआ था. उत्पादन अधिक होने से चीनी भी बंपर बनी थी.

जिले की चीनी मिलों में चीनी रिकवरी 13 फीसदी से भी ऊपर पहुंच गई थी. जिले में गन्ना उत्पादन बंपर होने से किसानों की आमदनी में भी भारी बढ़ोतरी हुई थी. किसानों ने पिछले साल गन्ने का रकबा बढ़ा दिया था. रकबा बढ़ने के बाद भी इस बार गन्ने की पैदावार कम हुई नहै.

वजह, बेमौसम बारिश और ओला पड़ने से गन्ने की पैदावार प्रभावित हुई है. गन्ने की पैदावार कम होने के बाद भी चीनी मिल पेराई समय से नहीं कर पा रही हैं.

यह हाल तब है, जब पिछले साल के मुकाबले चीनी मिलों ने पेराई सीजन देरी से शुरू किया.

पिछले साल की पेराई के मुकाबले इस साल गन्ने की पेराई बहुत कम होने की उम्मीद है.

तौल न होने से किसानों ने किया हंगामा

मुजफ्फरनगर: कस्बे में उत्तम शुगर मिल खाईखेड़ी के गन्ना क्रय केंद्र पर 4 दिनों से तौल न होने व इंडेंट जारी न होने से नाराज किसानों ने गन्ना क्रय केंद्र पर जम कर हंगामा किया.

कस्बा छपार में गन्ना क्रय केंद्र पर एकत्र किसानों ने हंगामा करते हुए उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. एक किसान ने बताया कि 4 दिनों से कस्बे में गन्ना का तौल और इंडेट जारी नहीं हुआ है. किसानों के खेतों में अभी तक आधे से अधिक गन्ने की फसल खड़ी हुई है. गन्ने की छिलाई न होने के कारण पशुओं के चारे की समस्या भी उत्पन्न हो रही है.

आला अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई.

घंटों चले हंगामे के बाद किसानों के बीच पहुंचे उत्तम शुगर मिल खाईखेडी के डीजीएम साईम अंसार ने प्रतिदिन 1600 क्विंटल इंडेट जारी करने और क्रय केंद्रों पर तौल होने के आश्वासन दे कर किसानों को शांत किया.

गन्ना किसान हैं परेशान: पड़ी दोहरी मार

शामली : पहले ही गन्ना भुगतान न होने से किसान परेशान है, वहीं उन की समस्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है.

एक तरफ तो गन्ना कटाई के लिए मजदूर कम मिल रहे हैं, वहीं पर्चियों का भी संकट है. गेहूं की फसल पक कर तैयार है और जल्द कटाई भी शुरू होनी है. ऐसे में किसान चितित हैं कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो गन्ने की कटाई करेंगे या गेहूं की.

गन्ना विभाग ने पर्चियों की छपाई बंद कर दी है. किसानों को पहले ही पर्चियों की दिक्कत रहती थी, लेकिन अब और अधिक है. व्यवस्था एसएमएस पर्ची भेजने की है, लेकिन काफी किसानों के पास अभी तक एसएमएस नहीं पहुंचा है.

एक और किसान का कहना है कि गेहूं की कटाई में लग जाएंगे तो गन्ना नहीं डाल पाएंगे. गन्ना डालने जाएंगे तो गेहूं की कटाई का काम प्रभावित होगा.

वहीं उस किसान का यह कहना कि एक तो गन्ने का पेमेंट नहीं हो रहा है, वहीं गन्ने की फसल के साथ गेहूं की फसल भी तैयार है और मजदूर कम मिल रहे हैं.

विजय बहादुर सिह, जिला गन्ना अधिकारी का कहना है कि अभी तो पर्चियों की छपाई बंद है. किसानों को एसएमएस भेजे जा रहे हैं. अगर किसी को समस्या है तो संबंधित समिति के सचिव से मिल लें. सरकार ने चीनी मिलों को चलाने को इसलिए कहा है, जिस से किसानों को परेशानी न हो.

किसानों के लिए खुला ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने गेहूं की खरीद के लिए किसानों का ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण शुरू करवा दिया है.

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के अनुसार, सरसों की खरीद 15 अप्रैल, तो गेहूं की खरीद 20 अप्रैल तक होगी. इस के लिए किसान 19 अप्रैल तक पोर्टल पर पंजीकरण करा सकते हैं.

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग भी है. उन्होंने यहां खरीद प्रबंधों की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल और आढ़ती एसोसिएशन के पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए.

इस बैठक में जानकारी दी गई कि सरसों की खरीद के लिए 140 मंडियां, जबकि गेहूं की खरीद के लिए लगभग 2,000 मंडी, उपमंडी व खरीद केंद्र निर्धारित किए गए हैं. किसानों को बारदानेे की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी. इस बार प्रतिदिन 1.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद करने का प्रस्ताव है.

किसानों को सरसों व गेहूं की खरीद के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल के आधार पर दी गई जानकारी के अनुसार कूपन दिए जाएंगे, ताकि मंडियों में किसान एकसाथ उपज ले कर न आएं और निर्धारित तिथि के अनुसार ही विशेष गांवों के किसान क्रमवार अपनी उपज मंडियों में ले कर आएं.

बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि जिन किसानों ने ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है, उन की उपज की खरीद प्राथमिकता आधार पर की जाएगी.

बता दें कि अब तक तकरीबन 60 फीसदी किसानों ने गेहूं की फसल का पंजीकरण करवाया है, जबकि 40 फीसदी किसानों ने पंजीकरण नहीं करवाया है.

बैठक में आढ़ती एसोसिएशन ने आश्वासन दिया कि वे अपनी 2.5 फीसदी आढ़त में से 0.10 फीसदी राशि ‘हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड’ में सहयोग के रूप में देंगे.

बैठक में इस बात का भी फैसला लिया गया है कि देरी से गेहूं की खरीद होने के कारण केंद्र सरकार जो भी दिशानिर्देश देगी, उसी के अनुरूप किसानों को बोनस या प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इस बार गेहूं की खरीद जून माह तक चलने की संभावना है.

वहीं इनेलाे के नेता अभय चौटाला ने राज्य सरकार के 15 अप्रैल से सरसों और 20 अप्रैल से गेहूं की फसल खरीदने संबंधी बयान पर कहा कि सरसों के किसान तो अपनी फसल को समर्थन मूल्य से कम दाम पर देने को मजबूर हो रहे हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि मेवात इलाके में सरसों की फसल की आवक तो फरवरी माह के आखिरी हफ्ते में मंडियों में आनी शुरू हो जाती है. रेवाड़ी व नारनौल में मार्च माह के दौरान तैयार हो जाती है. अब इस इलाके के किसान सीधे कारखानों में समर्थन मूल्य से कम दाम पर सरसों बेचने पर मजबूर हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि गेहूं की खरीद 20 अप्रैल से पहले शुरू की जाए तो किसानों को भंडारण की व्यवस्था से छुटकारा मिल सकता है. सरकार 4 या 5 गांवों के ग्रुप बना कर सरसों व गेहूं की खऱीद शुरू कर सकती है. इस से खरीद एजेंसी के अधिकारियों को भी सुविधा होगी. किसानों को भी सहूलियत होगी. अभी तक खऱीद के बारे में मंडियों में खरीद एजेंसियों द्वारा प्रबंध न के बराबर हैं. अभी तक तो यह भी सुनिश्चित नहीं है कि कौन सी एजेंसी किस मंडी में कितना गेहूं व सरसों की खऱीद का लक्ष्य निर्धारित किया है.

गन्ना भुगतान न मिलने से किसान परेशान

ईसानगर : एक तो किसानों को अपनी गन्ना फसल का भुगतान नहीं हुआ, वहीं दूसरी ओर उन किसानों के सामने पैसों की तंगी मुंहबाए खडी है.

भुखमरी से जूझ रहे किसान कभी अपने बच्चों की सूनी आंखों में देखते हैं तो उन्हें रोना आ जाता है. वे चाह कर भी अपने बच्चों की इच्छाओं का गला घोंटने को मजबूर हैं.

वजह, एक तो गन्ना किसानों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है, वहीं सरकार भी पूरी तरह सजग नहीं है. भले ही ये किसान खेतों में काम कर सकते हैं , पर सचाई यह है कि उन्हें उन के ही खेतों में काम नहीं करने दिया जा रहा है.

किसानों की माने तो क्षेत्र की चीनी मिल ने इस सत्र के 4 महीने गन्ना खरीद के बदले महज कुछ ही दिन का भुगतान किया है.

यहां के किसानों की सभी जरूरतें एकमात्र नकदी फसल गन्ना से ही पूरी होती हैं. इस क्षेत्र की एकलौती गोविंद शुगर मिल ऐरा है, जो किसानों की भरोसेमंद चीनी मिल थी. पिछले कुछ सालों से इस चीनी मिल के प्रबंध तंत्र की वजह से किसानों को उन की फसलों की कीमत समय पर नहीं मिल पा रही है, जिस वजह से किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है.

परौरी गांव के एक किसान बताते हैं कि भुगतान न मिलने से तमाम किसान परेशान हैं. बच्चों के स्कूलों की फीस तो क्या घरेलू खर्च भी पूरा नहीं कर पा रहे.

ईसानगर के बिरसिंह गांव के किसान ने बताया कि जब इस चीनी मिल का प्रबंधन बिरला ग्रुप के पास था तो वह किसानों का दर्द समझ कर ध्यान रखते थे. जब से प्रबंधन बदला, रिश्ते ही बदल गए.

ईसानगर के रहने वाले एक और किसान का कहना है कि चीनी मिल मैनेजमेंट किसानों से धोखा कर रहा है. सरकार भी इस पर ध्यान नही दे रही.

किसानों की जुताईबोआई मुफ्त में कराएगी योगी सरकार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों को राहत देने के लिए योगी सरकार ने ट्रैक्टरों से मुफ्त में खेतों की जुताई और बोआई कराने का निर्णय लिया है. वहीं सूबे के किसानों को भी बड़ी राहत दी है.

पहले चरण में यह योजना उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर समेत 16 जिलों में लागू की जा रही है. किसानों को 2 महीने ही मुफ्त में जुताई और बोआई की यह सुविधा मिलेगी.

यह मौसम खेत से गेहूं और तिलहन जैसी फसलों की कटाई का है. पर किसान खेतों की फसल कटाई और बोआई की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही के मुताबिक, प्रदेश के छोटे किसानों की लागत कम करने के लिए निजी कंपनियों की मदद ली जा रही है.

उन्होंने ट्वीट किया कि मैसी टैफे कंपनी के सहयोग से लघु व सीमांत किसानों को आगामी 2 माह तक फसल कटाई, खेतों की जुताई व बोआई मुफ्त में मुहैया कराई जाएगी.

उन्होंने यह भी कहा कि यह सुविधा अगले 2 महीने के लिए ही होगी, जो छोटे किसानों के लिए कटाई और बोआई का मौसम होगा और जिस का खर्च सरकार उठाना चाहती है.

प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के खेतों की जुताई व बोआई मुफ्त कराने के लिए प्रथम चरण में जिन 16 जिलों का चयन किया गया है, इन में लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, सुलतानपुर, अयोध्या, सीतापुर, अंबेडकरनगर, प्रयागराज, आजमगढ़, बाराबंकी, हरदोई, जौनपुर, गाजीपुर, प्रतापगढ़, संत कबीरनगर व भदोही शामिल हैं.

इन जिलों के पात्र किसान अपने क्षेत्र के कृषि अधिकारियों से मिल कर योजना का लाभ उठा सकते हैं. वहीं, दूसरे चरण में बहराइच, बलरामपुर, देवरिया, कुशीनगर, श्रावस्ती, चंदौली, फतेहपुर, सिद्धार्थ नगर, मेरठ, चित्रकूट व बस्ती जिलों के छोटे किसानों को सुविधा मुहैया कराने की योजना है.

राज्य सरकार ने किसानों की तिलहन और दलहन फसल की उपज का उचित मूल्य दिलाने का भी आश्वासन दिया है. इस के तहत सरसों, चना और मसूर की सरकारी खरीद भी कराई जाएगी. इस का सरकार ने न्यूनतम मूल्य भी निर्धारित कर दिया है.

किसान अपनी उपज बेचने बाजार तक नहीं ले जा पा रहा है, जिस के चलते सरकार ने खरीदारी करने का निर्णय लिया है.

गेहूं कटाई के लिए कंबाइन मशीन में चालक के अलावा 3 व्यक्ति और भी

ऊधमसिंह नगर: जिले में गेहूं की फसल पक चुकी है, लेकिन गेहूं कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन व कृषि विभाग ने किसानों को राहत देते हुए कंबाइन मशीन से गेहूं कटाई की छूट दी है.

गेहूं कटाई के दौरान कंबाइन मशीन में चालक के अलावा 3 और काम करने वाले मौजूद रहेंगे. खेती के काम करने के बाद कंबाइन मशीन व काम करने वाले मजदूरों को सैनिटाइज किया जाएगा.

ऊधमसिंह नगर में तकरीबन एक लाख हेक्टेयर खेती की जमीन में गेहूं बोया गया.भले ही एक अप्रैल से रबी विपणन सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन गेहूं कटाई के लिए काम करने वाले मजदूर ही नहीं मिल पा रहे हैं.

जिला प्रशासन व कृषि विभाग ने किसानों को गेहूं काटने के लिए कंबाइन मशीन का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है. साथ ही, सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक बाजार में कंबाइन मशीन व ट्रैक्टर के स्पेयर पार्ट की बिक्री की जाएगी.

जिले में जिन गांवों में गेहूं की फसल पक चुकी है, वहां गेहूं काटने के लिए कंबाइन मशीन की अनुमति मिलने से किसानों को राहत मिली है.

खेती में काम आने वाली मशीनों के मिलेंगे स्पेयर पार्ट

गोरखपुर: सरकार ने किसानों को राहत देते हुए राज्यों के बीच और एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच ट्रकों के आनेजाने के लिए स्थानीय प्रशासन को पास देने की अनुमति दी है.

इस के अलावा पेट्रोल पंप के निकट स्थित कृषि उपकरण, ट्रक एवं कृषि संबंधी मशीनों के स्पेयर पार्ट की दुकानें भी खोलने की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं.

सरकार के इस कदम के बाद खादबीज, कृषि रसायन और रबी की फसल की बिक्री को ले कर कृषि विभाग के अधिकारी उत्साहित हैं.

संयुक्त निदेशक, कृषि, गोरखपुर मंडल डाक्टर ओमबीर सिंह कहते हैं कि मंडी में गेहूं ढुलाई के लिए ट्रकों की जरूरत होगी, वहीं जायद की फसलों की बोआई के लिए बीज, खाद, कृषि रक्षा रसायनों को लाने व ले जाने के लिए भी ट्रकों की भी जरूरत होगी.

गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों के प्रमुख सचिव को पत्र लिख कर ट्रकों को चलाने के निर्देश दिए हैं. मसलन, दूध को जरूरी चीजों में शामिल किया गया है, लेकिन पैकेजिंग के सामान यानी पैकेट गैरजरूरी बताए गए हैं. ऐसे में सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है.

फिलहाल अब ग्रासरी के साथ ही साफसफाई के उत्पाद मसलन हैंड वौश, साबुन, बौडी वौश, शैंपू, सरफेस क्लीनर, डिटर्जेंट, टिश्यू पेपर, टूथपेस्ट, ओरल केयर, सैनिटेरी पैड, डायपर, बैटरी सेल, चार्जर वगैरह की ढुलाई को भी मंजूरी दे दी गई है.

इस के अलावा मैनुफैक्चरिंग कंपनियों से दवाओं की आपूर्ति भी हो सकेगी. देश में अब सभी तरह के माल भले ही जरूरी चीजों की कैटीगरी में न आते हो, आवाजाही की जा सकेगी. ट्रक, ट्रेक्टरट्रौली, कृषि मशीनरी, कंबाइन हार्वेस्टर की मरम्मत के लिए स्पेयर पाटर्स, मैकेनिक और टायर की दुकानें भी खोली जाएंगी.

सरकार के निर्देशानुसार ट्रकों के चालक और क्लीनर को स्थानीय प्रशासन अनुमति पास जारी करेगा. इस के लिए चालक के पास नियमानुसार ड्राइविंग कार्ड और गाड़ी के दस्तावेज होने जाहिए.

किसानों के लिए राहत की खबर
भोरमदेव शक्कर कारखाना में काम की शुरुआत

कवर्धा: गन्ना किसानों के लिए राहत की खबर यह है की जिले के सभी पंजीकृत किसानों का गन्ना खरीदी हो गया है.

वहीं प्रदेश के पहले ग्राम राम्हेपुर स्थिति भोरमदेव शक्कर कारखाना में खरीदी शुरू की गई, लेकिन यहां पंडरिया के शक्कर कारखाना के बचे हुए किसानों की भी गन्ना खरीदी की जाएगी.

गन्ना खरीदी किए जाने को ले कर भारतीय किसान संघ ने जिला प्रशासन का अभार जताया है. जिला अध्यक्ष दानेश्वर परिहार ने बताया कि किसानों की स्थिति बेहद खराब है. ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन ने कारखाने को शुरू करा कर किसानों के हित में बेहतर काम किया है.

कलक्टर अवनीश कुमार शरण ने बताया कि कारखाना शुरू किए जाने को सहमति दे दी है.

उन्होंने अपने निर्देश में खरीदी के दौरान किसानों व कारखाना कर्मचारी के बीच दूरी बनाए रखने कहा है.

#Coronavirus: lockdown के चलते धूमधाम से नहीं होगी पूजा बनर्जी और कुणाल वर्मा की शादी, ऐसे लेंगे सात फेरे

टीवी जगत के क्यूटेस्ट कपल में पूजा बेनर्जी और कुणाल वर्मा का नाम आता है. 15 अप्रैल को कुणाल और  पूजा देश के गंभीर हालात को देखते हुए दोनों ने अपनी शादी का फैसला सादगी से करने के लिए लिया है.

पहले इन दोनों का प्लान था कि दोनों अपनी शादी बेहद धूमधाम से करेंगे, लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए दोनों के परिवार वालों ने कोर्ट मैरेज करने का फैसला लिया है. शादी में कोई ताम झाम नहीं होगा.

कुणाल ने बातचीत के दौरान बताया है कि हम उम्मीद करते हैं कि 15 अप्रैल को हमारी शादी फिक्स हो जाए लेकिन यह सब लॉकडाउन पर निर्भर करता है. देखते है आगे क्या होगा.

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आगे उन्होंने कहा अगर कुछ नहीं हो पाया तो हम अपनी शादी को 10 दिन आगे बढ़ा देंगे. हो सकता है तब तक हालातों पर कुछ काबू पाया जा सके.

कुणाल ने बताया मेरी मां सबसे ज्यादा इस शादी के लिए उत्साहित थी, अब वो थोड़ी सी परेशान है कि जैसा सोचा था चीजें वैसी नहीं हो पाएंगी. उन्होंने पूरे परिवार के साथ मिलकर जमकर शॉपिंग कि थी. वह मुझे घोड़ी पर चढ़ते हुए देखना चाहती थी. अब थोड़ी उदास है. उनका सपना पूरा नहीं हो पा रहा है.

 

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Jai Mata di

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मेरा भी दिल बहुत ज्यादा दुख रहा है लेकिन क्या कर सकते हैं. हम शादी का ज्यादा दिनों तक इंतजार नहीं कर सकते हैं. पूजा और मैं सोलमेट हैं. अब शादी में ज्यादा देर करने की जरुरत नहीं है.

अब देखते है कि आगे क्या होता है. उम्मीद है भगवान की कृपा से सबकुछ अच्छा होगा.

 

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