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फिर चर्चा में एक और गर्ल्स शेल्टर होम

उत्तर प्रदेश के कानपूर जिले में सरकार द्वारा चलाए बालिका शेल्टर होम में 57 नाबालिक लड़कियों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है. इसमें चौकाने वाली खबर यह है कि इनमें से 5 नाबालिक लड़कियां गर्भवती पाई गई हैं. इसके अलावा 2 और नाबालिक लडकियां जिनकी कारोना रिपोर्ट नेगेटिव आई किन्तु टेस्ट कराने पर पता चला है कि वह भी गर्भवती हैं.

यह मामला कानपुर के राजकीय बालिका संवासिनी गृह का है. जिसमें 57 लड़कियां संक्रमित मिली हैं. जिसमें कुल 7 गर्भवती, 1 एचआईवी पॉजिटिव तथा 1 में के हैपेटाईटिस सी होने की पुष्टि हुई है. इस मामले को देखते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाईलेवल की जांच करवाने की मांग की है. वहीँ, मामले का पता लगने के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लिया है और जिला प्रशासन हरकत में आया है. हांलाकि जिला प्रशासन का कहना है कि यह लडकियां यहां लाए जाने से पहले ही गर्भवती थीं.

यह मामला तब संज्ञान में आया जब इनमें से एक लड़की को कोरोना के लक्षण दिखाई दिए थे. लड़की को सांस लेने में दिक्कत और फ्लू के लक्षण दिखने लगे थे. जिसके बाद उसका कोरोना टेस्ट किया गया और लड़की कोरोना पॉजिटिव निकली. इसके बाद 33 लड़कियों का कोरोना टेस्ट किया गया. जिसमें वे भी कोरोना संक्रमित पाई गईं. अभी कोरोना पॉजिटिव कुल 57 लड़कियों में पाया जा चुका है. घटना के बाद पूरा बालिका गृह सील किया जा चुका है. जिसमें अन्य लड़कियों और कर्मचारियों को बाकी अलग जगह पर क्वारिनटाईन किया गया है. जिनके ऊपर निगरानी रखी जा रही है. वहीँ पुरे बालिका गृह को सेनेटाईज किया गया है.

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मामले को देखते हुए रविवार शाम को मीडिया से संवाद के दौरान कानपुर के डिस्ट्रिक्ट अधिकारी ब्रह्मा देव राम तिवारी ने कहा “शेल्टर में सात लडकियां गर्भवती थीं. जिनमें से 5 कोरोना पॉजिटिव है.” उन्होंने बात में आगे जोड़ा कि यह नाबालिक लड़कियां बालिका गृह में आने से पहले गर्भवती थीं. साथ ही इस पुरे मामले की जांच पोस्को एक्ट के तहत भी चल रही है.

इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने लगा है. कांग्रेस महासचिव ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है. जिसमें उन्होंने मामले को मुज्जफरपुर बालिका गृह वाले मामले से जोड़ते हुए फेसबुक पर पोस्ट किया था कि “मुज्जफरपुर शेल्टर का मामला पुरे देश के सामने है. एक ऐसा ही मामला उत्तरप्रदेश के देवरिया में सामने आया था. इसलिए ऐसे और मामले का सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सबकुछ दबा दिया जाता है. लेकिन सरकार बाल संरक्षण ग्रहों में कई मानवीय घटनाएं हो रही हैं.”

उत्तरप्रदेश की महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर ने कहा कि “किसी पुरुष को शेल्टर होम में आने की अनुमति नहीं थी. लड़कियां पहले से ही गर्भवती थीं इसलिए इस तरह के मामलों को कहीं और घुमाया नहीं जाना चाहिए.”

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बालिका गृह में कोरोना संक्रमण को लेकर पूनम कपूर ने कहा कि कुछ स्टाफ के कर्मचारी लाला लाजपत राय अस्पताल होकर आए थे. जो बालिका गृह में कोरोना के संवाहक हो सकते हैं. कुछ इसी तरह का बयान कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार का आया है जिन्होंने इस मामले पर कहा है कि इन लड़कियों को विभिन्न जिलों के बाल कल्याण समितियों द्वारा सिफारिश पर यहां भेजा गया था. इस संबंध में उनके जिलों में मामले दर्ज किये गए हैं और परीक्षण चल रहे है. कानपुर आने के बाद या आश्रय गृह में आने के बाद कोई लडकी गर्भवती नहीं हुई है.

कोविड-19 के मामलों को लेकर ढील

खबर के अनुसार पहली कोरोना पीड़ित का 15 जून को जांच व सेम्पलिंग की गई थी, जिस समय शेल्टर में पहला मामला आया था. उसी समय पुरे शेल्टर को सेनिटाईज और सील करने की बजाय लड़कियों को वहीँ पर रखा गया था. उसके बाद 17 जून तक 33 लड़कियां कोरोना पॉजिटिव पाई गई. किन्तु उसके बाद में प्रशासन ने मामले को चलते रहने दिया. खबर के मुताबिक़ 19 जून आते आते शेल्टर को सील किया गया, जब तक 57 कोरोना पॉजिटिव मामले शेल्टर से सामने आ चुके थे.

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इसके अलावा एक बात और की इस शेल्टर होम में बताया जा रहा है, की यह बालिका के साथ साथ महिला गृह भी था, जिसमें क्षमता से ज्यादा लड़कियों को रखा गया था. जिसे लेकर अधिकारियों से भी शिकायत की गई लेकिन समय पर उचित कार्यवाही नहीं की गई.

प्रदेश के मामलों पर गौर करे तो बड़े राज्य व देश की सबसे ज्यादा जनसँख्या वाले राज्य के नाते यहां कोरोना के अधिक मामले देखने को नहीं मिले हैं. किन्तु कई लोगों ने इस पर लगातार आरोप लगाया है कि प्रदेश में टेस्टिंग प्रक्रिया पर अधिक जौर नहीं दिया जा रहा है. टेस्ट जितना कम होगा आकडे उतने कम आएँगे. सरकार पर इन्ही आरोपों के चलते हाल ही में पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह एक ट्वीट भी किया था जिसमें सरकार के कम टेस्ट करने के चलते सवाल उठाया गया. इसी ट्वीट के बाद उन पर आपदा एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई.

क्या था मुज्जफरपुर मामला जिसे इस मामले से लिंक किया जा रहा है?

इससे पहले भी बालिका गृह को लेकर मामले सामने आ चुके हैं. प्रियंका गाँधी ने मुज्जफरपुर के जिस दुखद मामले का जिक्र किया वह बिहार में बालिका गृह से जुड़ा हुआ था. यह दुखद मामला तब हुआ जब मुज्जफरपुर के बालिका गृह में रहने वाली नाबालिक लड़कियों के साथ योन शोषण के मामले एकएक कर उजागर होने लगे. बिहार में राजनेताओं का एनजीओ को फण्ड करने और संचालित करने में रोल की खबर रही थी.

टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज की एक टीम ने इस शेल्टर होम पर रिपोर्ट तैयार की थी. इस टीम ने यह रिपोर्ट 26 मई 2018 को सरकार को सोंपी थी. इसी रिपोर्ट में यह सामने आया की मुज्जफरपुर के शेल्टर होम में नाबालिक लड़कियों के साथ योनशोषण किया जा रहा है. ब्रिजेश ठाकुर जिसके राजनेताओं के साथ उठाना बैठना था वह इसमें मुख्य आरोपी बन कर सामने आया. इस साल की 11 फरवरी को दोषी ब्रिजेश व उसके अन्य साथियों को साकेत हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई. इसी प्रकार उत्तरप्रदेश में ही देवरिया बालिका ग्रह काण्ड सामने है. जहां बालिकाओं से देह व्यापार कराने का मामला सामने आया था.

मामले की पूरी जांच हों

एसएसपी ने कहा है की शेल्टर सील होने के कारण जरूरी कागज़ को एक्सेस नहीं कर पाएं हैं. किन्तु इतने संगीन मामलों में अगर जरूरी कागजात शेल्टर में रह गए हैं तो विशेष आज्ञां लेकर उन कागजातों को लेकर कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाए जाने की जरुरत है. हांलाकि अधिकारी से लेकर महिला आयोग तक यह बात कह रहे हैं कि पीड़िताओं के गर्भवती होने का मामला कानपुर बालिका गृह से नहीं जुड़ा हुआ है, फिर भी इसका मतलब यह नहीं कि इसमें बालिका गृह के प्रशासन और यूपी प्रशासन की लापरवाहियों को क्लीनचित मिल जाएगी.

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यह बालिकाएं जिन भी जिलों से यहां लाई गईं थी, वहां की जरूरी जाँच की जानी अत्यंत जरूरी है. इसके अलावा कोरोना बालिका गृह तक कैसे पहुँच गया वह भी पुख्ता पता लगाने की जरुरत है. साथ ही, अगर कोरोना का पहला मामला 15 तारीख को बालिका गृह से सामने आ चुका था तो बाकी लड़कियों का तुरंत जांच करके किसी दूसरी जगह में क्यों नहीं शिफ्ट किया गया? आखिर क्यों कोरोना मामलों के और भी बढ़ने का इन्तेजार किया गया, जबकि खबर के अनुसार शेल्टर होम में क्षमता से ज्यादा लड़कियां रह रहीं थी और वहां बड़ी संख्या में फैलना ज्यादा आसान था? इसके अलावा प्रदेश सरकार की शिफारिश पर एक स्वायत समिति गठित करने की जरुरत है जो प्रदेश के सभी शेल्टर होम का जायजा करें. वहां रहने की तमाम दिक्कतों, खाद्य, शिक्षा, पानी, योन सम्बन्धी इत्यादि समस्याओं पर रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेजे. ताकि सिर्फ कानपुर अथवा देवरिया ही नहीं पुरे प्रदेश में शेल्टर होम के विषय में सकारात्मक तरीके से कार्यवाही की जा सके.

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सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल की लॉक

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन से बॉलीवुड इंडस्ट्री के साथ-साथ आम जनता भी काफी दुखी है. कम उम्र में ही दुनिया को अलविदा कहने वाले  सुशांत सिंह के निधन पर लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के पोस्ट कर बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर गुस्सा जता रहे हैं.

वही सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद उनकी बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल लॉक कर दी है. उन्होंने अपनी प्रोफाइल फोटो को भी डिलीट कर दिया है. उनके फेसबुक अकाउंट पर अब कोई जानकारी दिखाई नहीं दे रही है. श्वेता का अचानक ऐसा करना चर्चा का विषय बन गया है.

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गुरुवार तक श्वेता का प्रोफाइल विजिबल रहा. उन्होंने मुंबई से पटना अपने घर पर लौटने और भाई के अस्थि विसर्जन करने की जानकारी भी इसी के माध्यम से दीं थी. शुक्रवार से उनके प्रोफाइल पर सिर्फ उनके नाम को छोड़कर कोई भी एक पोस्ट या तस्वीर नजर नहीं आ रहा है.

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आपको बता दे विदेश में होने की वजह से सुशांत की बहन श्वेता कीर्ति सुशांत के अंतिम संस्कार के शामिल नहीं हो पाई थी लेकिन फेसबुक के जरिए सुशांत के सभी फैंस के साथ कनेक्ट थी. अपने भाई के निधन के बाद इस हफ्ते की शुरुआत में श्वेता अमेरिका से भारत लौटीं. कुछ दिनों पहले श्वेता ने अपने भाई के लिए एक ओपेन लेटर भी लिखा, हालांकि बाद में उन्होंने उसे भी डिलीट कर दिया.

Medela Flex Breast Pump: मैनुअल से बेहतर है इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप

मेरा  नाम स्वाति है, मैं 6 महीनों पहले ही मां बनी हूं, जिसके बाद मेरी जिंदगी में बहुत बदलाव आ चुका है. मुझे अपने और परिवार के लिए समय नही मिल पाता था, जिसके कारण मैने मार्केट से मैनुअल ब्रेस्ट पंप खरीदा, लेकिन ब्रेस्ट पंप लेने के बाद भी मेरे पास बिल्कुल समय नही मिलता था. साथ ही मुझे इस प्रौडक्ट को लेकर कोई संतुष्टि नही मिली. क्योंकि मेनुअल ब्रेस्ट पंप से दूध को निकालने में भी मुझे समय के साथ हाथों में दर्द भी रहने लगा.

इसके बाद जब परेशान होकर मैने मेरी दोस्त सानिया को अपनी इस प्रौबल्म के बारे में बताया तो उसने मुझे इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करने की बात कही. क्योंकि वह भी इस प्रौबल्म का सामना कर चुकी थी और इलेक्ट्रिक पंप से उसकी लाइफ भी बेहद आसान हो गई थी, जिसके कारण उसने मुझे भी इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करने की सलाह दी.

साथ ही सानिया ने मुझे समझाते हुए कहा कि भले ही हम किसी चीज पर पैसे खर्च करके अपनी लाइफ को आसान बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन अगर वही चीज हमारे काम को आसान करने की बजाय बढ़ा दे तो वह चीज खरीदना बेकार हो जाती है, जिसके बाद मुझे यह बात समझ आई कि सानिया सही कह रही है.

इसी के साथ उसने मुझे मेडेला के इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करने की सलाह देते हुए कहा कि यह Medela Flex Breast Pump के जरिए वह कम समय में ही काफी दूध निकाल कर स्टोर कर सकती है, जिससे उसे बार-बार बच्चे को खुद फीडिंग नहीं करवानी पड़ेगी. साथ ही वह आराम से औफिस का काम और अपने बच्चे का ख्याल रख पाएगी और इस पूरी प्रोसेस में 10 से 15 मिनिट का समय लगेगा. इसी के साथ उसने मुझे यह भी बताया कि Medela Flex Breast Pump स्विटजरलैंड में बनाए जाते है, जो कि हाइजीन के मामले में बेहद सुरक्षित भी है और इसके साथ मिलने वाली गारंटी आपको प्रौडक्ट को लेकर सिक्योरिटी भी देती है.

सानिया से मेडेला के इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप के बारे में जानने के बाद मैनें इस प्रौडक्ट को खरीदा और इस प्रौडक्ट को खरीदने व इस्तेमाल करने के बाद मुझे एक संतुष्टि भी मिली.

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सोनम कपूर के नेपोटिज्म ट्विट पर हिना खान के बॉयफ्रेंड का करारा जवाब, जानें क्या कहा

अदाकारा सोनम कपूर सोशल मीडिया पर अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती है. सुशांत सिंह राजपूत के मौत के बाद सोनम ने एक ट्विट किया था कि किसी के मृत्यु के बाद एक्स गर्लफ्रेंड को दोष नहीं देना चाहिए. सोनम का यह ट्विट खूब सुर्खियो में था.

यूजर्स ने सोनम के इस ट्विट पर निशाना साधना शुरू किया और इन्हें भी नेपोटिज्म का प्रोडक्ट बता डाला. हालांकि सोनम कपूर इस बात से बहुत दुखी हुई थी और उन्होंने फादर्स डे पर एक ट्विट किया था जिसमें वह ट्रोलर्स पर निशाना साधने की कोशिश की थी. सोनम ने ट्विट पर लिखा था कि सोनम ने लिखा था कि आज फादर्स डे है और आज के दिन मैं कुछ कहना चाहती हूं. जी हां मैं अपनी पापा की बेटी हूं जी हां मैं एक समपन्न परिवार से रिश्ता रखती हूं. आज जो भी कुछ हूं सिर्फ उनकी वजह से ही हूं. मेरे पिता ने मुझे यह सब देने के लिए बहुत सारे कर्म किए है. यह मेरा भाग्य है जो मैं इस घर में पैदा हुई हूं. मुझे सोनम कपूर पर गर्व है.

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सोनम का यह ट्विट कई लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया जृसमें एक नाम हिना खान के ब्यॉफ्रेड रॉकी जयसवाल का भी आता है. रॉकी ने हाल ही में सोनम कपूर को जवाब देते हुए ट्विट किया है कि जिन लोगों को नेपोटिज्म के कारण काम नहीं मिलता वह उनके पिछले जन्म कर्म का नतीजा है. इस हिसाब से तो आपके अगले लआइफ के बारे में सोच भी नहीं सकता हूं सोनम कपूर.

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आगे उन्होंने लिखा इस सोच के कारण अमीर लोगों की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं तो वहीं गरीब लोग सड़क पर ही रह जाते हैं. कर्म के नाम पर फैसला अमीर लोग ही करते हैं. अच्छा किया आपने रियलिटी एक्सेप्ट किया अपने विचारों का सम्मान किया.

ये डायरेक्टर बनाएगा सुशांत सिंह राजपूत की बायोपिक, साल 2022 में हो सकती है रिलीज

देश के उभरते हुए कलाकार सुशांत सिंह राजपूत 34 साल की उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. सुशांत सिंह राजपूत आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उन्होंने अपने पीछे कई खूबसूरत यादें फैमली और फैंन्स के लिए छोड़ कर चले गए है.

सुशांत सिंह का पूरा जीवन बहुत ही ज्यादा इंस्पिपरेशनल रहा है. उनके बचपन से लेकर अब तक का जीवन देखा जाए तो हर मोड़ पर कुछ न कुछ नया हुआ है.

सुशांत सिंह अपने एक्टिंग के सपने को पूरा करने के लिए दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग छोड़कर डांस क्लास ज्वाइन किया था. सुशांत मेकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे.

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थिएटर करते-करते सुशांत सिंह राजपूत को एकता कपूर के सीरियल किस देश में है मेरा दिल में काम करने का ऑफर मिल गया था. सुशांत सिंह ने इस सीरियल में छोटा सा किरदार निभाया था. इसके बाद सुशांत सिंह राजपूत को सीरियल पवित्र रिश्ता में बतौर लीड रोल में लॉन्च किया गया. जिसमें उनके किरदार का नाम मानव था और उनके साथ थी अर्चना के किरदार में अंकिता लोखड़े .

बाद में दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे थे. सुशांत ने अंकिता को नेशनल टीवी पर प्रपोज किया था. पूरी दुनिया के सामने अपनाया था.

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लंबे समय तक एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में रहने के बाद दोनों ने ब्रेकअप कर लिया था. सुशांत की पहली फिल्म ‘काय पो छे’ थी इस फिल्म में लोगों ने खूब पसंद किया था. सुशांत सिंह को इसके बाद लगातार फिल्म के कई ऑफर आने लगे.

सुशांत का नाम हर घर में लोकप्रिय हो गया था. सुशांत अब हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी खूबसूरत यादों को फिल्म मेकर निखिल आनंद जल्द ही पर्दे पर लाने की तैयारी में लगे हुए हैं.

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खबर है कि निखिल आनंद इस सुशांत की बॉयोपिक को साल 2022 में पर्दे पर सभी के सामने लॉन्च  करने की तैयारी कर रहे हैं.

मानसून में बनाएं ये 3 टेस्टी डिश जो बनेंगी झटपट

भूख लगने पर कुछ स्वादिष्ठ  के साथसाथ पौष्टिक खाने को मिल जाए तो बात ही क्या. बाजार में स्नैक्स व व्यंजनों की भरमार है लेकिन सेहत की नजर से देखा जाए तो घर पर बने व्यंजनों का ही सेवन करना चाहिए. तो आइए, जानें ऐसे व्यंजनों के बारे में जो बनाने में आसान और खाने में स्वादिष्ठ होते हैं. आप भी बनाएं, खाएं और खिलाएं.
1 पालक पत्ता चाट
सामग्री :
8 पालक के बड़े आकार के मुलायम पत्ते,
1 कप बेसन,
1/2 छोटा चम्मच अजवायन,
2 बड़े चम्मच चावल का आटा,
चुटकीभर खाना सोडा,
नमक व मिर्च स्वादानुसार
और पालक के पत्ते तलने के लिए रिफाइंड औयल.
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अन्य सामग्री :
1/2 कप बहुत छोटे क्यूब में कटे आलू,
1 बड़ा चम्मच बारीक कटा प्याज,
1 बड़ा चम्मच बारीक कटा टमाटर,
1/4 कप नमकीन बूंदी,
1/4 कप बारीक सेव, चाट मसाला और हरी व मीठी चटनी स्वादानुसार.
विधि :
बेसन में थोड़ा पानी डाल कर पकौड़े लायक घोल तैयार करें. उस में चावल का आटा, नमक, मिर्च व अजवायन डालें. खाना सोडा भी डाल दें. पालक के पत्ते धो कर कपड़े से पोंछें और बेसन के घोल में डुबो कर गरम तेल में डीप फ्राई कर लें. इन्हें 2 घंटे पहले भी बना कर रख सकते हैं, करारे बने रहेंगे.
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अब हर फ्राई पत्ते पर थोड़ा सा आलू, प्याज, टमाटर, बूंदी व सेव डालें. चाट मसाला बुरकें और हरी चटनी व मीठी चटनी से सजा कर सर्व करें.
2  करारा रोल
सामग्री :
1 कप मैदा,
1 बड़ा चम्मच तेल मोयन के लिए,
1/4 छोटा चम्मच नमक और सिगार सेंकने के लिए थोड़ा सा रिफाइंड औयल.
भरावन की सामग्री :
3 बड़े चम्मच कद्दूकस की हुई गाजर,
4 बड़े चम्मच पनीर कद्दूकस किया,
1 बड़ा चम्मच मौजरेला चीज कद्दूकस किया,
नमक व कालीमिर्चचूर्ण स्वादानुसार.
विधि :
एक बाउल में भरावन की सभी सामग्री मिला कर रख लें. मैदा में गुनगुना तेल का मोयन व नमक डाल कर पूरी लायक आटा गूंध लें.
15 मिनट आटा ढक कर रखें. छोटीछोटी लोई ले कर आयताकार बेलें. प्रत्येक पट्टी के एक किनारे पर थोड़ा सा मिश्रण रखें और फोल्ड कर के रोल तैयार कर लें. किनारों को पानी की सहायता से चिपका दें.
गरम तेल में धीमी गैस पर सुनहरा तल लें. इन को 2 घंटे पहले बना कर भी  रख सकते हैं. ओवन में गरम कर के सर्व करें.
3  मैक्सिकन कौर्न
सामग्री : 1 कप मक्की के उबले हुए दाने,
3 बड़े चम्मच पत्तागोभी बारीक कतरी हुई,
2 बड़े चम्मच बीजरहित क्यूब में बारीक कटे टमाटर,
1 बड़ा चम्मच बारीक कटा प्याज,
2 बड़े चम्मच हरी, पीली, लाल शिमलामिर्च बारीक मिलीजुली कटी,
1 बड़ा चम्मच बारीक कटा हरा धनिया,
1/4 बड़ा चम्मच चाट मसाला,
टोमैटो कैचअप, कुटी लालमिर्च सब स्वादानुसार और 8-10 केनेप्स.
विधि :
केनेप्स को डीप फ्राई कर लें या ओवन में थोड़ी देर बेक करें जिस से वे ज्यादा क्रिस्पी हो जाएं.
उबले हुए मक्की के दाने में सभी चीजें मिलाएं और हर केनेप्स में भरें.
हर केनेप पर थोड़ा सा हरा धनिया बुरक लें और सर्व करें. अपनी इच्छानुसार इस में मूंगफली के दाने डाल सकते हैं या कद्दूकस कर के चीज डाल सकते हैं.

काला गेहूं : सेहत के लिए फायदेमंद

सुनहरे गेहूं की तमाम किस्मों को विकसित करने के बाद कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई किस्म काला गेहूं यानी ब्लैक व्हीट तैयार किया है. यह गेहूं सेहत के लिए काफी फायदेमंद है.

अब तक गल्ला मंडी में वैसे भी सभी लोगों ने सुनहरे रंग का ही गेहूं देखा होगा, पर अब मंडी में काला गेहूं देखने को मिल रहा है. गल्ला मंडी, सीहोर में पिछले दिनों यह काला गेहूं बिकने आया, जो हाथोंहाथ बिक गया.

वजह, एक तो इस गेहूं की काफी ज्यादा मांग है, क्योंकि यह सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी है. वहीं इस किस्म का गेहूं पूरी तरह से काला है.

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गल्ला मंडी, सीहोर में काला गेहूं की सब से ऊंची बोली लगा कर 4001 रुपए के भाव में खरीदा गया. काला गेहूं की मांग उस के प्रोटीन से भरपूर होने के कारण बहुत अधिक है. साथ ही, कई बीमारियों में भी यह फायदेमंद है.

विगत 2 सालों से शाजापुर और सीहोर से लगे ग्रामीण इलाकों के कुछ उन्नतशील किसान इस गेहूं को उगाने की निरंतर कोशिश में थे. इस साल यह गेहूं सीहोर गल्ला मंडी में भी अपनी दस्तक दे चुका है.

क्या है काला गेहूं

असल में सुनहरे गेहूं की तरह ही काले रंग के गेहूं की किस्म विकसित की गई है. इस का छिलका पूरा काला होता है, लेकिन अंदर में यह सफेद ही रहता है. इस के आटे की सफेदी कुछ कम रहती है. खाने में सामान्य स्वाद है, लेकिन यह 3-4 घंटे में ही पच जाता है.

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किस ने खरीदा काला गेहूं

गांव नांदनी के किसान प्रेमनारायण पिछले दिनों मंडी सीहोर में अपना 1 क्विंटल काला गेहूं ले कर आए थे. इसे दिलीप कुमार लखमसी शाह फर्म के दिलीप शाह ने ऊंची बोली लगा कर 4001 रुपए में खरीदा.

किसान खुश है, अब तीन गुना उगाएगा

गांव नांदनी के किसान प्रेमनारायण ने बताया कि पिछले साल एक किसान से 30 किलो काला गेहूं के बीज खरीदे थे, जिन्हें इस साल बोया था. इस से 8 क्विंटल अनाज पैदा हुआ. इसे वे सीहोर मंडी में बेचने गए, जहां हाथोंहाथ बिक गया.

उस किसान ने बताया कि जिस हिसाब से इस गेहूं की मांग है, इस वजह से वे अगले साल एक क्विंटल गेहूं बोएंगे. साधारण गेहूं की तरह ही इसे बोया जाता है. इसे बोने में कोई दिक्कत नहीं आई. पानी भी उतना ही लगता है, जितना सामान्य गेहूं में लगता है.

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बहुत ही सुपाच्य

एक कारोबारी ने बताया कि शाजापुर मंडी में पिछले साल से यह गेहूं आ रहा है. हम ने घर में खुद खा कर देखा है. इस गेहूं की खूबी यह है कि इस में प्रोटीन बहुत अधिक है. 3-4 घंटे में ही यह पच जाता है. डायबिटीज यानी शुगर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है. साथ ही, हाई ब्लडप्रैशर वाले भी इसे खा सकते हैं. इस के अलावा तनाव, मोटापा, कैंसर और दिल से जुडी बीमारियों की रोकथाम में यह गेहूं काफी मददगार है.

वजह, काले गेहूं में एंथोसाइनिन नाम के पिगमेंट होते हैं. यह नैचुरल एंटीऔक्सीडेंट है. इसी वजह से यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.

एक ओर जहां सामान्य गेहूं में एंथोसाइनिन की मात्रा 5 से 15 पीपीएम होती है, वहीं दूसरी ओर काला गेहूं में 40 से 140 पीपीएम पाई जाती है. एंथोसाइनिन के अलावा काला गेहूं में जिंक और आयरन की मात्रा में भी अंतर होता है. काले गेहूं में सामान्य गेहूं की तुलना में 60 फीसदी आयरन ज्यादा होता है. हालांकि प्रोटीन, स्टार्च और दूसरे पोषक तत्व समान मात्रा में होते हैं.

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वैसे, काले गेहूं का बीज कुछ फलों के जरीए तैयार किया जाता है. काले गेहूं के बीज को तैयार करने में जामुन व ब्लू बेरी फल का इस्तेमाल होता है. इस का रंग देखने में बेशक काला है, लेकिन इस की रोटी ब्राउन ही बनती है.

काला गेहूं की रोटी खाने से शरीर का मोटापा कम होता है, वहीं इसे खाने से एसिडिटी से भी छुटकारा मिलता है. रोटी के अलावा बाटी भी बनाई जा सकती है जो सेहत को तमाम बीमारियों से बचाने के अलावा पेट को दुरुस्त रखने में मददगार साबित होगा.

काला गेहूं को आप भी अपने खाने में शामिल कर सकते हैं और सेहत को दुरुस्त रख सकते हैं

गुड गर्ल- भाग 3: तान्या के साथ क्या हुआ था उस रात?

लेखक-चिरंजीव नाथ सिन्हा

दरअसल, उस के ननदोई राजीव काफी अमीर थे. जब तान्या के ससुर का बिजनैस खराब चल रहा था तो राजीव ने रूपएपैसे से उन की काफी मदद की थी. इसलिए राजीव का घर में दबदबा था और उस की सास तो अपने दामाद को जरूरत से ज्यादा सिरआंखों पर बैठाए रखती थी.

राजीव का ससुराल में अकसर आना होता रहता था. अपनी निश्छल प्रकृति के कारण तान्या राजीव के घर आने पर उस का यथोचित स्वागतसत्कार करती. जीजासलहज का रिश्ता होने के कारण उन से खूब बातचीत भी करती थी. लेकिन धीरेधीरे तान्या ने महसूस किया कि राजीव जरूरत से ज्यादा उस के नजदीक आने की कोशिश कर रहा है.

उस के सहज, निश्छल व्यवहार को वह कुछ और ही समझ रहा है. पहले तो उस ने संकेतों से उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन जब उस की बदतमीजियां मर्यादा की देहरी पार करने लगी तो उस ने एक दिन दिनकर को हिम्मत कर के सबकुछ बता दिया.

दिनकर यह सुन कर आपे से बाहर हो गया. वह राजीव को उसी समय फोन पर ही खरीखोटी सुनाने वाला था लेकिन तान्या ने उसे उस समय रोक दिया.

वह बोली,”दिनकर, यह उचित समय नहीं है. अभी हमारे पास अपनी बात को सही साबित करने का कोई प्रमाण भी नहीं है. मांजी इसे एक सिरे से नकार कर मुझे ही झूठा बना देंगी. तुम्हें मुझ पर विश्वास है, यही मेरे लिए बहुत है. मुझ पर भरोसा रखो, मैं सब ठीक कर दूंगी.”

दिनकर गुस्से में मुठ्ठियां भींच कर तकिए पर अपना गुस्सा निकालते हुए बोला, “मैं जीजाजी को छोङूंगा नहीं, उन्हें सबक सिखा कर रहूंगा.”

कुछ दिनों बाद राजीव फिर उस के घर आया और उस रात वहीं रूक गया. संयोग से दिन कर को उसी दिन बिजनैस के काम से शहर से बाहर जाना पड़ गया. राजीव के घर में मौजूद होने की वजह से उसे तान्या को छोड़ कर बाहर जाना कतई अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन बिजनैस की मजबूरियों की वजह से उसे जाना ही पड़ा. पर जातेजाते वह तान्या से बोला,”तुम अपना ध्यान रखना और कोई भी परेशानी वाली बात हो तो मुझे तुरंत बताना.”

“आप निश्चिंत रहिए. आप का प्यार और सपोर्ट मेरे लिए बहुत है.”

रात को डिनर करने के बाद सब लोग अपनेअपने कमरों में चले गए. तान्या भी अपने कमरे का दरवाजा बंद कर बिस्तर पर चली गई. दिनकर के बिना खाली बिस्तर उसे बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता था, खासकर रात में उस से अलग रहना उसे बहुत खलता था. जब दिनकर सोते समय उस के बालों में उंगलियां फिराता, तो उस की दिनभर की सारी थकान छूमंतर हो जाती. उस की यादों में खोईखोई कब आंख लग गई उसे पता ही नहीं चला.

अचानक उसे दरवाजे पर खटखट की आवाज सुनाई पड़ी. पहले तो उसे लगा कि यह उस का वहम है पर जब खटखट की आवाज कई बार उस के कानों में पड़ी तो उसे थोड़ा डर लगने लगा कि इतनी रात को उस के कमरे का दरवाजा कौन खटखटा सकता है? कहीं राजीव तो नहीं. फिर यह सोच कर कि हो सकता है कि मांबाबूजी में से किसी की तबियत खराब हो गई होगी, उस ने दरवाजा खोल दिया तो देखा सामने राजीव खड़ा मुसकरा रहा है.

“अरे जीजाजी, आप इतनी रात को इस वक्त यहां? क्या बात है?”

“तान्या, मैं बहुत दिनों से तुम से एक बात कहना चाहता हूं.”

कुदरतन स्त्री सुलभ गुणों के कारण राजीव का हावभाव उस के दिल को कुछ गलत होने की चेतावनी दे रहा था. उस की बातें उसे इस आधी रात के अंधेरे में एक अज्ञात भय का बोध भी करा रही थी. लेकिन तभी उसे अपनी मां की दी हुई वह सीख याद आ गई कि हमें कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए बल्कि पूरी ताकत से कठिन से कठिन परिस्थितियों का पुरजोर मुकाबला करते हुए हौसले को कम नहीं होने देना चाहिए.”

उस ने हिम्मत कर के राजीव से पूछा, “बताइए क्या बात है?”

“तान्या, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो. आई लव यू. आई कैन डू एनीथिंग फौर यू…”

“यह आप क्या अनापशनाप बके जा रहे हैं? अपने कमरे में जाइए.”

“तान्या, आज चाहे जो कुछ भी हो जाए, मैं तुम्हे अपना बना कर ही रहूंगा,” इतना कहते हुए वह तान्या का हाथ पकड़ कर उसे बैडरूम में अंदर ले जाने लगा कि तान्या ने एक जोरदार थप्पड़ राजीव के मुंह पर मारा और चिल्ला पड़ी,”मिस्टर राजीव, आई एम ए गुड गर्ल बट नौट ए म्यूट ऐंड डंब गर्ल. शर्म नहीं आती, आप को ऐसी हरकत करते हुए?”

तान्या के इस चंडी रूप की कल्पना राजीव ने सपने में भी नहीं किया था. वह यह देख कर सहम उठा, पर स्थिति को संभालने की गरज से वह ढिठाई से बोला,”बी कूल तान्या. मैं तो बस मजाक कर रहा था.”

“जीजाजी, लड़कियां कोई मजाक की चीज नहीं होती हैं कि अपना टाइमपास करने के लिए उन से मन बहला लिया. आप के लिए बेशक यह एक मजाक होगा पर मेरे लिए यह इतनी छोटी बात नहीं है. मैं अभी मांपापा को बुलाती हूं.”

फिर अपनी पूरी ताकत लगा कर उस ने अपने सासससुर को आवाज लगाई, मांपापा…इधर आइए…”

रात में उस की पुकार पूरे घर में गूंज पङी. उस की चीख सुन कर उस के सासससुर फौरन वहां आ गए.

गहरी रात के समय अपने कमरे के दरवाजे पर डरीसहमी अपनी बहू तान्या और वहीं पास में नजरें चुराते अपने दामाद राजीव को देख कर वे दोनों भौंचक्के रह गए.

कुछ अनहोनी घटने की बात तो उन दोनों को समझ में आ रही थी लेकिन वास्तव में क्या हुआ यह अभी भी पहेली बनी हुई थी.

तभी राजीव बेशर्मी से बोला, “मां, तान्या ने मुझे अपने कमरे में बुलाया था.”

“नहीं मां, यह झूठ है. मैं तो अपने कमरे में सो रही थी कि अचानक कुंडी खड़कने पर दरवाजा खोला तो जीजाजी सामने खड़े थे और मुझे बैडरूम में जबरन अंदर ले जा रहे थे.”

“नहीं मां, यह झूठी है, इस ने ही…”

अभी वह अपना वाक्य भी पूरा नहीं कर पाया था कि अकसर खामोश रहने वाले तान्या के ससुर प्रवीणजी की आवाज गूंज उठी,”राजीव, अब खामोश हो जाओ, तुम ने क्या हम लोगों को मूर्ख समझ रखा है? माना हम तुम्हारे एहसानों के नीचे दबे हैं, लेकिन तुम्हारी नसनस से वाकिफ हैं. तुम ने आज जैसी हरकत किया है, उस के लिए मैं तुम्हें कभी माफ नहीं करूंगा. तुम ने मेरी बहू पर बुरी नजर डाली और अब उलटा उसी पर लांछन लगा रहे हो…” इतना कह कर तान्या के सिर पर हाथ फेरते हुए बोले,”बेटा, तुम्हारा बाप अभी जिंदा है. मैं तुम्हें  कुछ नहीं होने दूंगा. मैं अभी पुलिस को बुला कर इस को जेल भिजवाता हूं.”

अपने पिता समान ससुर का स्नेहिल स्पर्श पा कर तान्या उन से लिपट कर रो पड़ी जैसे उस के अपने बाबूजी उसे फिर से मिल गए हों. फिर थोड़ा संयत हो कर बोली, “पापा, आप का आर्शीवाद और विश्वास मेरे लिए सब कुछ है लेकिन पुलिस को मत बुलाइए. जीजाजी को सुधरने का एक मौका हमें देना चाहिए और फिर दीदी और बच्चों के बारे में सोचिए, इन के जेल जाने पर उन्हें कितना बुरा लगेगा.”

दिनकर के पिता प्रवीणजी कुछ देर सोचते रहे, फिर बोले,”बेटा, तुम्हारे मातापिता ने तुम्हारा नाम तान्या कुछ सोचसमझ कर ही रखा होगा. ये तुम जैसी बेटियां ही हैं, जो अपना मानसम्मान कायम रखते हुए भी परिवार को सदा जोड़े रखती हैं. जब तक तुम्हारी जैसी बहूबेटियां हमारे समाज में हैं, हमारी संस्कृति जीवित रहेगी.”

फिर अपनी पत्नी से बोले,”शांता, देखिए ऐसी होती हैं हमारे देश की गुड गर्ल. जो न अपना सम्मान खोए न घर की बात को देहरी से बाहर जाने दे.”

शांताजी के अंदर भी आज पहली बार तान्या के लिए कुछ गौरव महसूस हो रहा था. पति से मुखातिब होते हुए दामाद राजीव के विरूद्ध वे पहली बार बोलीं,”आप ठीक कहते हैं. घर की इज्जत बहूबेटियों से ही होती है. पता नहीं एक स्त्री होने के बावजूद मेरी आंखें यह सब क्यों नहीं देख पाईं…” फिर तान्या से बोलीं,”बेटा, मुझे माफ कर देना.”

“राजीव, तुम अब यहां से चले जाओ. मैं तुम्हारा पाईपाई चुका दूंगा पर अपने घर की इज्जत पर कभी हलकी सी भी आंच नहीं आने दूंगा. तान्या हमारी बहू ही नहीं, हमारी बेटी भी है और सब से बढ़ कर इस घर का सम्मान है,” प्रवीणजी बोल पङे.

सासससुर का स्नेहिल आर्शीवाद पा कर आज तान्या को उस का ससुराल उसे सचमुच अपना घर लग रहा था बिलकुल अपना जिस के द्वार पर एक सुहानी भोर मीठी दस्तक दे रही थी.

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