कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए जिन किसान भाइयों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड नहीं किया है, वे अतिशीघ्र उस को डाउनलोड कर लें. इस ऐप के माध्यम से आप के आसपास अगर कोई कोरोना वायरस पौजिटिव गुजरता है तो यह आप को मैसेज के द्वारा अलर्ट करेगा.

जिन किसान भाइयों ने किसान रथ ऐप डाउनलोड नहीं किया है, वे भी इस को जरूर डाउनलोड कर लें. यह आप को अपने अनाज को बेचने, खरीदने, ट्रांसपोर्टेशन में मदद करेगा.

इसी के साथ परवल और धनिया की फसल में लगने वाले प्रमुख कीट और रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत है :

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परवल

फल मक्खी कीट : प्रोन कीट कोमल अवयस्क फलों की त्वचा के नीचे अंडे देती है, जिस से यह गिडार निकल कर गूदे को खा कर फलों को सड़ा देती है. फल पीले पर कर सड़ने लगते हैं.

प्रबंधन : कीट आने से पहले नीम तेल 1500 पीपीएम की 3 मिलीलिटर दवा प्रति लिटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें.

यदि कीट आ गया है तो क्विनालफास

25 ईसी की 2 मिलीलिटर दवा प्रति लिटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें.

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गलन रोग : इस रोग का प्रकोप अविकसित फलों पर अधिक होता है, जिस के कारण पूरा फल सड़ कर गिर जाता है.

प्रबंधन : इस रोग के नियंत्रण के लिए कौपर औक्सिक्लोराइड 50 डब्ल्यूपी की 3 ग्राम दवा प्रति लिटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें.

खर्रा रोग : इस के प्रकोप से पत्तियों और फलों पर सफेद चूर्ण दिखाई देते हैं. परिणामस्वरूप पत्तियां पीली पड़ कर नीचे गिर जाती हैं.

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