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उस एक दिन की बात- भाग 2: क्या हुआ था उस दिन?

कहां खो गए जनाब? नाश्ता हाजिर है,’  उर्मि चहकी. उस की चहक से तंद्रा टूटी तो पलकों की यवनिका धीरे से ऊपर उठ गई. सामने उर्मि खड़ी थी. खिलखिलाने से मुंह की फांक खुली तो भीतर करीने से दुबके मुक्ता दाने चिलक उठे. मुक्ता दानों के संग कदमताल मिलाती हिरणी सी आंखें भी भरतनाट्यम कर रही थीं.

उन्होनें गहरी नजरों से पत्नी को निहारा. निहार में घोर आश्चर्य घुला था. सांचे में ढला गोरा बदन और खिलाखिला चेहरा. देर तक टिकी रहीं नजरें चेहरे पर. फिर मांग और बिंदी को छू कर अधरों से टपकती गले के नीचे की उपत्यका पर ठहर गईं. पीयूषजी पत्नी की रूपराशि देख कर चमत्कृत थे. उर्मि ही है या कोई मायावी यक्षिणी…

‘ऐसे क्या देख रहे हैं, जैसे पहले कभी देखा नहीं,’  उर्मि खिलखिलाई तो जैसे नूपुर की नन्ही घंटियां बज उठी हों. घंटियों की आवाज पीयूषजी के दिल में झंकार भर गई.

सचमुच यार, यह रूप, यह हंसी. पहली बार ही देख रहा हूं. कहां छिपाया हुआ था इस खजाने को,’  पीयूषजी की आवाज खुशी से थरथरा रही थी. रोज ही तो देखते हैं पत्नी को, आज उस का सौंदर्य इतना नया, इतना जादुई क्यों लग रहा है.

उर्मि अवाक थी. यह कैसा परिवर्तन आया जनाब में. सुखद और रोमांचक. सबकुछ सामने ही था, पर आप को दिखाई न दे तो मैं क्या करती?  शोख हंसी में लिपटे लफ्ज. दिखाई देता तो कैसे, जब से मोबाइल लिया है, आंखें ही नहीं बल्कि पूरी बौडी लैंग्वेज में रोबोट की तासीर घुल गई. आप के भीतर से आप के खुद को बेदखल कर के एक रोबोट आ बैठा और आप को पता भी नहीं. भाव और स्पंदनहीन रोबोट.

पीयूषजी एक पल के लिए ठगे से रह गए. नजरें उर्मि के चेहरे से हट ही नहीं रही थीं.

भावावेश में उसे बांहों में खींच लिया. देहस्पर्श बिलकुल नया लगा.. पहली रात का पहली छुवन जैसा. अद्भुत. पति के अप्रत्याशित आलिंगन से उर्मि रोमांच से भर गई. ऐसे उत्तप्त आलिंगन के लिए किस कदर तरस गई थी इन दिनों वह. आलिंगन ही क्यों, बैड पर के आंतरिक क्षणों की सारी क्रियाएं भी तो जिन में पहले एक उत्तेजित नशा घुला रहता था,

कितनी यांत्रिक व बेरस हो गई थी. आंखें खुशी से छलकीं तो हंसी में नमी घुल आई.

पीयूषजी ने थरथराते होंठ उस आर्द्र हंसी पर धर दिए. मन रुई सा हलका हो गया.‘वाह, चिल्ले… एक अरसे बाद बना मेरा फ़ेवरिट स्नैक,’   पीयूषजी बच्चों से चहके.

‘परसों ही तो बनाई थी,’  उर्मि तुनक कर बोली. पीयूषजी एक बार फिर चौंके, ‘अरे, परसों खाया था तो याद क्यों नहीं आ रहा?

‘याद नहीं आ रहा कमबख्त,’ पीयूषजी खीझ से भर गए. ऐसा स्मृति लोप पहले तो कभी नहीं होता था. इन सारे बदलावों के पीछे मोबाइल में दुबके आभासी दुनिया का तिलिस्म तो नहीं? वे सहम से गए. चाय पीते हुए हुलस कर उर्मि से हंसीमजाक करने लगे. तभी उन काध्यान उर्मि के टौप पर गया. गुलाबी पृष्ठभूमि पर गहरे हरे रंगों के बेलबूटे, गौर वर्ण पर खूब खिल रहे थे.

‘यह टौप तुम पर खूब फब रहा है. कब खरीदा?’  पीयूष जी प्रशंसात्मक भाव से बुदबुदाए.‘पिछले 2 महीने से यूज कर रही हूं. कितनी बार तो इस में देखा, फिर भी?’ उर्मि खिलखलाती हुई गंभीर हो गई, ‘टौप को ध्यान से देखते भी तो कैसे? नया मोबाइल लेने के बाद सारा ध्यान और सारी चेतना मोबाइल ऍप्स के ब्लैकहोल में समा गई है. घरपरिवार से कट कर आभासी दुनिया में विचरने वाले रोबोट जैसे हो गए हैं, आप. कई बार टोकने का मन किया, पर…’

कुछ पलों का मौन छाया रहा दोनों के बीच. उर्मि सामने के सोफे पर जा बैठी. पीयूषजी अपराधबोध से भर गए. उर्मि के उलाहने में कड़वा सच नहीं था क्या? सोशल मीडिया और आभासी दुनिया के पीछे विक्षिप्त दीवाने की तरह ही दौड़ रहे हैं. इस अंधी बेलगाम दौड़ ने संवेदना और सोच को छीज कर उन्हें घरपरिवार के इमोशन्स से किस कदर रिक्त कर दिया, उफ्फ. आज नैट बंद रहने से वे उस के सम्मोहन से मुक्त हैं तो सबकुछ कितना नया औरआकर्षक लग रहा है.

आहिस्ते से उठे और उर्मि की बगल में आ गए. उस की हथेली को दोनों हथेलियों में भर कर सहलाते हुए फुसफुसाए, ‘तुम ने ठीक कहा, डार्लिंग. आभासी दुनिया के छद्म सम्मोहन के पीछे की अंधी दौड़ में ढेर सारे नायाब सुख और तरल एहसास छूटते चले गए. ये सुख, एहसास, प्रेम पगे पल भले छोटे दिखते हैं, जिंदगी में कितनी ऊर्जा, कितना रस और संजीवनी भरते हैं, आज पता चला. मन कितना खाली, कितना तनहा हो गया था इन के बिना. पर अब नहीं. अब एकएक कर के इन सारे छूटे हुए एहसासों को जीभर कर जिऊंगा.

उर्मि की नजरें उठीं और पीयूषजी की नजरों से गूंथ गईं. अवगुंठन में प्यार लबलबा रहा था.‘अब यह मत कहना कि नाक की यह लौंग भी पुरानी है. मानो चांद की नन्ही सी कणिका छिटक कर ठिठौना सी आ चिपकी हो चेहरे पर. नाक की लौंग में नन्हा सफेद एडी जड़ा था

जो चेहरे को अद्भुत चमक दे रहा था. लौंग को मुग्धभाव से देखते हुए पीयूषजी हंसे तो उर्मि इठलाई, ‘पुराना है और पिछले 6 महीने से पहनी हुई हूं, जनाब.’

‘अरे, इतने दिनों से नथुने में है, फिर भी नजर नहीं गई इस पर. कमाल है. हमारा बेटा कहां

Video: कौए ने खराब की तेजस्वी की ड्रेस तो करण ने दिया ये रिएक्शन

टीवी इंडस्ट्री का फेमस कपल तेजस्वी प्रकाश (Tejasswi Prakash) और करण कुंद्रा (Karan Kundra) अपने लवलाइफ के कारण सुर्खियों में छाये रहते हैं.  फैंस को भी करण-तेजस्वी (Karan-Tejasswi)  के फोटोज और वीडियो का बेसब्री से इंतजार रहता है. तेजस्वी प्रकाश इन दिनों ‘नागिन 6’ में अपने किरदार से फैंस का दिल जीत रही हैं. तो वहीं करण अक्सर ‘नागिन 6’ के सेट पर तेजस्वी से मिलने पहुंच जाते हैं. हाल ही में दोनों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें दोनों फोटोग्राफर्स से बात करते हुए दिखाई दिए. तभी कुछ ऐसा होता है, जिससे तेजस्वी घबरा जाती है. आइए बताते हैं, क्या है पूरा मामला.

विरल भयानी ने यह वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. वीडियो में फोटोग्राफर्स लगातार तेजस्वी प्रकाश को भाभी बोलते नजर आए और उनकी फोटोज भी क्लिक करते दिखाई दिए. तभी तेजस्वी प्रकाश के ऊपर कुछ गिरा, जिससे एक्ट्रेस घबरा गईं और बोली,  ऊपर से कुछ गिर रहा है. फोटोग्राफर ने बताया कि भाभी के ऊपर कुछ गिर गया, असल में कौआ था वहां.

 

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फोटोग्राफर की बात सुनकर तेजस्वी हैरान रह गईं और पूछने लगी, सच में? इस दौरान एक्ट्रेस के एक्सप्रेशन देखने लायक है. तो वहीं करण कुंद्रा ने बताया कि वहां बंदर था. दोनों की बातें सुनकर तेजस्वी प्रकाश अपने बालों को चेक करने लगी.

 

आपको बता दें कि तेजस्वी प्रकाश और करण कुंद्रा ‘बिग बॉस 15’ में साथ नजर आए थे और बिग बॉस हाउस से दोनों की रिश्ते की शुरुआत हुई थी. फैंस को इस जोड़ी को काफी पसंद करते हैं.

 

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रणबीर-आलिया इस वक्त लेंगे सात फेरे, हो जाएंगे एक-दूसरे के!

बॉलीवुड के चर्चित कपल रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) आज शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. आज यानी 14 अप्रैल को ये कपल सात फेरे लेने वाले हैं. बताया जा रहा है कि शादी की रस्म दोपहर 2 बजे शुरू होगी. रणबीर-आलिया की शादी में शामिल होने वाले मेहमानों की लिस्ट भी सामने आ चुकी है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, आज 2 बजे से रणबीर-आलिया की शादी की रस्में शुरू हो जाएगी. आज वो दोनों हमेशा के लिए एक-दूजे के हो जाएंगे. बता दें कि नीतू कपूर और बहन रिद्धिमा कपूर ने पहली बार पैपराजी के सामने रणबीर-आलिया की शादी की डेट कंफर्म की थी.

 

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दरअसल बिते दिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें नीतू कपूर और उनकी बेटी ऋद्धिमा कपूर साहनी एक साथ सजी-धजी नजर आईं. पैपराजी ने दोनों को घेरा और कपल की शादी के बारे में बात की. इस दौरान पैपराजी ने पूछा कि अब तो बता दीजिए कि शादी कब है? इस पर नीतू और रिद्धिमा ने एक साथ बताया कि शादी कल है. कल यानी आज (गुरुवार) को रणबीर कपूर और आलिया भट्ट सात फेरे लेंगे.

 

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बताया जा रहा है कि रणबीर और आलिया की शादी पंजाबी रीति-रिवाज से होगी. इस शादी में 40 मेहमान शामिल होंगे. जिसमें दीपिका पादुकोण, शाहरुख खान, अयान मुखर्जी ,रणवीर सिंह और करण जौहर का नाम शामिल हैं.

 

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कर्ज बना जी का जंजाल- भाग 3: खानदान के 9 लोगों की मौत

बात साल 2009 की है. मुश्ताक सैय्यद रशीद इनामदार और उन की बेगम शाहीन को अब्बास ने गुप्त धन निकाल कर देने का लालच दिया था. इनामदार दंपति अब्बास की चिकनीचुपड़ी बातों के बुने जाल में फंस गए थे. धीरेधीरे गुप्त धन को ले कर उन से लाखों रुपए ऐंठ लिए थे. तांत्रिक अब्बास ने इनामदार दंपति के घर में धन हासिल करवाने के लिए एक पूजा अर्चना करवाई थी.

बताते हैं कि उस वक्त हजरत का हुकुम बोल कर इनामदार को करेले का रस पिलाया था. रस पी कर इनामदार तुरंत बेहोश हो गए थे. उस के बाद तांत्रिक ने उन की पत्नी शाहीन इनामदार को फांसी लगा लेने के आदेश दिए.

अब्बास के आदेश को अल्लाह का हुकुम मान कर शाहीन ने ऐसा ही किया और उस की फांसी लगने से मौत हो गई. बेहोश मुश्ताक जब होश में आए, तब उन की हालत बहुत नाजुक थी. अस्पताल ले जाया गया. कुछ समय में ही उन की भी मौत हो गई. इस मामले में इनामदार की 2 बेटियां बच गई थीं.

उन से मालूम हुआ कि मुश्ताक इनामदार ने भी साहूकारों से पैसे उधार ले रखे थे. जिस की तकलीफ से मुश्ताक इनामदार ने एक आत्महत्या करने की चिट्ठी लिख रखी थी. चिट्ठी में अब्बास के साथ साहूकार का नाम भी दर्ज था. पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया था और मामला अदालत में चला गया था. सबूत के अभाव में अब्बास सोलापुर अदालत से छूट गया था.

दोनों ही घटनाओं में एक जैसी बात क्यों

दरअसल, अब्बास ने इनामदार दंपति मामले में तांत्रिक पूजा से पहले ही उन की दोनों बेटियों को एक चिट्ठी दी थी, जिस पर साहूकार का नाम लिखा हुआ था.

अब्बास ने उस के लिए गए कर्ज के बारे में इनामदार से ही लिखवाया था, जिस में इस बात का जिक्र किया था कि उस की आत्महत्या करने जैसी नौबत आ सकती है.

वानमोरे परिवार की खुदकुशी मामले की जांच कर रही पुलिस टीम ने पाया कि सोलापुर की पुरानी घटना और सांगली मिरज के म्हैसल के वानमोरे परिवार की घटना में चिट्ठियों की बातों की समानता है.

म्हैसल के वानमोरे परिवार में कर्जदारों के नामों का ऐसा ही पत्र मिला था, जिस में इस परिवार द्वारा करोड़ों का कर्ज लिए जाने की बात स्पष्ट कही थी.

आश्चर्यजनक बात यह थी कि पोपट और माणिक वानमोरे के घर में जो चिट्ठियां बरामद हुई थीं, उन की लिखावट एक जैसी नजर आ रही थी. फर्क केवल कुछ साहूकारों के नाम का था.

दोनों घरों में अलगअलग जगहों पर चिट्ठियां बरामद हुईं, फिर भी उन की लिखावट और हस्ताक्षर एक जैसे कैसे हो सकते हैं?

इस सवाल पर पुलिस ने अनुमान लगाया कि दोनों चिट्ठियां एक ही व्यक्ति की लिखी हुई थीं. उस के हस्ताक्षरों की जांच करवाने के लिए दोनों चिट्ठियों को पुलिस ने फोरैंसिक लैब में भेज दिया.

जांच में पुलिस ने तमाम पिछली कडि़यों को जोड़ कर देखा. पाया कि मामला आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्याकांड का है.

पुलिस ने अब्बास की गतिविधियों पर नजर रखते हुए उस के संबंध वानमोरे भाइयों से होने के बारे में पता किया.

पता चला कि 3-4 सालों से अब्बास वानमोरे परिवार के लगातार संपर्क में था. अब्बास ने उन्हें भी गुप्त धन निकालने का लालच दिया था.

धीरज सोनावने तांत्रिक अब्बास का सहायक था. वह हमेशा उस के साथ रहता था. जांच में यह भी मालूम हुआ कि गुप्त धन के लालच में वानमोरे परिवार अब्बास को करीब 80 लाख रुपए दे चुका था.

इस के लिए वानमोरे परिवार अपने रिश्तेदारों के साथसाथ साहूकारों से ब्याज पर काफी पैसे ले चुका था. साहूकारों को स्टील प्लांट लगाने के प्रोजैक्ट के बारे में बता रखा था. काफी दिन गुजरने के बाद जब साहूकारों का वह पैसा नहीं लौटाया तो वे लगातार वानमोरे भाइयों पर दबाव बनाए हुए थे.

दूसरी तरफ तंत्रमंत्र के माध्यम से गुप्त धन की उम्मीद में वानमोरे तांत्रिक अब्बास के पीछे लगे हुए थे. तांत्रिक भी उन से मोटा पैसा वसूलना चाहता था.

वानमोरे बंधुओं से लगातार पैसा वापसी की रट से तंग आ कर तांत्रिक अब्बास और सहायक धीरज सुरवसे ने एक रोज नए सिरे से अनुष्ठान की योजना बनाई.

योजना के मुताबिक ही 19 जून, 2022 को तांत्रिक अब्बास बागबान और धीरज ने बताया कि धन निकलने का वक्त आ गया है. उन्होंने वानमोरे परिवार के हर सदस्य को योजना के मुताबिक काली चाय में जहर मिला कर पिला दिया.

कुछ घंटों बाद धीरेधीरे जहर का असर हुआ और वे मर गए. वे अपनेअपने घरों के कमरे में मृत पाए गए. कोई कमरे में तो कोई हाल में सोफे पर तो कोई किचन में मृत पाया गया.

जांचपड़ताल के बाद पुलिस ने अब्बास महमूद अली बागबान और उस के सहयोगी धीरज सोनावने के खिलाफ आईपीसी की धारा 306, 341, 504 के साथसाथ महाराष्ट्र मनी लेंडिंग (विनियमन) अधिनियम और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की कई धाराओं के साथ दफा 302 के तहत उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया.

उन दोनों में से धीरज को 7 जुलाई, 2022 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. जबकि तांत्रिक अब्बास बागबान की छाती में दर्द उठने के कारण उसे इलाज के लिए अस्पताल में भरती करवा दिया गया.

   —कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

फ्रैंडशिप- भाग 2: नैना ने अपना चेहरा क्यों छिपा लिया

सागर से मिलने मात्र की कल्पना से ही नैना की भूखप्यास जैसे पंख लगा कर कहीं दूर उड़ जाती थीमन में एक अजीब सी बेचैनी छाई रहती थीमन किसी काम में नहीं लगता थाऐसा लगता थाबससोचते रहोसागर के खयालों में डूबे रहो. और खयालों के भंवर से निकलो व फिर उसी में डूब जाओ. न जाने कैसी प्यास है जो बुझती ही नहीं.

नैनाओ नैनाअब उठो भीकहां  खोई  होखाना नहीं खाओगीचलोजल्दी से आ जाओडिनर टेबल पर सभी तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं,” नैना की आंटी कहती हुई अपने काम में लग गईं.

नैना ने आंटी की आवाज सुनी तो खयालों के घेरे से बाहर निकली. घड़ी की तरफ नजर डाली तो रात के 8 बज रहे थे. इस का मतलब लगभग सारी दोपहर से रात 8 बजे तक वह सोचती रही. उसे सागर की आकर्षक गहरी आंखों  में इतना नहीं डूबना चाहिएसब कामधाम ही भूल जाओ. उसे तो आज नोट्स भी तैयार करना थे पर पूरा शनिवार यों ही बरबाद हो गयायही सब सोचतेसोचते ही डिनर की टेबल पर आई तो देखाखाना आंटीजी लगा चुकी हैंअंकलजी और भाभीभैया डिनर की टेबल पर जम चुके हैं. सभी ने खामोशी से खाना खाया. अंकलजी को खाने के दौरान किसी भी प्रकार की बातचीत करना पसंद नहीं था. उन्हें अनुशासन के खिलाफ किसी का भी जाना पसंद नहीं था. नैना उन के दिवंगत बड़े भाई की इकलौती बेटी थीइसलिए वे उस की पढ़ाईलिखाई का ध्यान रखते थे. नैना के मातापिता की मृत्यु के बाद आंटी ने ही  नैना की देखभाल की. जब नैना 12वीं में पढ़ती थी तभी एक हादसे में नैना के मातापिता दोनों की मृत्यु हो गई थी.

खाना खा कर नैना ने अपने कमरे की राह पकड़ी यह सोच कर कि कुछ पढ़ाई भी कर ली जाएयही सोच कर वह अपने अधूरे नोट्स ले कर बैठ गई. रात के 11  बजे तक वह पढ़ाई में डूबी रही. तभी एक मेसेज की आवाज से उस का ध्यान भंग हुआ. देखातो सागर का मैसेज था कि कल शाम 5 बजे.

उस ने तुरंत जवाब भेज दिया की उसे याद है.

उस के बाद  नैना का मन पढ़ाई में नहीं लगा. सागर के साथ कल बिताने वाले पलों को सोच कर वह रोमांचित हो उठी. एक अजीब  की सुखद अनुभूति उस के मन में होने लगी. कितना अच्छा लगता है सागर के साथ बात करना. लेकिन सागर कम बोलता हैकभीकभी तो उसे चिढ़ होती उस के  कम बोलने पर. वही बोलती रहती है. सागर सिर्फ सुनने का ही काम करता है.  हांहूं के अलावा जवाब नहीं देता. एक ही काम आता है उसेअपनी गहरी नजरों से नैना को देखना. ऐसा लगता है उस की आंखें कहीं भी भीतर तक उतरती जा रही हैं. एक अजीब सी मदहोशी छाने लगती है. कुछ बोलने को शेष नहीं रहता. सागर के खयालों  में डूबतीउतरती नैना कब नींद की आगोश में सिमटती  चली गईउसे पता ही न चला. बादलों की ओट से चांद निकल कर खिड़की से झांकने लगा था. दूधिया चांदनी  बिखरने लगी थी. सितारे फुलझड़ी से लग रहे थे. नैना के माथे पर खिल  रहे थे सपनों के फूलरस बरसा रहा था आसमान.

रविवार की अलसाई हुई सुबह ओस की बूंदों को मोती सा चमकाताइतराता पीला गुलाब सुबह की शोखचंचल हवाओं के झोंकों से झूम रहा था. सूर्य की सुनहरी किरणों का जादू धरती पर बिखर जाना चाहता था. सितार की मीठी ध्वनि पूरे घर में एक अलौकिक सा वातावरण बना रही थी. अगरबत्ती की खुशबू भी घर में चारों ओर बिखर रही थी. मतलबआंटीजी सुबह के अपने सितार के रियाज में व्यस्त हैंअंकलजी स्नान के बाद घर में खुशबू कर रहे हैं. थोड़ी देर और लेटा जा सकता हैआंटीजी रियाज करने के बाद तुरंत ही नैना को उठने का आदेश दे देंगी,’ यह सोच कर नैना ने फिर आंखे बंद कर लीं. खिड़की  से आती हवाओं ने नैना के बिखरे बालों से अठखेलियां शुरू कर दी थींनैना को उठना पड़ा.

 आज तो मौर्निंग वौक पर भी जाना रह गया. घड़ी पर नजर डालीसुबह के साढे 7 बज रहे थे. अगर वह फ्रैश होने के बाद निकलती है तो 8 बज जाएंगेरहने देते हैंयह सोच कर वह किचन की तरफ चल दी. पहले चाय की चुस्कियों के साथ डाक से आई पत्रिकाओं व पत्रों पर नजर डाली जाए.

कुछ पत्रिका देखने के बाद उस ने पत्रों पर भी नजर डाली. पत्रों में ऐसा कुछ विशेष नहीं थावही लेखन की तारीफ या फिर अपनी भावनाएं प्रकट की गई थीं. पत्रों में एक पत्र ने जरूर ध्यान आकर्षित किया- गोवा की जेल से एक कैदी का पत्र था. कैदी का नाम था रितेश कुमार. उस ने कादंबिनी’  में छपी कविता मां’ की तारीफ की थी. बेहद भावुकता में पत्र लिखा गया था. उस पत्र ने नैना के दिल को झकझोर कर रख दिया. वह रितेश को पत्र लिखने  बैठ गई. पत्रों का जवाब देतेदेते ही और कुछ साहित्यिक पत्रिकाओं को पढ़ने में ही दोपहर गुजर गई.

नैना ने आंटीजी को पहले ही बोल दिया था कि वह सागर के साथ चोखी ढाणी जाएगी. अंकलआंटीजी की स्वीकृति मिल चुकी थी. नैना ने अपने  मनपसंद रंग पिंक और नेवी ब्लू कौम्बिनेशन वाला  सूट चुना. वह जानती थीसागर तड़कभड़क पसंद नहीं करता. बसहलके से काजल से नैना की बोलती आंखें ज्यादा सुंदर लगने लगती हैं. तिलकनगर से  रीगल टाकीज तक टैक्सी से जाने में ज्यादा समय नहीं लगा. नैना की टैक्सी जैसे ही  रीगल टाकीज पहुंची और किराया देने के लिए उस ने पर्स  खोला ही था कि सागर की बाइक टैक्सी के पास आ कर रुकी. बसफिर क्या थाअगले ही पल वह बाइक पर.

सागर बाइक तेज चलाता था. नैना को सागर के विशाल कंधों पर सिर टिका कर बैठने में सुकून मिलता था. बाइक इंदौर की चौड़ी खूबसूरत सड़कों पर दौड़ने लगी.

शाम के आंचल का रंग गहरा होने लगा था. मौसम में हवाओं की  रूमानियत बढ़ने लगी थी. नैना की पलकें मानो बोझिल  सी हो रही थीं. अचानक बाइक रुक गई. नैना मानो सपने से जागी, “क्या हुआ सागर?”

कुछ नहीं,” सागर ने बाइक पर पलट कर नैना से कहा.

तो फिर चलो न,” नैना का अंदाज मासूम था. सागर के घूमते ही नैना को लगासागर की सांसों से मानो हरसिंगार झर रहा हो. उस के दिल में समाता जा रहा हो. नैना. कौफी पीते हैंफिर चलते हैं,” सागर ने कहा.

ठीक है,” कहती हुई नैना सड़क के किनारे की बनी  कौफी शौप के पास खड़ी हो गई. कौफी की चुस्कियों के साथ सागर का साथ नैना को सुकून दे रहा था. पास  कहीं धरा से सोंधी गंध उठ रही थीसितारे धीरेधीरे बादलों की ओट से निकलना चाहते थे और नैना के  नीले आंचल में सिमट जाना चाहते थे.

अचानक नैना की नजरें सागर के चेहरे पर आ गईं. सागर उसे ही देख रहा था. नैना शरमा गई.  सागर की आंखों में दीप जल उठेसपनों के दीप. जब वे चोखी ढाणी पहुंचे तो अंधेरे ने अपने पंख हलके से पसार लिए थे. चोखी ढाणी में हरेक वस्तु में राजस्थानी अंदाज था. छोटेछोटे कौटेज ग्रामीण संस्कृति की झलक पेश कर रहे थेसजावट भी उसी तरह से की गई थी.

एक तरफ बंदर का नाच दिखाया जा रहा था तो दूसरी ओर कठपुतली का खेल चल रहा था. थोड़ीथोड़ी दूरी पर बनी लालटेननुमा बत्तियां जल चुकी थीं जो एक सुंदर सा वातावरण बना रही थीं.

 राजस्थानी नृत्य के लिए चोखी ढाणी के दूसरे कोने पर खुला स्टेज बना थाजहां कालबेलिया नृत्य चल रहा था. नैना सागर को वहीं ले  गई. दोनों नृत्य  देखने में तल्लीन हो गए. उन जैसे अनेक जोड़े अपनी रुचि से अपने मनोरंजन में व्यस्त थे. कई परिवार सहित पिकनिक मनाने आए थे. बच्चों को टीवी चैनलों से दूर इस ग्रामीण अंदाज में मजा आ रहा था. कोई बंदर नाच के लिए जिद कर रहा थाकोई राजस्थानी नृत्य के लिए.

क्या चिराग पासवान को नेता बनना चाहिए था?

रामविलास पासवान के पुत्र को जिस बेइज्जती से दिल्ली के घर से निकाला गया है और उन के पिता की तस्वीरों को बाहर गेट पर पटक दिया गया ताकि पूरी जनता टीवी कैमरों के माध्यमों से देख सके, दलितों को उन की सही औकात बताती है. अगर उत्तर प्रदेश में मायावती डटी रहती है और कितने ही दलित नेता सरकारी चरण चूमते नजर आते हैं तो इसलिए कि उन्हें अपनी औकात के बारे में पैदा होते ही बता दिया जाता है.

रामविलास पासवान ने कभी दलितों के लिए कार्य किया था, उन के हितों के लिए लड़े थे पर जल्दी ही उन्हें एहसास हो गया कि इस कौम की जनता अपने हकों के लिए लड़ सकती ही नहीं है. वे भी उसी रास्ते पर चल दिए जिस पर मायावती चलीं और उदित राज चले.

चिराग पासवान ने भारतीय जनता पार्टी ही नहीं, लालूृ यादव की राष्ट्रीय लोकदल का भी साथ न देने का फैसला करा जो उन्हें उन के उन सलाहकारों की देन था जो कौम के बल पर कुछ छोटे लाभों के लालच में आ गए. रामविलास पासवान ने लगातार एक के बाद एक पाॢटयां बदलीं और यह भरोसा ऊंची जातियों को दिला दिया कि दलितों के वोट पाने के लिए उन्हें बराबर के मौके, हक, स्थान आदि देने की जरूरत नहीं, कुछ टुकड़े फेंकने की जरूरत है, बाकी काम वे पाठ पढ़ाने वाले करते रहते हैं जो उन्हें कहते रहते हैं कि उन का जन्म इस कौम में हुआ तो इसलिए कि उन्होंने पिछले जन्मों में पाए किए थे.

रामविलास पासवान या चिराग पासवान या दूसरे सैंकड़ों दलित नेता, अफसर, प्रोफेसर, ङ्क्षचतक, लेखक इस गलतफहमी को दूर करने की जगह अपनी जनता को कुछ टुकड़े दिलाने में लगे रहते हैं. उसी चक्कर में उन्हें अपने लिए कुछ ज्यादा मिल जाता है जिस से वे खुश रहत हैं. रामनिवास पासवान पिछली कई सरकारों में लगातार पाॢटयां बदल कर मंत्री बने रहे और उन का दलितों के लिए काम कब का धुल गया और उस का खामियाजा उस बेइज्जती से हुआ जिस से उन के पुत्र चिराग पासवान के दिल्ली के सरकारी बंगले से निकालने पर हुआ.

वैसे चिराग पासवान को कब का यह बंगला छोड़ देना चाहिए था. उन्हें नेता बनना चाहिए था जो कुर्बानी कर सके. सुख भोगने के लिए नहीं, एक सताई हुए कौम को आवाज देने और उस की खुशियों के लिए. लोकजनशक्ति पार्टी आज बिखर गई है सभी नेता रामविास पासवान की नकल कर के जहां शहद है वहां चले गए हैं. दलित वोटर साबित करते रहते है कि 2 वक्त की रोटी और शराब की बोतल से उन के वोट वह खरीद सकता है जो बाद में उन पर डंडे बरसाए. उन को लगातार धर्मभीरू भी बनाया जा रहा है और रामविलास पासवान हों या उदित राज भक्तों का साथ दे कर साबित करते रहते हैं कि पूजापाठ से ही उन का कल सुधरेगा.

जनपथ पर बना दिल्ली का उनका सरकारी बंगला बड़ा था पर इतना बड़ा भी नहीं कि सरकार के लिए आफत होता पर खाली करा कर जता दिया गया है कि दलितों के नेता चिराग पासवान की औकात क्या है. हर दलित को हर रोज यह औकात किसी न किसी तरह जता ही जाती है.

महंगाई: भाजपा को गुस्सा क्यों आता है?

महंगाई विगत सात- आठ सालों में बढ़ती ही चली जा रही है. जिस महंगाई को प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने फिल्म शोले के ठाकुर के अंदाज में पैरों से कुचल देने का अंदाज अख्तियार किया था, आज वहीं महंगाई भाजपा के लिए सर दर्द बनती जा रही है.

विगत दिनों जब स्मृति ईरानी से एक फ्लाइट में कांग्रेसी नेत्री ने महंगाई पर गैस सिलेंडर पर सवाल किए तो स्मृति ईरानी अपनी गरिमा भूल कर के क्रुद्ध हो गई और अपना मोबाइल निकाल कर के अपने कथन की रिकॉर्डिंग करने लगीं यह अपने बचाव का एक मनोवैज्ञानिक तरीका है.

हाल ही में बाबा रामदेव ( राम किशन यादव) से भी जब एक पत्रकार ने सवाल किया था तो गुस्सा हो गए थे और वह सब कह डाला था जो एक सन्यासी को शोभा नहीं देता.

दरअसल, हाथ से निकलती महंगाई के जिन्न के मसले पर भाजपा बहुत चिंतित है भाजपा के बड़े-बड़े नेता लाख कोशिश के बाद भी महंगाई को काबू में नहीं कर पा रहे हैं.

परिणाम स्वरूप यह ह्यूमर फैलाया जा रहा है कि महंगाई तो देश हित में है और हम तो चाहे पेट्रोल डीजल दो सौ लीटर हो जाए, लेने के लिए तैयार हैं.

हाल ही में देश की मशहूर व्यंग्य चित्रकार राजेंद्र का एक व्यंग चित्र सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है. इसमें बढ़ती महंगाई का धारदार हथियार गला काटने तत्पर है और आम आदमी कहता जा रहा है कि मोदी जी जिंदाबाद!

वस्तुतः महंगाई एक ऐसा हल्ला बोल नरेंद्र दामोदरदास मोदी सरकार के खिलाफ बन गया है जो उसके लिए ना उगलते बन रहा है ना निगलते.

स्मृति ईरानी को आया गुस्सा

अभी-अभी रामदेव के गुस्से की चर्चा देशभर में हुई. अब स्मृति ईरानी का गुस्से का वीडियो वायरल है. अपनी  तल्ख आवाज में स्मृति ईरानी अपने गुस्से का इजहार कर रही हैं.

अब यह कहा जा रहा है कि किसी भी भाजपा नेता या मंत्री से किसी भी फ्लाइट या सार्वजनिक जगह पर प्रश्न उत्तर न किया जाए. यह गलत है आम आदमी हो या कोई देश का नागरिक वह तो महंगाई हो या अन्य कोई मुद्दा आपसे मौका मिलते ही प्रश्न पूछेगा और पूछना भी चाहिए क्योंकि यही लोकतंत्र है आप महंगाई के पक्ष में अपने शालीनता से रख सकते हैं. आप अपनी बात रख सकते हैं मगर महंगाई या किसी मसले पर आ गए प्रश्न को टाल कर गुस्सा हो कर के समस्या का हल नहीं कर सकते.

आइए आपको बताते हैं पूरी तथाकथा- दरअसल,आल इंडिया महिला कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष नेटा डीसूजा ने इंडिगो की दिल्ली गुवाहाटी उड़ान में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से आमना-सामना होने पर रसोई गैस और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर उन पर सवालों की बौछार कर दी.

इन प्रश्नों से बौखला कर स्मृति ईरानी ने असंयमित व्यवहार किया पिलानी चाहती  तो बड़े ही शालीनता से प्रश्नों का जवाब दे सकती थी मगर गुस्सा हो करके उन्होंने कहा -यह कोई स्थान नहीं है.

तो क्या आप सिर्फ संसद में ही जवाब देंगे. भाजपा तो संसद में भी महंगाई पर चर्चा नहीं करना चाहती यह सारा देश जानता है. ऐसे में आखिर आम आदमी के मन का महंगाई को लेकर के गुस्सा बाहर कैसे निकलेगा?

वस्तुत: डीसूजा ने रविवार को ट्विटर पर एक वीडियो क्लिप डाली, जिसमें वे मोदी सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से रसोई गैस और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के बारे में सवाल कर रही हैं. और स्मृति ईरानी इधर-उधर की बातें कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘यह अच्छा होगा कि मुझे  नहीं घेरा जाए.’ इस पर डीसूजा ने कहा कि किसी को घेरा नहीं जा रहा है. कांग्रेस नेता ने फिर ईरानी से कहा कि वह एक मंत्री हैं जिस पर ईरानी ने जवाब दिया, मैं जवाब दे रही हूं मैम, और मुफ्त कोविड-19 टीके के बारे में बोलने लगीं.

Summer Special: इस मौसम को ऐसे बनाएं खुशहाल

कहा जाता है कि गरमी आई, समस्या  लाई. लेकिन इस गरमी अगर आप थोड़ी सी सावधानी बरते तो ये गरमी आपके लिए समस्याओ का पहाड़ खड़ा करने के बजाये, खुशियों की बरसात करेंगी.  आप की थोड़ी सी लापरवाही आपके लिए भरी पड़ सकती है.गरमी का मौसम  कुछ कामो के लिए बुरा तों कुछ कामो के लिए खास होता है. इस मौसम में क्या करे,क्या ना करे, कैसे रखे अपने-आप कों कूल-कूल, क्या खाए एवं कैसे रखे अपना ख्याल इन सब पर  प्रस्तुत है, यह आलेख. ताकि आपके लिए यह गरमी यादगार बन जाये .

इन बातों का ध्यान रखे –

घर से बाहर निकलते समय, सीधे अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचें. सर पर कैप या कोई कपड़ा अवश्य रखें सीधी धूप से आपके बाल रूखे भूरे हो सकते है. आखों पर काला चश्मा अवश्य लगायें ताकि सीधी धूप आंखों को न लगे तथा पसीना आंखों में जाने से आंखों को नुकसान पहुंचाता है. घर से कभी खाली पेट बाहर न जायें . खाली पेट लू जल्दी लगती है या बाहर का खाया पिया तो इंफेक्शन जल्दी हो सकता है. गरमी के दिनों में ज्यादा से ज्यादा लिक्विड़़ पियें जैसे नींबू की मीठी ,नमकीन शिकंजी, फलों का रस या फिर अधिक पानी वाले फल जैसे खरबूजा,तरबूज,खीरा ,ककड़ी इत्यादि. मौसमी फलों का सेवन करें. उपर बताई गई तमाम बातों पर ध्यान देकर हम तमाम मौसमी बिमारियों(वायरल इंन्फक्शन) से बच सकते हैं.यही हील एण्ड हेल्थ का मकसद है.आपको तमाम स्वास्थ्य संबंधि किसी भी परेशानी में पडऩे से पहले बचाने की.

इनसे करे परहेज –

कैफिन युक्त चीजें और सॉफ्ट ड्रिंक्सकासेवनकमसेकमकरें.इनमेंप्रिजरवेटिव्स, रंगवशुगर कीभरपूर मात्राहोतीहै.येअम्लीयप्रकृति और डाइयूरेटिक होते हैं, जो शरीर से पानी मलमूत्र के रूप में निकालते हैं. सॉफ्ट ड्रिंक्समेंफॉस्फोरिकएसिडकीमात्राअधिकहोतीहै, जिसकाप्रभावपाचनतंत्रपर पड़ताहै.इससेशरीर मेंसेमिनरल्सकीमात्राभीकमहोजातीहै.एकसाथखानेकी बजाए बार-बार और थोड़े से अंतराल में कुछ खाते रहना चाहिए. तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे बड़ा, पकौड़े, चिप्स, नमकीन, तेल व घी युक्त भोजन से बचें, क्योंकि इनमें थर्मल इफेक्ट होता है, जो गरमी उत्पन्न करता है. बहुत ठंडे पेय पदार्थ पीने से बचें. एकदम गरमी में ठंडा पीने से कुछ देर तो अच्छा लगता है, पर शरीर को ठंडक नहीं मिलती. इससे त्वचा की ब्लड वेसल्स पिचक जाती हैं जिससे शरीर से ताप कम निकल पाता है.बाजार में फलों के रस न पिएँ, क्योंकि प्रिजरवेटिव, कृत्रिम रंग और एसेंस डालकर बनाया जाता है जो नुकसानदायक होते हैं.

 गर्मियों में क्या खाए :-

लाइट डाइट, पौष्टिक और बिना फैट की चीजें खाने पर जोर दें. ज्यादा गर्म, तेज मसाले और अत्यधिक नमक युक्त खाने का सेवन कम करें. शरीर में नमक ऑर्गेनिक के रूप में सम्मिलितहोताहै, जोफल, सब्जियोंसेप्राप्त होताहै.नमककाइनऑर्गेनिकफार्मपचकर शरीर से बाहर निकलता है.इस मौसम में पानी अच्छी मात्रा में पिएँ. पानी शरीर को ठंडा बनाए रखने में मददगार होता है. पानी पीने से शरीर की गरमी सही रूप से बाहर निकलती है. यह शरीर को हाइड्रेट भी करता है. रोजाना कम-से-कम 8-10 गिलास पानी पिएँ. चाहे आप शारीरिक गतिविधियाँ करें या न करें. हाँ, पर हर जगह का पानी पीने से बचें. इस मौसम में नींबू पानी, नारियल का पानी और छाछ का सेवन अच्छी मात्रा में करना चाहिए. ये न केवल शरीर को ठंडक पहुँचाते हैं, बल्कि जो पानी शरीर से पसीने के रूप में निकल जाता है उसकी आपूर्ति भी करते हैं. कटे हुए फल विशेषकर तरबूज, खरबूजा, सड़े हुए पुराने फल या इनके जूस का कतई सेवन न करें. ताजा फल ही खरीदें. कटे हुए फलों को उसी समय उपयोग में लाएँ. यहाँ तक कि फ्रिज में भी ज्यादा समय तक कटे हुए फलों को न रखें.गर्मियों में पुदीना बहुत लाभदायक है, पौष्टिक होने के साथ-साथ पुदीने में शरीर को ठंडा करने के गुण भी होते हैं. इसे छाछ, दही, रोटी में मिलाकर खाएँ. इस मौसम में ताजा फल और सब्जियाँ खूब खाएँ, कोशिश करें कि सलाद, फ्रूट चाट और जूस जरूर अपने खानपान में शामिल हों.

गरमी में आजमाए घरेलू नुश्खे –

फलों में ज्यादातर मौसमी फल ही खाने की कोशिश करें,जैसे तरबूज,खरबूजा, खीरा, ककड़ी, टमाटर . मौसमी फल नैचुरल वाटर(मिनिरल वाटर)से भरपूर होते हैं,जिनकी आपके शरीर को बहुत जरूरत होती है. धूप में अधिक समय तक रहने से हमारे शरीर का अधिकतर पानी पसीना बनकर उड़ जाता है और तेज धूप से त्वचा लाल होकर खुजली,चकत्ते,दाने इत्यादि भी हो सकते है. इसीलिए  अदिक पानी का सेवन करे और हो सके तो पानी मे गुलोकोस डाल कर पिये. कम से कम दिन मे एक बार अवश्य ही नीबू का पानी पिए . ये नुश्खे आपके शरीर में पानी की कमी को दूर करते है. लू से बचने का एक तरीका और भी है, घर से बाहर निकलने से पहले या बाहर से आने के बाद कच्चे आम का पन्ना  पी सकते हैं . कच्चे आम का पन्ना (शर्बत मीठा या नमकीन)भी ले सकते हैं.

Summer Special: स्किन प्रौब्लम को कहें बाय बाय

गरमी का मौसम आते ही हमारे मनपसंद अलग-अलग डिजाइन के कपड़े निकल आते हैं और उन्हें पहन कर बाहर निकलने की खुशी के तो क्या कहने. लेकिन इसके साथ ही कई सारी स्किन प्रौब्लम्स से भी दोचार होना पड़ता है. जैसे रैशेज, घमोरियां, ऐक्ने और सनबर्न. ये इतनी गंभीर नहीं होतीं कि डौक्टर के पास जाना पड़े, परंतु इतनी छोटी भी नहीं कि इन्हें नजरअंदाज किया जाए. इस तरह की प्रौब्लम्स से कैसे बचें, आज हम आपको बताएंगे…

धूम में सनबर्न होना है आम

sunburn

गरमी में अकसर घर से बाहर कड़ी धूप में निकलने से सनबर्न की प्रौब्लम हो जाती है. सनबर्न से अभिप्राय स्किन का धूप से जलना है. सूरज की हानिकारक किरणें जब स्किन से डायरैक्ट कौन्टैक्ट में आती हैं तो उस पर असर पड़ता है. स्किन रूखी, बेजान सी होने के साथ उस पर छाले भी हो जाते हैं. कभी-कभी स्किन लाल हो जाती है व छिल भी जाती है.

यह  भी पढ़ें- हेयर कलर करने से पहलें रखें इन बातों का ध्यान

सनबर्न से बचने के लिए इन तरीकों को आजमाएं

सनबर्न होने पर अहम यह है कि संक्रमित स्किन को अधिक से अधिक ठंडक प्रदान करें. ठंडे पानी से नहाएं, ठंडे पानी की पट्टियां स्किन पर लगाएं व स्किन पर बर्फ धीरे-धीरे रगड़ें.

– आलू सनबर्न को कम करने और दर्द खत्म करने का कार्य करता है. आलू को काट कर या घिस कर सनबर्न से प्रभावित स्किन पर लगाएं. इस से आराम मिलेगा.

– पुदीने की पत्तियों का रस निकाल कर धूप से झुलसी स्किन पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है. इस के अलावा एलोवेरा जेल भी स्किन को ठंडक प्रदान करता है. एलोवेरा जेल को स्किन पर डायरैक्ट लगाएं.

– उड़द दाल को दही में मिला कर जली हुई स्किन पर लगाने से भी राहत मिलती है.

– दिल्ली स्थित विनायक स्किन ऐंड कौस्मेटोलौजी क्लिनिक के स्किन विशेषज्ञ डा. विजय कुमार गर्ग ने बताया, ‘‘विटामिन ई एंटीऔक्सिडैंट होता है जो संक्रमण को कम करता है. विटामिन ई को सनबर्न के समय भोजन में शामिल करना चाहिए, इस से आप की स्किन जल्दी ठीक होगी. विटामिन ई पालक, सोयाबीन, बादाम व मूंगफली में होता है.

– ‘‘टी ट्री तत्वों से मुक्त पदार्थो का सनबर्न से प्रभावित स्किन पर उपयोग करें. साबुन का इस्तेमाल न कर के टी ट्री तत्त्वों वाले फेसवाश का इस्तेमाल करें. साथ ही, सनस्क्रीन क्रीम या लोशन का जरूर इस्तेमाल करें. ‘‘यदि जलन और दर्द अत्यधिक हो और स्किन अधिक झुलसी हुई हो तो स्किन रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं.’’

प्रिकली हीट की प्रौब्लम

prickly heat

प्रिकली हीट जिसे हम घमोरियां कहते हैं, गरमी में होने वाली एक सामान्य परेशानी है. यह किसी को भी हो सकती है. ये शरीर पर खुजली, दर्द और चिलमिलाहट पैदा करती हैं. स्किन पर छोटेछोटे बंप उभर आते हैं. जब ये फूटते हैं तो इन में से पसीना निकलता है और स्किन पर प्रिकली सैंसेशन होती है.

इन तरीकों का करें इस्तेमाल

– घमोरियां होने पर यह आवश्यक है कि आप ढीले कपड़े पहनें और हो सके तो कौटन के कपड़े पहनें क्योंकि वे पसीना सोख लेते हैं और घमोरियों से बचाव करते हैं. टाइट कपड़े न पहनें और शरीर पर पसीना न जमने दें.

– बेकिंग सोडा लें और उस मे ठंडा पानी मिला लें. अब इस में एक साफ कपड़ा डुबोएं और उसे प्रिकली हीट प्रभावित स्किन पर 10 मिनट तक रहने दें. इस से दर्द व खुजली से आराम मिलेगा.

– हर 5 घंटे के अंतराल में स्किन पर बर्फ लगाएं. बर्फ को एक कपड़े में रखें और प्रभावित हिस्से पर लगाएं. ऐसा करने से घमोरियां फैलेंगी नहीं और दर्द में राहत मिलेगी.

– ठंडे पेय पदार्थों, जैसे छाछ, नीबू पानी, नारियल पानी आदि का सेवन करें. ये अंदरूनी रूप से आप के शरीर को ठंडा रखते हैं.

– मुलतानी मिट्टी को सर्दियों से प्रिकली हीट का तोड़ माना जाता है, कारण स्पष्ट है कि यह ठंडक पहुंचाती है. मुल्तानी मिट्टी या चंदन पाउडर में गुलाबजल मिला कर पेस्ट बनाइए और इसे प्रिकली हीट पर लगाइए. सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लीजिए.

– दिन में 2 बार ऐसा करने से आप को आराम भी मिलेगा.

डा. विजय कहते हैं, ‘‘प्रिकली हीट के लिए हाइड्रोफेशियल ट्रीटमैंट किया जाता है. यह 3-4 स्टैप में होता है. सबसे पहले स्किन टाइटनिंग, फिर टौक्सिन रिमूवल, उस के बाद औक्सिजनाइजेशन और आखिर में विटामिन सी इंफ्यूज किया जाता है.

‘‘यदि आप को घमोरियों से बचना है तो नहाने के बाद 10-15 मिनट तक पंखे के नीचे जरूर बैठें. ऐसा करने से घमोरियां नहीं होंगी. आमतौर पर एसी में रहने वाले व्यक्ति को घमोरियां नहीं होती हैं.’’

ऐक्ने और ब्लैकहैड्स की प्रौब्लम

जब पसीना स्किन पर तैलीय ग्रंथियों से मिलता है तो ऐक्ने का रूप ले लेता है. तैलीय ग्रंथियों के अत्यधिक रिसाव से स्किन के रोमछिद्र खुल जाते हैं और ऐक्ने व ब्लैकहैड्स जैसी प्रौब्लम होने लगती हैं.

होममेड टिप्स का करें इस्तेमाल

– ऐक्ने के लिए हलदी एक कारगर उपाय है. 2 चम्मच चंदन में थोड़ी सी हलदी और बादाम का तेल मिला कर चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट के बाद हलके हाथ से रगड़ कर हटाएं और ठंडे पानी से धो लें.

– ऐक्ने के लिए खीरे का फेसपैक भी उपयोगी रहता है. खीरा, ओटमील और एक चम्मच दही को मिला कर पेस्ट बना लें. अब इसे ऐक्ने पर लगाएं और सूखने पर ठंडे पानी से धो लें. यह फेसपैक स्किन को रिजुवनेट करता है और ऐक्ने को कम करता है.

– शहद भी ऐक्ने पर कारगर साबित होता है. शहद में नीबू का रस मिला कर चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद गुनगुने पानी से चेहरे को धो लें.

– आजकल ऐक्ने के लिए विभिन्न प्रकार की क्रीम व फेसवाश आते हैं जिन के इस्तेमाल के लिए खुद डाक्टर भी कहते हैं. ऐक्ने को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए लेजर ट्रीटमैंट भी किया जाता है. सैलिसिलिक एसिड भी ऐक्ने हटाने के लिए अच्छा उपाय है तो सैलिसिलिक एसिड से बने फेसवाश व क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं.

नौर्मल समर प्रौब्लम है बौडी ओडोर

Smelly-Armpits

बौडी ओडोर गरमी में होने वाली एक साधारण समस्या है जो पसीने के कारण होती है. हमारे शरीर से 2 तरह का पसीना निकलता है. पहला, एक्राइन जो साफ और बिना दुर्गंध का होता है व शरीर के तापमान को बनाए रखता है और दूसरा, ऐपोक्राइन जो मोटा पदार्थ होता है व कमर और कांख में ग्रंथियों द्वारा निर्मित होता है. एपोक्राइन भी बिना दुर्गंध का ही होता है परंतु बैक्टीरिया के संपर्क में आने से इस में से दुर्गंध आने लगती है. यदि आप भी बौडी ओडोर अर्थात शरीर की बदबू से परेशान हैं तो ये कुछ उपाए हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं.

 होममेड टिप्स का करें इस्तेमाल

ताजे नीबू को 2 भागों में काट कर अंडरआर्म्स में रगडि़ए. ये शरीर की दुर्गंध को हटाता है और बैक्टीरिया भी मारता है.

– आप को ओडोर से बचने के लिए डियोड्रैंट का इस्तेमाल करना चाहिए. यदि आप के पास डियोड्रैंट नहीं है तो एक कप पानी लें और उस में हाइड्रोजन पैरोक्साइड मिलाएं. इस पानी में एक साफ कपड़े को डुबो कर अंडरआर्म्स में रगडि़ए. यह शरीर के बौडी ओडोर को दूर कर देगा.

– बेकिंग सोडा में एक नीबू निचोडि़ए और पेस्ट बना कर शरीर के जिन हिस्सों में अत्यधिक पसीना आता है वहां लगाइए. इसे रगडि़ए नहीं. कुछ देर बाद ठंडे पानी से धो लीजिए. कुछ हफ्ते इस विधि को अपनाने से बौडी ओडोर खत्म हो जाएगा.

– अत्यधिक डाक्टर बौडी ओडोर से बचने के लिए एंटीपर्सपिरैंट इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं. इस में ऐल्युमिनियम क्लोराइड होता है, जो शरीर द्वारा उत्पन्न पसीने को कम करता है. बोटोक्स ट्रीटमैंट के द्वारा भी पसीने को कम किया जाता है.

राखी दवे को शाह हाउस से बाहर करेगी किंजल! वनराज को लगेगा झटका

स्टार प्लस का सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupamaa) में लगातार ट्विस्ट देखने को मिल रहा है. जिससे दर्शकों का फुल एंटरटेनमेंट हो रहा है. शो में अब तक आपने देखा कि अनुज और बापूजी अनुपमा की मां को शादी का कार्ड देते हैं. तो वहीं अनुज अनुपमा की मां से वादा करता है कि वह हमेशा उसका ख्याल रखेगा और कांता का बेटा बनकर रहेगा. तो दूसरी तरफ तोषु वनराज को लूजर कहता है.शो के अपकमिंग एपिसोड में खूब धमाल होने वाला है. आइए बताते हैं शो के नए एपिसोड के बारे में.

शो के आनेवाले एपिसोड में आप देखेंगे कि शाह हाउस में राखी दवे की एंट्री होगी. वह तोषु के कहने पर वनराज की मदद करने के लिए तैयार हो जाएगी. लेकिन ये सुनकर वनराज भड़क जाएगा. वनराज तोषु को राखी दवे से दूर रहने के लिए कहेगा.

 

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शो में आप ये भी देखेंगे कि तोषु सबके सामने वनराज की बेइज्जती करेगा. तोषु कहेगा कि वनराज को अपने घमंड के आगे कुछ नहीं देखता है. बा तोषु को चुप करवाने की कोशिश करेगी लेकिन वह किसी की नहीं सुनेगा. दूसरी तरफ अनुपमा भी तोषु को ही गलत बताएगी.

 

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शाह परिवार के लड़ाई के बीच अनुज की धमाकेदार एंट्री होगी. वह सबको नजरअंदाज करते हुए अनुपमा को एक खुशखबरी देगा. अनुज बताएगा कि अनुपमा की डांस एकेडमी ने एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल कर लिया है. ये बात सुनकर अनुपमा काफी खुश हो जाएगी.

 

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तो वहीं किंजल अपनी मां राखी को खूब सुनाएगी. इतना ही नहीं, वह राखी दवे को शाह हाउस से बाहर जाने के लिए भी कहेगी. शो में अब ये देखना होगा कि राखी दवे का चाल कामयाब होता है या नहीं?

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