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बनाना शेक बनाने की आसान विधि

बनाना मिल्‍क शेक  आपके हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है. और बनाना मिल्‍क बनाना भी बेहद आसान है तो आप भी बनाना शेक बनाने की विधि ट्राई जरूर करें. तो आइए बनाना मिल्‍क शेक बनाने की विधि बताते हैं.

सामग्री :

केला  1/2 कप

शक्कर  03 बड़े चम्मच

वनीला एसेंस  1/2 छोटा चम्मच

दही  01 कप

दूध  01 कप

दालचीनी पाउडर  01 चुटकी

घर पर ही बनाएं चिली चिकन ड्राई

बनाना शेक बनाने की विधि :

सबसे पहले केला को छील लें और उसके गूदे को एक बाउल में मैश कर लें.

इसके बाद केला के गूदा के साथ बाकी की सारी सामग्री को मिक्सर में डालें और अच्छी तरह से ब्लेंड करें.

सामग्री को तब तक ब्लेंड करें, जब तक वह एकसार न हो जाए और उसमें झाग न बन जाए.

आपकी बनाना शेक बनाने की विधि कम्प्लीट हुई.

गर्मी के मौसम में पिएं इस औरेंज लेमोनेेड ड्रिंक को

आपकी खूबसूरती को बढ़ाएंगे ये 5 ग्रीन टी प्रौडक्ट्स

सालों से ग्रीन टी को न केवल एक हेल्दी ड्रिंक के लिए जाना जाता है, बल्कि इसे स्किन के लिए भी एक बेहतरीन ब्यूटी प्रोडक्ट माना जाता है. कई इंडियन और इंटरनेशनल ब्यूटी ब्रांड्स जो स्किन केयर प्रौडक्ट बनाते हैं, वह ग्रीन टी का इस्तेमाल करते हैं. जो चेहरे पर काले धब्बे को कम करने, औयली स्किन को कंट्रोल करने करती है. आज हम आपको ऐसे 5 ग्रीन टी प्रौडक्ट्स के बारे में बताएंगे, जिनका इस्तेमाल आप रोजाना मेकअप के दौरान या स्किन को सुंदर रखने के लिए कर सकते हैं.

1.ग्रीन टी और जैस्मीन शीट मास्क
ग्रीन टी का फायदा पाने के लिए आप बाजार से ग्रीन टी शीट मास्क खरीद सकते हैं. इन शीट मास्क में जैस्मीन के भी गुण होते हैं जो एक साथ स्किन नौर्मल करने और औयल को बैलेंस करने में मदद करते हैं. साथ ही, क्विक शीट मास्क आपको 30 मिनट में स्पा ट्रीट दे देता है.
 
2. ग्रीन टी बौडी स्क्रब
ग्रीन टी केवल आपके चेहरे के लिए नहीं है? ग्रीन टी वाले स्क्रब को आप अपनी बौडी पर भी इस्तेमाल कर सकतीं हैं. अगर आपकी स्किन रूखी हो, तो ग्रीन टी जेल स्क्रब एक अच्छा औप्शन होगा. क्योंकि ग्रीन टी गंदगी और स्किन के डेड सैल को खत्म करने के लिए अच्छी है.
 
3. ग्रीन टी स्किन क्लेरीफाइंग कौन्सेंट्रेट
तैलीय और मुंहासे वाली स्किन के लिए ग्रीन टी एक अच्छा औप्शन है. यह लाइट होता है, जो स्किन में आसानी से मिक्स हो जाता है.
 
4. खीरा और ग्रीन टी सेंट
किसने सोचा होगा कि खीरे और ग्रीन टी की खुशबू सेंट में भी होगी. जी हां, खीरे और ग्रीन टी का सेंट बौडी को ताजी खुशबू देने के साथ-साथ अंडरआर्म्स की बदबू को भी खत्म करने में मदद करता है.
 
5. ग्रीन टी सीड सीरम
ग्रीन टी के बीज और औयल प्रोड्क्ट बाजार भी मिलते हैं. जो स्किन को हाइड्रेट करने के साथ-साथ लंबे समय तक मौइस्चराइज भी करते हैं.

चाय के शौकीनों के लिए है बुरी खबर, जरूर पढ़ें

बहुत से लोगों को सुबह में जागते ही चाय पीने की आदत होती है. शौक और मजबूरी में उनकी ये लत इतनी खतरनाक हो जाती है कि उनकी सेहत इससे प्रभावित होने लगती है. सुबह की चाय दांतों के अलावा शरीर के लिए काफी हानिकारक होती है. आपके मुंह के सेहत पर आपके शरीर की सेहत निर्भर करती है. इस लिए जरूरी है कि सुबह में कुछ भी खाने या पीने से पहले मुंह जरूर धो लें.

इस खबर में हम आपको सुबह जागते ही चाय या कौफी ना पीने के कारणों के बारे में  बताएंगे.

तो आइए शुरू करें.

  • पाचन पर होता है बुरा असर

बिना मुंह धोए जब आप चाय पीती हैं तो, मुंह के सारे बैक्टीरिया पेट में पहुंचते हैं, इससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है.

  • शरीर में बढ़ता है टौक्सिन लेवल

जानकारों का मानना है कि सोने के बाद शरीर में काफी टौक्सिक पदार्थ पैदा होते हैं. उन्हें खत्म करने के लिए जागते ही एक ग्लास पानी पीना चाहिए. सुबह उठते ही चाय पीने से आपके रक्त में जहरीले पदार्थ बढ़ सकते हैं. इससे आपके लिवर, फेफड़े और किडनी को टौक्सिन के कारण खतरा हो सकता है.

  • इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है

सुबह उठते ही चाय पीने की आदत अलसर के खतरे को बढ़ा देती है. इससे पेट में सूजन हो सकती है और इससे इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है.

  • दांतों और मसुड़ों के लिए है खतरनाक

बिना मुंह धोए चाय पीने से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया शुगर में आ जाते हैं, इससे मुंह में एसिड लेवल बढ़ जाता है और यह इनामेल या दांतों के बाहरी आवरण को खराब कर देता है. कैवीटी पैदा होने का यह सबसे मुख्य कारण है.

  • बढ़ता है एसिडिटी का लेवल

रात में सोने के बाद आपके मुंह में हजारों बैक्टीरिया पैदा होते हैं. शरीर पर इसका बुरा असर होता है. सुबह उठते ही चाय पीने से ये सारे बैक्टीरिया पेट में चले जाते हैं. इससे आपके पेट में एसिड लेवल बढ़ सकता है और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.

अब घर बैठे पाएं व्हाइट हेड्स की प्रौब्लम से छुटकारा

हर उम्र के इंसान को फेस पर व्हाइट हेड्स की प्रौब्लम होती है. जिसके लिए वह पार्लर और डौक्टरों के चक्कर काटता है लेकिन उसे उससे छुटकारा नही मिलता. एक तरह से व्हाइट हेड मुंहासा होता है जो सीबम और केराटिन से बनता है. ब्लैकहेड से अलग व्हाइट हेडस्किन के अंदर रोम छिद्र के ठीक नीचे होते हैं. व्हाइट हेड कभी-कभी इतने छोटे होते हैं कि उन्हें नौर्मल आंखों से देखा नहीं जा सकता है. व्हाइट हेड किसी भी उम्र में हो सकते हैं. यह ज्यादातर तब होते हैं जब हार्मोन्स में बदलाव हो रहा हो. आज हम आपको नेचुरल और होममेड तरीके से व्हाइटहेड्स से कैसे छुटकारा पाने के टिप्स बताएंगे…

  1. एलोवेरा और नींबू  

इसमें गहरी सफाई के गुण होते हैं, वहीं बीमारियों से लड़ने के लिए नींबू को एजेंट के रूप में जाना जाता है जो व्हाइटहेड्स को बाहर निकालता है.

इस तरह लगाएं

एलोवेरा का जूस निकालकर इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं. व्हाइटहेड्स वाले हिस्सों पर लगभग 2 मिनट तक मालिश करें और फिर धो लें.

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2. गुलाब जल

गुलाब जल न केवल स्किन के पीएच स्तर को बैलेंस करता है, बल्कि यह बंद पोर्स को भी साफ करता है

इस तरह लगाएं

एक बड़ा चम्मच गुलाब जल और नींबू का रस मिलाएं. इस मिश्रण को प्रभावित हिस्सों पर लगाएं और फिर लगभग 10 मिनट तक छोड़कर धो दें.

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3. हल्दी

हल्दी में जीवाणुरोधी और हीलिंग गुण होते हैं जो आपकी स्किन से व्हाइटहेड्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं.

इस तरह लगाएं

एक चम्मच हल्दी पाउडर को एक चम्मच शहद में मिलाएं. इस मिश्रण को अपने व्हाइटहेड्स पर लगाएं और 15 मिनट बाद धो लें.

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4. टमाटर का रस

टमाटर में एंटीसेप्टिक होने के अलावा एक कसैला गुण होता हैं. इसके अलावा, अपने अम्लीय गुणों के कारण भी ये आपकी स्किन से व्हाइटहेड्स को हटाता है.

इस तरह लगाएं

एक छोटे टमाटर को छीलकर मैश करें. और इसे अपने फेस पर 20 मिनट तक लगाएं और धो लें.

उस का लालच उसे ले डूबा

देशभर में मकानों की कीमतें बढ़ने और उन के मालिकों की उम्र बढ़ने के कारण मालिकों के बच्चों में एक फ्रस्ट्रेशन पैदा होने लगी है. पहले जब मातापिता की मृत्यु 45 से 60 के बीच हो जाती थी, 30-35 तक बच्चों को मिल्कीयत मिल जाती थी पर अब यह ट्रांसफर अब मातापिता जब 70-80 के हो जाते हैं तब हो रहा है और तब तक बच्चे 50-55 के हो चुके होते हैं. इसीलिए शायद दिल्ली में एक 25 वर्षीय तलाकशुदा महिला ने अपने प्रेमियों की सहायता से मातापिता दोनों को मार डाला ताकि क्व50 लाख का मकान हाथ में आ जाए.

अब चूंकि वह पकड़ ली गई है उसे पूरी जिंदगी जेल में बितानी होगी और 50 लाख का मकान खंडहर हो जाएगा जिस पर लाखों का म्यूनिसिपल टैक्स चढ़ जाएगा. जब तक वह महिला बाहर निकलेगी तब तक वह टूट चुकी होगी और मकान भी टूट चुका होगा.

असल में जरा से निकम्मे बच्चे अब अपना धैर्य खो रहे हैं. अगर मातापिता अपने कमाए पैसे पर बैठते हैं तो सही करते हैं. उन्होंने जो भी कमाया होता है अपनी मेहनत से, अपना पेट काट कर या विरासत में मातापिता के मरने के बाद पाया होता है. अगर वे बच्चों को अपने मरने से पहले पैसा खत्म करने देंगे तो खुद तिलतिल कर मरेंगे. बुढ़ापे में कई बीमारियां होती हैं, वकीलों के खर्च होते हैं, लोग छोटीमोटी लूट मचाते रहते हैं.

बच्चों की नाराजगी सहना ज्यादा अच्छा बजाय उन के आज के सुखों के लिए अपना भविष्य गिरवी रखने के. जो बच्चे कमाने लगते हैं वे तो मातापिता की संपत्ति पर नजर नहीं रखते पर जिन्हें एक के बाद एक असफलता हाथ लगती है वे अगर नाराज भी हो जाएं तो भी चिंता नहीं करनी चाहिए.

पिछले दशकों में संपत्ति के जो अंधाधुंध दाम बढ़े हैं उन से बच्चों को लगने लगा है कि बूढ़ों के पास बहुत पैसा आ गया है पर वे यह भूल जाते हैं कि यही पैसा जीवन में सुरक्षा देता है, ठहराव पहुंचाता है. दिल्ली के पश्चिम विहार की देवेंद्र कौर की जल्दबाजी उसे ले डूबेगी.

स्मार्ट घड़ी पहन कर परेशान हुए सफाई कर्मचारी

पशु विशेषज्ञ अक्सर जंगल में किसी जानवर को छोड़ते वक्त या जंगली जानवरों का इलाज करने के बाद उनके गले में एक कैमरायुक्त पट्टा बांध देते हैं ताकि उनको हर वक्त मौनीटर किया जा सके. वे कहां हैं, किस हाल में हैं इसका पता लगाने के लिए पशु विशेषज्ञ इस तकनीक का बखूबी इस्तेमाल करते हैं. मगर अब ऐसी ही एक तकनीक लखनऊ नगर निगम के कर्मचारियों के लिए बड़ा सिरदर्द बन गयी है. सरकार ने उनके गले में पट्टा तो नहीं बांधा है, मगर उन्हें एक स्मार्ट घड़ी पहनने को दी है.

नगर निगम ने ठेके पर लगाये जाने वाले सफाई कर्मचारियों को दुरुस्त करने के लिए एक स्मार्ट घड़ी का इस्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया है. अब हर सफाई कर्मचारी को स्मार्ट घड़ी ड्यूटी के वक्त अपनी कलाई पर बांधकर रखनी होगी. इस स्मार्ट घड़ी ने जहां उनकी मुसीबत बढ़ा दी है, वहीं इसके इस्तेमाल से नगर निगम में सालों से चली आ रही पैसों की बंदरबांट और घोटालों का खुलासा भी हुआ है. नगर निगम को हर साल करीब 30 करोड़ रुपये की चपत लग रही थी.

एक अप्रैल से नगर निगम की ओर से यह नई व्यवस्था लागू कर दी गयी है. अब सारे कर्मचारियों को ड्यूटी पर आते ही ये घड़ी कलाई पर बांधनी होती है जिससे उनकी अटेंडेंस, नौकरी करने की जगह और कितनी देर तक काम किया यह तमाम बातें पता चलती हैं. अगर कोई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आया है या फिर अपने क्षेत्र से बाहर है तो यह स्मार्ट घड़ी इसकी भी जानकारी देती है. इस नई व्यवस्था से नगर निगम के कर्मचारियों में हडकम्प मचा हुआ है क्योंकि अभी तक ज्यादातर सफाई कर्मचारी निगम में हाजिरी लगाने के बाद गायब हो जाते थे. सड़कें गन्दगी से पटी रहती थीं और सफाई कर्मचारी का कुछ अता-पता नहीं होता था. अब स्मार्ट घड़ी के जरिये इन नकारा कर्मचारियों पर नकेल कसी जाएगी. वहीं स्मार्ट घड़ी से यह भी पता चला है कि सरकारी वेतन पाने वाले लगभग आधे कर्मचारी असल में हैं ही नहीं.

पहले चरण में ही पता चल गया है कि निगम में दर्ज करीब 50 प्रतिशत कर्मचारी काम करने आते ही नहीं हैं. या यूं कहे कि 50 प्रतिशत कर्मचारी जिनकी तनख्वाह निगम देता है वो नौकरी में असल में हैं ही नहीं. निगम में सफाई के लिए ठेके पर एजेंसी कर्मचारी रखती है और उनकी एवज में नगर निगम उन्हें कर्मचारियों का वेतन भुगतान करता है. नगर निगम ऐसा फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारियों और ठेका पाने वाली एजेंसी के खिलाफ अब कार्रवाई करेगा.

दरअसल, नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की सप्लाई का ठेका पाने वाले लोगों में राजनेता और रसूखदार लोगों की फर्म्स है. जो निगम से ठेके तो उठा लेते हैं मगर क्षेत्र में सफाई कर्मियों को नहीं भेजते. उनका दबदबा ऐसा कि पूछने की हिम्मत न जनता को थी, न निगम के अधिकारियों को. लिहाजा ये घोटाला सालों से चल रहा है और किसी अधिकारी ने इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. उनका कहना था कि सबूत ही नहीं हैं, मगर अब स्मार्ट घड़ी के आ जाने से लोगों की पोल खुलनी शुरू हो गयी है. हर तरफ अफरा तफरी का माहौल है.

वायनाड से है राहुल का भावनात्मक रिश्ता

उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट के साथ-साथ केरल के वायनाड से राहुल गांधी द्वारा लोकसभा सीट का नामांकन दाखिल करने के पीछे एक खास वजह है. यह वजह दिल से और भावना से जुड़ी हुई है. दरअसल वायनाड ही वह जगह है जहां राहुल गांधी के पिता स्वर्गीय राजीव गांधी की अस्थियां पाप नाशिनी नदी में विसर्जित की गयी थीं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में एक बम विस्फोट में हत्या कर दी गयी थी. उनकी हत्या के बाद केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के. करुणाकरन ने वायनाड के पापनाशिनी नदी में राजीव गांधी की अस्थियों को विसर्जित किया था. उस वक्त राहुल महज 21 साल के थे.

पिता की अस्थियों को पापनाशिनी नदी में विसर्जित करने के लिए वे पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी के साथ वायनाड गये थे. राहुल गांधी ने पिता राजीव गांधी की अस्थियों के साथ पहले थिरुनेल्ली मंदिर में पूजा की और उसके बाद वे के. करुणाकरन के साथ वायनाड की पापनाशिनी नदी में पिता की अस्थियां विसर्जित करने के लिए गये. कहा जाता है कि इस घटना ने 1991 में देश भर में और खासकर  केरल में कांग्रेस के लिए सहानुभूति की ऐसी लहर पैदा की कि के. करुणाकरन के लिए वहां पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने और कांग्रेस की जमीन मजबूत करने में काफी आसानी हुई. इसका राजनीतिक फायदा भी कांग्रेस को मिला और 1991 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वामपंथी दलों के नेतृत्व वाले एलडीएफ का प्रदेश से पूरी तरह सफाया हो गया.

केरल की सत्ता में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की वापसी हुई. अब एक बार फिर राहुल गांधी उसी वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वायनाड पहुंचना उनके और उनकी बहन प्रियंका गांधी के लिए बहुत भावुक क्षण थे. उनकी आंखों के सामने एक बार फिर वह तमाम पुरानी यादें ताजा हो उठीं हैं. राहुल गांधी ने काफी सोच विचार कर इस जगह को अपनी रणभूमि के तौर पर चुना है. यह ऐसी जगह है जो केरल के साथ ही तमिलनाडु और कर्नाटक से भी सटी हुई है. इससे इस लोकसभा में कांग्रेस दक्षिण के राज्यों को साध सकती है. अब देखना यह है कि वायनाड राहुल गांधी के सिर पर जीत का ताज पहनाएगा या नहीं?

बुढ़ापे में भी दिखना है जवान तो डाइट में ये जोड़ें

खट्टे फलों और सब्जियों में पाए जाने वाला विटामिन सी शरीर के लिए बेहद जरूरी तत्वों में से एक है. इसे एस्कौर्बिक एसिड के नाम से भी जाना जाता है. ये एसिड शरीर में होने वाली पाचन क्रिया के लिए बेहद जरूरी तत्व है. सेहत के साथ साथा आपकी खूबसूरती को बरकरार रखने में भी इसका अहम रोल होता है.

तो आइए विटामिन सी से होने वाले स्वास्थ फायदों के बारे में जाने.

चेहरे की झुर्रियों को कम करता है विटामिन सी

त्वचा में कोलेजन बनाने में विटामिन सी काफी मददगार होता है. इसकी वजह से आपकी त्वचा में लचीलापन बना रहता है. अगर शरीर में इस विटामिन की मात्रा कम हो जाए तो समय से पहले झुर्रियां आने लगती हैं. विटामिन सी एजिंग की प्रक्रिया को प्राकृतिक रुप से कम करने में आपकी मदद करता है. इतना ही नहीं यह आपके चेहरे की झुर्रियों को कम करने में मदद करता है.

सन बर्न से बचाता है विटामिन सी

सन बर्न से आपका चेहरा झुलस सकता है. इसके अलावा सन बर्न से स्किन कैंसर का खतरा भी बना रहता है. पर अपनी डाइट में विटामिन सी को एड कर के आप इस खतरे को कम कर सकती हैं.

विटामिन सी में होता है एंटीऔक्सिडेंट

फ्री रेडिकल्स से बचने के लिए शरीर को एंटी औक्सिडेंट की जरूरत होती है. त्‍वचा को सूरज की तेज किरणों और प्रदूषण से बचाने के लिए यह जरुरी है कि आप विटामिन सी का गर्मियों में सेवन जरूर करें.

हेल्दी और टेस्टी पनीर समोसा

गरम गरम समोसे खाना सबको पसंद होता हैं तो आइए आज हम पनीर के समोसे की रेसिपी बारे में बताएंगे. तो आज एक अलग तरह का समोसे बनाने की रेसिपी के बारे में बात करेंगे.

सामग्री

8 समोसा पट्टियां

भरावन मिश्रण के लिए

एक चौथाई कप बहुत बारीक कटी शिमला मिर्च

आधा चम्‍मच टी-स्पून अमचूर पाउडर

एक टी-स्पून लाल मिर्च पाउडर

एक कप बहुत बारीक कटा पनीर

1 टेबल-स्पून तेल

आधा टी-स्पून जीरा

एक चौथाई कप बहुत बारीक कटे प्य़ाज

नमक  स्वादानुसार

2 टेबल-स्पून बारीक कटा हरा धनिया

बनाने की विधि

एक चौड़े पौन में तेल गरम करें और जीरा डालें.

जब ज़ीरा चटकने लगे तो प्य़ाज और अदरक-हरीमिर्च का पेस्ट डालकर मध्यम आंच पर 2 मिनट तक भूनें.

शिमला मिर्च, अमचूर पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, पनीर, नमक तथा धनिया डालकर अच्छी तरह मिलाइए. मध्यम आंच पर भूनें.

समोसा पट्टी को सूखी, साफ, समतल जगह पर रखिए.

पट्टी के एक कोने पर एक भाग भरावन मिश्रण रखिए और तीकोण के रूप में मोडिए.

किनारों पर थोडा पानी लगाकर समोसे को एक एक कोण से बंद कर दीजिए.

शेष बची सामग्री और पट्टियों से यही प्रक्रिया दोहराते हुए बाकी 7 समोसे बनाइए.

एक कड़ाही में तेल गरम कीजिए और थोड़ा-थोड़ा करके समोसों को चारों तरफ से भूरा होने तक तल लीजिए.

तेल सोखने वाले कागज पर निकालिए और पुदीना चटनी के साथ गरमा गरम परोसिए.

कानून से नहीं समझदारी से काम लें

सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में तय किया है कि रिवाजों के अनुसार हुए तलाक के बाद भी कोई दूसरी शादी नहीं कर सकता. एक तरह से अदालत ने यह तो मान लिया कि जिन समुदायों के अपने रिवाजों में तलाक को मान्यता है, वह ठीक है पर फिर भी दूसरी शादी करने का हक किसी को नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर यह तय नहीं किया है कि जब मियां बीवी में नाराजी तो क्या करेगा काजी? विवाह एक आदमी और एक औरत का निजी मामला है और समाज या सरकार का इस से कोई लेनादेना नहीं होना चाहिए. दुनियाभर में विवाह तो आप अपनी मरजी से जब चाहो कर लो पर तलाक लेते समय आफत खड़ी हो जाती है. तलाक की वजह चाहे जो भी हो, अदालत का दखल असल में बेबुनियाद है.

यह ठीक है कि हर शादी का असर कइयों पर पड़ता है पर ये कई पति और पत्नी के अपने निजी लोग होते हैं. बच्चों के अलावा विवाह से किसी का मतलब नहीं होता. जहां बच्चों के बावजूद पति और पत्नी में मनमुटाव हो जाए वहां अदालतों का दखल एकदम जबरन थोपा कानून है. यह दुनियाभर में चल रहा है और हर जगह गलत है.

कानून असल में बच्चों को भी न सुरक्षा देता है, न प्यार. यह संभव है कि पतिपत्नी में से कोई एक या दोनों बच्चों को बेसहारा छोड़ दें. अदालतों का काम उस समय केवल इतना होना चाहिए कि छोड़े गए बच्चों के बड़े होने तक उन्हें पति व पत्नी की कमाई में से पर्याप्त हिस्सा मिले. पति या पत्नी अलग हो कर दूसरा विवाह करे या न करे यह उस पर निर्भर है. वे अपनीअपनी संपत्ति का क्या करते हैं, यह भी उन की इच्छा है. पति अगर पत्नी को फटेहाल छोड़ जाए तो यह भी काम अदालतों का नहीं कि वे पति की संपत्ति में से हिस्सा दिलवाएं. यह हिस्सा पत्नी को पहले ही अपने नाम करा लेना चाहिए.

पतिपत्नी का संबंध पूरी तरह स्वैच्छिक ही होना चाहिए. हां, समाज का काम है कि वह पत्नी को समझाए कि विवाह का अर्थ है पति के साथ बराबर की साझेदारी. कानून से नहीं समझदारी से पत्नी को पति से पहले दिन से साझेदारी शुरू कर देनी चाहिए. अपना बचत खाता हो, मकान हो तो अपने, उस के नाम हो. 2 मकान हों तो दोनों अपनाअपना रखें. पति के वेतन में से पत्नी अपना हिस्सा पहले ही दिन से लेना शुरू कर दे.

जैसे विवाह के समय दहेज की परंपरा है, उपहार देने की परंपरा है, मुंहदिखाई जैसी परंपराएं हैं वैसी ही संपत्ति के बंटवारे की परंपराएं हों ताकि वकीलों और अदालतों के चक्कर ही न लगें. जब तक दोनों में प्यार है, तेरामेरा नहीं हमारा है, जब तकरार हो गई तो तेरा तेरा है और मेरा मेरा. बस बच्चों के बारे में फैसला न हो तो उन के नाना, दादा, मामा को हक हो कि वे अदालत का दरवाजा खटखटा कर पतिपत्नी में से जिस के पास ज्यादा पैसा हो उसे पैसे देने और बच्चों को पालने को बाध्य किया जा सके. आज विवाह करना भी धंधा बन गया है और विवाह तोड़ना भी. इसे समाप्त करें.

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