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तुम आज भी पवित्र हो

मंगौड़ी की तहरी ऐसे बनाएं

मौसमी सब्जियों में मूंगदाल की मंगौड़ी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. यह डिश उत्तर भारत में बहुत ज्यादा लोकप्रिय है. लेकिन इसके बनाने का हर किसी का अपना अलग- अलग तरीका होता है.  कुछ लोग इसे चावल के साथ मिक्स करके बनाते हैं तो  आइए जानते हैं कैसे बनती है मंगौड़ी डालकर चावल .

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समाग्री

बासमती चावल

हरा मटर

आलू

तेजपत्ता

नमक

लाल मिर्च

हल्दी पाउडर

गरम मसाला

धनिया

घी

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विधि

सबसे पहले चावल को अच्छे से बीनकर धो ले और 15 मिनट के लिए पानी में डालकर रख दें. अब एक कड़ाही में घी को गर्म करें और उसमें मगौड़ी को सुनहरा होने तक भूने. जब मंगौड़ी भून जाए तो उसे एक कटोरे में निकालकर रख दें.

अब आलू को छिलकर काट लें और मटर के दाने के साथ इसे फ्राई करके रख लें. अब प्रेशक कुकर में घी को डालें और जब घी गर्म हो जाए तो उसमें तेजपत्ता डाले और बाकी सभी मसाले को डालकर चलाएं. इसके बाद इसमें आलू और मटर को डालें. कुछ देर तक चलाने के बाद इसमें आप चावल के साथ हल्दी नमक डालकर मिलाए साथ में मंगौडी भी डाल दें. इस के बाद कुकर में दो सीटी लगा दें , गैस से उतारने के बाद इसमें गर्म मसाला और धनिया की पत्ति डालकर मिलाए फिर इसे सर्व करें.

जानलेवा भी हो सकता है हेल्दी फ्रूट सेब, जानिए कैसे

जिन फलों को हमें रोज खाना चाहिए उनमें सेब प्रमुख है. सेब हमारे लिए कई तरह से लाभकारी है. इसका सेवन हमारे लिए लाभप्रद है. पर क्या आपको पता है कि सेब हमारे लिए जानलेवा भी हो सकता है? जी हां, सेब हमारे लिए जानलेवा भी हो सकता है.

क्या है खतरनाक?

दरअसल सेब का बीज काफी खतरनाक होता है. इससे इंसान की मौत भी हो सकती है. आपको बता दें कि सेब की बीज में एक ऐसा तत्व पाया जाता है जो काफी जहरीला होता है. ये तत्व पाचन एन्जाइमों के संपर्क में आता है तो मिल कर साइनाइड बनाता है, जो इंसान के लिए काफी खतरनाक हो सकता है. अमिगडलिन में सायनाइड और चीनी होता है और जब इसे हमारा शरीर निगल लेता है तो वह हाईड्रोजन सायनाइड में तब्दील हो जाता है.

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इससे ना सिर्फ आप बीमार हो सकते हैं, बल्कि ये आपकी जान के लिए भी काफी खतरनाक हो सकता है. हालांकि इसका तीव्र असर बहुत कम ही देखने को मिलता है, पर इसके खतरे को कम आंकना ठीक नहीं होगा.

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कैसे काम करता है ये जहर?

साइनाइड दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक जहरों में से एक है. इसके शरीर में जाते ही ये सबसे पहले शरीर के औक्सिजन की सप्लाई पर असर करता है. और इंसान तुरंत मर जाता है.

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कितनी मात्रा है खतरनाक

सेब के 200 बीजों से बने चूर्ण इंसान के लिए खतरनाक हो सकता है. इसमें पाया जाने वाला साइनाइड मस्तिष्क और हृदय पर तेजी से असर करता है. इसमें पूरी संभावना होती है कि इंसान कोमा में चला जाए. अगर ज्यादा मात्रा में सायनाइड का सेवन कर लिया जाए तो तुरंत सांस लेने में तकलीफ शुरू हो जाती है, दिल की धड़कन बढ़ जाती है, ब्लड प्रेशर लो हो जाता है और इंसान बेहोश हो जाता है या उसकी जान भी जा सकती है. इसके थोड़े से भी सेवन से मनुष्य को चक्कर, उल्टी की समस्या होती है.

भारत-चीन युद्ध पर बेस्ड वेब सीरीज ‘‘1962: द वार इन द हिल्स’’ का टीजर वायरल

भारत व चीन के 1962 के युद्ध की सत्य घटनाओं पर आधारित वेब सीरीज ‘‘1962ः द वार इन द हिल्स’’का टीजर वायरल 26 फरवरी से ‘डिज्नी प्लस हाॅटस्टार’’एक देश भक्ति व एक्षन प्रधान वेब सीरीज ‘‘1962ः द वार इन द हिल्स’’का प्रसारण शुरू करने वाला है,जिसमें 1962 में हुए भारत व चीन के बीच के युद्ध के दौरान की सत्य घटनाओं को पिरोया गया है.इसमें अभिनेता अभय देओल एक सेना प्रमुख के किरदार में नजर आएंगे.

इसका पहला टीजर गणतंत्र दिवस के अवसर पर रिलीज किया गया,जो कि सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो चुका है. महेश मांजरेकर निर्देशित वेब सीरीज ‘‘1962ः द वार इन द हिल्स’’ सच्ची घटनाओं से प्रेरित ऐसी वेब सीरीज है,जो कि नवंबर 1962 में वापस ले जाती है और बहादुरी और वीरता की एक अनकही कहानी सुनाती है.

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इस वेब सीरीज के टीजर की शुरूआत जून 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी टकराव के चलते सुर्खियों हैं.फिर यह 1962 की पृष्ठभूमि में चला जाता है.टीजर वीडियो में कैप्शन में लिखा आता है,‘‘यह सब कहां से शुरू हुआ‘‘. इसके बाद दर्शकों को 1962 के भारत-चीन युद्ध के युद्ध क्षेत्र में ले जाया जाता है,जहाँ अभय देओल,एक सेना प्रमुख के रूप में 125 भारतीय सैनिकों की मदद से तीन हजार चीनी सैनिकों के खिलाफ लड़ाई लड़कर विजय हासिल करते हैं.

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अभय देओल ने कहा है-‘‘इस वेब सीरीज के टीजर को रिलीज करने के लिए गणतंत्र दिवस से बेहतर दिन नहीं हो सकता है.क्योंकि टीम देश की सशस्त्र सेना को श्रद्धांजलि देना चाहती थी.हमारे गणतंत्र दिवस से बेहतर कोई अवसर हमारे जवानों और योद्धाओं को सलाम करने के लिए नहीं है,जो चैबीसों घंटे हमारी व देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं.श्रद्धांजलि के रूप में, मैं ‘1962ः द वार इन द हिल्स’का पहला लुक टीजर जारी करके खुश हूं.यह बहादुरी और वीरता की एक अनकही कहानी है.और आज भी हमारे लिए भरोसेमंद है.निर्देशक के रूप में महेश मांजरेकर ने इस युद्ध-महाकाव्य में एक अनूठा दृ ष्टिकोण प्रस्तुत किया है.’’

अमिताभ बच्चन के मास्क वाले वीडियो पर नातिन नव्या नवेली ने दिया ये रिएक्शन

बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहती हैं. ऐसा कोई दिन नहीं होता कि अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर अपडेट्स नहीं देते हैं. अमिताभ बच्चन ने सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस को गणतंत्रता दिवस की बधाई दी है.

इस मजेदार वीडियो में अमिताभ बच्चन मास्क पहनकर सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामाएं दे रहे हैं. ऐसे में उनके मास्क वाले वीडियो को देखकर फैंस काफी ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं. अब वीडियो पर फैंस काफी ज्यादा कमेंट कर रहे हैं.

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इस कमेंट पर कुछ सितारों के साथ- साथ उनकी नातिन नव्या नवेली ने कमेंट करते हुए कहा है कि आइ लव इट उसके साथ ही नाति अगस्तया ने भी हंसकर लोट पोट  हो गए हैं. उन्होंने हंसते हुए इमोजी भेजा है.

इसके साथ ही नव्या नवेली ने लिखा है हाहाहा मुझे बहुत ज्यादा पसंद आया है. जिसके बाद फैंस लगातार कमेंट कर रहे हैं. वहीं नव्या नवेली के साथ अमिताभ बच्चन बहुत ज्यादा क्लोज हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने नव्या के ग्रेजुएट होने पर भी बधाई दी थी.

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इसके अमिताभ बच्चन अपने परिवार के साथ सेलिब्रेशन करते हुए भी तस्वीर शेयर करते रहते हैं. वहीं अमिताभ अपनी पोति आराध्या के साथ भी अच्छा बॉन्ड शेयर करते हैं.

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कुछ दिनों पहले वह आराध्या के साथ वीडियो शेयर किया था जिसमें वह दोनों साथ में गाना गा रहे हैं. जिसमें आराध्या के साथ देखकर फैंस  ने अमिताभ बच्चन को कमेंट भी किया था.

शिल्पा शेट्टी ने गणतंत्र दिवस के दिन दी स्वतंत्रता दिवस की बधाई, यूजर्स ने ट्रोल कर पूछा ये सवाल

बॉलीवुड हस्तियां सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहती हैं. चाहे वो कोई त्योहार हो या आम दिन हमेशा नए-नए अपडेट्स देती रहती हैं. ऐसे में बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने अपने इंस्टाग्राम के जरिए अपने फैंस को गणतंत्र दिवस की शुभकामाएं दी हैं.

लेकिन बधाई देने के दौरान शिल्पा शेट्टी एक गलती कर बैठी जिस वजह से वह लगातार ट्रोलिंग का शिकार हो रही हैं. दरअसल शिल्पा शेट्टी ने गणतंत्र दिवस की जगह अपने फैंस को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दे डाली. जिसके बाद से लगातार सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है.

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फैंस ने पहले शिल्पा शेट्टी को जमकर ट्रोल किया फिर पूछना शुरू कर दिया कि क्या आपको गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में अंतर नहीं मालूम है. जिसके बाद से तुरंत से ही शिल्पा शेट्टी कुंद्रा को अपे गलती का एहसास हो गया और फिर तुरंत ट्वीट कर गणतंत्र दिवस की बधाई दी.

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हालांकि तब तक बहुत ज्यादा देर हो चुकी थी और उनका ट्वीट वायरल होना शुरू हो गया था. वहीं अगर शिल्पा शेट्टी कुंद्रा कि प्रोफेशनल लाइफ की बात करें तो वह टीवी पर जज शो करती जर आ रही हैं. इसके अलावा वह बहुत जल्द हंगामा 2 में नजर आने वाली हैं.इस फिल्म की शूटिंग हाल ही में उन्होंने पूरा किया है.

इसके साथ शिल्पा अपनी फैमली के साथ काफी ज्यादा व्यस्त रहती हैं. उन्हें फैमली टाइम बिताना अच्छा लगता हैं. आए दिन अपने बेटे और बेटी के साथ नए पोस्ट शेयर करती रहती हैं.

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कुछ वक्त पहले अपनी मां और बहन के साथ गोवा में वेकेंश एंजॉय करते हुए स्पॉट कि गई थी.

पप्पू अमेरिका से कब आएगा-भाग 1 : विभा किसकी राह देख रही थी

भारतीय सोचते हैं कि अमेरिका जाने वाला हर आदमी जैसे सपनों की सैर करने गया है, वहां वह पैसों में खेल रहा है और वैभवपूर्ण जीवन जी रहा है लेकिन वास्तव में वहां ऐसे लोग भी हैं जो पगपग पर ठोकर खाते हैं और तनावपूर्ण जीवन जीते हैं.

नरेंद्र के हाथ में फोटो देखते ही विभा ने कहा, ‘‘अरे, यह तो महिंदर भाईसाहब का दामाद है.’

‘‘सुनो, कल तुम्हें बताना भूल

गया था. आज शाम को 7 बजे मोहनजी के यहां पार्टी है. तुम तैयार रहना. हम साढे़ 6 बजे तक घर से निकल जाएंगे,’’ दफ्तर से नरेंद्र का फोन था.

‘‘क्यों, किस खुशी में पार्टी दे रहे हैं वे लोग?’’ विभा ने पूछा.

‘‘मोहनजी का बड़ा लड़का रघुवीर इस महीने के अंत तक अमेरिका चला जाएगा. तुम्हें याद होगा, हम उन की बेटी की शादी में भी गए थे. उस की शादी अमेरिका में बसे एक लड़के से हुई थी न. बस, अब उसी की मदद से रघु भी अमेरिका जा रहा है.’’

‘‘यह तो बड़ी अच्छी बात है. भाईबहन दोनों एक ही जगह रहें तो एकदूसरे का सहारा रहेगा.’’

‘‘हां और उन दोनों के अमेरिका जाने की खुशी में आज की पार्टी दी जा रही है. तुम देर न करना. और सुनो, मां और पप्पू का खाना बना लेना,’’ कहते ही नरेंद्र ने फोन रख दिया.

विभा सोच में पड़ गई, कहते हैं कि अभी भी अमेरिका में भारतीयों की भरमार है. केवल कंप्यूटर क्षेत्र में दोतिहाई लोग भारतीय हैं. डाक्टर, इंजीनियर, नर्स, व्यापारी पता नहीं कुल कितने होंगे. पता नहीं पप्पू के बडे़ होतेहोते अमेरिका की क्या हालत होगी. भारतीयों की तादाद अधिक हो जाने से कहीं आगे चल कर और भारतीयों को वहां आने से रोक न दिया जाए. जाने पप्पू कब बड़ा होगा? काश, अमेरिका वाले यहां के लोगों को और कम उम्र में यानी स्कूल में पढ़ते वक्त ही वहां आने दें. फिर तो उन का भविष्य ही सुधर जाएगा. वरना यहां रखा ही क्या है.

उसे याद आया कि उस की ममेरी बहन की लड़की 11वीं पास कर के ही अमेरिका चली गई थी. कल्चरल एक्सचैंज या जाने क्या? 11वीं के बाद उस का 1 साल बिगड़ा तो क्या हुआ? पढ़ाई तो बाद में होती रहेगी, सारी जिंदगी पड़ी है. अमेरिका जाने का मौका कहां बारबार आता है. जाने यह पप्पू भी कब बड़ा होगा?

विभा और नरेंद्र जब मोहनजी के यहां पहुंचे तब उन लोगों ने बड़ी गर्मजोशी से उन का स्वागत किया. वे प्रवेशद्वार पर ही बेटे रघुवीर के साथ खड़े गुलाब के फूलों से सब का स्वागत कर रहे थे. खुशी से उन के चेहरे दमक रहे थे. पार्टी एक शानदार होटल में रखी गई थी. लौन मेहमानों से भरा था. फौआरों और रंगबिरंगे बल्बों से सजा लौन बड़ा खुशनुमा वातावरण पैदा कर रहा था. विभा और नरेंद्र भी भीड़ में शामिल हो गए. मोहनजी ने अपने दफ्तर वालों, दोस्तों, पत्नी के मायके के लोगों, बेटे के दोस्तों को यानी कि बहुत सारे लोगों को इस पार्टी में आमंत्रित किया था.

‘‘हाय नरेंद्र, लुकिंग वैरी स्मार्ट. लगता है तुम्हारा सूट विदेशी है,’’ सामने भूपेंद्र और उन की पत्नी खड़े थे.

‘‘नहीं यार, भूपू. यह तो सौ प्रतिशत देशी है. हमारे सारे रिश्तेदार बड़े देशभक्त हैं जो यहीं पड़े हैं,’’ नरेंद्र ने हंस कर कहा.

भूपेंद्र ने तुरंत पैंतरा बदला, ‘‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा, है कि नहीं भाभी? मुझे तो यहीं भाता है. अच्छा छोडि़ए, बहुत दिनों से आप हमारे यहां नहीं आए. भई क्या बात है, हम से कोई गलती हो गई है क्या?’’

‘‘आप ने मेरे मुंह की बात छीन ली. क्यों विभाजी, आप को वक्त नहीं मिल रहा है या भाईसाहब टीवी से चिपक जाते हैं?’’ भूपू की पत्नी अपनी ही बात पर ठहाका मार कर हंसते हुए बोली.

‘‘ऐसी कोई बात नहीं है. आएंगे हम लोग. आप लोग भी कभी समय निकाल कर आइए,’’ विभा ने कहा.

‘‘ओह, श्योरश्योर. अच्छा, फिर मिलते हैं. सब लोगों को एक बार हाय, हैलो कर लें,’’ कह कर पतिपत्नी दूसरी ओर बढ़ गए.

‘‘जरूरी था उन लोगों से कहना कि हम ही यहां ऐसे बेवकूफ  हैं जिन का कोई भी रिश्तेदार विदेश में नहीं है,’’ विभा ने होंठ भींचे ही पति को झिड़का.

‘‘हाय विभा, अभी आई है क्या?’’ किसी की बड़ी जोशीली चीख जैसी आवाज सुनाई दी. साथ ही किसी महिला ने उसे अपनी बांहों में भर कर गालों पर चूम लिया. वह घुटनों के ऊपर तक की चुस्त स्कर्ट और बिना बांहों की व लो नैक वाली टौप पहने हुए थी. विभा अचकचा गई. यह पहले तो कभी इतनी गर्मजोशी से नहीं मिली थी. मूड न होने पर तो एकदम सामने पड़ जाने के बावजूद ऐसे आंख फेर कर निकल जाती थी जैसे देखा ही न हो. विभा के मुंह से केवल ‘हाय सिट्टी’ निकला. वैसे तो मांबाप का दिया नाम सीता था मगर उसे सिट्टी कहलाना ही पसंद था. 2 मिनट बाद विभा ने देखा कि वह उसी गर्मजोशी से किसी दूसरी स्त्री से मिल रही थी. ऐसे लोग अपने हंगामे के जरिए भीड़ को आकर्षित करते हैं. कुछ देर बाद सब लोग वहां करीने से रखी हुई कुरसियों पर बैठ गए. पुरुष झुंड में खड़े हो कर बातें कर रहे थे. सभी के हाथों में अपनीअपनी पसंद के ड्रिंक थे. वरदीधारी लड़केलड़कियां सजधज कर महिलाओं को ठंडे पेय के गिलास सर्व कर रहे थे.

विभा सरला और मेनका के बीच में बैठी थी. थोड़ी देर रोजमर्रा की बातें हुईं, फिर सरला ने पूछा, ‘‘मेनका, सुना है आप की बेटी ने इंजीनियरिंग पूरी कर ली है. आगे का क्या सोचा है? शादीवादी या नौकरी?’’

‘‘अरे काहे की शादी और काहे की नौकरी? मेरी मन्नू ने टोफेल (टैस्ट औफ इंगलिश ऐज फौरेन लैंग्वेज) क्लियर कर लिया है. जीआईई की तैयारी कर रही है. फिलहाल उस का एक ही सपना है अमेरिका जाना,’’ मेनका ने बड़े गर्व से कहा.

‘‘आज के बच्चे बहुत स्मार्ट हैं. हमारे जैसे भोंदू नहीं हैं. वे जानते हैं कि उन के जीवन का मकसद क्या है और कैसे उसे हासिल किया जाए. मेरी बेटी टीना को ही ले लीजिए. उस ने कालेज में दाखिला लेते ही हमें बता दिया था कि उस के लिए अमेरिका का लड़का ही चुना जाए क्योंकि उस के सपनों की दुनिया अमेरिका है जहां वह पति के जरिए पहुंचना चाहती है,’’ सरला ने बीच में ही कहना शुरू कर दिया.

पप्पू अमेरिका से कब आएगा

पप्पू अमेरिका से कब आएगा-भाग 4 : विभा किसकी राह देख रही थी

‘‘मेरी समझ में नहीं आता कि हमारे देश में अमेरिका के प्रति इतना मोह क्यों है. हर कोई आंख बंद कर के अमेरिका

जाने को तैयार रहता है. यहां के लोग भोलीभाली लड़कियों को शादी के नाम पर वहां भेज कर अंधे कुएं में ढकेल देते हैं.’’

‘‘ठीक कहा तुम ने. मैं नहीं कहता कि सभी के साथ बुरा ही होता है पर जिस के साथ ऐसा होता है, उस की तो जिंदगी बरबाद हो जाती है न. आजकल हमारे देश में भी अच्छी नौकरियों या दूल्हों की कमी नहीं है,’’ नरेंद्र के जीजाजी बोले.

मनोहर, दीदी और जीजाजी को इतना भा गया कि वे उसे घर का ही सदस्य मानने लगे. वह भी नरेंद्र के साथसाथ शादी के कामों में इस तरह जुट गया जैसे शादी उसी के घर की हो.

शादी में अब केवल 2 दिन बाकी रह गए थे. घर मेहमान और सामान से भरा था. रात के 11 बज रहे थे. कुछ लोगों को छोड़ कर बाकी सब जिसे जहां जगह मिली, वहीं नींद में लुढ़के पडे़ थे. नरेंद्र भी बहुत थक गया था. थोड़ी देर आराम करने के लिए जगह ढूंढ़ रहा था. इतने में अर्चना उस के पास आई. उस के हाथ में एक लिफाफा था.

‘‘नरेंद्र, मैं कुछ ढूंढ़ रही थी तो मुझे दूल्हे की फोटो मिल गई. तुम इसे अपने पास रख लो. परसों लड़के वालों को लेने तुम्हें ही स्टेशन जाना होगा. तुम्हारे साथ मेरे देवरजी भी जाएंगे मगर उन्होंने भी लड़के वालों को नहीं देखा. इसलिए तुम्हें फोटो दे रही हूं. संभाल कर रखो. बरात को लिवा लाने में मदद मिलेगी.’’

अर्चना के हाथ से नरेंद्र ने फोटो ले ली. जैसे ही उस की नजर फोटो पर पड़ी उस के मन में फिर वही भावना जगी- कहीं देखा है इसे. पर कहां? दूर से भाईबहन को बतियाते देख विभा भी वहां आ गई.

‘‘सुनो, इस लिफाफे में दूल्हे की फोटो है. अपने पर्स में संभाल कर रख लो. परसों मुझे दे देना. बरात को लाने मुझे ही जाना है.’’

विभा ने लिफाफे में से फोटो निकाली, ‘‘अरे, यह तो महिंदर भाईसाहब का दामाद है.’’

नरेंद्र उछल पड़ा. उस की थकावट और नींद जाने कहां उड़ गई, ‘‘मगर यह बात तुम डंके की चोट पर कैसे कह रही हो? आखिर तुम ने भी तो उसे केवल एक बार शादी में ही देखा था.’’

‘‘आप मर्द लोग शादी में ताश खेलते हो, सुंदरसुंदर भाभियों पर लाइन मारते हो या राजनीति की चर्चाएं करते हों. शादी में दूल्हा या दुलहन बदल जाए तो भी तुम्हें पता नहीं चलता.’’

‘‘तो क्या तुम औरतों की तरह साजशृंगार कर के अदाएं बिखेरते चलें? खैर, छोड़ो असली बात तो बताओ.’’

‘‘शादी के अलबम दिखाने के लिए गेटटुगेदर के बहाने सिमरन भाभी ने सारी महिलाओं को बुलाया था. यह और बात है कि हमें झक मार कर 2 घंटे बैठ कर वीडियो भी देखना पड़ा. इतनी देर तक देखते रहने के बाद भला हम दूल्हे को कैसे भूल सकते हैं. मैं ही नहीं, सारी महिलाएं इसे पहचान लेंगी.’’

‘मगर अब करें क्या? यही तो सोचना है. शादी तो हमें हर हाल में रोकनी है’, नरेंद्र और विभा इसी चिंता के कारण रातभर सो नहीं पाए.

महिंदर भी नरेंद्र के अन्य मित्रों की तरह अपनी नौकरी पर निर्भर मध्यवर्ग का व्यक्ति था. बहुत सीधासादा और ईमानदार. उस ने अपनी जमापूंजी सब लगा कर अपनी लड़की की शादी इस लड़के से तय की थी कि लड़का सुंदर है, अच्छी नौकरी है. सब से बड़ी बात है लड़का अमेरिकावासी है. यह तो ‘बिन मांगे मोर’ था. उन लोगों ने सपनों में भी इस की कल्पना नहीं की थी. उन्होंने सोचा कि लड़की सुखी रहेगी. दूसरी बेटी के विवाह में वह हाथ भी बंटाएगी.

मगर यह आदमी शादी के बाद ऐसे गायब हुआ कि आज ही उस के बारे में पता चला जब उस की फोटो मिली.

महिंदर की बेटी लवली बेचारी आज भी इस की राह देख रही है. यहांवहां से तरहतरह की बातें सुन कर महिंदर को कुछकुछ अंदाजा हो गया है मगर घर में इस बात की चर्चा करने से डरता है. अब क्या किया जाए?

महिंदर की बात तो बाद में आती है. इस समय 2 दिन बाद होने वाली शादी को कैसे रोका जाए? वह कुछ कहे तो क्या दीदी और जीजाजी उस का विश्वास करेंगे? हमारे समाज में शादी टूटना बहुत बुरी बात है. नरेंद्र की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. वह अपनी भांजी की जिंदगी बरबाद होते नहीं देख सकता था.

पौ फटते ही नरेंद्र बिना किसी से कुछ कहेसुने विभा से फोटो ले कर निकल गया. 11 बजे तक वह महिंदर के घर में था. अब तक महिंदर के घर में सब को पता चल चुका था कि वे लोग ठगे गए थे. अब नरेंद्र की भांजी की घटना सुन कर उन का खून खौल उठा. उस के बाद की घटनाएं बड़ी तेजी से घटीं.

महिंदर को साथ ले कर नरेंद्र सारा दिन दौड़धूप करता रहा. शाम को महिंदर  को साथ ले कर टैक्सी से भोपाल के लिए निकल पड़ा. घर पहुंचतेपहुंचते रात के 11 बज गए. दीदी और जीजाजी नरेंद्र पर बहुत बिगड़े. पर नरेंद्र और महिंदरजी के मुख से सारी बात सुन कर उन के पांव तले की जमीन खिसक गई. रात आधी हो गई थी. घर मेहमानों से भरा था. क्या करें क्या न करें. वे सब अंदर सामान वाले कमरे में जागते रहे.

सुबह 10 बजे की गाड़ी से बरात आने वाली थी. पर सुबह होते ही जैसे कोहराम मच गया. अखबार में नाम और बड़ीबड़ी तसवीरों के साथ अमेरिकी दूल्हे की सारी कहानी छपी थी. शादी का जो सुमधुर कोलाहल था वह भयानक नीरवता में बदल गया जिस में मेहमानों की खुसुरफुसुर स्पष्ट रूप से सुनाई दे रही थी.

इस घटना को कोई 20-22 वर्ष गुजर गए हैं. अब विभा नहीं कहती ‘जाने पप्पू कब बड़ा होगा.’ क्योंकि इस लंबे अंतराल में उस के जीवन में बहुत से उतारचढ़ाव आए. जमापूंजी इकट््ठी करने के बाद भी पैसे कम पड़े तो मकान को गिरवी रख कर पप्पू यानी सुशांत को विदेश भेजा गया. वहां उस की पढ़ाई समाप्त हुई और अच्छी सी नौकरी भी लग गई. जाने से पहले पप्पू ने जो कहा था, वे शब्द आज भी विभा के कानों में गूंज रहे थे. उस ने नम आंखों से दोनों के चरण छूते हुए कहा था, ‘मां, बाबूजी, आप ने अपनी जिंदगीभर की जमापूंजी मुझ पर दांव लगा दी, मैं यह बात कभी नहीं भूलूंगा. मैं आप लोगों का सपना अवश्य पूरा करूंगा. खूब परिश्रम करूंगा और  पढ़ाई पूरी होते ही अच्छी नौकरी अवश्य मिल जाएगी. मैं अपना मकान छुड़वा लूंगा और हम सब मिल कर सुखचैन से रहेंगे.’’

सुशांत के जाने के बाद 3 वर्षों में ही नरेंद्र इतना बीमार पड़ा कि वह बिस्तर से उठ ही नहीं पाया. नई नौकरी का वास्ता दे कर सुशांत आ नहीं पाया. विभा कहां जाती. उस ने एक वृद्धाश्रम में पनाह ले ली. अब वह पेड़ के उस सूखे, पीले पत्ते की तरह है जो किसी भी क्षण पेड़ की टहनी से अलग हो कर धूल में मिल सकता है और अपना अस्तित्व खो सकता है. फिर भी उसे इंतजार है…

सूखे और झुर्रियों वाले चेहरे पर धंसी हुई निस्तेज आंखें कहीं दूर शून्य में फंसी हुई हैं. उसे इंतजार है अपने बेटे का. उस के सूखे होंठ बुदबुदा रहे हैं,‘जाने पप्पू कब आएगा…

 

खट्टे मीठे करेले बनाने कि विधि

करेला का स्वाद कड़वा होता है लेकिन जितना खाने में कड़वा होता है उससे कही ज्यादा इसके फायदे होते हैं. करेला हमारे सेहत के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है. भारत में अलग- अलग जगहों के लोग करेला को अलग तरह से बनाते हैं. तो आइए आज जानते हैं. खटे मीठे केरेला बाे कि विधि

समाग्री

करेला

राई

मूंगफली

प्याज

तेल

धनिया

नमक

लाल मिर्च

इमली

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विधि

सबसे पहले आप करेला को अच्छे से साफ कर लें, उसके बाद इसे अच्छे से काट लें. अगर आप करेला कि करवाहट को दूर करना चाहते हैं तो पहले आधे घंटे के लिए करेला में नमक डालकर छोड़ दें. फिर इसे पानी से अच्छे से धो लें.

अब कड़ाही में तेल गर्म करने के लिए रख दें, इसके बाद इसमें राई को पहले डालें फिर इसमें कटा हुआ प्याज को डालकर लाल होने तक भूनें, अब इसमें मूंगफली को डालकर कुछ देर के लिए छोड़ दें, फिर इसमें आप उड़द के दाल को डाल दें, इसके बाद कुछ देर तक भूनने के बाद इसमें करेला डाल दें अब पांच मिट तक करेला को मिलकर रख दें.

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जब करेला भून जाए तो दिए गए सारे मसाले और अपने स्वाद अनुसार नमक डालकर चलाएं. अब करीब दम मिनट के बाद आप देखेंगे कि आपका करेला बकर तैयार है आप इसे सर्व कर सकते हैं.

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