समीक्षाः

वेबसीरीजः ‘‘आपके कमरे में कोई रहता हैः हॉरर होते हुए भी डराती नही है..’’

रेटिंग: एक स्टार

निर्माताः थिंकिंग हैट्स इंटरटेन मेंटसोल्युषन

लेखक व निर्देषकःगौरव सिन्हा

कलाकारःस्वराभास्कर,सुमितव्यास,अषीषवर्मा,अमोलपाराषर, निमिषामेहता,नवीनकस्तूरिया, इष्ताक खान व अन्य

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अवधिःपांच एपीसोड, कुलअवधि एक घंटा 38 मिनट

ओटीटीप्लेटफार्मः एमएक्सप्लेअर्स

‘एमएक्सप्लेअर’’पर पांच एपीसोड की एक हॉरर वेब सीरीज ‘‘आपके कमरे में कोई रहता है’’में प्रतिभाषाली कलाकारों की लंबी चैड़ी फौज है,मगर दर्शकों को निराशा ही हाथ लगती है.

कहानीः यह कहानी है चार कुंवारे दोस्तों निखिल (सुमीत व्यास), सुब्बू (नवीन कस्तूरिया), कवि (अमोल पाराशर) और सनकी (आशीष वर्मा) की,जो कि भारत के अलग-अलग शहरों से आकर मुंबई की एक कंपनी में एक साथ काम रहे हैं.यह सभी किराए के मकान के लिए जद्दो जहद कर रहे हैं. इन्हें मुंबई शहर में एक निर्माणाधीन इमारत में पूरी तरह से साजोसमान से सुसज्जित चार बेडरूम का फ्लैट मामूली किराए पर मिल जाता है.पर इन्हें यह नहीं पता था कि वे इस में पहले से ही रह रहे भूत के साथ अद्भुत नए फ्लैट को साझा करेंगें. इन सभी का जीवन उस वक्त्त जटिल हो जाता है,जब सुंदर मौसम (स्वरा भास्कर)दीवाली पार्टी के लिए आती है, जिसके बाद भयावहता की शुरुआत होती है.इस दीवाली पार्टी की रात इनके एक साथी कवि की मौत हो जाती हे ओर कवि की प्रेतात्मा का वास मोसम के अंदर हो जाता है.फिर कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं.

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लेखन व निर्देशनः इस हॉरर वेब सीरीज की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी कहानी व पटकथा है.हॉरर व हास्य के दृष्य पैदा करने के लिए उलजलूल तरह के दृष्यों की भरमार है.पर यह वेब सीरीज डराती तो बिल्कुल नही है,कुछ दृष्य जरुर हंसा देते हैं.कहानी को बेवज हरबरकी तरह खींचा गया है.निर्देशक के तौर पर गौरव सिन्हा अपनी प्रतिभा को साबित नही कर पाते हैं.

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