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जिंदगी फिर भी खूबसूरत है

सलोनी मोबाइल को हाथ मे पकड़े एकटक शून्य में ताक रही थी. अभी अभी औफिस से फोन आया
था कि मार्च माह की सैलरी आधी ही मिलेगी.

आज 5 अप्रैल था और मकान का किराया, मोबाइल का बिल, राशन आदि जरूरी काम वह कैसे कर पाएगी, वह भी मात्र ₹25 हजार में?

घर का किराया ही ₹15 हजार है और अब गरमी के दिनों में तो एअर कंडीशनर न चाहते हुए भी चलाना
पड़ेगा. कैसे कर पाएगी वह?

लौकडाउन के कारण घर भी नहीं जा सकती है. घर से पैसे अवश्य
मंगवा सकती है पर सलोनी को मम्मीपापा के लैक्चर नहीं सुनने थे. अगर वह कुछ हैल्प मांगेगी तो मम्मीपापा कर देंगे पर इतना जलील करेंगे कि सलोनी हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी.

सलोनी 26 वर्षीय युवती थी. वह नजीबाबाद नाम के एक छोटे से कसबे से थी. वह जब आगे की पढ़ाई
करने ग़ाजियाबाद आई तो फिर वह कभी वापिस नहीं जा पाई.

इंजीनियरिंग करने के बाद उसे नौकरी मिल गई थी. उस ने ₹30 हजार से नौकरी की शुरुआत की थी मगर 3 साल के भीतर ही उस की सैलरी ₹50 हजार हो गई थी.

सलोनी ने जल्दी ही नोएडा में एक छोटा सा घर किराए पर ले लिया था. घर क्या बस 1 बैडरूम और 1 किचन था और आगे थी एक बरसाती.
सलोनी को यह बरसाती बेहद प्रिय थी, उस ने वहां तरहतरह के पौधे लगा रखे थे.

सलोनी के मकानमालिक नीचे रहते थे और सलोनी का उन से मतलब न के बराबर था. वे बेहद रूखे स्वभाव के थे. उन का मतलब सलोनी से बस किराए तक ही सीमित न था. मुफ्त का नैतिक ज्ञान भी उसे कभीकभी दे दिया जाता था.

कभी बोलते,”इतनी तेज आवाज में म्यूजिक मत सुनो.”
तो कभी कहते,”कल इतनी देर रात कहां से आई थी?”

वह तो शुक्र था कि सलोनी के घर जाने का रास्ता बाहर से था पर फिर भी नीचे वाले अंकलआंटी की पूछताछ चलती रहती थी.

अभी 14 फरवरी की शाम को संस्कार उस के घर आ गया था. दोनों  ने एकसाथ डिनर किया था. रात के 10 बजे ही थे कि दरवाजे पर खटखटाहट हुई. जैसे ही दरवाजा खोला सामने दोनों पतिपत्नी खड़े थे.
बोल पङे,”अकेली लङकी हो. कल को कोई ऊंचनीच हो गई तो हम क्या करेंगे? अपने दोस्तों को यहां मत बुलाया करो.”

जिस लहजे से बात कही गई थी सलोनी तो शर्म से पानीपानी हो गई थी. संस्कार भी उसी समय निकल गया था.

अगले दिन आंटी ने उसे नीचे बुलाया था. इधरउधर की बात न करते हुए वे सीधे मुद्दे पर आ गईं. बोलीं,”क्या तुम उस लड़के से विवाह करने वाली हो?तुम्हारे मम्मी पापा जानते हैं क्या उसे?

“तुम पढ़ीलिखी खूबसूरत लड़की हो, इसलिए कह रही हूं, ऐसे मत भटको.”

सलोनी ने बस इतना ही कहा,”मैं अपना भलाबुरा समझती हूं.”

उके बाद संस्कार के साथ उस ने 1-2 घर भी देखे पर इतने कम किराए पर उसे कोई ऐसा हवादार घर नहीं मिल पाया. अभी घर देख ही रही थी कि  लौकडाउन हो गया.

सलोनी के एकाउंट में 7 अप्रैल को सैलरी आ गयी थी. ₹25 हजार और बस ₹5 हजार पहले के पड़े हुए थे. सलोनी आजकल के युवाओं की तरह थी जो बस आज में ही जीते हैं. सारे पैसे सलोनी घूमनेफिरने और सैरसपाटे में उड़ा देती थी. कभी ऐसा भी कुछ होगा सलोनी ने सोचा भी न
था.

8 अप्रैल को नीचे सलोनी ने घर का किराया दे दिया था. अंकलआंटी आराम से बैठ कर खाना खा रहे थे. एक बार भी यह नहीं पूछा कि वह कैसी है, उसे कुछ चाहिए तो नहीं. सलोनी डबडबाई आंखे ले कर ऊपर आ गई. अब बस ₹15 हजार बचे हैं और अगले महीने का भी कोई भरोसा नहीं कि सैलरी मिलेगी भी या नहीं.

आज सलोनी को लग रहा था कि मम्मीपापा कुछ गलत नहीं कहते थे कि थोड़ीथोड़ी बचत करा करो, पर तब तो सलोनी को सब ओल्ड फैशन लगता था. हर वीकेंड का मतलब होता था, शराब और डिस्को. हर वीकेंड में बिना सोचसमझे उस के ₹2-3 हजार खर्च हो ही जाते
थे.

सलोनी एक सूची बनाने लगी कि कैसे खर्चों में कटौती करी जाए. दूध 2 दिन में 1 किलो भी बहुत है. फल नहीं खाएगी, सब्जी एक समय बना कर उसी से दोनों समय खा लेगी. नाश्ते में जो मम्मी ने घर से पोहा, चने और दलिया भेजा था, उस से ही काम चला लेगी.

1 हफ्ता बीत गया और सलोनी अपने बजट नियंत्रण से खुश थी. उसे लग रहा था कि अगले महीने भी आधी ही सैलरी मिली तो उस में से वह बचत भी कर लेगी और आराम से काम भी चला लेगी.

अब सलोनी रोज सुबह 6 बजे उठ कर सारा काम करती और 8 बजे लैपटौप के आगे बैठ जाती
थी. दिन कहां निकल जाता था, उसे पता ही नहीं चलता था.

22 अप्रैल को अचानक से सलोनी का लैपटौप हैंग हो गया. सलोनी के तो होश उड़ गए. उस ने
अपनी बौस को फोन कर के समस्या से अवगत कराया तो उन का घिसापिटा जवाब था,”सलोनी कुछ भी कर के काम करो. वैसे भी छटनी आरंभ हो चुकी है, कुछ ऐसा मत करो कि कंपनी को कोई मौका मिल जाए…”

सलोनी ने संस्कार को फोन किया. सलोनी को पूरी उम्मीद थी कि संस्कार अवश्य उस की मदद
करेगा. पर संस्कार ने हाथ खड़े कर दिए थे. एकएक कर के सलोनी ने अपने उन सब दोस्तों को
फोन किया जिन के घर नोएडा में ही थे. लेकिन सभी दोस्तों ने अपनीअपनी मजबूरी बता दी थी.
थकहार कर सलोनी ने अपने घर फोन किया. उसे पूरी उम्मीद थी कि लैक्चर के अलावा और कुछ नहीं मिलेगा. पर हुआ उस के उलटा.

सलोनी के पापा ने बहुत प्यार से बात की, उसे हौसला दिया और कहा,”बेटा मुझे तुम पर नाज है कि ऐसी विषम परिस्थितियों में भी तुम डट कर खड़ी हुई हो.

“अगर कोई समस्या है तो उस का समाधान भी अवश्य होगा, एक बार अपने नीचे वाले अंकलआंटी से बात तो कर के देखो.”

सलोनी को पता था कि कोई फायदा नहीं होगा पर आज पापा की बातों ने उस के अंदर उत्साह भर दिया था. जैसे ही वह नीचे पहुंची तो देखा अंकल लैपटौप पर कुछ काम कर रहे हैं और आंटी कोई पत्रिका पढ़ रही हैं.

उसे देखते ही आंटी बोली,”ओह, सलोनी बेटा तुम तो बेटा एकदम मुरझा गई हो. खातीपीती नहीं हो क्या ठीक से?”

अंकल बोले,”अरे बच्ची सारा दिन अकेले कामों में उलझी रहती है, क्या बनाएगी और खाएगी.”

सलोनी झिझकते हुए बोली,”अंकल, मेरा लैपटौप नहीं चल रहा हैं, क्या कुछ हो सकता है?”

इस से पहले कि अंकल कुछ बोलते, आंटी बोल पड़ी,”अरे सारा दिन तो यह लैपटौप पर खेल ही तो
खेलते हैं, अंकल तुम्हें दे देंगे.”

तब अंकल बोले,”बेटा नीचे आ कर ही काम करो, मैं ऊपर नहीं ले जाने दूंगा.”

सलोनी की समस्या हल हो गई थी. वह भाग कर अपना मोबाइल ले कर नीचे आ गई.

जैसे ही सलोनी अपने मोबाइल के हौटस्पौट से लैपटौप को कनैक्ट करने लगी, अंकल बोल पङे,”बेटा,
क्यों अपने मोबाइल का बिल बढ़ा रही हो, हमारा नैट हमेशा चालू रहता है, तुम्हे पासवर्ड बताता हूं.”

जब दोपहर हो गई तो सलोनी खाना खाने ऊपर जाने लगी. आंटी बोली,”बेटा, हम लोग सादा ही
खाना खाते हैं पर तुम्हारा खाना भी आज मैं ने बना लिया है. यहीं खा लो.”

सलोनी को आज सादा खाना भी अमृत जैसा लग रहा था.

आज का दिन तो ठीक से बीत गया था पर लैपटौप की समस्या अब भी जस की तस थी. अंकल
ने ही पहल कर के कहा,”बेटा, कल मैं ने अपनी जानपहचान का एक लड़का बुलाया है, वह तुम्हारा लैपटौप देख लेगा.”

सलोनी ने राहत की सांस ली. रात को खाना कहते हुए सलोनी सोच रही थी कि वह बेकार में ही
अंकलआंटी को दकियानूसी और न जाने क्याक्या मानती आ रही थी.

सुबह जब सलोनी अपना लैपटौप ले कर पहुंची तो देखा अंकल औनलाइन बिजली का बिल पे करने की कोशिश में लगे हुए हैं. सलोनी ने अंकल को पूरी प्रक्रिया समझाई और 2 मिनट में
काम हो गया.

अंकल खुश हो कर बोले,”सलोनी बेटा, आज भी तुम मेरे लैपटौप से काम कर लो.

“आज शायद दोपहर तक तुम्हारे लैपटौप की समस्या खत्म हो जाएगी.”

दोपहर को लैपटौप चेक कर के वह लड़का बोला,”इस की तो मदरबोर्ड में प्रौब्लम है. ₹5 हजार का खर्च है, आप पैसे पे कर दो, शाम तक लैपटौप आप के पास हाजिर होगा.”

सलोनी का चेहरा रोआंसा सा हो गया. वह सोचने लगी कि अब अगर ₹5 हजार दे दिए तो फिर कैसे ₹10 हजार में आगे काटेगी?

अंकल ने रूखे स्वर में कहा,”इतना समय नहीं है सलोनी, अगर लैपटौप सही करवाना हो तो बोलो यह रुकेगा नहीं. मैं इसे भेज रहा हूं इसे तब…”

सलोनी परेशान स्वर में बोली,”अंकल, आप बस इस माह के लिये मुझे अपने लेपटौप पर काम करने दे दीजिए.”

अंकल बोले,”नहीं बाबा, यह लैपटौप बहुत महंगा है.”

न चाहते हुए भी सलोनी को ₹5 हजार खर्च करने पड़ गए.
उस के बाद सलोनी ने अंकल से कोई बात नहीं की और न ही खाना खाया. दरअसल, गुस्से और चिंता के कारण सलोनी की भूख गायब हो गई थी.

रात को सलोनी का लैपटौप ठीक हो कर आ गया था. जब सलोनी लैपटौप लेने पहुंची तो अंकलआंटी मिल्कशेक  पी रहे थे. अंकल ने सलोनी को बैठने का इशारा किया और फिर आंटी से बोले,”सलोनी के लिए भी शेक ले आओ.”

अंकल बोले,”सलोनी मुझे पता है कि तुम्हें पैसो की तंगी हो रही होगी. अगर आज मैं तुम्हारी मदद कर देता तो तुम फिर हर बार यही सोचती कि अंकल मदद कर देंगे. आशा करता हूं कि इस लौकडाउन में तुम अपने जीवन मूल्यों को लेषकर अच्छे से मनन करोगी.

“मुझे पूरा विश्वास है कि यह लौकडाउन तुम्हें कुछ ऐसी बातें सिखा  कर जाएगा जो तुम
शायद सामान्य हालातों में कभी नहीं सीख पातीं.”

सारी समस्यों से अकेले ही झूझते हुए सलोनी को लग रहा था कि जिंदगी की असली खूबसूरती तो उसे अब समझ आई है.

1 माह और बीत गया था. 7 मई  को सलोनी किराया देने नीचे पहुंच
गई थी.

अंकल ने ₹5 हजार वापस करते हुए  कहा,”जब तक तुम्हारी सैलरी फिर से सामान्य नहीं हो जाती तब तक हम तुम से ₹10 हजार ही किराया लेंगे.”

इस लौकडाउन ने सालोनी को पहले से अधिक जिम्मेदार बना दिया था. उसे समझ आ गया था जिंदगी का मतलब बस सैरसपाटा नही हैं.

दूसरे दिन से शराब की दुकानें खुल रही थीं. सलोनी के सभी दोस्त प्रोग्राम बना रहे थे कि सब सलोनी
के घर मिलेंगे.

सलोनी से संस्कार ने पूछा,”बेबी, तुम्हारे लिए कौन सी ब्रैंड ले कर आनी है?”

सलोनी मुसकराते हुए बोली,”देखो, मेरे पास फालतू खर्चों के लिए पैसे नही हैं. तुम लोग किसी और के घर जाने का प्रोग्राम बना लो.”

संस्कार बोला,”सलोनी डियर, आज में जियो, यह बुजुर्गों जैसी बचत की बातें कर के लाइफ को बोरिंग मत बनाओ.”

सलोनी पूरे आत्मविश्वास से बोली,”संस्कार, मेरी जिंदगी अब बोरिंग नहीं बेहद खूबसूरत हो गई है.”

सलोनी को विश्वास था कि अब चाहे सैलरी और भी कम हो जाएं वह कम में भी आराम से काम चला लेगी. उस के हाथ आत्मनिर्भरता और आत्मअनुशासन की कुंजी जो लग गई है. उस ने आगे से शराब जैसी गंदी चीज को हाथ तक न लगाने की कसम खा ली थी.

अब उस की जिंदगी पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गई थी.

मैं अपने पार्टनर के साथ सैक्सुअल इंटीमेसी कैसे बनाऊं?

सवाल

मेरी उम्र 32 वर्ष है और जल्दी ही मेरी अरेंज्ड मैरिज होने वाली है. लड़की लखनऊ की है. मैं उस से अभी तक सिर्फ 2 बार मिला हूं. मिलने पर हम दोनों के बीच खुल कर बात नहीं हुई. फोन पर भी कभीकभी बात होती है. वह थोड़ी शर्मीली टाइप की लड़की है. मुझे लग रहा है कि सैक्स को ले कर वह शर्म न करे, जबकि मेरी सैक्स को ले कर काफी फैंटेसी है. मैं नहीं चाहता कि उस की शर्म हमारी सैक्स लाइफ पर इफैक्ट डाले. आप ही बताइए कि उस के साथ सैक्सुअल इंटीमेसी कैसे बनाऊं?

जवाब

आप बेवजह की बातें सोच रहे हैं. आप की मंगेतर शर्मीली स्वभाव की है तो क्या हुआ. शादी से पहले वह आप से शरमा रही है, खुल कर बात नहीं कर पा रही तो क्या हुआ. शादी के बाद सब शर्म, सब ?ि?ाक खत्म हो जाती है.

पतिपत्नी का रिश्ता ही ऐसा होता है कि बीच में शर्म करने की बात रहती ही नहीं. रही बात पत्नी के साथ हैल्दी सैक्सुअल इंटीमेसी बनाए रखने की तो हर कपल को इस की सब से ज्यादा जरूरत होती है.

जब आप सैक्स करते हैं तो आप को पता होना चाहिए कि आप का पार्टनर बैड पर आप से क्या एक्स्पैक्ट करता है. आप दोनों आपस में क्लीयर करें कि आप को बैड पर क्या उत्तेजित करता है. अपनी सैक्सी फैंटेसी, एक्सपेक्टेशन को आपस में एकदूसरे के साथ शेयर करिए, इस से आप की सैक्स लाइफ अपनेआप बेहतर बन जाएगी.

सैक्स के दौरान आप अपने पार्टनर को पूरी कंपनी दें और खुद को पूरी तरह सैक्सुअलाइज करने की कोशिश करें. यह आप के पार्टनर को बेहद पसंद आएगा और वह आप से और प्यार करेगा.

इंटीमेसी को प्रायोरिटी दें. यह आप को और आप के पार्टनर को सिखाएगा कि गले लगना या सैक्स करना उतना ही क्यों जरूरी है जितना कि आईलवयू कहना.

सैक्स में जल्दबाजी कभी नहीं. ‘गो स्लो फोरप्ले’ का प्रयास करें, क्योंकि यह बहुत कामुक और उत्तेजित करने वाला हो सकता है. आप का साथी इसे पसंद करेगा. यदि आप उन के शरीर के संवेदनशील हिस्सों पर ज्यादा ध्यान देते हैं और अपने पाटर्नर को ज्यादा उत्तेजित करते हैं तो यह सैक्स को और बेहतर बनाएगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

सब्जेक्ट में लिखें- सरिता व्यक्तिगत समस्याएं/ personal problem

अगर आप भी इस समस्या पर अपने सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करें और अपनी राय हमारे पाठकों तक पहुंचाएं.

‘गुम है किसी के प्यार में’ से हुआ इस हसीना का पत्ता साफ, पढ़ें खबर

नील भट्ट (Neil Bhatt), ऐश्वर्या शर्मा (Aishwarya Sharma) और आयशा सिंह (Ayesha Singh) स्टारर टीवी सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. शो में आए दिन बड़ा ट्विस्ट देखने को मिल रहा है. इसी बीच खबर आ रही है कि  शो में बाल कलाकार हिरवा त्रिवेदी नहीं नजर आएंगी.

हिरवा त्रिवेदी शो में पुलकित और देवयानी की बेटी हारिणी का किरदार निभाती हैं. लीप के बाद हारिणी के किरदार को यंग दिखाया जाएगा. ऐसे में मेकर्स ने हिरवा त्रिवेदी को रिप्लेस करने का फैसला कर लिया है. मेकर्स ने हिरवा त्रिवेदी की जगह शो में टीवी अदाकारा येशा हर्सोरा को जगह दे दी.

 

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अब येशा हर्सोरा सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ की कहानी में यंग हारिणी का रोल प्ले करने वाली हैं. येशा हर्सोरा के आने से सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ की कहानी में कई बड़े बदलाव देखने को मिलने वाले हैं.

 

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सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ की कहानी में 9 साल लंबा लीप आया है. लीप के बाद एक बार फिर से सई और विराट का मिलन हो गया है. जिसके बाद पता चला कि देवयानी का किरदार निभाने वाली मिताली नाग ने भी सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ को अलविदा कह दिया है.

 

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Bigg Boss 16: शो में आदिल खान संग सात फेरे लेंगी राखी सावंत?

टीवी का विवादित शो ‘बिग बॉस 16’ (Bigg Boss 16) का प्रोमो सामने आया है, जिससे फैंस कॉफी उत्साहित हैं. इस प्रोमो में सलमान खान खुद बिग बॉस खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं. शो में हिस्सा लेने जा रहे कई सेलेब्स के नाम सामने आए हैं. ऐसे में दर्शक ये जानना चाहते हैं कि इस शो में कौन-कौन सेलेब्स हिस्सा लेना चाहते हैं.

बताया जा रहा है कि ‘बिग बॉस 16’ में पुराने कंटेस्टेंट्स को भी आने का मौका मिलेगा. इसी बारे में बात करते हुए राखी सावंत  ने एक बड़ा खुलासा किया है. एक्ट्रेस ने बताया है कि अगर शो में उन्हें जाने का मौका मिलता है, तो वो बॉयफ्रेंड आदिल खान दुर्रानी के साथ बिग बॉस के घर में शादी करेंगी?

 

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एक रिपोर्ट के अनुसार, जब राखी सावंत से  पूछा गया कि आदिल खान दुर्रानी के साथ ‘झलक दिखला जा’ या ‘नच बलिए’ जैसे डांस रिएलिटी शो में भाग लेने के लिए तैयार हैं. इस बारे में राखी सावंत ने कहा, ‘आदिल मेरा प्यार है, मेरी जिंदगी है, मेरी सांस है, मेरा डीएनए है, मेरा कलेजा है, वह मेरा फेफड़ा है, वह मेरी किडनी है – आदिल मेरे लिए सब कुछ है. इसलिए मैं उनके साथ नच बलिए और झलक जैसे शोज करना पसंद करूंगी.

 

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राखी सावंत ने  ‘बिग बॉस 16’ के बारे में बात करते हुए ने कहा, मुझे पता नहीं है कि मैं शो का हिस्सा बन पाउंगी. ये सब जनता के साथ में हैं, सलमान भाई के हाथ में है, कलर्स के हाथ में है. लोगों ने मुझे रोते-धोते हुए देखा है, मेरा रोमांटिक एंगल और प्यार नहीं देखा है.

 

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राखी ने आगे कहा, मुझे कोई लड़का ऐसा मिला ही नहीं. लास्ट टाइम जो भी था, वो एक्सपीरियंस काफी बुरा रहा. अब मेरे पास आदिल है और आदिल का दूसरा नाम प्यार है और रोमांस है.

राखी सावंत ने आगे कहा, इस बार अगर हमें एक कपल के रूप में ‘बिग बॉस 16’ में जाने का मौका मिलता है, तो इस बार हम जाएंगे, प्यार भी करेंगे और मस्ती भी करेंगे. सलमान भाई को बोलेंगे अब बस मेरा कन्यादान करदो भाई जल्दी से, निकाह करवा दो जल्दी से. इस शो में सिंगल जाएंगे लेकिन मिंगल होकर बाहर निकलेंगे.

ग्रहण: आखिर प्रिया का क्या था राज

कल से मेरे पैर धरती पर नहीं पढ़ रहे थे. रात को मारे उत्तेजना के नींद नहीं आई थी. इस पल की कितनी प्रतीक्षा थी मुझे. रात जब खाने के बाद रितिक मेरे कमरे में आया तो मुझे लगा शायद उसे कुछ चाहिए. मेरे पूछने पर उस ने अपनी दोनों बांहें मेरे गले में डाल दीं, “नहीं मां, मुझे कुछ बताना था आप को.”

शर्म से गुलाबी हो आए उस के गोरे मुखड़े को देख कर मेरे चेहरे पर प्यार भरी मुसकान तैर गई.

“तो तुझे मेरी बहू मिल गई?”
“अगर आप उसे स्वीकार करेंगी तो…”

“तुम जानते हो, तुम्हारी खुशी से बढ़ कर मेरे लिए और कुछ भी नहीं. कौन है वह, जिस ने मेरे बेटे के दिल की घंटी बजाई है?” बेटे के गाल पर प्यार की चपत लगाते हुए मैं ने पूछा.

“मां, प्रिया नाम है उस का. मेरे साथ एमबीए किया है उस ने. हम ढाई साल से एकदूसरे को जानते हैं और पसंद करते हैं. उस को भी अपने शहर में अच्छी नौकरी मिल गई है.”

“कब मिलवाओगे?” मेरा सीधा प्रश्न था.

“मां, कल सुबह नाश्ते पर बुला लेता हूं.”

“बुला नहीं लेता हूं. जा कर ले आना उसे. अब जा सो जाओ.”

पूरी रात मैं करवटें बदलती रही. सुबह 4 बजे ही मैं ने बिस्तर छोड़ दिया और रसोई में घुस गई. मन करता यह भी बना लूं, वह भी बना लूं. सुबह 7 बजे तक मेरी रसोई तरहतरह के पकवानों से महकने लगी.

“मां, क्याक्या बना लिया आप ने? पूरा घर महक रहा है. आप क्या रात भर बनाती रही हैं?” आश्चर्य और प्यार दोनों रितिक के स्वर में था.

“मेरी बहू पहली बार आ रही है. यह दिन एक बार ही आता है. तुम चाय पीयो मैं नहा कर आती हूं.”

रितिक के जाने के बाद मैं ने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी. मोती की माला और कानों में टौप्स पहन कर शीशे के सामने खड़ी हो गई और अपने कटे हुए बालों में ब्रश करने लगी.

आज कितने सालों बाद श्रृंगार करने का मन हुआ था मेरा.

“मां…मां…” ऋतिक की आवाज सुन कर मैं चौंक गई.

“मां, प्रिया आ गई.” ऋतिक मेरे सामने खड़ा था.

“अरे, दरवाजा किस ने खोला?”
“खुला था मां, शायद आप बंद करना भूल गई थीं.”

“हां यही हुआ होगा…”

बैठक में घुसते ही प्रिया से मेरी नजरें मिलीं तो हम दोनों ही जड़ हो गए. मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. लगा जैसे पूरा कमरा घूमने लगा है. खुद को संभालना मुश्किल हो गया. रितिक ने सहारा दे कर मुझे बैठाया.

“मां… क्या हुआ आप को?”

मैं चेतना शून्य होती जा रही थी. बंद होती आंखों से देखा, रितिक और प्रिया दोनों मेरे ऊपर झुके हुए थे और मुझे पुकार रहे थे. मुझे उन की आवाजें दूर से आती प्रतीत हो रही थीं.

जब होश आया तो देखा मैं अपने पलंग पर लेटी हुई थी. रितिक और प्रिया के साथ साथ डा. रजत भी मेरे कमरे में बैठे हुए थे.

“मां, क्या हुआ आप को?” परेशान रितिक की आंखें डबडबाई हुई थीं. मेरा हाथ उस के हाथों में था.

“बेटा, मैं ठीक हूं.”

“डाक्टर रागिनी, आप दोस्त को तो डाक्टर मानती ही नहीं हैं. मैं ने कितनी दफा आप से कहा कि थोड़ा अपनी सेहत का भी ध्यान रखिए, मगर…” डाक्टर रजत फिर से उठ कर डाक्टर रागनी का ब्लड प्रैशर नापने लगे.

“मम्मी की तबीयत खराब चल रही थी? पर अंकल, मम्मी ने तो कुछ भी नहीं बताया कभी. क्या हुआ है उन्हें?” रितिक परेशान हो उठा.

“कुछ नहीं बेटा, तुम्हारे रजत अंकल ऐसे ही बोलते रहते हैं,” मैं ने बेटे का हाथ स्नेह से दबाते हुए कहा.

“कोई यों ही बेहोश नहीं हो जाता मम्मी. अंकल आप बताइए न ?”

रितिक बहुत परेशान था और इस परेशानी में प्रिया को भी भूल गया था, जो पास ही चुपचाप बैठी हुई थी और मुश्किल से अपने आंसुओं को संभाले थी.

“परेशान होने वाली भी बात नहीं है रितिक. तुम्हारी मम्मी को थोड़ा आराम करने की जरूरत है. बहुत थका देती हैं खुद को. वैसे पूरा चैकअप करा लेना हमेशा अच्छा होता है. मैं ने कुछ टेस्ट लिख दिए हैं. करा लेना. इतना ब्लड प्रैशर बढ़ना ठीक बात नहीं है,” रितिक की पीठ थपथपा कर रजत बोले.

“जी अंकल.”

“अच्छा अब सब कंट्रोल में है. मां को आराम करने दो. परेशान मत हो. मैं चलता हूं. वैसे अब जरूरत नहीं पड़ेगी पर मैं एक फोन काल की ही दूरी पर हूं,” उठते हुए डाक्टर रजत बोले.

“अरे, अंकल चाय….”

“मम्मी को ठीक होने दो, फिर साथ में पीते हैं.”

“प्रिया, मम्मी का ध्यान रखना. मैं अंकल को छोड़ कर आता हूं,” कहते हुए रितिक कमरे के बाहर चला गया.

“सौरी आंटी, मुझे बिलकुल नहीं पता था कि रितिक आप का बेटा है.”

उस की आंखें अब बरसने लगी थीं.

“प्रिया, मेरे पास आओ.”

मैं ने उस का हाथ अपने हाथ में ले लिया, “आंटी नहीं प्रिया, मां बोलो.”

वह फफकफफक कर रोने लगी और अपना सिर मेरे सीने पर रख दिया. स्नेह से मैं उस के सिर पर हाथ फेरने लगी. अतीत मुझ पर हावी होता जा रहा था…

लगभग 12 वर्ष पूर्व का वह दिन मेरी आंखों के सामने जीवंत हो उठा. मैं क्लीनिक में मरीज देख रही थी. एक दंपत्ति अपनी 13-14 साल की बेटी के साथ क्लीनिक पर आए. बच्ची दर्द में थी और एक ही बात बोले जा रही थी, “मुझे इंजैक्शन लगा दीजिए. मुझे मार दीजिए. मुझे नहीं जीना है.”

रोते हुए उस के पिता ने बताया कि वे लोग एक रिश्तेदार के घर गृहप्रवेश में गए थे. बेटी का 10वीं का बोर्ड था तो वह अपने शिक्षक की प्रतीक्षा में घर पर ही रुक गई थी. हम जब शाम को लौटे तो बेटी इस हाल में मिली. वह शिक्षक दरिंदा निकला.

वे हाथ जोड़ कर बोले, “हम पुलिस के पास नहीं जाना चाहते डाक्टर. उस का तो कुछ नहीं होगा पर हमारी लड़की बदनाम हो जाएगी. हम इस की परीक्षा के बाद यह शहर ही छोड़ देंगे. हमारी मदद कर कीजिए.”

मैं उन की पीड़ा को समझ सकती थी. मेरे जेठ की बेटी इस हादसे से गुजरी थी. जेठजी स्वयं पुलिस में थे. पर क्या लाभ हुआ पुलिस, कोर्टकचहरी, इन सब का तनाव और समाज की हिकारत भरी नजर, वह बेचारी नहीं झेल पाई और साल पूरा होतेहोते पंखे से लटक कर मर गई.

मैं बच्ची के इलाज के साथसाथ उस की काउंसलिंग भी करने लगी. वह जब घबराती अपनी मम्मी के साथ मेरे पास आ जाती. फिर धीरेधीरे अकेले आने लगी. दूसरे शहर जा कर भी वह फोन से संपर्क में रही.

एक दिन मैं ने उस से कहा,”देखो बेटा तुम 12वीं में आ गई हो और अब पूरी तरह से ठीक हो गई हो. तुम्हारे लिए जरूरी है कि तुम इस घटना को भूल जाओ. इस के लिए तुम्हें मुझे भी भूलना होगा.”

“आप को? आप को कैसे भूल सकती हूं मैं? मेरी मां ने मुझे जन्म दिया है, पर यह नई जिंदगी आप की दी हुई है,” वह कांपती हुई आवाज में बोली.

“मां कह रही हो तो मां की बात मानो. सबकुछ भूल कर एक नई जिंदगी जियो. जब शादी करोगी तो मुझे जरूर बताना, मैं आऊंगी.”

“शादी? मैं… मैं… मुझ से कौन शादी करेगा?”

“क्यों तुम ने कौन सा पाप किया है?यह पाप पुण्य का पाठ हम औरतों को जबरन सिखाया गया है ताकि हम कभी भी आजादी सेे न जी सकें. तुुुम शादी करोगी और एक आम जिंदगी  जीओगी. बस इस दुर्घटना का जिक्र किसी से कभी नहीं करना. मैं ने अपनी मैडिकल फाइल में भी तुम्हारा असली नाम नहीं लिखा है. उस में तुम छाया हो. तुम अपने असली नाम के साथ आराम से जियो.”

मगर 8 साल के लंबे अंतराल के बाद आज अचानक वही छाया, प्रिया के रूप में मेरे सामने थी.

बेटे की आवाज से मैं वापस वर्तमान में लौट आई.

“मां, इसे क्या हुआ?”

“डर गई है,” प्रिया के सिर पर हाथ फेरते हुए मैं ने जवाब दिया.

“इसी की वजह से तो आप इतना थकीं,” प्रिया की ओर देखते हुए रितिक बोला.

“प्रिया सिर उठा कर अपलक रितिक को देख रही थी.

“अब तुम्हारी सजा य. है प्रिया कि अब तुम मां के लिए चाय बना कर लाओ और जो बचे उस में से थोड़ी सी मुझे भी दे देना.”

कमरे का वातावरण थोड़ा हलका हो गया. तकिए की टेक के सहारे दोनों ने मुझे बैठा दिया.

चाय पीते हुए मैं ने प्रिया की ओर देखा और बोली,”प्रिया, चाय तो तुम ने अच्छी बनाई है. चलो रसोई में तुम पास हो गई. पर अभी तुम्हारी परीक्षा बाकी है. मेरी बहू बनने के लिए तुम्हें एक परीक्षा और पास करनी होगी.”

प्रिया और रितिक दोनों एकदूसरे की ओर देखने लगे.

हिचकता हुआ रितिक बोला,”मां, तुम्हें कोई ऐतराज है क्या?”

“नहीं… बिलकुल नहीं. मगर तुम अपने कमरे में जाओ, मुझे अकेले में  प्रिया से कुछ बात करनी है. उसके बाद तुम्हें बुला लेंगे.”

“जी…” रितिक प्रिया की ओर देखता हुआ बाहर चला गया.

प्रिया अब सीधे मेरी ओर देख रही थी.

“प्रिया, मुझे तुम से एक वादा चाहिए.”

“मां, मुझ जैसी ग्रहण लगी लड़की को जानतेसमझते हुए आप क्यों स्वीकार कर रही हैं? आप मना भी तो कर सकती हैं…”

“क्यों मना करूंगी, तुम्हारी जैसी कोमल हृदय वाली बेटी, मेरी बहू बने यही तो हमेशा चाहा है मैंने. तुम्हारे साथ से ही मेरे बेटे की खुशियां हैं. यह खुशी मैं उसे देना चाहती हूं. बस एक वादा चाहिए तुम से…”

“कौन सा वादा माँ?”

“कभी, किसी भी कमजोर पल में उस हादसे का जिक्र रितिक से नहीं करोगी.”

“इतनी बड़ी बात छिपाना क्या उचित होगा?”

“प्रिया, जिंदगी में बहुत से हादसे होते हैं. क्या हम हमेशा उन का बोझा पीठ पर ढोते रहते हैं? वे घट कर अतीत हो जाते हैं. यही होना भी चाहिए.”

वह मौन मुझे देख रही थी.

“प्रिया, मेरा बेटा बहुत सुलझा हुआ है फिर भी मैं नहीं चाहती कि किसी अनचाहे अतीत का काला साया मेरे बेटेबहू के जीवन को परेशान करे.”

“आप की भावना समझ सकती हूं. मां, मैं आप से वादा करती हूं कि इस बात का जिक्र मेरी जबान पर कभी नहीं आएगा.”

“प्रिया, अपनी मम्मीपापा से कहना कि जब वे आएंगे तो हम पहली बार मिल रहे होंगे. यह याद रखें.”

“मां, आप बहुत महान हैं,” भावुकता में प्रिया मेरे गले लग गई.

प्यार से उस की पीठ थपथपा कर मैं ने कहा,”अब रितिक को बुला लो.”

प्रिया के साथ रितिक कमरे में आया तो उस के चेहरे पर कई प्रश्न साफ दिखाई दे रहे थे.

“तेरी प्रिया, मेरी परीक्षा में पास हो गई. यह चांद सी सुंदर लड़की मुझे बहू के रूप में स्वीकार है.”

“चांद में तो दाग होता है मां. ग्रहण लगता है,” रितिक ने प्रिया को छेड़ते हुए कहा.

“चांद उस ग्रहण के साथ ही तो पूर्ण होता है बेटा. वैसे ही हम सब भी अनेक अच्छाई और बुराई के पुतले हैं और हमें एकदूसरे को संपूर्णता में स्वीकारना होता है. प्रिया हम दोनों को हमारी कमियों के साथ स्वीकारेगी और हम दोनों को भी प्रिया को उस की सारी अच्छाइयों और बुराईयों के साथ उसे स्वीकारना होगा.”

” मैं तो मां….”

“मैं जानती हूं. तुम उसे छेड़ रहे हो. अच्छा अब तुम दोनों रसोई से कुछ ला कर खिलाओ तो मुझे, भूख लग रही है.”

उठते हुए प्रिया बोली,”मैं लाती हूं मां.”

“और हां प्रिया, अपने मम्मीपापा से बोलना मुझ से जल्दी आ कर मिलें और उन्हें यह भी बता देना कि मुझे शादी की जल्दी है.”

रितिक और प्रिया के चेहरे खिल उठे और दोनों मुसकराते हुए कमरे से बाहर चले गए .

त्यौहार 2022: खुशी के आंसू

आनंद और छाया की प्रेमयात्रा के बीच छाया को पता चला कि छोटी बहन ज्योति एकतरफा प्यार में आनंद की दीवानी है. बहन से अपार स्नेह के चलते छाया ने अपने प्रेम की कुरबानी देते हुए प्रेमी आनंद से भीख मांगी कि वह ज्योति से शादी कर ले.

‘‘एक लड़की को देखा’’ फेम रेजिना कैसेंड्रा बनी एक्शन गर्ल

अब तक पुरुष कलाकार ही बौलीवुड फिल्मों में अपने एक्शन दृश्य खुद करते आए हैं, मगर पहली बार सोनम कपूर के साथ फिल्म ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा‘ से बौलीवुड में कदम रखने वाली अभिनेत्री रेजिना कैंसेंड्रा ने फिल्म ‘‘साकिनी डाकिनी’’ में सारे खतरनाक एक्शन दृश्य  स्वयं अंजाम दिए हैं. 16 सितंबर 2022 को सिनेमाघरों में पहुंचने वाली रोमांचक कौमेडी फिल्म ‘साकिनी डाकिनी‘ दो मलिा प्रशिक्षु पुलिस की अनूठी कहानी है.इस फिल्म में रेजिना कैसेंड्रा के साथ निवेथा थॉमस ने भी अभिनय किया है.

फिल्म ‘‘साकिनी डाकिनी’’ एक्षन करने के लिए अभिनेत्री रेजिना कैसेंड्रा ने जापान जाकर जापानी मार्शल आर्ट फॉर्म जिउ जित्सु भी सीखा, जिसने स्क्रीन पर उसके -रु39यारीर की गतिविधियों को तेजी से करने में मदद की. इस मार्शल आर्ट ने ही उन्हें एक्शन दृश्यों को करने में मदद की.खुद रेजिना कहती हैं-ं

‘‘जी हाॅ! मैंने अपनी इस फिल्म में सभी खतरनाक एक्शन दृश्य स्वयं किए हैं. इसके लिए मैंने हैंड लौक्स व हैंडहोल्डिंग तकनीक को मार्शल आर्ट जिउ-ंउचयजित्सु से सीखे हैं. मैने स्टंट करते हुए काफी इंज्वौय किया. हमारे स्टंट निर्देशक वेंकट मास्टर से भी मुझे काफी मदद मिली.लोग मेरे किक्स और अन्य दृश्योंकी झलक  ट्रेलर में देख चुके हैं.मैं अपनी हर फिल्म में अपने स्टंट खुद करना चाहॅूंगी.फिल्म ‘साकिनी डाकिनी’ में सिर्फ स्टंट ही नहीं है,बल्कि इमोशनल दृश्य भी हैं. मैं फिल्म के बारे में ज्यादा बताकर दर्शकों की उत्सुकता को खत्म नहीं करना चाहती.मैं हर फिल्म में विविध प्रकार के किरदार निभाने को इच्छुक हॅूं.’’

टॉलीवुड में सबसे प्रशंसित और प्रिय व्यक्तित्वों में से एक, रेजिना को सोशल मीडिया पर अपने दिलचस्प पोस्ट के लिए भी लोग याद करते हैं.  सर्फिंग और साइकलिंग सहित कई खेलों में हमेशा व्यस्त रहने वाली रेजिना कैंसेंड्रा इन दिनों ‘सूरपनगई‘, ‘करुंगापियम‘ और ‘बॉर्डर‘ जैसी फिल्में भी कर रही हैं.

हिंदुत्व का फैलता आतंक

मगर देश में उग्र हिंदुत्व की नाव पर बैठकर कुछ संगठन अपनी हांकते रहते हैं और दिखाया गया है कि कानून को अपने हाथ में लेकर के देश का समरसता का माहौल खराब करने का काम करते हैं. सत्य है कि ऐसे संगठनों पर अंकुश सरकार और प्रशासन लगा पाने में अनेक दफा अक्षम सिद्ध हुआ है.परिणाम स्वरूप देश के हालात आज उग्र हिंदुत्व के हिंडोले में झूलने के लिए अभिशप्त है.

दरअसल, दक्षिणपंथी संगठनों की धमकियों के बाद गुरुग्राम में ‘स्टैंड अप कामेडियन’ कुणाल कामरा का कार्यक्रम रद्द होना एक ऐसी नजीर है जिस पर देश को चिंतन करने की आवश्यकता है.

भारत देश में संविधान सर्वोपरि है ऐसे में चाहे वह हिंदुत्ववादी संगठनों या अन्य सिर्फ भावना भड़क रही है के नाम पर कानून को अपने हाथ में ले ले और अपने मकसद में सफल हो जाएं तो यह शर्मनाक की स्थिति है क्योंकि संविधान सबको बराबरी का हक देता है.

देश में जिस तरह कुणाल कामरा स्टैंड अप कॉमेडियन की हिंदूवादी संगठनों ने हिंदू देवी-देवताओं के अपमान और मजाक उड़ाने के मसले पर घेराबंदी करके उनके कार्यक्रम रद्द कराने की सफल कोशिश की है वह बताती है कि संविधान को किस तरह दरकिनार रख कर के कुछ हिंदुत्ववादी संगठन देश को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास कर रहे हैं.

कुणाल कामरा और गांधी का हत्यारा गोडसे

बारंबार लग रहे आरोपों का जवाब देते हुए कुणाल कामरा ने आखिरकार हिंदुत्ववादी संगठनों को कुछ इस तरह घेर कर दिखा दिया है कि विश्व हिन्दू परिषद को अब उन्हें ना खाते बन रहा है और ना ही उगलते बन रहा है.

कुणाल ने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) को एक खुला पत्र लिखकर चुनौती दी है-”  संगठन महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की निंदा करे.”

हिंदू परिषद के ट्विटर हैंडल पर यह लिखकर के कुणाल कामरा ने संगठन को एक तरह से खामोश कर दिया है.

दरअसल,अतीत में कई मुद्दों पर केंद्र सरकार की आलोचना करने वाले हास्य कलाकार कामरा ने स्वयं को विहिप से ‘बड़ा हिंदू’ घोषित करते हुए तीखे सवाल किए हैं  वह कहते हैं कि वे डरा-धमकाकर अपनी आजीविका नहीं कमाते हैं. विहिप के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर टैग पत्र में लिखा है , – मैं जोर से और गर्व से जय श्री सीता राम और जय राधा कृष्ण कहता हूं. अब अगर तुम सच में भारत की संतान हो, तो गोडसे मुर्दाबाद लिखकर भेजो. नहीं तो मैं समझूंगा कि तुम लोग हिंदू विरोधी और आतंक समर्थक हो.

कामरा ने संगठन की आंख में आंख डालकर एक तरह से साहस पूर्वक  लिखा है, मुझे मत बताओ कि तुम गोडसे को भगवान मानते हो ? अगर मानते हो तो आगे भी मेरे शो रद्द करवाते रहना.मुझे सिर्फ इस बात की खुशी रहेगी कि मैं तुम्हारे से ज्यादा हिंदू होने की परीक्षा में तुमसे जीत गया हूं. कामरा ने आगे लिखा है, मैं जो कुछ भी करूंगा, अपनी मेहनत की ही रोटी खाऊंगा क्योंकि मुझे तुमसे बड़ा हिंदू होने के नाते लगता है कि किसी को डरा-धमका कर टुकड़े खाना पाप है।.अपने पत्र में, कामरा ने दक्षिणपंथी संगठनों से इस बाबत सबूत पेश करने की भी मांग की  है कि वह अपने कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाते हैं.

सनद रहे कि कुणाल कामरा को गुरुग्राम के सेक्टर-29 में स्थित स्टूडियो एक्सओ बार में 17 और 18 सितंबर को शो करना था. विहिप और बजरंग दल ने शो रद्द करने की मांग करते हुए  तहसीलदार के जरिये उपायुक्त  को एक ज्ञापन सौंपा है. हिन्दू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों के मुताबिक यदि शो रद्द नहीं किया गया, तो वे इसके विरोध में प्रदर्शन करेंगे.

भावना भड़कना और कानून को अपने हाथ में ले लेना यह हमारे देश में अभिव्यक्ति के नाम पर धड़ल्ले से हो रहा है. दरअसल, विहिप में विवेक की कमी है विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों को समझना चाहिए कि जितना अधिकार आपके पास है उतना ही अधिकार सामने वाले शख्स कुणाल कामरा के पास भी है.

TMKOC: सचिन श्राफ बनेंगे नये ‘तारक मेहता’! पढ़ें खबर

टीवी का पॉपुलर शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ घर-घर में कॉफी मशहूर है. शो के हर किरदार को दर्शक कॉफी पसंद करते हैं. खबरों के अनुसार, शो में नये तारक मेहता की एंट्री हो गई है. बताया जा रहा है कि शैलेश लोढ़ा की जगह एक्टर सचिन श्रॉफ ले रहे है.

दरअसल शो में अब शैलेश लोढ़ा नजर नहीं आते. उन्होंने शो को अलविदा कह दिया है. लेटेस्ट अपडेट की मानें तो उन्हें एक्टर सचिन श्रॉफ ने रिप्लेस कर दिया है.

 

आपको बता दें कि शैलेश लोढ़ा तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में शुरूआत से ही जुड़े थे. एक रिपोर्ट के अनुसार, शैलेश की जगह एक्टर सचिन श्रॉफ ने ले ली है. रिपोर्ट्स की मानें तो एक्टर ने शूटिंग शुरू कर दी है. हालांकि इस बार में एक्टर ने कुछ नहीं कहा है.

 

हाल ही में सचिन श्रॉफ ‘गुम है किसी के प्यार में’ नजर आए थे, जिसमें उन्होंने राजीव का रोल निभाया था. हालांकि उन्होंने शो क्विट कर दिया है. तारक मेहता का उल्टा चश्मा में शैलेश लोढ़ा के जाने के बाद प्रोड्यूसर असित कुमार मोदी ने एक वीडियो में बड़ी बात कही थी. उन्होंने कहा था, मैं फिर भी उनको कहता हूं कि भई सोचिए-समझिए. लेकिन अगर नहीं आएंगे तो जरुर, शो रुकेगा नहीं. नए तारक मेहता जरूर आ जाएंगे.

 

अनुज-अनुपमा में हुई लड़ाई! देखें Video

अनुपमा स्टार रुपाली गांगुली, सुधांशु पांडे  और गौरव खन्ना इन दिनों रविवार विद स्टार परिवार में जमकर मस्ती कर रहे हैं. इस शो से जुड़ी वीडियो आए दिन वायरल होती रहती है. सेट पर अनुपमा की टीम अन्य सितारों के साथ खूब मस्ती करती है.अनुज-अनुपमा का एक वीडियो सामने आया है,जिसमें अनुपमा अनुज को फटकार लगाती हुई नजर आ रही है. आइए बताते है, क्या है पूरा मामला…

अनुज और अनुपमा की ये वीडियो तेजी से वायरल हो रही है. इस वीडियो में रुपाली गांगुली अनुपमा बनकर अनुज की क्लास लगाती नजर आ रही हैं. इस वीडियो में अनुपमा शिकायत कर रही है कि अनुज उसे छोड़कर बाकी सभी हसीनाओं के साथ रोमांस करने का मौका तलाशता रहता है. अनुपमा की शिकायत सुनकर अनुज शरम के मारे लाल हो गया है.

 

शो में इन दिनों तोषू का मैरिटल अफेयर दिखाया जा रहा है, जिससे शाह परिवार में तूफान आने वाला है. किंजल की डिलीवरी के दौरान तोषू किसी दूसरी लड़की के साथ होटल रूम में पकड़ा गया और अब राखी दवे के बाद जल्द ही अनुपमा को भी इस बारे में पता चलने वाला है.

 

खबरों के अनुसार, Anupamaa में जल्द ही एक और नई एंट्री होने वाली है. ये एंट्री होगी तोषू की गर्लफ्रेंड की. जिसमें अनुपमा को तोषू की घटिया हरकत के बारे में पता चलेगा और वह उसे एक जोरदार थप्पड़ मारेगी.

 

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खबरों के अनुसार शिवांगी जोशी तोषु के गर्लफ्रेंड का किरदार निभाएंगी. शो में ये भी दिखाया जाएगा कि तोषु की गर्लफ्रेंड उसे मैसेज भेजेगी और वो मैसेज अनुपमा सुन लेगी. उसके बाद अनुपमा तोषु की अक्ल ठिकाने लगाएगी.

 

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इसी बीच सोशल मीडिया पर फैंस कुछ तस्वीरें भी शेयर कर रहे हैं जिनमें तोषू को एक्ट्रेस शिवांगी जोशी के साथ देखा जा सकता है. हालांकि ये फोटोज एडिट की हुई हैं. अब तो शो में ही पता चलेगा कि तोषु की गर्लफ्रेंड का किरदार में शिवांगी जोशी नजर आती हैं या नहीं?

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