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शाह फैमली की वजह से अनुपमा और अनुज में आएगी दूरियां, क्या टूट जाएगा रिश्ता?

अऩुपमा सीरियल इन दिनों लगातार टीआरपी लिस्ट में बना हुआ है, इसके साथ ही यह सीरियल सोशल मीडिया पर भी खूब धमाल मचा रहा है. आए दिन इस सीरियल में कोई न कोई नया ड्रामा देखने को मिलते रहता है.

सीरियल की कहानी इन दिनाों पाखी और अधिक की कहानी पर टिका हुआ है, पिछले एपिसोड में आपने देखा की कैसे पाखी नाराज होकर चौराहें पर लेटी रहती हैऔर उसे मनाने के लिए अनुपमा भी वहां जाकर लेट जाती है. पाखी को वह खूब समझाती है पाखी उसकी बातों को मान लेती है और अधिक के घरवालों से अधिक से मांफी मांगती है.

 

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अधिक पाखी को एक मौका दे देता है , वह कहता है कि यह आखिरी मौका है जब हम तुम्हारी बातों पर विश्वास कर रहे हैं. जिसके  बाद से अनुपमा भी अधिक के घरवालों से मांफी मांगती हैं. वहीं दूसरी तरफ अनु अनुपमा को याद करके रो रही होती है कि मेरी मां कहा है.

ऐसे में अनुज तो वहां पहुंच जाता है लेकिन अनुपमा नहीं पहुंचती है जिसके बाद से अनु ये कहकर रोने लगती है कि क्या अनुपमा उसकी मां नहीं है प्लीज सच बताओ जिसके बाद से अनुज अनुपमा को समझाने की कोशिश करता है कि शाह परिवार की वजह से अपना रिश्ता खराब मत करो.

वहीं आने वाले एपिसोड में दिखाया जाएगा कि अनुपमा और अनुज में शाह परिवार की वजह से अनबन हो जाएगी.

शुगरकेन प्लांटर: गन्ना बोआई में कृषि यंत्र का प्रयोग

गन्ने की खेती लंबे अरसे तक चलने वाली फसल है. एक बार गन्ने की बोआई कर दी, तो 2-3 साल तक आप उस से उपज ले सकते हैं. लेकिन गन्ने की बोआई व कटाई दोनों ही ऐसे काम हैं, जिन में दूसरी फसलों से अधिक मेहनत लगती है. ये दोनों काम अगर पारंपरिक तरीके से किए जाते हैं, तो खासी मेहनत के साथसाथ ज्यादा मजदूरों की भी जरूरत पड़ती है, जो एक अलग समस्या है. इन कामों को करने में अगर कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किया जाए, तो आसानी के साथसाथ समय की बचत हो जाती है. यहां हम गन्ना बोआई यंत्र, जिसे शुगरकेन प्लांटर भी कहा जाता है, के बारे में जानकारी दे रहे हैं. शुगरकेन प्लांटर गन्ना बोने का एक ऐसा यंत्र है,

जो गन्ने की बोआई उचित दूरी व उचित गहराई पर करता है. इस शुगरकेन प्लांटर को ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर चलाया जाता है. इस यंत्र से बोआई करने पर गन्ने के साथ अन्य फसलें भी ले सकते हैं. इस तरह की फसलों को गन्नों की लाइनों के बीच में लगाया जाता है. गन्ना लंबी अवधि की फसल होती है, इसलिए इस से बीच में गन्ने के साथ लहसुन, प्याज, धनिया, गोभी, बंदगोभी जैसी फसलें भी ली जा सकती हैं. गन्ना रोपाई यंत्र को छोटे कृषि यंत्र निर्माता से ले कर बड़े कृषि यंत्र निर्माता बनाते हैं, जिस की कीमत उस की कूवत के अनुसार होती है. यह यंत्र एक लाइन से ले कर कई लाइनों में गन्ने की बोआई करता है. जितनी ज्यादा लाइन में बोआई करने वाला यंत्र होगा, तो उस की कीमत भी ज्यादा होगी.

सरकार द्वारा भी इस कृषि यंत्र पर सब्सिडी दी जाती है, जो राज्य सरकारों पर निर्भर करती है. इस की जानकारी आप नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि अधिकारी या कृषि विभाग की वैबसाइट या पोर्टल से भी ले सकते हैं. खालसा शुगरकेन प्लांटर गन्ने बोने के इस यंत्र से एक से ले कर 3 लाइनों तक में गन्ने की बोआई की जा सकती है. यंत्र पर लोगों के बैठने के लिए सीट लगी होती है, जिस पर बैठ कर गन्ने के टुकड़े करने वाली कटाई यूनिट से एकएक कर के गन्ना डालते जाते हैं. वहां गन्ना टुकड़ों में कट कर तय दूरी पर कूंड़ में गिरता जाता है. साथ ही, उर्वरक भी गिरता जाता है और गन्ने की बोआई हो जाती है. इस यंत्र में 500 किलोग्राम गन्ना व तकरीबन 100 किलोग्राम तक उर्वरक भरा जा सकता है. यंत्र से गन्ना बोआई करने पर निराईगुड़ाई में तो मदद मिलती ही है, पैदावार भी अच्छी मिलती है.

मोगा आटोमैटिक शुगरकेन प्लांटर यह 2 लाइनों में गन्ने की बोआई करता है. 2 लाइनों के बीच की दूरी 2.5 फुट से 4 फुट तक के लिए इस के फैरो को एडजस्ट किया जा सकता है. यह एक दिन में लगभग 8 से 9 घंटे में 30 बीघा खेत में गन्ना बोआई कर सकता है. जॉनडीयर शुगरकेन प्लांटर एक व 2 लाइनों में गन्ना बोआई करने वाले इस यंत्र में एक दिन में तकरीबन 10 एकड़ तक गन्ने की बोआई की जा सकती है. इस यंत्र में गन्ना भरने वाले बास्केट की क्षमता 800 से 1,000 किलोग्राम तक है. उर्वरक भरने के टैंक की क्षमता 50 किलोग्राम है. गन्ने की बोआई के लिए इस के फैरो को अपने हिसाब से ऊपरनीचे किया जा सकता है.

वे 20 दिन : क्या राजेश से शादी करना चाहती थी रश्मि?

लेखक- किशोर 

विंटर स्पेशल: सर्दी में आर्थराइटिस के दर्द से कैसे बचें

सर्दी बढ़ने के साथ ही जोड़ों में तकलीफ तथा आर्थराइटिस के मरीजों की समस्याएं भी सामने आने लगी हैं. अकसर सर्दी के दिनों में ऐसे लोगों की स्थिति बहुत खराब हो जाती है. दर्द और तकलीफ बढ़ जाती है. इस मौसम में जोड़ों के टिश्यू सूज जाते हैं, इस से दर्द नियंत्रित करने वाली नसों पर दबाव पड़ता है.

आर्थराइटिस के शिकार लोगों के लिए सर्दी में जोड़ों और हड्डियों की बीमारी से निबटने में निम्न उपाय सहायक होंगे.

– सर्दी के मौसम में आर्थराइटिस की समस्याओं को दूर रखने के लिए सब से महत्त्वपूर्ण है गरम रहना. ठंडक में हड्डियों को साइलैंट नुकसान होता रहता है. इसलिए दर्द से बचने के लिए कपड़े पहन कर गरम रहना सब से आसान काम है.

–       जोड़ों के दर्द को दूर रखने के लिए विटामिन डी एक आवश्यक तत्त्व है. इस के लिए ज्यादा से ज्यादा धूप में रहना आवश्यक है. धूप में रहने से न सिर्फ शरीर गरम होता है बल्कि विटामिन डी भी मिलता है जिस की आवश्यकता शरीर को होती है. आप चाहें तो विटामिन डी के सप्लीमैंट भी ले सकते हैं.

–  जाड़े में अकसर लोग हाइड्रेटेड रहना भूल जाते हैं और शरीर में पानी का स्तर कम होने से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं होती हैं, खास कर, शरीर में दर्द होने लगता है. ढेर सारा पानी पीने से शरीर सक्रिय रहता है और दर्द के प्रति कम संवेदनशील होता है.

–       जाड़े के मौसम में घर में घुसे रहने से मोटापा भी बढ़ता है. घर में ज्यादा रहने के साथ स्वादिष्ठ भोजन ज्यादा खाया जाता है और इस से मोटापा बढ़ता है. वजन ज्यादा होना घुटने और पैरों के लिए भी समस्या पैदा करता है.

– वैसे तो ठंड में व्यायाम और काम करना ही चुनौती है पर यह महत्त्वपूर्ण है कि सक्रिय रहा जाए. इसलिए, थोड़ा व्यायाम आवश्यक है. अगर शरीर स्थिर रहता है तो स्वास्थ्य की समस्याएं बढ़ जाती हैं.

–  आर्थराइटिस के शिकार लोगों के लिए गरम पानी से स्नान करना बहुत उपयोगी हो सकता है. गरम पानी में तैरना या स्टीम बाथ शरीर के लिए बहुत लाभप्रद है.

–       फिश औयल में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है. यह हड्डियों की समस्या वाले लोगों के लिए बहुत उपयोगी होता है. इस से सूजन का स्तर कम हो जाता है. हालांकि, यह महत्त्वपूर्ण है कि फिश औयल सप्लीमैंट डाक्टर की सलाह से लिए जाएं.

–  शरीर की अच्छी तरह मालिश कराने से जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द कम करने में सहायता मिलती है.

(लेखक दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में जौइंट रिप्लेसमैंट ऐंड स्पाइन विभाग में सीनियर कंसल्टैंट हैं)

टारगेट पर जनता

1970 के जमाने में अगर युवाओं के कोई आदर्श थे तो ‘द बीटल्स’ के सिंगर्स थे, जिन चारों ने सारी दुनिया में धूम मचा दी थी और अपने संगीत से करोड़ों का दिल जीत लिया था. हर तरह की सैलिब्रिटीज को पीछे छोड़ते हुए द बीटल्स बैंड पूरी तरह म्यूजिक इंडस्ट्री पर छाया हुआ था. हालांकि, इस इन सिंगरों में बाद में इन में मतभेद हो गया और बैंड टूट गया लेकिन हरेक सिंगर सैलिब्रिटी बना रहा.

इन में से एक जौन लैनोन की 1980 में मैनहट्टन, न्यूयौर्क के अपने घर से निकलते हुए एक प्रशंसक से ईर्ष्यालु बने मार्क डेविड चैपमैन ने बिना किसी कारण गोलियां मार कर उन की हत्या कर दी.
यह हिंसा पागलपन थी पर इस की जिम्मेदारी किस पर है. 67 साल का हो चुका मार्क आज भी जेल में बंद है और खुद को छोड़े जाने की बारबार दुहाई कर रहा है पर पुलिस को लगता है कि उसे जेल में रखना ही ठीक है. इस हत्या की जिम्मेदारी उस के पागलपन की नहीं, बल्कि हत्या को मानव स्वभाव का हिस्सा मनवाने में धर्मसत्ता और राजसत्ता की है.

निरर्थक हत्याएं केवल धर्म और राजा के लिए की गई हैं. धर्म चाहे छोटे हों, राजा भी छोटे हों, अगर ये हत्याओं को बढ़ावा देते हैं तो इसलिए कि इस के बहाने ये अपने लोगों पर राज कर सकते हैं. एक दानदक्षिणा पाता है तो दूसरा टैक्स का पैसा और गुलाम. दोनों को यौनसुख के लिए मुफ्त, अपने लोगों की ज्यादा, हिंसा के शिकारों की कम, औरतें भी मिलती हैं. हर धर्मस्थल और हर राजा के महल में औरतों का जमावड़ा रहता है जो अपने गुरुओं या राजा के साथ सोने को मजबूर रहती हैं.

युद्ध मानव स्वभाव का हिस्सा नहीं है. यह थोपी हुई आदत है. धर्मसत्ता और राजसत्ता ने हिंसा का उपयोग कर के अपनी जड़ें मजबूत की हैं और हर युग में लाखों ने अपनी जान केवल उन्हीं के लिए दी है. भारत में रामायण और महाभारत की कहानियां सब से ज्यादा प्रसिद्ध हैं और 2 प्रमुख ‘देवता’ राम और कृष्ण इन्हीं की देन हैं. इन दोनों ने लड़ाई को ध्येय माना और इन दोनों की वजह से युद्ध हुए जिन में, कहानियों के अनुसार, लाखों मारे गए पर बाद में कुछ नहीं मिला.

जिस सीता के लिए राम ने रावण से युद्ध किया उसे घरनिकाला दे दिया, जिस राज के लिए कृष्ण के कहने पर अर्जुन की अगुआई में कुरुक्षेत्र में अपने बंधुबांधवों से लड़ाई हुई, उस में रहने लायक ही कोई नहीं बचा और जीते हुए जने, दोनों कहानियों में, दुखी मौत मरे.युद्ध के चलते हिटलर की मौत हुई. माओ ने अपनों पर युद्ध किया पर अंत में बेचारा रहा. इसलाम के नाम पर ओसामा बिन लादेन ने यूरोप, अमेरिका के खिलाफ युद्ध छेड़ा पर बेदर्दी से मारा गया. युद्ध और हिंसा का फायदा उसे कुछ साल हुआ पर आम जनता की, अपनी जनता की कीमत पर जिसे अपने बेटे, भाई, पति गंवाने पड़े और युद्धों के कारण घरों को छोडऩा पड़ा. आज यूक्रेन में यह हो रहा है और अब रूस में जबरन सैनिक भरती के नाम पर आम जनता देश छोड़ कर भागने की फिराक में है.

भारत 1947 के बाद से ही युद्ध के भंवर में फंसा है. पहले पाकिस्तान और चीन ही थे, अब अपनों से लड़ाई का माहौल खड़ा कर दिया गया है. देश का सुरक्षा बल अपनों के खिलाफ ईडी, सीबीआई, एनआईए के नाम पर लगाया जा रहा है. क्यों, ताकि धर्मसत्ता बचाई जा सके, राजसत्ता बचाई जा सके. क्या युद्ध व लडऩा मानव स्वभाव है. हम देख रहे हैं कि हर रोज मंचों पर लडऩे को उकसाया जा रहा है. हारी लड़ाई के प्रतीक सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति को दिल्ली में प्रमुख स्थान दिया गया है.

देश में हर समय दुश्मनों को ढूंढने की आदत बन गई है. पूरे देश को मार्क डेविड चैपमैन की तरह जेल में बंद करने की कोशिश है जिस ने बिना कारण म्यूजिक आइकन जौन लैनोन की हत्या की. मार्क को जनूनी उन्हीं हथियारों ने बनाया था जो दुश्मनों को मारने के लिए बने थे. आज हर धार्मिक नेता और राजनेता उन्हीं हथियारों से लैस सुरक्षाकर्मियों के घेरे में चलता है. यह दर्शाता है कि हिंसा तो मानव स्वभाव है.
पौराणिक काल में भी कीमत आम जनता ने दी, 2 बड़े विश्व युद्धों में भी आम जनता ने दी और आज भी धर्म और राज सत्ताओं को बचाने के लिए कीमत जनता ने दी जिस में जौन लैनोन भी शामिल हैं.

YRKKH: क्या टूट जाएगा आरोही-नील का रिश्ता, एक झूठ बनेगा वजह

सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है,लंबे समय से लोगों के दिलों पर राज कर रहा है, इस सीरियल में आए दिन नए-नए ट्विस्ट आते रहते हैं. फैंस इन दिनों हर्षद चोपड़ा और प्रणाली ठाकुर के रिश्ते में अप डाउन को पसंद कर रहे हैं.

शो की कहानी इन दिनों आरोही की प्रेग्नेंसी की तरफ घूम रही है, अक्षरा इन दिनों प्रेग्नेंट हैं और सभी घरवालें इस खबर से काफी ज्यादा खुश हैं, लेकिन इसी बीच आरोही की सच्चाई भी घरवालों के सामने आ जाएगी की वह झूठ बोली हैं कि वह प्रेग्नेंट हैं.

जैसे ही नील को पता चलेगा कि वह उससे सारी बातें झूठ बोल रही है तो वह आरोही से नाराज होकर सारे रिश्ते तोड़ देगा.

दरअसल, इस सीरियल में इसके बाद भी कई सारे ट्विस्ट आने वाले हैं, जिसे जानकर घरवालों का दिमाग खराब हो जाएगा. लेकिन नील अपने आप को आरोही को हमसफर चुनने को दोषी मानता है, वह सभी घरवालों से यह बात छुपाने की कोशिश करता है कि उन्हें किसी बात का पता न चलें.

अक्षरा अभिमन्यु भी इस बारे में किसी को नहीं बताते हैं कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं. खबर है कि इस सीरियल में आगे ट्विस्ट आएगा कि आरोही झूठ बोलते बोलते सच में प्रेग्नेंट हो जाएगी.जिसके बाद से इस सीरियल कहानी आरोही पर आकर रूक जाएगी.

अनुपमा : पाखी को एक मौका देगा अधिक, अनुपमा से परेशान होगा अनुज

रूपाली गांगुली और गौरव खन्ना को लोग खूब पसंद करते हैं, सीरियल अनुपमा में इन दिनों लगातार नए-नए ट्विस्ट आ रहे हैं, जिससे दर्शकों का उत्साह और ज्यादा बढ़ते नजर आ रहा है.

इन दिनों शो की कहानी बेटी पाखी और अधिक के आस पास ही हैं, जहां पाखी के गलत व्यवहार के कारण अधिक ने उसे छोड़ने का फैसला कर लिया है तो वहीं वनराज उसे अपने घर में रखना नहीं चाहता है. बीते दिन ही दिखाया गया कि पाखी के लाख कोशिश के बाद से अधिक उसे छोड़कर चला जाता है.

दूसरे तरफ आगे दिखाया जाएगा कि वनराज पाखी का साथ देने से मना कर देगा ऐसे में पाखी घऱ छोड़कर चली जाएगी.

 

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वहीं जब अनुपमा और अनुज उसे ढूंढने जाते हैं तो वह बदहास तरीके से सड़क पर गिरी हुई मिलती है, अनुपमा तुरंत उसके पास जाकर लेट जाती है और उसे समझाती है. उसे समझाती है कि उसे जिंदगी में जीने का कुछ मकसद होना चाहिए.

जिसके बाद से अधिक के पूरे परिवार से वह मांफी मांगती हैं, वह अधिक से पूछती है कि क्या वह उसे आखिरी मौका देगा. इस पर अधिक भी उसे आखिरी मौका देने के लिए तैयार हो जाता है,रूपाली गांगुली के एंटरटेनमेंट का डोज यहीं खत्म नहीं होता है.

अनुज, अनुपमा और अनु के लिए कुछ वक्त मांगेगा, वह कहेगा कि मैं चाहता हूं कि मेरी बेटी भी अनुपमा की तरह बनें.अब देखते हैं कि आने वाले एपिसोड में अधिक औऱ पाखी का रिश्ता ठीक हो पाता है या नहीं.

धर्म, धर्मांतरण और कानून

देश में धर्म और धर्मांतरण को कुछ इस तरह सख्त बनाया जाने की प्रक्रिया जारी है. जिससे आने वाले समय में पहले, जिस सहजता से धर्मांतरण हो जाते थे, कोई भी नागरिक आसानी से अपना धर्म परिवर्तन कर लेता था अब ऐसा संभव नहीं हो पाएगा. इस पर सीधे-सीधे राज्य का हस्तक्षेप होगा. इसका एक मूल कारण है, वह है भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा को पोषित करने वाली राज्यों की सरकार.

आमतौर पर धर्म छोड़ने या किसी अन्य धर्म में आस्था का एक बड़ा कारण धार्मिक प्रताड़ना अथवा विवाह हुआ करता था. देश में अनेक बड़े चर्चित लोगों ने अन्य धर्म के महिला अथवा पुरुष मित्र के विवाह को लेकर धर्मांतरण किया है. जिसमें आज सबसे बड़ा उदाहरण है भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी और उनके पति धर्मेंद्र.

दरअसल, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्यों में हाल के दिनों में इसी तरह के विधेयक पारित किए गए हैं . हरियाणा भी इस दिशा में आगे बढ़ गया है और शीघ्र ही इस संदर्भ में एक सख्त कानून खट्टर सरकार ला रही है. अब अधिसूचित नियमों के अनुसार, कोई भी शख्स जो दूसरे धर्म में परिवर्तित होना चाहता है, उसे इस तरह के परिवर्तन से पहले, जिले के जिला मजिस्ट्रेट को फार्म ‘ए’ में एक घोषणा पत्र देना होगा, जिसमें वह स्थायी रूप से रह रहा है. इसके मुताबिक, यदि धर्मातरण का इरादा रखने वाला व्यक्ति नाबालिग है, तो माता-पिता या दोनों में से जो भी जीवित हो, को फार्म ‘बी’ बयानी, में एक घोषणा-पत्र देना होगा. नियम बनाए गए हैं- ‘कोई भी धार्मिक पुजारी और / या कोई भी व्यक्ति जो अधिनियम के तहत धर्मांतरण का आयोजन करना चाहता है, उसे उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को फार्म सी में पूर्व सूचना देनी होगी, जहां इस तरह के धर्मांतरण का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है.’
———————————- धर्मांतरण के नियमों में बदलाव
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दरअसल, दुनिया भर में यह माना जाता रहा है कि धार्मिक आस्था का विषय व्यक्ति का अपना निजी है. कोई व्यक्ति किस धर्म में आस्था रखता है अथवा आगे धारण करना चाहता है व्यक्ति पर उसका निजी अधिकार है. परिणाम स्वरूप कोई भी बालिग व्यक्ति कभी भी किसी भी सोच के तहत धर्म परिवर्तन कर सकता था मगर अब इसी एजेंडे के तहत कठोर नियमों में बांधा जा रहा है. अब जो नियम बनाए जा रहे हैं उनके अनुसार – जिलाधिकारियों को एक सार्वजनिक नोटिस धर्मांतरण के कारण, कितने समय से वे उस धर्म में है प्रकाशित करना होगा और इच्छित धर्मांतरण के का पालन कर रहे हैं जिसे वह छोड़ने का लिए लिखित में आपत्तियां, यदि कोई हो, फैसला कर रहे हैं, आमंत्रित करनी होंगी. इस तरह के नोटिस जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में ऐसे व्यक्ति द्वारा यदि जिला मजिस्ट्रेट को पता चलता है कि कहा गया है कि जिला घोषणा पत्र दिए जाने जो सोच-समझ कर बल के उपयोग, धमकी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी धोखाधड़ी के माध्यम से या शादी से या शादी के उद्देश्य से दूसरे धर्म में परिवर्तित
के बाद लगाए जाएंगे बल या प्रलोभन का उपयोग किया गया है या मजिस्ट्रेट इस तरह के उसकी आशंका है तो वह जांच के दौरान धर्मांतरण के लिए लिखित ‘बिना किसी गलत प्रस्तुत सभी सामग्री के साथ मामले को दर्ज आपत्तियों की प्राप्ति पर… करने और इसकी जांच के लिए संबंधित पुलिस थाने को संदर्भित कर सकता है.

घोषणा-पत्र देते समय ऐसे व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति के हैं, अथवा अन्य, व्यवसाय और मासिक आय जैसे विवरण निर्दिष्ट करने होंगे. नियमों में ऐसे अधिकारी या एजंसी द्वारा मामले की जांच- पड़ताल करवाएगा, जिसे वह उचित समझे सत्यापन के बाद, यदि जिला मजिस्ट्रेट को पता चलता है कि बल या प्रलोभन का उपयोग किया गया है या उसकी आशंका है तो वह जांच के दौरान प्रस्तुत सभी सामग्री के साथ मामले को दर्ज करने और इसकी जांच के लिए पुलिस थाने को संदर्भित कर सकता है. नियम कहते हैं कि जिला मजिस्ट्रेट, अगर इस बात से संतुष्ट हैं कि धर्मांतरण मर्जी से किया गया है और बिना किसी गलत बयानी के, बल प्रयोग, धमकी, अनुचित प्रभाव जबरदस्ती प्रलोभन या किसी धोखाधड़ी के माध्यम से या शादी या शादी के लिए किया गया है, तो इस आशय का एक प्रमाण पत्र जारी करेगा.

जिलाधिकारी के आदेश पारित करने के बाद यदि किसी को आपत्ति है तो वह 30 दिनों के अंदर मंडलायुक्त से अपील कर सकता है. धर्मांतरण रोधी कानून के तहत, धर्मांतरण को गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, विवाह या किसी अन्य धोखाधड़ी के माध्यम से धर्मांतरण कराने के उद्देश्य से नहीं किया गया था, इसका साक्ष्य उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी आरोपी पर है. कुल मिलाकर के भाजपा शासित राज्यों में नियम कायदे धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर कुछ इस तरह बन रहे हैं कि राज्य अब धर्मांतरण मसले पर पक्षकार बन रहा है और कोई भी व्यक्ति अगर धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो राज्य सरकार को संतुष्ट किए बिना नहीं कर सकता.

ठेकेदार की आशिकी और अदावत

उत्तर बिहार के पूर्वी चंपारण में राजनीतिक रसूख रखने वाले ठेकेदार जयप्रकाश साह की दिनदहाड़े हुई हत्या से पुलिस के भी होश उड़ गए. पुलिस ने जब गहराई से मामले की जांच की तो हत्या के पीछे कारोबारी रंजिश और राजद नेत्री निराली ठाकुर उर्फ पल्लवी से आशिकी की ऐसी कहानी सामने आई कि..

पूर्वी चंपारण में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 27 के फोरलेन चकिया फ्लाईओवर के ठीक नीचे न्यू बाइपास चौक पर बिरयानी हाउस है. बात 16 मई, 2022 के शाम की है. अंधेरा होने वाला था.

तभी वहां एक एसयूवी आ कर रुकी. उस में बैठे खानेपीने के शौकीन ठेकेदार जयप्रकाश साह ने ड्राइवर राधेश्याम से कहा, ‘‘अरे यादव, जोरों की भूख लगी है. जा कर मटन बिरयानी ले कर आ तो!’’

‘‘जी मालिक, अभी लाता हूं.’’ कहता हुआ उन का ड्राइवर राधेश्याम यादव सीट बेल्ट खोलने लगा.

‘‘और हां, मटन का अच्छाअच्छा पीस डलवाना. बोलना, ठेकेदार साहब का है. मेरा नाम बताना या सिर्फ वहीं से गाड़ी दिखा देना. अपने लिए भी ले लेना.’’ जयप्रकाश ने कहा.

‘‘मैं नहीं खाऊंगा, आज मेरा सोमवार का व्रत है,’’ ड्राइवर बोला.

‘‘अरे शाम तो हो गई, कुछ मीठा खा कर उपवास तोड़ लो. …और हां, पानी की बोतल अपने लिए खीर और एक कोक ले ले लेना.’’

‘‘ठीक है मालिक,’’ कहता हुआ यादव बिरयानी हाउस में और्डर दे आया.

कुछ देर बाद ही गाड़ी में बिरयानी सर्व कर दी गई. यादव की कोक के साथ खीर भी आ गई.

जयप्रकाश ने बिरयानी के अभी 2-3 निवाले ही लिए थे कि तेजी से आए बाइक पर सवार 2 लोगों ने उन की गाड़ी पर दनादन गोलियां दागनी शुरू कर दीं.

जयप्रकाश की चीख निकली, ‘‘अरे यादव, गाड़ी स्टार्ट कर रे. चल भाग, ये साले शूटर हमें शूट करने आए हैं.’’

राधेश्याम ने तुरंत गाड़ी स्टार्ट कर पीछे नजर घुमाई. देखा जयप्रकाश गोली से जख्मी हो कर एक ओर लुढ़क गया. बिरयानी वहीं फैल गई थी. प्लेट के कई टुकड़े हो गए थे. गोलियों की बौछार हुई थी. संभवत: एक गोली प्लेट पर भी लगी हो. गाड़ी की एक साइड का शीशा भी चकनाचूर हो चुका था. आगे का शीशा चटख गया था.

इसी बीच एक गोली आगे के शीशे को भेदती हुई ड्राइवर की बांह को छू कर निकल गई थी. 2 गोलियां उसी तरह से फिर आईं. वह टकराती हुई उस के पैर में जा लगीं.

उस ने गरदन से होता हुआ अपनी बांह पर हाथ फेरा. हाथ पर खून लग गया. उस पर ज्यादा ध्यान दिए बगैर अपने मालिक को बचाने के लिए उस ने गाड़ी स्पीड में मोतिहारी की ओर दौड़ा दी. एक्सीलेटर पर पैर रखने में दर्द हो रहा था. वह समझ गया, गोली लगने से ऐसा हो रहा होगा. लेकिन हिम्मत कर गाड़ी को तेजी से भगाता रहा.

तब तक बाइक सवार शूटर भी फरार हो चुके थे. अपने जख्मों को भुला कर राधेश्याम  ने कुछ मिनटों में ही मोतिहारी के रास्ते एक प्राइवेट अस्पताल में गाड़ी पहुंचा दी थी. वहां के डाक्टर ने जयप्रकाश साह को मृत घोषित कर दिया.

डाक्टर ने बताया कि उसे 6 गोलियां लगी हैं, जिस में एक के सिर पर लगने से तुरंत मौत हो गई. बाकी गोलियां पेट और गरदन में लगी थीं. यादव को एक गोली हाथ 2 पैर में लगी थीं, जो गहरा घाव करती हुई निकल गई थीं.

जयप्रकाश साह उत्तर बिहार का बहुचर्चित ठेकेदार था, लेकिन उस की दबंगई और राजनीतिक पहुंच के चलते पूर्वी चंपारण में चकिया थाना क्षेत्र से ले कर बिहार की राजधानी पटना तक में तूती बोलती थी.

उस की मौत की खबर तेजी से फैल गई. अस्पताल से पुलिस को खबर मिल गई. जबकि ड्राइवर ने सब से पहले उन की पत्नी को शूटरों के हमले और उन की मौत की खबर दी.

थाने से खबर निकलती हुई एक घंटे के भीतर ही सोशल मीडिया, इलैक्ट्रौनिक मीडिया की सुर्खियां बन गईं. पूरे चंपारण में एक घंटे के भीतर यह खबर फैल गई. उस के साथ ठेकेदार जयप्रकाश साह और राजद नेत्री निराली ठाकुर उर्फ पल्लवी की आशिकी और प्रेम संबंध के किस्से सुनेसुनाए जाने लगे.

पत्नी ने लिखाई नामजद रिपोर्ट

पत्नी श्वेता देवी पति की मौत पर दहाड़ें मार कर रो रही थीं. पुलिस ने उन्हें ढांढस बंधाते हुए हत्यारों को सजा दिलवाने का आश्वासन दिया. घटना की रात ही श्वेता देवी ने अवनीश कुमार सिंह, निराली ठाकुर उर्फ पल्लवी, पति के प्रतिद्वंद्वी ठेकेदार राजीव सिंह, सुभाष सिंह, मणि सिंह और बाबू खान के खिलाफ चकिया थाने में प्राथमिकी दर्ज करवा दी.

प्राथमिकी में श्वेता ने उन पर सीधेसीधे हत्याकांड में साजिश रचने का आरोप लगाते हुए इस के पीछे की कई वजहों का भी जिक्र किया.

दर्ज शिकायत के अनुसार ठेकेदार राजीव सिंह का चकिया टोल प्लाजा से पूरब एक हौट मिक्स प्लांट है. जयप्रकाश साह और राजीव सिंह ग्रामीण कार्य विभाग में ठेकेदारी करते थे. दोनों प्रतिद्वंद्वी थे. राजीव सिंह को लगता था कि जयप्रकाश साह उस के दुश्मनों से मिल कर टेंडर मैनेज कर लेता है.

एक घटना के अनुसार छतौनी के मठिया जिरात निवासी मणि सिंह और सुभाष सिंह ने 2 साल पहले जयप्रकाश साह के लिए साढ़े 5 करोड़ के ठेके का टेंडर मैनेज करवाया था. कमीशन के तौर पर उन्होंने साढ़े 5 लाख रुपए की मांग की थी. जयप्रकाश साह डेढ़ लाख रुपए दे चुका था. बाकी के पैसे के लिए उसे उन से धमकी मिल रही थी.

एक अन्य मामले में शहर में 7 कट्ठा जमीन पर कब्जे को ले कर बाबू खान से जयप्रकाश साह की दुश्मनी थी. बाबू खान ने इस मामले में राजीव सिंह, सुभाष सिंह और मणि सिंह के साथ मिल कर काम किया था. इसी मामले में अवनीश कुमार सिंह और उस की पत्नी निराली ठाकुर का नाम भी शामिल था. वह पूर्वी चंपारण के बरियारपुर में रहती थी.

रिपोर्ट के अनुसार अवनीश सिंह को अपनी पत्नी निराली ठाकुर के साथ जयप्रकाश साह के प्रेम संबंध होने का संदेह था.

दरअसल, निराली ठाकुर अपने पहले दिवंगत पति के ससुराल सरोत्तर की जमीन बेचने के सिलसिले में जयप्रकाश साह से कई बार मिल चुकी थी. उस के घर भी जाना हुआ था.

श्वेता देवी ने बताया कि अंतिम सांस लेने से पहले जयप्रकाश ने ड्राइवर राधेश्याम से घटना के दिन के ट्रैवलिंग प्रोग्राम को निराली और अवनीश द्वारा लीक करने की बात बताई थी. उन के द्वारा ही इस की जानकारी साजिशकर्ताओं को दी गई थी.

इसी शिकायत को ध्यान में रखते हुए चकिया और सदर डीएसपी ने मिल कर एक  संयुक्त जांच टीम बनाई. टीम की सक्रियता से सभी आरोपियों की घटना के अगले रोज ही गिरफ्तारी हो गई.

उन से गहन पूछताछ के आधार पर जांच टीम ने 48 घंटे में ही हत्याकांड का खुलासा कर दिया. जांच में पुलिस ने पाया कि पूरे मामले की जड़ में जयप्रकाश के प्रतिद्वंद्वी ठेकेदारों से अदावत के अलावा निराली के साथ आशिकी और अवैध संबंध भी हैं.

अपने तीसरे पति अवनीश सिंह के साथ दांपत्य जीवन गुजारने वाली निराली ठाकुर संदिग्ध चरित्र वाली समझी जाती रही है. पुलिस के अनुसार मृतक ठेकेदार जयप्रकाश साह के साथ उस के अवैध संबंध थे, जिस का अवनीश सिंह विरोध करता था.

पुलिस का कहना है कि जयप्रकाश के विरोधियों ने इसी का फायदा उठाया और उस की हत्या करवा दी. इस हत्याकांड में निराली और उस के पति का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

निराली ठाकुर की एक और पहचान राष्ट्रीय जनता दल के सक्रिय सदस्य की भी है. उस ने हाल में ही विधान परिषद चुनाव के वक्त तेजस्वी यादव के सामने राजद की सदस्यता ली थी. उस के बाद से वह विधानसभा 2025 की तैयारी में जुट गई थी, जिस में जयप्रकाश से भी टिकट दिलवाने में मदद की उम्मीद लगाए हुए थी.

निराली ने अपनी राजनीतिक पहचान को मजबूत करने के लिए फेसबुक पर तेजस्वी यादव के साथ अपनी तसवीर लगा ली थी. उस के बाद से वह काफी चर्चा में आ गई  थी. इस कारण भी वह हत्याकांड में संदिग्ध मानी गई.

वैसे उस का पति अवनीश सिंह भी आपराधिक पृष्ठभूमि का माना जाता है. निराली ठाकुर के जयप्रकाश साह के जीवन में आने और फिर उस की हत्या तक की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है.

भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुकी थी निराली ठाकुर

निराली का ठेकेदार जयप्रकाश साह से पहली बार जमीन बेचने के सिलसिले में संपर्क हुआ था. कभी भोजपुरी फिल्म में काम कर चुकी निराली ठाकुर अपना काम निकलवाने के लिए अकसर राजनीतिज्ञ और नौकरशाहों के संपर्क में रहती थी.

वैसे लोगों के साथ वह काफी खुले मनमिजाज की थी. किसी के साथ तुरंत घुलमिल जाना उस के स्वभाव में शामिल था. वैसे उस का व्यक्तिगत जीवन अस्थिरता से भरा हुआ था. उस ने 3 शादियां की थीं.

पहली शादी ठेकेदार जयप्रकाश साह के गांव सरोत्तर में हुई थी. कुछ समय बाद ही पहले पति की मृत्यु हो गई थी, उस के बाद दूसरी शादी अरेराज में हुई. दूसरे पति को निराली का बातव्यवहार और चालचलन पसंद नहीं था. नतीजतन उस ने रिश्ता तोड़ लिया था. उस के बाद निराली की तीसरी चिरैया थाना क्षेत्र के खड़तरी के रहने वाले अवनीश कुमार सिंह के साथ हुई थी. अवनीश सिंह से उस के 2 बच्चे हैं.

फेसबुक पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ वाली तसवीर साझा करने पर उस के प्रशंसकों ने जयप्रकाश साह के साथ संबंध को ले कर भी सवाल खड़े कर दिए थे. उन के मुताबिक जयप्रकाश निराली ठाकुर का आशिक था, उस के साथ काठमांडू टूर पर भी जा चुका था. उसी की बदौलत ही निराली ठाकुर एमएलए बनने का सपना देखने लगी थी.

इस से पहले जयप्रकाश ने निराली को उस की ससुराल (सरोत्तर) की जमीन बेचने में काफी मदद की थी. उस के बाद से पूर्वी चंपारण में जयप्रकाश साह और निराली ठाकुर  एकदूसरे के करीब आ गए थे.

निराली ठाकुर पति अवनीश सिंह की नाराजगी की परवाह किए बगैर जयप्रकाश साह के साथ निकल पड़ती थी. अवनीश सिंह जब विरोध करता तब दोनों मिल कर उसे धमकाते थे.

निराली भले ही अपने तीसरे पति और 2 बच्चों के साथ रहती हो, लेकिन उस के करीबियों की मानें तो जयप्रकाश साह उसे अपनी प्रौपर्टी समझता था. इस में निराली की भी सहमति थी. राजद की सदस्यता दिलाने में भी जयप्रकाश की भूमिका बताई जाती है. पूर्वी चंपारण के बरियारपुर में डीएवी मोड़ के पास निराली ठाकुर की किराना दुकान है. वहां जयप्रकाश साह की गाड़ी अकसर रुकती थी.

यूं निशाने पर आया ठेकेदार जयप्रकाश

पुलिस की जांच के अनुसार जयप्रकाश के साजिशकर्ताओं के निशाने पर आने के पीछे निराली और उस के पति अवनीश की भूमिका महत्त्वपूर्ण थी. हालांकि साजिश 13 मई को ही भागलपुर सेंट्रल जेल और मुजफ्फरपुर में रची गई थी.

भागलपुर जेल में बंद एक कैदी को बीते 13 मई को मोतिहारी कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था. पेशी के बाद लौटते समय वह मुजफ्फरपुर में ठहरा था. उसी दिन मुजफ्फरपुर से जयप्रकाश साह को धमकी मिली थी. इस आधार पर पुलिस टीम ने अनुमान लगाया कि मुजफ्फरपुर के ही शूटरों ने जयप्रकाश को गोली मारी होगी.

बिहार में ठेकेदारी में वर्चस्व को ले कर होने वाला विवाद कोई नई बात नहीं है. इस से जयप्रकाश भी अछूता नहीं था. वह एक गिरोह के रास्ते का रोड़ा बना हुआ था.

एक समय में जयप्रकाश साह खुद जेल में बंद रह कर एक गिरोह के लिए ठेकेदारी का टेंडर मैनेज किया करता था. उस की यही भूमिका उस के प्रतिद्वंद्वी गिरोह के अपराधियों को नागवार गुजरी थी. इस तरह जयप्रकाश के विरोधियों की संख्या बढ़ गई थी.

जबकि सच्चाई यह भी थी कि जयप्रकाश इन सब से बेखबर रहता था. यही उस की भूल बन गई थी. घटना के दिन वह पूर्वी चंपारण से राजधानी पटना के लिए रवाना हुआ था. मोतिहारी के मुहाने पर बरियारपुर में निराली ठाकुर की किराना की दुकान पर जयप्रकाश साह की गाड़ी रुकी थी.

दुकान पर उस वक्त निराली का पति अवनीश सिंह था. उस ने जयप्रकाश को लस्सी पिलाई. बातोंबातों में जयप्रकाश ने बता दिया कि वह पटना जा रहा है और रास्ते में चकिया स्थित अपने हौट मिक्स प्लांट पर भी जाएगा.

पूर्वी चंपारण के डुमरिया घाट थाना क्षेत्र के सरोत्तर गांव के मूल निवासी जयप्रकाश साह की जब हैसियत बढ़ी तब मोतिहारी में छतौनी थाना क्षेत्र के छोटा बरियारपुर में रहने लगा था. मोतिहारी से निकलते समय वहां लौटते समय निराली ठाकुर को एक नजर देखे बिना उसे चैन नहीं मिलता था.

घटना वाले दिन जब निराली ठाकुर नजर नहीं आई, तब उस ने दुकान से निकलने के बाद उसे वाट्सऐप काल किया. दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत होती रही. उन की बातचीत इतनी लंबी थी कि वह इस बीच मोतिहारी से चकिया हौट मिक्स प्लांट तक पहुंच गया.

जब मोतिहारी से निकलते वक्त जयप्रकाश साह बरियारपुर में अवनीश सिंह की दुकान पर रुका था, तब उस वक्त निराली ठाकुर का नहीं होना भी संदेह की स्थिति पैदा कर रहा था.

इस मामले में अवनीश सिंह और शूटरों से भी ज्यादा कुसूरवार निराली ठाकुर बन गई है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और काल डिटेल्स से कई राज खुलने बाकी हैं, जिस से हत्यारे तक पहुंचा जा सकता है.

साथ ही यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि अवनीश सिंह ने अपनी जान पर मंडरा रहे खतरे की वजह से जयप्रकाश साह को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया है.

एसपी ने बताया कि पत्नी के अवैध संबंध से नाराज अवनीश ने जयप्रकाश के व्यवसायिक विरोधियों से संपर्क किया और उन लोगों ने अवनीश को आर्थिक व अन्य सहयोग दिया. अवनीश और उस की पत्नी ने शूटरों को जयप्रकाश साह के बारे में जानकारी दी थी.

यह अलग बात है कि जयप्रकाश साह हत्याकांड के मात्र 16 दिनों के बाद ही पहली जून को शूटर सोनू सिंह की हत्या हो गई. उस की हत्या पूर्वी चंपारण जिले के शिकारगंज थाना क्षेत्र के रूपहरि गांव में हुई.

अवनीश भी कम दोषी नहीं

जयप्रकाश हत्याकांड के आरोपियों में अवनीश सिंह पहले प्रौपर्टी डीलर मंटू शर्मा की गाड़ी चलाता था. करीब 6 साल पहले 2016 में मंटू शर्मा की हत्या हो गई थी. तब अवनीश सिंह पर भी लाइनर का आरोप लगा था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

जेल से बाहर निकलने पर उस ने निराली ठाकुर से शादी की थी, जबकि निराली  जयप्रकाश साह के संपर्क में थी. तभी से उन के बीच अवैध संबंध की चर्चा होती थी.

शादी के बाद इस संबंध को खत्म करने की अवनीश ने काफी कोशिश की और दोनों पर दबाव भी बनाया. किंतु जब उस की जान पर ही खतरा मंडराने लगा, तब वह शांत हो गया.

डुमरिया घाट थाना क्षेत्र की पश्चिमी सरोत्तर गांव के लोग सिर्फ यह जानते थे कि निराली ठाकुर की पहली शादी इसी गांव में हुई थी. पहले पति से निराली ने एक बेटी को जन्म दिया था. पति की मौत के बाद वह घर छोड़ कर चली गई थी.

बूढ़े सासससुर पर दबाव बनाने के लिए निराली ने उन पर प्रताड़ना का केस कर दिया था और पति के हिस्से की जमीन बेचने के लिए गुंडों की मदद ले ली थी.

सरोत्तर के लोग बताते हैं कि यह उन के लिए शर्मनाक बात है. वे अब इस की चर्चा तक करना नहीं चाहते हैं. ग्रामीण सिर्फ इतना बताते हैं कि पति के हिस्से की जमीन बेचने में निराली ने उसी गांव के प्रौपर्टी डीलर जयप्रकाश साह की मदद ली थी. उस के बाद निराली ठाकुर ने ससुराल से नाता तोड़ लिया था.

जहां तक जयप्रकाश साह हत्याकांड के मुख्य हत्यारे को पकड़ने का सवाल है, तो वह कथा लिखे जाने तक संभव नहीं हो पाया था. पुलिस ने अवनीश सिंह और निराली ठाकुर उर्फ पल्लवी के साथ 4 ठेकेदारों को हत्याकांड में आरोपी बना कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

विंटर स्पेशल: सर्द मौसम में बाल न हो रुखे और बेजान, अपनाएं ये टिप्स

कहा जाता है कि शैंपू बालों के लिए अच्छा होता है, जोकि सच नहीं है. शैंपू के बजाय साबुन ज्यादा अच्छा होता है. शैंपू विभिन्न रसायनों का संयोजन है. यदि आप शैंपू का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो ऐसे शैंपू का चुनाव करें जो सल्फेट रहित डिटर्जैंट बेस हो और पैराबेन प्रिजर्वेटिव्स से भी मुक्त हो.

यदि शैंपू को सही तरीके से नहीं धोती हैं, तो बालों की चमक और खूबसूरती खत्म हो जाएगी. बालों को सही आकार में बनाए रखने के लिए तेल लगाना भी बहुत महत्त्वपूर्ण है. नारियल तेल इस्तेमाल करना ठीक है, लेकिन यह गरमियों में ज्यादा अच्छा रहता है.

कुछ टिप्स से आप बालों के प्राकृतिक उपचार पा सकती हैं:

आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार बालों पर तेल लगाना उन्हें मजबूती प्रदान करने और उन की क्वालिटी सुधारने का एक बेहतर तरीका है. लेकिन सही तकनीक और सही समय की जानकारी होनी चाहिए. कई महिलाएं सुबह के समय तेल लगाना पसंद करती हैं. यह सही नहीं है.

सुबह के समय कभी तेल न लगाएं. यदि आप अपने बालों की क्वालिटी बेहतर बनाना चाहती हैं, उन्हें लंबा करना चाहती हैं, समय से पहले सफेद होने से रोकना चाहती हैं, दोमुंहे बालों से छुटकारा चाहती हैं, तो रात के समय बालों में तेल लगाएं. अगली सुबह बालों को कुनकुने पानी से धो लें.

तेल बालों की जड़ों (स्कैल्प) में लगाएं बालों पर नहीं.

नारियल के तेल में बालों से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान हैं. इस का प्रयोग सिर पर तौलिया लपेट कर भाप ले कर करें. इस के लिए 15-20 मिनट का समय उपयुक्त होता है.

हमेशा कुनकुने पानी का प्रयोग करें. ठंडे मौसम में ठंडे पानी का प्रयोग बालों को नुकसान पहुंचा सकता है और इस से बाल सूखे, बेजान और कमजोर हो सकते हैं. वैसे अधिक गरम पानी सिर की त्वचा का तेल (सीबम) सोख लेता है, जिस से बाल और अधिक सूखे, बेजान व रूखे हो सकते हैं. इसलिए बालों को कुनकुने पानी से ही धोएं. बादाम, जोजोबा और जैतून के तेल को बेस औयल की तरह ले सकती हैं.

अरोमा थेरैपी का फौर्मूला

1 छोटा चम्मच बेस औयल, 2 बूंदें विटामिन ई औयल, 1 बूंद टी ट्री औयल, 1 बूंद पचौली औयल और 1 बूंद तुलसी का तेल मिला लें. इस का प्रयोग बालों की बनावट को बेहतर भी बनाएगा और मजबूत भी.

– आप चाहें तो बालों को भाप भी दे सकती हैं, लेकिन अगले दिन उन्हें धोना न भूलें.

– बालों की देखभाल में कंडीशनर की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. यह तौलिए से होने वाली क्षति से बालों को बचाता है. इसलिए जरूरत हो तो कंडीशनर का प्रयोग करें. साथ ही, इस बीच इस बात का भी ध्यान रखें कि लीव औन या बिल्ड औन कंडीशनर का प्रयोग न करें. इन में सिलिकौन औयल होता है. यह बालों पर गुरुत्वाकर्षण दबाव डालता है, जिस से आगे चल कर बालों की जड़ें और भी कमजोर हो जाती हैं.

– ऐसे कंडीशनर का प्रयोग करें, जो बालों को धोते समय अच्छी तरह निकल जाए और साथ ही जिस में प्राकृतिक सामग्री का प्रयोग किया गया हो.

– 1 चम्मच दही, 1 चम्मच आंवला, 1 चम्मच शिकाकाई, 1/2 चम्मच तुलसी, 1/2 चम्मच पुदीना, 1/2 चम्मच मेथी को अच्छी तरह मिला कर बालों पर लगाएं.

– अंडे के सफेद भाग को शैंपू के साथ मिला कर बालों पर लगा सकती हैं.

कुछ अन्य सुझाव

सही अनुपात में भोजन करने से पर्याप्त विटामिन, खनिज और पोषक तत्त्व मिलते हैं, जिस से शरीर और दिमाग मजबूत व तंदुरुस्त होता है. सही खाने से विभिन्न प्रकार के रोगों से बचने और सेहत को होने वाले नुकसान से बचाव होता है. बालों की बनावट को बनाए रखने में भी मदद मिलती है यानी बाल अच्छे चाहिए तो आप का भोजन भी संतुलित होना चाहिए. सेहतमंद खाना खाएं, जो विटामिन एच, बी5, विटामिन के, विटामिन बी12 से भरपूर हो.

अंडे प्रोटीन प्राप्त करने का उच्च दर्जे का स्रोत हैं और साथ ही इन में कई प्रकार के आवश्यक विटामिन व खनिज भी होते हैं. थोड़ी मात्रा में कैलोरी भी होती है. स्वस्थ बालों के लिए अंडे का सफेद भाग खाएं. यह रूसी दूर करने और रूखे बालों से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है. इस में दोमुंहे बालों से लड़ने की भी क्षमता होती है.

सप्ताह में 3 बार सलाद के साथ अंकुरित अनाज खाएं. सलाद में नमक नहीं होना चाहिए. सलाद लेने के डेढ़ घंटे बाद थोड़ी मात्रा में नीबू का रस और पुदीने की चटनी खानी काफी फायदेमंद होगी.

सुबह की सैर और व्यायाम विटामिन डी पाने के लिए जरूरी है. सुबह के समय टहलने से तनावमुक्त वातावरण का लाभ लेने में मदद मिलती है. सुबह की सैर से भविष्य में बिना किसी रुकावट के विटामिन डी अवशोषित करने में मदद मिलती है. सूर्य की रोशनी में बहुत कम मात्रा में प्रदूषण को कम किया जा सकता है. मजबूत तथा घने बालों के लिए अधिक से अधिक विटामिन डी लेने की कोशिश करें.

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