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क्रिसमस स्पेशल :चीज पुडिंग केक बनाने का आसान तरीका

केक खाा हर किसी को पसंद आता है लेकिन जब बात हो चीज पुडिंग केक की सबके मुंह में पाी आ जाता है. ऐसे में आज हम बताने जा रहे हैं चीज पुडिंग केक बनाने कि विधि.

सामग्री :

1/2 लिटर वनीला आइसक्रीम

12 चौकलेट बिस्कुट

3 बड़े चम्मच पिघला मक्खन

100 ग्राम क्रीम

4 बड़े चम्मच पिसी चीनी

10 ग्राम जैलेटिन

1/2 कप गाढ़ा दही. 1/2 कप हंगकर्ड

1 कप औरेंज जूस

1/2 कप स्ट्राबेरी सौस

1 बड़ा चम्मच जैलेटिन

विधि : 

औरेंज जूस तथा स्ट्राबेरी सौस को अलग अलग बरतनों में उबलने को रखें. जब जूस तथा सौस में 1-2 उबाल आ जाएं तो उन्हें आंच से उतार लें.

1/2 कप गुनगुने पानी में जैलेटिन घोल लें.

कर्ड, जूस तथा सौस में एकएक चम्मच घुली जैलेटिन डालें तथा उन्हें फ्रिज में रख दें. जब तीनों सामग्रियां आधी सैट हों तभी उन्हें निकाल लें. एक बार अच्छी तरह से फेंटें.

एक चपटी सर्विंग डिश लें. उस में बारीबारी से तीनों रंगों की आधी जमी पुडिंग फैलाएं.

कांटे की सहायता से उस में लहरियां बना दें. ध्यान रहे, पुडिंग के तीनों रंग अलग अलग दिखाई दें.

इस के बाद बिस्कुट में मक्खन मिला कर अच्छी तरह से चूरा करें और गूंथ लें.

एक चिकनाई लगी गोल बेकिंग डिश में इस गूंथे मिश्रण की एक तह जमा दें. इसे कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें.

जैलेटिन को गुनगुने पानी में घोल लें. क्रीम और चीनी मिला कर अच्छी तरह से फेंटें. उस में दही, जैलेटिन, आइसक्रीम मिला कर एक बार अच्छी तरह से मिक्स करें. इसे बेकिंग डिश में बिस्कुटों पर डाल दें.

फ्रिज में रख कर पुडिंग को सैट होने दें. जब यह अच्छी तरह से जम जाए तो फ्रिज से निकालें.

चाकू की सहायता से किनारों से छुड़ा कर केक को प्लेट में पलट लें.

इस केक को पुडिंग पर सजाएं तथा कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें. ठंडा ठंडा सर्व करें.

बिग बॉस 16 : शो में वापस धमाल मचाने लौट रहे हैं अब्दु रोजिक

टीवी रियलिटी शो बिग बॉस 16 इन दिनों लगातार चर्चा में बना हुआ है, इस शो में आए दिन नए- नए ट्विस्ट आ रहे हैं, जिसे देखना दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं, शो में तमाम कंटेस्टेंट अपने- अपने कारनामों की वजह से आए दिन लाइमलाइट में बने रहते हैं.

बीते हफ्ते अब्दु रोजिक अपने काम के सिलसिले में बाहर गए थें, तब कहा गया था कि जल्द अब्दु शो को ज्वाइन करेंगे, अब फैंस अपने क्यूट कंटेस्टेंट के इंतजार में लगे हुए हैं,

खबर है कि अब्दु रोजिक का काम खत्म हो गया है और वह जल्द शो में वापिस करने वाले हैं, इस खबर के आते ही फैंस काफी ज्यादा एक्साइटेड हो गए हैं.

बिग बॉस के वीकेंड के वार एपिसोड में इस बार धमाल मचने वाला है, दावा किया जा रहा है कि इस हफ्ते सलमान खान अकेले शो को होस्ट नहीं करेंगे, बल्कि उनके साथ मनीष पॉल शो को होस्ट करते नजर आएंगे.

बता दें कि अब्दु रोजिक को घर में वापस आने से पहले घर में मौजूद सदस्य की अनुमति लेनी होगी, घर से बाहर जाने से पहले अब्दु रोजिक को कहा गया था कि दूबारा घर में आने से पहले कंटेस्टेंट की इजाजत लेनी पड़ेगी, तब घरवालों ने कहा था कि हां इजाजत दे देंगे.

 

विराट-पाखी के हनीमून पर जाते ही पार्टी करने पहुंचीं ‘सई’, देखें वीडियो

टीवी की मशहूर एक्ट्रेस आयशा सिंह इ दिनों अपने दोस्तों के साथ जमकर मस्ती करती नजर आ रही हैं, आयशा का इसी सप्ताह एक गाना लॉच  हुआ है जिसे खूब पसंद किया जा रहा है. बीती रात वह आइएम 2022 बज्ज में पहुंची जहां लोगों ने उ्हें खूब प्यार दिया.

इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, फैंस भी इस तस्वीर को देखना पसंद कर रहे हैं, उन्होंने को स्टार मिताली नाग सचिन श्रॉफ के साथ जमकर मस्ती करती दिखी. आयशा पार्टी में वनपीस पहनकर पहुंची जहां लोग उन्हें खूब पसंद कर रहे हैं.

 

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आयशा का यह स्टाइलिश लुक लोगों को खूब पसंद आ रहा है, आयशा सिंह ने पार्टी में गुम है किसी के प्यार के सचिन श्रॉफ के साथ अच्छी बॉन्डिंग शेयर करती नजर आईं.

वहीं आयशा और योगेंद्र एक -दूसरे के अच्छे दोस्त हैं, योगेंद्र भले ही शो को छोड़ चुके हैं लेकिन आयशा के साथ इनकी बॉन्डिंग काफी ज्यादा अच्छी है.

आयशा सिंह अपने को स्टार के साथ काफी ज्यादा अच्छी बॉन्डिंग है. आयशा सिंह अपने को स्टार के साथ हमेशा मस्ती करती नजर आ रही हैं.

 

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आयशा सिंह के खुले अंदाज का हर कोई दीवाना है, एक्ट्रेस के खुलेमिजाज का हर कोई दीवाना है. इनकी एक्टिंग की भी जमकर तारीफ होती है.

पिता के अमीर दोस्त, मां के गरीब रिश्तेदार

रिश्तों की अपनी अहमियत होती है. बिना रिश्तेदारों के जिंदगी नीरस हो जाती है व अकेलापन कचोटने लगता है. जिंदगी में अनेक अवसर ऐसे आते हैं जब रिश्तों के महत्त्व का एहसास होता है. अकसर देखने में आता है कि किशोरकिशोरियां उन रिश्तेदारों को ज्यादा अहमियत देते हैं जो आर्थिक रूप से ज्यादा संपन्न होते हैं और गरीब रिश्तेदारों की उपेक्षा करने में तनिक भी नहीं हिचकिचाते, गरीब रिश्तेदारों को अपने घर बुलाना उन्हें अच्छा नहीं लगता. वे खुद भी उन के घर जाने से कतराते हैं. भले ही बर्थडे पार्टी या शादी हो, अगर जाते भी हैं तो बेमन से. आज के किशोरकिशोरियों में एक बात और देखने को मिलती है. वे अपने पिता के अमीर दोस्तों का दिल से स्वागत करते हैं. अपने मातापिता की बर्थडे पार्टी या मैरिज ऐनिवर्सरी में वे उन्हें खासतौर से इन्वाइट करते हैं. उन की पसंद की चीजें बनवाते हैं, लेकिन मां के गरीब रिश्तेदारों को बुलाना जरूरी नहीं समझते. यदि मां के कहने पर उन्हें बुला भी लिया, तो उन के साथ उन का बिहेवियर गैरों जैसा रहता है.

सुरेश के मम्मीपापा की मैरिज ऐनिवर्सरी थी. सुरेश और उस की बहन सुषमा एक महीना पहले ही तैयारियों में जुट गए थे. दोनों ने मिल कर मेहमानों की लिस्ट तैयार की और अपनी मम्मी को दिखाई. लिस्ट में पिता के सभी अमीर दोस्तों का नाम शामिल था. मां को लिस्ट देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ. वे बोलीं, ‘‘अरे, तुम दोनों ने अपने मामामामी, मौसामौसियों के नाम तो लिखे ही नहीं. केवल मुंबई वाले मौसामौसी का ही नाम तुम्हारी लिस्ट में है.’’ यह सुनते ही सुरेश का चेहरा तमतमा उठा. वह बोला, ‘‘मैं आप के गरीब रिश्तेदारों को बुला कर अपनी व पापा की नाक नहीं कटवाना चाहता. न उन के पास ढंग के कपड़े हैं न ही उन्हें पार्टी में मूव करना आता है. क्या सोचेंगे पापा के दोस्त?’’

यह सुन कर मम्मी का चेहरा उतर गया. उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उन का बेटा ऐसा सोचता होगा. उन की मैरिज ऐनिवर्सरी मनाने की सारी खुशी काफूर हो चुकी थी. सुरेश के पिता ने भी सुरेश और सुषमा को बहुत समझाया कि बेटे रिश्तेदार अमीर हों या गरीब, अपने होते हैं. हमें अपने हर रिश्तेदार का सम्मान करना चाहिए. सुरेश ने मातापिता के कहने पर मम्मी के रिश्तेदारों को इन्वाइट तो कर लिया पर मैरिज ऐनिवर्सरी वाले दिन जब वे आए तो उन से सीधे मुंह बात तक नहीं की. वह पापा के अमीर दोस्तों की आवभगत में ही लगा रहा. सुरेश की मम्मी को उस पर गुस्सा तो बहुत आ रहा था, पर रंग में भंग न पड़ जाए, इसलिए वे शांत रहीं और स्वयं अपने भाई, भाभी और अन्य रिश्तेदारों की खातिरदारी करने लगीं. मेहमानों के जाने के बाद सुरेश और सुषमा मम्मीपापा को मिले गिफ्ट के पैकेट खोलने लगे. उन्होंने मामामामी के गिफ्ट पैकेट खोले तो उन्हें यह देख कर बड़ा ताज्जुब हुआ. उन के दिए गिफ्ट सब से अच्छे व महंगे थे. रोहिणी वाले मामामामी ने तो महंगी घड़ी का एक सैट उपहार में दिया था और पंजाबी बाग वाली मौसीमौसा ने मम्मीपापा दोनों को एकएक सोने की अंगूठी गिफ्ट की थी, जबकि पापा के ज्यादातर अमीर दोस्तों ने सिर्फ बुके भेंट कर खानापूर्ति कर दी थी.

सुरेश व सुषमा ने अपने मम्मीपापा से माफी मांगते हुए कहा, ‘‘हमें माफ कर दीजिए. हम गलत थे. जिन्हें हम गरीब समझ कर उन का अपमान करते थे, उन का दिल कितना बड़ा है, यह आज हमें पता चला. आज हमें रिश्तों का महत्त्व समझ आ गया है.’’

ऐसी ही एक घटना मोहित के साथ घटी जब उसे गरीब रिश्तेदारों का महत्त्व समझ में आया. मोहित के पापा बिजनैस के सिलसिले में मुंबई गए हुए थे. एक दिन अचानक उस की मम्मी को सीने में दर्द उठा. मम्मी को दर्द से तड़पता देख मोहित ने पापा के दोस्त हरीश अंकल को फोन मिलाया और अस्पताल चलने को कहा तो उन्होंने साफ कह दिया, ‘‘बेटा, रात को मैं कार ड्राइव नहीं कर सकता, तुम किसी और को बुला लो.’’ मोहित ने पापा के कई दोस्तों को फोन किया, पर सभी ने कोई न कोई बहाना बना दिया. मोहित की समझ में नहीं आ रहा था कि वह अब क्या करे. अचानक उसे मम्मी के चचेरे भाई का खयाल आया जो पास में ही रहते थे. उस ने उन्हें फोन पर मम्मी का हाल बताया तो वे बोले, ‘‘बेटा, तुम परेशान मत हो, मैं तुरंत आ रहा हूं.’’ चाचाजी तुरंत मोहित के घर पहुंच गए. वे अपने पड़ोसी की कार से आए थे. वे मोहित की मम्मी को फौरन अस्पताल ले गए. डाक्टर ने कहा कि उन्हें हार्टअटैक पड़ा है. अगर अस्पताल लाने में थोड़ी और देर हो जाती तो उन्हें बचाना मुश्किल था. ह सुनते ही मोहित की आंखों में आंसू आ गए. उसे आज रिश्तों का महत्त्व समझ में आ गया था. पिछले दिनों इन्हीं चाचाजी की बेइज्जती करने से वह नहीं चूका था.

किशोरकिशोरियों को रिश्तों के महत्त्व को समझना चाहिए. अमीरगरीब का भेदभाव भूल कर सभी रिश्तेदारों से अच्छी तरह मिलना चाहिए. उन्हें पूरा सम्मान देना चाहिए.

रिश्तों में मिठास घोलें

रिश्ते अनमोल होते हैं. किशोरकिशोरियों को मां के गरीब रिश्तेदारों को भी इज्जत देनी चाहिए. उन के यहां अगर कोई शादी या अन्य कोई फंक्शन हो तो जरूर जाना चाहिए. ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए कि उन्हें अपनी बेइज्जती महसूस हो. चाचाचाची, मामामामी, मौसामौसी से समयसमय पर फोन पर या उन के घर जा कर हालचाल लेते रहना चाहिए, इस से रिश्तों में मिठास घुलती है और रिश्तेदार हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं.

रिश्तेदारों के बच्चों से भी बनाएं संपर्क

किशोरकिशोरियों को चाहिए कि वे अपने गरीब रिश्तेदारों से न केवल संपर्क बनाए रखें बल्कि उन के बच्चों से भी दोस्त जैसा व्यवहार रखें. उन से फेसबुक, व्हाट्सऐप द्वारा जुड़े रहें. परिवार के फोटो आदि शेयर करते रहें. उन्हें कभी इस बात का एहसास न कराएं कि वे गरीब हैं. चचेरे व ममेरे भाईबहनों से भी अपने सगे भाईबहन जैसा ही व्यवहार करें. इस से उन्हें भी अच्छा लगेगा. आजकल वैसे भी एकदो भाईबहन ही होते हैं. कहींकहीं तो एक भी भाई या बहन नहीं होता. ऐसे में कजिंस को अपना सगा समझें और उन के साथ लगातार संपर्क में रहें.

छुट्टियों में रिश्तेदारों के घर जाएं

स्कूल की छुट्टियों में अपने मम्मीपापा के साथ रिश्तेदारों के घर जरूर जाएं. खासतौर से मम्मी के गरीब रिश्तेदारों के घर. जब आप उन के घर जाएंगे तो उन्हें अच्छा लगेगा. उन के बच्चों यानी अपने कजिंस के लिए कोई न कोई गिफ्ट जरूर ले जाएं. इस से आपस में प्यार बढ़ता है.

तरह-तरह की लिंचिंग

29 मार्च, 2022 को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक कानून पर हस्ताक्षर किए जिस में पब्लिक लिंचिंग को केंद्रीय अपराध बना डाला गया और कोई राज्य सरकार अब विशेष बहाने बना कर दमदार लोगों को सडक़ों पर न्याय करने का कानून नहीं बना सकती. इस लिंचिंग में हेट क्राइम यानी किसी वर्ग विशेष के खिलाफ कुछ कमैंट करना, तंग करना और हिंसा करना शामिल हैं. अब ऐसे मामले राज्य की अदालत में नहीं, केंद्र की अदालतों में चलेंगे और राज्य में राजनीति करने वालों की नहीं चलेगी.

भारत में तो उलटा हुआ है. यहां लिंचिंग का अघोषित कानून बना डाला गया है और यदि दलित, मुसलिम, पिछड़ा या औरत पब्लिक लिंचिंग की शिकार हो तो लोग दर्शकों की तरह देखते रहते हैं, वीडियो बनाते हैं जबकि दर्शकों को मैनेज करने के लिए पुलिस खड़ी रहती है, लिंचिंग को रोकने के लिए नहीं. यहां सरेआम पिटाई को अब सामान्य काम मान लिया गया है जो शहरों की गलियों से निकल कर बड़ी सडक़ों तक निकल आई है. पुलिस वाले खुद भी लिंचिंग कर रहे हैं भगवा दुपट्टे डालने वालों के साथ. और, कई राज्य सरकारें तो बुलडोजरों से लिंचिंग कर रही हैं.

अदालतें वैसे तो इस लिंचिंग को गलत मानती हैं पर उन की हिम्मत नहीं होती कि किसी पुलिस वाले को बरखास्त करा कर जेल भेज दें. अदालतें लिंचिंग और जबरन बुलडोजर से …???तुरंत न्याय की मनमानी…??? करेंगी और मामलों की सुनवाई तब तक टालती रहेंगी जब तक जनता उसे भूल न जाए और उस के बाद 10-20 और मामले सामने न आ जाएं.

अमेरिका में इस कानून का नाम एमेट लुइस टिल कानून दिया गया है जो एमेट लुइस टिल को एक तरह की श्रद्धांजलि है जिसे 1955 में मिसिपिसी में एक गोरी औरत की शिकायत पर पीटपीट कर मार दिया गया था. शिकागो से घूमने आए 14 साल के अश्वेत किशोर के खिलाफ गोरी औरत ने सीटी बजाने का आरोप लगाया था. मारने वाले 2 गोरों पर मुकदमा चला लेकिन वहां की आम जनता से चुनी गर्ई जूरी, जिस में सिर्फ गोरे पुरुष थे, ने दोनों युवाओं को बरी कर दिया जिन्होंने एमिट टिल को पीट कर, जंजीर से बांध कर नदी में फेंक दिया था.

भारत में ऐसे लोगों के लिए अघोषित कानून बन गया है जिस में उन्हें हार पहनाए जाते हैं, लड्डू खिलाए जाते हैं. हिंदूमुसलिम, हिंदूदलित, हिंदू मर्दऔरत का मामला हो तो पुलिस अब एफआईआर भी दर्ज करने में महीनों लगाती है और फिर गवाहों के अभाव में केस खारिज हो जाता है.जहां कुछ देश अपनी गलतियों को सुधारने में लगे हैं, हम खोदखोद कर अपने इतिहास से बहाने ढूंढ़ रहे हैं कि बुलडोजरी लिंचिंग और मानवीय लिंचिंग को कैसे पुनर्स्थापित किया जाए.

हमारे यहां काल्पनिक कहानियों का सहारा लिया जाता है जिन में तुरंत न्याय देना सामाजिक, धार्मिक परंपरा मानी गई है. हमारे यहां ऋषिमुनियों के जो श्राप होते हैं वे एक तरह की लिंचिंग हैं जिसे सच माना जाता है और अनैतिक को नैतिक बनाने के काम में लाया जाता है. देश में इतनी सारी लिंचिंग की घटनाएं घटने लगी हैं कि उन्हें आज गिनाया जाना भी मुश्किल है.

विंटर स्पेशल : सर्दी के मौसम में घर की सजावट के लिए ट्राय करें ये आसान टिप्स

हर एक इंसान की अपनी पसंद होती है, चाहे खानेपीने की हो या महंगे कपड़ों या फिर घरों के सजावट की. जी हां, हम बात कर रहे हैं अपने घरों को मौसम के हिसाब से कैसे सजाएं.

अब सर्दी का मौसम शुरू हो गया है. जब ज्यादा ठंड बढ़ जाती है तो काम करने का मन नहीं होता. ऐसे में आप अपने घर को नया लुक दे कर टाइमपास करने के साथ ही घर को खूबसूरत बना सकते हैं.

सभी की ख्वाहिश होती है कि हमारा घर दूसरों से अलग दिखे. इस के लिए आप को दूसरों से कुछ अलग करना होगा. कुछ अलग करने के लिए अलग सोचना होगा.

ठंड के मौसम में अपने घर या औफिस को सजाने से पहले यह पता लगाएं कि इस साल कौनकौन सी नई सजावटी चीजें आई हैं. साथ ही, यह भी देखें कि आप के घर और औफिस के लिहाज से क्या बेहतर होगा.

खूबसूरती में इजाफा

घर को सजाने में बरामदे को न भूलें. अगर आप घर की सजावट कोले कर गंभीर हैं तो आप को थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. ठंड में आप जिस तरह से अपने रूम को सजाते हैं, वैसे ही अपने बरामदे को भी सजाएं. यह आप के घर की खूबसूरती में इजाफा कर देगा. अगर वहां धूप आती है तो उस में बैठना तभी अच्छा लगेगा जब वह ढंग से सजा हो.

बहुत ज्यादा ठंड पड़ने पर वार्डरोब से ले कर खानपान सबकुछ बदल जाता है. ऐसे में आप विंटर डैकोरेशन के कुछ टिप्स अपना कर अपने घर को हौट रखने के साथ नया लुक दे सकते हैं, ठंड से बचने के लिए नैचुरल तरीके से कमरे को गरम रख सकते हैं.

– सीलिंग रूम या घर का ऐसा हिस्सा होता है जो सब से पहले ठंडा होता है. इसलिए इसे गरम करने के उपाय के साथ इस का खूबसूरत होना भी जरूरी है. इस के लिए सीलिंग बनाते वक्त अगर थर्माकोल लगा दिया जाए तो यह ठंड में फायदेमंद होता है.

– इन दिनों पर्पल कलर की काफी डिमांड है. यदि आप चाहें तो लाइट और डार्क कलर का कौंबिनेशन भी दीवारों पर ट्राय कर सकती हैं. वौल को ब्राइट कलर, जैसे कि औरेंज, रेड व ब्लू कलर्स से सजाएं. यह भी काफी अच्छा लुक देगा.

– दीवारों पर वौलपेपर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. डार्क शेडके वौलपेपर दीवारों पर लगाएजा सकते हैं. यह भी गरमी का एहसास दिलाएगा.

– ठंड बहुत ज्यादा पड़ने पर आप हीटर का तो इस्तेमाल करती ही हैं लेकिन, चाहें तो, आप आगे के लिए ढेर सारी लकडि़यां जमा कर लें. घर को नैचुरल तरीके से गरम करने का यह आसान तरीका है.

– कैंडल्स की गरमाहट सर्दी की शाम को अपनी मद्धिम रोशनी से गरम और खूबसूरत बना देती है. कमरे में सैंटर टेबल, डाइनिंग टेबल या साइड टेबल पर खुशबूदार मोमबत्ती जलाएं और गरमाहट का एहसास पाएं.

– स्वेटरों, जो अब पुराने हो गए हैं, से आप कई प्रकार के क्राफ्ट बना सकती हैं. तकिए, फुट मैट, कुशन, डैकोरेशन की कई चीजें बनाई जा सकती हैं उन से.

– ठंड के मौसम में खिड़कियों से हलके परदे उतार कर भारी परदे लगाएं. इन से हवा कम घुसती है और कमरे में गरमी बनी रहती है.

– सर्दी के दिनों में कुशन और तकिए आदि के ऊनी कवर इस्तेमाल करें. बैड पर भी ऊनी कंबल या शीट बिछा लें. इस से आप को लेटतेबैठते समय सर्दी का एहसास नहीं होगा और गरमी मिलेगी.

– ठंड के दिनों में बिस्तर पर मोटा गद्दा बिछाएं, ऊनी कंबल बिछाएं और उस पर चादर डालें. इस से बिस्तर गुदगुदा होगा और सर्दी भी नहीं लगेगी.

– खाने के दौरान सब से ज्यादा ठंड लगती है, इसलिए अपनी डाइनिंग टेबल को मोटे कवर से ढकें और उसे चेंज लुक दें जो गरमी का एहसास करवाता है. आप टेबल पर कैंडल को जलाएं चाहे बल्ब जल ही क्यों न रहा हो.

ठंड के समय साजसज्जा के साथ आप अपने बजट का भी ध्यान रखें. जहां तक हो सके अपने बजट को कम रखने की कोशिश करें. सजावट का मतलब यह नहीं होता कि आप बेकार में पैसे खर्च करें. आप घर के भी कुछ सामानों का इस्तेमाल सजावट में कर सकते हैं. ठंड में विंटर वैकेशन यानी छुट्टियों का समय होता है, तो इस बार ठंड में अपने घर को सजा कर छुट्टियों को और भी ज्यादा खुशनुमा बनाएं.

बैठने की जगह को बनाएं गरम

अपने लिविंगरूम को गरम बनाएं, इस के लिए उस के रंग को चेंज करवाएं. हर मौसम में अपने घर में नए प्रकार का रंगरोगन करवाना संभव नहीं है पर आप किसी और तरीके से गरमाहट भरे रंगों जैसे नारंगी लाल रंग से घर की सजावट करें. डार्क ब्राउन, चौकलेटी रंग भी गरमाहट का एहसास देते हैं.

स्ट्रक्चरल एलमेंट का इस्तेमाल

ठंड में आप अपने गार्डन को उतना ही खूबसूरत बना सकते हैं, जितना कि यह गरमी के वक्त में रहता है. इस के लिए आप इस में कुछ स्ट्रक्चरल एलमेंट्स लगा सकते हैं. कुछ रंगों का इस्तेमाल कर के आप अपने गार्डन को खूबसूरत व कलरफुल बना सकते हैं. ठंड के समय आप का गार्डन मौसम की तरह ही खास होना चाहिए. आप थोड़ा सा ध्यान दे कर इसे और खूबसूरत बना सकते हैं.

क्रिसमस स्पेशल: क्रिसमस के मौके पर ट्राय करें ये 7 केक रेसिपी

आधुनिक उपकरणों से आजकल मिनटों में मक्खन, चीनी व अंडे को फेंट कर केक बनाए जाते हैं. मैदा, आटा, अंडे, चीनी व मक्खन की उचित मात्रा एक अच्छे केक का राज है. केक कई तरह के बनाए जाते हैं जो सामग्री व बनाने के तरीके के आधार पर बांटे जाते हैं, जैसे चीज केक, स्पंज केक, बटर केक आदि को आप आसानी से बेक कर सकते हैं. आप इन केक को क्रीम, पनीर, मलाई आदि से सजा कर खाने के लिए परोस सकते हैं.

  1. किशमिशी केक

सामग्री

1 कप मैदा, 1 कप ओट्स, 1 छोटा चम्मच बेकिंग सोडा, 1 कप मक्खन,
1 कप चीनी, 2 बड़े चम्मच शहद, 2 सेब, 3 बड़े चम्मच किशमिश.

विधि
मैदा, ओट्स और बेकिंग सोडा छान लें और मक्खन, चीनी, शहद पिघला कर इस में मिला लें. सेब को छील कर छोटेछोटे टुकड़ों में काट लें. चिकने किए मोल्ड में ये मिश्रण आधा डालें, फिर सेब व किशमिश की परत लगा कर बचे मिश्रण की परत लगाएं व 180 डिगरी पर
25-30 मिनट तक बेक करें.

  1. फ्रिज केक

सामग्री
25 ग्राम मक्खन, 10-12 रस्क, 50 ग्राम चीनी पाउडर, 1 बड़ा चम्मच कोको पाउडर, 2 बड़े चम्मच शहद, 100 ग्राम चौकलेट 2 बड़े चम्मच किशमिश.

विधि
रस्क को चूरा करें. एक पैन में चौकलेट, मक्खन, चीनी पाउडर, शहद, कोको पाउडर एकसाथ पिघला लें और रस्क के चूरे के साथ मिला लें. घी से चिकने किए मोल्ड में ये मिश्रण डाल कर ऊपर से किशमिश डाल कर फ्रिज में सैट करें. आइसिंग कर के टुकड़ों में काट कर
सर्व करें.

  1. बिस्कुट केक

सामग्री  
1 पैकेट बादाम बिस्कुट, 25 ग्राम मक्खन, 1 छोटा चम्मच नीबू रस, 100 ग्राम चीनी, 150 ग्राम पनीर, 100 मि.लि. क्रीम,
8-10 पुदीना पत्ते.

विधि
बिस्कुट को चूरा करें और मक्खन में मिला लें. मिश्रण को एक डिश में डाल कर बेस बनाएं. 5 बड़े चम्मच पानी गरम करें और उस में चीनी पिघलाएं. इस में नीबू रस और 3-4 पुदीना पत्ते डालें व ठंडा करें. पनीर, क्रीम व तैयार चीनी की चाशनी ब्लैंड करें. बिस्कुट के बेस पर ये क्रीम डाल कर फ्रिज में सैट करें.

  1. नीबू केक

सामग्री  
1 कप तेल, 3/4 कप चीनी, 1/2 कप ओट्स, 1 कप उबले आलू, 1 छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर, 1-2 बूंदें वनीला एसेंस, 1/4 कप बादाम का चूरा, 3 नीबू के बारीक कटे छिलके.

विधि
तेल व चीनी पाउडर को क्रीम करें. आलू को मैश करें. क्रीम में मैश किए आलू, ओट्स, बेकिंग पाउडर, एसेंस, बादाम का चूरा व नीबू के छिलके मिला लें. घी से चिकने किए मोल्ड में ये मिश्रण डाल कर 180 डिगरी पर बेक करें. आइसिंग कर के सर्व करें.

  1. क्रंची केक

सामग्री
1 कप मैदा, 3/4 कप चीनी पाउडर,
1/2 कप मक्खन, 1/2 कप नारियल का चूरा, 1/2 कप दूध, 2 बड़े चम्मच तली गोंद, 1 बड़ा चम्मच तिल, 1/2 छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर, 2 अंडे.

विधि
मैदा व बेकिंग पाउडर छान लें. मक्खन व चीनी क्रीम करें. इस में अंडे फेंट लें. इस में छना मैदा, नारियल चूरा, दूध, तली गोंद डाल कर अच्छी तरह से फेंट लें. घी से चिकने किए हुए मोल्ड में मिश्रण डालें. ऊपर से तिल डाल कर 180 डिगरी पर बेक करें. ऊपर से क्रीम की आइसिंग करें.

  1. हैल्दी स्नैक केक

सामग्री
1/4-1/4 कप गेहूं का आटा, मक्के का आटा, ओट्स, फ्लेक्स सीड का आटा, सोडा, दूध, 2-2 बड़े चम्मच बादाम चूरा, अखरोट चूरा, किशमिश, 3/4 कप चीनी पाउडर, 3/4 छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर, 1/3 कप मक्खन, 2 अंडे, 1 पका केला.

विधि
सभी आटे, बेकिंग पाउडर छान लें. मक्खन, चीनी को क्रीम करें. इस में अंडा, पका केला, सभी आटे डाल कर फेंट लें. अखरोट, बादाम, दूध, किशमिश भी डालें. मिश्रण चिकने मोल्ड में 180 डिगरी पर 20-25 मिनट बेक करें.

  1. मेवा केक

सामग्री
2-3 स्लाइस पाइनएप्पल, 1 कप चीनी, 3/4 कप मिलेजुले मेवे (काजू, बादाम, बेर, किशमिश, अखरोट), 2 कप मैदा,
1 छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर,
1/2 कप तेल/घी.

विधि

मैदा व बेकिंग पाउडर छान लें. एक पैन में चीनी व पाइनएप्पल के टुकड़े पका लें. इसी में मिलाजुला मेवा डाल दें. तेल डाल कर अच्छे से चलाएं और इस में मैदा डाल कर मिलाएं. घी से चिकने किए हुए मोल्ड में डाल कर 180 डिगरी पर
25-30 मिनट बेक करें.

ममा मेरा घर यही है : रिश्ते के नाजुक धागों को क्या बचा पाई पारुल

बेटी पारुल से फोन पर बात खत्म होते ही मेरे मस्तिष्क में अतीत के पन्ने फड़फड़ाने लगे. पति के औफिस से लौटने का समय हो रहा था, इसलिए डिनर भी तैयार करना आवश्यक था. किचन में यंत्रचालित हाथों से खाना बनाने में व्यस्त हो गई. लेकिन दिमाग हाथों का साथ नहीं दे रहा था.

बचपन से ही पारुल स्वतंत्र विचारों वाली, जिद्दी लड़की रही है. एक बार जो सोच लिया, सो सोच लिया. होस्टल में रहते हुए उस ने कभी मुझे अपनी छोटीबड़ी समस्याओं में नहीं उलझाया, उन को मुझे बिना बताए ही स्वयं सुलझा लेती थी. इस के विपरीत, मैं अपने परिचितों को देखती थी कि जबतब उन के बच्चों के फोन आते ही, उन की समस्याओं का समाधान करने के लिए उन के होस्टल पहुंच जाया करते थे.

एक दिन अचानक जब पारुल ने अपना निर्णय सुनाया कि एक लड़का रितेश उसे पसंद करता है और वह भी उस को चाहती है, दोनों विवाह करना चाहते हैं तो मैं सकते में आ गई और सोच में पड़ गई कि जमाना खराब है, किसी ने अपने जाल में उसे फंसा तो नहीं लिया. देखने में सुंदर तो वह है ही, उम्र भी अभी अपरिपक्व है, पूरी 22 वर्ष की तो हुई है अभी. ये सब सोच कर मैं बहुत चिंतित हो गई कि यदि उस ने सही लड़के का चयन नहीं किया होगा और जिद की तो वह पक्की है ही, तो फिर क्या होगा.

कुछ दिनों के सोचविचार के बाद तय हुआ कि रितेश से मिला जाए. पारुल के जन्मदिन पर उस को आमंत्रित किया गया और वह आ भी गया. वह सुदर्शन था, एमबीए की पढ़ाई पूरी कर के किसी नामी कंपनी में सीनियर पोस्ट पर कार्यरत था. पढ़ाई में आरंभ से ही अव्वल रहा. वह हम सब को बहुत भा गया था. केवल विजातीय होने के कारण विरोध करने का कोई औचित्य नहीं लगा. हम ने विवाह की स्वीकृति दे दी. लेकिन रितेश के  मातापिता ने आरंभ में तो रिश्ता करने से साफ इनकार कर दिया था, लेकिन इकलौते बेटे की जिद के कारण उन्हें घुटने टेकने पड़े और विवाह धूमधाम से हो गया. पारुल अनचाही बहू बन कर ससुराल चली गई.

पारुल अपने मधुर स्वभाव के कारण ससुराल में सब की चहेती बन गई. सब के दिल में स्थान बनाने के लिए उसे बहुत संघर्ष करना पड़ा क्योंकि ऐसा करने में उसे रितेश का सहयोग प्राप्त नहीं हुआ. उस ने पाया कि रितेश का अपने परिवार से तालमेल ही नहीं था. बिना लिहाज के अपने मातापिता को कभी भी कुछ भी बोल देता था. पारुल हैरान होती थी कि कोईर् अपने जन्मदाता से ऐसा व्यवहार कैसे कर सकता था. उसे समझाने की कोशिश करती तो वह और भड़क जाता था.

धीरेधीरे उस को एहसास हुआ कि दोष उस में नहीं, उस की परवरिश में है. उस के अपने मातापिता के विपरीत, रितेश के मातापिता उस की भावनाओं की कभी भी कद्र नहीं करते थे. अब इतना बड़ा हो गया था, फिर भी उस की बात को महत्त्व नहीं देते थे, जिस का परिणाम होता था कि वह आक्रोश में कुछ भी बोल देता था. कभीकभी पारुल असमंजस की स्थिति में आ जाती थी कि किस का साथ दे, मातापिता की गलती देखते हुए भी बड़े होने का लिहाज कर के उन को कुछ भी नहीं बोल पाती थी.

एक दिन मांबेटे में विवाद इतना बढ़ गया कि रितेश ने तुरंत अलग घर लेने का निर्णय ले डाला. पारुल ने उसे बहुत समझाया, लेकिन वह अपने इरादे से टस से मस नहीं हुआ. वह क्या करती, मां ने भी अपने अहं के कारण उसे नहीं रोका. वह दोनों के बीच पिस गई. अंत में उसे पतिधर्म निभाना ही पड़ा.

अपने परिवार से अलग होने के बाद तो रितेश और भी मनमाना हो गया. जो लड़का विवाह के पहले कभी अपनी मां से ही नहीं जुड़ा, वह अपनी पत्नी से क्या जुड़ेगा. विवाह जैसे प्यारभरे बंधन के रेशमी धागे उसे लोहे की जंजीरें लगने लगीं. आरंभ से ही होस्टल में स्वच्छंद रहने वाले रितेश को विवाह एक कैद लगने लगा.

एक दिन अचानक रितेश का फोन मेरे पास आया, बोला, ‘अपनी बेटी को समझाओ, बच्ची नहीं है अब…’ इस से पहले कि वह अपनी बात पूरी करे, पारुल ने उस के हाथ से फोन ले लिया और कहा, ‘ममा, आप बिलकुल परेशान मत होना. ऐसे ही इस ने बिना सोचेसमझे आप को फोन घुमा लिया. छोटेमोटे झगड़े तो होते ही रहते हैं.’ लेकिन रितेश को पहली बार इतनी अशिष्टता से बात करते हुए सुन कर मैं सकते में आ गई, सोचने लगी कि उन की अपनी पसंद का विवाह है, फिर क्या समस्या हो सकती है.

एक बार मैं ने और मेरे पति ने मन बनाया कि पारुल के यहां जा कर उस का घर देखा जाए. उस ने कईर् बार बुलाया भी था. विचार आते ही हम दोनों पुणे पहुंच गए. वे दोनों स्टेशन लेने आए थे. सालभर बाद हम उन से मिल रहे थे. मिलते ही मेरी दृष्टि पारुल के चेहरे पर टिक गई. उस का चेहरा पहले से अधिक कांतिमय लग रहा था. सुंदर तो वह पहले से ही थी, अब अधिक लावण्यमयी लग रही थी. मुझे याद आया कि जब रितेश के मातापिता ने विवाह से इनकार कर दिया था तो उस का चेहरा कितना सूखा और निस्तेज लगता था, तब हम कितना घबरा गए थे. आज उस को देख कर बहुतबहुत तसल्ली हुई थी.

10 किलोमीटर की दूरी पर उन का घर था. वहां पहुंच कर मैं ने पाया कि वह 2 बैडरूम का घर था. पारुल ने अपने घर को बहुत व्यवस्थित ढंग से सजा रखा था. घर के रखरखाव में तो उसे बचपन से ही बहुत रुचि थी. यह देख कर बहुत संतोष हुआ कि सासससुर के साथ रहते हुए, रितेश का उन से तालमेल न होने के कारण रातदिन  जो विवाद होते थे, वे समाप्त हो गए हैं और वे दोनों आपस में बहुत प्रसन्न हैं.

लेकिन मेरा यह भ्रम शीघ्र ही टूट गया. अगले दिन ही सुबह मैं ने देखा कि रितेश पारुल को छोटीछोटी बातों में नीचा दिखाने से नहीं चूकता था, चाहे उस के खाने का, कपड़े पहनने का या खाना बनाने का ढंग हो. वह उस के किसी भी कार्यकलाप से खुश नहीं रहता था. बातबात में उसे ताने देता रहता था कि उस को कुछ नहीं आता, वह कुछ नहीं कर सकती.

पारुल चुपचाप सुनती रहती थी. रितेश की उस से इतनी अधिक अपेक्षाएं रहती थीं कि उन को पूरा करना उस के वश की बात नहीं थी. उस के जिन गुणों, उस का मासूम लुक देता चेहरा, उस की नाजुकता, उस की मीठी आवाज, के कारण विवाह से पहले उस पर रीझा था, वे सब उस के लिए बेमानी हो गए थे.

हम दोनों अवाक उस की बेसिरपैर की बातें सुनते थे. मैं मन ही मन सोचती रहती थी कि क्या यही प्रेमविवाह की परिणति होती है. रितेश ने जिस से विवाह करने के लिए एक बार अपने मातापिता का गृह तक त्याग कर दिया था, आज उसी का व्यंग्यबाणों से कलेजा छलनी कर रहा था. दामाद था इसलिए उसे क्या कहते, लेकिन, आखिर कब तक?

एक दिन मेरे सब्र का बांध टूट गया और मैं पारुल से बोली, ‘चल, अभी हमारे साथ वापस चल. हम ने देख लिया और बहुत झेल लिया तुम लोगों का तमाशा.’ मेरे बोलते ही रितेश उठ कर घर से चला गया.

पारुल बोली, ‘ममा, मुझे उस की तो आदत पड़ गई है. मेरा उस को छोड़ कर आप के साथ जाना ठीक है क्या? ऐसी बातें तो होती रहती हैं. देखना थोड़ी देर में वह सबकुछ भूल जाएगा और सामान्य हो जाएगा.’ मैं अपनी बेटी पारुल की बात सुन कर दंग रह गई. इतनी सहनशील तो वह कभी नहीं थी पर आत्मसम्मान भी तो कोई चीज होती है. मैं ने कहा, ‘बेटा, तूने उस के इस बरताव के बारे में हमें कभी कुछ बताया नहीं.’

‘क्या बताती ममा, शादी भी तो मेरी मरजी से हुई थी, आप सुन कर करतीं भी क्या? लेकिन इस में रितेश की भी गलती नहीं है, ममा. आप को पता है उस की मां ने बचपन में ही उसे होस्टल में डाल दिया था. उस ने कभी जाना ही नहीं परिवार क्या होता है और उस का सुख क्या होता है. कभी उस की इच्छाओं को प्राथमिकता दी ही नहीं गई, न ही कभी कोई कार्य करने पर उसे प्रोत्साहन के दो बोल ही सुनने को मिले. इसलिए ही ऐसा है. वह दिल का बुरा नहीं है. आज उस की बदौलत ही इतनी अच्छी जिंदगी जी रही हूं. धीरेधीरे सब ठीक हो जाएगा. आप चिंता न करें.’

लेकिन मुझ पर उस के तर्क का कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा था. पारुल ने मेरे चेहरे के भाव पढ़ कर रितेश को फोन कर के घर आने के लिए कहा. और वह आ भी गया. दोनों ने एक ओर जा कर कोईर् बात की. उस के बाद रितेश हमारे पास आया और बोला, ‘सौरी ममापापा.’ हम दोनों का मन यह सुन कर थोड़ा हलका हुआ. हमारे लौटने का दिन करीब होने पर हम पारुल के सासससुर से मिलने गए. उस की सास ने कहा, ‘मेरी बहू पारुल तो बहुत स्वीट नेचर की है. मुझे उस से कोई शिकायत नहीं है.’ हमें यह सोच कर बहुत संतोष हुआ कि कम से कम उस की सास तो उस से बहुत प्रसन्न रहती है.

एक दिन पारुल ने जब मुझे मेरे नानी बनने का समाचार दे कर हमें चौंका दिया तो हम खुशी से फूले नहीं समाए. उस का कहना था कि उस की डिलीवरी के समय मुझे ही उस के पास रहना होगा, नहीं तो रितेश और अपनी सास के विवादों से उस समय वह परेशान हो जाएगी.

नियत समय पर मैं उस के पास पहुंच गई. उस ने चांद सी बेटी को जन्म दिया. दोनों ओर के परिवार वालों के साथ रितेश भी बहुत प्रसन्न हुआ. मैं ने मन में सोचा, पारुल के मां बनने के बाद शायद उस का बरताव उस के प्रति बदल जाए, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. मैं जब भी पारुल से उस के स्वभाव के बारे में जिक्र करती, उस का कहना होता, ‘ममा, आप उस की अच्छाइयां भी तो देखो, कितना स्वावलंबी और मेहनती है, मेरा कितना खयाल रखता है. थोड़ा जबान का वह कड़वा है, तो होने दो. अब उस की आदत पड़ गई है, जो मुश्किल से ही छूटेगी.’

मैं मां थी, मुझे तो रितेश के रवैये से तकलीफ होनी स्वाभाविक थी. 2 महीने किसी तरह निकाल कर मैं भारी मन से वापस लौट आई.

प्रिशा के जन्म के बाद पारुल ने नौकरी छोड़ दी और उस के लालनपालन में मग्न रहने लगी. लेकिन रितेश उस के इस निर्णय से बहुत क्षुब्ध रहता था. उस का कहना था कि प्रिशा को क्रैच में छोड़ कर भी तो वह नौकरी जारी रख सकती थी. उस के विचारानुसार उस के लिए सुखसुविधाओं के साधन जुटाने मात्र से उन का उस के प्रति कर्तव्यों की पूर्ति हो सकती है.

इस के विपरीत, पारुल सोचती थी कि कोई भी संस्था बच्चे के पालनपोषण में मां का विकल्प हो ही नहीं सकती. वह नहीं चाहती थी कि उस से दूर रहने के कारण वह भी अपने पापा का पर्याय बने. ऐसा कोई आर्थिक कारण भी नहीं था कि उसे मजबूरी में नौकरी करनी पड़े.

पारुल अपनी बेटी प्रिशा की बढ़ती हुई उम्र की एकएक गतिविधि का आनंद उठाना चाहती थी. उस के लालनपालन में वह किसी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहती थी. उस की तो पूरी दुनिया ही बेटी में सिमट कर आ गई थी. जो भी देखता, उस के पालने के ढंग को देख कर प्रशंसा किए बिना नहीं रहता था. इस का परिणाम बहुत जल्दी प्रिशा की गतिविधियों में झलकने लगा था. प्रिशा अपने हावभाव से सब का मन मोह लेती थी. मुझे भी यह देख कर पारुल पर गर्व होता था. लेकिन रितेश ने तो उस के विरोध में बोलने का जैसे प्रण ले रखा था.

पारुल की सास तो मेरे सामने उस की प्रशंसा करते हुए नहीं थकती थीं. पोती होने के बाद तो वे अकसर पारुल के पास जाती रहती थीं. अपने बेटे के पारुल के प्रति उग्र स्वभाव से वे भी बहुत दुखी रहती थीं. उन्होंने कई बार पारुल से कहा कि वह उन के साथ आ कर रहे, लेकिन उस ने मना कर दिया. उसे लगा कि रितेश के अकेले की गलती तो है नहीं.

मुझे पारुल पर गुस्सा भी आता था कि आखिर स्वाभिमान भी तो कुछ होता है, पढ़ीलिखी है, अकेले रह कर भी नौकरी कर के प्रिशा को पाल सकती है. पहले वाला जमाना तो है नहीं कि विवश हो कर लड़कियां पति के अत्याचार सहते हुए भी उन के साथ रहें. मैं ने उसे कई बार समझाया, ‘वह सुधरने वाला नहीं है. आदमी दिल का कितना भी अच्छा हो, उसे अपनी जबान पर भी तो कंट्रोल होना चाहिए. तू उस से अलग हो जा, हम तुझे पूरा सहयोग देंगे. मैं रितेश से बात करूं क्या?’ तो उस ने आज जो फोन पर उत्तर दिया, उस ने तो मेरी सोच पर पूर्णविराम लगा दिया था.

‘ममा, शादी का निर्णय मेरा था. आप मेरी चिंता बिलकुल न करें. आगे मेरे भविष्य के लिए मुझे ही सोचने दीजिए. मेरे ही जीवन का प्रश्न नहीं है, मुझे प्रिशा के भविष्य के बारे में भी सोचना है. बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए मांबाप दोनों का उस के साथ होना आवश्यक है. फिर रितेश उसे कितना प्यार करता है और उस के पालनपोषण में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ता है.

‘आप जानती हैं, मेरी ससुराल वाले भी मुझे और प्रिशा दोनों को कितना प्यार करते हैं. रितेश से रिश्ता टूटने पर हम दोनों का उन से भी रिश्ता टूट जाएगा. आखिर उन का क्या कुसूर है? प्रिशा को उस के पापा और दादादादी के प्यार से वंचित रखने का मुझे क्या अधिकार है? प्रिशा को थोड़ा बड़ा हो जाने दो. 3 साल की हो गई है. आज के बच्चे पहले की तरह दब्बू नहीं हैं. देखना, वही अपने पापा का सुधार करेगी.

‘शादी एक समझौता है. यह 2 व्यक्तियों का ही नहीं, 2 परिवारों का बंधन है. इस के टूटने से बहुत सारे लोग प्र्रभावित हो सकते हैं. अभी ऐसी स्थिति नहीं है कि मैं रितेश से संबंध तोड़ लूं. आखिर मैं ने उस से प्यार किया है. उस को आदत पड़ गई है छोटीछोटी बातों पर रिऐक्ट करने की, जो, हालांकि, अर्थहीन होती हैं. कभी न कभी उसे समझ आएगी ही, ऐसा मुझे विश्वास है.’

पारुल ने धाराप्रवाह बोल कर मुझे बोलने का मौका ही नहीं दिया. एक बार तो यह लगा कि मैं उस की मां नहीं, वह मेरी मां है. विवाह के बाद कितनी समझदार हो गई है वह. यह तो मैं ने सोचा ही नहीं कभी कि पति से रिश्ता तोड़ने पर पूरे परिवार से संबंध टूट जाते हैं. मुझे अपनी बेटी पर गर्व होने लगा था.

Winter Health Tips in Hindi: सर्दियों में फॉलो करें ये 10 हेल्थ टिप्स और रहिए फ्रेश

Better Winter Health Tips : इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आएं हैं 10 Health Tips in Hindi. सर्दियों में हेल्दी रहने के लिए फॉलो करें ये 10 हेल्थ टिप्स और रहिए फ्रेश एंड फिट.

  • विंटर स्पेशल: क्या आपको पता है शहद खाने के ये 8 फायदे?honey1

प्राचीन काल से ही शहद को इस के स्वाद और सेहत वाले गुणों के लिए जाना जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि आज से लगभग 4000 साल पहले सुमेरियन क्ले टैबलेट्स में इस का दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. माना जाता है कि सुमेरियन चिकित्सा के 30% इलाजों में शहद शामिल होता था. प्राचीन इजिप्ट में शहद का उपयोग त्वचा व आंख संबंधी रोगों के निदान के लिए किया जाता था. भारत में सिद्धा और आयुर्वेद जैसे पुराने व परंपरागत चिकित्सकीय तरीकों में शहद की अहम भूमिका रही है.

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2. विंटर स्पेशल: सर्दियों के मौसम में ऐसे बनाएं अपना डायटचार्ट

हम जैसा भोजन करते हैं, हमारे तनमन पर उस का असर होता है. हैल्थ कौंशियस युवाओं के लिए यह मौसम चुनौती भरा होता है. ठंडे मौसम में एक्सरसाइज कर शरीर को ऊर्जावान बनाए रखना जरूरी है साथ ही ऐसा आहार जिस की कम मात्रा लेने से शरीर को पूरी कैलोरी मिले. अधिकतर युवा सर्दियों में अपनी डाइट को ले कर कर कन्फ्यूज रहते हैं. इसलिए इस सर्दी में लो फैट विद हाई कैलोरी से भरपूर डाइटचार्ट पर आप ध्यान देंगे तो अपने शरीर के बढ़ते वजन को नियंत्रित रख पाएंगे और स्वस्थ रहेंगे.

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3. विंटर स्पेशल : ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों में असरदार है कलौंजी

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डायबिटीज से हार्ट अटैक का खतरा अधिक हो जाता है. कलौंजी में ऐसे बहुत से गुण होते हैं जो डायबिटीज से सेहत को होने वाले नुकसान को कम करते हैं. काले बीजों में कोई कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है. स्टडी के मुताबिक, अपने डेली डाइट में कलौंजी को शामिल करने से खून में एलडीएल  LDL और ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल में कमी आ सकती है

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4. विंटर स्पेशल : जानें कैसे सेहत का हाल बताती है आपकी स्किन

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खिला चेहरा और घने लहराते बाल जहां हमें खूबसूरत दिखाते हैं, वहीं त्वचा और बालों से संबंधित समस्याएं जैसे बाल झड़ने शुरू हो जाना, फटे होंठ, मुंहासे व झुर्रियां हमारी खूबसूरती में ग्रहण भी लगा देते हैं. मगर क्या आप जानती हैं कि ये हमें बहुत सी शारीरिक बीमारियों के भी संकेत देते हैं? दरअसल, आप की त्वचा पर नजर आने वाली कोई भी समस्या यों ही नहीं होती उस का कोई न कोई कारण जरूर होता है, इसलिए उसे कभी नजरअंदाज न करें.

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5. विंटर स्पेशल: विंडीप वेन थ्रोम्बोसिस: चुपके से डसता है DVT

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मानव शरीर में नाडि़यों में खून के थक्के जम जाना काफी खतरनाक हो सकता है. पुराने रोगियों यानी जिन में क्रौनिक ढंग से रोग ने जड़ें जमा ली हों तो उन की टांगों की रक्त धमनियों में थक्के जमा होने लगते हैं और ये थक्के जानलेवा हो सकते हैं. इसलिए ऐसे मामले में उपचार व परहेज की तरफ खास ध्यान देने की बहुत जरूरत रहती है. विशेषज्ञ डाक्टर के अनुसार, ‘कई बार होता यह है कि टांगों की रक्त धमनियों से ये थक्के फेफड़ों या दिमाग में चले जाते हैं. इन के लक्षण सामने ही नहीं आ पाते. इस से रोग का सही निदान नहीं हो पाता. कुछ मामलों में तो रोगी की जान चली जाती है और मगर इस रोग का पता ही नहीं चल पाता. डाक्टरी भाषा में इसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस या डीवीटी कहते हैं.’

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6. विंटर स्पेशल: अदरक, लहसुन से लेकर गाजर तक, सर्दियों में जरूर खाएं ये 19 चीजें

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कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. सारे लोग स्वेटर्स, मफलर, कोट, जैकेट्स, मोजे, ग्लव्ज लपेटे सर्दी को भगाने की जुगत में लगे हैं, मगर ये सर्दी है कि हड्डियों में घुसी जा रही है. हाड़ कंपा रही है, दांत बजा रही है. दोस्तों, सिर्फ गर्म कपड़ों में घुसने से सर्दी नहीं जाएगी, इसको भगाने के लिए अन्दर गर्मी जगानी होगी. आपको अपने भोजन में ऐसी चीजों को शामिल करना पड़ेगा जो आपको अंदर से गर्मी दे. आज हम आपको सर्दी से बचने के लिए और शरीर को गर्म रखने के लिए क्या खाना चाहिए? इसके बारे में बताने जा रहे हैं.

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7. विंटर स्पेशल : सर्दियों में अस्थमा के मरीज बरतें सावधानी

prevention for asthma patients

सर्दियों का मौसम जितना सुहावना और सेहत के लिए लाभकारी होता है, उतना ही दमा यानी अस्थमा के मरीजों के लिए कष्टकारक भी होता है. इस दौरान सर्दी, जुकाम जोड़ों के दर्द के साथसाथ सांस की परेशानी भी बढ़ जाती है, जिस से दमा के रोगियों को काफी कष्ट होता है. इसलिए सर्दियों के मौसम में अस्थमा के मरीजों को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत होती है.

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8. विंटर स्पेशल : सर्दी के मौसम में कई रोगों की एक दवा है तेल मालिश

सर्दियों के मौसम में व्यायाम एवं सैर कम  होने और औयली डाइट ज्यादा लेने के कारण शरीर में फैट जम जाता है. फैट को कम करने के लिए शरीर की नियमित रूप से तेल मालिश करना बहुत जरूरी है. इससे फैट कम होने के साथ हीं त्वचा मुलायम और हाइड्रेटड रहती हैं. और चमक भी बनी रहती है.सर्दी के मौसम में तेल मालिश से रुखी हुई त्वचा पर जमी डेड स्किन सेल्स निकल जाती हैं. जिससे त्वचा मुलायम बनती है और रूखेपन के कारण त्वचा सम्बन्धी रोग दाद, खुजली आदि रोग नहीं होती है.

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9. विंटर स्पेशल : सर्दी के मौसम में भी जरूरी है पानी, जानें कब पिएं और कब नहीं

affects of drinking less water

शरीर का सिस्टम ही इतना मुस्तैद है कि जब भी शरीर को पानी की जरूरत होती है, तो वह प्यास के द्वारा बता देता है. फिर भी कई लोग काम की व्यस्तता में पानी पीना भूल भी जाते हैं. कुछ को पानी स्वादिष्ट नहीं लगता. वैसे कितना पानी लिया जाए, यह हमारी शारीरिक संरचना, काम के तौरतरीकों तथा वातावरण पर निर्भर करता है अमेरिकन इंस्टिट्यूट औफ मैडिसिन ने शरीर के लिए पानी की पर्याप्त ग्राह्यता पर रिसर्च की है. इस में एक दिन में महिलाओं के लिए 2.2 लिटर पानी तथा पुरुषों के लिए 3 लिटर पानी की सिफारिश की गई है.

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10. विंटर स्पेशल : प्रोटीन से भरपूर है ये आहार

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कई लोग प्रोटीन की कमी को गंभीरता से नहीं लेते हैं, हालांकि, यह आवश्यक है कि हमारा आहार ऐसा हो जो प्रोटीन का संतुलन बनाए रखे. जीवनशैली या शारीरिक गतिविधि के स्तर के बावजूद प्रत्येक वयस्क को शरीर के प्रतिकिलो वजन पर 0.85-1 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है और प्रतिदिन कम से कम 50 ग्राम प्रोटीन मिलना चाहिए. ज्यादा शारीरिक कसरत करने वाले व्यक्तियों को 0.5 ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता हो सकती है और गर्भवती महिलाओं को सामान्य स्तर की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक प्रोटीन चाहिए होता है.

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बिग बॉस 16: प्रियंका पर फूटा अर्चना का गुस्सा, फूट फूट कर रोई

बिग बॉस 16 के ट्विस्ट खत्म होने के नाम नहीं ले रहे हैं, आए दिन इसमें कोई न कोई ट्विस्ट आते रहता है, जिसके बाद से दर्शक भी इस शो को देखने के लिए काफी ज्यादा इच्छुक होते नजर आ रहे हैं.ऐसे में हाल ही में इस शो में अर्चना एक बार फिर भड़कती नजर आ रही हैं.

हाल ही में घर में राशन को लेकर बंटवारा हो रहा था, इसी बीच प्रियंका ने राशन ज्यादा लिए जिसे लेकर अर्चना उन पर भड़क गई हैं, जिसे लेकर घर में घमासान हो गया है. घर के कुछ सदस्य प्रियंका का साथ दे रहे हैं तो वहीं कुछ लोग अर्चना का साथ दे रहे हैं.

अर्चना जोर-जोर से चिल्ला चिल्लाकर कहती है कि उसे हटाओ मैं उसे देखना नहीं चाह रही हूं, जिसे लेकर घर के कुछ सदस्य मजा ले रहे हैं. वहीं घर के दूसरे सदस्य घर में क्रिसमस की तैयारी शुरू कर दिए हैं. वहीं घर के कुछ सदस्य एक -दूसरे को कपड़े देने की बात कर रहे हैं.

प्रियंका पर भड़की हुई है, अर्चना इन दिनों अपने आप को घर की बड़ी सदस्य मानने लगी है. वहीं घर में साजिद खान औऱ अब्दु की दोस्ती को लेकर भी घर में खूब बाते हो रही है. खैर यह सीजन काफी ज्यादा दिलचस्प है यह सीजन.

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