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…इसलिए शशांक मनोहर छोड़ सकते हैं BCCI अध्यक्ष का पद

शशांक मनोहर जल्द ही BCCI अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं. इसके पीछे दो तरह की वजह सामने आ रही हैं. पहली- ICC मई में सीक्रेट वोटिंग करने वाला है ताकि नया इंडिपेंडेंट चेयरमैन चुना जा सके. इस दौड़ में मनोहर सबसे आगे हैं. दूसरी- बीसीसीआई पर जस्टिस लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट पर अमल करने का दबाव है. खुद मनोहर एक साथ दो पोजिशन पर नहीं रह पाएंगे. मनोहर हटते हैं तो बीसीसीआई 16 महीने में तीसरा प्रेसिडेंट चुनेगा.

मनोहर को कौन कर सकता है रिप्लेस…

मनोहर के बीसीसीआई छोड़ने की स्थिति में उन्हें एनसीपी चीफ शरद पवार रिप्लेस कर सकते हैं. पवार मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट हैं. वे 2005 से 2008 के बीच बीसीसीआई चीफ रह चुके हैं. फिर वे 2010 से 2012 तक आईसीसी प्रेसिडेंट भी रहे हैं. जगमोहन डालमिया के बीसीसीआई प्रेसिडेंट चुने जाने और उनके निधन के बाद भी शरद पवार का नाम चर्चा में रहा था.

मनोहर कब बने थे बीसीसीआई चीफ

मिस्टर क्लीन कहे जाने वाले मनोहर पहले भी 2008 से 2011 तक बीसीसीआई प्रेसिडेंट रह चुके हैं. लॉयर और अच्छे एडमिनिस्ट्रेटर कहे जाने वाले मनोहर को अक्टूबर 2015 में जगमोहन डालमिया के निधन के बाद बीसीसीआई प्रेसिडेंट बनाया गया था. महज आधे घंटे की मीटिंग में वे बिना किसी विरोध के प्रेसिडेंट चुन लिए गए थे. पिछले कुछ महीनों से बीसीसीआई में आ रहे बड़े बदलावों और रिफॉर्म्स की कोशिशों का क्रेडिट मनोहर को ही जाता है. हाल ही में बीसीसीआई ने डिस्कवरी चैनल में रहे राहुल जौहरी को सीईओ बनाया है. ऐसा पहली बार हुआ है जब बीसीसीआई ने किसी आउटसाइडर को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी हो.

श्रीनिवासन का विरोध कर चुके हैं मनोहर

2015-16 की बीसीसीआई की एनुअल जनरल मीटिंग में मनोहर ने चेन्नई के इंडस्ट्रियलिस्ट एन श्रीनिवासन के खिलाफ कैम्पेन चलाया था. श्रीनिवासन तब बीसीसीआई और आईसीसी, दोनों के चीफ थे और स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल की कॉन्ट्रोवर्सी जोरों पर थी. बीसीसीआई का प्रेसिडेंट बनने के बाद मनोहर ने बोर्ड की इमेज सुधारने की जिम्मेदारी ली. उन्होंने कहा था कि उनका टर्म दो साल का है लेकिन वे जो बदलाव चाहते हैं, वे दो महीने में हो जाएंगे.

मनोहर के अपने बनाए नियम के चलते उन्हें जाना होगा

अगर मनोहर आईसीसी के मई में होने वाले इलेक्शन में कैंडिडेट बनते हैं तो उन्हें बीसीसीआई छोड़ना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके बीसीसीआई चीफ बनने के बाद ही यह नियम बनाया गया था कि कोई भी शख्स एक ही वक्त पर बीसीसीआई और आईसीसी, दोनों का चीफ नहीं रहेगा. मनोहर ने खुद नवंबर 2015 में आईसीसी में एन श्रीनिवासन को बतौर चेयरमैन रिप्लेस किया था.

बीसीसीआई पर क्या है दबाव?

बीसीसीआई पर आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से अप्वाइंट हुई जस्टिस लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर अमल करने का दबाव है. अभी सिफारिशों के खिलाफ अपील सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है. कई ऑफिस होल्डर्स को लग रहा है कि कमेटी की सिफारिशों से उनका दबदबा खत्म होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि बीसीसीआई में वन स्टेट-वन वोट की पॉलिसी होगी. यानी महाराष्ट्र-गुजरात में भले ही तीन-तीन क्रिकेट एसोसिएशंस हों, बीसीसीआई के इलेक्शंस में उनका एक ही वोट काउंट होगा. कई क्रिकेट एसोसिएशंस इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दलीलें दे रहे हैं.

क्या है युवराज के 6 गेंदों पर 6 छक्कों का राज

2007 में विश्व टी20 में युवराज सिंह के 6 गेंदों पर 6 छक्कों का कारनामा आज भी फैंस नहीं भूले हैं, लेकिन 9 साल बाद युवराज सिंह ने एक टीवी शो के दौरान अपने छह छक्कों का राज़ खोला है.

तो यह है राज…

युवराज सिंह ने कहा कि जब वह मैदान पर बल्लेबाज़ी करने आए तो इंग्लैंड के ऑलराउंडर एन्ड्रयु फ्लिंटॉफ ने उन पर तंज़ कसना शुरू कर दिया. फ्लिंटॉफ लगातार युवराज सिंह के शॉट्स को बेकार कहने लगे. युवराज सिंह को इस बात पर गुस्सा भी बहुत आया और एक बार तो उन्होंने फ्लिंटॉफ को बल्ला दिखाया और कहा कि ये जो बल्ला मेरे हाथ में है, मैं उसी से तुम्हें मार दूंगा.

फ्लिंटॉफ का गुस्सा ब्रॉड पर निकाला

अगला ओवर स्टुअर्ट ब्रॉड ने फेंका और उस वक्त युवराज सिंह का गुस्सा सातवें आसमान पर था. फ्लिंटॉफ का गुस्सा मानो युवराज सिंह ने ब्रॉड पर निकाला और एक के बाद एक कर छह गेंदों पर छह छक्के जड़ दिए. युवराज सिंह ने जैसे ही छठा सिक्स ओवर में मारा उन्होंने फ्लिंटॉफ की तरफ देखा और कुछ शब्द बोले. युवी को इस साल सनराइजर्स हैदराबाद ने 7 करोड़ में खरीदा है, लेकिन अभी तक वो अपनी चोट से पूरी तरह फिट नहीं हो पाए हैं.

लोन रिकवरी करने वाले बैंकों को मिलेगा सरकारी फंड

सरकार ने इस साल पब्लिक सेक्टर बैंकों को देने के लिए 25,000 करोड़ रुपये अलग रखे हैं. जो बैंक फंड चाहते हैं, उन्हें इसकी मांग रखने से पहले बैड लोन के मामले में कुछ सुधार करना होगा. वित्त मंत्रालय ने बैंकों से लोन रिकवरी का काम तेजी से करने के लिए कहा है. वह फंड जुटाने के बैंकों के प्लान और नॉन-कोर एसेट्स को बेचने के तरीके पर उनके साथ मीटिंग कर रही है. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमें बैंकों के साथ ग्रोथ के अनुमान, लोन ग्रोथ टारगेट और लो कॉस्ट डिपॉजिट जैसे दूसरे एफिशिएंसी पैरामीटर्स पर बात कर रहे हैं. ओवरऑल परफॉर्मेंस के आधार पर बैंकों को फंड दिया जाएगा.’

इसमें अहम पैमाना एनपीए की रीकवरी होगा. सरकारी बैंकों का ग्रॉस एनपीए दिसंबर 2015 तक बढ़कर 7.3 % हो गया था, जो मार्च 2015 में 5.43 % था. वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘हमें बैंकरप्सी लॉ संसद के मौजूदा सत्र में पास होने की उम्मीद है. इसके अलावा,सारफेसी और डीआरटी कानून में बदलाव  किया जा रहा है ताकि बैंकों को लोन रिकवरी में मदद मिले.’ फंड के लिए अभी तक इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने वित्त मंत्रालय के सामने प्रेजेंटेशन दिया है.

वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, ‘कुछ बैंकों को उन सेक्टर्स पर फोकस करना चाहिए जिनमें वे पहले से मजबूत हैं. जैस-एमएसएमई या एग्रीकल्चर लेंडिग. वे ऐसे क्षेत्रों को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति बना सकते हैं.’ वित्त मंत्रालय के मुताबिक, सरकारी बैंकों को फाइनैंशल ईयर 2019 तक 1.8 लाख करोड़ रुपये के एडिशनल कैपिटल की जरूरत पड़ेगी. इसमें 1.1 लाख करोड़ रुपये मार्केट और नॉन-कोर एसेट्स बेचकर जुटाए जाने हैं.

गेल को पीछे छोड़ किसने 21 गेंदों में जड़ा शतक?

वेस्टइंडीज के एक 23 वर्षीय बल्लेबाज ने महज 21 गेंदों में शतक जड़ दिया. इराक थॉमस नाम के इस बल्लेबाज ने यह रिकॉर्ड टोबेगो क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित टी20 टूर्नामेंट में बनाया. थॉमस ने अपनी पारी में 31 गेंदों पर नाबाद 131 रन ठोक डाले.

त्रिनिदाद व टोबेगो क्रिकेट एसोसिएशन के टी-20 टूर्नामेंट में स्पेसाइड्‍स द्वारा दिए गए 152 रनों के लक्ष्य को स्कारबोरो ने मात्र 8 ओवरों में हासिल किया. थॉमस बेहद आक्रामक बल्लेबाज है, वे इससे पहले चार्लोटविले के खिलाफ 53 गेंदों में 97 रन बना चुके हैं.

थॉमस ने कहा- मैं ट्‍वेंटी-20 क्रिकेट में अपना पहला शतक बनाकर बहुत खुश हूं. मुझे ज्यादा समय नहीं हुआ है और इस दौरान छोटे प्रारूप में शतक बनाकर मैं बहुत खुश हूं. यह ग्राउंड छोटा है, इसके चलते इस लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल नहीं था. इसी के मद्देनजर मैंने गेंदबाजों की जमकर पिटाई की.

वैसे इससे पहले टी20 क्रिकेट में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड भी वेस्टइंडीज के ही क्रिस गेल के नाम था गेल ने यह कीर्तिमान आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर की तरफ से 2013 में पुणे वॉरियर्स के खिलाफ बनाया था. गेल ने उस मैच में रिकॉर्ड 175 नाबाद रनों की पारी खेली थी. गेल ने इस मैच में मात्र 30 गेंदों में शतक बनाया था.

कयों अजहरुद्दीन से परेशान हैं ‘अजहर’ के मेकर्स?

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के विवादित जीवन पर बनी इमरान हाशमी स्टारर फिल्म 'अजहर' अगले महीने रिलीज होने जा रही है. इमरान इन दिनों फिल्म की प्रमोशन में जुटे हुए हैं. इस बीच अजहरुद्दीन ने मेकर्स से ऐसी डिमांड कर दी है, जिससे वो मुश्किल में फंस गए हैं.

दरअसल,  मोहम्मद अजहरुद्दीन ने मांग की है कि वो इमरान हाशमी के साथ फिल्म के हर प्रमोशनल इवेंट में भाग लेना चाहते हैं. सुनने में आया है कि अजहरुद्दीन की इस डिमांड से मेकर्स परेशानी में फंस गए हैं. मेकर्स को समझ में नहीं आ रहा कि इतने कम समय में वो कैसे प्रमोशन की प्लानिंग में बदलाव कर अजहरुद्दीन को भी इसमें शामिल करें?

फिल्म से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ' मेकर्स मीडिया में इमरान और अजहरुद्दीन का एक साथ इंटरव्यू कराने के बाद नरगिस फाखरी और प्राची देसाई समेत पूरी स्टार कास्ट को लेकर कुछ प्रमोशनल इवेंट्स करना चाहते हैं. ऐसे में हर इवेंट में अजहरुद्दीन को शामिल करना बड़ा मुश्किल काम है.'

मेकर्स को यह भी लग रहा है कि अगर हर प्रमोशनल इवेंट में अजहरुद्दीन शामिल होंगे, तो सभी का फोकस फिल्म की स्टारकास्ट पर ना होकर सिर्फ अजहरुद्दीन पर होगा. सूत्र की मानें तो, 'फिल्म के प्रति लोगों की उत्सुकता बढ़ाने के लिए ये जरूरी है कि स्टारकास्ट और फिल्म से जुड़े अनुभवों के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिले. तभी लोगों को सिनेमघरों तक आने के लिए प्रेरित किया जा सकता है.'

अब देखना यह है कि 'अजहर' के मेकर्स अजहरुद्दीन की इस मांग को स्वीकार करते हैं या नहीं. अगर ऐसा नहीं होता है,  तो यकीनन अजहरुद्दीन को बुरा लगेगा. और अगर उनकी की मांग को स्वीकार किया जाता है, तो फिल्म के प्रमोशन पर असर पड़ेगा.

अनोखा डिवाइस जो देगा आपके घर और बच्चों को सुरक्षा

स्टार्ट अप कंपनी इवोएक्सवाईजेड ने एक ऐसा अनोखा डिवाइस बनाया है जो आपके घर और बच्चों की सुरक्षा करेगा. इस अनोखे डिवाइस का नाम इवोटैग है. यह डिवाइस स्मार्टफोन में एप के साथ मिलकर काम करता है. जब कभी भी कोई खतरे में पड़ता है तो यह डिवाइस उसे भांप लेता है. और तुरंत खतरे की सूचना स्मार्टफोन को देता है. यह डिवाइस ‘लॉस्ट एंड फाउंड' की तरह काम करता है. इस डिवाइस से आप दूर बैठे सेल्फी भी ले सकते हैं. 

इवोटैग एक छोटा सा वाटरप्रूफ डिवाइस है जिसे बड़ी ही आसानी से किचेन या बैग में लटकाया जा सकता है. यह उन लोगों के लिए ज्यादा अच्छा है जो अपने बच्चों को भीड़-भाड़ वाले इलाके में लेकर जाते हैं. यह डिवाइस आपके खोए हुए बच्चे का पता लगा सकता है. 

इस डिवाइस को अगर बच्चों में लगा दिया जाए तो उनके आपसे ज्यादा दूर जाते ही स्मार्टफोन पर नोटिफिकेशन आने लगेगा. यह डिवाइस प्लग एंड प्ले डिवाइस है जिससे इसे किसी भी उम्र के लोग बड़ी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. इवोएक्सवाईजेड टेक्नोलॉजी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिल्पा माहना भटनागर ने बताया, ‘‘इवोटैग डिवाइस से बच्चों की सुरक्षा, बच्चों के व्यवहार का अध्ययन, मरीजों के लोकेशन का प्रबंधन, घर की सुरक्षा समेत कई अन्य काम किए जा सकते हैं.’’

इवोटैग नवीनतम लो इनर्जी की ब्ल्यूटूथ तकनीक से लैस है जिसकी बैटरी क्षमता एक साल की है. यह डिवाइस ऐमेजॉन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील समेत सभी प्रमुख ईकॉमर्स वेबसाइट पर उपलब्ध है.

ईपीएफ ब्याज दर में कटौती जायज : वित्त मंत्रालय

कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज के प्रस्ताव में कटौती के खिलाफ श्रमिक यूनियनों की नाराजगी के बीच वित्त मंत्रालय ने इस फैसले का बचाव किया और कहा कि ईपीएफ पर 2015-16 के लिए 8.7 % का ब्याज देने लिए भी इससे पिछले साल के अधिशेष का सहारा लेना होगा.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 2015-16 के लिए 8.8 % की दर से के ब्याज देने का प्रस्ताव किया था. वित्त मंत्रालय ने इसे 8.7 % कर दिया है. कर्मचारी यूनियनों ने वित्त मंत्रालय के इस फैसले के खिलाफ 29 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. इससे पिछले वित्त वर्ष में ईपीएफ पर 8.75 % का ब्याज दिया गया था.

वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि 2015-16 में ईपीएफओ की आमदनी इतनी नहीं है कि 8.7 % का ब्याज दिया जा सके. वर्ष 2014-15 में अधिशेष 1,604.05 करोड़ रुपये था. 8.8 % की प्रस्तावित दर पर 2015-16 में यह अधिशेष घटकर केवल 673.85 करोड़ रुपये रह जाएगा.

सूत्र ने कहा कि ऐसे में 8.8 % की प्रस्तावित दर के लिए इससे पिछले साल के अधिशेष में हाथ लगाना पड़ जाएगा और ऐसे में घटते ब्याज दरों में गिरावट के इस दौर में निवेशकों को अगले साल प्रतिफल में अपेक्षाकृत स्थिरता बनाए रखना की संभावना प्रभावित होगी.

 

दमदार परफॉर्मेंस, फिर क्यों नापसंद है ये बाइक

केटीएम ड्यूक भारत में 2012 में लॉन्‍च हुई थी. बजाज ऑटो केटीएम में 40 फीसदी की शेयरहोल्‍डर है और वही केटीएम को भारत में निर्माण, बिक्री और सर्विसिंग आदि में मदद करती है.

फिलहाल ड्यूक के दो वैरिएंट बाजार में हैं – केटीएम 200 केटीएम 390 ये दोनों ही लॉन्चिंग के बाद से बाजार में छाई हुई हैं.

आज हम आपको बता रहे हैं केटीएम बाइक्स को अमूमन लोग निगेटिव बाइक के तौर पर क्‍यों लेते हैं.

शोर करती है ये बाइक

Duke 200 and 390 स्‍पीडर बाइक्‍स हैं और शोर भी करती हैं इसलिए ज्‍यादातर पैरेंट अपने बच्‍चों को ये बाइक लेने से मना करते हैं. वे अपने बच्‍चे की सुरक्षा को लेकर कोई भी रिस्‍क नहीं लेते.

पार्ट और सर्विस है महंगी

ड्यूक 200 सीसी बाइक Rs. 1,43,000 की है जबकि 390 सीसी बाइक Rs. 1,96,000 के आसपास की एक्‍स शोरूम के साथ मिलती है. इनकी सर्विसिंग में तकरीबन Rs. 3000 – 4000 का खर्च आ जाता है जो कि भारतीय नजरिए से महंगा है. ऐसे में यह भी इन बाइक्‍स के लिए निगेटिव पॉइंट है.

तेज स्‍पीड बाइक्‍स

बाइक को चलाने का तरीका ये बाइक्‍स जिस तरह से चलाई जाती हैं, उससे लोगों के मन में इनके लिए निगेटिव इमेज बन जाती है. तेज स्‍पीड बाइक्‍स होने की वजह से कई बार इन्‍हें चलाने वालों की अन्य ड्राइवर्स से नोंकझोंक भी हो जाती है. लेकिन फिर भी इसकी दमदार परफॉर्मेंस के चलते यह लोगों की पसंद बनी हुई है.

सबसे ज्‍यदा एक्सिडेंट

इसका कोई परफेक्‍ट आंकड़ा नहीं है कि ड्यूक बाइक्‍स से कितने एक्सिडेंट होते हैं. लेकिन फिर भी इन बाइक्‍स से काफी एक्सिडेंट देखे गए हैं. अन्‍य मोटरसाइकिल के मुकाबले इससे ज्‍यादा एक्सिडेंट होना भी इसके लिए एक निगेटिव पॉइंट है.

कम है माइलेज

केटीएम ड्यूक 200 सीसी का माइलेज 35 kmpl और केटीएम ड्यूक 390 सीसी का माइलेज महज 25 ही है. ऐसे में माइलेज कम होना भी इनके लिए निगेटिव साबित होता है.

सूखे की मार: इस साल चीनी का करना होगा आयात

भारत को मौजूदा वित्त वर्ष में चीनी के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर रहना होगा. लगातार कई सालों से जारी सूखे के चलते सिंचाई की व्यवस्था कमजोर हो गई है और गन्ने की पैदावार पर खासा असर पड़ा है.

चीनी के उत्पादन में 40 फीसदी तक की कमी की संभावना है. बीते चार सालों में यह पहला मौका है, जब भारत को शत-प्रतिशत चीनी का आयात करना होगा. इस साल चीनी की वैश्विक कीमतें पहले से अधिक हैं, ऐसे में भारत की ओर से मांग बढ़ने पर दाम बढ़ सकते हैं.

यह पाकिस्तान, थाइलैंड और ब्राजील जैसे प्रतिद्वंदी देशों के लिए भी अपने निर्यात में इजाफा कर कमाई करने का मौका होगा. बॉम्बे शुगर मर्चेंट्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट अशोक जैन ने कहा, ‘उत्पादन में गिरावट के चलते भारत को अगले साल चीनी का आयात करने की आवश्यकता होगी.’

जैन ने कहा कि सूखे ने महाराष्ट्र के लगभग सभी इलाकों में गन्ने के उत्पादन को प्रभावित किया है. सरकार को निर्यात रोकना चाहिए ताकी अगले सीजन में आयात की जरूरतों को कम किया जा सके.

अल-नीनो के प्रभाव से सूखे की स्थिति पैदा होने के चलते ज्यादातर किसान गन्ने की बुवाई नहीं कर सके हैं.सात साल में यह पहला मौका होगा, जब देश में चीनी का उत्पादन उपभोग की जरूरतों से भी कम होगा.

फोन ऐसा जो गिरने से भी नहीं टूटे…

Motorola के प्रोडक्ट की फिलॉसफी काफी सरल होती है, इसे गूगल द्वारा अधिकृत कर लिया गया था. हालांकि अब इसका मालिक Lenovo है. यह अपने उत्पादों में ऐसे फीचर्स डालता है जिसके लिए लोग हमेशा से सतर्क होते हैं. चाहे वह सॉफ्टवेयर हो, डिजाइन या हार्डवेयर हो सबके साथ सरलता बनी रहती है. इस बार यह नहीं टूटने वाले स्क्रीन के साथ आया है.

Moto X Force साथ मोटोरोला मार्केट के लिए यह फोन लेकर आया है. ये अलग बात है कि हथौड़े से तोड़ने की कोशिश की जाए तो यह काम नहीं करेगा पर यदि हाथ से फिसल कर फोन गिरता है या फिर गुस्से में आप इसे जमीन पर फेंक देते हैं तब यह स्क्रीन नहीं टूटेगा. इसकी कीमत 49,999 रुपये रखी गयी है. नहीं टूटने वाले स्क्रीन के साथ इसमें और भी खूबियां और बुराईयां हैं, डालते हैं एक नजर-

डिजाइन

Motorola ने अपने इस फोन को अच्छे डिजाइन से लैस किया है हालांकि इसमें राउंडेड कॉर्नर नहीं है. इसमें मेटल फ्रेम लगा है. अब तक अपने फोन्स में मोटोरोला पहले से ही गोरिल्ला ग्लास का इस्तेमाल करता रहा है. मोटो एक्स फोर्स में शैटरप्रूफ ग्लास लगा हुआ है. फोन की बिल्ड क्वालिटी भी प्रभावी है. इसका बैक कवर बैलिस्टिक नायलॉन का बना है. यह ऐसा मटीरियल है जो छूने में सिल्क का अहसास देता है. इसके बैक पर मोटो का लोगो है. स्क्रीन के चारों ओर का फ्रेम थोड़ा उठा हुआ है जो गिरने पर ग्लास को बचाता है.

5.4 इंच स्क्रीन वाला Moto X Force बड़ा फोन है पर भारी नहीं, उपयोग करने में यह आरामदेह है. अगर आपका हाथ बड़ा है तो आप एक हाथ से X Force का उपयोग आराम से कर सकते हैं. अन्य मोटो फोंस की तरह ही Moto X Force भी वाटरप्रूफ है. यानि इसे पानी में गिरने पर भी कुछ नहीं होगा.

डिस्प्ले

Moto X Force की स्क्रीन बेहतर डिस्प्ले व टिकाऊ है. 5.4 इंच की स्क्रीन के साथ 1440 x 2560 पिक्सल रेज्योलूशन के साथ आने वाले इस फोन में टेक्सट व इमेज स्पष्ट दिखते हैं. डिवाइस के रंग बेहतर हैं. दिन के दौरान अच्छी रोशनी में स्क्रीन काफी अच्छा दिखता है लेकिन धीमी रोशनी में यह थोड़ा मंद हो जाता है.

इसकी ब्राइटनेस काफी अच्छी है. Moto X Force ने अपने स्क्रीन के ऊपर विशेष प्रकार के लेयर्स का उपयोग किया है, इसकी वजह से यह रिफलेक्टिव दिखता है.

जहां तक इसके टिकाउपन की बात है तो इस फोन का मुकाबला कोई नहीं कर सकता है. इसके पास नहीं टूटने वाली स्क्रीन है. और यह कोई झूठा दावा नहीं है

दूसरी अच्छी बात है कि इस फोन के साथ चार साल की वारंटी भी है.

सॉफ्टवेयर

अन्य मोटोरोला फोंस की तरह इसमें भी एंड्रायड लॉलीपॉप है, और मार्शमैलो अपडेट भी इसे मिलेगा.

मोटोरोला ने फोन पर कुछ एप्स प्रीलोडेड मुहैया कराए हैं. SHAREit जैसे कुछ उपयोगी एप्स भी हैं. X Force पर मार्शमैलो का स्लीक डिजाइन और सरल इंटरफेस है. उपयोग करने में यह काफी आसान है, इसका एनिमेशन भी काफी अच्छा है.

परफार्मेंस

Moto X Force हाई एंड फोन है और इसमें लगा हार्डवेयर भी अच्छी क्वालिटी वाला है. इसमें स्नैपड्रगन 810 प्रोसेसर, 3GB RAM, 32GB इंटरनल स्टोरेज है जिसे माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए 200GB तक बढ़ाया जा सकता है. अच्छा हार्डवेयर और साफ सॉफ्टवेयर वाला फास्ट व स्मूथ फोन है. इसमें GPS फास्ट है और वेब ब्राउजिंग भी स्मूथ है. फुल HD वीडियोज काफी आसानी से चलते हैं.

इसके अंदर पावरफुल प्रोसेसर्स हैं और Moto X Force में Implosion और Asphalt 8 जैसे गेम्स बड़ी आसानी से नियंत्रित किए जा सकते हैं. लेकिन स्नैपड्रगन810 वाले अन्य फोंस की तरह, यह फोन गर्म हो जाता है. यदि आप फोन पर 30 मिनटों तक लगातार Implosion खेलते हैं तो हीट को महसूस कर सकते हैं.

कॉल क्वालिटी व नेटवर्क परफार्मेंस काफी अच्छा है. कॉल में आवाज भी स्पष्ट है. इसका सिंगल स्पीकर छोटे से कमरे के लिए काफी है. लेकिन Lenovo Vibe X3 जैसे फोंस की तुलना में इसकी ऑडियो थोड़ी कमजोर है.

कैमरा

फोन में 21 मेगापिक्सल का रियर व 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है. अच्छी रोशनी में Moto X Force बढ़िया शूटर है. इसके द्वारा ली गयी तस्वीरों में व्हाइट बैलेंस व पर्फेक्ट मिटरिंग होती है. इमेजेस में रंगों का तालमेल अच्छा होता है. हालांकि धीमी रोशनी में Moto X Force से ली गयी तस्वीरें अच्छी नहीं होती, फोटोज को धुंधला करती है.

फ्रंट कैमरा अच्छा है. यह अच्छी सेल्फी देता है. अच्छी रोशनी में ली गयी वीडियोज स्प्ष्ट होती हैं पर कम रोशनी के वीडियोज का हाल बुरा होता है. इस फोन के कैमरा में निराश करता है इसका सॉफ्टवेयर.

बैटरी

Moto X Force में 3760 mAh की बैटरी लगी है. वास्तविक उपयोग में जब फोन को कई इमेल व सोशल मीडिया अकाउंट्स से जोड़ा जाता है और नियमित रूप से 3G नेटवर्क का उपयोग होता है तो बैटरी 14 से 15 घंटे का टाइम देता है, जो अच्छी बात है. यह फोन फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करता है हालांकि यह USB 2.0 का उपयोग करता है.

खरीदें या नहीं

Moto X Force कीमती फोन है. लेकिन यदि जरूरत है तो इसे आप बेशक ले सकते हैं क्योंकि इसकी कीमत के अनुसार क्वालिटी भी है.

अगर आप चाहते हैं कि फोन न टूटे तो Moto X Force ही एकमात्र ऑप्शन है. यदि आपका बच्च गेम खेलने की जिद करता है तो यह फोन उनके लिए ही है क्योंकि कितना भी उठापटक कर ले ये टूटेगा नहीं.

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