कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज के प्रस्ताव में कटौती के खिलाफ श्रमिक यूनियनों की नाराजगी के बीच वित्त मंत्रालय ने इस फैसले का बचाव किया और कहा कि ईपीएफ पर 2015-16 के लिए 8.7 % का ब्याज देने लिए भी इससे पिछले साल के अधिशेष का सहारा लेना होगा.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 2015-16 के लिए 8.8 % की दर से के ब्याज देने का प्रस्ताव किया था. वित्त मंत्रालय ने इसे 8.7 % कर दिया है. कर्मचारी यूनियनों ने वित्त मंत्रालय के इस फैसले के खिलाफ 29 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. इससे पिछले वित्त वर्ष में ईपीएफ पर 8.75 % का ब्याज दिया गया था.

वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि 2015-16 में ईपीएफओ की आमदनी इतनी नहीं है कि 8.7 % का ब्याज दिया जा सके. वर्ष 2014-15 में अधिशेष 1,604.05 करोड़ रुपये था. 8.8 % की प्रस्तावित दर पर 2015-16 में यह अधिशेष घटकर केवल 673.85 करोड़ रुपये रह जाएगा.

सूत्र ने कहा कि ऐसे में 8.8 % की प्रस्तावित दर के लिए इससे पिछले साल के अधिशेष में हाथ लगाना पड़ जाएगा और ऐसे में घटते ब्याज दरों में गिरावट के इस दौर में निवेशकों को अगले साल प्रतिफल में अपेक्षाकृत स्थिरता बनाए रखना की संभावना प्रभावित होगी.

 

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