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Romantic Story: चौदह इंच की लंबी दूरी

रात के 11 बज रहे थे. बाहर बारिश हो रही थी. अचला अपने बैडरूम की खुली खिड़की से बाहर का दृश्य देख रही थी, आंसू चुपचाप उस के गालों को भिगोने लगे थे. दिल में तूफान सा मचा था. वह बहुत उदास थी. कहां वह ऐसे हसीन मौसम का आनंद मनीष की बांहों में खो कर लेना चाहती थी और कहां अब अकेली उदास लेटी थी. उस ने 2 घंटे से लैपटौप पर काम करते मनीष को देखा, तो खुद को रोक नहीं पाई. कहने लगी, ‘‘मनीष, क्या हो रहा है यह… कितनी देर काम करते रहोगे?’’

‘‘तुम सो जाओ, मुझे नींद नहीं आ रही.’’

अचला का मन हुआ कि कहे नींद नहीं आ रही तो यह समय पत्नी के साथ भी तो बिता सकते हो, लेकिन वह कह नहीं पाई. यह एक दिन की तो बात थी नहीं. रोज का काम था. महीने में 10 दिन मनीष टूअर पर रहता था, बाकी समय औफिस या घर पर लैपटौप अथवा अपने फोन में व्यस्त रहता था.अचला को अपना गला सूखता सा लगा तो पानी लेने किचन की तरफ चली गई. सासससुर प्रकाश और राधा के कमरे की लाइट बंद थी. बच्चों के रूम में जा कर देखा तो तन्मय और तन्वी भी सो चुकी थे. घर में बिलकुल सन्नाटा था.वह बेचैन सी पानी पी कर अपने बैड पर आ कर लेट गई. सोचने लगी कि प्यार का खुमार कुछ सालों बाद इतना उतर जाता है? रोमांस का सपना दम क्यों तोड़ देता है? रोजरोज की घिसीपिटी दिनचर्या के बोझ तले प्यार कब और क्यों कुचल जाता है पता भी नहीं चलता. प्यार रहता तो है पर उस पर न जाने कैसे कुहरे की चादर पड़ जाती है कि पुराने दिन सपने से लगते हैं.

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लोगों के सामने जब मनीष जोश से कहता कि मुझे तो घर की, मांपिताजी की, बच्चों की पढ़ाई की कोई चिंता नहीं रहती, अचला सब मैनेज कर लेती है, तो अचला को कुछ चुभता. सोचती बस, मनीष को अपनी पत्नी के प्रति अपना कोई फर्ज महसूस नहीं होता. आज वह बहुत अकेलापन महसूस कर रही थी. उस से रहा नहीं गया तो उठ बैठी. फिर कहने लगी, ‘‘मनीष, क्या हम ऐसे ही बंधेबंधाए रूटीन में ही जीते रहेंगे? तुम्हें नहीं लगता कि हम कुछ बेहतरीन पल खोते जा रहे हैं, जो हमें इस जीवन में फिर नहीं मिलेंगे?’’

मनीष ने लैपटौप से नजरें हटाए बिना ही कहा, ‘‘अचला, मैं आज जिस पोजीशन पर हूं उसी से घर में हर सुखसुविधा है… तुम्हें किसी चीज की कोई कमी नहीं है, फिर तुम क्यों उदास रहती हो?’’

‘‘पर मुझे बस तुम्हारा साथ और थोड़ा समय चाहिए.’’

‘‘तो मैं कहां भागा जा रहा हूं. अच्छा, जरा एक जरूरी मेल भेजनी है, बाद में बात करता हूं.’’

फिर मनीष कब बैड पर आया, अचला की उदास आंखें कब नींद के आगोश में चली गईं, अचला को कुछ पता नहीं चला. काफी दिनों से प्रकाश और राधा उन दोनों के बीच एक सन्नाटा सा महसूस कर रहे थे, कहां इस उम्र में भी दोनों के पास बातों का भंडार था कहां उन के आधुनिक बेटाबहू नीरस सा जीवन जी रहे थे. राधा देख रही थीं कि अचला मनीष के साथ समय बिताने की चाह में उस के आगेपीछे घूमती है, लेकिन वह अपनी व्यस्तता में हद से ज्यादा डूबा था. यहां तक कि खाना खाते हुए भी फोन पर बात करता रहता. उसे पता भी नहीं चलता था कि उस ने क्या खाया. अचला का उतरा चेहरा प्रकाश और राधा को तकलीफ पहुंचाता. बच्चे अपनी पढ़ाई, टीवी में व्यस्त रहते. उन से बात कर के भी अचला के चेहरे पर रौनक नहीं लौटती.

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एक दिन प्रकाश और राधा ने मनीष को अपने पास बुलाया. प्रकाश ने कहा, ‘‘काम करना अच्छी बात है, लेकिन उस में इतना डूब जाना कि पत्नी को भी समय न दे पाओ, यह ठीक नहीं है.’’

‘‘पापा, क्या कह रहे हैं आप? समय ही कहां है मेरे पास? देखते नहीं कितना काम रहता है मेरे पास?’’

‘‘पढ़ीलिखी होने के बाद भी अचला ने घरगृहस्थी को ही प्राथमिकता दी. कहीं नौकरी करने की नहीं सोची. दिनरात सब का ध्यान रखती है, कम से कम उस का ध्यान रखना तुम्हारा फर्ज है बेटा,’’ मां राधा बोलीं.

‘‘मां, उस ने आप से कुछ कहा है? मुझे नहीं लगता कि वह मेरी जिम्मेदारियां समझती है?’’

‘‘उस ने कभी कुछ नहीं कहा, लेकिन हमें तो दिखती है उस की उदासी. मनीष, संसार में सब से लंबी दूरी होती है सिर्फ 14 इंच की, दिमाग से दिल तक, इसे तय करने में काफी उम्र निकल जाती है. कभीकभी यह दूरी इंसान का बहुत कुछ छीन लेती है और उसे पता भी नहीं चल पाता,’’ राधा ने गंभीर स्वर में कहा तो मनीष बिना कुछ कहे टाइम देखता हुआ जाने के लिए खड़ा हो गया.

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प्रकाश ने कहा, ‘‘मुझे इस पर किसी बात का असर होता नहीं दिख रहा है.’’

राधा ने कहा, ‘‘आज अचला से भी बात करूंगी. अभी उसे भी बुलाती हूं.’’

उन की आवाज सुन कर अचला आई तो राधा ने स्नेह भरे स्वर में कहा, ‘‘बेटा, देख रही हूं आजकल कुछ चुप सी रहती हो. भावुक होने से काम नहीं चलता बेटा. मैं तुम्हारी उदासी का कारण समझ सकती हूं.’’

प्रकाश ने भी बातचीत में हिस्सा लेते हुए कहा, ‘‘स्थान, काल, पात्र के अनुसार इंसान को खुद को उस में ढाल लेना चाहिए. तुम भी कोशिश करो, सुखी रहोगी.’’

अचला ने मुसकरा कर हां में सिर हिला दिया. सासससुर उसे बहुत प्यार करते हैं, यह वह जानती थी. अचला अकेले बैठी सोचने लगी. मांपिताजी ठीक ही तो कह रहे हैं, मैं ही क्यों हर समय रोनी सूरत लिए मनीष के साथ समय बिताने के लिए उन के आगेपीछे घूमती रहूं? रोजरोज पासपड़ोस में निंदापुराण सुनने में मन भी नहीं लगता, लाइब्रेरी की सदस्यता ले लेती हूं. कुछ अच्छी पत्रिकाएं पढ़ा करूंगी. कंप्यूटर सीखा तो है पर उस से ज्यादा अपनों के साथ बात करना अच्छा लगता है. कहां दिल लगाऊं? पता नहीं क्यों आज एक नाम अचानक उस के जेहन में कौंध गया, विकास. कहां होगा, कैसा होगा? वह उस अध्याय को शादी से पहले समाप्त समझ साजन के घर आ गई थी. लेकिन आज उसी बंद अध्याय के पन्ने फिर से खुलने के लिए उस के सामने फड़फड़ाने लगे.

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विकास उम्र का वह जादू था जिसे कोई चाह कर भी वश में नहीं कर सकता. यह भी सच था मनीष से विवाह के बाद उस ने विकास को मन से पूरी तरह निकाल दिया था. विकास से उस का विवाह जातिधर्म अलगअलग होने के कारण दोनों के मातापिता को मंजूर नहीं था. फिर मातापिता के सामने जिद करने की दोनों की हिम्मत भी नहीं हुई थी. दोनों ने चुपचाप अपनेअपने मातापिता की मरजी के आगे सिर झुका दिया था. आज जीवन के इस मोड़ पर नीरस जीवन के अकेलेपन से घबरा कर अचला विकास को ढूंढ़ने लगी. अचला ने कंप्यूटर औन किया, फेसबुक पर अकाउंट था ही उस का. सोचा उसे सर्च करे, क्या पता वह भी फेसबुक पर हो. नाम टाइप करते ही असंख्य विकास दिखने लगे, लेकिन अचानक एक फोटो पर नजर टिक गई. यह वही तो था. फिर उस ने उस का प्रोफाइल चैक किया, शहर, कालेज, जन्मतिथि सब वही. उस ने फौरन मैसेज बौक्स में मैसेज छोड़ा, ‘‘अचला याद है?’’

3 दिन बाद मैसेज आया, ‘‘हां, कभी भूला ही नहीं.’’

मैसेज आते ही अचला ने अपना मोबाइल नंबर भेज दिया. कुछ देर बाद ही वह औनलाइन दिखा और कुछ पलों में ही दोनों भूल गए कि उन का जीवन 15 साल आगे बढ़ चुका है. अचला भी मां थी अब तो विकास भी पिता था. अचला मुंबई में थी, तो विकास इस समय लखनऊ में था. अब दोनों अकसर चैट करते. कितने नएपुराने किस्से शुरू हो गए. बातें थीं कि खत्म ही नहीं होती थीं. पुरानी यादों का अंतहीन सिलसिला. प्रकाश और राधा चूंकि घर पर ही रहते थे, इसलिए बहू में आया यह परिवर्तन उन्होंने साफसाफ नोट किया. अचला के बुझे चेहरे पर रौनक रहने लगी थी. हंसतीमुसकराती घर के काम जल्दीजल्दी निबटा कर वह अपने बैडरूम में रखे कंप्यूटर पर बैठ जाती. कई बार वह विकास को अपने दिमाग से झटकने की कोशिश तो करती पर भूलाबिसरा अतीत जब पुनर्जीवित हो कर साकार सामने आ खड़ा हुआ तो उस से पीछा छुड़़ा पाना उतना आसान थोड़े ही होता है.

अब मनीष रात को लैपटौप पर होता, तो अचला फेसबुक पर. 1-2 बार मनीष ने पूछा, ‘‘तुम क्या ले कर बैठने लगी?’’

‘‘चैट कर रही हूं.’’

‘‘अच्छा? किस के साथ?’’

‘‘कालेज का दोस्त औनलाइन है.’’

मनीष चौंका पर चुप रहा. अचला और विकास अकसर एकदूसरे के संपर्क में रहते, पुरानी यादें ताजा हो चुकी थीं. दोनों अपनेअपने परिवार के बारे में भी बात करते. फोन पर भी मैसेज चलते रहते. एक दिन मनीष ने सुबह नाश्ते के समय अचला के फोन पर मैसेज आने की आवाज सुनी तो पूछा, ‘‘सुबहसुबह किस का मैसेज आया है?’’

अचला ने कहा, ‘‘फ्रैंड का?’’

‘‘कौन सी फ्रैंड?’’

‘‘आप को मेरी फ्रैंड्स में रुचि लेने का टाइम कब से मिलने लगा?’’

अचला मैसेज चैक कर रही थी, पढ़ कर अचला के चेहरे पर मुसकान फैल गई. विकास ने लिखा था, ‘‘याद है एक दिन मेरी मेज पर बैठेबैठे मेरी कौपी में तुम ने छोटे से एक पौधे का एक स्कैच बनाया था. आ कर देखो उस पौधे पर फूल आया है.’’ अचला की भेदभरी मीठी मुसकान सब ने नोट की. मनीष के चेहरे का रंग उड़ गया. वह चुप रहा. प्रकाश और राधा भी कुछ नहीं बोले.

तन्मय ने कहा, ‘‘मम्मी, आजकल आप बहुत बिजी दिखती हैं फोन पर. आप ने भी हमारी तरह खूब फ्रैंड्स बना लीं न?’’

तन्वी ने भी कहा, ‘‘अच्छा है मम्मी, कभी कंप्यूटर पर, कभी फोन पर, आप का अच्छा टाइमपास होता है न अब?’’

‘‘क्या करती बेटा, कहीं तो बिजी रहना ही चाहिए वरना बेकार तुम लोगों को डिस्टर्ब करती रहती थी.’’

मनीष ने उस के व्यंग्य को साफसाफ महसूस किया. प्रकाश और राधा ने अकेले में स्थिति की गंभीरता पर बात की. प्रकाश ने कहा, ‘‘राधा, मुझे लग रहा है हमारी बहू किसी से…’’

बात बीच में ही काट दी राधा ने, ‘‘मुझे अपनी बहू पर पूरा भरोसा है, मनीष को हम समझासमझा कर थक गए कि अचला और परिवार के लिए समय निकाले, पर उस के कान पर तो जूं तक नहीं रेंगती. पत्नी के प्रति उस की यह लापरवाही मुझे सहन नहीं होती. अब अचला अपने किसी दोस्त से बात करती है तो करने दो, मनीष का चेहरा देखा मैं ने आज, बहुत जल्दी उसे अपनी गलती समझ आने वाली है.’’

‘‘ठीक कहती हो राधा, मनीष बस काम को ही प्राथमिकता देने में लगा रहता है. मानता हूं वह भी जरूरी है पर उस के साथसाथ उसे अपने पति होने के दायित्व भी याद रखना चाहिए.’’ अगले कुछ दिन मनीष ने साफसाफ नोट किया कि अब अचला ने उसे कुछ कहना छोड़ दिया है. चुपचाप उस के काम करती. वह कुछ पूछता तो जवाब दे देती वरना अपनी ही धुन में मगन रहती. वह उस के औफिस जाने के बाद कंप्यूटर पर ही बैठी रहती है, यह वह घर के सदस्यों से जान ही चुका था. उस के सामने वह अपने फोन में व्यस्त रहती. अचला का फोन चैक करने की उस की बहुत इच्छा होती, लेकिन उस की हिम्मत न होती, क्योंकि घर में कोई किसी का फोन नहीं छूता था. यह घर वालों का एक नियम था.

एक दिन रात के 9 बज रहे थे. अचला विकास से चैटिंग करने की सोच ही रही थी कि अपना जरूरी काम जल्दी से निबटा कर और अचला का ध्यान कंप्यूटर और फोन से हटाने के लिए विकास ने अपना लैपटौप जल्दी से बंद कर दिया.

अचला ने चौंक कर पूछा, ‘‘क्या हुआ?’’

‘‘मूड नहीं हो रहा काम करने का.’’

‘‘फिर क्या करोगे?’’

मनीष ने उसे बांहों में कस लिया. शरारत से हंसते हुए कहा, ‘‘बहुत कुछ है करने के लिए,’’  और फिर रूठी सी अचला पर उस ने प्रेमवर्षा कर दी.

अचला हैरान सी उस बारिश में भीगती रही. उस में भीग कर उस का तनमन खिल उठा. अगले कई दिनों तक मनीष ने अचला को भरपूर प्यार दिया. उसे बाहर डिनर पर ले गया, औफिस से कई बार उस का हालचाल पूछ कर उसे छेड़ता, जिसे याद कर अचला अकेले में भी हंस देती. पतिपत्नी की छेड़छाड़ क्या होती है, यह बात तो अचला भूल ही गई थी. उस ने जैसे मनीष का कोई नया रूप देखा था. अब वह हैरान थी, उसे एक बार भी विकास का खयाल नहीं आया था. फोन के मैसेज पढ़ने में भी उस की कोई रुचि नहीं होती थी. मनीष को अपनी गलती समझ आ गई थी और उस ने उसे सुधार भी लिया था. उस ने अचला से प्यार भरे शब्दों में कहा भी था, ‘‘मैं तुम्हारा कुसूरवार हूं, मैं ने तुम्हारे साथ ज्यादती की है, तुम्हारा दिल दुखाने का अपराधी हूं मैं.’’ बदले में अचला उस के सीने से लग गई थी. उस की सारी शिकायतें दूर हो चुकी थीं. उसे भी लग रहा था विकास से संपर्क रख कर वह भी एक अपराधबोध में जी रही थी.

14 इंच की दूरी को मनीष ने अपने प्यार और समझदारी से खत्म कर दिया था. अब अचला को कहीं भटकने की जरूरत नहीं थी. एक दिन अचला ने अचानक अपने फोन से विकास का नंबर डिलीट कर दिया और फेसबुक से भी उसे अनफ्रैंड कर दिया.

Asim Riaz को छोड़ Himanshi Khurana ने Rohan Mehra संग बढ़ाई नजदीकियां! जानें वजह

टीवी इंडस्ट्री के लोकप्रिय शो ये रिश्ता क्या कहलाता है में नजर आ चुके रोहन मेहरा इन दिनों अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स में बिजी हैं. जिसमे वह हिमांशी खुराना के साथ नजर आएंगे, कुछ वक्त पहले भी रोहन मेहरा का एक वीडियो रिलीज हुआ था, जिसका रिस्पॉन्स बहुत अच्छा मिला था.

अब इस सफलता के बाद रोहन मेहरा फिर से एक नया वीडियो अपने फैंस के बीच में लेकर आ रहे हैं. इस वीडियो की खास बात यह है कि इसमें पंजाब की जानी मानी अदाकारा हिंमांशी खुराना नजर आने वाली हैं.

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रिपोर्ट्स की माने तो हिमाशी खुराना और रोहन मेहरा इन दिनों इस वीडियो की शूटिंग में व्यस्त है, जहां से साथ में दोनों की तस्वीर वायरल हो रही है. जहां फोटो में रोहन मेहरा कैजुअल लुक में दिखाई दे रहे हैं तो वही  हिमांशी ग्रीन कलर के शूट में काफी ज्यादा प्यारी लग रही है. इन दोनों की जोड़ी को देखने के बाद से फैंस ये कयास लगा रहे हैं कि  अब ये जोड़ी पर्दे पर कमाल करने वाली है.

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यह पहला वीडियो होगा जिसमें हिंमांशी खुराना और रोहन मेहरा एक साथ नजर आएंगे, दोनों के जोड़ी को देखने के बाद से फैंस लगातार ये कयास लगा रहे हैं कि पर्दे पर लोग क्या ख्याल रखते हैं.

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अब तक 20 म्यूजिक वीडियो में नजर आ चुके रोहन मेहरा काफी ज्यादा उत्साहित नजर आ रहे हैं. एक रिपोर्ट में बात करते हुए उन्होंने कहा है कि मुझे हिमांशी के साथ काम करके काफी ज्यादा अच्छा लगा. अगर आगे भी मझे मौका मिला तो मैं इनके साथ काम जरर करुंगा.

Dilip Kumar Death : अक्षय कुमार और अजय देवगन ने खोया अपना हीरो, ट्वीट कर जताया दुख

भारतीय सिनेमा के महान कलाकार दिलीप कुमार का बुधवार को निधन हो गया है, 98 वें साल के उम्र में उन्होंने अंतिम सास ली है. लंबे वक्त से वह बीमारी से जंग लड़ रहे थे. उनके निधन से पूरी इंडस्ट्री को सदमा लगा हुआ है.

दिलीप कुमार की मौत से उनके फैंस को बहुत बड़ा सदमा लगा है, साथ ही दिलीप कुमार के निधन से सिनेमा जगत के एक युग का अंत हो गया है. दिलीप कुमार के निधन की खबर आते ही सोशल मीडिया पर दिलीप कुमार ट्रेंड करने लगे हैं.

 

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दिलीप कुमार के हैंडल से ट्विट करते हुए लिखा गया है कि  ‘भारी  दिल और गहरे दुख के साथ मैं हमारे दिलीप कुमार जी के इंतकाल की सूचना दे रहा हूं, हम भगवान के हैं और हमें  वापिस जाना है’ . तमाम बॉलीवड सेलिब्रिटी और विदेशी सिनेमा जगत के लोग दिलीप  कुमार के जाने पर दुख जता रहे हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी और अजय देवगन समेत तमाम बॉलीवुड हस्तियों ने उनके जाने पर शोक जताया है. बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने ट्विट करते हुए लिखा है कि तमाम लोगों के लिए बहुत सारे हीरो होंगे लेकिन हमारे लिए दिलीप कुमार ही हीरो थे, अक्षय के इस ट्विट से साफ समझ आ रहा है कि उन्हें दिलीप कुमार के जाने का बहुत ज्यादा दुख है.

 

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वहीं अजय देवगन ने लिखा कि लीजेंड के साथ कई यादगार पल बिताए थें, कुछ बहुत निजी थे तो कुछ स्टेज तक सिमित थें, मैं निधन के खबर के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था, एवरग्रीन एक्टर के जाने के बाद से मेरा दिल टूट गया है. इसके अलावा कई सारे दिग्गज कलाकारों को दिलीप कुमार के जाने का गम है. वह सभी भी दिलीप कुमार के लिए शोक जता रहे हैं.

 

Romantic Story: सोनाली की शादी-भाग 1

दीपाली सुंदर थी, युवा थी. प्रणय भी सजीला था, नौजवान था. दोनों पहलेपहल कालेज की कैंटीन में मिले, आंखें चार हुईं और फिर चोरीछिपे मुलाकातें होने लगीं. दोनों ने उम्रभर साथ निभाने के वादे किए.

प्रणय की पढ़ाई समाप्त हो चुकी थी. वह उच्चशिक्षा के लिए शीघ्र ही अमेरिका जाने वाला था. दीपाली से 2-3 साल दूर रहने की कल्पना से वह बेचैन हो गया. सो, उस ने प्रस्ताव रखा, ‘‘चलो, हम अभी शादी कर लेते हैं.’’

दोनों कालेज की कैंटीन में बैठे हुए थे.

‘‘शादी? उंह, अभी नहीं,’’ दीपाली बोली.

‘‘क्यों नहीं? हमारी शादी में क्या रुकावट है? तुम भी बालिग हो, मैं भी.’’

‘‘तुम समझते नहीं. मेरी बड़ी बहन सोनाली अभी तक कुंआरी बैठी हैं और वे मुझ से 5 साल बड़ी हैं. मेरे मातापिता कहते हैं कि जब तक उस की शादी न हो जाए, मेरी शादी का सवाल ही नहीं उठता.’’

प्रणय सोच में पड़ गया. कुछ क्षण रुक कर बोला, ‘‘अभी तक सोनाली की शादी क्यों नहीं हुई? क्या वे बदसूरत हैं या कोई नुक्स है उन में?’’

दीपाली खिलखिलाई, ‘‘ऐसा कुछ नहीं है, दीदी बहुत सुंदर हैं.’’

‘‘तुम से भी ज्यादा?’’ प्रणय ने चौंकते हुए पूछा.

‘‘अरे, मैं तो उन के सामने कुछ भी नहीं हूं. दीदी बहुत रूपवती हैं, पढ़ीलिखी हैं, स्मार्ट हैं, कालेज में पढ़ाती हैं. उन के जोड़ का लड़का मिलना मुश्किल हो रहा है. दीदी लड़कों में बहुत मीनमेख निकालती हैं. अब तक बीसियों को मना कर चुकी हैं. मेरी मां तो कभीकभी चिढ़ कर कहती हैं कि पता नहीं, कौन से देश का राजकुमार इसे ब्याहने आएगा.’’

‘‘तब हमारा क्या होगा, प्रिये?’’ प्रणय ने हताश हो कर कहा, ‘‘3 महीने बाद मैं अमेरिका चला जाऊंगा. फिर पता नहीं कब लौटना हो. क्या तुम मेरी जुदाई सह पाओगी? मैं तो तुम्हारे बगैर वहां रहने की सोच भी नहीं सकता.’’

समस्या गंभीर थी, सो, दोनों कुछ क्षण गुमसुम बैठे रहे.

‘‘अच्छा, यह तो बताओ कि तुम्हारी दीदी कैसा वर चाहती हैं? जरा उन की पसंद का तो पता चले.’’

‘‘ऊंचा, रोबीला, मेधावी, सुसंस्कृत, शिक्षित, सुदर्शन.’’

‘‘अरे बाप रे, इतनी सारी खूबियां एक आदमी में तो मिलने से रहीं. लगता है, तुम्हारी दीदी को द्रौपदी की तरह 5-5 शादियां करनी पड़ेंगी.’’

‘‘देखो जी,’’ दीपाली ने तनिक गुस्से से कहा, ‘‘मेरी बहन का मजाक मत उड़ाओ, नहीं तो…’’

‘‘खैर, छोड़ो. पर यह तो बताओ कि हमारी समस्या कैसे हल होगी?’’

‘‘वह तुम जानो,’’ दीपाली उठ खड़ी हुई, ‘‘मेरी क्लास है, मैं चलती हूं. वैसे मैं ने मां के कानों में अपनी, तुम्हारी बात डाल दी है. उन्हें तो शायद मना भी लूंगी, पर पिताजी टेढ़ी खीर हैं. वे इस बात पर कभी राजी नहीं होंगे कि सोनाली के पहले मेरी शादी हो जाए.’’

उस के जाने के बाद प्रणय बुझा हुआ सा बैठा रहा. तभी उस के कुछ दोस्त  कैंटीन में आए.

‘‘अरे, देखो, अपना यार तो यहां बैठा है,’’ रसिक लाल ने कहा, ‘‘क्यों मियां मजनूं, आज अकेले कैसे, लैला कहां है? और सूरत पर फटकार क्यों बरस रही है?’’

प्रणय ने उन्हें अपनी समस्या बताई, ‘‘यार, दीपाली की बहन सोनाली को एक वर की तलाश है…और वर भी ऐसावैसा नहीं, किसी राजकुमार से कम नहीं होना चाहिए.’’

‘‘राजकुमार?’’ श्यामल चमक कर बोला, ‘‘गुरु, यदि राजकुमार की दरकार है तो अपन अर्जी दिए देते हैं.’’

‘‘हा…हा…हा…’’ दामोदरन ने हंसते हुए कहा, ‘‘कभी आईने में अपनी शक्ल देखी है? ये रूखे बाल, ये सूखे गाल, फटेहाल…राजकुमार ऐसे हुआ करते हैं?’’

‘‘अरे, शक्ल का क्या है, अभी उस साबुन से नहा लूंगा. वही जिस का आएदिन टीवी पर विज्ञापन आता रहता है. तब तो एकदम तरोताजा लगने लगूंगा. शेष रहे कपड़े, तो एक भड़कीली पोशाक किराए पर ले लूंगा. अगर चाहो तो ताज और तलवार भी.’’

‘‘यार, बोर मत कर,’’ प्रणय ने कहा, ‘‘यहां मेरी जान पर बनी है और तुम लोगों को मजाक सूझ रहा है.’’

‘‘यार,’’ रसिक लाल ने कहा, ‘‘हमारे ताड़देव के इलाके में एक ‘मैरिज ब्यूरो’ खुला है, नाम है, ‘मनपसंद विवाह संस्था.’ ब्यूरो वालों ने अब तक सैकड़ों शादियां कराई हैं. वहां अर्जी दे दो, अपनी जरूरत बता दो, लड़का वे मुहैया करा देंगे.’’

‘‘यह हुई न बात,’’ प्रणय खुशी से उछल पड़ा, ‘‘झटपट वहां का पता बता. लेकिन क्या पता, सोनाली के मांबाप वहां पहले ही पहुंच कर नाउम्मीद हो चुके हों?’’

‘‘यह कोईर् जरूरी नहीं. कई लोग अखबार में शादी का विज्ञापन देने और ऐसी संस्थाओं में लड़का तलाशने से कतराते हैं.’’

ताड़देव में एक इमारत की तीसरी मंजिल पर मनपसंद विवाह संस्था का कार्यालय था. प्रणय ने जब अंदर प्रवेश किया तो एक छरहरे बदन के धोतीधारी सज्जन ने चश्मे से उसे घूरा, ‘‘कहिए?’’

‘‘मैं…मैं,’’ प्रणय हकलाने लगा.

‘‘हांहां, कहिए? क्या शादी के लिए वधू चाहिए?’’

‘‘जी नहीं, लड़का.’’

‘‘जी?’’

‘‘मेरा मतलब है, शादी मुझे नहीं करनी. अपनी पत्नी की भावी बहन… नहींनहीं, अपनी भावी पत्नी की बहन के लिए वर की जरूरत है.’’

‘‘ठीक है. यह फौर्म भर दीजिए. अपनी जरूरतें दर्ज कीजिए और लड़की का विवरण भी दीजिए. फोटो लाए हैं? अगर नहीं, तो बाद में दे जाइएगा. हां, फीस के एक हजार रुपए जमा कर दीजिए.’’

‘‘एक हजार?’’

‘‘यह लो, एक हजार तो कुछ भी नहीं हैं. लड़का मिलने पर आप शादी में लाखों खर्च कर डालेंगे कि नहीं? और फिर हम यहां खैरातखाना खोल कर तो नहीं बैठे हैं. हम भी चार पैसे कमाने की गरज से दफ्तर खोले बैठे हैं. यहां का भाड़ा, कर्मचारियों और दरबान का वेतन वगैरह कहां से निकलेगा, बताइए?’’

कम बजट में ऐसे बनाएं टेस्टी दाल सूप और धनिया आलू चाट

लो बजट यानी कम पैसे में स्वादिष्ठ व्यंजन. कम बजट में इस तरह के व्यंजनों का समावेश होना चाहिए जो मौसमी हों, जिस में कम घी, तेल व मिर्चमसाले का प्रयोग हो और खाने में स्वादिष्ठ व पौष्टिक हों. जरूरी नहीं कि कई व्यंजन बनाए जाएं, एक संपूर्ण व्यंजन से भी काम चलाया जा सकता है जैसे वैजी कुलचा, काठी रोल आदि.

1 स्वादिष्ठ दाल सूप

सामग्री
1/2 कप धुली मसूर दाल, 2 गाजर मध्यम आकार की, 200 ग्राम पका कद्दू, 1 कप लौकी चौकोर टुकड़ों में कटी, 1 तेजपत्ता, 3 कली लहसुन कटा हुआ, 1/2 कप प्याज बारीक कटा, 1/2 कप टोंड मिल्क, 1 छोटा चम्मच कौर्नफ्लोर, नमक, कालीमिर्च चूर्ण व नीबू का रस स्वादानुसार. 1 बड़ा चम्मच मक्खन.

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विधि
दाल धो कर पानी में भिगो दें. मक्खन, तेल गरम कर के तेजपत्ता डालें फिर प्याज, लहसुन 1 मिनट भूनें. इस में सभी सब्जियां व दाल 2 कप पानी डाल कर प्रैशरपैन में पकाएं. पकने पर हैंडमिक्सर से चर्न कर के छान लें. अब इस में आवश्यकतानुसार गरम पानी व दूध में कौर्नफ्लोर मिला कर डालें. 2 मिनट उबालें व नमक डाल दें. सूप बाउल में सूप डालें, ऊपर से कालीमिर्च चूर्ण व हरा धनिया बुरक कर नीबू के स्लाइस के साथ सर्व करें.

2 धनिया आलू चाट

सामग्री  

250 ग्राम बहुत छोटे साइज के आलू, 2 कप धनियापत्ती बारीक कटी, 1 छोटा चम्मच जीरा, चुटकीभर हींग पाउडर, 1/4 छोटा चम्मच हलदी पाउडर, 2 छोटे चम्मच धनिया पाउडर दरदरा कुटा, लालमिर्च पाउडर स्वादानुसार, 1 छोटा चम्मच चाटमसाला, 1 छोटा चम्मच अमचूर, नमक स्वादानुसार और 1 बड़ा चम्मच रिफाइंड औयल.

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विधि
आलुओं को थोड़ा कम उबालें ताकि वे टूटें नहीं, साबुत गोल ही रहें. फिर उन्हें छीलें व किसी चीज से गोद दें. एक नौनस्टिक पैन में तेल गरम कर के हींगजीरा डालें. फिर आलू व हलदी पाउडर डाल दें.
धीमी गैस पर ढक कर 2 मिनट पकाएं फिर ऊपर लिखे सभी सूखे मसाले डाल कर 1 मिनट उलटेंपलटें. हरा धनिया बुरकें व 1 मिनट और पकाएं चलाते हुए. बढि़या आलू चाट तैयार है.

#lockdown: घर के पौष्टिक आहार से बनाये बच्चों को तंदरुस्त !

इन दिनों  आपके बच्चे घर पर ही पक्का खाना खा रहें होंगे और आगे भी उन्हें घर का ही पोष्टिक खाना खिलाना है , लॉक डाउन के बाद भी आपके नन्हे मुन्ने, बाल गोपाल घर पर ही खाना खाए और हिस्ट – पुष्ट रहे . तो आइये जानते है :-

(1)  बचपन का समय जो बच्चों के शारीरिक  बदलाव का एक प्रमुख समय होता हैं. इसलिए जरूरी है कि आप बच्चे के आहार में हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज खाना ज्यादा ड़ालें. भले ही वे उन्हें पसंद नहीं करते हैं, ये सब इनके सेहत के बेहद जरूरी है.

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(2 ) बच्चों को खाना परोसते हुए उसे थोड़ा डेकोरेट करें. ताकि वे खाने में दिलचस्पी लें और खेल-खेल में ही अपना खाना पूरा खत्म कर दें.

(3) अक्सर हमलोग गेंहू के आटे की रोटियां खाते हैं इस बात का नियम बनाए की आंटा चोकर के साथ बांये रोटियां उसको अलग नही करे , चोकर या छिल्का युक्त अनाज विटामिन बी और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो आपके बच्चे का पेट भरने के साथ ही उनके पाचन को सुधारने में भी मददगार होते हैं.

(4)  अपने छोटे बच्चो  को इसके अलावा दलिया, क्विन्वा या ब्राउन ब्रेड,अंकुरित अनाज, सोयाबीन, चना भी खिलाएं.

(5) प्रोटीन युक्त आहार ऊतको का मरम्मत, हीमोग्लोबिन बनाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और मांसपेशियों को विकसित करने में मदद करता है. सी फूड, अंडे, लीन मीट, मुर्गी, फलियां, मटर, दूध, दाल, सोया आदि प्रोटीन के स्रोत होते हैं.

(6) अपने बच्चों को अलग-अलग प्रकार के फलों को खिलाए. मौसम के अनुसार मिलाने वाले ताजा फलों को पहले अच्छे तरह से साफ कर बच्चों को दे .

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(7)  घर पर बिना चीनी मिलाए जूस ही बच्चे को दें. मार्केट के पैकेट बन्द जूस मे शुगर के मात्रा अधिक होती हैं .

(8) सब्जियां खिलाएं, मटर, बीन्स, हरी पत्तेदार सब्जियां आपके बच्चे के सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं. ये विटामिन्स, मिनरल और आयरन से भरपूर होती हैं.

(9) कम वसा युक्त डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही, पनीर आदि कैल्शियम का अच्छा स्रोत होते हैं, जो शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाते हैं. बच्चों के लिए गाय के दूध का सेवन ज्यादा लाभदायक होता है.

(10) गर्मियों में बच्चों को खूब तरल पदार्थो का सेवन कराएं . जिससे उनके शरीर हाइड्रेट रहे.दही, पुदीना, खरबूज, तरबूज देते रहें।

* इस दौरान आपको यह भी ख्याल रखना है अपने नन्हे जान को क्या  खिलाएं

(1)प्रिजर्व्ड फूड, चॉकलेट्स, कैंडी, ब्राउन सुगर को कम से कम ही बच्चों के आहार में शामिल करें, क्योंकि इससे उनके दांतों में कैविटी होने की आशंका होती है. इसके बारे में बच्चों से बात करे और समझाए .

(2) बच्चों को मार्केट में मिलने वाले फ़ास्ट फ़ूड से दूरी बनाए रखे. अगर आपके बच्चे जिद्द करते है तो कोशिश करे उसका विकल्प आप घर पर बना सके .

Romantic Story : सबक

सुबहसैर कर के लौटी निशा ने अखबार पढ़ रहे अपने पति रवि को खुशीखुशी बताया, ‘‘पार्क में कुछ दिन पहले मेरी सपना नाम की सहेली बनी है. आजकल उस का अजय नाम के लड़के से जोरशोर के साथ इश्क चल रहा है.’’

‘‘मुझे यह क्यों बता रही हो?’’ रवि ने अखबार पर से बिना नजरें उठाए पूछा.

‘‘यह सपना शादीशुदा महिला है.’’

‘‘इस में आवाज ऊंची करने वाली क्या बात है? आजकल ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं.’’

‘‘आप को चटपटी खबर सुनाने का कोई फायदा नहीं होता. अभी औफिस में कोई समस्या पैदा हो जाए तो आप के अंदर जान पड़ जाएगी. उसे सुलझाने में रात के 12 बज जाएं पर आप के माथे पर एक शिकन नहीं पड़ेगी. बस मेरे लिए आप के पास न सुबह वक्त है, न रात को,’’ निशा रोंआसी हो उठी.

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‘‘तुम से झगड़ने का तो बिलकुल भी वक्त नहीं है मेरे पास,’’ कह रवि ने मुसकराते हुए उठ कर निशा का माथा चूमा और फिर तौलिया ले कर बाथरूम में घुस गया.

निशा ने माथे में बल डाले और फिर सोच में डूबी कुछ पल अपनी जगह खड़ी रही. फिर गहरी सांस खींच कर मुसकराई और रसोई की तरफ चल पड़ी.

उस दिन औफिस में रवि को 4 परचियां मिलीं. ये उस के लंच बौक्स, पर्स, ब्रीफकेस और रूमाल में रखी थीं. इन सभी पर निशा ने सुंदर अक्षरों में ‘आईलवयू’ लिखा था.

इन्हें पढ़ कर रवि खुश भी हुआ और हैरान भी क्योंकि निशा की यह हरकत उस की समझ से बाहर थी. उस के मन में तो निशा की छवि एक शांत और खुद में सीमित रहने वाली महिला की थी.

रोज की तरह उस दिन भी रवि को औफिस से लौटने में रात के 11 बज गए. उन चारों परचियों की याद अभी भी उस के दिल को गुदगुदा रही थी. उस ने निशा को अपनी बांहों में भर कर पूछा, ‘‘आज कोई खास दिन है क्या?’’

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‘‘नहीं तो,’’ निशा ने मुसकराते हुए जवाब दिया.

‘‘फिर वे सब परचियां मेरे सामान में क्यों रखी थीं?’’

‘‘क्या प्यार का इजहार करते रहना गलत है?’’

‘‘बिलकुल नहीं, पर…’’

‘‘पर क्या?’’

‘‘तुम ने शादी के 2 सालों में पहले कभी ऐसा नहीं किया, इसलिए मुझे हैरानी हो रही है.’’

‘‘तो फिर लगे हाथ एक नई बात और बताती हूं. आप की शक्ल फिल्म स्टार शाहिद कपूर से मिलती है.’’

‘‘अरे नहीं. मजाक मत उड़ाओ, यार,’’ रवि एकदम से खुश हो उठा था.

‘‘मैं मजाक बिलकुल नहीं उड़ा रही हूं, जनाब. वैसे मेरा अंदाजा है कि आप बन रहे हो. अब तक न जाने कितनी लड़कियां आप से यह बात कह चुकी होंगी.’’

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‘‘आज तक 1 ने भी नहीं कही है यह बात.’’

‘‘चलो शाहिद कपूर नहीं कहा होगा, पर आप के इस सुंदर चेहरे पर जान छिड़कने वाली लड़कियों की कालेज में तो कभी कमी नहीं रही होगी,’’ निशा ने अपने पति की ठोड़ी बड़े स्टाइल से पकड़ कर उसे छेड़ा.

‘‘मैडम, मेरी दिलचस्पी लड़कियों में नहीं, बल्कि पढ़नेलिखने में थी.’’

‘‘मैं नहीं मानती कि कालेज में आप की कोई खास सहेली नहीं थी. आज तो मैं उस के बारे में सब कुछ जान कर ही रहूंगी,’’ निशा बड़ी अदा से मुसकराई और फिर स्टाइल से चलते हुए चाय बनाने के लिए रसोई में घुस गई.

उस दिन से रवि के लिए अपनी पत्नी के बदले व्यवहार को समझना कठिन होता चला गया था.

उस रात निशा ने रवि से उस की गुजरी जिंदगी के बारे में ढेर सारे सवाल पूछे. रवि शुरू में झिझका पर धीरेधीरे काफी खुल गया. उसे पुराने दोस्तों और घटनाओं की चर्चा करते हुए बहुत मजा आ रहा था.

वैसे वह पलंग पर लेटने के कुछ मिनटों बाद ही गहरी नींद में डूब जाता था, लेकिन उस रात सोतेसोते 1 बज गया.

‘‘गुड नाइट स्वीट हार्ट,’’ निशा को खुद से लिपटा कर सोने से पहले रवि की आंखों में उस के लिए प्यार के गहरे भाव साफ नजर आ रहे थे.

अगले दिन निशा सैर कर के लौटी तो उस के हाथ में एक बड़ी सी चौकलेट थी. रवि के सवाल के जवाब में उस ने बताया, ‘‘यह मुझे सपना ने दी है. उस का प्रेमी अजय उस के लिए ऐसी 2 चौकलेट लाया था.’’

‘‘क्या तुम्हें चौकलेट अभी भी पसंद है?’’

‘‘किसी को चौकलेट दिलवाने का खयाल आना बंद हो जाए, तो क्या दूसरे इंसान की उसे शौक से खाने की इच्छा भी मर जाएगी?’’ निशा ने सवाल पूछने के बाद नाटकीय अंदाज में गहरी सांस खींची और अगले ही पल खिलखिला कर हंस भी पड़ी.

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रवि ने झेंपे से अंदाज में चौकलेट के कुछ टुकड़े खाए और साथ ही साथ मन में निशा के लिए जल्दीजल्दी चौकलेट लाते रहने का निश्चय भी कर लिया.

‘‘आज शाम को क्या आप समय से लौट सकेंगे?’’ औफिस जा रहे रवि की टाई को ठीक करते हुए निशा ने सवाल किया.

‘‘कोई काम है क्या?’’

‘‘काम तो नहीं है, पर समय से आ गए तो आप का कुछ फायदा जरूर होगा.’’

‘‘किस तरह का फायदा?’’

‘‘आज शाम को वक्त से लौटिएगा और जान जाइएगा.’’

निशा ने और जानकारी नहीं दी तो मन में उत्सुकता के भाव समेटे रवि को औफिस जाना पड़ा.

मन की इस उत्सुकता ने ही उस शाम रवि को औफिस से जल्दी घर लौटने को मजबूर कर दिया था.

उस शाम निशा ने उस का मनपसंद भोजन तैयार किया था. शाही पनीर, भरवां भिंडी, बूंदी का रायता और परांठों के साथसाथ उस ने मेवा डाल कर खीर भी बनाई थी.

‘‘आज किस खुशी में इतनी खातिर कर रही हो?’’ अपने पसंदीदा भोजन को देख कर रवि बहुत खुश हो गया.

‘‘प्यार का इजहार करने का यह क्या बढि़या तरीका नहीं है?’’ निशा ने इतराते हुए पूछा तो रवि ठहाका मार कर हंस पड़ा.

भर पेट खाना खा कर रवि ने डकार ली और फिर निशा से बोला, ‘‘मजा आ गया, जानेमन. इस वक्त मैं बहुत खुश हूं… तुम्हारी किसी भी इच्छा या मांग को जरूर पूरा करने का वचन देता हूं.’’

‘‘मेरी कोई इच्छा या मांग नहीं है, साहब.’’

‘‘फिर पिछले 2 दिनों से मुझे खुश करने की इतनी ज्यादा कोशिश क्यों की जा रही है?’’

‘‘सिर्फ इसलिए क्योंकि आप को खुश देख कर मुझे खुशी मिलती है, हिसाबकिताब रख कर काम आप करते होंगे, मैं नहीं.’’ निशा ने नकली नाराजगी दिखाई तो रवि फौरन उसे मनाने के काम में लग गया.

रवि ने मेज साफ करने में निशा का हाथ बंटाया. फिर उसे रसोई में सहयोग दिया. निशा जब तक सहज भाव से मुसकराने नहीं लगी, तब तक वह उसे मनाने का खेल खेलता रहा.

उस रात खाना खाने के बाद रवि निशा के साथ कुछ देर छत पर भी घूमा. बड़े लंबे समय के बाद दोनों ने इधरउधर की हलकीफुलकी बातें करते हुए यों साथसाथ समय गुजारा.

अगले दिन रविवार होने के कारण रवि देर तक सोया. सैर से लौट आने के बाद निशा ने चाय बनाने के बाद ही उसे उठाया.

दोनों ने साथसाथ चाय पी. रवि ने नोट किया कि निशा लगातार शरारती अंदाज में मुसकराए जा रही है. उस ने पूछ ही लिया, ‘‘क्या आज भी मुझे कोई सरप्राइज मिलने वाला है?’’

‘‘बहुत सारे मिलने वाले हैं,’’ निशा की मुसकान रहस्यमयी हो उठी.

‘‘पहला बताओ न?’’

‘‘मैं ने अखबार छिपा दिया है.’’

‘‘ऐसा जुल्म न करो, यार. अखबार पढ़े बिना मुझे चैन नहीं आएगा.’’

‘‘आप की बेचैनी दूर करने का इंतजाम भी मेरे पास है.’’

‘‘क्या?’’

‘‘आइए,’’ निशा ने उस का हाथ पकड़ा और छत पर ले आई.

छत पर दरी बिछी हुई थी. पास में सरसों के तेल से भरी बोतल रखी थी. रवि की समझ में सारा माजरा आया तो उस का चेहरा खुशी से खिल उठा और उस ने खुशी से पूछा, ‘‘क्या तेल मालिश करोगी?’’

‘‘यस सर.’’

‘‘आई लव तेल मालिश.’’ रवि फटाफट कपड़े उतारने लगा.

‘‘ऐंड आईलवयू,’’ निशा ने प्यार से उस का गाल चूमा और फिर अपने कुरते की बाजुएं चढ़ाने लगी.

रवि के लिए वह रविवार यादगार दिन बन गया.

तेल मालिश करातेकराते वह छत पर ही गहरी नींद सो गया. जब उठा तो आलस ने उसे घेर लिया.

‘‘गरम पानी तैयार है, जहांपनाह और आज यह रानी आप को स्नान कराएगी,’’

निशा की इस घोषणा को सुन कर रवि के तनमन में गुदगुदी की लहर दौड़ गई.

रवि तो उसे नहाते हुए ही जी भर कर प्यार करना चाहता था पर निशा ने खुद को उस की पकड़ में आने से बचाते हुए कहा, ‘‘जल्दबाजी से खेल बिगड़ जाता है, साहब.

अभी तो कई सरप्राइज बाकी हैं. प्यार का जोश रात को दिखाना.’’

‘‘तुम कितनी रोमांटिक…कितनी प्यारी…कितनी बदलीबदली सी हो गई हो.’’

‘‘थैंक यू सर,’’ उस की कमर पर साबुन लगाते हुए निशा ने जरा सी बगल गुदगुदाई तो वह बच्चे की तरह हंसता हुआ फर्श पर लुढ़क गया.

निशा ने बाहर खाना खाने की इच्छा जाहिर की तो रवि उसे ले कर शहर के सब से लोकप्रिय होटल में आ गया. भर पेट खाना खा कर होटल से बाहर आए तो यौन उत्तेजना का शिकार बने रवि ने घर लौटने की इच्छा जाहिर की.

‘‘सब्र का फल ज्यादा मीठा होता है, सरकार. पहले इस सरप्राइज का मजा तो ले लीजिए,’’ निशा ने अपने पर्स से शाहरुख खान की ताजा फिल्म के ईवनिंग शो के 2 टिकट निकाल कर उसे पकड़ाए तो रवि ने पहले बुरा सा मुंह बनाया पर फिर निशा के माथे में पड़े बलों को देख कर फौरन मुसकराने लगा.

निशा को प्यार करने की रवि की इच्छा रात के 10 बजे पूरी हुई. निशा तो कुछ देर पार्क में टहलना चाहती थी, लेकिन अपनी मनपसंद आइसक्रीम की रिश्वत खा कर वह सीधे घर लौटने को राजी हो गई.

रवि का मनपसंद सैंट लगा कर जब वह रवि के पास पहुंची तो उस ने अपनी बांहें प्यार से फैला दीं.

‘‘नो सर. आज सारी बातें मेरी पसंद से हुई हैं, तो इस वक्त प्यार की कमान भी आप मुझे संभालने दीजिए. बस, आप रिलैक्स करो और मजा लो.’’

निशा की इस हिदायत को सुन कर रवि ने खुशीखुशी अपनेआपको उस के हवाले कर दिया.

रवि को खुश करने में निशा ने उस रात कोईर् कसर बाकी नहीं छोड़ी. अपनी पत्नी के इस नए रूप को देख कर हैरान हो रहा रवि मस्ती भरी आवाज में लगातार निशा के रंगरूप और गुणों की तारीफ करता रहा.

मस्ती का तूफान थम जाने के बाद रवि ने उसे अपनी छाती से लगा कर पूछा, ‘‘तुम इतनी ज्यादा कैसे बदल गईर् हो, जानेमन? अचानक इतनी सारी शोख, चंचल अदाएं कहां से सीख ली हैं?’’

‘‘तुम्हें मेरा नया रूप पसंद आ रहा है न?’’ निशा ने उस की आंखों में प्यार से झांकते हुए पूछा.

‘‘बहुत ज्यादा.’’

‘‘थैंक यू.’’

‘‘लेकिन यह तो बताओ कि ट्रेनिंग कहां से ले रही हो?’’

‘‘कोई देता है क्या ऐसी बातों की ट्रेनिंग?’’

‘‘विवाहित महिला एक पे्रमी बना ले तो उस के अंदर सैक्स के प्रति उत्साह यकीनन बढ़ जाएगा. कम से कम पुरुषों के मामले में तो ऐसा पक्का होता है. कहीं तुम ने भी तो अपनी उस पार्क वाली सहेली सपना की तरह किसी के साथ टांका फिट नहीं कर लिया है?’’

‘‘छि: आप भी कैसी घटिया बात मुंह से निकाल रहे हो?’’ निशा रवि की छाती से और ज्यादा ताकत से लिपट गई, ‘‘मुझ पर शक करोगे तो मैं पहले जैसा नीरस और उबाऊ ढर्रा फिर से अपना लूंगी.’’

‘‘ऐसा मत करना, जानेमन. मैं तो तुम्हें जरा सा छेड़ रहा था.’’

‘‘किसी का दिल दुखाने को छेड़ना नहीं कहते हैं.’’

‘‘अब गुस्सा थूक भी दो, स्वीटहार्ट. आज तुम ने मुझे जो भी सरप्राइज दिए हैं, उन के लिए बंदा ‘थैंकयू’ बोलने के साथसाथ एक सरप्राइज भी तुम्हें देना चाहता है.’’

‘‘क्या है सरप्राइज?’’ निशा ने उत्साहित लहजे में पूछा.

‘‘मैं ने तुम्हारी गर्भनिरोधक गोलियां फेंक दी है?’’

‘‘क्यों?’’ निशा चौंक पड़ी.

‘‘क्योंकि अब 3 साल इंतजार करने के बजाय मैं जल्दी पापा बनना चाहता हूं.’’

‘‘सच.’’ निशा खुशी से उछल पड़ी.

‘‘हां, निशा. वैसे तो मैं भी अब ज्यादा से ज्यादा समय तुम्हारे साथ बिताने की कोशिश किया करूंगा, पर अकेलेपन के कारण तुम्हारे सुंदर चेहरे को मुरझाया सा देखना अब मुझे स्वीकार नहीं. मेरे इस फैसले से तुम खुश हो न?’’

निशा ने उस के होंठों को चूम कर अपना जवाब दे दिया.

रवि तो बहुत जल्दी गहरी नींद में सो गया, लेकिन निशा कुछ देर तक जागती रही. वह इस वक्त सचमुच अपनेआप को बेहद खुश व सुखी महसूस कर रही थी.

उस ने मन ही मन अपनी सहेली सपना और उस के प्रेमी को धन्यवाद दिया. इन दोनों के कारण ही उस के विवाहित जीवन में आज रौनक पैदा हो गई थी.

पार्क में जानपहचान होने के कुछ दिनों बाद ही अजय ने सपना को अपने प्रेमजाल में फंसाने के प्रयास शुरू कर दिए थे. सपना तो उसे डांट कर दूर कर देती, लेकिन निशा ने उसे ऐसा करने से रोक दिया.

‘‘सपना, मैं देखना चाहती हूं कि वह तुम्हारा दिल जीतने के लिए क्याक्या तरकीबें अपनाता है. यह बंदा रोमांस करने में माहिर है और मैं तुम्हारे जरीए कुछ दिनों के लिए इस की शागिर्दी करना चाहती हूं.’’

निशा की इस इच्छा को जान कर सपना हैरान नजर आने लगी थी.

‘‘पर उस की शागिर्दी कर के तुम्हें हासिल क्या होगा?’’ आंखों में उलझन के भाव लिए सपना ने पूछा.

‘‘अजय के रोमांस करने के नुसखे सीख कर मैं उन्हें अपने पति पर आजमाऊंगी, यार.

उन्हें औफिस के काम के सिवा आजकल और कुछ नहीं सूझता है. उन के लिए कैरियर ही सबकुछ हो गया है. मेरी खुशी व इच्छाएं ज्यादा माने नहीं रखतीं. उन के अंदर बदलाव लाना मेरे मन की सुखशांति के लिए जरूरी हो गया है, यार.’’

अपनी सहेली की खुशी की खातिर सपना ने अजय के साथ रोमांस करने का नाटक चालू रखा. सपना को अपने प्रेमजाल में फंसाने को वह जो कुछ भी करने की इच्छा प्रकट करता, निशा उसी तरकीब को रवि पर आजमाती.

पिछले दिनों निशा ने रवि को खुश करने के लिए जो भी काम किए थे, वे सब अजय की ऐसी ही इच्छाओं पर आधारित थे. उस ने कुछ महत्त्वपूर्ण सबक भविष्य के लिए भी सीखे थे.

‘विवाहित जीवन में ताजगी, उत्साह और नवीनता बनाए रखने के लिए पतिपत्नी दोनों को एकदूसरे का दिल जीतने के प्रयास 2 प्रेमियों की तरह ही करते रहना चाहिए,’ इस सबक को उस ने हमेशा के लिए अपनी गांठ में बांध लिया.

‘अपने इस मजनू को अब हरी झंडी दिखा दो,’ सपना को कल सुबह यह संदेशा देने की बात सोच कर निशा पहले मुसकराई और फिर सो रहे रवि के होंठों को हलके से चूम कर उस ने खुशी से आंखें मूंद लीं.

: नीमा शर्मा

मजाक: कोरोना ने उतारी, रोमांस की खुमारी

मैंने बर्तन धोते धोते टाइम देखा , एक घंटा हो गया था , मुझे बर्तन धोते हुए. मुझे अचानक  नीतू की पायल की आवाज सुनाई दी, मैं डर गया, आजकल उसकी पायल की आवाज से मैं पहले की  तरह रोमांस से नहीं भर उठता  , डर लगता है कि कोई काम बताने ही आयी होगी , हुआ भी वही , मुझे उन्ही प्यार भरी नजरों से देखा जिनसे मुझे आजकल डर लगता है , बोली ,” सुनो , जरा.”

ये वही दो शब्द हैं जिनसे आजकल मैं वैसे ही घबरा जाता हूँ , जैसे एक आदमी  ,”मित्रों ” सुनकर डर जाता है.

” बर्तन धोकर जरा थोड़ी सी भिंडी काट दोगे?”

मेरे जवाब देने से पहले नीतू  ने मेरे गाल पर किस कर दिया , मझे यह किस आज कांटे की तरह चुभा , बोली ,” काट दोगे न ?”

मैंने हाँ में सर हिला दिया. बर्तन धोकर भिंडी देखी , ये थोड़ी सी भिंडी है ? एक किलो होगी यह !फिर आयी , चार प्याज और लहसुन भी रख गयी , ‘जरा ये भी’, ये इसका ‘जरा’ है न , ‘मित्रों’ जितना खतरनाक है. कौन सी मनहूस घडी थी जब कोरोना के चलते घर में बंद होना पड़ा , घर के कामों और , दोनों बच्चों की धमाचौकड़ी को हैंडल करती नीतू को मैंने प्यार से तसल्ली  दी थी , डरो मत , नीतू , मैं हूँ न ,घर पर ही तो रहूँगा अब , मिलकर काम कर लेंगें , बच्चे तो छोटे हैं , वे तो तुम्हारी हेल्प कर नहीं पायेंगें , तुम्हे जो भी हेल्प चाहिए हो , मुझे बताना ,”कहकर मैंने मौके का फ़ायदा उठाकर उसे बाहों में भर लिया था , पर मुझे उस टाइम यह नहीं पता था कि मैंने अपने पैरों पर कितनी बड़ी कुल्हाड़ी मार ली है.कोरोना के चलते मेरी आँखों के  सामने हर समय छाया रोमांस का पर्दा  हट गया है , मुझे समझ आ गया है कि सेल्स का आदमी होने के बाद भी जैसी बातें करके काम निकलवाना नीतू को आता है , मैं तो कहीं भी नहीं ठहरता उसके आगे.  बंदी घर में रहती है , पर सारे गुण हैं इसमें.और यह जो इसकी भोली शकल देखकर मैं दस सालों से इस पर कुर्बान होता रहा हूँ , यह बिलकुल भी नहीं इतनी सीधी.

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पिंकी , बबलू , हमारे दो बच्चे , जिन्हे इस बात से जरा मतलब नहीं कि क्या बोलना है , क्या नहीं , जो पापा को भारी न पड़े. कल सब्जी काटते हुए मैं फ़ोन देखने लगा , जोर से बोले , ”पापा ,फ़ोन बाद में देख लेना , कहीं आपका हाथ न कट जाए.” पोंछा लगाती नीतू ने झट से हाथ धोकर मेरा फ़ोन उठा कर दूर रख दिया , ” डिअर , बच्चे ठीक कह रहे हैं , तुम्हारा ध्यान इधर उधर होगा तो मुश्किल हो जाएगी ,”कहकर उसने बच्चों से छुपा कर मुझे आँख भी मार दी , मैं घुट कर रह गया , मुझे उसकी ये आँख मारने की अदा कल पहली बार जरा नहीं भाई , चिंता मेरे हाथ की इतनी नहीं है , जितनी इस बात की है कि काम कौन करेगा.

और मैं इसे समझा नहीं पा रहा हूँ कि वर्क फ्रॉम होम का मतलब , घर का काम नहीं होता.मेरी माँ अब तो इस दुनिया  में नहीं है, होती , और देखती कि उनका राज दुलारा प्यार में क्या से क्या बन गया है , रो पड़तीं. नीतू के भोलेपन के कई राज मेरे सामने उजागर हो रहे हैं , वह अक्सर जब यह समझ जाती है कि मैं कोई काम मना कर सकता हूँ , तो वह कुछ इस तरह बच्चों के सामने  थोड़ा दुखी सी होकर बोलती है ,सीमा का फ़ोन आया था ,बता रही थी कि आजकल उसके पति ही बाथरूम धो रहे हैं , उसकी कमर में भी मेरी तरह दर्द रहता है न. ”

बस , दोनों बच्चे मेरे गले लटक जाते हैं कि पापा , आप भी धोओ न बाथरूम .”

फिर मुझे कहाँ मौका मिलता है , खुद ही कहती है ,”बच्चों , पापा को परेशान नहीं करना है , चलो , हटो , पापा अपने आप ही मम्मी की हेल्थ का ध्यान रखते हैं.”

लो , हो गया सब अपने आप तय. मेरे बोलने की गुंजाइश है क्या ?

रात को जब सोने लेटे, हालत ऐसी हो गयी है ,नीतू ने जब मुझे प्यार से देखा , मैंने डर कर करवट बदल ली , और दिन होते तो मैंने उसके ऐसे देखने पर उसे बाहों में भर लिया होता , पर आजकल बहुत सहमा सहमा रहता हूँ कि कहीं कोई काम न बोल दे , मुझे सचमुच डर लगा कि कहीं यह न कह दे कि रात के बर्तन भी अभी कर लोगे , जरा. उसने कहा , सुनो.”

मेरे मुँह से आवाज ही नहीं निकली , वह मेरे पास खिसक आयी तो भी मैंने उसकी तरफ करवट ही किये रखी, बोली , अरे , डिअर , सुनो न.”

मैंने कहा ,”बोलो.”

”नींद आ रही है ?”

मुझे समझ नहीं आया कि क्या बोलूं , कहीं मैं गलत समझ रहा होऊं , और नीतू मेरे पास कहीं रोमांस के मूड से तो नहीं आयी है ,मैंने मन ही मन हिसाब लगाया , नहीं , इस टाइम कोई काम न होगा , बच्चे सो चुके हैं , खाना , बर्तन सब हो तो चुके हैं , अब क्या काम बोल सकती है ! हो सकता है मेरी पत्नी का इरादा नेक हो.

मन में थोड़ी सी आशा लिए मैं उसकी तरफ मुड़ ही गया ,”बोलो.”

उसने मेरे गले में अपनी बाहें डाल दी ,” सुनो , आज सारा दिन काम करते करते इस समय पैरों में बहुत दर्द हो रहा है , थोड़ा सा दबा दोगे क्या ? नींद आ रही हो तो रहने दो.”

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मेरी हालत अजीब थी , ऐसे में कौन अच्छा पति मना कर सकता है ,मैं उठ कर बैठ गया , नाइटी से झांकते उसके पैर खिड़की से आती मंद मंद रौशनी में  सैक्सी से लगे , मन कितनी ही भावनाओं में डोल डोल गया , पर उसके पैरों में दर्द था , मुझे तो उसके पैर दबाने थे , मन हुआ कल से रोज शाम को पांच बजे बालकनी में थाली , ताली नहीं , चीन और कोरोना को गाली दूंगा. कोरोना , तुम्हे मुझ जैसे शरीफ पतियों की हाय लगेगी , तुमने हमारी रोमांस  की सारी खुमारी उतार दी , तुम नहीं बचोगे. मैंने देखा , नीतू सो चुकी थी , उसके चेहरे की सुंदरता और सरलता मुझे इस समय  अच्छी  लग रही थी , पर नहीं , मैंने खुद को अलर्ट किया , नहीं , इसके चेहरे पर मत जाओ ,आनंद , यह कल सुबह फिर , सुनो जरा , कहकर तुम्हे दिन भर नचाने वाली है.मैं भी उससे कुछ दूरी रख कर लेट गया , रोमांस की कोई खुमारी दूर दूर तक नहीं थी.

संपादकीय

विरोधियों को तंत्र करने की जो परंपरा भारतीय जनता पार्टी ने डाली है और पुलिस, नैशनल इनवैस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) एनफोर्समैंट डिपार्टमैंट (ईडी) का इस्तेमाल करना शुरू किया है, उसे अब वे राज्य सरकारें भाजपा के खिलाफ करने लगी हैं जो भाजपा की नहीं हैं. केरल में 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले जनाधिपथ्य राष्ट्रीय संघ (जेआरएस) को भाजपा के साथ बने रहने के लिए दी गई रिश्तों का खुलासा केरल पुलिस के सामने बयानों से खुल रहा है.

जेआरएस के कोषाध्यक्ष प्रसीथा अझीकोड ने क्राइम ब्रांच के खिलाफ बयान देते हुए कहा कि जेआरएस के अध्यक्ष सीकेजानू के 25 लाख रुपए दिए गए थे. प्रसीथा ने एक आडियो क्लिप भी जारी किया है जो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्र और जेआरएस अध्यक्ष सीके जानू के बीच लेनदेन के बारे में है.

केरल में चूंकि पुलिस राज्य सरकार की है और केरल में माक्र्सवादी पार्टी जम कर बैठी हुई है और दलबदल होने की गुंजाइश न के बराबर है, वहां केंद्र के गृहमंत्री की नहीं चल रही है और मामले एक के बाद एक खुल रहे हैं और पता चल रहा है कि पार्टी विद स डिसैंस का कोई अतापता नहीं रह गया. भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए वही सब कुछ कर रही है जो इस से पहले दूसरी पाॢटयां करती थीं.

राजनीति में बने रहने के लिए पैसा दुनिया भर में चाहिए होता है और दुनिया भर के नेता जहां से संभव होता है पैसा लेते हैं. हर नेता को न केवल लंबाचौड़ा स्टाफ रखना होता है, जनता से मिलते रहने में काफी खर्च करना पड़ता है. कठिनाई यह है कि 2014 से पहले भ्रष्टाचार को भाजपा समर्थक कंट्रोलर जनरल औफ इंडिया विनोद राय के साथ साजिश कर के खूब उछाला गया था. विनोद राय ने एक के बाद एक रिपोर्टें जारी की थीं जिन में तरहतरह के स्कैमों के आरोप लगाए थे.

इस भ्रष्टाचार को भक्त लोगों ने खूब भुनाया था. भक्त मीडिया जो मनमोहन ङ्क्षसह सरकार से डरता तो था ही नहीं, ङ्क्षहदूमुस्लिम करने वाली भाजपा को चाहता था, इस भ्रष्टाचार को ले उड़ा. लाखों करोड़ों के गबन के आरोप हवा में लगा दिए गए थे. अरङ्क्षवद केजरीवाल, रामदेव, किरण बेदी, अनुपम खेर आदि ने मिल कर लोकपाल की मांग को ले कर हल्ला बोल दिया था.

आज 8 साल बाद भी न लोकपाल का कुछ पता है, न उन लाखों करोड़ों का पता है. विनोद राय भाजपा के सांसद हैं. किरण बेदी हाल तक भाजपा द्वारा पौंडिचेरी में नियुक्त उप राज्यपाल थीं, अनुपम खेर अघोषित भाजपा स्पोक्स पर्सन हैं और भ्रष्टाचार की खिचड़ी और बड़े कढ़ाहे में पका कर बांटी जा रही है पर कोई बोल नहीं रहा.

केरल का मामला नितांत राजनीतिक है. पाॢटयों की खरीदफरोक्त में पैसा न लिया दिया जाता तो न मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनती, न कर्नाटक में, न गोवा में. भाजपा ने वही कुछ किया जो पहले किया जाता था पर चूंकि भाजपा धर्म और जाति की ढाल के पीछे खड़ी है, धर्म और जाति के बल पर टिका  मध्य वर्ग सो खून माफ कर रहा है.

भाजपा के केरल अध्यक्ष वही भाषा इस्तेमाल कर रहे हैं जो पहले दूसरी पाॢटयों के नेता करते थे कि ये रिश्वत के मामले राजनीतिक बदला लेने और मुंह बंद करने के लिए हैं. आज की राजनीति किसी तरह से भी पहले से ज्यादा अच्छी नहीं साबित हुई है. देश की दुव्र्यवस्था तो वहीं की वहीं है पर जिस बात पर लोगों को अगाध विश्वास था कि नई सरकर भ्रष्टाचार से ऊपर रहेगी, उस का पतन आश्चर्य की बात तो नहीं अफसोस की जरूर है.

एक लड़की ने मुझे प्रपोज किया और मैंने उसे फटकार लगा दी, पर अब मैं उससे प्यार करने लगा हूं, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 20 वर्षीय युवक हूं और कालेज में पढ़ता हूं. मेरी क्लासमेट जो मुझे लाइक करती है एक दिन जब मैं कालेज के ग्राउंड में गुमसुम बैठा था तो वह मेरे पास आई और अपने प्यार का इजहार करने लगी. क्योंकि मैं उस के व्यवहार से ज्यादा परिचित नहीं था और न ही फ्रैंडशिप वगैरा के चक्कर में फंसना चाहता था इसलिए मैं ने उसे फटकार लगा दी और फिर कभी बात न करने की बात कही. लेकिन अब मैं जब भी उसे देखता हूं तो मुझे उसे बारबार देखने को मन करता है, लेकिन वह मेरी तरफ देखती ही नहीं है जिस से मैं बहुत बेचैन हूं. आप ही बताएं कि मैं क्या करूं?

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जवाब
जब वह आप के पास आई और उस ने अपने प्यार का इजहार किया तो आप ने उस की कद्र नहीं की और अब जब वह आप में रुचि नहीं दिखा रही है तो आप को उस की जरूरत महसूस होने लगी है. आप के ऐसे व्यवहार को देख कर लग रहा है कि जैसे आप उस से प्यार करने लगे हैं और आप को अब उस का न देखना अच्छा नहीं लगता.

देखिए, जब आप ने उस के साथ इतना रूखा व्यवहार किया है तो आप को उसे मनाने के लिए भी काफी प्रयत्न करने होंगे. उसे एहसास कराएं कि आप ने उसे समझने में गलती की है, लेकिन आप उसे बेहद प्यार करते हैं. उसे पूरा भरोसा दिलाएं कि आगे से ऐसी गलती नहीं होगी. आप की इन बातों का उस पर प्रभाव जरूर पड़ेगा लेकिन इस के लिए आप को उसे वक्त देना पड़ेगा तभी चीजें ठीक हो पाएंगी.

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