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ग्रैम हिक बने ऑस्ट्रेलिया के बैटिंग कोच

इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज ग्रैम हिक को आगामी साउथ अफ्रीका सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम का बैटिंग कोच बनाया गया है. इंग्लैंड के लिए 65 टेस्ट और 120 वनडे खेलने वाले हिक को 2013 में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का हाई परफॉर्मेंस कोच बनाया गया था.

टीम के मुख्य कोच डेरन लीमन ने हिक की उपलब्धियों की सराहना की. उन्होंने कहा, 'हिक ने हाल ही में वेस्ट इंडीज में सीरीज के दौरान हमारे साथ काम किया. उनके आने से टीम को काफी फायदा हुआ. वह सभी परिस्थितियों में बहुत अनुभवी खिलाड़ी हैं और उनके पास काफी जानकारी है.'

लीमन ने कहा, 'निकट भविष्य में इंग्लैंड में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, ऐशेज और आईसीसी वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट खेले जाने हैं. ऐसे में उन परिस्थितियों में हिक का ज्ञान हमारे लिए काफी उपयोगी साबित होगा.'

1987 में विजडन क्रिकेटर ऑफ द इयर रह चुके हिक ने लीमन की गैरमौजूदगी में वेस्ट इंडीज दौरे पर सहायक कोच की भूमिका अदा की थी.

उन्होंने कहा, 'क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में मैं अपनी मौजूदा भूमिका का काफी आनंद उठा रहा हूं. इस दौरान मैंने कई अच्छे खिलाड़ियों के साथ काम किया.'

हिक ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट से 2008 में संन्यास लिया था. उनके नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 136 शतक और 41112 रन हैं. उन्हें 2020 तक ऑस्ट्रेलिया का बैटिंग कोच बनाया गया है. ऑस्ट्रेलिया को 30 सितंबर से साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज खेलनी है.

जीएसटी के दायरे में आ सकते हैं पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स

क्रूड सहित पेट्रोलियम और कुछ इंटरमीडिएट प्रॉडक्ट्स पर प्रपोज्ड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के तहत टैक्स लगाया जा सकता है. इससे जीएसटी में कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी और टैक्स का महंगाई पर असर कम करने में मदद मिलेगी. इन प्रॉडक्ट्स पर मामूली टैक्स लगाने के एक प्रपोजल पर विचार किया जा रहा है.

जीएसटी काउंसिल में इस पर चर्चा होगी. काउंसिल में सरकार राज्यों को इसके लिए आश्वस्त करने की कोशिश करेगी. इन प्रॉडक्ट्स पर 2-3% का टैक्स लगाने का प्रपोजल है. अभी इन प्रॉडक्ट्स को जीएसटी में शामिल करने का प्रपोजल है लेकिन काउंसिल के टैक्स लगाने का फैसला करने तक इन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

हालांकि, राज्यों को इन पर लोकल सेल्स टैक्स लगाने की छूट होगी. राज्य पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स पर लगने वाले टैक्स के सिस्टम में बदलाव नहीं करना चाहते क्योंकि उनके लिए जरूरत पड़ने पर यह तेजी से रेवेन्यू जुटाने का एक आसान तरीका है. अरविंद सुब्रमण्यन कमेटी ने लगभग 18% का स्टैंडर्ड जीएसटी रेट रखने का सुझाव दिया है. ऐसी आशंका है कि जीएसटी के लागू होने के बाद महंगाई बढ़ सकती है.

एक सरकारी अधिकारी ने बताया, 'पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स पर कुछ टैक्स लगाने को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि इस बारे में अंतिम फैसला काउंसिल को करना है. यह इन प्रॉडक्ट्स पर लोकल स्टेट टैक्स से अतिरिक्त होगा. सरकार का टारगेट जीएसटी को 1 अप्रैल, 2017 से लागू करने का है. जीएसटी को लेकर महत्वपूर्ण फैसले करने के लिए सरकार ने हाल ही में जीएसटी काउंसिल बनाई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने जीएसटी फ्रेमवर्क और इससे जुड़े मुद्दों पर बुधवार को एक प्रेजेंटेशन भी दी जाएगी.

अब ऑनलाइन भी मिलेगी पेंशन की जानकारी

सरकारी पेंशनर्स को अब अपनी पेंशन के बारे में पूरी जानकारी ऑनलाइन और मेसेज के जरिए मिल सकेगी. बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पोर्टल लॉन्च किया. इस स्कीम से 11.61 लाख से अधिक पेंशनर्स को लाभ मिल सकेगा. अब तक पेंशनर्स को पेंशन की जानकारी के लिए काफी भटकना पड़ता था. इस वेब पोर्टल के जरिए केंद्रीय नौकरियों से रिटायर हुए पेंशनर्स, फैमिली पेंशनर्स और फ्रीडम फाइटर पेंशनर्स अपनी पूरी प्रोफाइल जा सकेंगे.

इस वेबपोर्टल पर www.cpao.nic.in यूआरएल से लॉग इन किया जा सकेगा. इसके अलावा पेंशनर्स को मेसेज की सुविधा भी दी जाएगी. यही नहीं इस वेब पोर्टल के जरिए पेंशनर सरकार को अपनी ओर से सुझाव भी दे सकेंगे. पोर्टल की लॉन्चिंग के मौके पर फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसके जरिए पेंशनर्स का उत्पीड़न कम हो सकेगा.

अरुण जेटली ने कहा, 'किसी का भी उत्पीड़न नहीं होना चाहिए. लेकिन पेंशनर तो हमारे समाज के सबसे सीनियर सिटिजन्स हैं. उन्हें इस रिसोर्स की आवश्यकता है और वह इस पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में उनकी पेंशन रूकना या किसी तरह की लालफीताशाही बड़े उत्पीड़न की वजह बन जाती है.'

ये दिग्गज खिलाड़ी हैं पिंक बॉल से मैच के खिलाफ

भारत के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने दलीप ट्रॉफी को गुलाबी गेंद से खेलने के बाद पारंपरिक खेल यानी टेस्ट क्रिकेट को लाल गेंद के साथ खेलने का पक्ष लिया है. दलीप ट्रॉफी के जरिए पहली बार भारत में गुलाबी गेंद के साथ फ्लड लाइट्स में कोई मैच खेला गया था, इस दौरान गंभीर ने अच्छी बल्लेबाजी भी की लेकिन वो इस नए अंदाज के पक्ष में नहीं हैं.

गंभीर ने कहा, 'मैं पारंपरिक खेल को ज्यादा तवज्जो देता हूं और पुराने तरीके से ही क्रिकेट खेलना चाहता हूं. ये मेरे अपने विचार हैं, मेरे हिसाब से ये सभी प्रयोग व बदलाव सिर्फ टी20 क्रिकेट में किए जाने चाहिए. पांच दिवसीय मैच व टेस्ट क्रिकेट लाल गेंद के साथ ही खेले जाने चाहिए. मेरा तो यही मानना है. मैं चेतेश्वर पुजारा की उस बात से पूरी तरह सहमत हूं जो उन्होंने मैच के बाद कही कि लाइट्स के नीचे खेलना काफी अलग होता है और ऐसे में कलाई से फिरकी करने वाले व गुगली फेंकने वाले गेंदबाजों की गेंदें भांपना मुश्किल हो जाता है.'

गौतम गंभीर ने इस बार की दलीप ट्रॉफी की पांच पारियों में 71.20 की औसत से 356 रन बनाए.

सस्ता हो गया एलईडी

केंद्र सरकार की योजना के तहत बांटे एलईडी बल्बों की कीमत में 90 फीसदी तक की कमी आ गई है. यह बल्ब एनर्जी एफिशियंट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से बांटे जा रहे हैं. बीते दो सालों में इनकी कीमत 310 रुपये के मुकाबले 38 रुपये पर आ पहुंची है. एक सीनियर सरकारी अफसर ने बताया कि एनर्जी एफिशियंट सर्विसेज लिमिटेड को 38 रुपये में नौ वॉट का एक बल्ब बनाने की बोली मिली है. पिछले सप्ताह 5 करोड़ बल्ब तैयार करने के लिए आयोजित बोली में कुल 14 कंपनियों ने हिस्सा लिया था.

इससे पहले इसी साल मार्च में कंपनी को 55 रुपये में बल्ब तैयार करने की बोली मिली थी. इससे पहले 2014 में कंपनी ने 310 रुपये प्रति बल्ब के हिसाब से खरीद की थी. फिलहाल यह बल्ब बाजार में 90 से 100 रुपये तक में मिल रहे हैं. दो साल पहले एक महीने में 10 लाख बल्बों का प्रॉडक्शन हो रहा था, अब यह आंकड़ा 4 करोड़ तक पहुंच गया है. एलईडी बल्ब सामान्य बल्बों के मुकाबले 80 पर्सेंट कम बिजली की खपत करता है. इसके अलावा सीएफएल की तुलना में भी 50 पर्सेंट कम बिजली खपत करता है.

केंद्र सरकार का अनुमान है कि एलईडी बल्ब के जरिए प्रतिदिन 85 लाख किलो वॉट बिजली की बचत हो रही है. बीते तीन सालों में 77 करोड़ परंपरागत बल्बों को हटाकर एलईडी बल्ब लगा दिए गए हैं. इसके अलावा 3.5 करोड़ स्ट्रीट लाइट्स भी कम हो गई हैं. इस स्कीम के तहत सरकार की ओर से कार्बन उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिल रही है.

iOS 10 अपडेट में खामी से परेशान हुए यूजर्स

ऐप्पल ने अपने लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम iOS 10 का कंज्यूमर वर्जन आईफोन और आईपैड के लिए जारी कर दिया है, मगर यूजर्स ने शिकायत की है कि इंस्टॉल होने से पहले हैंडसेट्स फ्रीज हो रहे हैं. बहुत से यूजर्स ने फेसबुक और ट्विटर पर जाकर लिखा है कि उनके फोन फैक्ट्री रीसेट हो गए और पूरा डेटा उड़ गया.

कई न्यूज वेबसाइट्स की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि इंस्टॉलेशन प्रोसेसर के बाद हैंडसेट में कोई एरर दिखी और यूजर्स को अपने डिवाइस को पीसी पर iTunes से कनेक्ट करने को कहा गया है. जैसे ही उन्होंने ऐसा किया, एक और एरर आई, जिसमें कहा गया था- 'आईफोन' के साथ कोई समस्या है, जिस वजह से इसे अपडेट और रीस्टोर करना पड़ेगा.'

कुछ लोगों को तो अपने डिवाइस फैक्ट्री रीसेट करने पड़े तो कुछ के हैंडसेट्स फ्रीज हो गए, मगर बाद में iOS 10 इंस्टॉल हो गया. ऐप्पल  ने इन खबरों की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह समस्या रोलआउट के पहले घंटे में ही हुई और अब इसे ठीक कर दिया गया है. इसके लिए कंपनी ने खेद भी प्रकट किया है.

iOS 10 अपग्रेड iPhone 5, iPhone 5S, iPhone 5C, iPhone SE, iPhone 6, iPhone 6S, iPhone 6 Plus और iPhone 6S Plus के लिए उपलब्ध है. नए आईफोन्स iPhone 7 और iPhone 7 Plus में यह पहले से इंस्टॉल किया हुआ होगा.

गैलेक्सी Note 7 में कंपनी करने वाली है बड़ा बदलाव

दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रानिक्स कंपनी सैमसंग ने 2 सितंबर को अपने नए फ्लैगशिप स्मार्टफोन की बिक्री पोस्टपोन कर दी और पहले बेची जा चुकी 25 लाख यूनिट को वापस लेने की घोषणा की. चार्जिंग के दौरान कुछ हैंडसेट में विस्फोट के मद्देनजर यह कदम उठाया गया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सैमसंग ने साफ्टवेयर अपडेट की घोषणा की है जिससे बैटरी की रिचार्जिंग को 60 प्रतिशत पर सीमित रखा जायेगा. इससे फोन के गरम होने की आशंका कम होगी, पर साथ ही एक तरह से यह इस डिवाइस का ‘डाउनग्रेड’ है.

क्यों बाजार से वापस मंगाने पड़े नोट 7 डिवाइस?

दक्षिण कोरिया सहित कई देश में सैमसंग गैलेक्सी नोट-7 की बैटरी में ब्लास्ट हो होने की खबरें सामने आई हैं. इन खबरों के बाद सैमसंग ने इस स्मार्टफोन की बिक्री पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही कंपनी ने अपने सभी फोन वापस मंगवा लिए हैं. इन खबरों के बाद भारत के नागरिक उड्यन मंत्रालय ने हालिया लॉन्च स्मार्टफोन गैलेक्सी नोट-7 फ्लाइट में इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने उड़ान के दौरान इस हैंडसेट को न तो ऑन करने और न ही इसे चार्ज करने की की चेतावनी दी थी. अमेरिका में किसी प्रोडक्ट के इस्तेमाल को रोकने के लिए इस तरह की यह पहली चेतावनी है.

पिंकः संजीदा विषय पर बनी बेहतरीन फिल्म

किसी मुद्दे पर आधारित मकसदपूर्ण फिल्म बनाना भारतीय फिल्मकारों के लिए हमेशा टेढ़ी खीर रहा है. मगर ‘पिंक’ में नारीवाद व नारी स्वतंत्रता पर बिना भाषणबाजी के सटीक बात की गयी है.

भारत जैसे देश में लड़कियों व औरतों का चरित्र जिस तरह से मर्दों से अलग कसौटी पर कसा जाता है, उस पर भी यह फिल्म कुठाराघात करती है.

दिल्ली जैसे महानगर में आए दिन लड़कियों के साथ जिस तरह की वारदात सुर्खियों में रहती है, उन्हीं के इर्द-गिर्द बुनी गयी कथा पर बनी फिल्म है, पिंक.

पिंक की कहानी दिल्ली महानगर की है. दिल्ली महानगर के एक पॉश इलाके में तीन कामकाजी लड़कियां मीनल अरोड़ा (तापसी पन्नू), फलक अली (कीर्ति कुलहारी) और आंद्रिया (आंद्रिया) एक ही मकान में एक साथ किराए पर रहती हैं.

एक रात यह तीनों लड़कियां मौजमस्ती के लिए फलक के एक दोस्त के साथ निकलती है. यह सूरजकुंड में रॉक कॉन्सर्ट का लुत्फ उठाने के बाद कुछ दोस्तों के साथ ड्रिंक व डिनर का भी मजा लेती हैं. मगर ड्रिंक लेने के बाद यह रात इन तीनों के लिए मुसीबत का सबब बन जाती है.

आंद्रिया को अहसास होता है कि डंपी (रशूल टंडन) उसे गलत तरीके से छूने की कोशिश कर रहा है. विधायक के बेटे होने यानी कि पारिवारिक पृष्ठभूमि की ताकत में चूर राजवीर (अंगद बेदी), मीनल को गलत तरीके से छूता है. मीनल के विरोध करने पर भी वह मिनल के साथ छेड़खानी करता है.

खुद को राजवीर के चंगुल से छुड़ाने के लिए मिनल, राजवीर के उपर शराब की बोतल से वार करती है जो कि उसकी आंख के उपरी हिस्से पर लगती है और राजवीर के माथे से खून बहने लगता है. यह देख तीनो लड़कियां वहां से भागकर दिल्ली अपने घर पहुंच जाती हैं. इन्हें लगता है कि रात गयी बात गयी. उधर राजवीर के दोस्त उसे अस्पताल ले जाते हैं.

पर इन तीनों लड़कियों की जिंदगी उस वक्त नर्क बन जाती है जब राजवीर व उसके दोस्त इन तीनों को बदनाम करने व डराने लगते हैं. पर उस वक्त मामला ज्यादा बिगड़ जाता है जब राजवीर अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि की ताकत के बल पर इन तीनों लड़कियों के खिलाफ वैश्यागीरी के व्यापार में लिप्त होने तथा मिनल के खिलाफ राजवीर की हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं में एफआईआर लिखा देता है. सूरजकुंड पुलिस स्टेशन की पुलिस मीनल को गिरफ्तार कर ले जाती है.

यह तीनों लड़कियां जिस मकान में किराए पर रहती हैं, उसी के सामने वाले बंगले में मशहूर एडवोकेट दीपक सहगल (अमिताभ बच्चन) रहते है जो कि मेंटल डिसऑर्डर का शिकार हैं और दवाएं ले रहे हैं.

अब तक दीपक सहगल इन तीनों लड़कियों पर बारीक नजर रखे हुए थे. पर मीनल की गिरफ्तारी के बाद वह इन लड़कियों से मिलते हैं और फिर इनके वकील बनकर कोर्ट में केस लड़तें हैं. अदालत में मीनल से उसकी वर्जिनिटी, शराब पीने, पहनावे तथा फलक से सेक्स के लिए पैसे लेने जैसे सवाल किए जाते हैं.

दीपक सहगल अदालत में इस बात को रेखांकित करते हैं कि समाज किस तरह लड़के व लड़कियो को दोहरे मापदंडों पर तौलता है. अदालत में दीपक सहगल इस बात पर जोर देते हैं कि यदि लड़की या औरत किसी भी मर्द से सेक्स के लिए एक बार ‘ना’ कह देती है तो उसे ‘ना’ ही मानना चाहिए. उसे किसी तर्क की कसौटी पर नहीं कसा जाना चाहिए. फिर चाहे वह मर्द उस औरत का प्रेमी या पति ही क्यों न हो.

हमारे देश की अदालतें कई बार इस बात को रेखांकित करती रही है कि औरत की मर्जी के बगैर पति भी अपनी पत्नी के संग सेक्स संबंध नहीं रख सकता.

अदालत इन तीनों लड़कियों को बाइज्जत बरी करती है तथा राजवीर व उसके साथियों को सजा सुनाती हैं.

फिल्म ‘पिंक’ इंटरवल से पहले बहुत सुस्त है और अति धीमी गति से आगे बढ़ती है. इंटरवल के बाद कोर्ट रूम ड्रामा शुरू होता है, तब फिल्म, फिल्म लगती है. मगर अदालत के अंदर के सवाल जवाब, जोनाथन काप्लन की नाटकीय फिल्म ‘द एक्यूज्ड’ के सवाल जवाब की याद दिलाते है.

फिल्म के अंत में गीतकार तनवीर गाजी की नज़म इंसान को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करती है. यह नज़म फिल्म के अंत में अमिताभ बच्चन की आवाज में है.

जहां तक अभिनय का सवाल है तो बॉलीवुड के शहंशाह कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन की अभिनय क्षमता पर वैसे भी सवालिया निशान नहीं लगते. उनके साथ ही अन्य कलाकारों ने भी बेहतरीन परफार्मेंस दी है.

‘अनुरानन’ और ‘अंतहीन’ सहित कई चर्चित बंगला फिल्मों के निर्देशक अनिरूद्ध रॉय चैधरी ने हिन्दी में अपनी पहली निर्देशित फिल्म ‘पिंक’ से अपना झंडा गाड़ दिया है. निर्देशक, पटकथा लेखक व निर्माता इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं कि उन्होने फिल्म में नारीवाद के नाम पर नारी संगठनों की नारे बाजी को स्थान नहीं दिया. कैंडल मार्च वगैरह करवाकर मुल मुद्दे को स्तरहीन नही बनाया.

फिल्म में फिल्मकार ने उत्तरपूर्वी भारत के राज्य मेघालय से दिल्ली आकर रह रही आंद्रिया के पात्र को भी दर्शाया है जबकि इस पात्र के बिना भी लड़कियो के साथ छेड़छानी व उनके यौन शोषण का मुद्दा कमजोर नही होता है. इसलिए अदालत में मेघालय से दिल्ली आयी लड़की आंद्रिया पर जोर देने की जरुरत नजर नही आती.

पटकथा लेखक रितेश शाह इंटरवल से पहले मात खा गए हैं. यदि इंटरवल से पहले फिल्म को कसा जाता तो शायद इंटरवल तक दर्शक बोर नहीं होता. अन्यथा पटकथा व संवाद दोनों ठीक है.

यहां, ‘मद्रास कैफे’, ‘विक्की डोनर’ जैसी फिल्मों के सर्जक शुजीत सरकार इस फिल्म के रचनात्मक निर्माता हैं.

अनिरूद्ध रॉय चौधरी निर्देशित दो घंटे सोलह मिनट की फिल्म ‘पिंक’ को अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी, आंद्रिया, पियूश मिश्रा, अंगद बेदी, रशूल टंडन व अन्य.

ये रही रिलायंस जियो सिम से जुड़ी नई समस्या

रिलायंस जियो सिम पिछले काफी समय से सुर्खियों में है. जियो सिम पर दिया जा रहा वेलकम ऑफर हर किसी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. साथ ही यह ऑफर अब हर 4जी स्मार्टफोन यूजर के लिए उपलब्ध है. आपको बता दें कि यह जानकारी मुकेश अंबानी ने खुद रिलायंस की सालाना बैठक में जियो के लॉन्च के वक्त दी थी.

रिलायंस जियो 4जी सिम को लेकर यूजर्स के मन में कई कंफ्यूजन और सवाल हैं. जैसे क्या जियो 4जी सिम को 3जी फोन में इस्तेमाल किया जा सकता है?, रिलायंस जियो 4जी का वेलकम ऑफर कौन से स्मार्टफोन पर उपलब्ध है?, जियो 4जी की स्पीड कैसी है?, रिलायंस जियो सिम कैसे पा सकते हैं व अन्य!

चलिए जानते हैं कि रिलायंस जियो सिम से जुड़ी यह नई समस्या क्या है:

IMEI नंबर क्यों?

अब एक नया लेकिन बड़ा सवाल हर कोई पूछना चाह रहा है. यह सवाल है कि रिलायंस जियो सिम के लिए फोन का IMEI नंबर क्यों मांगा जा रहा है? इस बात ने कई यूजर्स को परेशान भी किया हुआ है.

फोन लॉक कर दिया जाएगा!

कुछ लोगों को लगता है कि IMEI नंबर के जरिए कहीं कुछ गलत काम तो नहीं किया जाएगा. वहीं किसी का मानना है कि IMEI नंबर मांगने के बाद आपका फोन लॉक कर दिया जाएगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है.

फोन से कॉन्फिगर होगा सिम

आपको बता दें कि रिलायंस जियो द्वारा IMEI नंबर मांगने से न तो आपका फोन लॉक होगा न ही ट्रैक किया जाएगा. बल्कि ऐसा करके रिलायंस जियो का 4जी सिम आपके फोन से कॉन्फिगर किया जाएगा.

एक ही फोन में कर पाएंगे यूज

जिसके बाद आप उस सिम को केवल अपने ही फोन में (एक ही फोन में) इस्तेमाल कर पाएंगे. अन्य फोन में नहीं आप चाहें तो अपने स्मार्टफोन में जियो के अलावा कोई अन्य सिम भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन अपने जियो सिम को किसी भी अन्य फोन में नहीं यूज कर पाएंगे.

एक गलत फैसले का खामियाजा

'भाभी जी घर पर हैं’सीरियल में भले ही कुछ लोगों की नजर में अश्लील और फूहड़ हास्य हो लेकिन इसकी लोकप्रियता में कोई गिरावट नहीं आई है. पहले यह किरदार अभिनेत्री शिल्पा शिंदे निभा रही थी जिन्हें अंगूरी भाभी के नाम से ही पहचाना जाने लगा था जो एक खास अदा से गलत अंग्रेजी बोलने पर टोके जाने से ‘सही पकड़े हैं’बोलती रहती थी.

बीते दिनों शिल्पा भोपाल के एक धार्मिक आयोजन में शिरकत करने आईं तो उनका दर्द फूट पड़ा कि यह सीरियल छोड़ने के बाद उन्हें काफी दुख हुआ लेकिन इसकी जिम्मेदार वह नहीं बल्कि आर्टिस्ट एसोसिएशन (सिंटा) और प्रोड्यूसर हैं.

बकौल शिल्पा ग्लेमर इंडस्ट्री में कलाकारों का शोषण उसी सिंटा द्वारा प्रोड्यूसर की मिलीभगत से होता है जो कलाकारों के लिए बनी है. उन पर दबाव था कि वह एक्सक्लुसिविटी एग्रीमेंट साइन करे जो उन्होंने नहीं किया तो उन्हें परेशान कर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

बातचीत में शिल्पा ने इस बात का रोना भी रोया कि दूसरी भाभी जी उनकी नकल कर रही है. अब भला कौन उन्हें बताए और समझाए कि इस दूसरी भाभी जी ने सीरियल संभाल लिया है और दर्शकों को अंगूरी की कमी खलने नहीं दे रही है.

खुद भाभी जी घर पर हैं के पूरे कलाकार शिल्पा के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं कि अब अगर वह वापस आईं तो वे सीरियल छोड़ देंगे.

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