केंद्र सरकार की योजना के तहत बांटे एलईडी बल्बों की कीमत में 90 फीसदी तक की कमी आ गई है. यह बल्ब एनर्जी एफिशियंट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से बांटे जा रहे हैं. बीते दो सालों में इनकी कीमत 310 रुपये के मुकाबले 38 रुपये पर आ पहुंची है. एक सीनियर सरकारी अफसर ने बताया कि एनर्जी एफिशियंट सर्विसेज लिमिटेड को 38 रुपये में नौ वॉट का एक बल्ब बनाने की बोली मिली है. पिछले सप्ताह 5 करोड़ बल्ब तैयार करने के लिए आयोजित बोली में कुल 14 कंपनियों ने हिस्सा लिया था.

इससे पहले इसी साल मार्च में कंपनी को 55 रुपये में बल्ब तैयार करने की बोली मिली थी. इससे पहले 2014 में कंपनी ने 310 रुपये प्रति बल्ब के हिसाब से खरीद की थी. फिलहाल यह बल्ब बाजार में 90 से 100 रुपये तक में मिल रहे हैं. दो साल पहले एक महीने में 10 लाख बल्बों का प्रॉडक्शन हो रहा था, अब यह आंकड़ा 4 करोड़ तक पहुंच गया है. एलईडी बल्ब सामान्य बल्बों के मुकाबले 80 पर्सेंट कम बिजली की खपत करता है. इसके अलावा सीएफएल की तुलना में भी 50 पर्सेंट कम बिजली खपत करता है.

केंद्र सरकार का अनुमान है कि एलईडी बल्ब के जरिए प्रतिदिन 85 लाख किलो वॉट बिजली की बचत हो रही है. बीते तीन सालों में 77 करोड़ परंपरागत बल्बों को हटाकर एलईडी बल्ब लगा दिए गए हैं. इसके अलावा 3.5 करोड़ स्ट्रीट लाइट्स भी कम हो गई हैं. इस स्कीम के तहत सरकार की ओर से कार्बन उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिल रही है.

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