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टीवी व इंटरनैट में उलझता बचपन : आखिर क्या परोस रहे हैं हम

बचपन और बचपना आज है कहां? चैनल, इंटरनैट के मकड़जाल में आज के जमाने के बच्चे समय से पहले ही काफी बड़े हो जाते हैं. खाना खिलाने के लिए आज की मम्मियों के पास बच्चे के पीछे भागदौड़ करने का समय नहीं है. बच्चा चुपचाप बैठ कर एक जगह खाना खा ले, इस के लिए वे बच्चे का मनपसंद चैनल लगा कर थाली परोस कर दे देती हैं. या फिर कुछ मम्मियां अपनी मनपसंद सीरियल लगा कर बच्चों को खिलाने बैठ जाती हैं. पर हर टीवी सीरियल में सासबहू का टंटा, संयुक्त परिवार का षड्यंत्र, राजनीतिक प्रपंच के अलावा पतिपत्नी के साथ ‘वो’ की उपस्थिति आदि ही होते हैं.

छोटे बच्चे के कच्चे मन पर इन सब की विपरीत और नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है. कुछ मांएं अकसर यही समझती हैं कि बच्चा है, यह सब प्रपंच उस के पल्ले नहीं पड़ेगा जबकि टीवी सीरियल के सामने बच्चों को बिठा कर वे उन्हें छल, प्रपंच, षड्यंत्र की एबीसीडी सिखा रही हैं. बच्चे अपने अनुभव से छल, प्रपंच और षड्यंत्र के बारे में जाननेसमझने या उन का सामना करने के बजाय टीवी सीरियल से इस का पाठ पढ़ते हैं. इसीलिए छुटपन के बाद बचपन को जिए बिना सीधे बड़े हो जाते हैं.

पता भी नहीं चलता कि बचपन कहीं बहुत पीछे छूट गया है. बच्चों का बढ़ना प्रकृति के नियम के अनुरूप न होने के कारण समाज में कई तरह की समस्याएं जन्म लेने लगती हैं. समाजशास्त्रियों की नजर में ऐसे बच्चे ‘मेल एडजस्टेड चाइल्ड’ की श्रेणी में आते हैं. समाजशास्त्री अकरामुल हक कहते हैं कि भारत जैसे तीसरी दुनिया के लिए यह एक बहुत बड़ा संकट है. हाल के दिनों में दिल्ली समेत पूरे देश में यह संकट देखने में आया भी है. भारत के संशोधनागारों और जेलों में 15 साल तक की उम्र के कैदियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

हक कहते हैं, ‘‘विकास और उन्नति के नाम पर आयातित अनावश्यक तकनीक के सैलाब में बचपन बलि चढ़ रहे हैं. ऐसे बच्चे कब ‘मेल एडजस्टेड चाइल्ड’ की श्रेणी में आ जाते हैं, इस की किसी को खबर भी नहीं हो पाती है. ‘पर्मिसिबल सोसाइटी’ के नाम पर आज हम लोग जहां पहुंच चुके हैं वहां बचपन का कोई नामलेवा नहीं है. इंटरनैट के मकड़जाल के चलते महज एक क्लिक से बड़ों की दुनिया बेपरदा हो जाती है.’’

हक का कहना है कि वैश्विकता के नाम पर टीवी चैनलों में जीवन और समाज की परतों को एकदम से नंगा कर के परोसा जा रहा है. बच्चों के लिए आयातित विदेशी कार्टून चैनल भारतीय समाज और मानस के अनुरूप नहीं हैं. अगर मामला सिर्फ दोस्ती तक होता तो और बात थी, पर यहां तो सैक्स भी परोसा जाता है.

सैक्स फैंटेसी और आक्रामकता

शिशु विशेषज्ञ शांतनु राय का कहना है, ‘‘विपरीत लिंग के प्रति आकर्षक की उपलब्धि स्वाभाविक तौर पर एक खास उम्र में हो ही जाती है. ‘‘उम्र बढ़ने के साथ हार्मोनल बदलाव आते हैं. अच्छेबुरे की समझ भी आती है. पर जब 10-12 साल के उम्र के बच्चे टीवी और इंटरनैट की बदौलत बड़ों की दुनिया की झलक पा जाते हैं, चूंकि शारीरिक रूप से हार्मोनल बदलाव नहीं होता और वे इन बातों के लिए सक्षम नहीं होते, तो ‘सैक्स फैंटेसी’ का खेल चलता है. लेकिन इस से एक समय में हताशा जन्म लेती है.

और तब आक्रामक रवैया सिर उठाने लगता है. यहीं से समस्या शुरू होती है.’’ हमारे समाज में खुलापन नहीं होने के कारण मातापिता से ‘बड़ों की गुप्त दुनिया’ के बारे में बातचीत संभव नहीं होती है. वहीं, मातापिता भी स्वाभाविक रूप से बढ़ते बच्चों से घुलमिल नहीं पाते हैं. दोनों ओर से एक दूरी बन जाती है. कभीकभार ऐसे बच्चों का आक्रामक रवैया उन पर हावी हो जाता है और तब इस की कीमत परिवार और समाज को चुकानी पड़ती है.

बच्चों को जिधर जाने से रोका जाएगा, वे उधर ही जाना चाहेंगे. कुछ मातापिता टीवी या विज्ञापन देखने के मामले में बच्चों को ‘गाइड’ करने के नाम पर बताते हैं, क्या देखना चाहिए और क्या नहीं. इस का उन के मन पर गहरा असर होता है और मनाही की ओर उन के कदम जानेअनजाने बढ़ते जाते हैं. मनोचिकित्सक आरती मुखर्जी का कहना है कि आजकल पेरैंट्स नौकरीशुदा होते हैं और बच्चे आया की देखरेख में पलते हैं. स्कूल के बाद घर लौट कर बच्चे कोई खेल खेलने के बजाय टीवी या कंप्यूटर पर लग जाते हैं. टीवी या कंप्यूटर पर बैठ कर जाहिर है सोशल स्किल तैयार नहीं होती, बल्कि एकाकीपन हावी होता है. इस से व्यक्तित्व का विकास बाधित होता है और डैवलपमैंट डिसऔर्डर, बिहेवियर डिसऔर्डर, कौंटैक्ट डिसऔर्डर, पर्सनैलिटी डिसऔर्डर जैसी समस्याएं दूर करने के लिए काउंसलिंग की जरूरत पड़ती है. काउंसलिंग के साथ में दवा की भी जरूरत पड़ सकती है.

इस के अलावा आरती मुखर्जी के कुछ और भी सुझाव हैं. वे कहती हैं कि इन तमाम समस्याओं से बच्चों को दूर रखने के लिए मातापिता को चाहिए कि बच्चों में कुछ जरूरी रचनात्मक हौबी, जैसे पेंटिंग्स, किताब पढ़ना, खेलकूद का विकास करें. मातापिता के पास समय नहीं है तो टीवी के सामने बिठा देना गलत होगा. टीवी देखने का समय तय कर दें

टीवी देखते हुए कुछ देर उस के साथ बैठना चाहिए. बच्चे इंटरनैट पर बैठें, पर निगरानी जरूर रखें. कंप्यूटर की सैटिंग इस तरह कर दें कि बच्चे वयस्क साइट में न जा सकें. कितना भी थकेहारे हों, दफ्तर से घर लौट कर बच्चों के साथ थोड़ा वक्त जरूर बिताएं. सब से जरूरी बात यह है कि बच्चे मातापिता से अपनी हर बात शेयर करें, उन से मातापिता का दोस्ताना संबंध हो. बच्चे मातापिता की नकल करते हैं, इसीलिए उन्हें अपने आचरण को सुधारना भी जरूरी है.

अगर आपका प्यार सच्चा है तो उसे सब से मिलवाएं

यह जरूरी नहीं कि युवक युवती की दोस्ती को हमेशा शक भरी नजरों से ही देखा जाए. अब समय बदल गया है, लोग समझते हैं कि जिस तरह 2 युवतियां अच्छी दोस्त हो सकती हैं उसी तरह एक युवक और युवती भी अच्छे दोस्त हो सकते हैं.

यह जरूरी नहीं कि उन के बीच कुछ चल ही रहा हो. ऐसे संबंधों में भावनाएं तो होती हैं, पर सैक्स के लिए कोई जगह नहीं होती बल्कि एकदूसरे के प्रति सम्मान होता है. यह रिश्ता इतना पवित्र होता है कि परिवार और दुनिया को ऐक्सैप्ट करना ही होगा, लेकिन इस के लिए थोड़े प्रयास आप को खुद भी करने होंगे ताकि लोग आप के रिश्ते की सचाई को जान सकें, आइए जानें कैसे :

अपने दोस्तों के बीच उसे भी जगह दें

जिस तरह आप के अन्य दोस्त हैं वैसे ही एक दोस्त वह भी है, क्योंकि वह युवक है इसलिए उसे बाकी दोस्तों से अलग न रखें बल्कि अपनी सभी फीमेल दोस्तों से भी उसे मिलवाएं और उन के बीच जगह दें. उन्हें अच्छी तरह समझा दें कि वह भी उस का सिर्फ एक दोस्त है ताकि कोई उसे ले कर आप को चिढ़ाए या फबतियां न कसे, बल्कि उसे आप का अच्छा दोस्त ही समझे.

आजकल फीमेल का मेल फ्रैंड होना और मेल की बैस्ट फ्रैंड फीमेल होना आम बात है, पर इस का मतलब यह कतई नहीं है कि जैंडर अलग होने से उन के बीच कुछ है. अगर कोई ऐसा सोचता है तो यह सोच गलत है और इसे आप को ही बदलना है.  इस की शुरुआत आप अपने दोस्तों से करें और उन्हें अपने और साथी के गहरे और प्यारे से रिश्ते का सच बताएं.

अपनी फैमिली का पार्ट बनाएं

यह बात आप की फैमिली पर भी लागू होती है. अपने साथी को अपनी फैमिली और रिश्तेदारी से बिंदास मिलवाएं और उन्हें बताएं कि आप के बीच कितना प्यारा सा रिश्ता है और आप दोनों इस रिश्ते की सीमाएं भी जानते हैं. जब आप इस तरह फैमिली में बात करेंगी तो वे समझेंगे कि जिस तरह किसी युवक से आप की दोस्ती है उसी तरह एक युवक से भी वह दोस्ती का प्यारा रिश्ता हो सकता है, इस में कुछ गलत नहीं है. दोस्त तो दोस्त होता है फिर चाहे वह युवक हो या युवती. इसलिए उसे अपने सभी फैमिली फंक्शंस में बुलाएं.

शौपिंग पर बेझिझक जाएं

पड़ोस वाली आंटी ने देख लिया तो क्या होगा? कई बार युवतियों को इस तरह की परवा बहुत होती है. भले ही दोनों के बीच कुछ न हो, लेकिन लोगों से ऐसे डरते हैं मानो दुनिया का सब से बड़ा अफेयर उन दोनों के बीच ही चल रहा हो. अगर आप दोनों एकसाथ शौपिंग कर भी रहे हैं और किसी जानने वाले ने देख लिया तो डरें नहीं. उन से छिपेंगे तो उन का शक और भी गहरा होगा इसलिए छिपने के बजाय पास जा कर उन्हें अपने दोस्त से मिलवाएं. आप के ऐसा करने पर उन के मन का शक निकल जाएगा, लेकिन अगर छिपाया तो कहानी बन जाएगी. अब यह आप पर है कि आप क्या करना चाहती हैं.

साथसाथ स्टडी करें

लाइब्रेरी की मैंबरशिप लें और साथसाथ पढ़ें. लेकिन एक लाइबे्ररी में मैंबरशिप लेने का मतलब यह नहीं है कि आप लोगों से बचबच कर अलगअलग सीटों पर बैठें. वहां एकदूसरे से स्टडी के बारे में भी सिर्फ मैसेज के थू्र बात करें. यह न सोचें कि लाइबे्ररियन आप दोनों के बारे में गलत न सोच ले. वह कुछ भी सोचे आप दोनों को पता है कि आप गलत नहीं हैं, इसलिए किसी से न डरें. एकदूसरे के घर पर भी पढ़ाई के लिए जा सकते हैं. अगर आप साथ में नोट्स अच्छे बना लेते हैं या फिर एकदूसरे को पढ़ाई में हैल्प कर सकते हैं तो बेझिझक हैल्प लें. यह बात अपने पेरैंट्स को भी बता दें कि आप एकसाथ अच्छा पढ़ पाते हैं.

परिवार के सामने उस से हर सजैशन बेबाक लें

अगर आप को लगता है कि वह आप की जिंदगी में इतनी अहमियत रखता है कि आप अपनी हर बात, हर फैसला उस से पूछ कर ही करती हैं, तो इस में कोई बुरी बात नहीं है. हम सभी अपने फैसले में किसी न किसी की राय लेना पसंद करते ही हैं और अगर वह राय साथी से ली जा रही है तो इस में कोई बुरी बात नहीं है. इसलिए यह राय छिप कर नहीं बल्कि अपने परिवार के सामने लें ताकि उन्हें पता चल जाए कि आप अपना फैसला उन से बात कर के ही लेंगी और आप दोनों के बीच इतनी अच्छी अंडरस्टैंडिंग और प्यार है कि एकदूसरे के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा है, यह आप दोनों बखूबी जानते हैं.

लोगों की गलतफहमी भी दूर करें

अपने सच्चे प्यार को किसी के भी सामने गलत न साबित होने दें. फिर चाहे वह दोस्त, रिश्तेदार हों या परिवार वाले. अगर कोई आप के बारे में गलत सोच रहा है तो उस बात को यों ही न जाने दें कि जो सोचना है सोचे मुझे क्या फर्क पड़ता है. फर्क आप को नहीं तो आप के साथी को तो जरूर पड़ेगा. उस की इज्जत का खयाल रखना भी आप की ही जिम्मेदारी है इसलिए गलतफहमी को जल्दी से जल्दी दूर करें.

छिपाने के नुकसान

लोग गलत समझेंगे

अगर आप अपने प्यार को लोगों से छिपाएंगे और साथी से डरडर कर बात करेंगे तो लोगों को शक होगा कि दाल में जरूर कुछ काला है. अपनी बातों को इतना भी पर्सनल बना कर न रखें कि सामने वाले उसे अपने गौसिप का टौपिक ही बना लें. इसलिए अगर लोगों को आप के छिपाने की वजह से दाल में काला नजर आ रहा है तो उन्हें बताएं कि आप की दाल काली नहीं है और गौसिप करने वाले लोगों की दाल आप गलने ही नहीं देंगी, क्योंकि आप गलत नहीं हैं.

एक झूठ बोलना यानी हजार झूठ को न्योता देना

अगर आज आप अपने प्रेमी की असलियत छिपाने के लिए एक झूठ बोलेंगी तो कल उस से भी बड़ा झूठ बोलना पड़ेगा जैसे कि घर में झूठ बोल कर जाएंगी कि कालेज जा रही हूं और प्रेमी से मिलने पहुंच जाएंगी तो बाद में पता लगने पर आप से सौ सवाल किए जाएंगे, जिन से बचने के लिए आप और भी कई झूठ बोलेंगी और फिर इस जाल में ऐसी उलझेंगी कि निकलना मुश्किल हो जाएगा.

अगर प्रेमी से मिलने गई थी या उस से घंटों फोन पर बात कर भी रही थी तो इस में झूठ बोलने की क्या बात है. अपने घर वालों से हर बात शेयर करें.

खफा हम भी खफा तुम भी

इन सब बातों को ले कर आप दोनों के बीच दूरियां बढ़ेंगी. जब फैमिली और रिश्तेदारी, दोस्तों के बीच आप दोनों के रिश्ते को ले कर तनाव होगा तो उस का प्रभाव आप दोनों के रिश्ते पर पड़ना भी स्वाभाविक है. लोगों की बातों से आप इतना पक जाएंगे कि इस की खीज एकदूसरे पर उतारने से नहीं चूकेंगे. आप के बीच बातें कम होंगी और इस बात पर चर्चा ज्यादा होगी कि दोनों के रिश्ते को ले कर किस ने क्या कहा और वह बातचीत कब आप के बीच बहस का कारण बन गई, आप को पता भी नहीं चलेगा. इसलिए शुरू से ही अपने रिश्ते को फेयर रखें, ताकि किसी को बताने व छिपाने जैसी कोई नौबत ही न आए.

इनविजिबल पर्सनैलिटी हौरेबल है

सब को पता चल ही जाता है कि कोई तो है जिस से आप बातें करती हैं पर छिपाती हैं. न बताने पर लोग खुद ही अंदाजा लगा लेंगे कि आप दोनों का रिश्ता ऐसा है वैसा है. लोगों द्वारा खींची गई वह तसवीर हौरेबल हो जो आप को और साथी को बिलकुल पसंद नहीं आएगी, इस से तो बेहतर है कि आप खुद ही बता दें.

टांका भिड़ा रे अफवाहों के बाजार से

अगर आप कुछ नहीं बताएंगी तो लोगों की तो छोडि़ए, आप के अपने घर वाले ही समझने लगेंगे कि आप दोनों के बीच कुछ तो है और वे यह सोच कर संतुष्ट हो जाएंगे कि आगे चल कर आप उसी से शादी करेंगी इसलिए उन के रिश्ता देखने की जिम्मेदारी खत्म. अगर ऐसा हुआ तो नुकसान आप का ही है. बेवजह अफवाहों से भिड़ाया हुआ टांका कहीं गले न पड़ जाए.

कैरेक्टर पर भी उठने लगेंगे सवाल

आप दोनों के बीच दिल का संबंध है तन का नहीं, यह बात आप दोनों जानते हैं, लेकिन अगर जल्दी ही यह बात आप ने सभी लोगों को नहीं समझाई तो वे अपने हिसाब से कहानी तैयार कर लेंगे कि रातदिन साथ घूमतेफिरते हैं, हिल स्टेशन भी चले जाते हैं, कभी तो कुछ गलत हुआ ही होगा.

आखिर न्यू जनरेशन जो ठहरी. इन के लिए कुछ गलत नहीं है. ‘क्या जमाना आ गया है’, ‘कैसी लड़की है यह’ और भी न जाने क्याक्या सुनने को मिलेगा जो भविष्य में आप के कैरेक्टर पर भी प्रश्नचिह्न लगा सकता है.

फिर आप चाहे लोगों को लाख समझा लें, लेकिन बात हाथ से निकल जाएगी इसलिए जल्दी ही इस बात को स्पष्ट कर दें कि साथी और आप का क्या और कैसा रिश्ता है ताकि लोगों को बोलने का मौका ही न मिले.

दुनिया की सोच को बदलना चाहती हूं : मानुषी छिल्लर

20 वर्षीय मेडिकल की छात्रा और अब ‘मिस वर्ल्ड 2017’ मानुषी छिल्लर को कभी लगा नहीं था कि उन्हें इतना बड़ा खिताब मिलेगा. मानुषी ये खिताब जीतने वाली छठी भारतीय सुंदरी हैं. स्वभाव से हंसमुख मानुषी से मिलना एक इवेंट के दौरान हुआ था, जब वह हरियाणा से ‘मिस इंडिया हरियाणा’ बनकर मुंबई आई थी.

वह अपनी उपलब्धि से बहुत खुश नजर आ रही थीं. उनसे मिलकर बातचीत में वह हमेशा हंसती ही रही.

अपने बारे में वह बताती हैं कि मैं डाक्टर परिवार से हूं. मेरे माता-पिता दिल्ली में रहते हैं और मैं हरियाणा में रहती हूं. मेरा जन्म हरियाणा में हुआ है, लेकिन शुरुआती शिक्षा दिल्ली में हुई और मेडिकल की पढाई मैं फिर से हरियाणा से कर रही हूं. मेरा बचपन से सपना था कि मैं मिस इंडिया बनूं, लेकिन कब ये कैसे असल में परिवर्तित हो गया, पता ही नहीं चला. जब ‘मिस इंडिया’ का खिताब हरियाणा से मिला, तो खुद पर यकीन नहीं हो रहा था. मैंने कुचिपुड़ी नृत्य सीखा है. नेशनल स्कूल औफ ड्रामा का भी हिस्सा रह चुकी हूं. मिस वर्ल्ड बनने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है. मेरी इस मेहनत में मेरे माता पिता ने हमेशा साथ दिया है.

वह आगे कहती हैं कि मिस इंडिया एक पर्सनलिटी कांटेस्ट है. अपनी सुंदरता से अधिक बाकी चीजों पर ध्यान देने की जरुरत होती है. जैसे अपने सामान्य ज्ञान को मजबूत करना, फिटनेस को बढ़ाना, जिसमें केवल पतला होना ही नहीं बल्कि अपनी स्ट्रेंथ को बढ़ाना है. इसके अलावा बातचीत का ढंग, सबसे मिलना आदि कई चीजें हैं, जिससे बेहतर करना जरूरी होता है.

कितना प्रेशर मानुषी पर रहा? पूछे जाने पर मानुषी बताती हैं कि इसमें मैंने अपने ऊपर कोई दबाव नहीं लिया, हालांकि परिवार और आयोजकों की मुझसे बहुत आशा थी और होना भी चाहिए, क्योंकि ये वन टाइम अचीवमेंट है और प्रतियोगिता काफी कठिन होती है. सब अच्छे है, ऐसे में मिस वर्ल्ड को जितना आसान नहीं होता. मिस इंडिया की सबसे अच्छी बात ये होती है कि वहां जिस तरह से सबकी ग्रूमिंग की जाती है, वे सबसे काफी जुड़े रहते है जिससे तनाव और डर दोनों निकल जाता है.

मिस वर्ल्ड के बाद क्या करना चाहेंगी? क्या बौलीवुड में आने की इच्छा है? इस बारे में मानुषी कहती हैं कि मैं मेडिकल की छात्रा हूं, मिस इंडिया में आने का अर्थ मेरे लिए ये नहीं कि में बौलीवुड में आना चाहती हूं. इसमें मैं दुनिया की सोच को बदलना चाहती हूं. जिसमें खास कर ‘प्रोजेक्ट शक्ति’ के साथ कर रही हूं. इसमें मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता पर अधिक महत्व देना चाहती हूं. इसके लिये मैं कई गांवों में घूमी, उन्हें स्वच्छता से परिचय करवाकर उनका इलाज भी करवाया है.

भारतीय स्टेट बैंक का यह स्पेशल ट्वीट नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

अगर आप भी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहक हैं तो यह खबर आपके लिए ही है. क्योंकि भारतीय स्टेट बैंक  के ग्राहको को यह साल खत्म होने से पहले एक बहुत जरूरी काम हर हाल में करना होगा. अगर आप यह काम नहीं करेंगे तो 1 जनवरी से आपको अपना अकाउंट इस्तेमाल करने में काफी दिक्कत हो सकती है.

ऐसा हमारा नहीं खुद भारतीय स्टेट बैंक का कहना है. उनके अनुसार 31 दिसंबर तक आपको अपने आधार कार्ड को अपने बैंक खाते से जोड़ना अनिवार्य होगा. बैंक ने यह साफ किया है कि ऐसा न करने वालों का अकाउंट निष्क्रिय कर दिया जाएगा. इस सूचना को लेकर भारतीय स्टेट बैंक ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट भी किया है.

भारतीय स्टेट बैंक ने एक ट्वीट कर लिखा कि डिजिटल लाइफ के लाभ उठाने के लिए आपको जल्द से जल्द अपने अकाउंट को आधार से लिंक करना होगा. इसके लिए 31 दिसंबर आखिरी तारीख है. जो भी ग्राहक ऐसा नहीं करेंगे, उनका खाता 1 जनवरी से उस समय तक के लिए सस्पेंड कर दिया जाएगा, जब तक कि आधार नंबर को अकाउंट से लिंक नहीं कर दिया जाता.

अगर आपने अभी तक अपने आधार को बैंक खाते से लिंक नहीं किया है, तो आपके पास 31 दिसंबर तक का ही समय है क्योंकि इसके बाद आप अपने खाते में पड़े पैसे को न तो निकाल सकेंगे और न ही अपने अकाउंट में पैसा ही जमा कर सकेंगे. अगर आपके खाते से कोई लोन वगैरह भी चल रहा है तो फिर उसकी किस्त भी जमा नहीं हो पाएगी.

जीमेल में छिपे हैं ये शानदार फीचर्स

गूगल की जीमेल सेवा दुनिया की सबसे लोकप्रिय ईमेल सेवा है. आज के समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो जीमेल का इस्तेमाल न करता होगा. लेकिन क्या आप जीमेल में छिपे ऐसे फीचर के बारे में जानते हैं, जिनके जरिए आप अपने काम को और भी ज्यादा बेहतर और आसान बना सकते हैं. अगर नहीं, तो आज हम आपको जीमेल के ऐसे ही कुछ खास फीचर के बारे में बताने जा रहे हैं. ये फीचर्स आपके बहुत काम आने वाले हैं.

अनसेंड मैसेज (Unsend messages): इस फीचर का इस्तेमाल कर आप किसी को भी भजे गये ईमेल को अनसेंड कर सकते हैं. इसके लिए आपको बस अपने जीमेल की सेटिंग्स में जाकर undo send को इनेबल करना होगा. लेकिन ऐसा करने के लिए आपको सिर्फ 5 सेकेंड से लेकर 30 सेकेंड तक का ही समय मिलता है. मतलब इसमें सिर्फ मैसेज भेजने के 30 सेकेंड के भीतर ही मेल को undo send करना होगा. अगर आपने 30 सेकेंड से ज्यादा का समय लिया तो मेल को डिलीट नहीं किया जा सकता है.

कैनेड रिस्पान्सेज (canned responses)-

जीमेल पर जब बार-बार किसी मेल के रिप्लाई में यूजर को एक ही बात लिखनी हो तो कैनेड रिस्पान्स फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं. कैनेड रिस्पान्सेज को इनेबल करने के लिए आपको जीमेल की सेटिंग में जाना है और वहां लैब्स के विकल्प पर क्लिक करेंगे तो नीचे की तरफ कैनेड रिस्पान्स लिखा दिखेगा. इसे इनेबल कर दें.

एड अदर अकाउंट (Add other accounts) : आप कई इमेल अकाउंट्स का इस्तेमाल करते हैं तो बार-बार आपको अलग-अलग अकाउंट्स को खोलकर देखना पड़ता होगा, लेकिन जीमेल ऐप में आप कई ईमेल अकाउंट्स जैसे आउटलुक, हाटमेल, याहू, आफिस 365 आदि को एक ही जगह रख सकते हैं. इसके लिए आपको एड अदर अकाउंट के विकल्प पर जाकर अपने अन्य अकाउंट को इसमें एड करना होगा. इस तरह आपको अब कई ऐप अपने फोन में रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

ब्लाक एनोइंग पिपल (Block annoying people) : आप किसी के मेल को रिसीव नहीं करना चाहते हैं तो आप उसे ब्लाक कर सकते हैं. इसके लिए आप जिस व्यक्ति को ब्लाक करना चाहते हैं, उसकी तरफ से आए किसी मेल पर जाएं. सबसे ऊपर टाइम के पास रिप्लाई के लिए आ रहे तीर के निशान पर क्लिक करें. यहां आठवें नंबर पर ब्लाक का विकल्प मिल जाएगा. इस पर क्लिक करके आप उसे ब्लाक कर सकते हैं.

कलरफुल स्टार्स (Colorful stars) : जीमेल में आप पीला, लाल, नीला, हरा, संतरी और बेंगनी स्टार का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आप जीमेल की सेटिंग्स में जाएं. थोड़ा नीचे स्क्रोल करें तो आपको वहां कई सारे स्टार के सेक्शन मिल जाएंगे. यहां आप मनचाहें स्टार के रंग चुन सकते हैं.

अपने बच्चों को भी दें वित्तीय जानकारी

तकनीक में हो रहे बदलाव और जीवन यापन की लागत में हो रही वृद्धि के मद्देनजर हमें खुद से सवाल पूछना चाहिए कि क्या आज के बच्चों को हम वित्तीय उत्पादों व सेवाओं के बारे में पर्याप्त जानकारी दे रहे हैं. बच्चों को अब पैसे के लेनदेन व निवेश प्रबंधन की शिक्षा देना काफी अहम हो गया है.

हर बच्चे को पाकेट मनी मिलती है. पाकेट मनी में मिले पैसे को वे मौल में खरीददारी करने में या फोन रिचार्ज करने जैसे चीजों पर खर्च करते हैं. बच्चों में पैसे का हिसाब-किताब रखने की मानसिकता को विकसित करना बहुत जरूरी है.

नकद खरीदारी की आदत डालें

वैसे तो अब क्रेडिट व डेबिट कार्ड सामान्य सी बात है. इसके जरिये खरीदारी करना कई मामले में आसान भी होता है, लेकिन शुरुआत में बेहतर होगा कि आप बच्चों को नकदी में खरीदारी करने की आदत डालें. मसलन चाय-काफी का भुगतान और किराना दुकानों पर छोटी खरीदारी करना वगैरह. इससे उन्हें पैसे का हिसाब-किताब रखने की व्यावहारिक जानकारी मिलेगी.

छोटी उम्र से बचत की आदत

अगर आप बच्चों को छोटी उम्र से ही इच्छा, चाह और जरूरत के बीच अंतर समझाने की कोशिश करें तो यह अच्छी शुरुआत होगी. अगर संबंधियों की तरफ से कोई मौद्रिक उपहार मिलता है तो उसका प्रबंध कैसे करें, कैसे उसे बचत में शामिल करें, कैसे उसे सोच समझ कर खर्च करें. इन छोटी-छोटी बातों की जानकारी देकर आप उनमें बचत की आदत डाल सकते हैं.

वित्तीय तौर पर आजादी दें

बच्चों को जितनी जल्दी वित्तीय आजादी की समझ आ जाए, उतना ही बेहतर होगा. इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा. वे यह समझेंगे कि हर चीज के लिए माता-पिता पर आश्रित नहीं रहा जा सकता. अगर आपका बच्चा दस वर्ष का हो गया है तो उसका अपना बैंक खाता खोल दीजिए. बैंक खाते के साथ उसका अपना डेबिट कार्ड आ जाएगा. उसे यह देखने दीजिए कि किस तरह से राशि ब्याज के साथ बढ़ती है?

खुद बनिए आदर्श

सबसे अहम सीख आप बच्चों को उनका आदर्श बनकर दे सकते हैं. आपातकालीन स्थिति के लिए बचत कीजिए और बच्चों के सामने एक उदाहरण पेश कीजिए. वैसे इस तरह के उदाहरण हमारे देश में हमेशा से रहे हैं. अगर आप पैसे को लेकर एक जिम्मेदारी का अनुभव करते हैं तो यह सीख जरूर बच्चों तक पहुंचेगी.

सुपरमार्केट में पाठशाला

अक्सर हम बच्चों को सुपरमार्केट ले जाते हैं. वहां भी कई तरह की शिक्षा दी जा सकती है मसलन कैसे किफायती सामान खरीदें, कैसे महंगे-सस्ते पर फैसला करें. इससे उनमें ब्रांड व उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर भी जागरूकता बढ़ेगी.

अनचाहे फोन कौल्स से आप भी हैं परेशान!

क्या आप भी अपने फोन पर आने वाले अनजाने कौल्स या स्पैम कौल्स से परेशान हैं? क्या वक्त-बेवक्त आपको ये कौल्स परेशान करते हैं?  क्या आप भी जरूरी काम करते समय इन कौल्स से परेशान हो जाते हैं? अगर वाकई ऐसा है तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम आपको इस परेशानी से निजात दिला सकते हैं. आज हम आपको ऐसे ही कुछ तरीके बताने जा रहे हैं, जिससे आपको स्पैम कौल्स से छुटकारा मिल जाएगा.

ब्लैकलिस्ट में डाल दें नंबर

कई स्मार्टफोन्स और फीचर फोन में ब्लैकलिस्ट की सुविधा दी गई होती है. जो भी नंबर आप ब्लौक करना चाहते हैं, उन्हें आप ब्लैकलिस्ट में डाल सकते हैं. इस फीचर में कौल्स के साथ-साथ मैसेज ब्लौक का भी ऑप्शन होता है. ये सबसे आसान उपाय होता है फालतू के कौल्स से छुटकारा पाने के लिए.

सर्विस प्रोवाइडर से कराएं ब्लौक

कस्टमर सर्विस के जरिए अनचाहे कौल्स को ब्लौक किया जा सकता है. इसके लिए आप जिस भी कंपनी का नंबर इस्तेमाल कर रहे हैं, उसके टेलिकाम औपरेटर को कौल करके, आपको उन नंबरों की लिस्ट उन्हें देनी होती है, जिन्हें आप ब्लौक कराना चाहते हैं और आपको काम ऐसे आसान हो जाएगा.

खुद को कर लें रजिस्टर

इंटरनेट से भी आप अपने नंबर पर ‘स्पैम कौल ब्लौकर’ लगा सकते हैं. इसके लिए आपको वेबसाइट www.donotcall.gov पर जाकर, ब्लौक करने वाले नंबर की जानकारी देनी होगी. इससे आपको सभी अनचाहे कौल्स से छुटकारा मिल सकता है.

फोन में करें सेटिंग

आप अपने ऐंड्रायड या आईफोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट से कौलर चुन सकते हैं. यहां आपको औप्शन दिए जाएंगे. आप किस का कौल रिसीव करना चाहते हैं और किसका नहीं, ये आप खुद ही तय कर सकते हैं.

ये ऐप भी है कारगर

स्पैम या अनचाहे कौल्स से छुटकारा पाने के लिए इन दिनों प्ले-स्टोर पर बहुत से ऐप मौजूद हैं. इनमें से सही और उचित ऐप्स के जरिए आप आसानी से इन कौल्स को ब्लौक कर सकते है. इसके अलावा उस कौल को एक स्पैम टैग भी दे सकते हैं, जिससे कि भविष्य में ये कौल्स आपको कभी परेशान न कर सकें.

…तो इसलिए आज का दिन सचिन के लिए है बेहद खास

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट की दुनिया में बल्लेबाजी कर करीब करीब सभी रिकार्ड अपने नाम किए हैं. आज हर कोई उन्हें क्रिकेट के भगवान के नाम से जानता है. सचिन तेंदुलकर और उनके फैंस के लिए आज का दिन बेहद खास है, क्योंकि आज ही के दिन उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के 30 हजार रन बनाए थे. जी हां, 20 नवंबर 2009 को अहमदाबाद में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के 30 हजार रन पूरे कर इस शिखर पर पहुंचने वाले अकेले खिलाड़ी बन गए.

सचिन ने ये बड़ी उपलब्धि इस टेस्ट मैच के आखिरी दिन हासिल की थी. इस दौरान उन्हें ये रिकार्ड बनाने के लिए सिर्फ 35 रनों की जरुरत थी और ये सीरीज का पहले टेस्ट मैच का आखिरी दिन था और जैसे ही मैच का 44वां ओवर चनाका वेलेगेदेरा ने फेंका, वैसे ही सचिन ने डीप स्क्वेयर लेग में खेल कर अपना 35वां रन बनाया, इस 35 रन के साथ सचिन के टेस्ट क्रिकेट के 12777 रन, वनडे के 17178 रन और टी20 के 10 रनों को मिलाकर कुल 30 हजार रन हो गए.

इस मैच में 30 हजार रन बनाने के बाद सचिन यहीं नहीं रुके उन्होंने इस पारी में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का 88वां शतक भी लगाया. ये शतक उनके टेस्ट करियर का 43 वां शतक था. चाहें ये मैच ड्रा रहा, लेकिन सचिन ने अपना खास रिकार्ड बनाकर इस मैच को हर भारतीय और खेल प्रेमी के लिए भी खास बना दिया.

अगर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट करियर की बात करें तो इन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 200 मैच खेलें. इन मैचों के दौरान उन्होंने 15921 रन बनाएं, जिसमें 2058 चौके और 69 छक्के शामिल हैं. वनडे करियर की बात करें तो इन्होंने 463 मैचों में 18426 रन बनाए. जिसमें 2016 चौके और 195 छक्के शामिल है. आईपीएल में भी इन्होंने 78 मैचों में 2334 रन बनाए. उन्होंने एक मात्र टी20 मैच खेला, इसमें उन्होंने 10 रन बनाए.

इन तरीकों से अपने फोन में छुपाएं निजी डाटा, बस करना होगा ये काम

स्मार्टफोन की घड़ी का इस्तेमाल यूजर्स टाइम देखने, टाइमर लगाने या स्टौपवौच के तौर पर करते हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि फोन की वौच का इस्तेमाल सीक्रेट लौकर की तरह भी किया जा सकता है. दरअसल, वौच यूटिलिटी से जुड़ी कई ऐप गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद हैं. इनमें से एक ऐप Timer Lock है. इस ऐप के जरिए आप फोन में मौजूद अपने निजी डाटा को लौक कर सकते हैं.

कैसे करें ऐप का इस्तेमाल

गूगल प्ले स्टोर से Timer Lock – Photo Video Hide ऐप का डाउनलोड करें. ऐप को इंस्टौल कर ओपन करें. इसे ओपन करने पर आपके सामने जो विंडो ओपन होगी उसमें आपको पासवर्ड रिकवरी औप्शन डालना होगा. इसके बाद Save and Start पर टैप करें. अब एक और विंडो ओपन होगी जिसमें आपको रिकवरी ई-मेल आईडी एंटर करना होगा. एंटर करने के बाद ऊपर दिए गए टिक पर टैप कर दें.

इसके बाद आपसे टाइम सेट करने के लिए पूछा जाएगा. यहां आप जो टाइम सेट करेंगे वो आपका पासवर्ड होता है. इसे सेट करके क्लौक के सेंटर में क्लिक करें. यहां आपको टाइम 2 बार सेट करना होगा.

इसके बाद जो विंडो ओपन होगी इसमें दिए गए OK पर टैप करें. इस विंडो में आपको बताया जाएगा कि अगर आप टाइम भूल जाते हैं तो आपको 10:10 का टाइम डालना होगा. ऐसा करने से जो सवाल आपने बनाया था आपको उसका जवाब देना होगा. इससे आप पासवर्ड सेट कर पाएंगे.

इसके बाद आप अपनी सभी निजी फोटो, वीडियो और फाइल्स को लौक कर पाएंगे.

जानें ऐप के बारे में

इस ऐप का पूरा नाम Timer Lock – Photo Video Hide है. साइज में यह सिर्फ 5MB की ऐप है. गूगल प्ले स्टोर पर यह ऐप फ्री में डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध है.

जानें बिना ऐप कैसे छिपाएं फोन में फोटोज और वीडियोज

आपको बता दें कि बिना किसी ऐप के भी फोन में फोल्डर्स को हाइड किया जा सकता है. तो चलिए आपको इसका तरीका बता दें.

फोन में ऐसे छिपाएं फोल्डर

स्मार्टफोन के मेन्यू में जाएं. इसके बाद फाइल मैनेजर में जाएं. इसके बाद आपको दो औप्शन मिलेंगे. एसडी कार्ड और इंटरनल मेमोरी में से किसी एक चयन करें. इसके बाद ऊपर दाईं ओर दिए गए तीन बिन्दुओं पर क्लिक करें. फिर सामने एक बौक्स ओपन होगा. इसमें न्यू फोल्डर लिखा होगा, उस पर क्लिक करें और नए फोल्डर को नाम दें. फोल्डर का नाम देने से पहले डौट (.) लगाना न भूलें. नया फोल्डर बनाते ही वह खुद-ब-खुद छिप जाएगा.

छिपे फोल्डर में ऐसे सेव करें फोटो/वीडियो

इस फोल्डर में किसी भी फोटो या वीडियो को सेव करने के लिए फोल्डर को ओपन करें. इसके लिए उस जगह पर जाएं जहां फोल्डर बनाया था. इसके बाद उस फोल्डर को देखने के लिए ऊपर दाईं ओर दिए गए तीन बिन्दुओं पर क्लिक करें. फिर हाइड सिस्टम फाइल को अनचेक कर दें या फिर शो हिडन फाइल पर क्लिक कर दें. इसके बाद आपको फोल्डर दिखाई देने लगेगा. अब इस फोल्डर में फोटो और वीडियो सेव कर दें. इसके बाद फोल्डर को दोबारा छिपाने के लिए तीन बिन्दुओं वाले विकल्प पर क्लिक करें और डोन्ट शो हिडन फाइल पर क्लिक कर दें.

मैं ने वार्म और कूल टोन के बारे में काफी पढ़ा है. कैसे जानूं कि मेरी टोन वार्म है या कूल? क्या यह जानने का कोई तरीका है.

सवाल
मैं ने वार्म और कूल टोन के बारे में काफी पढ़ा है. कैसे जानूं कि मेरी टोन वार्म है या कूल? क्या घर पर खुद यह जानने का कोई तरीका है?

जवाब
हमारी नैचुरल स्किनटोन 4 रंगों में होती है- यलो, पिंक, औलिव या पीच कलर, जिस में 2 टोन वार्म और 2 टोन कूल होती हैं. आमतौर पर भारतीयों का त्वचा वार्म टोन होती है.

वैसे हमारी स्किनटोन वार्म है या कूल, इस बात का पता आप घर बैठ कर भी लगा सकती हैं. इस के लिए धूप में बाहर बैठ कर बाल बांध लें और फिर अपने ऊपर गोल्डन व सिल्वर कपड़ा रख कर देखें. ऐसा करने पर यदि आप पर गोल्डन कलर सूट करे तो आप की स्किनटोन वार्म है और यदि सिल्वर सूट करे तो कूल.

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