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बिग बॉस 16 : साजिद खान की वजह से मंदाना करीमी ने छोड़ा था बॉलीवुड, लगाया आरोप

दिवाली से पहले ही बिग बॉस 16 ने हिलाकर रख दिया है, जिस दिन से यह शो शुरू हुआ है, सोशल मीडिया पर धमाल मचा हुआ है. शो के प्रीमियम के दिन साजिद खान ने इस शो में एंट्री मारी थी.अब तो लोग साजिद खान को बाहर करने की मांगकर रहे हैं. इसी दौरान शो में शामिल हुईं एक्ट्रेस मंदाना करीमी ने साजिद खान पर आरोप लगाएं हैं.

मंदाना ने बताया कि मैं वहां पर नहीं काम करना चाहती हूं जहां पर औरतों का सम्मान नहीं किया जाता है.ये खबर आने के बाद से लोगों के बच में हड़कंप ममच गया है. मंदाना करीमी ने बताया कि मैं खुद ऐसे जगह पर काम नहीं करना चाहती हूं , इस बात की जानकारी मंदाना ने ट्विट करके दिया है.

मंदाना ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा है कि हां ये बात सच है कि मैं अपने सोशल मीडिया पर प्रोटेस्ट कर रही हूं औरतों के हक के लिए, लेकिन इसके साथ मैं ये भी इरान और इंडिया कि औरतों को मैसेज देना चाहती हूं कि ये एंटी हिजाब प्रोटेस्ट नहीं है.

मंदाना से पहले उर्फी जावेद ने भी बिग बॉस कंटेस्टेंट की क्लास लगाई थी.

KBC14 के सेट पर रोने लगे अमिताभ बच्चन, जया और अभिषेक भी हुए इमोशनल

टीवी का सबसे चर्चित शो कौन बनेगा करोड़पति इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है, इस शो को देखने के लिए दर्शक भी इंतजार में बैठे रहते हैं. इस शो की टीआरपी भी धमाल मचाए हुए है. हर बार की तरह इस बार भी अमिताभ बच्चन इस सीजन को होस्ट कर रहे हैं.

हाल ही में शो से जुड़ा एक प्रोमो सामने आया है, जिसमें अमिताभ बच्चन रोते हुए नजर आ रहे हैं. दरअसल 11 अक्टूबर को अमिताभ बच्चन अपना 80वां जन्मदिन मना रहे हैं, इस खास दिन को खास बनाने के लिए सेट पर अभिषेक बच्चन पहुंचे. जिसके बाद जब अभिषेक हॉट सीट पर जाकर बैठे तो उन्होंने कह कि अब चलो उन्हें बुला लेते हैं जो रिश्ते में हमारी मां लगती हैं.

इसके बाद से जया बच्चन की एंट्री होती है. जिसे देखकर अमिताभ बच्चन काफी ज्यादा इमोशनल हो जाते हैं.अमिताभ बच्चन के इस वीडियो को खुद सोनी टीवी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है. जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं.

दरअसल, अमिताभ बच्चन अपना 80वां जन्मदिन मना रहे हैं जिसे खास बनाने के लिए सोनी टीवी ने ये सब प्लान किया है. शो में शामिल हुईं जया बच्चन अमिताभ बच्चन से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हुए इमोशनल हो जाती हैं. जिससे अमिताभ के अलावा जया और अभिषेक भी इमोशनल हो जाते हैं.

अमिताभ बच्चन हाल ही में फिल्म ब्रह्म्शास्त्र में नजर आएं थें, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया है. ये जानना बहुत ज्यादा दिलचस्प होगा कि आखिर कौन सी वो बात थी जिसे जानकर अमिताभ रोने लगे. शो में मौजूद बाकी सदस्य भी रोने लगे थें.

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फिटनैस: जिम जरूर जाएं

जिम अवश्य जाएं अच्छी सेहत के लिए मशहूर स्टैंडअप कौमेडियन और कलाकार 59 साल के राजू श्रीवास्तव को 10 अगस्त की सुबह नई दिल्ली के एक जिम में वर्कआउट करते समय हलका दिल का दौरा पड़ा था. कथित तौर पर वे ट्रेडमिल पर दौड़ते समय गिर गए थे, जिस के बाद उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया था.

बेंगलुरु, कर्नाटक के सीवी रमन नगर के पास जीएम पाल्या इलाके के एक जिम में कसरत करते समय 26 मार्च को एक 44 साल की औरत विनय कुमारी विट्ठल की मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ था कि विनय कुमारी विट्ठल की मौत दिमाग की नस फटने से हुई थी. पुलिस को लगता है कि कसरत करने के समय विनय कुमारी विट्ठल ने बहुत ज्यादा वजन उठाया होगा, जिस से उन का ब्लडप्रैशर बढ़ गया होगा और दिमाग की नस फट गई होगी. डाक्टरी भाषा में इसे ब्रेन एन्यूरिज्म कहते हैं, जो बिना लक्षणों के भी किसी के दिमाग में लंबे समय तक छिपा रह सकता है. ब्रेन एन्यूरिज्म से दिमाग की रक्तवाहिका में एक उभार या गुब्बारे जैसी रचना बन जाती है.

इस से कभी भी खून का रिसाव हो सकता है या गुब्बारा फट सकता है, जिस से मस्तिष्क में रक्तस्राव हो सकता है. इस से मरीज की मौत भी हो सकती है. हालांकि ज्यादातर मामलों में ब्रेन एन्यूरिज्म फटता नहीं है लेकिन यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर देता है. इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो सिरदर्द, बोलने में कठिनाई, दिखने में गड़बड़ी जैसे दृष्टि की हानि या दोहरी दृष्टि, आंख के ऊपर या आसपास दर्द, चेहरे के एक तरफ सुन्नता या कमजोरी, संतुलन का नुकसान, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई या अल्पकालिक स्मृति की समस्या होने लगती है.

राजू श्रीवास्तव की बात करें तो उन्हें जिम में पहले दिल का दौरा पड़ा था और बाद में उन का ब्रेन डैड हो गया था. डाक्टरों के मुताबिक, ब्रेन डैड तब होता है जब कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं. इन हालात में ब्रेन में औक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाती है. अकसर ब्रेन डैड की स्थिति तब आती है जब इंसान के सिर पर गंभीर चोट लगती है या मरीज ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी का शिकार होता है. अब जिम और इस तरह के हादसों पर बात करते हैं. जब भी कभी ऐसी कोई घटना होती है तो आम इंसान के दिमाग में एक ही बात आती है कि क्या जिम में कसरत करना खतरनाक है?

पर यह सच नहीं है, क्योंकि इस तरह के हादसे जिम की वजह से नहीं होते हैं, बल्कि लोग कसरत करते समय उन बातों को अनदेखा कर देते हैं जो उन के लिए जानलेवा बन सकती हैं. सब से जरूरी बात तो यह है कि अगर कोई इंसान जिम में कसरत करता है तो उसे अपने शरीर के बारे में पता होना चाहिए और यह भी पता होना चाहिए कि वह किस उम्र में किस तरह की कसरत कर रहा है. अगर वह किसी गंभीर बीमारी, जैसे दिल की बीमारी आदि से जू झ रहा है तो उसे डाक्टर से सलाह ले कर ही जिम जाना चाहिए. मुंबई में आइडियल जिम की संचालिका अंजू गुप्ता का मानना है,

‘‘जिम जाने से जान का खतरा नहीं है, बल्कि जिम जाने से आप का शरीर बलशाली और सेहतमंद बनता है. जिम में जो भी हादसे होते हैं उन की वजह कोई और ही होती है. ‘‘सब से पहले आप को अपना लक्ष्य तय करना होता है कि आप जिम क्यों जा रहे हैं. आप की उम्र कितनी है और सब से खास बात यह कि आप को डाक्टर से अपनी बौडी चैकअप करवा लेनी चाहिए. किसी भी तरह की व्यक्तिगत समस्या या फिर गलत तरीके से किया गया वर्कआउट नुकसानदायक साबित हो सकता है. ‘‘बहुत से नौजवान तो किसी बौडी बिल्डर को देख कर उन की तरह बौडी बनाने के चक्कर में गलत दवाएं या इंजैक्शन ले लेते हैं. यह सरासर गलत बात है. मेरा मनाना है कि आप अच्छा खाएं, अच्छा वर्कआउट करें और अपनी सेहत को बेहतर बनाएं.’’ अंजू गुप्ता मिसेज इंडिया फिटनैस आइकौन और मिसेज इंडिया क्रैजमैटिक पर्सनैलिटी का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं. फरीदाबाद के सैक्टर 16 में बने बी-फिट क्लब बाय भूपेंद्र दलाल के फिटनैस एक्सपर्ट भूपेंद्र दलाल ने बताया, ‘‘जिम जौइन करने से पहले अपनी बौडी और ब्लड टैस्ट जरूर कराएं. अगर कोई मैडिकल दिक्कत है तो अपने ट्रेनर से शेयर करें, छिपाएं नहीं.

ब्लडप्रैशर और हार्ट बीट को ट्रैक करें. रैस्ंिटग हार्ट रेट देखें. ‘‘बिना जानकारी के कोई भी सप्लीमैंट न लें. डाक्टर की सलाह जरूर लें. किसी अच्छे सर्टिफाइड ट्रेनर से ही ट्रेनिंग लें. सब से जरूरी बात कि खुश रहें, कंप्लीट रैस्ट करें, अच्छी डाइट लें और पानी भी जरूरत के हिसाब से पिएं.’’ इस सिलसिले में डाइटीशियन नेहा सागर ने जानकारी देते हुए बताया, ‘‘वजन को जल्दी से जल्दी कम करने के लिए एकदम हार्ड और हैवी ऐक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए. खाली पेट वर्कआउट न करें. अपनी डाइट का खास खयाल रखें. जंक फूड खाने से बचें. पौष्टिक आहार ही लें.

‘‘शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए बाजार के प्रोडक्ट्स को डाक्टर की सलाह पर ही लें. अच्छी कंपनी के प्रोटीन सप्लीमैंट पर ही भरोसा करें. स्टेरौइड आदि से बचें. शरीर में पानी की कमी न होने दें.’’ सच तो यह है कि आजकल की तनाव से भरी भागतीदौड़ती जिंदगी में अपनी सेहत का खयाल जरूर रखना चाहिए और जिम इस में मददगार साबित होता है पर साथ ही अपने शरीर की कमजोरियों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. याद रखें कि अच्छी सेहत पाना कोई शौर्टटर्म क्रैश कोर्स नहीं है, बल्कि यह तो उम्रभर चलने वाली ऐसी पढ़ाई है जो अनुभव और मेहनत से और ज्यादा बेहतर होती है.

माइनस 20 डिग्री तापमान : भाग 3

‘‘ जी आभार, मुझे और आपको षादी की तैयारी भी करनी होगी. ’’

हमने चाय पी और अपने-अपने रास्ते पर चल दिए. दूसरे दिन रज्जो की सहेली ने बताया कि रज्जो और उसके मां-बाप उसकी  चाची और चाचा से मिले थे. उन्होंने आपकी ग्रारंटी तो ली लेकिन परिवार की बिल्कुल नहीं. इसलिए षादी का फैसला किया गया. इस तरह षादी हुई. वह मेरे जीवन में आई और मैं आगे-आगे ही बढ़ता गया.

एक झटके से गाड़ी रूकी तो मेरी तंद्रा टूटी. ड्राइवर ने कहा, ‘‘ सर, यहां लंच कर लेते है. ’’

‘ ठीक है. मैंने देखा, हम निचाई पर हैं. पास ही षुद्ध पानी का एक झरना बह रहा है. खाने के लिए इससे षानदार जगह हो ही नहीं सकती थी. हेल्पर ने मेरे लिए फोलडिंग टेबल, स्टूल रख दिया. ऐसे स्टूल और टेबल विभिन्न उद्देष्यों के लिए हर अफसर को उपलब्ध रहते हैं. जवान कहीं भी बैठ कर खाना खा लेते हैं. खाना, सचमें स्वादिश्ट था. खाने लायक गर्म था. मैंने पेट भर खाया.

खाने के बाद गर्म चाय पी. फिर आगे के सफर के लिए चल दिए. ड्राइवर का अनुमान ठीक था. हम 5 बजे अपनी यूनिट में पहंुचे.

वहां रात जल्दी हो जाती है. षाम 5 बजे ही काफी अंधेरा हो गया था. मेजर सुबरामनियम साहब ने अफसर कमांडिंग के लिए निष्चित कमरे में ही मेरे रहने का प्रबंध किया. वे दूसरे कमरे में षिफ्ट हो गए थे. उनकी पोस्टिंग षानदार जगह हुई थी. वे इस वातावरण से जल्दी निकल जाना चाहते थे. अपने परिवार के साथ रहना चाहते थे.

रात को डिनर से पहले ड्रिंक करते समय मेजर साहब को मैंने आष्वस्त कर दिया कि कल कमांडर साहब की इंटरव्यू के बाद आप मुझे ब्रीरिफंग करें, फिर कभी भी पोस्ंिटग जा सकते हैं.

‘ सर, आज 5 तारीख है. मैंने 9 तारीख की लेह से घर के लिए बुकिंग करवा रखी है. मेरी 2 महीने की वार्शिक छुट्टी सेंक्षन है. मुझे फैंमिली क्वार्टर अलाॅट कर दिया गया है. छुट्टी के बाद फैंमिली लेकर सीधे नई यूनिट में जाऊगा. ’

‘‘ बधाई, मेजर साहब. आपको षुकामनाएं. आप मेरी गाड़ी लेकर जाएं. उसके लिए कल ही रास्ते के लिए हेडक्वार्टर से जो डाक्युमेंट चाहिए, तैयार कर लिए जाएंगे. ’’

‘ नहीं सर, मैं 1 टन्नर लेकर कर जाऊंगा, वह गाड़ी जिसमें 1 टन तक सामान ढोया जा सकता है. सामान थोड़ा ज्यादा है. खुले हो कर बैठेंगे.. मैं चाहूंगा, 2 जवान मेरे साथ जाएं. ’

‘‘ कोई बात नहीं, साहब. जैसा आप चाहेंगे, वैसा होगा. आपको 8 तारीख को यहा से निकलना पड़ेगा. ’’

‘ हां, सर ’

डिनर किया और सो गए. सोने से पहले मैंने घर में रज्जो से बात की. अपने सुरक्षित पहुंचने के प्रति बताया. उनकी कुषलता की बात की. सब ठीक है के बाद मैं आराम से सो गया.

कमांडर साहब की इंटरव्यू के बाद हम यूनिट में लौटे. मेजर सुबरामनीयम ने मुझे जो ब्रीरिफंग करनी थी, की. लेह जाने के लिए 1 टन्नर के लिए जो डाक्युमेंट चाहिए थे, षाम तक ब्रिगेड से साइन को कर आ गए थे. 7 तारीख को लंच के समय मेजर साहब के सम्मान  में बड़े खाने का प्रबंध किया गया था. रात को सर्दी हो जाती है, बड़ा खाना लंच के समय रखा गया था. पोस्टिंग जाने से पहले हर अफसर को बड़ा खाना देकर विधा किया जाता है.

बडे खाने के समय मेजर सुबरामनियम ने जूनियर अफसरों और जवानों को अपने संबोधन में कहा, ‘ मैं यहां आप सब के लिए जो कुछ कर सकता था, किया. अब मेजर निन्दी साहब आए हैं. वे बहुत ही काबिल अफसर हैं. मेरे द्वारा अधूरे कामों को अब वे पूरा करेंगे. आपने मुझे जिस तरह सहयोग दिया है, मुझे आषा ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि आप इन मेजर साहब को भी सहयोग करेंगे. बस मुझे यही कहना है. ’

मेंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘ मैं आपको यकीन दिलाता हूं, मुझे जो मेजर साहब ने ब्रीफ किया है, उनमें तरक्की ही की जाएगी. मैं सीनियर सूबेदार साहब से बात करके हर जगह का इंस्पेक्षन करूंगा. देखंूगा कि उनमें क्या किया जा सकता है. सभी का थैंक्स. कृपया सभी इस बड़े खाने को एंजाॅए करें.

मेजर सुबरामनियम साहब 8 तीथि को चले  गए. मैं समझ गया, अब सब मुझे ही करना है. दूसरे रोज सभी जूनियर अफसरों की मिटिंग बुलाई. उसमें कहा, ‘ मुझे यूनिट के हर कोने का इंस्पेक्षन करना है. तभी जो समस्याएं हैं, उनका हल निकल सकेगा. उन्होने अगले सोमवार का समय दिया.

मैंने अपना इस्पेक्षन जवानों के रहने के स्थान से किया. मैंने देखा, सबकुछ साफसुथरा था. लेकिन मैंने उनमें किसी के ब्यूटी पोस्टर नहीं देखे. मुझे मेजर सुबरामनियम साहब ने बताया था कि जवानों के टेंटों में ब्यूटी पोस्टर लगे रहते हैं. यहां भयानक सर्दी में जवानों में इंपोटैंसी की समस्या होती है. उसके लिए ब्यूटी पोस्टर लगाए जाते हैं ताकि उन का दिन मन की मुस्कराहट से षुरू हो. वे षरीर के भीतर गर्माहट महसूस करें. अगर कोई जवान इसकी षिकायत करता है तो वहां बैठे डाॅक्टर उसका तुरंत इलाज करते हैं. दूसरा अपना टूल चेक करने के लिए हर जवान को 3 महीने में एक बार छुट्टी भेजा जाता है.

‘‘ जानता हूं, सर, आप का इंस्पेक्षन था इसलिए कुछ देर के लिए हटा दिए गए. ’’

मेरे चेहरे पर मीठी मुस्कराहट आई, कहा, ‘ क्यों, साहब मैं आपसे अलग हूं. मैं भी इन्हीं समस्याओं से जुझूंगा. किसी के भी इंस्पेक्षन में ब्यूटी पोस्टर नहीं हटेंगे.

‘ सर्दी के कारण सबके होंठ फटने लगते हैं. अगर संभाल न की जाए तो पांव और हाथों की उंगलियां गलने लगतीं हैं. इसके लिए क्या प्रबंध हैं ? ’

‘‘ सर, होठों के लिए हर हफ्ते लिपसोल लगाने के लिए दिए जाते हैं. आॅफिस जाने से पहले सब अपने होठों पर लगा कर जाते हैं. हाथ और पांव के लिए नमक डाल कर रोज रात को गर्म पानी में धोने के आदेष हैं. उसके लिए रात 10 बजे तक गर्म पानी उपलब्ध रहता है. उसके बाद सुखा कर, फुट पौडर लगा कर सोक्स पहन कर सिलीपिंग बैग में जाते हैं.

पहले जहां इंटरनेट सेवा उपलब्ध नहीं थी. हम हर षनिवार को रोमांटिंग फिल्में दिखाते थे. अब इंटरनेट की सेवा उपलब्ध है. जवान अपने आप अपनी पसंद की फिल्में देख लेते हैं. कोई अपने घर में बात करता है. सारा दिन जबरदस्त व्यस्त रहने के बाद घर में बात करना और रोमांटिक फिल्म देखना, जवानों के लिए वरदान साबित होती हैं. वे आराम से सोते हैं. ’’

मन के भीतर का यह कैसा अंतरविरोध है. जिन फिल्मों को समाज बुरा कहता है, प्रायः इसे देखना वर्जित है. उन्हें खुद को जवानों को इंपोटैंसी से बचाने के लिए और षरीर को गर्म रखने के लिए देखने को कहा जाता है. इस तापमान में जहां षूषू करते-करते जम जाता है, ऐसा करने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं है.

‘ साहब, जवानों को एक पेग रम का रोज का मिल रहा है ? ’

‘‘ हां सर, एक पेग रोज सरकार देती है. अगर जवान चाहे तो एक पेग पेमेंट पर भी दिया जाता है. ’’

‘ ब्रेकफास्ट से पहले 1 टेबलेट मलटी विटेमन और 2 गोली विटेमन सी भी दी जाती हैं ? ’

‘‘ हां, सर अगर यह न खाएं तो भूख नहीं लगती. इनका खाना जरूरी होता हैं. ’’

‘ मैस में चलें ? ’

‘‘ आइए सर, इधर से. ’’

मैस में आए तो सबसे पहले मैं कुक की पर्सनल सफाई देखना चाहता था. हाथ में ग्लोबज जरूर पहने हुए थे, फिर भी कई काम ऐसे होते हैं जो नंगे हाथों से करने पड़ते हैं. वहां 2 कुक थे. मैंने दोनों के ग्लोबज उतरवा कर हाथ देखे. नाखुन आदि काट रखे थे. मैस कमांडर को चेक किया. सब ठीक था.

मैंने कुक को कहा, ठीक है, आप अपना काम करें. ’

मैंने सूबेदार साहब से पूछा, ‘ साहब, मेरा खाना और आपका खाना कौन बनाता है ? ’

‘‘ सर, हमारा खाना यहीं मैस से आता है. आपका खाना स्पेषल कुक आप के वहां ही बनाता है. ’’

‘ नहीं, कल से मेरा लंच और डिनर यहां से आएगा. जवानों को खाना ठीक से मिलता है या नहीं यह मेरा चेक होगा. स्पेषल कुक मेरा ब्रेकफास्ट, चाय और रात के ड्रिंक के लिए सनैक्स बनाएगा. ’

‘‘ बेहतर, सर. ’’

मैंने मैसकमांडर से कहा, ‘ मैं आपको छोड़ूंगा नहीं अगर जवानों को खाना मेरे जैसा नहीं मिला. बीच में आ कर मैं चेक करता रहूंगा. क्वार्टरमास्र्टर साहब, सप्लाई डिपो से राषन कम तो नहीं आता. जो हमें इस हाई एलटिटयूट में राषन अथराइज है, उसी स्केल से मिल रहा है ?. मैस कमांडर, आपको राषन कम तो नहीं मिलता है ? ’

‘‘ नहीं, सर मैस में सही राषन आता है. ’’ मैस कमांडर ने कहा.

‘ क्वार्टरमास्टर साहब, इस बार जब राषन आए तो मुझे बताना. मुझे पता होना चाहिए कि नफरी के मुताबिक राषन आया है या नहीं ? ’

‘‘ सर, ऐसा ही होगा . ’’

वहां से निकल कर मैं जवानों के वाषरूम में गया. वाषरूम साफसुथरे थे. यहां की पानी की व्यवस्था क्या है ? ’

‘‘ सर, पानी की व्यवस्था एमईएस यूनिट करती है. ब्वायलिंग स्टेज पर सप्लाई किया जाता है. हमारे टैंक में पहुंचते-पहुंचते नीम गर्म रह जाता है. टैंक में हीटर लगा हुआ है. जब तक एमईएस के जेनरेटर की लाइट रहती है, तब तक टैंक का हीटर उससे चलता है. फिर हमारे पास मिनी जेनरेटर है. उससे टैंक का हीटर चलता रहता है. इस तरह हम सब को रात दिन गर्म पानी देते है. यह व्यवस्था यहां की हर युनिट में है. ’’

‘ यह कौन यकीन करता है कि जवान कम से कम सप्ताह में 2 बार नहा रहे हैं. ’

‘‘ वैसे तो यह जवानों की मौरल डयूटी है कि वे अपने आपको ठीक रखें. फिर भी यहां एक रजिस्टर रखा गया है. पहले जवान उसमें एंटरी करते हैं, फिर नहाते हैं. ’’

‘ साहब, वाषरमैंन के यहां जाना है. ’

‘‘ आइए सर, इधर से आइए. ’’

वाषरमैंन के लिए जगह काफी खुली थी. बाहर तारें लगा कर कपडें सुखाने का प्रबंध किया गया था. वहां, 2 वाषरमैंन थे. पूरी यूनिट के कलोदिंग धोने के लिए. 2 सेमीआटो मषीनों पर काम कर रहे थे.

सूबेदार साहब ने बताया, ‘‘ सर, यहां कम से कम 2-3 फुल्लीआटो मषीन की जरूरत है. वाषिंग के लिए गर्म पानी तो मिलता है लेकिन स्पिन करने में दिक्कत होती हैं. सर्दी में गीले कपड़ांे के अंदर का पानी जम जाता है. स्पिन हो ही नहीं पाते. ऐसे ही बर्फ जमे कपड़ें निकाल कर खुखाने की मजबूरी रहती है. धूप लगे या न लगे, कई-कई दिन उनके सूखने का इंतजार करना पड़ता है. यहां के दोनों वाषरमैंने केवल अफसर और जूनियर अफसरों के कपड़े बड़ी मुष्किल से धो पाते हैं, वहीं जवानों के कपड़े वे बिलकुल नहीं धो पाते हैं. इसका दोनांे को मलाल रहता है कि वे अपनी डयूटी ठीक से नहीं ंकर पा रहें हैं. जवान भी अपने कपड़े बड़ी मुष्किल से धोते हैं, इस भयंकर सर्दी में. ’’

‘ साहब, फिर इसका इलाज क्या है ? ’

सूबेदार साहब के पहले ही सीनियर वाषरमैंन ने कहा, ‘‘ सर, अगर हमें फुली आटोमैटिक वाषिंगमषीन मिल जाएं, उनमें पानी भी गर्म होता है और कपड़े भी सूखे निकलते हैं. वाहर निकाल कर सुखाएंगे तो समय कम लगेगा और जवानों के कपड़े भी धुल जाया करेंगे. कम से कम 12 किलो कैपासिटी की 3 मषीनंे चाहिए होंगी. 2 भी मिल जाएंगी तो गुजारा हो जाएगा. ’’

‘ साहब, इन्हें लेने में दिक्कत कहां है ? क्या हमारे पास रैजिमैंटल फंड में पैसा नहीं है ? वह पैसा जवानों से लिया जाता है और उन्हीं के वैलफेयर के लिए होता है. ’

‘‘ सर, हमने मेजर सुबरामनियम साहब से भी कहा था. लेकिन उन्होंने इस बारे कुछ नहीं कहा. रैजिमैंटल फंड में प्र्याप्त पैसा है. लेह में सारी बड़िया मषीनों की एजेसियां हैं. वे यहां आ कर मषीने  इंस्टाल करते हैं. ’’

‘ साहब, हैडकर्लक साहब से मिलकर 12 किलो कैपासिटी की मषीनों का पता करें. 3 मषीने लेने में वे हमें कितना डिस्काऊंट देंगे. कितने की एक मषीन पड़ेगी. कितने दिन में डीलिवरी करेंगे. कोई इंस्टालेषन चार्ज है तो भी बताएं. सब कुछ पता करें और आज ही मषीनें आर्डर होंगी. ’

‘‘ राइट, सर. ’’

वषरमैंन ने भी थैंक्स किया. इंस्पैक्षन पूरा हो चुका था. मैं अपने आॅफिस में बैठ कर सरकारी डाक देखने में व्यस्त हो गया. 12 बजे के करीब हैडकर्लक साहब और सूबेदार साहब, वाषिंगमषीनों की सारी डिटेल लेकर हाजिर इुए. मुझे बाॅष की मषीन सबसे अच्छी लगी. मैंने खुद बात की और 3 मषनों का आर्डर कर दिया गया. 1 सप्ताह के भीतर इंस्टाल करके चले गए. वे केवल ईमेल पर आर्डर चाहते थे. पेमेंट के लिए बैंक के चेक की फोटो कापी ईमेल के साथ चाहते थे. षाम तक सारी फारमैंलिटी करके भेज दी गई. मन के भीतर तसल्ली थी कि यूनिट में आते ही एक बहुत अच्छा काम हुआ.

षाम को कमरे में आया तो मेरे कमरे में भी एक षानदार ब्यूटी पोस्टर लगा हुआ था. देखकर चेहरे पर एक गर्म मुस्कराहट आई. रात को रज्जो से वीडियो कालिंग से उसे दिखाया तो उसके चेहरे पर भी मुस्करहट थी. कहा, ‘‘ अब तो ऐसे ही गुजारा करना पड़ेगा. मुझे भी और आपको भी. सपनों में रहना होगा, आपको भी और मुझे भी. ’’

ये सपनें केवल मैं ही नहीं बल्कि बिस्तर पर जाते ही मेरे सारे जवान, जूनियर अफसर इन सपनों में खो जाते हैं. कोई अपनी बीबी के सपने लेता है, कोई अपनी गर्लफ्रेंड के. जिनकी नहीं हैं, वे सपनों में किसकी को भी गर्लफ्रेंड बना लेते हैं. उन सपनों में वे उनके साथ क्या-क्या करते हैं, इसको बताना असंभव है. षेश सारे रिष्तों के सपने पीछे छूट जाते हैं. जो जवान ऊपर पोस्टों पर हैं, उनकी स्थितियांॅ और भी असहनीय हैं. उनको इन सपनों को साकार करने के साथ-साथ दुष्मन पर भी निगाहें टिकेवान रखनी पड़ती हैं.

ऐसी ही अनेक समस्याओ से जूझतेजूझते 2 साल बीत जाते हैं. फिर नई पोस्ंिटग का इंतजार. अपनी फैमिली के रहने की आषा में.

 

प्यार ने तोड़ी धर्म की दीवार

तकरार है जहां, प्यार है वहां : पति पत्नी के बीच नोकझोंक का है अलग ही मजा

पति पत्नी के रिश्ते में कहा जाता है कि छोटीमोटी प्यार भरी तकरार तो होती ही रहती है. हम यहां बात कर रहे हैं उन खास मुद्दों की जिन पर अकसर प्यार भरी तकरार होती रहती है:

महिलाओं में सरप्राइज का क्रेज :

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में सरप्राइज का क्रेज ज्यादा पाया जाता है. ऐसे में वे अकसर इस बात पर झगड़ा करती हैं कि अब उन के पति ने उन्हें सरप्राइज देना बंद कर दिया है. हालांकि यह बात बहुत मामूली है, पर मामूली झगड़े की वजह बन जाती है और कभीकभी यह झगड़ा बड़ा भी हो जाता है.

अति व्यस्तता :

पत्नी पति की अति व्यस्तता से भी परेशान हो जाती है. पति के छुट्टी ले कर उसे समय न देने पर वह जी भर कर लड़ती है. अगर यह छुट्टी की कमी कहीं उस के मायके के कार्यक्रम में शामिल न हो पाने की वजह बन जाए तो फिर तो पति को कोई नहीं बचा सकता.

सामान का जगह पर न मिलना :

पतियों को जो बात सब से ज्यादा परेशान करती है वह है उन के सामान का जगह पर न मिलना. तब पति बेहद नाराज हो जाते हैं. अब भले ही पत्नी ने उसे ज्यादा सुरक्षित रखने या सफाई के लिए हटाया हो. अब पहले वाला प्यार नहीं: यह एक कौमन प्रौब्लम है. अगर पतिपत्नी दोनों वर्किंग हैं, तो अति व्यस्तता दोनों के बीच के रोमांस को उड़ा देती है. दोनों एकदूसरे पर आरोपप्रत्यारोप करते रहते हैं.

कपड़ों को बेतरतीब रखना :

यह शाश्वत जंग का विषय है. गीले तौलिए, गंदे मोजों या फिर कपड़ों को इधरउधर डालने पर यह जंग अकसर हो जाती है.

दोस्तों से प्यार :

पत्नी को सब से ज्यादा परेशानी पति के दोस्तों से होती है, जिन के साथ वक्त गुजारने में पति कई बार अपनी पत्नी को इग्नोर कर देता है. ऐसे में पत्नी का यह शिकायत करना बनता ही है कि उस के लिए तो पति के पास समय ही नहीं है.

हरदम चिकचिक करना :

यह भी बहुतायत से पाई जाने वाली शिकायत है पतिपत्नी के बीच कि घर में जितनी देर रहते हैं मुंह बना रहता है जबकि बाहर के लोगों से खूब हंस कर बातें की जाती हैं.

क्या पकाऊं :

यह पत्नियों की बड़ी समस्या है और पतियों की शिकायत कि जब देखो एक ही चीज पका देती हो. यह लड़ाई की स्थाई वजह भी है.

कोई रिश्ता परफैक्ट नहीं :

सचाई यह है कि कोई भी रिश्ता परफैक्ट नहीं होता. यदि आप यह सोचती हैं कि रिश्ते में सब कुछ आप की मरजी के अनुसार या किसी फिल्मी कहानी की तरह होना चाहिए, तो चोट लगनी लाजिम है. हर रिश्ता अलग होता है. यही नहीं हर रिश्ते को आप के प्यार, समर्पण, श्रम और साथ के खादपानी की जरूरत होती है. कई बार रिश्ता टूटने की वजह बेमानी उम्मीदें होती हैं.

वह हमेशा सही बातें कहेगा :

ऐसा नहीं होगा और न ही आप उस से ऐसी उम्मीद रखें क्योंकि कोई भी परफैक्ट नहीं होता है. और पति न ही किसी रोमानी फिल्म का हीरो है, जो हमेशा सही और अच्छी बातें ही करेगा. वह भी इनसान है. और आम इनसानों की तरह वह भी गलतियां करेगा. वह ऐसी बातें कह सकता हैं, जो उसे नहीं कहनी चाहिए थीं. कई बार बातें गलत अर्थ में बाहर आती हैं. अगर ऐसी बातें कभीकभार हों तो ज्यादा दिल से न लगाएं. अगर ऐसा नियमित होता है, तो आप को सोचने की जरूरत है.

हम साथ में हमेशा खुश रहेंगे :

माफ कीजिएगा यह हकीकत नहीं है. भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है यह कोई नहीं जानता. जीवन में अजीब चीजें होती हैं. हो सकता है कि आप दोनों में से कोई एक बीमार पड़ जाएं. अपने रिश्ते के हर पल का आनंद उठाने का प्रयास करें. जरूरी नहीं प्रेम कहानी किसी परीकथा सी चलती रहे. उतारचढ़ाव आ सकते हैं. आप को उन के लिए तैयार रहने की जरूरत होती है.

गुम है किसी के प्यार में के 2 साल पूरे, सई के फैंस ने ऐसे मनाया जश्न

टीवी की मशहूर एक्ट्रेस आयशा सिंह इन दिनों सीरियल गुम है किसी के प्यार में नजर आ रही हैं. आयशा सिंह ने इस सीरियल के जरिए लोगों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी हैं.

खास बात तो यह है कि सई बने आयशा सिंह को आज पूरे 2 साल हो गए, इस खास मौके पर वह सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रह हैं. लोग उन्हें इस खास मौके पर जमकर बधाई दे रहे हैं. यूजर उनकी फोटो और वीडियो शेयर करके कह रहे हैं कि आयशा सिंह को इस सीरियल में पूरे 2 साल होने पर ढेंर बधाईयां.

कुछ ने लिखा कि आपने बहुत कम समय में अपनी मेहनत से अपना मुक्काम हासिल कर लिया है, एक ने कहा कि मैं चाहता हूं कि आपकी कहानी हर घर तक पहुंचेगी, तो वहीं एक ने कहा कि मेरी मां हमेशा कहती है कि सई को लगा दो.

सोशल मीडिया पर सई की तारीफें की पुल बांधते नहीं थक रहे हैं. बता दें कि 600 एपिसोड पूरा हो चुका है इस सीरियल का .इसके साथ ही कुछ यूजर्स ने केक काटकर मनाया है. बता दे कि इन्होंने अपनी कैरियर कि शुरुआत जिंदगी अभी बाकी है से कि थी. सई बनकर वह अपनी परछाई हर घर में बनाई हुईं हैं.

आलिया भट्ट ने गोद भराई में दिखाया प्रेग्नेंसी ग्लो, ये सेलेब हुए शामिल

बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस आलिया भट्ट जल्द मां बनने वाली हैं, आलिया और रणबीर जल्द पेरेंट्स बनने वाले हैं. इनके बच्चे का इंतजार न सिर्फ कपूर खानदान कर रहा है बल्कि उनके फैंस भी इंतजार कर रहे हैं.

खास बात तो यह है कि आलिया भट्ट के बेबी का इंतजार सबको है ऐसे में आलिया भट्ट ने अपनी गोदभराई की रस्म पूरी हुई है. इस खास मौके पर आलिया भट्ट के करीबी लोग नजर आएं, करिश्मा कपूर, रिद्धिमा कपूर और नीतू कपूर खास अंदाज में नजर आईं.

इस दौरान आलिया भट्ट का ग्लो देखने लायक था, आलिया भट्ट की लेटेस्ट फोटो खूब चर्चा में हैं. इस खास मौके पर आलिया भट्ट की सास नीतू कपूर सबसे पहले पहुंची, पिंक और ग्रीन ड्रेस में नीतू कपूर का लुक देखने लायक था, बता दें कि नीतू कपूर दादी बनने के लिए काफी ज्यादा एक्साइटेड हैं.

इसके साथ ही आलिया भट्ट की ननद रिद्धिमा कपूर भी शानदार तरीके से सजधज के पहुंची, ये भी बुआ बनने के लिए काफी ज्यादा एक्साइटेड हैं. आलिया और रिद्धिमा की बॉन्डिंग काफी ज्यादा अच्छी है.

करिश्मा कपूर और रणबीर कपूर की बॉन्डिंग भी काफी ज्यादा अच्छी है, ऐसे में वह भी इस खास मौके पर नजर आईं. आलिया भट्ट की बहन शाहिन भट्ट भी नजर आईं. आलिया और रणबीर के खास दोस्त आयान मुखर्जी भी नजर आएं.

तेंदुए के दो मादा शावकों में एक को भवानी तो दूसरे को चंडी नाम दिया मुख्यमंत्री योगी ने

आदित्यनाथ ने कहा कि रामराज की भावना के अनुरूप मानव कल्याण के साथ प्रत्येक प्राणी की रक्षा व संरक्षण में सभी को अपना योगदान देना चाहिए. इसकी प्रेरणा हमें रामायण से भी मिलती है. रामायण की गाथा में अरण्य कांड जीव जंतुओं के संरक्षण, प्रकृति के प्रति दायित्वों, जीवों के प्रति व्यवहार की सीख देता है. अरण्य कांड में एक प्रकार से पूरी भारतीय ज्ञान संपदा समाहित है.

सीएम योगी बुधवार को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (गोरखपुर चिड़ियाघर) में तेंदुए के दो मादा शावकों को दूध पिलाकर उनका नामकरण (भवानी और चंडी) करने, व्हाइट टाइगर (सफेद बाघिन गीता) को क्रॉल से बाड़ा प्रवेश कराने, चिड़ियाघर के हाल में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने रामचरित मानस की पंक्तियों ‘हित अनहित पसु पच्छिउ जाना, मानुष तनु गुन ग्यान निधाना’ का स्मरण करते हुए कहा कि कौन हितैषी है और कौन हानि पहुंचाने वाला पशुओं में इसका स्पंदन होता है.

इस उद्धरण को और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम वन में माता सीता व अपने अनुज लक्ष्मण के साथ ही गए थे लेकिन वनवास काल में उनकी मदद वनवासियों, भालू, वानर, गिद्ध यहां तक कि पेड़, पौधों, व जंगल के नदी नालों ने की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य भी तभी संरक्षित रहेगा जब वह प्रकृति के प्रति और जीव-जंतुओं के संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सजग रहेगा. उन्होंने वन्यजीवों के संरक्षण हेतु सभी लोगों के योगदान की अपील की.

लखनऊ में शुरू होने जा रहा यूपी का पहला नाइट सफारी :

सीएम योगी ने वन्यजीव संरक्षण तथा ईको टूरिज्म को लेकर प्रदेश सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि लखनऊ में प्रदेश का पहला नाइट सफारी शुरू करने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. इससे ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, वन्यजीवों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी, मनोरंजन के साथ बच्चों का ज्ञानवर्धन भी होगा. उन्होंने कहा कि चित्रकूट के रानीपुर में टाइगर रिजर्व बनाए जाने की भी घोषणा हो चुकी है.

भगवान राम ने अपने वनवास काल का सर्वाधिक समय चित्रकूट में ही व्यतीत किया था. बिजनौर व रामनगर में भी ईको टूरिज्म से जुड़े प्रस्ताव मंजूर हो चुके हैं. सरकार वन्यजीवों के लिए महाराजगंज, मेरठ, चित्रकूट, पीलीभीत आदि जगहों पर रेस्क्यू सेंटर बना रही है. महाराजगंज के सोहगीबरवा क्षेत्र में गिद्ध संरक्षण केंद्र बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीवों से होने वाली हानि को सरकार ने आपदा की श्रेणी में रखा है.

नमामि गंगे परियोजना से हो रहा जलीय जीवों का संरक्षण :

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार जलीय जीवों के संरक्षण को लेकर भी संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना से इसमें काफी मदद मिल रही है. सीएम ने कहा कि कानपुर के सीसामऊ में पहले गंगा नदी में प्रतिदिन 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था, नमामि गंगे परियोजना के कार्यों से अब एक बूंद भी नहीं गिरता. अब सीवर गिरने वाला स्थान सेल्फी प्वाइंट बन चुका है. इसी तरह जाजमऊ में चमड़ा उद्योग का कचरा गिरने से जलीय जीव समाप्त प्राय हो गए थे. वहां अब जलीय जीवों को पुनर्जीवन मिला है और बड़ी संख्या में जलीय जीव नदी में दिखने लगे हैं.

गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि डॉल्फिन संरक्षण के लिए सरकार ने भगवान श्रीराम के प्रिय मित्र निषादराज के क्षेत्र को चुना है. विगत वर्ष अपने काशी के एक दौरे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि कि अब वहां भी गंगा नदी में डॉल्फिन दिखाई देने लगी हैं. उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार डॉल्फिन संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठाएगी.

वन्यजीवों के इलाज के लिए बनेगा डॉक्टरों का अलग कैडर :

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन्यजीवों के उपचार व संरक्षण के लिए पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर निर्धारित करने का निर्देश वन विभाग के जिम्मेदारों को दिया. उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के इलाज के लिए अभी चिकित्सक पशुपालन विभाग से लाए जाते हैं. पर, अब वन्यजीवों के रेस्क्यू व उनके उपचार हेतु पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर तैयार करना होगा.

एक-एक पेड़ का होना चाहिए संरक्षण :

पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक वृक्षारोपण की अपील करते हुए सीएम योगी ने कहा कि एक एक पेड़ की कीमत को समझते हुए उनका संरक्षण होना चाहिए. उन्होंने बताया कि विगत 5 वर्ष में उत्तर प्रदेश में100 करोड़ पेड़ लगाए गए. यह दुनिया में सर्वाधिक है. इस बार 35 करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं, इसे और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है पर्यावरण अनुकूल होगा तो स्वास्थ्य की रक्षा के साथ ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से भी बचा जा सकेगा. बुधवार को हो रही बारिश का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ऐसी बारिश सावन में होती है. अक्टूबर माह में यदि इस तरह की बारिश हो रही है तो हमें इसके बारे में सोचना होगा. उन्होंने कहा कि प्रकृत से छेड़छाड़ होगी तो उसके दुष्परिणाम सामने आएंगे ही.

कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने गंगा डॉल्फिन संबधी पोस्टर रिलीज करने के साथ प्रदेश के जलीय जीवों पर डाक विभाग के स्पेशल कवर का भी अनावरण किया. साथ ही चिड़ियाघर के निदेशक डॉ एच राजमोहन, पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश सिंह, उप क्षेत्रीय वनाधिकारी.रोहित सिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. उन्होंने वन्यजीव सप्ताह के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किया.

सोहगीबरवा में शुरू होगी जंगल सफारी : वन मंत्री

कार्यक्रम में वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि महाराजगंज के सोगीबरवा में सरकार जल्द ही जंगल सफारी की सुविधा शुरू करेगी. जंगल सफारी से ईको टूरिज्म बढ़ेगा, लोगों को रोजगार मिलेगा. दूसरे प्रदेशों के लोग पर्यटन के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में रोजगार के लिए भी आएंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पर्यावरण प्रेम व वन्यजीवों से लगाव का उल्लेख करते हुए वन मंत्री ने कहा कि सीएम योगी ने अपने जन्मदिन पर सुबह उठते ही सबसे पहला काम पौधरोपण का किया था. उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों से अपील की कि वे अपने जन्मदिन पर पौधरोपण अवश्य करें.

कार्यक्रम के दौरान डॉल्फिन दिवस पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जैव विविधिता के सलाहकार डॉ संदीप बेहरा ने आधारभूत व्याख्यान देते हुए डॉल्फिन संरक्षण में सबकी सहभागिता की अपील की. वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने वन्य जीव सप्ताह के कार्यक्रमों के साथ प्रदेश सरकार द्वारा ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. आभार ज्ञापन प्रधान वन संरक्षक वन्यजीव केपी दूबे ने किया.

इस अवसर पर वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री केपी मलिक, सांसद रविकिशन, महापौर सीताराम जायसवाल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ धमेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, महेंद्रपाल सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागध्यक्ष श्रीमती ममता संजीव दूबे, गोरखपुर क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक भीमसेन प्रभागीय वनाधिकारी विकास यादव, प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ एच. राजा मोहन, पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश सिंह आदि मौजूद रहे.

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