अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर को जो पोषक तत्त्व जरूरी हैं उन में प्रोटीन बेहद महत्त्वपूर्ण होता है. अमीनो एसिड आवश्यक और गैरआवश्यक में बंटे होते हैं. आवश्यक अमीनो एसिड वे हैं जिन्हें शरीर द्वारा बनाया नहीं जा सकता, जिन्हें भोजन से प्राप्त किया जाना चाहिए. गैरआवश्यक अमीनो एसिड वे हैं जिन्हें शरीर खुद बनाता है. लगभग 20 अमीनो एसिड हैं जिन में से 9 आवश्यक होते हैं. अमीनो एसिड हमारे शरीर में प्रोटीन बनाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं.

टिश्यू के विकास और रखरखाव से ले कर, बायोकैमिकल प्रतिक्रियाओं, त्वचा, बालों आदि के लिए मजबूती प्रदान करने, तरल पदार्थ को संतुलित करने, प्रतिरक्षा में सुधार करने और ऊर्जा प्रदान करने तक प्रोटीन की हमारे शरीर के विभिन्न अंगों के कुशल कामकाज में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है.

प्रोटीन 2 प्रकार होते हैं, पूर्ण और अधूरे. पशु प्रोटीन पूर्ण प्रोटीन होते हैं, जबकि पौधों से प्राप्त प्रोटीन अपूर्ण होते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए किसी दूसरे खाद्य स्रोत के साथ जोड़ा जाना चाहिए. उदाहरण के लिए, चावल या रोटी को फलियों या दाल के साथ खाने की आवश्यकता होती है.

इंडियन डायटैटिक एसोसिएशन यानी आईडीए के ताजा शोध से पता चला है कि भारतीय आहार शरीर को आवश्यक मात्रा में प्रोटीन उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त नहीं होता है. इस में 50 प्रतिशत अपर्याप्त प्रोटीन पैटर्न होता है.

कई लोग प्रोटीन की कमी को गंभीरता से नहीं लेते हैं, हालांकि, यह आवश्यक है कि हमारा आहार ऐसा हो जो प्रोटीन का संतुलन बनाए रखे. जीवनशैली या शारीरिक गतिविधि के स्तर के बावजूद प्रत्येक वयस्क को शरीर के प्रतिकिलो वजन पर 0.85-1 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है और प्रतिदिन कम से कम 50 ग्राम प्रोटीन मिलना चाहिए. ज्यादा शारीरिक कसरत करने वाले व्यक्तियों को 0.5 ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता हो सकती है और गर्भवती महिलाओं को सामान्य स्तर की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक प्रोटीन चाहिए होता है.

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