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क्रिकेट छोड़ रिंग में उतरे भज्जी

टीम इंडिया के स्पिनर हरभजन सिंह इन दिनों टीम इंडिया से बाहर हैं. हालांकि उन्‍हें कुछ दिनों पहले टी-20 विश्वकप में और आईपीएल-9 में मैदान पर देखा गया था. लेकिन हाल के दौरे में भज्‍जी को टीम में शामिल नहीं किया गया है.

क्रिकेट के मैदान से बाहर भज्‍जी इन दिनों काफी मौज मस्‍ती कर रहे हैं. उन्‍हें कुछ दिनों पहले भारत के महान रेसलर द ग्रेट खली के साथ देखा गया था. खली के साथ उन्‍होंने अपनी तसवीरें सोशल मीडिया में शेयर भी की. खली से उनकी मुलाकात खास तो है, लेकिन उससे भी खास है खली के स्‍टूडेंट को रिंग में मात देना.

जी हां, ये कोई मजाक नहीं है, बल्कि सही खबर है. दरअसल पंजाब के जलांधर में सीडब्‍ल्‍यूई एकेडमी में हरभजन सिंह को आमंत्रित किया गया था. भज्‍जी ने वहां पहुंचकर काफी मजा किया. इस दौरान खली के स्‍टुडेंट ने उन्‍हें रिंग में ललकारा. भज्‍जी ने भी उनके ललकार को चुनौती के रूप में तुरंत स्‍वीकार कर लिया और रिंग में उतर गये.

भज्‍जी के रिंग में उतरने के साथ ही पूरे हॉल में तालियों की गुंज सुनाई पड़ने लगी. तालियों की गुंज तब और तेज हो गयी जब भज्‍जी ने खली के स्‍टूडेंट को देखते ही देखते मात दे दिया. हरभजन सिंह ने रेसलर को मिनटों में उठाकर पटक दिया. हरभजन सिंह के इस कारनामे के बाद खली भी काफी खुश हुए और उन्‍हें पुरस्‍कार के तौर पर एक गदा भेंट की.

ऐप की जाल में फंस रहीं मछलियां

पुडुचेरी के तट के नजदीक 35 वर्षों से मछली पकड़ रहे के. अंजापुली का काम करने का तरीका अब बदल गया है. अब वह समुद्र में जाने से पहले अपना फोन निकालकर एक एंड्रॉयड ऐप में लॉग इन करते हैं.

उन्होंने बताया, '2004 की सुनामी के बाद हम पहले के मुकाबले बहुत कम मात्रा में मछली पकड़ पा रहे थे. मछलियों के मूवमेंट का पता लगाना मुश्किल हो गया था.' इन दिनों मछुआरों को पता होता है कि उन्हें किस जगह पर मछली मिल सकती है. उन्हें यह जानकारी फिशर फ्रेंड मोबाइल एप्लिकेशन (FFMA) से मिलती है.

यह ऐप उन्हें मछली की लोकेशन के साथ ही लहरों की ऊंचाई और हवा की रफ्तार के बारे में भी सटीक डेटा अवलेबल कराता है. ऐप को एम एस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (MSSRF) ने क्वालकॉम और टीसीएस के साथ मिलकर 2013 में तैयार किया था.

इसका इस्तेमाल तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में लगभग 10,000 मछुआरों के परिवार कर रहे हैं. ऐप में मछलियों के मूवमेंट की जानकारी हर 24 घंटे में अपडेट की जाती है.

इसमें कोरल रीफ और डूबे हुए जहाजों के मलबे जैसे डेंजर जोन भी बताए जाते हैं. हवा की रफ्तार और लहरों की ऊंचाई जैसी जानकारियां भी हर 6 घंटे में अपडेट की जाती हैं.

मछुआरों का कहना है कि ऐप की मदद से वे ज्यादा मछलियां पकड़ रहे हैं. इससे उनकी कमाई बढ़ी है. चेन्नई के रहने वाले मछुआरे के एलेक्स ने बताया, 'पहले मैं 6 से 10 टन तक मछली पकड़ता था, लेकिन ऐप की मदद से मैं 20 टन तक मछली पकड़ लेता हूं.' मछुआरों ने बताया कि ऐप से उनकी यात्रा का समय और खर्चे भी घटे हैं.

मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज के तहत आने वाली इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इंफॉर्मेशन सर्विसेज (INCOIS) सुनामी के खतरे से लेकर लहरों के अनुमान तक समुद्र से जुड़ी प्रत्येक चीज को ट्रैक करती है.

यह सैटेलाइट इमेज लेकर उन्हें MSSRF के पास भेजती है, जो इमेज से मिलने वाली जानकारी को प्रोसेस कर उसे ऐप पर अपलोड करती है.

मछुआरे समुद्र में जाने से पहले ऐप के डेटा का इस्तेमाल यह तय करने के लिए करते हैं कि उन्हें मछली पकड़ने के लिए किस रूट का इस्तेमाल करना है.

क्वालकॉम के सीनियर मैनेजर (गवर्नमेंट अफेयर्स), अनिर्बान मुखर्जी ने बताया, 'हमने इस एंड्रॉयड ऐप के इस्तेमाल के बारे में मछुआरों को ट्रेनिंग देने में भी MSSRF की मदद की है.' इस ऐप का एक अन्य महत्वपूर्ण फीचर एक अलार्म है, जो नाव के इंटरनेशनल वॉटर बाउंड्री के पास पहुंचने पर बजना शुरू कर देता है.

तमिलनाडु के पास समुद्र में भारत के मछुआरों के श्रीलंका की सीमा में जाने से उनके गिरफ्तार होने का खतरा रहता है. श्रीलंका की नौसेना ने कुछ मामलों में भारतीय मछुआरों के अपनी सीमा में आने पर उन पर गोलीबारी भी की है. अब इस ऐप का इस्तेमाल कर मछुआरे इस तरह के जोखिमों से आसानी से बच सकते हैं.

तुषार का पिता बनना और IVF का बढ़ता चलन

आईवीएफ तकनीक के द्वारा अब तक महिलायें बच्चों को जन्म देती थी. अभिनेता तुषार कपूर पहली चर्चित पुरूष हस्ती हैं, जिन्होनें आईवीएफ के जरीये सिंगल फादर बनने का फैसला किया. आईवीएफ तकनीक के जरीये वह पिता बन चुके हैं. उनको बेटा हुआ है, उसका नाम लक्ष्य रखा गया है. मुम्बई के जसलोक अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के आईवीएफ विभाग की डाक्टर फिरूजा पारिख ने कहा ‘ तुषार में पिता बनने का इरादा पक्का था. हर स्टेज पर उनका सहयोग मिलता रहा. इससे साफ दिखता है कि वह अच्छे पिता की तरह अपने बच्चे की परवरिश कर सकेगे.’ जसलोक अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के आईवीएफ विभाग की डाक्टर फिरूजा पारिख ने बताया कि कुछ समय से कई पुरूष और महिलाओं ने सिंगल पैरेंट बनने के लिये आईवीएफ तकनीक का सहारा लेने का फैसला किया है.

अगर इस चलन की शुरूआत को देखे तो साल 2005 में कोलकाता में पहली घटना का पता चलता है. वहां पर अमित बनर्जी नामक युवक इस तरह से पिता बना था. भारत के मुकाबले विदेशों में इस तरह का चलन पुराना है. आम लोग ही नहीं तमाम सेलेब्रेटी तक इसका सहारा लेकर सिंगल पैरेंट बन चुके है. दुनिया के सबसे अच्छे फुटबाल खिलाडी क्रिस्टियानों रोनाल्ड ने 2010 में सिंगल पैरेटस बने. पाप स्टार रिकी मार्टिन दो बच्चों के पिता हैं. भारत में आईवीएफ तकनीक से पिता तो कई शादीशुदा अभिनेता बन चुके हैं. इनमें शाहरूख खान और आमिर खान का नाम सामने आ चुका है. 2013 में शाहरूख और उनकी पत्नी गौरी ने आईवीएफ तकनीक से अपने तीसरे बच्चे अबराम को जन्म दिया. आमिर खान और किरण राव ने बच्चे आजाद को जन्म दिया.

तुषार कपूर का मसला थोडा अलग इसलिये है क्योकि वह बिना शादी के आईवीएफ तकनीकि के जरीये पिता बने है. यह सामाजिक रूप से क्रांतिकारी कदम है. भारत में विवाह एक सामाजिक बंधन होता है. इसे एक समाजिक संस्था माना जाता है. वहां इस तरह की शुरूआत नये विचारों को जन्म देगी. सिंगल पैरेंटस के रूप में कई महिलाओं ने लडकियों को गोद लिया है. कई ने शादी भी नहीं की और अपनी गोद ली बच्ची के साथ जीवन गुजार रहे है. किसी लडके ने यह काम पहली बार किया है. समाज में कुंवारे रहने वाले लडको की संख्या तेजी से बढती जा रही है. ऐसे में यह शुरूआत नई दिशा देने का काम कर सकती है. यह सही है कि इससे धर्म का प्रचार करने वाले लोग आहत होंगे, वह इसे धर्म और संस्कृति पर हमला भी मान सकते है.

जिस तरह से तुषार के पिता अभिनेता जीतेन्द्र और मां शोभा ने अपने घर में आये नये मेहमान लक्ष्य का स्वागत किया है उससे साफ है कि उनको समाज की दकियानूसी सोच की परवाह नहीं है. तुषार के इस कदम ने केवल बालीवुड ही नहीं देश को भी एक संदेश दिया है. हमारे समाज में तमाम ऐसे नेता रहे हैं, जिनका कोई उत्तराधिकारी नहीं रहा है. इस तरह से उत्तराधिकार की परेशानी हल हो सकती है. बिना शादी किये भी पिता बनने का सपना पूरा किया जा सकता है. इसे विवाह संस्था पर हमला मानने के बजाये समाज की एक नई शुरूआत मानना ज्यादा अचछा होगा. जो बहुतों को खुशियां दे सकता है.

रोड, रेलवे और पावर मिनिस्ट्री को मिलेंगे एक्स्ट्रा फंड

सरकार सड़क, रेलवे और पावर सेक्टर को और 25,000 करोड़ रुपये देने की तैयारी में है. बजट के दौरान इन्हें जितनी रकम देने का वादा किया गया था, यह पैसा उससे अलग है. इससे इन क्षेत्रों पर सरकारी खर्च बढ़ेगा, जिससे इकॉनमी की रफ्तार तेज करने में मदद मिलेगी. अतिरिक्त फंड के लिए तीनों मंत्रालयों (रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवेज, रेलवे और पावर) की फाइनैंस मिनिस्ट्री से बातचीत आखिरी दौर में है.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भी इन सेक्टरों में ऐलोकेशन बढ़ाने के पक्ष में है. सरकार का मानना है कि उसने हाल में जो रिफॉर्म्स किए हैं, उनके साथ इन सेक्टर्स पर खर्च बढ़ाने से इकनॉमिक ग्रोथ तेज होगी. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि फाइनैंस मिनिस्ट्री ने मंत्रालयों को वैसे प्रॉजेक्ट्स की फाइनल लिस्ट पेश करने को कहा है, जिसकी फंडिंग एक्सट्रा फंड से की जाएगी.

रोड मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, मंत्रालय ने बजट ऐलोकेशन के अलावा 15,000 करोड़ की मांग की थी. हालांकि, फाइनैंस मिनिस्ट्री ने इसमें से 10,000 करोड़ रुपये देने का वादा किया है. मौजूदा साल के लिए हाइवे कंस्ट्रक्शन का टारगेट 15,000 किलोमीटर (41 किलोमीटर रोजाना) है, जिस पर कुल 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे.

रेलवे मिनिस्ट्री को 12,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं. रेवेन्यू में गिरावट और प्रॉजेक्ट कॉस्ट में बढ़ोतरी के चलते रेलवे को फंड की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. रेलवे बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'अडिशनल ग्रॉस बजटरी सपॉर्ट (जीबीएस) का इस्तेमाल अटके प्रॉजेक्ट्स को क्लीयर करने, रेलवे लाइनों के आधुनिकीकरण और अपग्रेडेशन और कुछ रूट्स पर भीड़ कम करने में किया जाएगा. इलेक्ट्रिफिकेशन से जुड़े कुछ प्रॉजेक्ट्स पर भी काम तेज किया जा सकता है.'

रेलवे ने रोजाना 7 किलोमीटर रेल लाइन बनाने का टारगेट तय किया है. मौजूदा साल में उसे 45,000 करोड़ का ग्रॉस बजटरी सपॉर्ट (जीबीएस) मिला है और इस साल के लिए उसका टोटल प्लान खर्च 1.21 लाख करोड़ रुपये है. साथ ही, मिनिस्ट्री को आगामी सातवें पे कमीशन से जुड़े खर्च का बोझ भी उठाना होगा. पे कमीशन के चलते रेलवे के सैलरी खर्च में कम से कम 29,000 करोड़ की बढ़ोतरी हो सकती है. पावर मिनिस्ट्री को अतिरिक्त आवंटन के तौर पर 3,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.

नशे की हालत में पूनम पांडे का MMS हुआ वायरल

पब्लिसिटी पाने के चक्कर में एक्ट्रैस पूनम पांडे हर हथकंडा अपना रही है. अपनी बोल्ड तस्वीरें शेयर करना अब पूनम के लिए आम बात हो गई है. पूनम कभी ट्विटर पर सेमी न्यूड सेल्फी डालती हैं, तो कभी बोल्ड पोज में फोटो अपलोड करती हैं.

इसके अलावा पूनम का एक MMS भी लीक हो चुका है. हम उस MMS की बात कर रहें हैं जो एक पार्टी में बनाया गया था. साल 2013 में पूनम ने अपनी कुछ सहेलियों के साथ रात भर पार्टी की थी और इसी दौरान उनका MMS बनाया गया था.

इस वीडियो को अगर ध्यान से सुनें, तो समझ में आ जायेगा की पूनम पूरी तरह से दारू के नशे में चूर हैं और अश्लील डांस कर रहीं हैं. पूनम की सहेली कह रही है की वो पूनम का वीडियो नेट पर डालेंगी और वायरल करेंगी. ये MMS पिछले डेढ़ साल से इंटरनेट पर है और इन दिनों फिर से वायरल हो रहा है.

मोबाइल ऐप के ये हैं नुकसान

treआज हर काम के लिए अलगअलग तरह के मोबाइल ऐप आ गए हैं. बस एक क्लिक किया और काम हो गया. अब तो ऐप को इंस्टौल करने के लिए कई लुभावने औफर भी दिए जा रहे हैं. जैसे पहले रिचार्ज पर 100 एमबी 3जी डेटा फ्री, कैशबैक औफर. पहली राइड पर 30 प्रतिशत औफ वगैरहवगैरह. ये औफर्स हमें काफी अच्छे लगते हैं और हम बिना सोचेसमझे इस तरह के ऐप को अपने स्मार्टफोन पर इंस्टौल भी कर रहे हैं. पर क्या कभी आप ने ऐप के नुकसान की तरफ ध्यान दिया है?

जी हां, मोबाइल ऐप के भी कई नुकसान हैं, जिसे हम अपने फोन में इंस्टौल करते समय ध्यान नहीं देते. हमें तो बस लगता है कि हर एक ऐप हमारे फोन में होना चाहिए ताकि हम सब के सामने टशन दिखा सकें कि हम कितने मोबाइल फ्रैंडली हैं. यहां तक कि एक ही फंक्शन वाले दोदो ऐप रखते हैं. पर जरूरत से ज्यादा ऐप इंस्टौल करने के कई नुकसान हैं, आइए जानते हैं कैसेः

प्राइवेसी का खतरा

जब आप कोई ऐप इंस्टौल करते हैं तो आप का पर्सनल डाटा पब्लिसर के पास स्टोर हो जाता है, इस में आप का नाम, फोन नंबर, यहां तक कि कई ऐप में आप के बैंकिंग डिटेल्स भी सेव हो जाते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि इस से क्या हुआ, आप तो वैरिफाइड पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हम आप को बता दें कि अमेरिकी इंजीनियरों के एक दल ने जीमेल सहित कई ऐप्स को सफलतापूर्वक हैक कर दिया है. इन ऐप में कितने भी सिक्योरिटी औप्शन क्यों न हो, लेकिन इस में प्राइवेसी का खतरा बना रहता है. इसलिए जरा संभल कर इस्तेमाल करें.

ज्यादा डाटा खर्च

ऐप को तब ही डाउनलोड किया जा सकता है जब आप के फोन में इंटरनैट कनेक्शन हो या आप का फोन वाईफाई से जुड़ा हो. ऐप को डाउनलोड करने में काफी इंटरनैट डाटा खर्च होते हैं और जब भी आप इन का इस्तेमाल करते हैं. इंटरनैट की जरूरत पड़ती है. इतना ही नहीं ऐप बैकग्राउंड में रन करते हैं जिस की वजह से डाटा खर्च होता है. साथ ही कुछ समय के बाद इन ऐप को अपडेट करने के लिए भी इंटरनैट डाटा की जरूरत पड़ती है.

फोन की स्पीड होती है कम

आप के फोन में जितने ज्यादा ऐप होते हैं फोन की स्पीड उतनी ही कम होती है और जब आप ऐप का इस्तेमाल करते हैं तब खुलने में काफी टाइम लगता है. कई बार तो रिस्पांड करना भी बंद कर देता है, जिस की वजह से फोन बारबार हैंग होता है.

बैटरी पर पड़ता है इफैक्ट

ऐप का फोन की बैटरी पर भी असर पड़ता है, आप जब ऐप का इस्तेमाल करते हैं तब बैटरी खर्च होती है, जिस की वजह से फोन को चार्ज करने की जरूरत पड़ती है और फोन को बारबार चार्ज करने से बैटरी की लाइफ कम होती है.

वायरस डाउनलोड का खतरा

ऐप डाउनलोड के समय कभीकभी कुछ ऐसे वायरस भी डाउनलोड हो जाते हैं जो हमारे फोन को नुकसान पहुंचाते हैं.

ऐप से अनकंट्रोल बजट

ऐप से जहां एक मिनट में हर काम हो जाता है वहीं दूसरी तरफ इस से बजट भी अनकंट्रोल होता है. अगर कभी हमारे फोन का नैट पैक या बैलेंस खत्म हो जाता है तो हम इंतजार करते हैं रिचार्ज करवाने का. लेकिन रिचार्ज ऐप की वजह से फटाक से रिचार्ज कर लेते हैं और बिजी हो जाते हैं अपने स्मार्टफोन में. कई बार अट्रैक्टिव औफर पर शौपिंग कर लेते हैं, जिस से हमारा बजट बिगड़ता है.

टच पर असर

आप सोच रहे होंगे ऐप का फोन के टच से क्या कनेक्शन. कनेक्शन है, जब आप गेमिंग वाले ऐप डाउनलोड कर के गेम खेलते हैं तो बारबार गेम खेलने की वजह से फोन के टच पर असर पड़ता है.

नोटिफिकेशन से परेशानी

जब आप कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तब ऐप से बारबार नोटिफिकेशन आते हैं. ऐसा ज्यादा शौपिंग साइट्स में किया जा रहा है वे बारबार नोटिफिकेशन भेज कर आप का ध्यान अट्रैक्ट करते हैं और आप ना चाहते हुए भी ब्राउजिंग करने लगते हैं, जिस में आप का डेटा तो खर्च होता ही है और अगर कुछ पसंद आ जाए तो खर्च अलग.

जरूरत से ज्यादा ऐप से फोन को नुकसान होता है इसलिए ऐप इंस्टौल करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें.

किसी भी ऐप को इंस्टौल करने से पहले उस का रिव्यू जरूर पढ़ लें. कमैंट के नीचे लोग ऐप को रेटिंग भी देते हैं आप इस रेटिंग की मदद भी ले सकते हैं. क्योंकि कुछ ऐप जब आप इंस्टौल करते हैं तो उस की वजह से आप का फोन हैंग होने लगता है और आप को प्रौब्लम होती है. कई बार तो फोन भी फौरमैट मारना पड़ता है.\ सिर्फ रखने के लिए ऐप को इंस्टौल ना करें बल्कि यह जरूर देखें कि आप के लिए कितना उपयोगी है और आप ऐप का कितना इस्तेमाल करते हैं अगर जरूरत ना हो तो अनइंस्टौल कर दें. एक ही तरह के दो ऐप फोन में ना रखें बल्कि दोनों ऐप में तुलना कर लें कि कौन सा ऐप आप की जरूरतों को पूरा कर रहा है. आजकल यूजर फोटो इफैक्ट ऐप को कुछ ज्यादा ही इंसटौल कर रहे हैं, उस का मकसद होता है फोटो को ज्यादा से ज्यादा अट्रैक्टिव बनाना. पहले वे एक ऐप में फोटो एडिट करते हैं अगर उन्हें कुछ कमी नजर आती है तो दूसरे ऐप में. ऐसा ना करें, ऐसा करने से फोन की मैमोरी फुल हो जाती है और दूसरा कोई ऐप नहीं डाल पाते. इंस्टौल करने से पहले जरूर देख लें कि ऐप आप के फोन को सपोर्ट करता है कि नहीं. यह दिक्कत सभी फोन में नहीं आती केवल विंडोज फोन के साथ आती है, कई ऐप इस फोन में सपोर्ट नहीं करते, इसलिए ऐप को डाउनलोड करने से पहले इस बात का भी ध्यान रखें. ताकि आप का डाटा बरबाद ना हो.

देश में घटा ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज

देश की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों में बिक्री की रफ्तार कमजोर पड़ने लगी है. इसके लिए आप देश में ऑनलाइन शॉपिंग के लिए लोगों का रूझान कम होना कहेंगे या ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से दिए जाने वाले भारी डिस्काउंट पर सरकार की सख्ती का असर ? वजह जो भी हो लेकिन यह तय है कि भारत में ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की ग्रोथ का पहिया अब धीमा पड़ने लगा है. बीते दो वर्षों से भारी डिस्काउंट की बदौलत जबरदस्त ब्रिकी और निवेशकों की ओर से हर दिन मिलती मोटी फंडिग के कारण ई-कॉमर्स इंडस्ट्री ने खूब सुर्खियों बटौरी. लेकिन पिछले 6 से 8 महीनों में ई-कॉमर्स सेक्टर की तस्वीर बदली है जिसके बाद तमाम बड़ी कंपनियों को भी नए निवेशक ढूंढने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

जीएमवी में गिरावट

2015 की तुलना में 2016 में ई-कॉमर्स कंपनियों की बिक्री अनुमान से कम रही. बीते साल जहां मई में बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की कुल ग्रॉस मर्चेंडाइस वैल्यु (जीएमवी) 900 करोड़ डॉलर के करीब रही, वहीं इस साल यह आंकड़ा करीब 1000 करोड़ डॉलर का है. आंकड़ों के लिहाज से ब्रिकी की ग्रोथ रेट सालाना 11 फीसदी रही, जो इंडस्ट्री के अनुमान से काफी कम है

दिग्गज कंपनियों का निकला दम

आंकड़ों के मुताबिक देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट का जीएमवी पिछले साल की तरह इस साल भी बिना किसी ग्रोथ के 400 करोड़ डॉलर पर स्थिर रहा. जबकि इससे एक साल पहले कंपनी ने 400 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की थी.

अमेजन के इस साल जीएमवी कुछ सुधरते दिखे. पिछले साल कंपनी ने कुल 100 करोड़ डॉलर की बिक्री की थी, जबकि इस साल यह आंकड़ा 270 करोड़ डॉलर के करीब है. अमेजन अमेरिकी कंपनी है, जिसने महज 3 साल पहले ही भारत में अपना कारोबार शुरू किया है. अमेजन को बेस पिछले साल छोटा होने की वजह से आंकड़ों में ग्रोथ दिख रही है.

तीसरी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील की बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है, जबकि इससे पहले के वर्षों में कंपनी ने लगातार बिक्री के नए रिकॉर्ड बनाए हैं.

सरकार की नए नियमों का दिखा असर

विशेषज्ञ मान रहे हैं कि सरकार की ओर से इस साल मार्च में एफडीआई संबंधी जारी किए गए नए नियम इस बिक्री में गिरावट की बड़ी वजह हो सकते हैं. नए नियमों के मुताबिक ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियां जिनमें एफडीआई निवेश है, वे ग्राहकों को विशेष डिस्काउंट की पेशकश नहीं कर सकती और उनकों चीजों की कीमतें मार्केट के अनुरूप रखनी होंगी.

एप्पल की गूगल से हो सकती है भिड़ंत

गूगल ब्रांड वाला स्मार्टफोन इस साल के आखिर में बाजार में उतर सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक नए गूगल-ब्रांड स्मार्टफोन के लिए मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों से बातचीत चल रही है.

वहीं, गूगल की योजना है कि इस स्मार्टफोन से एप्पल के एकाधिकार को खत्म किया जा सकता है. द टेलीग्राफ ने गूगल और मोबाइल ऑपरेटर के बीच बातचीत से जुड़े लोगों का हवाला देते हुए लिखा है कि नए गूगल-ब्रांड वाले हैंडसेट में ‘हार्डवेयर में कंपनी का दखल बढ़ेगा.’

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, ”एक वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक, इस नए डिवाइस को इस साल के अंत तक लॉन्च किया जाएगा. इस फोन के डिजाइन, निर्माण और सॉफ्टवेयर पर गूगल का ज्यादा नियंत्रण होगा.”

गूगल की तरफ से पिछले साल अपना हैंडसेट लाने की उम्मीद थी. फिलहाल गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई गूगल-ब्रांड वाले स्मार्टफोन की योजना को नकार चुके हैं और उनका कहना है कि कंपनी नेक्सस सीरीज के लिए अपनी पार्टनर कंपनियों के साथ मिलकर काम करती रहेगी.

कहा जा रहा है कि स्मार्टफोन बनाने से गगूल के वर्तमान ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (ओईएम) के साथ रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं. वहीं, इस मामले पर गूगल ने किसी तरह की खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

बता दें कि गूगल ने पिक्सल सी टैबलेट के लॉन्च करने के साथ ही डिवाइस बनाने में अपना हाथ आजमाया था. गूगल ने इस टैबलेट को पिछले साल नेक्सस 6पी और नेक्सस 5एक्स के साथ ही लॉन्च किया था.

अब रेल टिकट के दाम पर करिए हवाई यात्रा

अब आप राजधानी एक्सप्रेस के टिकट के किराए पर एयर इंडिया में सफर कर सकते हैं. 27 जून से यह सुविधा शुरू हो गई है. 27 जून से लेकर 30 सितंबर 2016 तक एयर इंडिया के इस खास ऑफर के तहत आप चुनी हुई घरेलू फ्लाइट्स पर इकोनॉमी क्लास में सफर कर सकते हैं. ये टिकट फ्लाइट के उड़ान भरने के समय के 4 घंटे पहले तक बुक कराई जा सकती है.

इस ऑफर के मुताबिक राजधानी एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी के किराए में आपको एयर इंडिया की फ्लाइट्स में इकोनॉमी क्लास में सफर करने का मौका मिल सकता है.

आप https://book.airindia.in/itd/itd यूआरएल पर जाकर ये टिकट बुक करा सकते हैं और इन फ्लाइट्स में सीमित संख्या में सीटें मिल पाएंगी. ऑफर वाले टिकट एयर इंडिया की वेबसाइट, सिटी और एयरपोर्ट बुकिंग ऑफस से जाकर बुक करा सकते हैं.

राजधानी ट्रेन के जिन रूट्स पर एयर इंडिया की फ्लाइट्स संचालित होती हैं सिर्फ उन्हीं रूट्स के लिए ये ऑफर प्रभावी है.

इस ऑफर के तहत दिल्ली से जम्मू की फ्लाइट 2642 रुपये में मिल रही है और दिल्ली से अहमदाबाद की टिकट 3750 रुपये में मिल रही है. एयर इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर सभी रूट्स की जानकारी टिकट फेयर के साथ इस लिंक पर दी गई है. http://www.airindia.in/now-fly-air-india.htm

हालांकि ये भी बताया गया है कि एयर इंडिया इस स्कीम में बिना किसी पूर्व सूचना के बदलाव कर सकती है. ये किराए सिर्फ एक तरफ की यात्रा पर एप्लाई किए जा सकते हैं.

रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतूंगा: विकास कृष्ण

रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले तीन मुक्केबाजों में शामिल विकास कृष्ण ने कहा कि आगामी खेलों में उनके कांस्य पदक जीतने की संभावना है.

विकास (75 किग्रा) अजरबेजान के बाकू में हाल में संपन्न अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) के विश्व क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में कांस्य पदक के साथ ओलंपिक में जगह बनाने में सफल रहे थे.

विकास ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतूंगा. मुझे अनुकूल ड्रॉ मिलने की उम्मीद है क्योंकि मेरी विश्व रैंकिंग ठीक है और उम्मीद करता हूं पहले दो दौर में कड़े मुक्केबाजों का सामना नहीं करना होगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सत्य है कि मैं उसी वर्ग में हिस्सा ले रहा हूं जिसमें विजेंदर सिंह ने कांस्य पदक जीता था, मुझे लगता है कि मैं भी तीसरे स्थान पर रहूंगा. मैंने और वजेंदर ने विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था भी. मैंने और सने एशियाई चैम्पियनशिप में रजत जीता भी.’’

लंदन ओलंपिक 2012 में विवादास्पद बाउट में प्री क्वार्टर फाइनल में अमेरिका के एरोल स्पेंस के खिलाफ शिकस्त झेलने वाले विकास ने कहा कि इस बार पदक जीतने के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे क्योंकि यह उनका अंतिम ओलंपिक होगा.

विकास ने कहा, ‘‘लंदन खेलों के लिए मैंने आठ महीने पहले क्वालीफाई कर लिया था लेकिन वहां पदक जीतने में विफल रहा. इस बार काफी तनाव था क्योंकि मैंने पहले क्वालीफाई नहीं किया लेकिन इसके कारण मैंने कड़ी मेहनत की. मैंने एक दिन भी आराम नहीं किया और यह बाकू में मेरे नतीजे में नजर आता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने तीन मुकाबले आसानी से जीते जो सभी एकतरफा थे. इसलिए इस बार मेरी तैयारी बेहतर है और मैं अधिक आश्वस्त हूं. इसके अलावा पिछले ओलंपिक की तुलना में मेरे पास अधिक अनुभव है.’’

हरियाणा के इस मुक्केबाज ने कहा, ‘‘मैं रियो में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं क्योंकि यह मेरा अंतिम ओलंपिक होगा.’’ बाकू में क्वार्टर फाइनल मुकाबले के दौरान विकास की आंख के ऊपर कट लग गया था और उन्होंने कहा कि उन्हें उबरने में कुछ दिन लगेंगे जिसके बाद वह ओलंपिक की तैयारी के लिए वेनेजुएला जाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं 30 जून को वेनेजुएला जाउंगा और 10 जुलाई तक वहां रहूंगा.’’ विकास ने साथ ही कहा कि वह वेनेजुएला से लौटने के बाद वे भारत में ट्रेनिंग करेंगे.

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