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ऐसे डिलीट करें शॉर्टकट वायरस

एंटीवायरस का काम होता है कि वह आपके पीसी या लैपटॉप में से वायरस को दूर भगा दें. लेकिन अगर आपकी डिवाइस में कोई ऐसा वायरस आ जाता है जो कि एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की नजर में ही न आएं तो क्‍या करना चाहिए. 

जी हां, आजकल शॉर्टकट वायरस बहुत ज्‍यादा डिवाइस में हो रहे हैं. ये वायरस, डिवाइस में मौजूद डेटा के शॉर्टकट बना देते हैं और पता भी नहीं चलता.  

अगर आपको इन वायरस को अपनी डिवाइस, एसडी कार्ड या पीडी से हटाना हो तो करें ये उपाय:

प्रकार

ये वायरस दो प्रकार के होते हैं. एक प्रकार के वायरस, पीसी या लैपी में मौजूद डेटा का शॉर्टकट, डेस्‍कटॉप पर बनाने लगता है. और दूसरे प्रकार का वायरस, पेनड्राइव या एसडी कार्ड को प्रभावित करता है.

हटाना

इन वायरस को हटाने के लिए आपको स्‍पेशल सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है. उसे अपलोड करने के बाद, पीसी में से इन वायरस को रिमूव किया जा सकता है.

कमांड प्रॉम्‍प्‍ट

वायरस को कमांड प्रॉम्‍प्‍ट से पेनड्राइव से डिलीट किया जा सकता है. यह मैनुअली करना होता है जिसे ध्‍यान से निर्देशानुसार करना बेहद आवश्‍यक होता है.

बैकअप

पेनड्राइव से वायरस को हटाने से पहले आप किसी अन्‍य जगह पर उस सामग्री का बैकअप अवश्‍य ले लें. पेनड्राइव से वायरस रिमूव करने के बाद उसे फिर से फॉर्मेट कर दें.

रिफार्मेट

पेनड्राइव को फॉर्मेट करने के बाद रिफार्मेट करना भी बेहद आवश्‍यक होता है. इसके लिए आपको स्‍टार्ट पर जाकर सीएमडी टाइप करना होगा.

सिर्फ 92 पैसे में मिलेगा 10 लाख का बीमा

आगामी 31 अगस्त से रेल यात्रा के लिए ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर यात्रियों को 10 लाख रुपये तक का यात्रा बीमा कवर मिलेगा. इसके लिए उन्हें एक रुपये से भी कम का प्रीमियम भुगतान करना होगा. रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 31 अगस्त से आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिये यात्रा का टिकट बुक कराने पर यात्रियों को यात्रा बीमा कवर का विकल्प मिलेगा. इसके लिए उन्हें सिर्फ 92 पैसे का प्रीमियम देना होगा. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने रेल बजट भाषण में घोषणा की थी कि रेलवे यात्रियों को वैकल्पिक यात्रा बीमा कवर की सुविधा उपलब्ध कराएगी. यह नई सुविधा सभी यात्रियों को उपलब्ध होगी.

उपनगरीय ट्रेनों पर यह सुविधा नहीं मिलेगी. किसी भी श्रेणी में यह सुविधा उपलब्ध होगी. इसकी शुरुआत परीक्षण के आधार पर की जाएगी. यह बीमा कवर पांच साल तक के बच्चों तथा विदेशी नागरिकों को नहीं मिलेगा. अधिकारी ने बताया कि यह सुविधा कन्फर्म, आरएसी तथा वेट लिस्ट टिकट रखने वाले यात्रियों को मिलेगी.इस योजना के तहत यात्रियों या उनके कानूनी उत्तराधिकारी को मृत्यु या पूर्ण विकलांगता पर 10 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. आंशिक विकलांगता पर 7.5 लाख रुपये, दो लाख रुपये तक का अस्पताल का खर्च तथा ट्रेन दुर्घटना स्थल से शव ले जाने के लिए 10,000 रुपये तक का परिवहन खर्च मिलेगा.

ट्रेन दुर्घटना के अलावा आतंकवादी हमला, डकैती, लूटपाट, गोलीबारी आदि में भी यह बीमा कवर उपलब्ध होगा. हालांकि, टिकट रद्द होने पर प्रीमियम का रिफंड नहीं किया जाएगा. आईआरसीटीसी द्वारा इस योजना का क्रियान्वयन आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस, रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस तथा श्रीराम जनरल इंश्योरेंस के साथ भागीदारी में किया जा रहा है. इनका चयन निविदा प्रक्रिया के जरिये किया गया है. 

अब एटीएम से मिलेगा पर्सनल लोन

कैसा होगा अगर आपको लोन लेने के लिए भी बैंक न जाना पड़े, बल्कि एटीएम से ही लोन भी मिल जाए? बैंक योजना बना रहे हैं कि अपने कस्टमर्स के छोटे कर्ज को प्री-अप्रूव करके एटीएम से प्राप्त करने की सुविधा दी जाए. ग्रोथ के लिए बैंकों का रिटेल क्रेडिट पर यकीन बढ़ रहा है. एटीएम के माध्यम से बैंकों से सबसे ज्यादा लोग जुड़ते हैं, इसलिए ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने और लोन की प्रक्रिया को सहज करने के लिए बैंक इस संबंध में जल्द ही निर्णय ले सकते हैं. एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी अरविंद कपिल ने बताया कि इस सुविधा से इमर्जेंसी में ग्राहकों का फायदा होगा.

छोटे लोन लेने के लिए बैंक पहले ही ग्राहकों की डीटेल के अनुसार कुछ सीमा तय कर देगा. इसके बाद आवश्यकता होने पर कस्टमर एटीएम पर जाएगा, एटीएम कार्ड स्वाइप करेगा, अपनी राशि का चयन करने के बाद टर्म ऐंड कंडिशन पर अग्री करेगा और सत्यापित करने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालेगा और कुछ सेकंड्स में ही लोन की राशि उसके खाते में ट्रांसफर हो जाएगी.

देश के सबसे बड़े कर्जदाता बैंक SBI ने यह सुविधा देने कि लिए मल्टीवेंडर सॉफ्टवेयर के टेंडर निकाले हैं. SBI की 50,000 एटीएम से यह सुविधा देने की योजना है. SBI के मुख्य सूचना अधिकारी मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि दिन में एक एटीएम पर औसतन 300 से 400 लोग आते हैं. 

PC की पेस बढ़ाएंगे ये 5 बेस्ट सॉफ्टवेयर

क्या आपका कंप्यूटर बहुत धीमा हो गया है? बूटिंग और फाइल्स लोड करने में क्या आपका कंप्यूटर बहुत समय लगाता है? अगर हां, तो हम आपके लिए 5 ऐसे सॉफ्टवेयर्स की लिस्ट लाए हैं, जो जंक फाइल्स को हटाएंगे, स्टार्टअप प्रोसेस को स्ट्रीमलाइन करेंगे और आपके कंप्यूटर की सॉफ्टवेयर सेटिंग को बूस्ट करेंगे, ताकि आपका PC तेज परफॉर्म कर सके. सबसे अच्छी बात यह है कि इन सॉफ्टवेयर्स के लिए आपको बिल्कुल भी पैसा खर्च नहीं करना होगा. ये सभी सॉफ्टवेयर्स मुफ्त उपलबध हैं.

समय के साथ हार्ड ड्राइव में ऐसी चीजें भर जाती हैं, जो उसे सुस्त कर देती हैं. अगर स्लोडाउन सॉफ्टवेयर से संबंधित है, तो उसका इलाज यहां है. आप विंडोज के बिल्ट-इन सिस्टम मेंटेनेंस टूल्स के इस्तेमाल से भी बहुत सारा काम खुद कर सकते हैं, लेकिन इसमें वक्त लगता है. हम यहां आरामदायक तरीके की बात कर रहे हैं.

आईओएलओ सिस्टम मैकेनिक

क्लीन, तेज PC के साथ बड़े स्तर पर स्टार्टअप टाइम में सुधार के लिए IOLO सिस्टम मैकेनिक जंक फाइल्स और गैरजरूरी ऐप्स को हटा देता है. यह ब्लॉटवेयर और गैरजरूरी ऑटो-रन सेटिंग्स को ब्लॉक करता है. साथ ही, यह रैम को क्लियर कर देता है और कई लॉग्स, ब्राउजर हिस्ट्री को भी साफ कर देता है. न केवल यह प्रमुख सिस्टम रिसोर्सेज को फ्री करता है, बल्कि यह ब्राउजिंग गतिविधि के निशान भी मिटा देता है ताकि आपकी निजता बनी रहे. इसका मुफ्त वर्जन भी शानदार है, लेकिन अगर आप इसे नियमित इस्तेमाल करते हैं तो इसके प्रीमियम वर्जन पर भी विचार किया जा सकता है. प्रीमियम के लिए आपको कुछ पैसे चुकाने होंगे.

आईओबिट अडवांस्ड सिस्टमकेयर

किसी नए यूजर के लिए प्रभावी क्लीनिंग और मेंटेनेंस के लिए आईओबिट एडवांस्ड सिस्टमकेयर 2 रूपों में आता है: एक मुफ्त वर्जन, जो बेसिक हाउस क्लीनिंग करता है और एक प्रो वर्जन, जो इंटरनेट स्पीड-बूस्टिंग, रियल-टाइम ऑप्टिमाइजेशन, प्रिवेसी प्रॉटेक्शन, डीप रजिस्ट्री क्लीनिंग और 24X7 तकनीकी सहयोग देता है.

पिरिफॉर्म सीक्लीनर

पिरिफॉर्म सीक्लीनर गैरजरूरी फाइलों, रजिस्ट्री एंट्रियों को हटाता है और कुकीज को ट्रैक करता है. यह काफी समय से मौजूद है और काफी लोकप्रिय भी है. लोग इसे काफी इस्तेमाल करते हैं क्योंकि यह सिस्टम के उन हिस्सों की भी सफाई करता है जहां तक अन्य फ्री ऐप्स नहीं पहुंच पाते.

PC डीक्रेपिफायर

ब्लॉटवेयर को क्लियर करने के साथ ही PC डीक्रेपिफायर पीसी का प्रदर्शन दुरुस्त करता है. यह खासतौर पर नए PC के लिए उपयुक्त है, जिनमें अक्सर कई ऐप्स और बेमतलब की जंक सामग्री भर जाती है. ऐसे PC के लिए यह फ्री ऐप्लिकेशन काफी काम का है. यह आपके सिस्टम का विश्लेषण करता है और आपको बताता है कि कौन से ऐप्स आपके लिए जरूरी नहीं हैं.

रेजर कॉर्टेक्स: बूस्ट

कंप्यूटर में तेजी खासतौर पर गेम खेलने वालों के लिए जरूरी होती है. वह भी ऐसे वक्त जब गेम खेल रहे हों. रेजर कॉर्टेक्स: बूस्ट इसका सही जवाब है. यह फ्री ऐप गैरजरूरी सिस्टम प्रॉसेस को रोकता है, मेमरी को क्लियर करता है और बेहतर गेमिंग परफॉर्मेंस के लिए आपके सिस्टम को व्यवस्थित करता है.

अब हवाई सफर में भी मिलेगी वाई फाई

भारतीय हवाई क्षेत्र में यात्रियों को जल्द ही हवाई जहाज में इंटरनेट प्रयोग करने और फोन कॉल करने की सुविधा मिल सकती है. इसकी शुरुआत अगले महीने में होगी क्योंकि तब तक इससे जुड़े सुरक्षात्मक पहलुओं को सुलझा लिया जाएगा जिसके बाद वाई-फाई के प्रयोग की अनुमति मिल जाएगी.

अधिकारियों ने बताया कि यह सुविधा भारतीय वायु सीमा में घरेलू और विदेशी दोनों तरह के यात्रियों को मिलेगी. इसके लिए तकनीकी और परिचालनात्मक कार्य अंतिम चरण में है. वैश्विक तौर पर कई एयरलाइंस कंपनियां अपने यात्रियों को विमान में वाई-फाई की सुविधा देती हैं लेकिन अभी भारतीय वायु सीमा में प्रवेश करने के बाद उन्हें अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ करना होता है.

एयरलाइंस के पास इसके लिए शुल्क लेने या एक निश्चित सीमा तक इसे मुफ्त देने का विकल्प होगा. इससे घरेलू विमान कंपनियों के सामने अतिरिक्त आय का भी एक विकल्प खुल सकेगा. नागर विमानन मंत्रालय एक ऐसे प्रस्ताव पर काम कर रहा है जिससे विमानों में यात्रियों को 'थोड़े समय' के लिए वाई-फाई के प्रयोग की अनुमति होगी. इस मामले में विभिन्न सुरक्षात्मक मुद्दों पर ही अंतिम निर्णय निर्भर करेगा. 

‘दिलस्कूप’ शॉट खिलाड़ी लेंगे संन्यास

श्रीलंका के सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी वनडे सीरीज के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे. वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 और 9 सिंतबर को टी-20 मैच खेलकर अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर को अलविदा कह देंगे. इससे पहले वह 28 अगस्त को मेहमान टीम के खिलाफ अपना आखिरी वनडे मैच खेलेंगे.

39 वर्षीय दिलशान पहले ही अक्टूबर, 2013 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं. दिलशान ने कहा, 'मैंने रविवार को दांबुला में होने वाले मैच के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला लिया है. मैं दो टी-20 क्रिकेट मैच खेलने के बाद इस प्रारूप से भी संन्यास ले लूंगा.'

दिलशान ने अपने वनडे करियर की शुरुआत 1999 में जिंबाब्वे के खिलाफ की थी. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 28 अगस्त को होने वाला तीसरा मैच उनके करियर का 330वां वनडे होगा. वह इस वर्ष भारत में हुए टी-20 विश्व कप में श्रीलंका के टॉप स्कोरर रहे थे.

श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा वनडे मैच दिलशान को समर्पित रहेगा. उन्होंने अपने देश के लिए अमूल्य योगदान दिया है.' 'दिलस्कूप' शॉट की खोज करने वाले दिलाशान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती दो मैचों में अपनी शानदार फॉर्म में नहीं रहे. उन्होंने पहले में 22 और दूसरे वनडे में 10 रन का स्कोर किया था.

दिलशान का करियर

टेस्ट

मैच- 87

औसत- 40.98

रन- 5,492

शतक- 16

अर्धशतक- 23

बेस्ट- 193

विकेट- 39

वनडे

मैच- 329

औसत- 39.26

रन- 10,248

शतक- 22

अर्धशतक- 47

बेस्ट- 161*

विकेट- 106

टी-20

मैच- 78

औसत- 28.98

रन- 1,884

शतक- 01

अर्धशतक- 13

बेस्ट- 104*

विकेट- 07

फिल्मों से इतर अमिताभ ने कमाए करोड़ों रूपए

मुंबई के एक दैनिक अखबार के अनुसार बौलीवुड के महान अभिनेता अमिताभ बच्चन ने शेयर में पैसा लगाकर और फिर उन शेयर को बेचकर पिछले दिनों करोड़ो रूपए कमाए. इस अखबार के अनुसार पिछले सप्ताह अमिताभ बच्चन ने कुछ कंपनियों के शेयर बेचकर तीन से पांच गुना ज्यादा लाभ कमाया.

अखबार के अनुसार अमिताभ बच्चन ने नियुलैंड के शेयर एक करोड़ रूपए में खरीदे, जिन्हें 2 करोड़ 59 लाख में बेचकर 1 करोड़ 59 लाख रूपए,‘‘उजास एनर्जी’’ के शेयर  3 करोड़ 87 लाख में खरीदे और 7 करोड़ 76 लाख में बेचकर 3 करोड़ 90 लाख रूपए कमाए. ‘जस्ट डायल’ के शेयर 6 लाख में खरीदे थे, जिन्हें 7 करोड़ 22 लाख में बेचकर 7 करोड़ 16 लाख कमाए. फिनोटेक्स केमिकल के शेयर 2 करोड़ 95 लाख में खरीदकर  14 करोड़ 49 लाख में बेचते हुए 11 करोड़ 54 लाख कमाए. इतना ही नहीं अमिताभ बच्चन ने ‘‘स्टैम्पीड कैपिटल’’ के शेयर 5 करोड़ 92 लाख में खरीदे थे, जिन्हें उन्होने अभी तक बेचा नहीं है. मगर इनकी आज की तरीख में कीमत 24 करोड़ 34 लाख रूपए हो चुकी हैं.

आप फेसबुक पर हैं तो कुछ प्राइवेट नहीं है

फेसबुक पर जो विज्ञापन दिखते हैं, उनसे ऐसा लगता है मानों फेसबुक ने आपके मन की बात जान ली है. आपके परिवार में किसी का जन्मदिन है और आपको केक और फूलों के विज्ञापन दिखाई देने लगते हैं.

ऐसा सभी के साथ हुआ है और आगे भी होगा. कई लोगों के लिए ये हैरानी की बात हो सकती है लेकिन ऑनलाइन दुनिया में अब ऐसी बातें देख कर हैरानी नहीं होनी चाहिए.

फेसबुक पर लोग जिस तरह अपनी जानकारी शेयर करते हैं उससे ये सब पता करना बहुत आसान हो जाता है.

आम लोगों के बारे में फेसबुक जितनी जानकारी इकठ्ठा करता है कोई सोशल नेटवर्क नहीं करता. वो 98 तरह की जानकारी इकठ्ठा करके उसी के हिसाब से ऑनलाइन विज्ञापन दिखाता है.

फ़ेसबुक आपकी लोकेशन, आपकी आय, आपकी पसंद-नापसंद, आपकी मौजूदा ज़रूरत, आपके पिछले सर्च, आपके निकटतम मित्रों से हुई आपकी बातचीत के कीवर्ड्स सब जानता है.

इन सबसे मिलकर आपकी प्रोफाइल बनती है और उसके बाद विज्ञापन देने वाली कंपनी तय करती है कि उसे किस तरह की प्रोफ़ाइल वाले लोगों तक पहुँचना है.

फेसबुक का मानना है कि जो विज्ञापन वो लोगों को दिखाता है वो मज़ेदार होने चाहिए, उनके काम के होने चाहिए.

जब भी आप फेसबुक पर लॉग इन होते हैं, ज्यादातर लोग तो कभी लाग आउट करते ही नहीं, तो फेसबुक को यह पता चलता रहता है कि इस वक़्त आपकी ऑनलाइन गतिविधियाँ क्या हैं, आप किस साइट पर हैं वगैरह.

यहाँ तक कि लॉग ऑफ करने के बाद भी फेसबुक के पास आपके बारे में काफ़ी जानकारी पहुंचती रहती है. हर बार जब आप कोई पेज लाइक या शेयर करते हैं तो उसके बारे में फेसबुक के पास पूरी जानकारी तो होती ही है.

अब बहुत सारी ऑनलाइन कंपनियाँ आपको फ़ेसबुक लॉग इन का इस्तेमाल करने के लिए कहती हैं, यानी उस साइट या ऐप पर आप जो भी करेंगे वो फ़ेसबुक को मालूम होगा.

नाम, उम्र, शहर, स्त्री या पुरुष जैसी बुनियादी जानकारी से आपकी प्राइमरी प्रोफ़ाइल बनती है, उसके बाद आप जो कुछ भी आनलाइन करते हैं उससे आपकी सेकेंडरी या डिटेल्ड प्रोफ़ाइल बनती है.

नौकरी, कंपनियां, गाड़ियां और उसके खरीदने का वर्ष, आपके शौक, परिवार की छुट्टियां जैसी जानकारी की मदद से फेसबुक ऐसी कंपनियों के विज्ञापन आपको दिखाता है जो आपको नयी गाड़ियों के लॉन्च, छुट्टियां, बाइक और ऐसी चीज़ों के बारे में बताता है.

साल 2016 की दूसरी तिमाही में फेसबुक ने विज्ञापनों से 42,000 करोड़ रुपए बनाये, जो पिछले साल के मुकाबले 63 फीसदी ज़्यादा है.

फेसबुक का मूल मंत्र ये है कि जितना ज़्यादा हो सके डेटा इकट्ठा कर लो. उसके बाद जो भी विज्ञापन देने वाली कंपनियां है जो ऐसे लोग तक अपने सन्देश पहुंचाना चाहती हैं, उनके विज्ञापन ऐसे लोगों तक पहुंचाओ. अगर फेसबुक के विज्ञापन करने के तरीके के बारे में जानना है तो यहां पढ़ सकते हैं. फेसबुक ने विज्ञापन देने के तरीके के बारे में यहां विस्तार से बताया है.

तो क्या, अगर आप चाहें, फेसबुक के विज्ञापनों से बचने का तरीका है? अगर फेसबुक का अकाउंट एक्सेस करना है तो विज्ञापनों से बचना संभव नहीं है. आजकल ऑनलाइन शेयर करने की आदत ऐसी बढ़ गई है, जिससे लोगों का उसके बिना रहना मुश्किल है.

अगर आप अपने वेबसाइट पर विज्ञापन कंट्रोल करने के ऐड ब्लॉकर प्लस या प्राइवेसी बैजर जैसे ब्राउज़र एक्सटेंशन डाउनलोड कर लेते हैं तो फेसबुक आपके कंप्यूटर पर काम नहीं करेगा इसलिए भी आजकल फेसबुक और ऐड ब्लॉकर की लड़ाई पूरे उफान पर है.

रोनाल्डो बने यूरोप के बेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर

स्पेनिश क्लब रियल मेड्रिड के लिए खेलने वाले पुर्तगाल के कप्तान और स्टार स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो को यूरोप का साल का बेस्ट फुटबॉलर चुना गया. उन्हें 'UEFA बेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर' से सम्मानित किया गया.

इससे पहले चैम्पियंस लीग के आने वाले सीजन के लिए ड्रॉ की घोषणा की गई, जिसके बाद UEFA बेस्ट प्लेयर के अवॉर्ड की घोषणा हुई. रोनाल्डो के धारदार प्रदर्शन के दम पर रियल मेड्रिड 2015-16 सीजन में जहां चैम्पियंस लीग खिताब जीतने में सफल रहा, वहीं रोनाल्डो की अगुवाई में पुर्तगाल ने पहली बार यूरो कप 2016 हासिल किया.

रोनाल्डो ने दूसरी बार यह अवॉर्ड जीता है. रोनाल्डो के साथ अवॉर्ड की दौड़ में अंतिम तीन खिलाड़ियों में उन्हीं के क्लब के गैरेथ बेल और एक अन्य स्पेनिश क्लब एटलेटिको मेड्रिड के स्ट्राइकर एंटोइने ग्रीजमैन शामिल थे. रोनाल्डो इससे पहले 2014 में यह अवॉर्ड जीत चुके हैं, जिसके बाद 2015 का अवॉर्ड उनके प्रतिद्वंद्वी क्लब बार्सिलोना के करिश्माई स्ट्राइकर लियोनेल मेसी ने जीता था.

ए फ्लाइंग जट्टः स्तरहीन पटकथा ने किया गुड़गोबर

सिनेमा मनोरंजन का साधन है. सिनेमा के माध्यम से मनोरंजन के साथ सीख देना एक फिल्मकार के लिए आसान कभी नहीं होता है. यही प्रयास नृत्य निर्देशक से फिल्म निर्देशक बने रेमो डिसूजा ने अपनी चौथी फिल्म ‘‘ए फ्लाइंग जट’’ में की है, जिसमें वह पूरी तरह से सफल नहीं रहे.

सुपर हीरो वाली फैंटसी फिल्म की कहानी के केंद्र में एक पेड़ को बचाने की कवायद है. पर कहानी ज्यों ज्यों आगे बढ़ती है, त्यों त्यों यह मसला पूरी तरह से प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई बन जाती है. अब एक तरफ प्रदूषण से शक्ति पाने वाला राका (नाथन जोंस) है, तो दूसरी तरफ अच्छी शक्तियों व नेक इरादे से युक्त फ्लाइंग जट (टाइगर श्राफ) है.

कहानी पंजाब के एक शहर की है. इस शहर की नदी किनारे करतार सिंह कालोनी है. नदी किनारे एक पेड़ है, जिसकी काफी मान्यताएं हैं. करतार सिंह कालोनी के लोग इस पेड़ को भगवान की तरह पूजते हैं. लोगों की हर मनोकामना यह पेड़ पूरा कर देता है. पता चलता है कि यह पेड़ अमन उर्फ फ्लाइंग जट (टाइगर श्राफ) के पिता करतार सिंह ने लगवाया था, जिनकी कैंसर से मौत हो गयी थी. अमन अपनी मां और भाई रोहित (गौरव पांडेय) के साथ इसी कालोनी में रहता है. अमन की मां इस पेड़ की रक्षा करने के लिए किसी से भी लड़ जाती है, जबकि वह शराबी भी है. अमन एक स्कूल में मार्शल आर्ट शिक्षक है, मगर बहुत डरपोक है. उसे उंचाई से डर लगता है. अमन उसी स्कूल की शिक्षक कीर्ति (जैकलीन फर्नांडिज) से प्यार करता है. कीर्ति भी अमन से प्यार करती है.

शहर के उद्योगपति मल्होत्रा (केके मेनन) चाहते हैं कि इस नदी पर पुल बन जाए, तो उनके व्यापार के लिए बहुत फायदेमंद हो जाएगा. इसके लिए पेड़ का कटना जरुरी है. उसकी कंपनी के लोग इस पेड़ की जगह खरीदने के लिए अमन की मां से बात करने पहुंचते हैं, पर वह उनकी पिटाई कर भगा देती है. तब मल्होत्रा खुद जाते हैं और वह बाजार भाव से दुगनी कीमत देने को तैयार हैं, पर बात नहीं जमती है. तब मल्होत्रा धमकी देकर चला जाता है.

दूसरे दिन मल्होत्रा अपने घर पर अमन को बुलाकर समझाता है कि हर इंसान के लिए मां से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं होता. उसे अपनी मां की सुरक्षा की चिंता करनी चाहिए. उसके बाद मल्होत्रा एक खूंखार अपराधी राका को बुलाकर उसे पेड़ को काटने का आदेश देता है.

इधर मल्होत्रा के घर से वापस आने के बाद रात में अमन पेड़ के पास अपनी मां की सुरक्षा की मन्नत मांगने जाता है, वहां राका उस पेड़ को काटने पहुंचता है. राका और अमन में लड़ाई होती है. ताकतवर राका, अमन को अधमरा कर देता है और उसे पेड़ की तरफ धक्का देता है. अमन की पीठ पेड़ पर बने सिख धर्म के चिन्ह से जाकर टिकती है. अमन की पीठ पर भी वह चिन्ह अंकित हो जाता है. फिर अचानक अमन को दैविक शक्ति मिल जाती है. वह राका को मारते हुए गंदे नाले में फेंक देता है. इधर वह हैरान है. उसके शरीर पर चोट के निशान नहीं है. दूसरे दिन वह अपने भाई रोहित के सामने ही कई गुंडो से भिड़ जाता है. गुंडों की गोलियों का भी उस पर असर नहीं होता. सब कुछ जानकर अमन की मां उसके लिए एक खास तरह की पोशाक सिलकर देती है और उसे फ्लाइंग जट नाम देती है, इसी नाम से लोग अमन के पिता को भी बुलाया करते थे. फिर फ्लाइंग जट कई कारनामे करता है. अमन उर्फ फ्लाइंग जट के कारनामों की वजह से मल्होत्रा का व्यापार ठप हो जाता है.

एक दिन राका बहुत गंदे नाले से निकल कर मल्होत्रा के पास पहुंचता है. उसकी हालत देखकर मल्होत्रा अपने अस्पताल के डाक्टर के पास उसे ले जाते हैं. डाक्टर जांच करने के बाद बताते हैं कि राका का खून पूरा काला हो गया है. पता चलता है कि गंदगी, सिगरेट व फैक्टरियों के निकलने वाले धुंएं से अब उसे ताकत मिलती है. फिर फ्लाइंग जट व राका के बीच युद्ध शुरू हो जाता है. एक दिन राका, फ्लाइंग जट को अधमरा कर देता है. उस वक्त मल्होत्रा सभी से कहते हैं कि उन लोगों ने उनकी जीत आसान कर दी. वह जो गंदगी व प्रदूषण फैलाते हैं, वही राका की ताकत बन गयी. इसी बीच मल्होत्रा की छोटी बेटी प्रदूषण की ही वजह से मौत के मुंह में समा जाती है. रोहित भी राका के हाथों मारा जाता है. उसके बाद फ्लाइंग जट व राका लड़ते लड़ते अंतरिक्ष में पहुंच जाते हैं. अंतरिक्ष में प्रदूषण न होने से राका की ताकत कम होती जाती है और वह मारा जाता है.

अंततः फ्लाइंग जट सकुशल अपने घर आ जाता है. उसके बाद सभी बच्चे व नागरिक ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की मुहिम शुरू कर देते हैं.

एक स्तरहीन कहानी व स्तरहीन पटकथा पर बनी फिल्म ‘‘ए फ्लाइंग जट’’ जिस मकसद से बनायी गयी है, उस मकसद को भी सही ढंग से पूरा नही कर पाती. इंटरवल के बाद फिल्म इतनी उबाउ हो जाती है कि दर्शक सोचने लगता है कि यह फिल्म कब खत्म होगी. इसके लिए पूरी तरह से फिल्म के लेखक आकाश कौशिक व मधुर शर्मा ही ही दोषी हैं. लेखक यह स्थापित करने में भी विफल रहे हैं कि अमन व रोहित भाई हैं. फिल्म में पेड़ बचाओ व प्रदूषण के खिलाफ जो बाते कही गयी हैं, उनका असर भी सही ढंग से नहीं हो पाता है. जिन लोगों ने हृतिक रोशन वाली फिल्म ‘‘कृष’’ देख रखी है, उन्हे भी यह फिल्म पसंद नहीं आएगी. इसमें फ्लाइंग जट जो कुछ करता है, वह सब कृष पहले ही कर चुका है. कृष में सब कुछ वैज्ञानिक शोध के इर्दगिर्द था, यहां देसीपना है कि सब कुछ आज की समस्या प्रदूषण को लेकर है. पर कहानी में कोई नवीनता नहीं है.

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके प्रशंसक जरूर खुश होंगे कि फिल्म में मोदी जी के स्वच्छता अभियान की बात की गयी है. पूरी फिल्म में कहीं भी भावनाएं व संवेदनाएं ठीक से नहीं उभर पायी. फिर चाहे वह मां व बेटे के बीच का संबंध हो या मल्होत्रा की पांच छह साल की बेटी के मौत के मुंह में समाने का सीन हो. यह सारे सीन बहुत मशीनी लगते हैं. यहां पर निर्देशक भी मात खा गए. रोमांस भी ठीक से नहीं दिखा पाए. निर्देशक रेमो डिसूजा मूलतः नृत्य निर्देशक हैं, इसलिए उन्होंने बेवजह गाने भर दिए हैं, जो कि फिल्म को कमजोर करते हैं. एक गीत ‘चल चलिए’ अच्छा है. फिल्म का क्लायमेक्स तो बहुत ही ज्यादा बोर करता है.

राका और फ्लाइंग जट के बीच अंतरिक्ष, चंद्रमा और फिर अंतरिक्ष यान के अंदर युद्ध के दृश्य भले ही सिनेमायी स्वतंत्रता के नाम पर सही ठहराए जाएं, मगर जिस तरह से यह दृश्य विस्तारित किए गए हैं, वह गड़बड़ लगते हैं. फिल्म मनोरंजन का दामन थाम जैसे ही सार्वजनिक हित मे उपदेशात्मक बाते करना शुरू करती है, वैसे ही निर्देशक की फिल्म पर पकड़ कमजोर हो जाती है. फिल्म के कई सीन विदेशी फिल्मों से चुराए गए लगते हैं. फिल्म में सरदार जी के 12 बज गए की असल कथा लोगों का ज्ञानवर्धन करती है.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो ‘हीरोपंती’ और ‘बागी’ के बाद इस फिल्म में टाइगर श्राफ कुछ कमतर हो गए हैं. जैकलीन से अभिनय की उम्मीद करना ही बेकार है. वैसे भी टाइगर श्राफ व जैकलीन की जोड़ी परदे पर नहीं जमी. के के मेनन और अमृता सिंह के किरदार छोटे हैं, पर दोनों ने ठीक काम किया है. विलेन राका के किरदार में नाथन जोंस सराहनीय हैं.

अंत में हमारी समझ में यह नहीं आया कि मेहनत की कमाई के पैसे इस फिल्म के देखने में क्यों खर्च किए जाएं. हां! छोटे बच्चों को कुछ दृश्य पंसद आ सकते हैं. अन्यथा टीवी पर जब यह फिल्म आए, तो इसे देखा जा सकता है.

दो घंटे 31 मिनट की फिल्म ‘‘ए फ्लाइंग जट’’ की निर्माता शोभा कपूर व एकता कपूर, कहानी लेखक व निर्देशक रेमो फर्नांडिज, पटकथा लेखक आकाश कौशिक, संवाद मधुर शर्मा, संगीतकार सचिन जिगर, कलाकार हैं- अमृता सिंह, टाइगर श्राफ, जैकलीन फर्नाडिज, के के मेनन, नाथन जोंस, गौरव पांडे व अन्य. 

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