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अब आप भी चुन सकते हैं अपनी ड्रीम क्रिकेट टीम

उत्तर प्रदेश के कानपुर में 22 सितंबर से भारत-न्यूजीलैंड के बीच शुरू होने वाला श्रृंखला का पहला टेस्ट मैच भारत का 500वां टेस्ट होगा. इस टेस्ट के मद्देनजर क्रिकेट फैन्स के लिए अपनी ड्रीम टीम चुनने का एक खास मौका है.

दरअसल बीसीसीआई ने ड्रीम टीम नाम से एक कैंपेन लॉन्च किया है, जिसके जरिए आप अपनी मनचाही टीम लिए वोट कर सकते हैं. इस कैंपेन से जुड़ने के लिए आपको भारतीय क्रिकेट टीम के ऑफिशल फेसबुक पेज पर जाना होगा और अपनी ड्रीम टीम के लिए वोट करना होगा.

बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने इस बारे में बताते हुए कहा, 'मेरा हमेशा से मानना है कि खेल का दिल प्रशंसक होते हैं और 500वें टेस्ट के ऐतिहासिक लम्हे का जश्न मनाने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि प्रशंसकों को अपनी 'ड्रीम टीम' के लिए वोटिंग का मौका मिले.

ठाकुर ने बताया, 'मुझे खुशी है कि एक लाख क्रिकेट प्रशंसक पहले ही ड्रीम टीम में शीर्ष क्रम चुनने के लिए वोटिंग कर चुके हैं.' साथ ही, उन्होंने इस बात की उम्मीद जताई कि आगामी दिनों में वोटर्स की संख्या में बड़ा इजाफा होगा.

फर्स्ट ओपनर के लिए सुनील गावस्कर, पंकज रॉय, नवजोत सिंह सिद्धू, वसीम जाफर और मुरली विजय के नाम दिए गए हैं. यहां टेस्ट मैचों में दस हजार रन बनाने वाले सुनील गावस्कर आगे चल रहे हैं.

सेकेंड ओपनर वीरेंद्र सहवाग, कृष्णामाचारी श्रीकांत, गौतम गंभीर, चेतन चौहान और विजय मर्चेंट के बीच मुकाबला है. इस स्थान के लिए टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने वाले सहवाग लोगों की पसंद हैं. तीसरे नंबर के लिए मोहिंदर अमरनाथ, रूसी मोदी, अजित वाडेकर, राहुल द्रविड़ और विनोद कांबली के बीच टक्कर है. यहां 95 फीसदी लोगों ने द्रविड़ को चुना.

चौथे नंबर के लिए मुकाबला सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, गुंडप्पा विश्वनाथ, विजय मांजरेकर और दिलीप वेंगसरकर के बीच है. इस स्थान के लिए पहली पसंद तेंदुलकर हैं और उनके बाद कोहली को लोग इस नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए देखना चाहते हैं.

पांचवें नंबर की होड़ में वीवीएस लक्ष्मण, सौरभ गांगुली, विजय हजारे, संजय मांजरेकर और पॉली उमरीगर हैं. यहां भारत के पूर्व कप्तान गांगुली से लक्ष्मण आगे निकल गए हैं.

मेरी समस्या वैक्सिंग के बाद होने वाली खुजली को ले कर है. इस से बचने के क्या उपाय हैं.

सवाल

मेरी समस्या वैक्सिंग के बाद होने वाली खुजली को ले कर है. मैं जब भी अपने अंडरआर्म्स वैक्स कराती हूं, वहां दाने हो जाते हैं और ईचिंग होती है. कृपया बताएं कि ऐसा क्यों होता है व इस से बचने के क्या उपाय हैं?

जवाब

कई बार हम जो डियोड्रैंट प्रयोग करते हैं वह भी अंडरआर्म्स में ईचिंग व दानों का कारण बन जाता है. इस के अलावा वैक्सिंग से भी कई बार ईचिंग हो जाती है. आप हमेशा प्रोफैशनल सैलून से वैक्सिंग कराएं. वैक्सिंग कराने से पहले प्रीवैक्स लोशन लगाएं. अगर त्वचा अधिक सैंसिटिव हो, तो सैंसिटिव स्किन औयल का प्रयोग भी अंडरआर्म्स में करें. इस से आप की समस्या का समाधान हो जाएगा.

 

अगर आप भी इस समस्या पर अपने सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करें और अपनी राय हमारे पाठकों तक पहुंचाएं.

अगर पार्टी के लिए तैयार होते समय ब्लशर ज्यादा लग जाए, तो क्या करें.

सवाल

अगर पार्टी के लिए तैयार होते समय ब्लशर ज्यादा लग जाए, तो क्या करें?

जवाब

अगर ब्लशर अधिक लग जाए तो गालों पर ब्रश की सहायता से लूज क्लीन पाउडर ब्लश लगाएं. अगर इस से भी बात न बने, तो थोड़ा ट्रांसलूशन पाउडर मिला कर गालों पर ब्रश चलाएं. ब्लशर और ट्रांसलूशन पाउडर के मिलने से म्यूट कलर बन जाएगा और आप की समस्या का समाधान हो जाएगा.

 

अगर आप भी इस समस्या पर अपने सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करें और अपनी राय हमारे पाठकों तक पहुंचाएं.

नरसिंह यादव डोपिंग मामला सीबीआई के हवाले

भारतीय पहलवान नरसिंह यादव से जुड़ा एक बड़ा फैसला आया है. नरसिंह यादव को रियो ओलंपिक 2016 में जाने का मौका नहीं मिला था और इसी मामले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है. शुक्रवार को भारतीय कुश्ती संघ ने बताया कि पीएमओ ने नरसिंह यादव डोपिंग केस की जांच अब सीबीआई के हवाले कर दी है.

पीएमओ से ​की थी सिफारिश

भारतीय कुश्ती संघ के मुखिया बृजभूषण शरण के मुताबिक, 28 अगस्त को वह पीएमओ गए थे और वहां उन्होंने नरसिंह यादव केस की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की सिफारिश की थी. संघ के मुताबिक, नरसिंह यादव केस में जो भी सच हो वह सामने आए और इसीलिए उन्होंने सीबीआई जांच पर जोर दिया था.

दो सैंपल दिए थे नरसिंह ने

डोप टेस्ट में फेल होन के चलते नरसिंह यादव रियो ओलंपिक 2016 के 74 किलोग्राम वर्ग कुश्ती स्पर्धा में हिस्सा नहीं ले पाए थे. हालांकि, वह रियो गए जरूर थे लेकिन वहां से उन्हें ​आखिरी पलों में निराश होकर वतन वापसी करनी पड़ी. यादव ने 25 जून और 5 जुलाई को अपने दो सैंपल दिए थे और ये दोनों ही फेल हो गए थे.

नाडा की क्लीनचिट हुई खारिज

पहले तो नाडा की जांच में पता चला था कि नरसिंह यादव को धोखे से प्रतिबंधित पदार्थ दिया गया था लेकिन बाद में क्लीनचिट देकर उन्हें रियो जाने की इजाजत दे दी गई थी. हालांकि, ऐन मौके पर विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी ने नाडा की क्लीनचिट को खारिज कर दिया था.

बढ़ गए सीएनजी के दाम

महानगर गैस लि. (एमजीएल) ने वाहनों के लिए सीएनजी तथा पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली प्राकृतिक गैस पीएनजी के दाम बढ़ा दिए है. महाराष्ट्र सरकार ने इन पर मूल्यवर्धित कर (वैट) की दर एक प्रतिशत बढ़ाकर 13.5% कर दी है.

महानगर गैस सार्वजनिक परिवहन और बेस्ट की बसों के साथ चार लाख वाहनों को सीएनजी की आपूर्ति करती है. साथ ही यह मुंबई में आठ लाख घरों को पीएनजी की आपूर्ति करती है.

कंपनी ने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने 17 सितंबर से वैट की दर 12.5 से बढ़ाकर 13.5 प्रतिशत कर दी है. इसी के मद्देनजर मुंबई में सीएनजी और घरेलू पीएनजी की दरें बढ़ गई हैं. सीएनजी का दाम बढ़कर 41.57 रुपये प्रति किलो हो गए है जबकि पीएनजी 24.93 रुपये प्रति यूनिट (एससीएम) हो गई है.

जीएसटी: सरकार रखेगी कीमतों पर निगरानी

सरकार प्रस्तावित गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के तहत कीमतों पर निगरानी रखने वाली व्यवस्था बनाने पर विचार कर रही है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि इस रिफॉर्म के तमाम लाभ तो मिलें, लेकिन कीमतों के मामले में कोई अवांछित झटका न लगे. राज्य यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जीएसटी के असर से इकॉनमी में डिमांड को बढ़ावा मिले.

टैक्स रेट सहित कई अहम मुद्दों पर फैसला करने के लिए इस सप्ताह जीएसटी काउंसिल की बैठक होगी. एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'कीमतों पर नजर रखने के लिए एक व्यवस्था बनाई जाएगी.' सरकार 1 अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करना चाहती है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जीएसटी लागू होने पर गुड्स पर टैक्स कम लगेगा. जीएसटी कई केंद्रीय और राज्यस्तरीय करों की जगह लेगा.

टैक्स एक्सपर्ट्स ने कहा कि प्राइस मॉनिटरिंग सिस्टम को अगर लेजिस्लेटिव सपोर्ट नहीं दिया जाएगा तो हो सकता है कि वह ज्यादा प्रभावी न हो. सरकार, भारत में कम टैक्स रेट से शुरुआत करना चाहती है. अरविंद सुब्रमण्यन कमेटी ने ज्यादातर गुड्स के लिए 18 पर्सेंट के स्टैंडर्ड जीएसटी रेट की सिफारिश की है. उसने रेवेन्यू न्यूट्रल रेट 15-15.5 पर्सेंट होने का अनुमान लगाया है.

कुछ पॉलिसीमेकर्स महंगाई के दबाव से बचने के लिए जीएसटी के 16 पर्सेंट रेट के पक्ष में हैं. उनका कहना है कि इस रेट को धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है. अभी कई गुड्स पर कुल करीब 28 पर्सेंट टैक्स लगते हैं. जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक 21 सितंबर को होगी.

म्यूजिक वीडियो में नजर आएंगे ये क्रिकेटर

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान और भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट कप्तान विराट कोहली एकसाथ म्यूजिक वीडियो में नजर आने वाले हैं. खबर है कि बेल्जियम की डीजे जोड़ी लाइक माइक और डीमित्री वेगास अपने अगले डांस म्यूजिक सिंगल के लिए इन दोनों स्टार्स से बातचीत में जुटी है.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अक्टूबर में एरीना टूर पर सलमान और विराट दोनों सनबर्न फेस्टिवल के 10वें संस्करण में मौजूद रहेंगे. पिछले वर्ष बेल्जियन जोड़ी ने गोवा सनबर्न फेस्टिवल के पहले दिन सुर्खियां बंटोरी थी.

लाइक माइक और डीमित्री वेगास ने भी पुष्टि की है कि विराट कोहली और सलमान खान उनके आगामी प्रोजेक्ट में नजर आ सकते हैं. खबर यह भी है कि सुल्तान के स्टार सलमान के डीमित्री वेगास के साथ अच्छे संबंध है. वेगास पहले भी बॉलीवुड में काम करने की अपनी मंशा का इजहार कर चुके हैं.

 

दयामनि बारला: आदिवासियों की जमीन की पहरेदार

दुनिया के सबसे बड़े स्टील कारोबारी लक्ष्मी निवास मित्तल की कंपनी अर्सेलर मित्तल 8.79 बिलियन डालर की लागत से झारखंड में दुनिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट लगाना चाह रही है. इसके लिए 12 हजार एकड़ जमीन की दरकार है. दयामनि कहती हैं कि अगर यह प्लांट लगता है तो 40 गांवों के लोगों को अपनी जमीन गंवानी पड़ेगी. हमने कसम खायी है कि इसके लिए खेती के लायक एक इंच भी जमीन नहीं देंगे. क्या वह आदिवासियों को उनका हक और इंसाफ दिला पाएंगी के सवाल पर दयामनि कहती हैं कि जब तक जान है, मेरी लड़ाई जारी रहेगी, फिर वह एक शेर पढ़ती हैं- ‘इंसाफ उनसे मांगने क्या जाएं दोस्तों, जिन मुन्सिफों को देखा है कातिलों के आसपास..’

इसके बाद भी उन्होंने आदिवासियों के हक की लड़ाई नहीं छोड़ी है. दयामनि कहती हैं- ‘मैंने जमीन खोने का दर्द झेला है. मैं जब काफी छोटी थी तभी मेरे पिता की जमीन एक व्यापारी ने धोखे से हड़प ली थी. रोटी कमाने के लिए मेरे परिवार को गांव छोड़ना पड़ा. परिवार चलाने के लिए पिता को मजदूरी करनी पड़ी और मां को दाई का काम करना पड़ा था. मेरे भाइयों ने जिंदा रहने के लिए कुली का काम किया. मैंने भी छोटी उमर से ही जूठे बर्तन धोने का काम शुरू कर दिया था. जमीन खोने वाले परिवार की क्या हालत होती है, यह सब मैंने करीब से देखा और झेला है, इसलिए मैं नहीं चाहती कि अब कोई परिवार बर्बाद हो. किसी गरीब की जमीन न छिने और अगर काफी जरूरी हो तो जमीन वाले को उसका पूरा मुआवजा मिले. इसी के लिए सरकार के जमीन अधिग्रहण के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हूं.’

अपनी जिंदगी की दास्तान सुनाते-सुनाते 52 साल की दयामनी बारला की आंखों में आंसू छलक आते हैं. जूठे बर्तन मांज कर पढ़ाई का खर्च जुटाने वाली बारला ने एमए तक की पढ़ाई पूरी की. यह उनकी लगन और जीवटता की ही मिसाल है. पिछले 20 सालों से वह झारखंड में आदिवासियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर जल, जंगल और जमीन को बचाने की लड़ाई लड़ रही हैं. इसके लिए उन्हें कई बार जेल में ठूंसा गया, उनपर जानलेवा हमले किए गए, कई बार धमकियां दी गई, लेकिन दयामनि ने हार नहीं मानी है. आज भी वह पूरी मुसतैदी के साथ आदिवासियों के हक की लड़ाई की अगुवाई कर रही हैं.

दयामनि गुस्से में कहती हैं कि सरकार के बेतुके फैसलों की वजह से नागड़ी में भी पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम और सिंगूर जैसे हालात पैदा हो गए हैं. झारखंड की राजधनी रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर नागड़ी में आदिवासियों की जमीन औने-पौने भाव में हड़पने के खिलाफ लड़ाई लड़ने में दयामनि ने दिन रात एक कर दिया है. नागड़ी की 227 एकड़ जमीन सरकार को नहीं देने के खिलाफ दयामनि ने आदिवासियों को एकजुट कर रखा है और किसी भी सूरत में जमीन से कब्जा नहीं छोड़ने को कह रही हैं.

कुछ साल तक आदिवासियों के हक के लिए पत्रकारिता भी कर चुकी दयामनि अपने पास जमा कागजों की मोटी फाइलें दिखाते हुए कहती हैं कि सरकार ने साल 1957 में ही नागड़ी के 227 एकड़ खेती के लायक जमीन का अधिग्रहण बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के विस्तार के लिए किया था. कुल 153 रैयतों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, जिसमें से 128 ने मुआवजा लेने से इंकार कर दिया था.

दयामनि बताती हैं कि सरकार ने उस समय 900 रूपया प्रति एकड़ की दर से किसानों को हर्जाना दिया था. उसके बाद अपनी आदत के मुताबिक सरकार सो गई और 50 साल तक जमीन को कोई उपयोग ही नहीं किया गया. दूसरी ओर किसानों की जमीनों की मालगुजारी रसीद भी कटती रही. इससे साफ है कि जमीन का अधिग्रण हुआ ही नहीं था. अगर अधिग्रहण हुआ था तो 50 सालों तक उसका उपयोग क्यों नहीं किया गया? जिस जमीन को अधिग्रहण किया, सरकार बता रही है, उस जमीन के बारे में एग्रीकल्चर विभाग को कोई जानकारी ही नहीं है. अकसर यह देखा गया है कि सरकार अपनी जरूरतों को बढ़ा-चढा कर बताती है और योजनाओं के नाम पर जमीन अधिग्रहण कर उसका इस्तेमाल तक नहीं करती है. सरकार के इस रवैये से जहां किसानों को परेशानियां झेलनी पड़ती हैं, वहीं खेती की उपजाउ जमीन भी बेकार पड़ी रह जाती है.

हर समय वह आदिवासियों की परेशानियों के साथ पूरे मजबूती के साथ खड़ी रहती हैं. वह चाहे अपने घर में हों या सड़क पर, हर समय उनके साथ आदिवासियों का हूजूम रहता है. वह अपने हाथ में छोटी सी डायरी रखती हैं और हर आदिवासी की समस्या को नोट करती रहती हैं. उनके आंदोलन के बारे में पूछने पर वह सीधा सवाल करती हैं कि सरकार हर समय खेती के लायक जमीनों के ही अधिग्रहण के लिए क्यों अड़ी रहती है? वह बताती है कि झारखंड में 22 लाख हेक्टेयर खेती के लायक जमीन है और 14 लाख हेक्टेयर जमीन बंजर है. सरकार बंजर जमीन पर फैक्ट्री, पावर प्लांट या स्कूल, कौलेज क्यों नहीं खोलती है? सरकार की नजर गरीब किसानों की जमीन पर ही क्यों गड़ी रहती है? वह अपने आंदालेन को जायज ठहराने के लिए तर्क देती हैं- ‘हम तरक्की के खिलाफ नहीं हैं, हम तो सरकार के किसान और खेती  विरोधी नीतियों के खिलाफ हैं और जब तक सांस चलेगी, लड़ाई लड़ती रहूंगी.’ 

ऐसे बढ़ाएं 5 मिनट में फोन की स्‍पीड

स्‍मार्टफोन यूजर्स को अक्‍सर ये शिकायत होती है कि उनके फोन की स्‍पीड स्‍लो हो जाती है और उन्‍हें उसका यूज करने में कई दिक्‍कतें होती हैं. आप कुछ ही ट्रिक्‍स अपनाकर अपने स्‍मार्टफोन की स्‍पीड को बढ़ा सकते हैं. कैशे फाइल्‍स

आपके फोन में भी जो भी ऐप इंस्‍टॉल हैं उनकी बैकअप फाइल्‍स और कैशे फाइल्‍स बन जाती हैं जो कि फोन की स्‍पीड को धीमा कर देती हैं. आप इन फाइल्‍स को ऐप मैनेजर पर जाकर क्‍लीन कर दें. इससे फोन की स्पीड बढ़ जाएगी.

बेकार के ऐप

अपने फोन से ऐसे के ऐप्स को अनइनस्टॉल कर दें, जिनका इस्‍तेमाल आप कभी न करते हो. वरना ये एप सिर्फ स्‍पेस घेरती हैं और इनका कोई भी उपयोग नहीं होता है.

फालतू के विजेट्स हटाएं

आपकी स्‍क्रीन पर कई ऐसे विजेट्स दिखाई देते होंगे जिनका आप कभी यूज न करते हों. इन्‍हें हटा दें और फोन आपका लाइट चलना शुरू हो जाएगा.

हैवी गेम

अगर आप हैवी गेम यूजर हैं तो कभी भी इन गेम्‍स को फोन में न खेलें. कई बार बहुत सारे गेम्स को भी फोन में इन्स्टाल कर लेने से दिक्‍कतें आती हैं.

क्‍लीनिंग ऐप

अपने फोन में किसी ऐसे क्‍लीनिंग ऐप को इंस्‍टॉल कर लें जो कि स्‍पेस को खाली करता रहें और कैशे फाइल्‍स को भी रिमूव कर दे. साथ ही वायरस को रिमूव कर दे.

डेविस कप: स्पेन ने भारत को 5-0 से हराया

नई दिल्ली में चल रहे डेविस कप मुकाबले के आखिरी दिन स्पेन ने भारत को 5-0 की करारी शिकस्त दी. भारतीय टीम पहले ही 3-0 से पीछे होकर मुकाबले से बाहर हो गई थी और उनके पास दोनों मैच जीतकर प्रतिष्ठा बचाने का मौका था. लेकिन स्पेन के दिग्गज सिंगल्स खिलाड़ियों ने भारतीय खिलाड़ियों की एक न चलने दी और आसानी से वाइटवॉश किया.

रविवार को हुए दो सिंगल्स मुकाबलों में स्पेन के डेविड फेरर और मार्क लोपेज ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और भारतीय खिलाड़ी उनके अनुभव के सामने टिक नहीं सके. हालांकि साकेत मायनेनी की जगह खेल रहे सुमित नगल ने दूसरे सेट में मार्क लोपेज को 6-1 से हराया लेकिन अंत में मार्क ने मैच 6-3, 1-6, 6-3 से जीत लिया. इस मैच के दौरान सुमित चोट से परेशान भी दिखे और इसी का फायदा मार्क ने मैच के दौरान उठाया.

पांचवें और आखिरी मुकाबले में डेविड फेरर ने रामकुमार रामानाथन को सीधे सेटों में 6-2, 6-2 से हरा दिया. इस जीत के साथ ही स्पेन ने इस मुकाबले में एक भी मैच न हारने का रिकॉर्ड भी बनाया. मैच में जीत के साथ स्पेन अब डेविस कप के वर्ल्ड ग्रुप में पहुंच चुकी है.

स्पेन के अलावा जर्मनी, जापान, रूस, कनाडा, बेल्जियम और स्विट्जरलैंड की टीमें भी वर्ल्ड ग्रुप में पहुंच चुकी है. वर्ल्ड ग्रुप सेमीफाइनल में क्रोएशिया ने फ्रांस को हराकर फाइनल में प्रवेश किया. फाइनल में उनका मुकाबला ग्रेट ब्रिटेन और अर्जेंटीना के बीच होने वाले मुकाबले के विजेता से होगा  और फिलहाल वो मुकाबला 2-2 की बराबरी पर है.

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