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इमेज फाइल के टेक्स्ट को भी कर सकते हैं कॉपी

अभी तक किसी इमेज फाइल पर मौजूद टेक्स्ट को वर्ड डॉक्यूमेंट में शामिल करने के लिए उसे आपको टाइप करना पड़ता होगा, लेकिन हाल में कई ऐसे क्रोम एक्सटेंशन और एप्स लॉन्च किये गये हैं, जो इमेज फाइल पर लिखे टेक्स्ट को सीधे कॉपी करके वर्ड डॉक्यूमेंट में पेस्ट करने की सुविधा देते हैं.

अक्सर हम कंप्यूटर या लैपटॉप पर अपना प्रोजेक्ट बनाते होगे. इसके लिए आपको कई बार फोटो में दिये गये टेक्स्ट को टाइप करने की जरूरत पड़ती होगी, जबकि क्रोम एक्सटेंशन से उसे कॉपी कर डॉक्यूमेंट में शामिल करना संभव है. फ्री में उपलब्ध ‘कॉपी फिश फ्री ओसीआर सॉफ्टवेयर’ एक्सटेंशन इस काम में आपकी मददगार साबित हो सकती है. इसके इस्तेमाल के लिए आपको वेब स्टोर से जाकर  इसे एड टू क्रोम के विकल्प चुनना होगा.

ट्रांसलेट का भी है फीचर

‘कॉपी फिश फ्री ओसीआर सॉफ्टवेयर’ एक्सटेंशन में अनुवाद करने का विकल्प भी दिया गया है. इसके लिए क्रोम ब्राउजर में एक नयी स्क्रीन खुलती है, उसके अंदर तुम्हें सेटिंग्स का आइकन मिलेगा. वहां आपको अनुवाद करने का विकल्प सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके बाद आप दूसरे बॉक्स में उस भाषा का चुनाव करो, जिसमें टेक्स्ट का अनुवाद प्राप्त करना चाहते हो. मिसाल के तौर पर अगर अंग्रेजी को हिंदी में अनुवाद करना चाहते हो, तो पहलेवाले बॉक्स में अंग्रेजी और दूसरे वाले में हिंदी भाषा का चयन करो. साथ ही आप इसमें टेक्स्ट का फॉन्ट साइज भी तय कर सकते हो.

ऑफलाइन वन नोट करो यूज

क्रोम एक्सटेंशन और एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट की जरूरत होगी, जबकि कंप्यूटर में मौजूद माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के वन नोट की मदद से फोटो पर लिखे टेक्स्ट को बिना इंटरनेट के भी कॉपी किया जा सकता है. वन नोट ऑफलाइन यूज के लिए काफी कारगर साबित होता है.

फोन के लिए मौजूद हैं मुफ्त एप

ऐसे तो गूगल प्ले स्टोर पर ओसीआर तकनीक से चलनेवाले कई एप मौजूद हैं, जिसमें से टेक्स फेयरी, टेक्स्ट स्कैनर जैसे एप्स कारगर हैं. इस एप्लीकेशन में किसी भी फोटो या पोस्टर को फोन कैमरे के सामने लाना पड़ता है. इसके बाद टेक्स्टवाले भाग का चुनाव कर लो, जो बाद में खुद ब-खुद क्रॉप हो जायेगा.

इमेज में दिये गये जिस टेक्स्ट को लेना चाहते हो, उतने भाग को सलेक्ट कर लो. इसके बाद वह पूरा टेक्स्ट एक सफेद भाग पर दिखाई देने लगेगा. कुछ समय इंतजार करने के बाद वह खुद-ब-खुद एक डॉक्यूमेंट फाइल पर दिखाई देने लगेगा. इसके बाद उस टेक्स्ट में आप कांट-छांट भी कर सकते हो. साथ ही आप जिसे चाहो, उससे शेयर भी कर सकते हो.

आ रही है 3 डी एनीमेशन फिल्म ‘‘महायोद्धा राम’’

छोटे परदे पर कई ऐतिहासिक व धार्मिक सीरियलों का निर्माण करने के बाद ‘‘काटिल्यो फिल्मस’’ के अभिमन्यू सिंह अब भगवान राम की कथा को एक नए परिप्रेक्ष्य में पेश करने जा रहे हैं. इसके लिए वह ‘‘महायोद्धा राम’’ नामक एक फिल्म को ‘थ्री डी’ एनीमेशन में बना रहे हैं. जिसमें वह राम को एक योद्धा के रूप में पेश करने वाले हैं. इस फिल्म में महायोद्धा राम और संसार के सबसे बड़े खलनायक रावण के बीच युद्ध महत्वपूर्ण होगा. इस तरह वह रामायण की कथा को एक नए रूप के साथ थ्री डी में पेश करेंगे. सूत्रों के अनुसार यह फिल्म रावण के दृष्टिकोण को पेश करने वाली है. इसमें दस मुख रावण के दस सिर आपस में बात करते हुए नजर आएंगे.

फिल्म ‘‘महायोद्धा राम’’ में कुणाल कपूर, जिम्मी शेरगिल, समीरा रेड्डी, गुलशन ग्रोवर, रजा मुराद सहित कुछ नवोदित अभिनेता विभिन्न किरदारों को अपनी आवाज देने वाले हैं. जबकि इस फिल्म के लिए जावेद अख्तर लिखित गीतों को सुखविंदर सिंह अपनी आवाज में गाएंगे.

इस फिल्म के संगीत को संगीतकार स्व.आदेश श्रीवास्तव ने संवारा है. यानी कि स्व. आदेश श्रीवास्तव के जीवन की संगीत से संवरी यह अंतिम फिल्म है. इस सिलसिले में स्व.आदेश श्रीवास्तव की पत्नी विजयता पंडित कहती हैं-‘‘इस फिल्म का संगीत अलबम हमारे लिए दिल के करीब है. यह आदेश की अंतिम याद है. यह अलबम आदेश को हमेशा जीवंत रखेगा. उनके पिछले संगीत की तरह इस अलबम के संगीत को भी सभी पसंद करेंगे.’’

फिल्म ‘‘महायोद्धा राम’’ की चर्चा चलने पर ‘‘काटिल्यो फिल्मस’’ के सीईओ अभिमन्यू सिंह कहते हैं-‘‘आज की तारीख में कहानियां सुनाने के लिए एनीमेशन बहुत अच्छा औजार बन गया है. ‘महायोद्धा राम’ अपने तरीके की पहली थ्री डी एनीमेशन फिल्म है, जिसमें बौलीवुड के कई दिग्गज कलाकार विभिन्न किरदारों को अपनी आवाज दे रहे हैं.’’

क्या शाहरुख खान बदलेंगे ‘रईस’ के प्रदर्शन की तारीख

बौलीवुड में हर कोई शतरंजी चाले चलता रहता है. बौलीवुड के अंदरूनी सूत्र तो बार बार यही दावा करते हैं कि बौलीवुड में कला की जगह आपसी राजनीति और आपसी प्रतिस्पर्धा और वह भी गला काट प्रतिस्पर्धा सबसे ज्यादा है.

जी हां! शतरंजी चालें ऐसी चली जाती हैं कि लोग यकीन नही कर सकते. कुछ समय पहले तक शाहरुख खान मांग कर रहे थे कि राकेश रोशन व हृतिक रोशन को चाहिए कि वह अपनी फिल्म ‘‘काबिल’’ के प्रदर्शन की तारीख बदल दें, जिससे उसी दिन प्रदर्शित हो रही शाहरुख खान की फिल्म ‘‘रईस’’ से टकराव टल जाए. सूत्रों का दावा है कि शाहरुख खान ने अपनी इस मांग के साथ राकेश रोशन के साथ बैठक भी की थी, पर नतीजा शून्य ही निकला था.

मगर हृतिक रोशन के अभिनय से सजी फिल्म ‘‘मोहनजो दाड़ो’’ के बाक्स आफिस पर पानी न मांगने के साथ ही सारे समीकरण बदल गए. कल तक राकेश रोशन व हृतिक रोशन को लग रहा था कि उनकी फिल्म ‘‘काबिल’’ को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता, पर अब उन्हे अंदर ही अंदर इस फिल्म को लेकर डर सताने लगा है. अब राकेश रोषशन व हृतिक रोशन पर दबाव बढ़ गया है कि वह ‘काबिल’ और ‘रईस’ के टकराव को टालें. इस स्थिति के बनते ही राकेश रोशन ने अपनी तरफ से नई शतरंज की चाल बिछानी शुरू कर दी.

इसी बीच खबर आ गयी कि आनंद एल राय निर्देषित फिल्म ‘‘बंधुआ’’ अगले साल 17 दिसंबर को प्रदर्शित होगी, जिसमें शाहरुख खान अभिनय करने वाले हैं. बस फिर क्या था. राकेश रोशन ने अपनी सफल ‘कृष’ फ्रेंचाइजी की चौथी फिल्म ‘‘कृष 4’’ को हृतिक रोशन के साथ ही निर्माण की घोषणा करने के साथ ही यह भी घोषणा कर दिया कि वह ‘कृष 4’को  2018 के क्रिसमस के मौके पर प्रदर्शित करेंगे. यानी कि राकेश रोशन व हृतिक रोशन की तरफ से शाहरुख खान को सीधा संदेश दे दिया गया कि यदि ‘रईस’ का टकराव ’काबिल’ से होगा, तो ‘बंधुआ’ का टकराव ‘कृष 4’ से होगा. इस तरह राकेश रोशन व हृतिक रोशन ने शाहरुख खान पर अनआपेक्षित दबाव बना डाला.

अब चार दिन बाद राकेश रोशन ने नई शतरंजी चाल चलते हुए एक अंग्रेजी अखबार को इंटरव्यू देते हुए कहा है-‘‘हम अपनी फिल्म ‘कृष 4’ के प्रदर्शन की तारीख बदलने वाले हैं. हम इस एथिक्स पर काम करते हैं कि जिसने अपनी फिल्म के प्रदर्शन की तारीख पहले घोषित की है, उसका सम्मान किया जाना चाहिए. शाहरुख खान व आनंद एल राय की फिल्म 2018 में क्रिसमस के समय ही प्रदर्शित होने वाली है, इसलिए हम ‘कृष 4’ को किसी अन्य समय प्रदर्शित करेंगे. जब हमने ‘कृष 4’ को 2018 के क्रिसमस के समय प्रदर्शित करने की बात कही थी, तब हमें याद नहीं था कि आनंद एल राय व शाहरुख खान ने अपनी फिल्म को उसी समय प्रदर्शित करने की घोषणा की है.’’

इसी अखबार में राकेश रोशन ने ‘काबिल’ और ‘रईस’ के टकराव पर कहा है- ‘‘हमने अपनी फिल्म ‘काबिल’ के प्रदर्शन की तारीख पहले घोषित की थी. अब यदि वह उसी तारीख को अपनी फिल्म लेकर आ रहे हैं, तो मैं कुछ नहीं कर सकता.’’ इस तरह राकेश रोशन ने गेंद शाहरुख खान के पाले में डाल दी है. अब देखना है कि शाहरुख खान क्या करते हैं?

टीम इंडिया की वापसी से हैरान हैं कपिल देव

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव इस बात से हैरान है कि मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम कैसे इतनी जल्दी ताकतवर बन गई जबकि पिछले कुछ वर्षों में टीम के कुछ दिग्गजों और दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों ने लगातार संन्यास लिया था.

कपिल ने कहा, ‘‘दुनिया में ऐसी कोई टीम नहीं है, जिसने महान खिलाड़ियों के संन्यास के बाद इतनी तेजी से वापसी की है, यह सिर्फ भारतीय टीम है. सामान्य रूप से अगर कई महान खिलाड़ी एक साथ जाते हैं तो टीम को वापसी करने के लिये कम से पांच से सात वर्ष का समय चाहिए होता है. लेकिन इस भारतीय टीम ने इतनी तेजी से वापसी की है, मैंने ऐसा कभी नहीं देखा. मैं हैरान हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, महेंद्र सिंह धोनी सभी ने एक के बाद एक संन्यास ले लिया, जिसमें से धोनी सबसे ज्यादा अहम रहे.’’

कपिल ने कहा कि टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने इन महान खिलाड़ियों के जाने के बाद टीम की जिम्मेदारी ली है. उन्होंने कहा, ‘‘विराट कोहली ने सुपर स्टार की तरह जिम्मेदारी संभाली है, वह आदर्श है.’’

कोहली की कप्तानी के बारे में पूछने पर भारत की 1983 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान ने कहा, ‘‘वह धोनी से अलग है, वह काफी आक्रामक हैं. हर कप्तान अपनी अलग तरह की सोचने की क्षमता के साथ आता है. वह ऐसा खिलाड़ी है जो सभी मैच जीतना चाहता है, जिसकी सोच काफी सकारात्मक है और यह भारतीय क्रिकेट के लिये अच्छा संकेत है.’’

कपिल ने कहा, ‘‘हमने ऑस्ट्रेलिया में देखा, जब हम अंतिम दिन 400 रन के लक्ष्य का पीछा करने के लिये तैयार थे और इससे एक क्रिकेटर की मानसिकता का पता चलता है. वह चुनौती को लेने के लिये तैयार रहता है.’’

भारत के महान ऑल राउंडर में से एक कपिल ने ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को टीम का सबसे अहम खिलाड़ी करार किया जो तेजी से बल्ले से भी टीम के लिये उपयोगी बनने की ख्याति प्राप्त करते जा रहे हैं.

कपिल ने कहा, ‘‘मेरे लिये वह टीम का ऑल राउंडर है, एक गेंदबाज ऑल राउंडर. टीम उस पर निर्भर करती है, वह काफी अहम क्रिकेटर है. वह ऐसा खिलाड़ी है जो अकेले दम पर खेल का रूख बदल सकता है.’’

तेज गेंदबाजों के बारे में पूछने पर वह उनकी फिटनेस के प्रति थोड़े चिंतित थे, उन्होंने कहा, ‘‘तेज गेंदबाजों की सबसे बड़ी चिंता उनकी फिटनेस होती है. पिछले छह वर्षों में इतने सारे खिलाड़ी आये और गये. मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार की फिटनेस पर हमेशा संशय रहता है. इसलिये मैं उम्मीद करता हूं कि इस लंबे सीजन में हम अपने सारे तेज गेंदबाजों को खेलते देखें.’’

ब्‍लैक मनी: अब सीबीडीटी ने भेजा एसएमएस

ब्‍लैक मनी घोषणा योजना को खत्‍म होने में केवल 11 दिन बचे हैं. ऐसे में टैक्‍स डिपार्टमेंट ने करदाताओं को एसएमएस भेजना शुरू किया है जिसमें बेहिसाब संपत्तियों की घोषणा करने वालों की सूचना को पूरी तरह गोपनीय रखने का वादा किया जा रहा है.

इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के एसएमएस में कहा गया, 'आय घोषणा योजना 2016 के तहत जो भी सूचना प्राप्त होगी, वह पूरी तरह से गोपनीय होगी और किसी को भी उसकी जानकारी नहीं दी जायेगी.' घरेलू स्तर पर रखे गये कालेधन के बारे में सरकार को जानकारी देने की स्वैच्छिक आय घोषणा योजना चार महीने के लिये खुली है. इसकी अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो रही है.

योजना के तहत कालेधन की घोषणा करने वालों को उस संपत्ति पर टैक्‍स और जुर्माने के तौर पर 45 प्रतिशत कर देना होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आय घोषणा योजना (आईडीएस) के बारे में जानकारी देने के लिये आमतौर पर पूछे जाने वाले सवालों के कई चरणों में जवाब जारी किये हैं. बोर्ड एक और स्पष्टीकरण के साथ आगे आया है जिसमें उसने कहा है कि ऐसी संपत्ति जिसके बारे में 31 मई 2016 तक कोई नोटिस जारी किया गया और उसकी प्रक्रिया 30 सितंबर 2016 तक पूरी कर ली गई है, उस संपत्ति की भी योजना के तहत घोषणा की जा सकती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे पूंजीगत लाभ और कारोबारी आय की भी योजना के तहत घोषणा की जा सकती है जिसका आंकलन पिछले वर्षों के दौरान नहीं हो पाया. योजना के तहत बैंक में नकद राशि में भुगतान किया जा सकता है और ऐसी नकद राशि के बारे में कोई भी बैंक अधिकारी पूछताछ नहीं करेगा.

इन स्टेप्स को फॉलो कर बना सकते हैं शानदार ऐप

मोबाइल और इंटरनेट ऐप्लिकेशंस या ऐप्स हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गए हैं. कैब हायर करने से लेकर फूड ऑर्डर करने तक ऐप्स का इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन इन ऐप्स को बनाना एक आसान काम नहीं है. एक क्लाइंट से उसकी जरूरतों की जानकारी लेने से लेकर ऐप को पेश करने तक कई स्टेज से गुजरना पड़ता है.

1. जरूरतों को समझना

इसमें बिजनेस के नजरिए को जमीनी हकीकतों पर लाया जाता है. इसमें एंड यूजर को समझा जाता है और यह जानकारी हासिल की जाती है कि एंड यूजर के लिए ऐप क्या काम करेगा. उदाहरण के लिए, अगर ऐप बच्चों, युवाओं के लिए है या यह फेसबुक जैसा बड़ा दायरा रखता है? क्या ऐप का इस्तेमाल अपैरल खरीदने या कैब बुक कराने या फूड ऑर्डर करने के लिए किया जाएगा?

2. यूजर रिसर्च

प्रैक्टिकल रिसर्च के हिस्से के तौर पर 5 से 10 लोग इस विशेष प्रॉडक्ट के संभावित यूजर्स हो सकते हैं. काम शुरू करने से पहले उनका इंटरव्यू लिया जाता है जिससे उनकी जरूरतों को ऐप को लेकर अनुभव के बारे में जानकारी हासिल की जाती है.

3. बेसिक वर्कफ्लो

इस स्टेप में एक यूजर की जर्नी की योजना बनाई जाती है. इसमें पहला स्टेप साइन अप, अगला ऐप का परिचय और इसके बाद प्रॉडक्ट्स की खोज और अंत में काम पूरा करना शामिल होते हैं.

4. इन्फर्मेशन आर्किटेक्चर या साइट मैप बनाना

इसमें इस बात पर विचार किया जाता है कि ऐप को कैसा दिखना चाहिए. कौन सी जानकारी सबसे अधिक विजिबल होनी चाहिए? अगला क्या आ सकता है? कोई विशेष टास्क कहां रखना चाहिए? उदाहरण के लिए, अगर ऐप ई-कॉमर्स के लिए है तो सबसे विजिबल इन्फर्मेशन वर्तमान में चल रही सेल के बारे में होनी चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण इन्फर्मेशन को प्राइमरी डेटा कहा जाता है. इसके बाद अगली जरूरत कार्ट या विशलिस्ट में जोड़ने की होगी. इसे स्क्रीन के दाएं कोने पर टॉप में रखना जा सकता है. इसके बाद ऐप की पूरी लुक और एक्सपीरिएंस को लेकर फैसला किया जाता है.

5. क्लाइंट फीडबैक

प्रत्येक बड़े कदम के बाद डिजाइनजर्स क्लाइंट्स से फीडबैक लेकर यह जानते हैं कि उन्हें किसी बदलाव की जरूरत है या नहीं.

6. एक डिजाइन प्रोटोटाइप तैयार करना

एंड प्रॉडक्ट का एक प्रोटोटाइप तैयार किया जाता है जिससे क्लाइंट से उसके लिए अप्रूवल लिया जा सके. प्रोटोटाइप तैयार करने के पसंदीदा टूल्स में से एक इनविजन है, जिससे डिजाइन का इंटरैक्टिव मॉकअप तैयार होता है जिसे क्लाइंट को दिखाया जा सकता है.

7. ऐप का डिवेलपमेंट

इस चरण में ऐंड्रॉयड, आईओएस और वेब के लिए विशेष ऐप्स बनाए जाते हैं. इसके बाद सर्वर पर बिजनस लॉजिक और डेटा रखा जाता है. इन्हें क्लाउड पर होस्ट किया जाता है, जैसे ऐमजॉन AWS. ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) तैयार किए जाते हैं. API फंक्शंस और प्रोसिजर्स का एक सेट होते हैं, जिनसे उन ऐप्लिकेशंस को बनाने की सुविधा मिलती है जो एक ऑपरेटिंग सिस्टम या सर्विस के फीचर्स या डेटा को एक्सेस कर सकते हैं.

8. टेस्टिंग

इसमें ऐप का मोबाइल फोन्स के एक चुनिंदा सबसेट पर रियल टेस्टिंग की जाती है. इसमें अलग-अलग साइज और वर्जन के 30-40 फोन्स को शामिल किया जाता है, जिससे डिवेलपर्स इस बात को लेकर सुनिश्चित हो सकें कि ऐप सभी तरह के मोबाइल फोन्स पर समान क्षमता के साथ काम करेगा. टेस्टिंग में फंक्शनल टेस्टिंग, यूजर इंटरफेस (UI) टेस्टिंग और परफॉर्मेंस, सिक्यॉरिटी टेस्टिंग शामिल होती हैं.

मान लीजिए कि आप एक ऐप बना रहे हैं जो नए वर्जन्स पर काम करेगा, लेकिन पुराने वर्जन्स का क्या होगा? यह 4.2 इंच के डिवाइस पर काम करता है, क्या यह 7 इंच के डिवाइस पर भी काम करेगा? अगर आपने अपना प्रोटोटाइप एक बड़े साइज के लिए डिजाइन नहीं किया है तो UI पूरी तरह बेकार हो सकता है. इस तरह की समस्याएं ऐप के डिवेलपमेंट के अंतिम चरण में आती हैं. इस वजह से टेस्टिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है.

9. ऐप का रिलीज

यह सबसे अंतिम कदम है. इसमें ऐप को मार्केट (ऐप स्टोर्स) पर रिलीज किया जाता है, जहां से यूजर्स उसे डाउनलोड कर सकते हैं.

10. ऐप का मेंटेनेंस

ये काम ऐनुअल कॉन्ट्रैक्ट के जरिए किया जाता है. 

अब इन क्रिकेटर्स के नाम पर होगी ईडन की गैलरी

बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) कोलकाता स्थित प्रतिष्ठित क्रिकेट स्टेडियम ईडन गार्डेन की सात दर्शक दीर्घाओं के नाम पश्चिम बंगाल की मशहूर क्रिकेट हस्तियों के नाम पर रखने पर विचार कर रहा है.

एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली और दिवंगत खेल प्रशासक जगमोहन डालमिया के नाम पर भी गैलरी का नामकरण करने पर विचार किया जा रहा है.

पश्चिम बंगाल के जिन अन्य नामचीन क्रिकेटरों के नाम पर गैलरी का नामकरण किया जा सकता है उनमें पूर्व खिलाड़ी पंकज रॉय, सीएबी के पूर्व अध्यक्ष बी. एन. दत्त, ए. एन. घोष, स्नेहांशु आचार्य और सिद्धार्थ शंकर रॉय के नाम प्रमुख हैं.

सीएबी की कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान इन नामों पर विचार किया गया. सीएबी के कोषाध्यक्ष बिस्वरूप डे ने कहा, “बैठक में इन्हीं नामों पर चर्चा हुई. हालांकि अभी किसी नाम पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. सीएबी के सदस्य इस पर और बैठकें करेंगे. मैंने पंकज रॉय और सौरभ गांगुली के नामों का प्रस्ताव रखा. जगमोहन डालमिया चाहते थे कि स्टेडियम की गैलरियों के नाम उनके नामों पर रखे जाएं.”

सीएबी के संयुक्त सचिव अभिषेक डालमिया ने घोष, बिस्वनाथ दत्ता और अपने पिता डालमिया के नामों का प्रस्ताव रखा.

समिति की बैठक के दौरान लिए गए अन्य निर्णयों में टिकटों की कीमतें अधिकतम 1,500 रुपये से घटाकर अधिकतम 1,000 रुपये करने का फैसला लिया गया. इसके अलावा 750 रुपये और 500 रुपये के टिकट भी होंगे.

बंगाल प्रीमियर लीग (बीपीएल) का अगला संस्करण अगले वर्ष फरवरी से शुरू होने की संभावना है.

क्या फिर पटरी पर लौटेंगे भारत-नेपाल संबंध

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल का नई दिल्ली में स्वागत हरेक नजरिये से गर्मजोशी भरा रहा. अपने दौरे से पहले ही दाहाल ने यह साफ किया था कि उनका मुख्य मकसद भारत-नेपाल संबंधों को फिर से पटरी पर लाना है. गौरतलब है कि पिछली सरकार के दौरान दोनों देशों के रिश्ते काफी खराब स्थिति में पहुंच गए थे. संबंध और न बिगड़ें, इस लिहाज से दाहाल ने दो वादे किए. पहला, उन्होंने मधेस आबादी से संपर्क बनाने और संविधान संशोधन के जरिये संविधान से जुड़ी उनकी शिकायतें दूर करने का वचन दिया है.

गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने यह भी कहा कि नेपाल को एक संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाने की दिशा में पिछले साल घोषित संविधान एक ऐतिहासिक घटना है, और हमारी सरकार इसे लागू करने में समाज के सभी तबकों को साथ लेने की लगातार कोशिश कर रही है. दूसरा, प्रधानमंत्री दाहाल यह प्रदर्शित करना चाहते हैं कि वह पुराने माओवादी नेता नहीं हैं, बल्कि एक व्यावहारिक राजनेता हैं और अपने दक्षिणी पड़ोसियों के साथ बेहतर रिश्ते के हिमायती हैं.

प्रधानमंत्री दाहाल के इन वादों को दिल्ली ने काफी उत्साह से लिया है. भारत सरकार भी नेपाल के साथ अपने रिश्ते सुधारने के अवसर देख रही थी. और जब दाहाल प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए, तो भारत के नीति-नियंताओं को वह मौका मिला कि वे दोनों देशों के रिश्ते को उसी सुखद दौर में ले जाने की कोशिश करें, जो 2014 में मोदी के चुनाव के ठीक बाद दिखा था. फिर भी, प्रधानमंत्री दाहाल को दोनों देशों द्वारा जारी साझा बयान के कुछ बिंदुओं पर सफाई देने में मुश्किलें पेश आ सकती हैं.

एक तो यही कि भारत से पुनर्निर्माण के लिए जो आर्थिक मदद मिलेगी, उसे किस तरह से खर्च किया जाना चाहिए, यह नेपाल सरकार के ऊपर छोड़ने की बजाय उसकी शर्तें पहले ही तय की गई हैं. इसी तरह, विदेश नीति के मसले पर भी उन्हें बताना होगा कि उनकी नीति क्या है? नेपाल पर भारत का पिछलग्गू होने के आरोप लगते रहे हैं. उन्हें यह साफ करना ही पड़ेगा कि देशहित और व्यावहारिकता ही आखिरकार नेपाल की प्राथमिकता है.

कदम स्वागत योग्य पर फरमान तुगलकी न हों

बिहार सरकार ने शराबबंदी कर के एक अच्छा कदम उठाया है. शराब इस देश के गरीबों के लिए एक आतंक है, जिस से लोग आत्मघात करते हैं. जो पीते वे मरते हैं या फिर लुटते हैं पर साथ ही पूरे घर वालों खासतौर पर औरतों को भी नर्क में धकेल देते हैं. शराबी की पत्नी या शराबी की बेटी होना भी उतना ही बड़ा कहर है जितना आतंकवादी की गोली का शिकार होना.

शराब धीमा जहर ही नहीं है. जहर तो सिर्फ पीने वाले को ही नष्ट करता है, पर शराब तो पूरे घरपरिवार को कठघरे में खड़ा करती है. नए पैसे वाले भले यह कहते रहें कि सोशल ड्रिंकिंग तो आधुनिकता का एक रूप है, जो आप के बंधनों को खोलती है पर सच यह है कि यह ऐंटीसोशल है, क्योंकि हर ड्रिंक पार्टी में 1-2 ऐसे निकल आते हैं, जो बहक जाते हैं और अनापशनाप बकने लगते हैं, उलटियां करने लगते हैं और यहां तक कि औरतों को भी छेड़ने लगते हैं.

सोशल ड्रिंकिंग कब किस हालत में दिमाग और शरीर पर चढ़ जाए कहा नहीं जा सकता और नीतीश कुमार ने दूसरे कई राज्यों के बुरे अनुभवों के बाद पूरी निष्ठा के साथ इसे लागू करने की ठान कर यह सिद्ध कर दिया है कि उन की निगाह केवल वोटों पर नहीं है. लालू प्रसाद यादव का इस मुद्दे पर साथ देना यह जताता है कि दोनों को शराब से मिलने वाले पैसे से ज्यादा लोगों की शांति व सेहत की चिंता है.

हां, अब कुछ अति जरूर हो रही है. एक नए संशोधन में कहा गया है कि जिस घर में शराब पकड़ी जाएगी वहां के सभी वयस्कों को जेल में डाल दिया जाएगा. समाज सुधार का यह तरीका गलत है. अगर सभी वयस्क जेल में होंगे, तो बच्चों की देखभाल कौन करेगा? क्या बूढ़े पिता को भी जेल में डाल दोगे जिस ने कभी शराब को हाथ तक न लगाया हो?

इस तरह के तुगलकी फरमान समाज सुधार की मुहीम को विवादों में ला खड़ा करते हैं. इस तरह के समाज सुधार बहुत धीरेधीरे होते हैं. शराब सदियों से पी जा रही है और इस पर पूरी रोक नामुमकिन है. हां, इसे सरलता से न मिलने देना, पब्लिक ड्रिंकिंग न होने देना,

पार्टियों में बंद करा देना, उत्पादन रोक देना ही काफी है. इस के बावजूद यह बनेगी पर कम से कम प्रचार तो नहीं होगा. आजकल शराब कंपनियां बहुत विज्ञापन कर रही हैं. फिल्म वालों और अखबार वालों को मुफ्त पिला रही हैं ताकि वे प्रचार करें. अगर बड़ी कंपनियां न होंगी तो यह काम न होगा. बिहार सरकार घर वालों को बंद करने की जगह पहले बड़े कारखाने बंद करे और दूसरे राज्यों में बंद करवाए. तब किसी के घर में घुसे.             

मौका मौका: 900 रुपए में करें हवाई यात्रा

इंडिगो एयरलाइन्स डिस्‍काउंट ऑफर के तहत बस 900 रुपये में हवाई यात्रा का आनंद दे रही है. पर यह यात्रा सिर्फ चुनिंदा रूट्स पर ही की जा सकती है. साथ ही एयरलाइन का यह भी कहना है कि यह ऑफर सीमित सीटों के लिए ही है.

900 रुपये में जिन रूट्स पर यात्रा की जा सकती है वे जयपुर-दिल्‍ली, गुवाहाटी-बागडोगरा, चंडीगढ़-श्रीनगर, कोच्चि-तिरुवनंतपुरम आदि हैं. इनके अलावा और कई रूट्स पर भी काफी सस्‍ते में टिकट उपलब्‍ध हैं. मसलन, हैदराबाद-कोयंबटूर और दिल्‍ली-देहरादून रूट्स पर टिकट की शुरुआती कीमत महज 1299 रुपये है. मेट्रो शहरों के बीच दिल्‍ली-चेन्‍नै रूट पर टिकट की शुरुआती कीमत 3199 रुपये है.

इसी ऑफर के तहत हैदराबाद-गोवा के बीच टिकट की शुरुआती कीमत 1699 रुपये है और दिल्‍ली-वडोदरा रूट पर महज 2599 रुपये में सफर किया जा सकता है.

हालांकि, इंडिगो ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि कम कीमतों वाले इन टिकट्स की बिक्री कब तक जारी रहेगी. साथ ही इंडिगो ने इस बात का खुलासा भी नहीं किया है कि इस ऑफर के तहत कितनी सीटें उपलब्‍ध हैं. हालांकि, इंडिगो की वेबसाइट पर जाने पर यह दिखता है कि अलग-अलग रूट्स पर यात्रा की अवधि अलग-अलग है जो इस महीने से लेकर अगले महीने तक है.

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