टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच मामला सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा है. काफी दिनों की शांति के बाद अब एक बार फिर से शमी और उनकी पत्नी के बीच वाक युद्ध छिड़ गया है. हसीन जहां ने कुछ महीनों पहले मोहम्मद शमी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. हसीन जहां ने शमी ने पर मारपीट, रेप, हत्या की कोशिश, घरेलू हिंसा और मैच फिक्सिंग जैसे कई गंभीर आरोप लगाए. हसीन जहां ने शमी के खिलाफ केस भी दर्ज करवाया है.
हसीन जहां ने मोहम्मद शमी के खिलाफ शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और विवाहेतर संबंध रखने की शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि, हसीन जहां के लगाए सभी आरोपों से शमी अब तक इंकार करते रहे हैं. शुरुआत में तो मोहम्मद शमी इस मामले में सुलह करना चाह रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि वह इससे निपटने के लिए कानूनी रास्ता ही अपनाएंगे.
बता दें कि हसीन जहां ने कई लड़कियों के साथ शमी की चैट्स के स्क्रीनशौट और फोन की रिकौर्डिंग भी शेयर कर चुकी हैं. हसीन जहां तब से ही लगातार मोहम्मद शमी पर आरोप लगा रही हैं. हालांकि, अभी तक वह अपने लगाए हुए किसी भी आरोप पर पुख्ता सबूत पेश करने में नाकाम ही रही हैं. अब एक बार फिर से हसीन जहां एक नए आरोप के साथ आई हैं.
हसीन जहां एक बार फिर से विस्फोटक बयान के साथ सामने आई हैं. इस बार हसीन जहां ने दावा किया है कि मोहम्मद शमी ईद के बाद किसी दूसरी महिला से शादी करने की तैयारी कर रहे हैं. जहां ने आरोप लगाया कि शमी ने उन्हें तलाक देने के लिए पैसे तक औफर किए हैं.
हसीन जहां ने टीम इंडिया के तेज गेंदबाज पर आरोप लगाते हुए कहा, मोहम्मद शमी अपने बड़े भाई की साली के साथ ईद के पांच दिन बाद शादी करना चाहते हैं. इसलिए उसने मुझे पैसा लेकर तलाक देने के लिए कहा है.
मोहम्मद शमी ने भी हसीन जहां के इन आरोपों का जवाब बेहद आराम के साथ दिया. एक खबर के मुताबिक दूसरी शादी पर मोहम्मद पर शमी ने कहा, मैं अपनी पहली शादी से ही काफी मुसीबत में हूं. ऐसे में आपको लगता है कि मैं दूसरी शादी करुंगा.
मोहम्मद शमी ने कहा, हसीन ने पिछले कुछ माह में मुझ पर बहुत आरोप लगाए हैं. यह अच्छी बात है अगर उनके आरोप के मुताबिक मैं दूसरी शादी करता हूं तो मैं हसीन को भी उसके लिए आमंत्रित करूंगा.
ऐसे लगता है कि यह पूरा विवाद मोहम्मद शमी के करियर को खत्म करने के लिए हो रहा है. बीसीसीआई ने एक प्वाइंट पर उनके साथ अनुबंध को निलंबित कर दिया था. हालांकि, बीसीसीआई ने दोबारा उनका अनुबंध बहाल कर दिया और वह आईपीएल 2018 में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम की तरफ से खेले. हालांकि, उन्होंने चार मैचों में कुल 3 विकेट ही लिए.
शाहरुख खान की बेटी सुहाना अक्सर ही अपनी फोटो सोशल मीडिया पर डालती रहती हैं. हाल ही में गौरी खान ने अपनी बेटी सुहाना की एक सेक्सी और ग्लैमरस फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर की, जिसपर लोगों ने खूब कमेंट किए और मां-बेटी के लुक्स की तारीफ की और अब उसी फोटो पर शाहरुख खान की प्रतिक्रिया आई है.
शाहरुख अपनी बेटी सुहाना और पत्नी गौरी की इस फोटो को देख इस कदर सम्मोहित हो गए कि खुद को भावनाओं में बहने से रोक नहीं पाए. उन्होंने ट्विटर पर सुहाना और गौरी की उसी फोटो को शेयर करते हुए एक खास मेसेज लिखा.
शाहरुख ने लिखा,’कुछ पढ़ रहा था कि तभी यह लाइन सामने आई कि लाइफ कभी मैन्युअल के साथ नहीं आती बल्कि मदर के साथ आती है (life doesn’t come with a manual, it comes with a mother) और फिर तभी इन दो खूबसूरत लेडीज की फोटो….सच ही है.’
Was reading and came across this line….’ Life doesn’t come with a manual, it comes with a mother ‘ and then this picture of the ladies…sach hi hai!! pic.twitter.com/sk0CwIMoMP
शाहरुख सुहाना को लेकर काफी संवेदनशील हैं. सुहाना के लिए उनका यह नेचर तब देखने को मिला था, जब करण जौहर के चेट शो ‘कौफी विद करण’ में उन्होंने सुहाना को डेट करने के लिए रूल बताते वक्त यह कह दिया था कि सुहाना को किस करने वाले के वह होंठ उखाड़ देंगे.
एक दिन गांव में काफी चहलपहल थी, क्योंकि वहां एक बड़े यज्ञ का आयोजन किया गया था. चूंकि धार्मिक अनुष्ठान था, इसलिए गांव वाले काफी उल्लास में थे और यज्ञस्थल पर जाने के लिए उत्साहित भी. यज्ञ में शामिल होने वालों में सभी समुदायों के लोग थे.
शशि भी यज्ञस्थल पर जाने के लिए तैयार थी. वह अपनी सहेली मीना के घर पहुंची और चहकती हुई बोली, ‘‘मीना, तुम भी चलो न मेरे साथ यज्ञ देखने.’’
‘‘हां शशि, मैं ने भी सुना है यज्ञ के बारे में. मेरा भी मन यज्ञ देखने का हो रहा है.’’ मीना ने कहा.
‘‘तो फिर जल्दी से तैयार हो जाओ और मेरे साथ चलो.’’ शशि बोली.
थोड़ी देर बाद मीना तैयार हो कर शशि के साथ पैदल ही यज्ञस्थल की ओर चल दी. दोनों बहुत खुश थीं और बातें करते हुए यज्ञस्थल की ओर चली जा रही थीं.
थोड़ी देर में दोनों यज्ञस्थल पर पहुंच गईं. वहां का भव्य नजारा देख कर दोनों का दिल खुशी से झूम उठा. पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ हवन किया जा रहा था. यज्ञ के धुएं से वातावरण सुगंधित था. शशि और मीना ने हाथ जोड़ कर नमन किया और वहीं बिछी दरी पर बैठ गईं.
अचानक शशि की नजर दूसरी ओर बैठे एक युवक पर चली गई. वह कोहरावां गांव का मोहम्मद एहसान था. कोहरावां बदौव्वा गांव के पास ही है. कोहरावां के मोहम्मद नवाब खेती और दूध की डेयरी का काम करते थे. मोहम्मद एहसान उन का ही बेटा था. वह पिता के दूध के काम में मदद करता था. 24 वर्षीय एहसान का एक बड़ा भाई था सलमान और एक छोटा मेराज.
शशि की जिंदगी में आया प्रेमी
शशि ने उसे देखा तो देखती ही रह गई. वह यह भी भूल गई कि वह धार्मिक अनुष्ठान में आई है. तभी एहसान की नजर शशि पर चली गई तो वह उसे एकटक देखता पा कर खुद भी उसे देखने लगा. शशि उसे देख कर मुसकरा दी तो एहसान को लगा जैसे उस के दिल पर किसी ने बरछी चला दी हो. वह अपनी सुधबुध खो बैठा. काफी देर तक दोनों एकदूसरे को निहारते रहे. तभी मीना शशि को ले कर वहां से जाने लगी तो एहसान का दिल छटपटा उठा. वह शशि को अपनी आंखों से ओझल नहीं होने देना चाहता था.
शशि भी जाते हुए बारबार पीछे मुड़ कर उसे ही देख रही थी. मीना ने आश्चर्य से पूछा, ‘‘क्या बात है शशि, कोई मिल गया क्या जिसे तुम बारबार पीछे मुड़ कर देख रही हो? अरे मुझे भी कुछ बताओ या फिर खुद ही खुश होती रहोगी. बोलो भी…’’
दबाव देते हुए मीना ने पूछा तो शशि ऐसे सिटपिटा गई, मानो उस की चोरी पकड़ी गई हो. फिर भी उसे जवाब तो देना ही था. उस ने मीना को प्यार से झिड़कते हुए कहा, ‘‘ओह मीना, तुम भी शरारती हो गई हो. मैं भला यज्ञ की भव्यता के अलावा और किसे देख सकती हूं. तुम तो हमेशा मुझे शक की नजरों से देखती हो. अब चलो, किसी दुकान पर चाट खाई जाए.’’
‘‘हां, वह देखो सामने चाट की दुकान है. आओ, वहीं चलते हैं.’’ कहती हुई मीना शशि के साथ चाट की दुकान पर पहुंची और चाट खाने लगी.
शशि ने देखा कि एहसान भी यज्ञ छोड़ कर उस के पीछेपीछे बाहर चला आया था और उस से दूर खड़ा हो कर उसे एकटक देख रहा था. वह बारबार नजरें उस की तरफ घुमाती तो उसे अपनी ओर देखते हुए पाती. उस का दिल तेजी से धड़कने लगा, जैसे वह उस का काफी करीबी हो. पता नहीं क्यों वह शशि को अपना सा लग रहा था.
कुछ ऐसा ही एहसान को भी महसूस हो रहा था. उसे भी न जाने क्यों शशि अपने दिल के करीब लग रही थी. एहसान शशि के चेहरे को अपनी आंखों में बसा लेना चाहता था, ताकि वह दिल से ओझल न हो सके. शशि की नजर भी उस से नहीं हट रही थी. जब मीना ने देखा कि शशि एक खूबसूरत नौजवान को देख रही है तो उस ने शरारत करते हुए कहा, ‘‘अच्छा जी, तो ये बात है. लगता है, वह हमारी रानी को कुछ ज्यादा ही पसंद आ गया है.’’
‘‘धत, यह क्या बकवास कर रही है? मैं किसी को देखूंगी तो क्या वह मेरी पसंद का हो जाएगा? वह तो यूं ही उस पर मेरी नजर चली गई थी. अब चलो यहां से, नहीं तो तुम अपनी बकवास बंद नहीं करोगी.’’ शशि ने कहा.
‘‘हांहां, मैं कहां कह रही हूं कि तुम यहीं रुको, चलो यहां से.’’ कहती हुई मीना शशि का हाथ पकड़ कर चल दी तो एहसान मायूस हो गया. मानो कोई उस के दिल को चुरा कर ले जा रहा हो. वह शशि को तब तक देखता रहा, जब तक वह आंखों से ओझल नहीं हो गई.
घर पहुंच कर शशि एहसान के खयालों में खो गई. पता नहीं क्यों उस का दिल उस के लिए धड़क रहा था. रात में जबवह सोई तो उसे सपने में भी एहसान ही दिखाई दिया. वह उस से प्यार भरी बातें कर रहा था. शशि उस से मिल कर खुशी से चहक रही थी.
रात को सपने में कुछ ऐसा ही एहसान भी देख रहा था. अचानक उस की नींद टूट गई और वह हड़बड़ा कर उठ बैठा. मन की शांति के लिए उस ने गिलास ठंडा पानी पीया. फिर वह सोने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसे नींद नहीं आई. उस ने फैसला किया कि वह कल भी यज्ञस्थल पर जाएगा. हो सकता है, उस खूबसूरत लड़की से एक बार फिर मुलाकात हो जाए.
अगले दिन निर्धारित समय पर शशि अकेली ही यज्ञस्थल की ओर चल दी. उस वक्त उस के दिमाग में कई सवाल उमड़घुमड़ रहे थे. वह सवालों की उधेड़बुन में यज्ञस्थल पर पहुंच गई. जब शशि वहां पहुंची तो उसे यह देख कर हैरानी हुई कि एहसान भी वहीं बैठा था. उसे लगा मानो वह उसी का इंतजार कर रहा हो.
प्यार के पंछियों की पहली उड़ान
एहसान की नजर शशि से टकराई तो दोनों के दिल खुशी से धड़क उठे. अनायास ही शशि मुसकरा दी तो एहसान के दिल के फूल खिल गए. जवाब में वह भी मुसकरा दिया. शशि वहां से निकली और एहसान को देखते हुए यज्ञस्थल से बाहर आ गई. मानो उस ने इशारा किया हो कि वह भी बाहर आए.
आगेआगे शशि और पीछेपीछे एहसान चलते हुए दोनों सुरक्षित जगह पर पहुंचे और एकदूसरे को देखने लगे. अनायास एहसान शशि के करीब आया और उस ने मुसकराते हुए कहा, ‘‘मेरा नाम एहसान है और मैं पास के गांव कोहरावां का रहने वाला हूं.’’
थोड़ा शरमाते हुए शशि बोली, ‘‘मेरा नाम शशि है और मैं इसी गांव में रहती हूं. मुझे तुम्हारा चेहरा जानापहचाना सा लग रहा था. शायद मैं ने कभी तुम्हें देखा हो, लेकिन कल ही मेरा ध्यान तुम पर गया.’’
‘‘शशि…बड़ा ही प्यारा नाम है. तुम सचमुच अप्सराओं की तरह सुंदर हो. मुझे तुम्हारा नाम और तुम दोनों ही बहुत पसंद हो. क्या मैं तुम्हें पसंद हूं?’’ एहसान ने उत्सुकता में पूछा.
शशि ने ‘हां’ में सिर हिला दिया, साथ ही कहा भी, ‘‘एहसान, सिर्फ परिचय से कोई एकदूसरे का नहीं हो जाता, बल्कि उस के लिए एकदूसरे के बारे में सारी बात जानना भी जरूरी होता है. तभी दो दिल एकदूसरे के करीब हो सकते हैं.’’
जिला सीतापुर के मिश्रिख थाना कोतवाली के अंतर्गत आने वाले गांव बदौव्वा में लालजी रहते थे. वह खेती करते थे. परिवार में उन की पत्नी रमा और 2 बेटी और 2 बेटे थे. उन सब में शशि सब से छोटी भी थी और अविवाहित भी. बाकी सभी का विवाह हो चुका था. शशि की उम्र 16 साल थी. उस ने गांव के ही सरकारी स्कूल से 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी. खूबसूरत, चंचल और अल्हड़ स्वभाव की शशि के शरीर की बनावट और कमनीयता किसी की भी नजरों में चढ़ जाती थी. गांव में सुंदर युवती हो और उस के आगेपीछे मंडराने वाले मनचले न हों, यह नहीं हो सकता.
शशि के आगेपीछे घूमने वाले मनचलों की कमी नहीं थी. शशि को उन की घूरती नजरों से कोई दिक्कत नहीं थी, बल्कि उसे यह सब अच्छा लगता था. धीरेधीरे कई युवक उस के संपर्क में आए, लेकिन कोई भी शशि को प्रभावित नहीं कर पाया.
नवंबर 2008 में दिबाकर बनर्जी निर्देशित एक फिल्म आई थी ‘ओए लकी ओए’. यह फिल्म सुपरचोर बंटी की सच्ची कहानी पर आधारित थी, जिस में मुख्य भूमिका निभाई थी अभय देओल ने. यानी सुपरचोर बंटी की भूमिका में अभय देओल थे. जैसा कि बंटी करता था, वैसे ही फिल्म में दिखाया गया था कि फिल्म का नायक जिस कोठी या फ्लैट में चोरी करने जाता है, वहां के कुत्ते को इस तरह अपने वश में कर लेता है कि उसे देख भौंके नहीं. उस के बाद वह वहां आराम से चोरी करता था.
बीते महीने दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे ही चोर को पकड़ा है, जो किसी भी तरह के कुत्ते को अपने वश में कर लेता था और आराम से चोरी करता था. 24 वर्षीय इस चोर का नाम था आकाश, जो उत्तर प्रदेश के इटावा के गांव शेखपुरा सराय का रहने वाला है. महज एक आवाज और फिर कुत्ते के सिर पर हाथ फिरा कर उसे वश में कर लेने वाला यह चोर दिल्ली में अभी तक 100 से ज्यादा चोरियां कर चुका है.
चोरी करने के पीछे इस चोर की चाहत भी कुछ अलग तरह की थी. दरअसल, अप्रैल में आकाश की शादी होने वाली थी. वह चाहता था कि सुहागरात में अपनी नईनवेली दुलहन को उपहारस्वरूप ढेर सारी जूलरी दे.
आकाश का यह सपना पूरा हो पाता, इस से पहले ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. दरअसल, उत्तमनगर के आनंदविहार में आकाश के गांव के कुछ लोग रहते थे. काम की तलाश में उन के साथ दिल्ली आया आकाश वहीं किराए का कमरा ले कर रहने लगा. उस ने अपने लिए काम ढूंढने की काफी कोशिश की, लेकिन उसे कोई अच्छा काम नहीं मिला. जब भूखों मरने की नौबत आई तो उस ने स्नैचिंग शुरू कर दी. वह राह चलते लोगों से मोबाइल फोन, गले की चेन वगैरह की झपटमारी करने लगा. इस काम में उसे सफलता मिली तो उस की हिम्मत बढ़ गई. झपटे हुए सामान को औनेपौने दामों में बेच कर वह अपना खर्चा चलाने लगा.
इसी में से कुछ पैसे वह अपने मातापिता को भेजता था. उस ने घर पर बता रखा था कि वह एक अच्छी कंपनी में नौकरी करता है. चूंकि आकाश कभी पकड़ा नहीं गया था, इसलिए उस की हिम्मत बढ़ती जा रही थी. इसी के चलते उस ने घरों में चोरियां करनी शुरू कर दीं.
कुत्तों की परेशानी आई तो उस ने अपने गांव के कुछ अनुभवों और कुत्तों के व्यवहार से संबंधित कुछ किताबें पढ़ कर कुत्तों को वश में करना सीखा. इस से उसे बड़े लोगों के घरों में चोरी करने में आसानी होने लगी. जब आकाश की आय बढ़ी तो वह अपने घर ज्यादा पैसे भेजने लगा. लेकिन इसी बीच उसे ड्रग लेने की लत लग गई. धीरेधीरे उस की यह आदत इतनी बढ़ी कि वह करीब 3 हजार रुपए रोजाना ड्रग पर खर्च करने लगा.
आकाश जिस तरह मोटी रकम गांव भेजता था, उस से गांव वालों को लगता था कि वह कोई अच्छी नौकरी करता है. फलस्वरूप उस की शादी के लिए अच्छे परिवारों से रिश्ते आने लगे. आकाश से बात कर के उस के घर वालों ने एक अच्छे घरपरिवार में उस का रिश्ता पक्का कर दिया. अप्रैल में उस की शादी की तारीख भी तय हो गई.
आकाश चाहता था कि वह सुहागरात में अपनी दुलहन को ढेर सारी जूलरी गिफ्ट करे ताकि वह खुश हो जाए. इसी के मद्देनजर उस ने ताबड़तोड़ स्नैचिंग और चोरियां शुरू कर दीं. इस बीच उस ने 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दिया.
द्वारका के बिंदापुर थानाक्षेत्र में एक मकान में की गई चोरी में उसे लाखों की जूलरी मिली. खास बात यह थी कि जिस कोठी में उस ने चोरी की, उस में 4 खतरनाक कुत्ते थे, लेकिन भौंका एक भी नहीं. असलियत में आकाश को देख कर वे दुम हिलाने लगे थे, जैसे कह रहे हों, जाओ आराम से चोरी करो.
आकाश ने उस मकान में चोरी तो कर ली, लेकिन काम हो जाने के बाद जब वह सड़क पर आया तो उसे गली के कुत्तों ने घेर लिया. उस ने उन्हें कंट्रोल करने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्होंने पीछा नहीं छोड़ा.
यहां तक कि एक कुत्ते ने उस के पैर में काट भी लिया. इस के बावजूद घायल आकाश किसी तरह कुत्तों से पीछा छुड़ा कर अपने कमरे पर पहुंच गया. अगले दिन थाना बिंदापुर में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज हुई. लाखों की जूलरी चोरी का मामला था, इसलिए इस की जांच की जिम्मेदारी द्वारका जिले के स्पैशल स्टाफ को सौंपी गई.
सबइंसपेक्टर नवीन कुमार और अरविंद कुमार की टीम इस मामले को सुलझाने में लग गई. पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. 3 किलोमीटर के दायरे में उन्होंने करीब 25 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखीं.
एक फुटेज में उन्हें एक संदिग्ध युवक दिखाई तो दिया लेकिन उस की शक्ल क्लियर नहीं थी. ऐसे में उसे पहचानना संभव नहीं था. अलबत्ता उस फुटेज से यह पता चल गया कि उस युवक को गली के कुत्तों ने घेर लिया था और उस की टांग में काटा भी था.
पुलिस के लिए यह काफी महत्त्वपूर्ण क्लू था. पुलिस टीम समझ गई कि कुत्ते का काटा हुआ व्यक्ति कहीं न कहीं इंजेक्शन लगवाने जरूर जाएगा.
अपनी इस सोच के चलते पुलिस टीम ने उन सरकारी अस्पतालों से संपर्क किया, जहां कुत्तों के काटे व्यक्ति को इंजेक्शन लगाए जाते हैं. वहां इस बात का भी पता लगाया गया कि 25, 26, 27 मार्च को ऐसे कौनकौन युवक आए थे, जिन की टांग में कुत्ते ने काटा था.
इसी छानबीन में पुलिस को जानकारी मिली कि उत्तमनगर के आनंदविहार इलाके में रहने वाला आकाश इंजेक्शन लगवाने आया था. थोड़ी कोशिश के बाद पुलिस आकाश तक पहुंच गई और उसे हिरासत में ले कर पूछताछ की.
अंतत: आकाश ने चोरी की इस वारदात को तो स्वीकारा ही, साथ ही चोरी के ऐसे खुलासे किए, जिन्हें सुन कर पुलिस भी हैरत में रह गई. उस ने 100 से अधिक वारदातों को अंजाम देने की बात स्वीकार की. इन में से 17 केसों को तो पुलिस टीम ने सुलझाया ही, आकाश से 20 लाख रुपए की जूलरी भी बरामद की.
पूछताछ के बाद आकाश को अदालत में पेश कर के तिहाड़ जेल भेज दिया गया. अब आकाश की शादी भी खटाई में पड़ गई और सुहागरात में अपनी दुलहन को ढेरों ज्वैलरी उपहार देने का सपना भी अधूरा रह गया.
राजस्थान के बाड़मेर शहर के महावीर चौक में एक खंडेलवाल परिवार रहता है. इस परिवार की एक लाडली बेटी थी रितु खंडेलवाल. वह खूबसूरत थी. पढ़ाईलिखाई में वह कोई ज्यादा होशियार तो नहीं थी, पर ठीकठाक थी. मांबाप उसे जमाने के हिसाब से रहने की सीख दिया करते थे.
रितु के मांबाप मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे. घर से विद्यालय आतेजाते वह किसी से भी बेवजह बोलती तक नहीं थी. ऐसी शरमीली और संकोची स्वभाव की रितु न जाने कब एक कश्मीरी युवक गुलजार से प्यार कर बैठी.
गुलजार करीब 2 साल पहले कुपवाड़ा (कश्मीर) से बाड़मेर में कामधंधे की तलाश में आया था. गुलजार को बाड़मेर के एक कैफे में वेटर की नौकरी मिल गई थी. वह पढ़ालिखा, अच्छी कदकाठी का नौजवान था. उस की बोलचाल से सभी प्रभावित हो जाते थे.
गुलजार को महंगे मोबाइल रखने का शौक था. जैसे ही कोई नया अच्छा मोबाइल बाजार में आता और वह उस के खरीदने की क्षमता की रेंज में होता तो वह खरीद लेता था. वह फेसबुक एवं वाट्सऐप पर ज्यादा ऐक्टिव रहता था. वह अपने इलाके के 3-4 लड़कों को भी बाड़मेर लाया था, जो उसी कौफी कैफे में नौकरी करते थे.
गुलजार घर से साधनसंपन्न था. तभी वह महंगे मोबाइल खरीदता था वरना कैफे की 7-8 हजार रुपए महीने की तनख्वाह से महंगे मोबाइल खरीदना संभव नहीं था. अब बात यह आती है कि अगर गुलजार घर से साधनसंपन्न था तो वह कुपवाड़ा से इतनी दूर वह भी वेटर की नौकरी करने क्यों आया? क्या इस का राज कुछ और था?
बाड़मेर के जिस कैफे में गुलजार नौकरी करता था, वह कैफे एक स्थानीय भाजपा नेता का है. पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती जिले बाड़मेर में न जाने कितने गुलजार अपना गुल खिलाने में लगे हैं.
कहते हैं प्यार मजहब और अमीरीगरीबी नहीं देखता. मगर यह कटु सत्य है कि जब भी 2 धर्मों के युवकयुवती ने प्यार या शादी की, बवाल जरूर हुआ है और आगे भी होता रहेगा.
कोई भी मातापिता यह नहीं चाहेगा कि उस के बच्चे दूसरे धर्म में शादी करें. दूसरे धर्म में शादी करने पर जब हालात बिगड़े तो कोर्ट को भी ऐसे मामलों में दखल देना पड़ा. गत वर्ष जोधपुर शहर में एक हिंदू युवती के मुसलिम युवक से प्यार के बाद शादी करने पर खूब बवाल मचा था. हिंदूवादी संगठनों ने खूब हायतौबा मचाई थी.
अब ऐसा ही ताजा मामला बाड़मेर की रितु खंडेलवाल और कुपवाड़ा के गुलजार का सामने आया है. यह किसी को पता नहीं चला कि कब दोनों में प्यार हुआ और कब उन्होंने बाड़मेर से भाग कर कुपवाड़ा जा कर निकाह और कोर्टमैरिज की. उस में भी यह कि लड़की ने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम रितु से जैनब रखा.
रितु हो गई गुलजार की दीवानी
रितु जब गुलजार के संपर्क में आई तो वह उस की दीवानी हो गई. गुलजार भी रितु से बेइंतहा मोहब्बत करता था. उन दोनों को लगा कि उन्हें सारे जहां की खुशी मिल गई. गुलजार सिर्फ डेढ़ साल बाड़मेर में रहा. जमाने से नजरें बचा कर वह दोनों थार नगरी में मिलते रहे. दोनों एकदूसरे को हद से ज्यादा प्यार करते थे. मगर किसी को इन के प्यार की भनक तक नहीं लगी.
एक रोज दोनों एकांत में मिले तो गुलजार बोला, ‘‘रितु, हम दोनों अलगअलग धर्मों के हैं. अगर कल को कोई समस्या खड़ी हो गई तो तुम मुझ से बिछुड़ तो नहीं जाओगी? यह बात याद रखो कि अगर तुम मुझे नहीं मिली तो मैं जीतेजी मर जाऊंगा.’’
‘‘गुलजार, मैं इस जन्म में ही नहीं, हर जन्म में तुम्हारी रहूंगी. तुम से प्यार किया है तो जीते जी निभाऊंगी भी. मैं जमाने से नहीं डरती. तुम्हारे कहने पर मैं अपनी जान भी कुरबान कर सकती हूं.’’ रितु ने गुलजार की आंखों में आंखें डाल कर कहा तो गुलजार समझ गया कि रितु उस का साथ मरते दम तक नहीं छोड़ेगी.
इस के बाद दोनों मिलते रहे और उन का प्यार परवान चढ़ता रहा. गुलजार के एक इशारे पर रितु जान तक देने को तैयार थी. अपने प्यार की खातिर वह अपने मातापिता तक को भुलाने के लिए तैयार हो गई. वही मांबाप जिन्होंने उस की खुशी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. जैसा वह कहती, वह वैसा ही करते थे.
गुलजार ने रितु को अपने रंग में ऐसा रंग लिया था कि वह चंद दिनों की मुलाकात में ही उस पर बेतहाशा यकीन करने लगी थी. एक दिन गुलजार ने उस से कहा, ‘‘रितु, अब थोड़े दिनों बाद तुम बालिग हो जाओगी. इस के बाद हम दोनों कोर्टमैरिज के साथ निकाह कर लेंगे.’’
‘‘सही कह रहे हो गुलजार, मैं भी यही चाहती हूं.’’ रितु ने गुलजार की हां में हां मिलाते हुए कहा.
‘‘रितु, अब मैं वापस कुपवाड़ा जाने की सोच रहा हूं. तुम भी बाद में मौका मिलने पर वहां आ जाना. तुम जानती ही हो कि अगर हम ने बाड़मेर में रह कर कोर्टमैरिज या निकाह किया तो बवाल हो जाएगा. हम कुपवाड़ा जा कर यह सब करेंगे ताकि हमें कभी कोई अलग न कर सके.’’ गुलजार ने रितु को अपनी पूरी योजना समझा दी और इस के बाद घटना से करीब 3 महीने पहले गुलजार हमेशा के लिए बाड़मेर को अलविदा कह कर कुपवाड़ा चला गया.
रितु बाड़मेर में थी और गुलजार कुपवाड़ा में था. दोनों दूर हो कर भी दिलों के करीब थे. दोनों की मोबाइल पर अकसर बातें होती थीं. दोनों एकदूसरे के दिल का हाल पूछते रहते थे. प्रेमी के बिना रितु का मन नहीं लग रहा था.
बना ली कुपवाड़ा जाने की योजना
रितु गुलजार के पास कुपवाड़ा (कश्मीर) जाने की योजना बनाने लगी. उस ने अपने पढ़ाई के कागज और आईडी वगैरह इकट्ठे कर लिए. आखिर उस ने बाड़मेर को अलविदा कहने का मन बना लिया. योजनानुसार रितु खंडेलवाल 16 मार्च, 2018 को बाड़मेर से बड़ौदा के लिए रवाना हुई. वहां उस के कोई रिश्तेदार रहते थे. उस की बुआ मुंबई में रहती थी. उन के पास भी वह राजस्थान से मुंबई अकेली जाती रहती थी. इसलिए मांबाप ने उस के अकेला बड़ौदा जाने पर कोई आपत्ति नहीं जताई.
रितु राजस्थान से बड़ौदा जाने वाली बस में बैठ कर गई थी, मगर वह 17 मार्च को देर रात तक भी बड़ौदा नहीं पहुंची थी. इस का पता रितु के मातापिता को तब चला, जब उन्होंने बड़ौदा में रहने वाले अपने रिश्तेदार को फोन कर के रितु के पहुंचने के बारे में पूछा. मातापिता एवं अन्य परिजन चिंता करने लगे कि वह कहां चली गई. रितु ने बस का टिकट बाड़मेर से बड़ौदा का लिया था मगर वह कहां गुम हो गई, कोई नहीं जानता.
जवान बेटी के गायब होने पर रितु के मातापिता के होशोहवास गुम थे. उन्होंने अपने स्तर पर उस का पता लगाने की कोशिश की. मगर कहीं पता नहीं चला तो थकहार कर 21 मार्च, 2018 को बाड़मेर की थाना कोतवाली पहुंचे.
थानाप्रभारी को उन्होंने बेटी के गायब होने की बात बताई. थानाप्रभारी अमर सिंह रतनू ने रितु की गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू कर दी. इस बारे में थानाप्रभारी ने उच्चाधिकारियों से भी विचारविमर्श किया. उन्होंने रितु के मोबाइल फोन की कालडिटेल्स निकलवाई तो उस के फोन की लोकेशन कुपवाड़ा, जम्मूकश्मीर की आ रही थी.
मोबाइल कालडिटेल्स में एक फोन नंबर पर ज्यादा बात करने के सबूत भी मिले. जांच करने पर वह फोन नंबर कुपवाड़ा के गुलजार का पाया गया. जांच में बाड़मेर पुलिस को पता चला कि गुलजार बाड़मेर के ही कौफी कैफे में नौकरी करता था.
इस के बाद बाड़मेर से एक पुलिस टीम कुपवाड़ा, कश्मीर गई. मगर रितु और गुलजार नहीं मिले. कुपवाड़ा पुलिस ने भी बाड़मेर पुलिस को सहयोग नहीं दिया. वहां आतंकवादियों का इतना खौफ है कि पुलिस इलाके में जाने से भी कतराती है.
रितु ने धर्म परिवर्तन कर नाम रखा जैनब
बाड़मेर पुलिस कश्मीर में खाक छान रही थी कि इस बीच बाड़मेर पुलिस को डाक के जरिए जम्मूकश्मीर कोर्ट से रितु उर्फ जैनब और गुलजार के शादी करने के दस्तावेज मिले तो पुलिस टीम बाड़मेर लौट आई.
पुलिस को पता चला कि रितु ने इसलाम धर्म कबूल कर लिया है. उस का नाम जैनब रखा गया है और उस ने गुलजार से निकाह कर लिया है. बाद में उन दोनों ने कोर्ट में कोर्टमैरिज कर ली है.
बाड़मेर पुलिस जम्मूकश्मीर से वापस लौट आई तो रितु के परिजन पुलिस से मिले. पुलिस के हाथ कानून से बंधे थे. रितु बालिग थी और उस ने अपनी मरजी से शादी की थी. ऐसे में पुलिस से मदद नहीं मिलने की स्थिति में परिजन मीडिया के सामने आए. उन्होंने आरोप लगाया कि उन की बेटी को षडयंत्र के तहत फंसाया गया है. पुलिस मदद करे.
इस पर पुलिस अधीक्षक डा. गगनदीप सिंगला के निर्देश के बाद पुलिस की एक स्पैशल टीम बाड़मेर से कुपवाड़ा भेजी गई. इसी बीच रितु के परिजनों ने गुलजार के खिलाफ धोखाधड़ी व अपहरण कर जबरदस्ती शादी करने का मामला दर्ज करा दिया.
राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका भी दायर हुई. रितु के पिता ने बाड़मेर कोतवाली थाने में गुलजार नामक कश्मीरी युवक पर रितु का अपहरण कर जबरदस्ती शादी रचाने के आरोप लगाए थे. जयपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन्होंने बताया था कि उन की बेटी रितु का अपहरण हुआ है और झूठे दस्तावेजों के आधार पर गुलजार ने जम्मूकश्मीर में उन की बेटी से शादी कर ली है. उन्होंने लव जिहाद की आशंका भी जताई.
बाड़मेर से स्पैशल पुलिस टीम कुपवाड़ा गई और दोबारा खाली हाथ लौट आई. रितु नहीं मिली. बाड़मेर पुलिस अधीक्षक डा. गगनदीप सिंगला ने कहा कि जम्मूकश्मीर पुलिस ने बाड़मेर पुलिस की कोई मदद नहीं की. इस कारण पुलिस रितु को बरामद नहीं कर सकी. रितु के परिजन पुलिस अधीक्षक से फिर मिले और रोरो कर बेटी को बरामद करने की गुहार लगाई.
फेसबुक पर हुआ वीडियो जारी
पुलिस अधीक्षक डा. गगनदीप सिंगला भले इंसान थे. इस कारण वह कोशिश में थे कि किसी तरह रितु और गुलजार एक बार पुलिस गिरफ्त में आ जाएं तो सारा सच सामने आ जाए. मगर रितु के मिलने से पहले 24 अप्रैल, 2018 को कश्मीरी युवक गुलजार के फेसबुक पर रितु और गुलजार ने संयुक्त वीडियो जारी कर पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया.
वीडियो में गुलजार हाथ जोड़ कर बोल रहा था कि बाड़मेर के एसपी साहब से निवेदन करते हैं कि उन के पीछे मत लगो. हम ने रजामंदी से शादी की है, कोई गुनाह नहीं किया है. हम अपनी लाइफ जीना चाहते हैं. हमें हमारी लाइफ जीने दो, तंग मत करो.
वीडियो में रितु कह रही थी कि पापा मैं अपने पति गुलजार के साथ बहुत खुश हूं. मैं जिंदगी भर इसी के साथ रहना चाहती हूं और मरना भी इसी के साथ ही है. मेरे पीछे हाथ धो कर मत पड़ो. पापा हमें शाति से रहने दो, तंग मत करो.
पहले वीडियो में रितु का कहना है कि रितु के मातापिता ने उस के पति पर जो आरोप लगाए, वे झूठे हैं. उस ने कहा कि उस का मैरिज सर्टिफिकेट है, जिस पर उस के खुद के फिंगरप्रिंट हैं, जो झूठे नहीं हो सकते.
मैरिज सर्टिफिकेट दिखाते हुए रितु ने कहा कि वह खुद जम्मूकश्मीर आई और वहां आ कर निकाह किया था. मेरा खुद का स्टेटमेंट है, मेरे घर वाले कह रहे हैं कि वो फेक है. कोर्ट के और्डर कभी फेक नहीं होते. मैं अपने बयान जम्मूकश्मीर पुलिस के यहां भी दर्ज करवा चुकी हूं और स्टेटमेंट बाड़मेर भी भिजवा दिया गया है.
उस नेकहा कि मैं खुद यहां आई थी. सभी टिकटें मैं ने खुद करवाई थीं. मैं बड़ौदा के लिए रवाना हुई, अहमदाबाद में बस से उतरी. यदि मेरा अपहरण होता तो मैं अहमदाबाद में क्यों उतरती. अहमदाबाद से मैं दिल्ली पहुंची और दिल्ली से श्रीनगर की फ्लाइट की टिकट भी मैं ने खुद ही करवाई.
मैं अकेली थी, मेरे साथ कोई नहीं था. यहां श्रीनगर कोर्ट में निकाह किया था. उस ने कहा कि मेरे घर वाले कहते हैं कि 18 साल की नहीं हूं. ये मेरी 10वीं की मार्कशीट है, जिस में जन्मतिथि लिखी हुई है.
दूसरा वीडियो गुलजार के फेसबुक पर जारी हुआ. उस वीडियो में गुलजार ने रितु उर्फ जैनब से सवाल किए हैं, जिन के रितु ने जवाब दिए हैं. गुलजार पूछता है कि तुम्हारे मातापिता का आरोप है कि मैं तुम्हारा रास्ता रोकता था, क्या मैं ने ऐसा कभी किया था? इस के जवाब में रितु कहती है कि गुलजार ने मेरे साथ कभी ऐसी हरकत नहीं की.
गुलजार दूसरा सवाल करता है कि क्या मैं ने तुम्हारा अपहरण किया था? इस पर रितु बताती है कि मेरा अपहरण नहीं हुआ, बल्कि मैं खुद फ्लाइट से यहां आई.
तीसरे सवाल में पूछता है कि तुम्हारे पिता का आरोप है कि 20 दिसंबर, 2017 को तुम ने एग्जाम दिए थे, सच्चाई क्या है बताएं? इस पर रितु कहती है कि 20 दिसंबर को नहीं 20 फरवरी को कालेज में बीए द्वितीय वर्ष का एग्जाम दिया था. यह बात कालेज में पता कर सकते हैं.
रितु ने घर वालों को बताया झूठा
अंत में रितु हाथ जोड़ कर कहती है कि मेरा एसपी साहब से निवेदन है कि मुझ पर मेरे घर वाले झूठा इलजाम लगा रहे हैं, मुझे तंग कर रहे हैं. मैं 18 साल की हूं. मुझे अपनी जिंदगी जीने का हक है. मैं अपनी लाइफ के फैसले खुद कर सकती हूं. मुझे इस (गुलजार) के सिवाय किसी की जरूरत नहीं है.
वीडियो जारी होने के बाद रितु के परिजन मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने बताया कि ये सब झूठ है. रितु को डरायाधमकाया गया है. वह दबाव में बोल रही थी. 17 मार्च को अहमदाबाद से फ्लाइट में गुलजार भी उस के साथ था. उस की टिकट और दोनों के वीडियो फुटेज भी हैं.
बाड़मेर कोतवाली थानाप्रभारी अमर सिंह रतनू ने वीडियो जारी होने के बाद कहा, ‘‘गुलजार ने जो वीडियो फेसबुक पर डाले हैं, वे सही हैं. गुलजार की लोकेशन तो लगातार कुपवाड़ा की ही आ रही थी. लड़की अकेली ही वहां गई थी, हम लगातार तलाश कर रहे थे. हमारे यहां रिपोर्ट ही दर्ज है, हाईकोर्ट में जवाब पेश करेंगे.’’
बाड़मेर की रितु के कथित धर्म परिवर्तन व निकाह के मामले में वीडियो फेसबुक पर जारी होने के बाद नया मोड़ आ गया. रितु का कहना था कि वह एक बार पहले भी जम्मूकश्मीर गई थी. अब दूसरी बार वह जम्मूकश्मीर आई है.
बाड़मेर पुलिस अधीक्षक डा. गगनदीप सिंगला ने कहा, ‘‘बाड़मेर पुलिस ने युवती के बयान दर्ज किए हैं. युवती ने वीडियो में जो बातें बताई हैं, वही पुलिस ने दर्ज की हैं. परिजनों से फोन पर उस की बात भी करवाई है.’’
रितु का कहना है कि उस पर कोई दबाव नहीं, रजामंदी से निकाह किया है. रितु के मातापिता अब भी यह मानने को तैयार नहीं हैं कि रितु ऐसा कदम उठा सकती है. मगर सत्य को कैसे नकारा जा सकता है.
सत्य यही है कि रितु धर्म परिवर्तन कर इसलाम धर्म कबूल कर के जैनब बन गई और उस ने गुलजार से निकाह और कोर्टमैरिज कर ली है. वे दोनों बालिग हैं और उन्हें अपना जीवन जीने का हक है.
कथा लिखने तक जैनब और गुलजार कश्मीर में ही थे. इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्यार न तो धर्म देखता है और न ही रंगरूप. प्यार जिस से हो गया, वही अच्छा लगता है. बाकी सब बेमानी लगते हैं.
राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव की ऐश्वर्या राय से पटना में हुई शादी वैसी ही थी जैसी वैदिक काल में युवराजों की हुआ करती थी और लोकतांत्रिक युग में रईसों की हुआ करती है. ऐसी शादियों में पानी की तरह पैसा बहा कर शक्ति प्रदर्शन किए जाने के एक नहीं, अनेक मकसद होते हैं. इस हुड़दंगी शादी में 7 हजार लोगों को आमंत्रित किया गया था जिन में उल्लेखनीय नाम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, सपा मुखिया अखिलेश यादव और अभिनेता व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के हैं.
वरमाला होतेहोते बराती अपने भारतीय रंग में आ गए और जम कर तोड़फोड़ की. कुछ तो बरतन तक अपने साथ बरात का टीका समझ कर ले गए. पुराने जमाने की शादियों में ऐसा इफरात से होता था कि बराती गिलासप्लेटें और चादर तक लड़की वालों की तरफ से दिया उपहार समझ चुरा ले जाते थे. बाद में लड़की वाले इस असभ्यता पर सिर धुनते टैंटहाउस वालों को किस्तों में पैसा देते रहते थे.
सरकार को गहनों से लदीफंदी औरतों से बहुत चिढ़ है. वर्षों से आयकर विभाग की निगाहें औरतों के गहनों पर ही रही हैं और जब भी किसी अमीर के घर पर आयकर विभाग छापा मारता है, तो अफसरों की निगाहें औरतों के गहनों पर ही रहती हैं और उन्हें ही जब्त कर के मालखाने ले जाया जाता है. पतिदेव के तो कागज ही होते हैं जो जाते हैं. अब नीरव मोदी से जिन्होंने पिछले सालों में गहने खरीदे थे, उन से पूछताछ हो रही है भले, चैक दे कर भुगतान करा था या नक्द. यह सरासर ज्यादती है. पत्नी को इस से कोई सरोकार नहीं कि उसे जो गहने मिले वे पति के सफेद पैसे से खरीदे गए थे या काले पैसे से. उसे तो जेवरों से मतलब है. उस के जेवर सुरक्षित रहने चाहिए और हरगिज मालखाने की शोभा नहीं बढ़ानी चाहिए.
आजकल आयकर विभाग पहले के राजाओं के कारिंदों की तरह औरतों के गहने जब्त कर ले जाता है. यदि उन की रसीद भी दिखा दी जाए कि ये निहायत सफेद पैसे से खरीदे गए थे तो भी उन्हें यह कह कर ले जाते हैं कि ये वही गहने नहीं हैं जो ज्वैलर से मिली रसीद में लिखे हैं. अगर मां या सास ने पुश्तैनी जेवर दिए थे तो वे तो आयकर विभाग के अनुसार काले स्याह ही हैं. वह मांग करने लगेगा कि डिक्लेयर क्यों नहीं किए? अरे भई, डिक्लेयर तो कितनी ही शादियों में किए थे. अब मैली सरकारी फाइलों के लिए क्या जरूरी है कि संपत्ति कर की रिटर्न में दर्ज किए जाएं? जेवर वैसे भी संपत्ति नहीं हैं. ये तो सजावटी होते हैं, दिखाने के लिए. इन की महत्ता तो रोब डालने की होती है पर सत्यानाश हो सरकार का कि वह इन्हें पाप समझती है.
पति पर करोड़ों का आयकर का फाइन हो जाए पत्नियों को फर्क नहीं पड़ता पर 2 साधारण जड़ाऊ नैकलेस 7-8 माह के लिए आयकर विभाग के पास चले जाएं तो ऐसा लगता है जैसे पति और बच्चों से तलाक हो गया है. अब जब नीरव मोदी के जेवर खरीदे गए थे तो शान ही कुछ और थी. एक तो जेवर महंगे और दूसरा नीरव मोदी वाली मुहर, सोने में सुहागा. पर इस पर बुरा हो सरकार का, जिस की काली छाया पड़ रही है.
औरतों को चाहिए कि संविधान में संशोधन कराएं कि स्त्रीधन जैसे पति नहीं ले सकता वैसे ही सरकार भी जेवर न ले सके. जेवर तो दूसरों का दिल जलाने के लिए होते हैं, सफाई देने के लिए नहीं.
वो दिन लद गए जब फैशन पर सिर्फ फिल्मी हीरोइनों और मौडलों का जलवा हुआ करता था. आज की टीएज गर्ल्स और यहां तक कि आम गृहणियां भी फैशन और स्टाइल में किसी फिल्मी हीरोइनों से कम नहीं हैं. टीनएज गर्ल्स द्वारा अपनाए जा रहे फैशन के नएनए अंदाज का कहना ही क्या, पर क्या आप को पता है कि उन का ये ओल्ड स्टाइल का न्यू फंडा लड़कों को उन का दीवाना बना रहा है तो आइए जानते हैं लड़कियों के फैशन फंडे.
बैली रिंग
बैली रिंग लड़कियों के लिए एक हौट फैशन ट्रैंड हो गया है, दोस्तों के साथ आप क्लब, पार्टीज में लो वेस्ट जींस और क्राप टौप के साथ बैली रिंग को पहन सकती हैं. यह आप को एक मस्त लुक देगा. पर इस एक लिए स्लिम फिगर और फ्लैट टमी का होना बहुत जरूरी है.
सेप्टम पियरसिंग या नाक की बाली
फैशन का न्यू फंडा है नाक के बीचोंबीच बाली पहनना जो आप को डिफरैंट लुक देगा. आप ने नाक में बाली पहने हुए अभी तक आदिवासी महिलाओं को ही देखा होगा. पर अब ये फैशन ट्रैंड में मशहूर हो गया है. आप इसे किसी भी ड्रैस के साथ पहन कर जलवा बिखेर सकती हैं.
कर्टिलेज पियरसिंग
दादी नानी के दौर का कर्टिलेज पियरसिंग यानी कान में दो से अधिक बालियां. लड़कों को सब से ज्यादा लुभाता है. वैसे ये ट्रैंड लड़के भी फालो कर रहे हैं आप अपने ड्रैस के साथ मैच कर के डिफरैंट बालियां पहन सकती हैं. इस में टौप्स के आकार की, बाली के आकार की या आप लटकन वाली चैन भी पहन सकती हैं.
आइब्रो पियरसिंग
बैली, नोज, ईयर, लिप्स पियरसिंग के अलावा आप आइब्रो पियरसिंग पर भी का प्रयोग कर सकती हैं जो आप को वैस्टर्न और मौर्डन लुक देगा. आइब्रो पियरसिंग का ये स्टाइल टीनएज गर्ल्स को खूब लुभा रहा है.
वाटर कलर बौडी टैटू
वैसे तो बौडी पर टैटू (उसे पहले गोदना के नाम से जाना जाता था) का फैशन बहुत पुराना है. पर नए दौर के युवा इसे अभी तक फालो कर रहे हैं और करें भी क्यों न बौडी पर टैटू बनाना आजकल एक फैशन हो गया है लेकिन लड़कियों की पीठ और कमर पर बने टैटू की बात ही अलग होती है. वाटर कलर टैटू का फैशन फिलहाल ट्रैंड बन गया है. डीप नैक कुर्ती, ब्लाउज हाफ शोल्डर टौप पर इस तरह का टैटू का लुक बहु ही अच्छा आता है और लड़के भी इसे देखने के लिए बहुत उत्सुक होते हैं. लड़कियों में पापुरल इस तरह का टैटू लड़कों को बहुत अधिक आकर्षित करता है.
मैटल फिंगर रिंग
लड़कियां अपने स्टाइल में चेंज ओवर लाने के लिए मैटल फिंगर रिंग पहन रही हैं. यह रिंग पर्सेनिल्टी को तो निखारती ही हैं बल्कि हौट लुक भी देती हैं. वेस्टर्न व इंडियन किसी भी तरह की डै्रस के साथ इस तरह के रिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है.
नोज रिंग
अब जब नथ को बौलीवुड सैलिब्रिटीज विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, दीपिका पादुकोण, करीना कपूर, कैरी कर रही हैं तो यूथ भी इस की दीवानी हो गई है. नथ को पसंद किए जाने की खास वजह गर्ल्स इस को वेस्टर्न पैटर्न में ढलना मानती हैं पहले जहां नथ को ट्रैडिशनल ड्रैस के साथ कैरी किया जाता था वहीं अब यह वेस्टर्न ड्रैसेज के साथ भी पहना जा रहा है. नथ ने बहुत कम समय में यूनीक लुक पाया है. नथ पर आए नए ट्रैंड पर नजर डालें तो यह पहले के मुकाबले बेहद कलरफुल हो गई है. इस समय ट्रैंड लटकी हुई नथ का है. ये हर आकार व कलर में मिलती है जींस के साथ फिटेड नथ, गाउन के साथ थोड़ी लूज नथ का स्टाइल भी अलगअलग जो एल, राउंड, यू और फ्लावर के आकार में उपलब्ध है, जिस में स्टील, गोल्ड प्लेटिनम कुदन, पर्ल्स सभी प्रेश्यस स्टोंस व डायमंड भी हो.
स्टाइलिश बिंदी
माथे पर बिंदी लगाना एक परंपरा रही है. जो पहले सिर्फ साड़ी के साथ ही लगाई जाती थी और वो भी रेड व मैरून कलर की गोल बड़ी बिंदी पर आजकल बिंदियां स्टाइलिश हो गई हैं इसे लड़कियां वेस्टर्न ड्रैसेस के साथ भी ट्राई कर रही हैं. इस में कलरफुल स्टोन वाली व्हाइट स्टोन, पर्ल जड़ी मल्टी कलरड बिंदियां हैं जिसे ने अपनी ड्रैस से मैच कर के लगा रही है.
यूथ खुद को स्मार्ट दिखाने का जुनून अब फैशनेबल ड्रैसेज से बढ़ कर लुक्स की तरफ ज्यादा चला गया है. ऐसे लड़कियों के डिफरैंट तरह के ये लुक्स लड़कों को दीवाना जरूर बना देंगे.
राह चलते आटो वाले ने हमें ठोंका सो ठोंका, ऊपर से कम्बख्त हमीं से तूतूमैंमैं पर भी उतारू हो गया. हम ने आव देखा न ताव और पहुंच गए थाने में रपट लिखाने. लेकिन वहां पुलिस की मेहरबानी के पीछे छिपे असली रंग की कहानी तो और भी चौंकाने वाली थी.
मैं और मेरा मित्र पवन दबे कदमों से थाने में पहुंचे. दरअसल, एक आटो वाले ने मुझे टक्कर मार कर गिरा दिया. लेकिन इत्तेफाक से मित्र और आटो वाले के बीच तूतूमैंमैं हुई. आटो वाला मित्र से खूब अकड़ा. वह अपनी गलती मानने को तैयार न था. उन दोनों की तकरार में मैं मूकदर्शक बना खड़ा रहा. आखिर मित्र ने थाने में जाने की धमकी दे कर उस के आटो का नंबर नोट कर लिया.
गुस्से में मित्र और मैं थाने आ गए. थाने के सिपाही ने, जो थानेदार से कम नहीं दिख रहा था, हम दोनों को पहले तो घूरा फिर अकड़ते हुए बोला, ‘‘कहिए.’’
‘‘रपट लिख लीजिए,’’ मित्र बोले.
‘‘किस के खिलाफ?’’ सिपाही ने वही प्रश्न किया जो हर शिकायतकर्ता के साथ करता है. दरअसल, थाने की एक अलग भाषा होती है जो युगों से चली आ रही है.
‘‘उस आटो वाले के खिलाफ, जो इन्हें गिरा कर चला गया. उस से सभ्यता से बात की तो वह बहुत अकड़ा,’’ मित्र ने मेरी तरफ इशारा करते हुए आगे कहा, ‘‘आटो वालों का गुंडाराज हो गया है. ठीक ढंग से चलाते नहीं. कहा था, अपनी गलती कबूल कर लो मगर वह उलटा हमें ही दोषी बताता रहा.’’
मित्र का धाराप्रवाह भाषण सुन सिपाही ने पहले मित्र को कुदृष्टि से देखा. फिर क्रोध से बोला, ‘‘रपट लिखाने के लिए आए हो कि भाषण सुनाने. वह आटो वाला कौन है? उस के आटो का नंबर क्या है?’’
‘‘क्षमा करें, मैं भावुकता में सब कह गया. उस आटो वाले का नंबर नोट कर लिया है,’’ कह कर मित्र ने परचा थमा दिया. फिर क्या था, पुलिस हरकत में आ गई. अब तक जो पुलिस वाला क्रोध में था वह शांत हो चुका था. आटो नंबर उसे क्या मिल गया, जैसे कोई गुप्त खजाना मिल गया हो. खुशी से बोला, ‘‘अब समझो वह आटो वाला बच कर नहीं जाएगा. किधर गया है वह?’’
‘‘चौपाटी की तरफ गया है, सर,’’ मित्र ने जवाब दिया. तब पास खड़े पुलिस वाले से उस ने कहा, ‘‘राम सिंह, यह आटो नंबर नोट करो. अभी पकड़ कर लाओ,’’ फिर मेरी ओर मुखातिब हो कर कहा, ‘‘आप लिखित में शिकायत दीजिए उस के खिलाफ.’’
उस पुलिस वाले ने आटो नंबर नोट किया. उसे भी फुरती आ गई. मोटरसाइकिल पर बैठ कर वह हवा हो चुका था. फिर उस पुलिस वाले ने खुद कागज निकाल कर मुझे दे दिया. मैं शिकायती मजमून लिखने लगा. मित्र ने लिखवाने में पूरापूरा सहयोग दिया. पुलिस वाला फिर हरकत में आया. मुझ से बोला, ‘‘कहां नौकरी करते हो?’’
‘‘शिक्षा विभाग में.’’
‘‘मास्टर हो?’’
‘‘हां, सर,’’ मैं ने गरदन हिला कर जवाब दिया.
‘‘गुरुजी,’’ उस पुलिस वाले ने जब मुझे ‘गुरुजी’ से संबोधित किया तब मुझे लगा उस में शराफत प्रवेश कर गई. वह आगे बोला, ‘‘कहां लगी, गुरुजी?’’
‘‘लगी तो कहीं नहीं,’’ मैं ने जब यह उत्तर दिया तब वह फिर भड़क उठा और बोला, ‘‘तब रपट लिखाने क्यों आ गए?’’
‘‘वह इसलिए आए, सर,’’ मित्र ने जवाब दिया, ‘‘ऐसे उजड्ड और बदतमीज आटो वाले को नसीहत मिले.’’
‘‘अरे गुरुजी, आप चाहें तो उस का पक्का तावीज बना दूं,’’ पुलिस वाला पिघलते हुए बोला.
‘‘वह कैसे?’’ मित्र ने पूछा.
‘‘गुरुजी को अस्पताल ले जा कर चैकअप करा दूंगा. हाथ की हड्डी टूटी बता कर और उस पर पट्टा चढ़वा दूंगा. फिर वह आटो वाला उम्रभर जेल की चक्की पीसेगा.’’
यह कह कर पुलिस वाले ने पूर्णरूप से मुझ पर सहानुभूति दिखा दी. मगर मैं जानता हूं इस सहानुभूति में भी पुलिस वाले की कमाई छिपी है. किस को किस धारा में पकड़ना है, पुलिस वाले को वह धारा मौखिक याद है. निरपराधी पर भी धारा लगा देना, यह कोई पुलिस वाले से सीखे. मैं बोला, ‘‘नहीं सर, मुझे तो उस आटो वाले को सबक सिखाना है.’’
‘‘अरे, ये उजड्ड लोग कभी सबक नहीं सीखेंगे, गुरुजी. इन लोगों को मैं अच्छी तरह से जानता हूं. रातदिन इन के बीच में रहते हैं हम लोग,’’ पुलिस वाला एक बार फिर अपना अधिकार जताते हुए बोला.
तब मित्र ने इनकार करते हुए कहा, ‘‘नहीं, सर. हमें तो उसे सबक सिखाना है. शहर के आटो वाले कम से कम अपनी भाषा में सुधार तो करें.’’
‘‘देखिए, ये आटो वाले, ये टैंपो वाले कभी सुधर नहीं सकते,’’ पुलिस वाला बोला. अब तक मैं अपनी शिकायत लिख चुका था.
हस्ताक्षर कर पुलिस से पावती की डुप्लीकेट कौपी प्राप्त कर ली थी. शिकायती पत्र पा कर पुलिस वाला खुश हो गया. जैसे कोई हथियार मिल गया हो. यह पत्र पुलिस वालों के लिए हथियार से कम नहीं था. फाइल में लगाते हुए बोला, ‘‘गुरुजी, उस बच्चू की खैर नहीं. अभी पकड़ कर लाता है राम सिंह. यदि अभी पकड़ कर नहीं लाया तो बाद में पकड़ा जाएगा. आखिर पुलिस से बच कर कहां जाएगा?’’
हम दोनों हाथ जोड़ कर खड़े हो गए. तभी राम सिंह आ कर बोला, ‘‘चौपाटी पर तो वह आटो वाला नहीं मिला, मगर बच कर नहीं जाएगा.’’
‘‘अरे गुरुजी, आप निश्ंिचत रहें. हम उसे पकड़ लेंगे. उस का आटो जब्त कर लेंगे. फिर वह आप के पास आ कर आप के पांव पड़ेगा,’’ पुलिस वाले ने हमें आश्वस्त करने की कोशिश की. मगर मैं और मेरा मित्र जानते हैं कि पुलिस वालों को बहुत बड़ा हथियार मिल गया है. वे आटो जब्त करेंगे. मैं और मेरा मित्र अंतिम बार हाथ जोड़ कर थाने से बाहर हो गए.
सड़क पर आ कर मित्र बोला, ‘‘अब, आटो वाले की खैर नहीं. जब भी पकड़ा जाएगा, बिना लेदे के छूटेगा नहीं.’’
‘‘सो तो है. मेरा शिकायती पत्र उन के लिए बहुत बड़ा हथियार है. अब वे उस का इस्तेमाल करेंगे,’’ मैं ने अपनी सहमति जताते हुए कहा. फिर रोजनामचे पर कहां एफआईआर दर्ज हुई.
‘‘अरे, ये पुलिस वालों के कमाने के तरीके हैं,’’ मित्र ने कहा, ‘‘मगर आटो वाले का आटो जरूर जब्त करेगी पुलिस. 8-10 दिन आटो को थाने में रखा जाएगा. फिर लेदे के छोड़ दिया जाएगा. अपने लिए यही काफी है…’’
‘‘जब उस का नुकसान होगा तब उसे सबक मिलेगा,’’ मैं ने बीच में ही बात काटते हुए अपनी सहमति दी.
हम सड़क पर चुपचाप चलते रहे. मुझे संतोष यह था कि पुलिस ने दरखास्त ले ली. अब इस से पुलिस उस आटो वाले को ब्लैकमेल करेगी.
5 दिन बाद आटो वाला हमें मिल गया, जब मैं और मेरा मित्र घूमने जा रहे थे. वह आटो को रोकते हुए बोला, ‘‘बाबूजी, आप ने मेरा नुकसान करवा दिया.’’
‘‘नुकसान और मैं ने?’’ मैं ने आश्चर्य से पूछा.
‘‘आप मेरे आटो से गिर गए. आप को कुछ भी चोट नहीं लगी, फिर भी पुलिस में रपट लिखा दी.’’
अब मेरी समझ में आया. यह वही आटो वाला है जिस नके मुझे गिराया मित्र हरकत में आया और बोला, ‘‘कितनी अकड़ कर बात की थी. गिराने के बाद भी क्षमा मांगने के बजाय हमारी सारी गलती बता रहे थे उस दिन. यदि हम से क्षमा मांग लेते तो हम क्यों रिपोर्ट लिखाते.’’
‘‘हां, बाबूजी, बाद में मैं बहुत पछताया,’’ अफसोस प्रकट करते हुए आटो वाला बोला, ‘‘4 दिन तक पुलिस वाले ने आटो जब्त कर थाने में रखा.’’
‘‘फिर छोड़ा कितने में?’’ मित्र ने पूछा.
‘‘मांग तो वे 10 हजार रुपए रहे थे मगर 5 हजार रुपए दे कर तोड़ कर लिया. तब कहीं जा कर आटो दिया,’’ आटो वाले ने यह कह कर अपनी सारी व्यथा उगल दी और आगे बढ़ गया.
पिछले दो दशक तक युवाओं के दिल पर राज करने वाली इंस्टेंट मैसेजिंग चैट सर्विस Yahoo Messenger, 17 जुलाई से शट डाउन हो रही है. हांलाकि इस इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स अपने पुराने मैसेज डाउनलोड कर सकते हैं. याहू ने कहा कि यूजर्स अपने सारे मैसेज 6 महीने तक डाउनलोड कर सकेंगे. कंपनी Yahoo Messenger की जगह एक नया इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप Squirrel ला रही है. इस नए ऐप की बीटा टेस्टिंग के लिए यूजर्स अभी से अप्लाई कर सकते हैं.
1998 से युवाओं के बीच लोकप्रिय
Yahoo Messenger चैट की शुरुआत 1998 में हुई थी. यह मैसेंजर एप भारतीय युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय थी. खासतौर पर याहू मैसेंजर के चैट रूम की वजह से युवा इसे पसंद करते थे, लेकिन गूगल के जी-चैट, फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सऐप के आने के बाद से याहू की लोकप्रियता में जबरदस्त गिरावट आई और अंतत: कंपनी को इस सेवा को बंद करना पड़ रहा है.
हांलाकि याहू ने समय-समय पर मैसेंजर को रिवाइव करने की कोशिश भी की, लेकिन व्हाट्सऐप जैसे मैसेजिंग एप के सामने, यूजर्स ने इसे नकार दिया. कंपनी ने पिछले साल दिसंबर में ही याहू मैसेंजर के एंड्रायड, आइओएस और वेव वर्जन को अपडेट किया था.
रिलौन्च करना नहीं आया काम
याहू मैसेंजर को दिसंबर 2015 में रिलौन्च किया गया था. कंपनी ने इसके सबसे पहले वाले वर्जन को फेज आउट करके बिलकुल नए कलेवर के साथ उतारा था. जिसमें मैसेंजर के डिजाइन और लुक को पूरी तरह से बदल दिया गया था. नए मैसेंजर मे सबसे खास अनसेंड फीचर दिया गया था, जिसमें यूजर्स भेजे गए मैसेज को ट्रेस-आउट करके उसे रोक सकते थे.
हांलाकि इन सब बदलाव के बावजूद याहू यूजर्स के दिल में अपनी पहचान बनाने में नाकामयाब रही, जिसकी वजह से 20 साल पुराने मैसेंजर सेवा को 17 जुलाई से पूरी तरह से बंद किया जा रहा है.
गूगल से मिली चुनौती
याहू को सबसे ज्यादा चुनौती गूगल से मिली है. Yahoo Messenger के वेब वर्जन को पहले जी-चैट ने फिर ऐप वर्जन को गूगल हैंगआउट और व्हाट्सऐप से चुनौती मिली. लोग गूगल हैंगआउट और व्हाट्सऐप को ज्यादा पसंद करने लगे और याहू की लोकप्रियता में कमी आती गई. अब देखते हैं कि याहू का नया इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप लोगों की कसौटी पर खड़ी उतरती है या नहीं.