पिछले दो दशक तक युवाओं के दिल पर राज करने वाली इंस्टेंट मैसेजिंग चैट सर्विस Yahoo Messenger, 17 जुलाई से शट डाउन हो रही है. हांलाकि इस इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स अपने पुराने मैसेज डाउनलोड कर सकते हैं. याहू ने कहा कि यूजर्स अपने सारे मैसेज 6 महीने तक डाउनलोड कर सकेंगे. कंपनी Yahoo Messenger की जगह एक नया इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप Squirrel ला रही है. इस नए ऐप की बीटा टेस्टिंग के लिए यूजर्स अभी से अप्लाई कर सकते हैं.

1998 से युवाओं के बीच लोकप्रिय

Yahoo Messenger चैट की शुरुआत 1998 में हुई थी. यह मैसेंजर एप भारतीय युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय थी. खासतौर पर याहू मैसेंजर के चैट रूम की वजह से युवा इसे पसंद करते थे, लेकिन गूगल के जी-चैट, फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सऐप के आने के बाद से याहू की लोकप्रियता में जबरदस्त गिरावट आई और अंतत: कंपनी को इस सेवा को बंद करना पड़ रहा है.

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हांलाकि याहू ने समय-समय पर मैसेंजर को रिवाइव करने की कोशिश भी की, लेकिन व्हाट्सऐप जैसे मैसेजिंग एप के सामने, यूजर्स ने इसे नकार दिया. कंपनी ने पिछले साल दिसंबर में ही याहू मैसेंजर के एंड्रायड, आइओएस और वेव वर्जन को अपडेट किया था.

रिलौन्च करना नहीं आया काम

याहू मैसेंजर को दिसंबर 2015 में रिलौन्च किया गया था. कंपनी ने इसके सबसे पहले वाले वर्जन को फेज आउट करके बिलकुल नए कलेवर के साथ उतारा था. जिसमें मैसेंजर के डिजाइन और लुक को पूरी तरह से बदल दिया गया था. नए मैसेंजर मे सबसे खास अनसेंड फीचर दिया गया था, जिसमें यूजर्स भेजे गए मैसेज को ट्रेस-आउट करके उसे रोक सकते थे.

हांलाकि इन सब बदलाव के बावजूद याहू यूजर्स के दिल में अपनी पहचान बनाने में नाकामयाब रही, जिसकी वजह से 20 साल पुराने मैसेंजर सेवा को 17 जुलाई से पूरी तरह से बंद किया जा रहा है.

गूगल से मिली चुनौती

याहू को सबसे ज्यादा चुनौती गूगल से मिली है. Yahoo Messenger के वेब वर्जन को पहले जी-चैट ने फिर ऐप वर्जन को गूगल हैंगआउट और व्हाट्सऐप से चुनौती मिली. लोग गूगल हैंगआउट और व्हाट्सऐप को ज्यादा पसंद करने लगे और याहू की लोकप्रियता में कमी आती गई. अब देखते हैं कि याहू का नया इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप लोगों की कसौटी पर खड़ी उतरती है या नहीं.

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