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शौर्टकट पैसा कमाने की चाह में बरबाद होते नौजवान

साइबर क्रिमिनल्स नएनए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं. ऐसे मामले देशभर से आ रहे हैं. जहां बदमाशों ने कारोबारियों को निशाना बनाने के लिए उन्हें अलगअलग व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा. फिर ग्रुप में शेयर बाजार से जुड़ी जानकारियां शेयर कीं और ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच दिया.

आईए आज आप को एक ऐसा सच बताते हैं जिसे देख समझ कर आप स्वयं और आसपास के लोगों को धन की लालच में पड़ कर ठगने से बचा सकते हैं. आज पढ़ेलिखे नौजवान रूपयों के पीछे दौड़ रहे हैं और उस के लिए कुछ भी गलत करने को तत्पर हो जाते हैं. परिणामस्वरुप जिस तरह मछली को फंसाया जाता है वह भी ‘एक मछली’ बन कर फंस जाते हैं और अपने कीमती धन से हाथ धो बैठते हैं.

हमारे समाज में कुछ ऐसे भी आर्थिक खेल हो गए हैं जिस में फंस कर युवा अपनी जिंदगी तबाह कर रहे हैं. अकसर घटित होने वाली इन घटनाओं से लोग सीख कम ही लेते हैं. दरअसल बीचबीच में घटित होने वाली यह घटनाएं बताती हैं कि इन्हें पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए. एक अच्छे समाज की परिकल्पना अगर हम करें तो वहां ऐसी बुराइयां होनी नहीं चाहिए कि जहां कोई ठगी का शिकार हो जाए या फिर बरबाद हो जाए.

फिलहाल तो ऐसी परिस्थितियां शायद दुनिया में बननी संभव दिखाई नहीं देती, मगर आने वाले समय में जहां एक आदर्श समाज होगा वहां इन्हें कोई स्थान नहीं दिया जाएगा, यह तय है. हाल ही में छत्तीसगढ़ में शेयर ट्रेडिंग टिप्स सीखने के फेर में साकेत कालोनी दुर्ग का युवक करीब 15 लाख रुपए की ठगी का शिकार हो गया. फिलहाल युवक की रिपोर्ट पर मोहन नगर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है.

जांचकर्ता पुलिस अधिकारी ने हमारे संवाददाता को बताया प्रार्थी सौरभ स्वर्णकार पिता स्व. जी पी स्वर्णकार (35 वर्ष) साकेत कालोनी दुर्ग औनलाइन विज्ञापन देखने के बाद शेयर ट्रेडिंग की जानकारी लेने का प्रयास करने लगा. तब उसे टेलीग्राम एप के जरिए संपर्क किया गया. एक लिंक के द्वारा 19 दिसंबर 2023 को एक ऐप डाउनलोड करवा कर केवाईसी के लिए आधार एवं पेन कार्ड की फोटो भी अपलोड करवाया गया. उन के द्वारा पीड़ित को व्हाट्सऐप ग्रुप में भी जोड़ा गया. इसी के माध्यम से शेयर खरीदीबिक्री की जानकारी दी जाने लगी.

शेयर खरीदने के लिए जो पैसे लगने थे, उसे जो ऐप डाउनलोड कराया गया था. उस में रीचार्ज के माध्यम से रुपए का भुगतान करना होता था. रीचार्ज करने के लिए टेलीग्राम चैनल में कस्टमर सर्विस के नाम से एक चैनल बनाया गया, जहां रीचार्ज की राशि पूछी जाती थी. फिर वो एक खाता क्रमांक में रुपए ट्रांसफर करना होता था. रीचार्ज होने पर वह राशि उन के ऐप में दिखाई पड़ती थी. हर रीचार्ज के समय अलगअलग खाते बताए गए.

19 जनवरी 2024 को एक आईपीओ लांच हुआ. सौरभ को इस में अप्लाई करने को कहा गया. प्रौफिट अच्छा होने का चांस बता कर लालच दिया गया. सौरभ पर दबाव बना कर एकमुश्त 13 लाख रूपए उन के बताए खाते में आरटीजीएस कराया गया. सौरभ को जमा राशि उन के ऐप में दिखाई दे रही थी. मगर कुछ दिनों बाद वह अपने आप बदल गया. कुछ पूछने पर कुछ सही जवाब नहीं आया.

सौरभ स्वर्णकार को ठगी का एहसास होने पर मोहन नगर थाने में शिकायत की. उस के साथ कुल 14 लाख 65 हजार रुपए की ठगी हुई है. शिकायत पर पुलिस द्वारा धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है. ऐसी ही कुछ और घटनाएं देश के अन्य शहरों में भी घटित हुई हैं और पुलिस अपनी जांच कर रही है, मगर इस तरह की घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है. इस का कारण है युवाओं की अंधी लालच जिस में फंस कर युवा ठगी का शिकार हो रहे हैं.

कुछ ऐसा है, ठगी का खेल

दरअसल, कारोबारी जब पूरी तरीके से उन के झांसे में आ गया तो उस के दो अलगअलग अकाउंट खुलवाए गए फिर धीरेधीरे एक करोड़ से ज्यादा की रकम खातों में जमा करवाई जाती रही. इधर व्यापारी को लग रहा था कि उन की रकम बढ़ रही है. और वह देखते ही देखते करोड़पति हो जाएगा, मालामाल हो जाएगा. इस तरह वह लालच में फंसता चला गया. लेकिन जब जरूरत पड़ी व व्यापारी ने पैसे निकालने की कोशिश की तो उन्हें रुपए नहीं मिले. उल्टा उन से नए आईपीओ के नाम और रकम मांगी गई.

और जब व्यापारी के पैसे नहीं निकले तब उसे ठगी का एहसास हुआ और वह पुलिस की साइबर अपराध को लिखित शिकायत की.

ऐसे मामलों में पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू करती है. पुलिस के मुताबिक आमतौर पर लोगों के साथ फ्रौड के मामले उन के लालच के कारण होते हैं. जैसे एक व्यक्ति के साथ 22 करोड़ रुपए का साइबर फ्रौड हुआ. उस ने इन्वेस्टमैंट के नाम पर पैसा डबल होने के लालच में नुकसान झेला.

आमतौर पर ऐसे ही घटना क्रम देशभर में सामने आ रहे हैं. दरअसल, जैसे धार्मिक श्रद्धा में फंस कर लोग अपना सबकुछ गंवा बैठते हैं और बाद में खुद को लुटा हुआ पाते हैं वैसे ही कुछ आजकल आधुनिक स्वरूप में व्यवसाय का जामा पहन कर लुटे जाने की घटनाएं आम हो गई हैं.

मैं मौडलिंग में कैरियर बनाना चाहती हूं पर मेरे घरवालों को यह बिल्कुल नहीं पसंद

अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल –

मैं दिखने में बहुत अट्रैक्टिव हूं. स्कूल टाइम से ही मेरा मौडल बनने का सपना रहा है. मेरे फ्रैंड्स कहते हैं कि मैं तो बनीबनाई मौडल हूं. लेकिन मेरे मम्मीपापा को मेरा मौडलिंग प्रोफैशन में जाना बिलकुल भी पसंद नहीं. उन का कहना है कि यह दिखावे की दुनिया है. जिंदगी बरबाद हो जाएगी वहां. वे चाहते हैं मैं पढ़लिख कर किसी रैप्यूटेड प्रोफैशन में जाऊं. आप ही बताएं मैं उन्हें कैसे समझाऊं?

जवाब –

हर प्रोफैशन में अच्छेबुरे लोग होते हैं, प्रोफैशन बुरा नहीं होता. मौडलिंग ऐसा प्रोफैशन है जहां आप को बोल्ड होना पड़ता है. मौडलिंग पूरी तरह से लुक के बारे में नहीं है, यह एक कला भी है जिसे लगातार प्रैक्टिस कर डैवलप करना पड़ता है.

मौडलिंग में कैरियर बनाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण है, इसलिए आप के मातापिता आप के लिए चिंतित हैं. आप उन्हें तसल्ली से समझा सकती हैं कि वे आप पर भरोसा रखें, थोड़ा समय दें ताकि आप उन्हें वह कर के दिखा सकें जो आप ने सपना देखा है.

आप भी सिर्फ फ्रैंडस की बातों में आ कर नहीं बल्कि अपनी योग्यता को पहले देखें. अगर आप एक प्रोफैशनल मौडल बनना चाहती हैं तो कम से कम किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पास होना चाहिए. सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या बैचलर डिग्री कोर्स भी कर सकते हैं. मौडलिंग स्कूल में एडमिशन ले सकते हैं, जहां 3 महीने से 4 साल तक के मौडलिंग कोर्स कराए जाते हैं.

मौडलिंग के लिए उस का पैशन होना और कैमरे का सामना करने में प्रोफैशनल इंट्रेस्ट होना बेहद जरूरी है. अपने काम पर फोकस रखना जरूरी है. इस प्रोफैशन में शौर्टकट अपना कर कामयाबी चाहेंगी तो ठीक नहीं रहेगा. बी फेयर विद योर वर्क.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें.

हम अभी बेबी न कर के कुछ गलती तो नहीं कर रहे?

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सवाल –

अभी बेबी प्लान करना नहीं चाहती हूं. हमारी शादी हुए 3 साल हो गए हैं. मैं 28 की हो गई हूं और हसबैंड 30 साल के हो गए हैं. हालात कुछ ऐसे हैं कि हम अभी बच्चा प्लान नहीं करना चाहते. मुझे पता है कि 30 की उम्र के बाद बेबी कंसीव करने में दिक्कत आ सकती है. लेकिन क्या करूं, पारिवारिक हालात ही कुछ ऐसे हैं. मेरे पति भी भविष्य के बारे में सोच कर चिंतित हैं. ऐसे में हमें क्या करना चाहिए ? हम अभी बेबी न कर के कुछ गलती तो नहीं कर रहे ? क्या हमें आगे चल कर किसी प्रोब्लम का सामना तो नहीं करना पड़ेगा ?

जवाब –

आप का और आप के हसबैंड का चिंतित होना जायज है क्योंकि औरत ज्यादा उम्र में मां बनना चाहे तो जटिलताएं आ सकती हैं. उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं की फर्टिलिटी कम हो जाती है जिस से वे मुश्किल से बेबी कंसीव कर पाती हैं और उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पुरुषों की भी स्पर्म क्वालिटी गिर जाती है.

पारिवारिक समस्याएं तो आती ही रहती हैं. आज यदि एक समस्या सुलझ जाती है तो क्या गारंटी है कि आगे कोई और समस्या नहीं आएगी. पारिवारिक हालात के पीछे अपनी फैमिली प्लानिंग को ज्यादा लंबा न खींचें. अभी भी सही वक्त है. बेबी प्लान कर लीजिए. आगे आने वाली परेशानियों से बच जाएंगे.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें.

चेहरा देख कर कैसे पता करें कि पति या बौयफ्रैंड किसी और के साथ इन्वोल्व है

पर्थ में पश्चिमी आस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय में एआरसी सेंटर औफ एक्सीलैंस इन काग्निशन एंड इट्स डिसऔर्डर के शोधकर्ताओं की टीम ने पाया गया है कि महिलाएं पुरुष के चेहरे के कुछ खास लक्षणों को देख कर उस के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का अंदाजा लगा सकती हैं.

बायोलौजी लेटर्स जर्नल में प्रकाशित इस रिसर्च को डा. गिलियन रोड्स ने अपनी टीम के साथ मिल कर किया है. रिसर्च में शामिल महिलाओं को पुरुषों की तस्वीरें दिखाई गईं और उन से इन पुरुषों के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर होने की संभावना के बारे में पूछा गया. इन तस्वीरों में शामिल पुरुषों के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी.

 

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रिसर्च के नतीजे काफी दिलचस्प रहे. महिलाओं के अनुमानों का विश्लेषण करने पर पाया गया कि उन्होंने जिन पुरुषों को चीटर बताया वह सच में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर कर रहे थे. हालांकि, रिसर्च कर्ताओं का कहना है कि ये नतीजे शुरुआती हैं और अभी और जांच की जरूरत है.

आइए जाने ऐसे कौन से चीजे हैं. जिन से पति या बौयफ्रैंड के अफेयर का पता चलता है. क्यों न ऐसे स्किल को हम भी डेवलप करें.

वह अपने लुक्स को ले कर पहले से ज्यादा सेंसिटिव हो गया हो तो दाल में कुछ काला है

अगर वह पहले आप के बारबार कहने पर भी खुद का ध्यान नहीं रखते थे और बेपरवाह से घूमते रहते थे लेकिन कुछ दिनों से उन के व्यवहार में अचानक से कुछ चेंज आ गया हो तो समझ लीजिए खतरे की घंटी बज चुकी है.

जब कोई व्यक्ति किसी के प्यार में होता है, तो वह अपनी पसंद भूल कर दूसरे के मुताबिक खुद को ढालने लगता है. इस में कपड़े पहनने से ले कर एक्सरसाइज करने और हेल्दी खाने, घर पर कम रुकना जैसे बदलाव शामिल हो सकते हैं.

अगर पहले उसे 2 -2 दिन तक शेव करने का होश नहीं रहता था औफिस में भी 1-2 दिन छोड़ कर शेव करता था पर अचानक से वह छुट्टी वाले दिन भी शेव करें तो इस का मतलब वह खुद पर धयान रख रहा है. लेकिन आप के लिए इसे हजम करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है.

अपने हेयर स्टाइल को उन्होंने चेंज किया हो, अपना शैम्पू चेंज किया हो और बालो में सीरम आदि भी लगाना शुरू किया हो, तो इस की वजह कुछ और भी हो सकती है.

अकसर अब आप उन्हें शीशे के सामने खुद को निहारते हुए देखें तो समझ जाएं कहानी कुछ और ही बन रही है.

आजकल उन्होंने परफ्यूम लगाना शुरू कर दिया हो, कई कंपनी के परफ्यूम वे लगाने लगे जो जोकि पहले कभी नहीं लगते थे. या फिर किसी और परफ्यूम की खुशबू उन में से आने लगे तो वजह बड़ी भी हो सकती है. हो सकता है कि उन का वक्त आजकल किसी और के साथ बीत रहा हो.

अगर उन की बौडी पर कोई बाल आदि मिले तो पूछताछ करनी तो बनती है भले ही आप श्योर न हो लेकिन पूछताझ कर के उन के झूठ को पकड़ने की कोशिश तो की ही जा सकती है अगर कुछ गलत कर रहे हैं.

अपनी बौडी पर टाइम लगाने लगे तो अलर्ट हो जाइए

अब ये आप को पता करना है कि वो किसी काम्पिटीशन की तैयारी करने के लिए सब कर रहे हैं या फिर किसी लड़की को इम्प्रेस करने की तैयारी हैं.

पहले से बहुत ज्यादा डाइट कान्शियस हो गए हो और अपना खाना डाइट के अनुसार खाना शुरू कर दिया हो. यहां तक की डायटीशियन से मिल कर अपना डाइट चार्ट बनवाया हो वो भी आप से चोरी छिपे. जबकि पहले आप के लाख कहने पर भी वे कुछ भी अनहैल्थी खा ले लेते थे.

जिम में जाना शुरू कर दिया हो, तो हो सकता है ये किसी से मिलने के लिए ही वहां जाते हों. इसलिए अपने आंख कान खुले ही रखें.

बौडी लेंग्वेज से दिल का हाल चेहरे पर आ जाता है

बौडी लेंग्वेज एक ऐसा तरीका है जिस से दिल का हाल चेहरे पर आ जाता है और आप उन्हें पकड़ सकते हैं.

आप के लाख कोशिश करने पर भी वे आप से नजरे चुराने लगें. आप की आंखों में आंखें डाल कर बात करने से हिचकिचाने लगें. इधरउधर देखने लगें, उन की आंखों में एक अपराधबोध नजर आए तो समझ जाएं कि वह किसी गलत रास्ते पर आगे बढ़ चुके हैं.

यदि आप दोनों के बात करते वक़्त वो आप के चेहरे की तरफ देख भी नहीं पा रहा है, तो इस का मतलब यही निकलता है कि शायद वो आप को धोखा दे रहा है.

उन की भावनाएं आप के लिए बदलीबदली से लगती हो चेहरे पर वो पहले वाला प्यार नजर आना बंद हो जाए और एक बेरुखी और ख़ामोशी सी छा जाए तो मामला गड़बड़ है.

मूड स्विंग होने लगे तो नोट करें

अगर आप का साथी अचानक से हे बहुत मूडी हो गया हो, कभी एकदम से खुश नजर आए तो कभी अचानक बेवजह नाराज हो जाए, तो समझ लीजिए आप के आलावा भी कुछ और चल रहा है.

अकेले में बैठ कर मुसकराना भी बेवजह नहीं है, इसे समझें और जल्द ही इस मुसकराहट की तह तक जाएं.

आप उन के कदमों में स्प्रिंग और उन के होठों पर सीटी बजती हुई देखते हैं. फिर अचानक, वे खाने की मेज पर उदास हो जाते हैं. वे हंस रहे होते हैं और चुटकुले सुना रहे होते हैं, और फिर अचानक, उन के फोन पर कोई संदेश आता है, और पूरा माहौल बदल जाता है. वे अचानक चिड़चिड़े हो जाते हैं और अकेले रहना चाहते हैं. उन के रवैये और अनिश्चित मूड में यह अचानक बदलाव इस बात का संकेत हो सकता है कि आप का साथी आप को धोखा दे रहा है.

यदि वह किसी झूठ को छिपाने की कोशिश कर रहा है तो वह अपनी बात को जस्टिफाई करने के लिए बेतुके उदहारण देगा जिस का कोई सेन्स नहीं है.

अगर पार्टनर आप को धोखा दे रहा है तो किसी और के धोखे के बारे बात करने पर वह उस टौपिक से बचेगा और ज्यादा कुरेदने पर नाराज़ हो कर चला जाएगा.Community-verified icon

अगस्त माह का तीसरा सप्ताह कैसा रहा बौलीवुड का कारोबारः बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा

2024 में पूरे साढ़े 8 माह तक बौलीवुड में एक भी फिल्म ऐसी नहीं रही, जो कि बौक्स औफिस पर अपनी लागत वसूल कर पाई हो. लेकिन अगस्त माह के तीसरे सप्ताह यानी कि 15 अगस्त को प्रदर्शित निर्देशक अमर कौशिक की फिल्म ‘‘स्त्री 2’’ के निर्माताओं से मिले आंकड़ों के अनुसार बौक्स औफिस पर जो कमाई की, उसे देख कर तो यही कहा जा सकता है कि ‘बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा’. यूं तो इस बार निर्माताओं ने एक दिन पहले गुरूवार को ही फिल्म रिलीज की थी, जिस से उन की फिल्म को 15 अगस्त, 17 अगस्त, 18 अगस्त और 19 अगस्त की छुट्टी का फायदा मिल जाए.

बहरहाल, 15 अगस्त से 22 अगस्त के बीच ‘स्त्री 2’ ने 290 करोड़ रूपए कमा लिए हैं. ‘स्त्री 2’ को मिली यह सफलता सही मयानों में आश्चर्य चकित करने वाली ही है क्योंकि फिल्म की कहानी गड़बड़ है. फिल्म हौरर कौमेडी है, पर यह डराती बिलकुल नहीं है. इस के गाने अच्छे नहीं हैं, एक गाना अच्छा है पर वह फिल्म में काट कर सिर्फ एक मिनट का ही रखा गया है.

फिल्म के कलाकारों का अभिनय भी औसत दर्जे का है लेकिन खबरें गरम हैं कि इस फिल्म की सफलता का श्रेय राजकुमार राव खुद लेते हुए अब अपनी कीमत दोगुनी करते हुए 30 करोड़ रूपए मांगने लगे हैं. जिस पर लोग हैरान हैं. बौलीवुड के ही अंदर चर्चाएं गरम हैं कि राज कुमार राव को अपनी हद में रहना चाहिए. 2018 में ‘स्त्री’ की सफलता के बाद वह लगातार 15 असफल फिल्में दे चुके हैं. अब पूरे 6 वर्ष बाद उन की फिल्म ‘स्त्री 2’ को सफलता मिली है.

बौलीवुड के लोग तो खुल कर कह रहे हैं कि एक माह बाद ही राज कुमार राव की एक अन्य फिल्म ‘‘विक्की विद्या का वह वाला वीडियो’ रिलीज होने वाली है. वह इसे भी सफलता दिलवा कर दिखा दें. ज्ञातब्य है कि यह फिल्म पिछले डेढ़ वर्षों से रिलीज का इंतजार कर रही है. ‘स्त्री 2’ की सफलता से सब से ज्यादा गदगद इस की पीआर टीम है. उस का दावा है कि सोशल मीडिया के प्रचार के चलते ही इस फिल्म को सफलता मिली है. हमें भी याद रखना चाहिए कि ‘स्त्री 2’ का निर्माण मुकेश अंबानी की कंपनी ‘जियो स्टूडियो’ ने दिनेश वीजन के साथ मिल कर किया है. निर्माता तो दावा कर रहे हैं कि उन की फिल्म 2500 करोड़ कमाने वाली है.

15 अगस्त को ‘स्त्री 2’ अकेले रिलीज हुई हो, ऐसा भी नहीं था. 15 अगस्त के दिन 4 दिन की छुट्टियों का फायदा उठाने के लिए अक्षय कुमार की फिल्म ‘‘खेल खेल में’’ व जौन अब्राहम की फिल्म ‘‘वेदा’’ के साथ ही दक्षिण की हिंदी में डब हो कर फिल्म ‘‘डबल स्मार्ट’ भी रिलीज हुई थी.

पुरी जगन्नाथ के निर्देशन में बनी फिल्म ‘‘डबल स्मार्ट’’ में राम पेाथीनेनी, संजय दत्त और काव्या थापर की अहम भूमिकाएं हैं. यह फिल्म 4 दिन बाद ही थिएटर से बाहर हो गई और इस फिल्म ने महज 6 हजार रूपए ही कमाए.

निखिल अडवाणी, जौन अब्राहम और जी स्टूडियो निर्मित तथा निखिल अडवाणी निर्देशित फिल्म ‘‘वेदा’’ में जौन अब्राहम, शरवरी वाघ और अभिषेक बनर्जी की अहम भूमिकांए हैं. इस एक्शन प्रधान फिल्म ने बौक्स औफिस पर 8 दिन मे सिर्फ साढ़े 17 करोड़़ रूपए ही कमाए. इस में से निर्माता की जेब में केवल 7 करोड़ रूपए ही आएंगे. फिल्म का बजट बताने के लिए कोई भी निर्माता तैयार नहीं है. हम याद दिला दें कि फिल्म ‘वेदा’ के ट्रेलर लांच के मौके पर जब एक पत्रकार ने जौन अब्राहम से सवाल किया था कि वह हमेशा एक्शन फिल्में ही क्यों करते हैं. तब जौन अब्राहम ने उस पत्रकार को इडिएट कहा था और दावा किया था कि ‘वेदा’ एक्शन नहीं है, इमोशनल फिल्म है.

इतना ही नहीं जौन अब्राहम ने उस पत्रकार को धमकाते हुए कहा था कि उन्हें उस का चेहरा याद रहेगा और उन की फिल्म तीन दिन में सौ करोड़ कमा लेगी. उस के बाद वह उन से निपटेंगे. अफसोस ‘नौ मन तेल ही नहीं हुआ, तो राधा कैसे नाचती..’ अब तो जौन अब्राहम मुंह छिपाए घर में कैद हो गए हैं.

अगस्त माह के तीसरे सप्ताह, यानी कि 15 अगस्त के ही दिन अति घमंडी और सरकार परस्त अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म ‘‘खेल खेल में’’ भी रिलीज हुई. इस फिल्म के ट्रेलर रिलीज समारोह में अक्षय कुमार ने पत्रकारों व अपने ‘तथा कथित’ फैन्स की मौजूदगी में फिल्म पर बात करने की बजाय कहा था कि वह जो कुछ हैं अपने दम पर हैं. वह अपनी कमाई का ही खाते हैं. वह किसी के पास मांगने नहीं जाते. फिल्म पर बात नहीं की थी. क्योंकि ‘खेल खेल में’ एक स्पेनिश फिल्म ‘‘परफैक्ट स्ट्रेंजर’’ की 28वीं रीमेक हैं. इस का 25 देशों में रीमेक पहले ही हो चुका था. ‘परफैक्ट स्ट्रेंजर’ की रीमेक मलयालम फिल्म में मोहन लाल ने अभिनय किया था. जबकि कन्नड़ में भी इस का रीमेक हुआ था. यह सभी सफल फिल्में थी. मगर अक्षय कुमार के अभिनय से सजी और मुदस्सर अजीज निर्देशित फिल्म ‘‘खेल खेल में’’ ने 8 दिन के अंदर महज 19 करोड़ रूपए ही कमाए. इस में से लगभग 9 करोड़ रूपए ही निर्माता की जेब में जाएंगे.

इस तरह यह फिल्म बुरी तरह से असफल हो गई. अब बौलीवुड का एक तबका कह रहा है कि अक्षय कुमार ने कहा था कि वह किसी के पास मांगने नहीं जाते तो अब दर्शकों ने भी कह दिया कि वह उन से नहीं कहते कि वह अभिनय करें या उन के लिए फिल्म बनाएं.

इस सप्ताह की सब से बड़ी खासियत यह है कि एक भी निर्माता अपनी फिल्म की लागत बताने को तैयार नहीं है.

योगी के सुशासन पर बड़ा सवाल उठाती हैं महिलाओं के प्रति बढ़ती आपराधिक घटनाएं

राजधानी लखनऊ सहित तमाम बड़े शहरों में इंटरनेट के जरिये एस्कोर्ट सर्विस का धंधा जम कर चल रहा है. एक तरफ योगी सरकार धार्मिक पर्यटन को खूब बढ़ावा दे रही है और इस के लिए अनेक शहरों के सौंदर्यीकरण पर पानी की तरह अरबों रुपए बहाए जा रहे हैं, मगर इसी के समानांतर पूरे प्रदेश में सैक्स के लिए औरतों को बेचनेखरीदने का धंधा भी चरम पर है. पर्यटकों से ले कर तमाम बेरोजगार युवा इस अपराध के दलदल में उतर चुके हैं. वे इंटरनेट के जरिये जिस्म के सौदागरों के संपर्क में हैं. ये दलाल वाट्सएप कौल आते ही इन्हें लड़कियों के फोटो और रेट उपलब्ध करा देते हैं.

 

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हैरानी की बात है योगी सरकार की पुलिस को भनक तक नहीं लगती जबकि तमाम नामचीन होटलों, रेस्टोरेंट, बार, स्पा पार्लर, ब्यूटी पार्लर और ओयो होटलों में जिस्म का धंधा जोरों से चल रहा है. सोशल साइट्स पर एक दर्जन से भी ज्यादा वेबसाइट सक्रिय हैं. हैरत की बात है कि साइबर अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण करने का दावा करने वाली साइबर क्राइम सेल पुलिस मामले के संज्ञान से कोसों दूर है.

लड़कियों की खरीदफरोख्त सिर्फ उत्तर प्रदेश में नहीं हो रही, बल्कि भाजपा के राज में यह धंधा पूरे देश में बहुत तेजी से बढ़ रहा है. हजारों लड़कियां नेपाल से ला कर बेची जा रही हैं. बिहार, झारखंड की लड़कियों का अपहरण कर उन्हें इस धंधे में जबरन उतरने के लिए मजबूर किया जा रहा है. देह की दलाली और बलात्कार की घटनाओं में भाजपा के नेता भी शामिल हैं. 23 अगस्त 2024, हिंदुस्तान अखबार की खबर – ‘भाजपा नेता के बारात घर में किशोरी से रेप’.

मामला आगरा शहर का है. ताल फिरोज खां (सदर) में 21 अगस्त की रात भाजपा के पूर्व महामंत्री प्रेमचंद कुशवाह के बारात घर में एक दलित किशोरी के साथ गैंगरेप हुआ. नाबालिग बच्ची को जिंदा दफनाने की तैयारी थी. लेकिन समय रहते कुछ लोगों के पहुंच जाने पर उस की जान बच गई. खबर एक अखबार के भीतरी पन्नों में सिमट कर रह गई. भाजपा नेता का ड्राइवर और उस का भतीजा इस कांड में शामिल हैं. घटना के बाद सदर थाने में 3 घंटे हंगामा चला. मगर पुलिस की हिम्मत नहीं पड़ी कि प्रेमचंद कुशवाह की गर्दन पकड़ सके या उस के भतीजे की. सिर्फ ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर पोक्सो के तहत जेल भेजा गया.

बच्ची के घरवालों का कहना है कि उन की बेटी पास की दुकान से सामान लेने गई थी. जब वह काफी देर तक नहीं लौटी तो परिजन उस को ढूंढने निकले. एक व्यक्ति ने बताया कि उस ने बच्ची को प्रेमचंद कुशवाह के माधव मैरिज होम के पास देखा था. जब बच्ची के परिजन मैरिज होम के अंदर देखने के लिए जाने लगे तो प्रेमचंद और उस के भतीजे ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया. तब वे पीछे की दीवार फांद कर अंदर घुसे तो देखा बच्ची वहां बदहवास हालत में पड़ी है. पास ही एक गहरा गड्ढा खुदा हुआ था, जिस में उस को दफनाने की तैयारी थी.

थाने पर रिपोर्ट दर्ज करने में हीलाहवाली हुई. बच्ची का मैडिकल कराने के लिए पुलिस तैयार नहीं थी. काफी होहल्ले के बाद दूसरे दिन पुलिस ने मेडिकल कराया और केस दर्ज किया मगर सिर्फ ड्राइवर के खिलाफ. ये है योगी की पुलिस और योगी सरकार के अपराध मुक्त प्रदेश का खोखला दावा.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस घटना पर कहा, “यूपी में महिला सुरक्षा का हाल बेहाल है. आगरा में दुष्कर्म की घटना अति निन्दनीय है. सरकार दोषी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे.” मगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो सिर्फ खबरों में चमकने के लिए, खुद को सब से बेस्ट मुख्यमंत्री साबित करने के लिए महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी बड़ीबड़ी बातें करते हैं. मंचों से अपराधियों को ललकारते हैं. कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हैं, पुलिस अधिकारियों को टाइट करते हुए कहते हैं – महिला संबंधी अपराधों पर शतप्रतिशत लगाएं अंकुश, मगर उन की पुलिस संगीन से संगीन मामले की एफआईआर दर्ज करने में भी हीलाहवाली करती है.

भाजपा सरकार धर्म का कितना भी पाठ पढ़ाए, मंदिरों में घंटेघडियाल बजवाए, मगर वह यह नहीं समझ रही कि इस से इंसान का नैतिक विकास नहीं हो सकता. जब तक कानून का डंडा मजबूत न हो और पुलिस अपराधियों पर सख्त न हो, अपराध नहीं रुकेंगे. दूसरा इस देश में बेरोजगार नकारा लोगों का जमावड़ा नितप्रति बढ़ता जा रहा है. खाली दिमाग शैतान का घर, यूं ही नहीं कही गई है. ऊर्जा से भरे युवा की शक्ति को यदि काम में नहीं लगाया जाएगा, उस को रोजगार से नहीं जोड़ा जाएगा तो वह अपनी ऊर्जा गलत जगहों पर ही निकालेगा. इसका उदाहरण हाल ही में लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में ताज होटल के पास देख चुके हैं जब भारी बारिश से जलमग्न सड़कों पर युवा भीड़ लगा कर पानी में एक युवती को चलती बाइक से नीचे खींच कर उस के साथ गलत हरकतें करते कैमरे में कैद हुए थे.

इंसान के नैतिक पतन की पराकाष्ठा यह है कि नोएडा में एक पुरुष पोस्टमार्टम हाउस में लाशों के बीच महिला से जबरन सैक्स संबंध बनाने की कोशिश करता पकड़ा गया. लोगों का कहना है कि मोर्चरी में तो महिला लाशों के साथ भी हैवानियत का गंदा खेल खेला जाता है और उन को रोकने वाले आंखों पर पट्टी चढ़ाए बैठे रहते हैं.

23 अगस्त 2024 को पायनियर की खबर है – ‘लाशों के बीच महिला से अश्लीलता’. इस का एक वीडियो सामने आने के बाद यह खुलासा हुआ कि नोएडा सैक्टर – 94 में पोस्टमार्टम हाउस में रखे शवों के बीच एक युवक एक महिला के साथ अश्लील हरकत कर रहा है. युवक वहां का सफाई कर्मी है. इस मामले में नोएडा थाना सैक्टर – 126 में जब सीएमओ सुनील कुमार शर्मा द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गई तो पुलिस ने शिकायत को अज्ञात व्यक्ति के नाम पर दर्ज किया.

महिलाओं की सुरक्षा को ले कर अति चिंतित नजर आने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं, ‘महिलाओं से तय समय से ज्यादा औफिस में काम नहीं लिया जाएगा और उत्तर प्रदेश की पुलिस रात ज्यादा होने पर महिलाओं को उन के घर तक छोड़ के आएगी.’ परंतु जहां महिलाओं के साथ होने वाले बर्बर अपराधों पर भी पुलिस केस दर्ज नहीं करना चाहती, आरोपी की पूरी पहचान होने के बाद भी केस किसी अज्ञात व्यक्ति के नाम पर दर्ज करती है, ऐसी पुलिस से महिलाओं की सेफ्टी की उम्मीद कैसे की जा सकती है?

योगी आदित्यनाथ द्वारा बारबार अपराधों के संबंध में और खासतौर पर महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों के संबंध में समीक्षा बैठकें करना और अधिकारियों की क्लास लगाना यह इंगित करता है भले गोदी मीडिया के जरिये प्रदेश को अपराध मुक्त घोषित करने की कोशिशें हो रही हों, मगर सत्यता यह है कि प्रदेश में अपराध का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ रहा है. खासतौर पर महिलाएं न तो घर में सुरक्षित हैं, न सड़क पर न दफ्तरों में या अन्य जगहों पर.

भाजपा सरकार में पितृसत्तात्मक सोच का विकास हुआ है. महिलाओं को फिर पैर की जूती समझा जाने लगा है. उन की जान की कोई कीमत नहीं है. उन्हें कहीं भी मार डाला जाए, उन का बलात्कार हो जाए, सामूहिक बलात्कार हो जाए, दहेज के नाम पर जला दी जाए, लड़की पैदा करने का दोष मढ़ कर कत्ल कर दी जाए, मगर इन बर्बर कृत्यों पर योगी की पुलिस कोई सख्त एक्शन नहीं लेती, उलटे हर मामले को हलके में ले कर रफादफा करने में लग जाती है, ताकि प्रदेश को अपराधमुक्त घोषित करने के सरकार के दावे को पुख्ता किया जा सके.

सिर्फ एक दिन के अखबार को पढ़ लीजिए, महिलाओं के साथ बर्बरता की आठ से दस खबरें मिल जाएंगी. 23 अगस्त 2024 की एक खबर पर और नजर डालिए. यह पुरुष की बर्बरता का खौफनाक उदाहरण है. गाजियाबाद में मसूरी क्षेत्र के मदरसा रोड पर एक आदमी अपनी पत्नी के मुंह पर तकिया रख कर तब तक बैठा रहा जब तक उस की मौत नहीं हो गई. शाहनवाज नाम के इस दरिंदे की शादी 2016 में रुखसार से हुई थी और उस के दो बच्चे हुए. इस में पहली बेटी अलीशा उम्र 7 साल और बेटा उजैर उम्र 5 साल का है. बच्चों के सामने इस दरिंदे ने अपनी पत्नी को शक के कारण मौत के घाट उतार दिया और उस की लाश दफनाने के दो दिन बाद उस के मायके वालों को खबर की.

5 साल के बच्चे उजैर ने अपनी मां की हत्या पिता द्वारा किए जाने का सच अपने मामा को बताया, तब सारा खुलासा हुआ. रुखसार अपने भाइयों की इकलौती बहन थी, जिसे शाहनवाज आएदिन पीटा करता था और अंततः उस ने उसे खत्म ही कर दिया. इस मामले में पुलिस ने शाहनवाज के खिलाफ हत्या का मामला तो दर्ज कर लिया मगर लाश को कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम कराने के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रही है.

लखनऊ में ठाकुरगंज स्थित एक निजी मैडिकल कालेज में नर्सिंग की छात्रा से पार्किंग में एक शोहदे ने छेड़छाड़ की. छात्रा ने विरोध किया तो शोहदे ने उस को बालों से पकड़ कर उठा कर जमीन पर पटक दिया और जबरन उस के साथ गलत हरकत करने लगा. यह छात्रा पार्किंग से अपनी स्कूटी निकाल रही थी जब उस के ऊपर यह बर्बर अटैक हुआ. लड़की ने शोर मचाया तब कुछ लोगों के पहुंचने पर शोहदा उसे छोड़ कर भागा. पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया जबकि कई जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. आरोपी की पहचान आसानी से हो सकती थी. पर इतनी कवायद योगी की पुलिस क्यों करेगी जबकि ऊपर से आदेश है कि प्रदेश में क्राइम का ग्राफ नीचे रखना है.

इसी दिन चिनहट में एक महिला सिपाही से एक रिटायर सैन्य कर्मी ने अश्लील हरकत की और उस पर शादी करने का दबाव बनाया. इस रिटायर सैन्य कर्मी ने करीब 12 नम्बरों का इस्तेमाल कर के महिला सिपाही को मैसेज भेजे. पुलिस बताए कि उस के पास 12 सिम कहां से आए?

इसी दिन आशियाना क्षेत्र की मार्किट में एक नैशनल ला यूनिवर्सिटी की छात्रा से एक शोहदे ने छेड़छाड़ की जब वह मार्केट से कुछ खरीदारी कर रही थे. शोहदा काले रंग की बाइक पर उस का पीछा कर रहा था. विरोध करने पर उस ने लड़की को भद्दी गालियां दीं और निकल भागा. अगर यह लड़की मार्किट में न हो कर किसी सुनसान सड़क पर होती तो न जाने उस के साथ क्या घटना घट जाती.

लखनऊ सिविल कोर्ट की तीसरी मंजिल से एक महिला अधिवक्ता ने फेसबुक लाइव कर के छलांग लगा दी और मर गई. फेसबुक लाइव कर के उस ने कहा था, “मेरे जिंदा रहते किसी ने बात नहीं सुनी. अब मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार ससुराल में करा देना.”

32 साल की अधिवक्ता माया रावत की शादी इटौंजा में रहने वाले सतीश से हुई थी. 10 साल से दोनों के बीच मुकदमा चल रहा है. मगर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा था. माया रावत बीमार भी थी. मानसिक और शारीरिक समस्याओं ने उसे घेर लिया था. उस के इलाज में छोटे भाई ने डेढ़ लाख रुपया खर्च कर दिया था. मगर माया इस बात से ज्यादा व्यथित थी कि 10 साल से वह अदालत के चक्कर काट रही है मगर इंसाफ नहीं मिल रहा है. पुलिस, अदालत, सरकार सब को माया कटघरे में खड़ा कर गई.

लखनऊ पीजीआई थाना क्षेत्र में वृन्दावन योजना सैक्टर 7 में रहने वाले विशाल गौतम को घर लौटने पर उस की पत्नी प्रियंका फंदे पर झूलती मिली. दरअसल विशाल के मातापिता और बहन चाहते थे कि विशाल और उस की पत्नी प्रियंका वह घर खाली कर दें. सास शीला देवी आएदिन बहु प्रियंका से झगड़ा करती थी. विशाल का कहना है कि उस दिन उन्होंने अपने जमाई प्रताप सिंह वर्मा को फ़ोन करके घर बुलाया जिस ने उस की पत्नी के साथ मारपीट की और फिर पूरे परिवार ने उस की ह्त्या कर उस का शव फंदे पर लटका कर उसे फांसी का रूप देने की कोशिश की. विशाल को शक तब हुआ जब उसने पत्नी के गले में कसा हुआ दुपट्टा देखा जो कि उस की बहन सविता का था. आखिर प्रियंका सविता के दुपट्टे से क्यों फांसी लगाती? खैर मामला दर्ज हो चुका है मगर गिरफ्तारी किसी की नहीं हुई है.

कोलकाता में एक ट्रेनी डाक्टर की दुर्दांत ह्त्या के बाद पूरे देश में डाक्टरों की हड़ताल और इस मामले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने और सुनवाई शुरू करने की बड़ीबड़ी खबरों के बीच देश भर में औरतों के साथ होने वाली भयावह घटनाओं की कहीं कोई चर्चा नहीं होती. जिन ख़बरों की चर्चा ऊपर हुई वह मात्र एक दिन की और एक शहर की खबरें हैं. देश भर में प्रतिदिन हजारों महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं और खबरें अखबारों के किसी कोने में दब कर रह जाती हैं. कुछ दिन बाद पुलिस आरोपी से पैसे खा कर मामला रफा दफा कर देती है.

प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार यानी हर घंटे 4 और हर 15 मिनट पर देश में एक बलात्कार की घटना घट रही हैं. कितनों में कार्रवाई होती हैं? कितने आरोपियों को सजा हो पाती है? शायद पांच परसेंट को भी नहीं. जबतक देश में महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक घटनाओं से निपटने के लिए मजबूत क़ानून नहीं होगा, कानून का पालन कराने वाले मजबूत इच्छाशक्ति वाले पुलिसकर्मी नहीं होंगे, सरकार की नीयत महिलाओं को इन्साफ दिलाने की नहीं होगी, तब तक भाजपा महिलाओं की हितैषी होने का कितना ही ढोल पीटे, सच इस का बिलकुल उलट ही होगा.

इंडियन यूथ में बढ़ता कोरियन और चाइनीज ड्रामा का क्रेज़, जानें क्या है सी और के ड्रामा

K-Drama का मतलब है साउथ कोरिया में बनाए जा रहे रोमांटिक ड्रामा सीरीज. वहीं C-Drama में चीन के युवाओं की खुशनुमा जिंदगी को दिखाया जाता है. दो अलगअलग देशों के यूथ की लाइफ में ऐसा क्या है कि भारतीय यूथ में उसे देखने की दीवानगी बढ़ती ही चली गई.

 

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ड्रामाज में मिलाया जाने वाला मिर्च मसाला

आमतौर पर इन दोनों देशों की ड्रामा सीरीज टीनएज और यूथ की लवलाइफ, कैरियर, फैमिली रिलेशन पर आधारित होती हैं और 25 एपिसोड्स तक खत्म हो जाती हैं. लिव इन रिलेशनिशप, वन नाइट स्टैंड, वाइन कल्चर, मिडिल क्लास पेरैंटिंग,  भारत जैसी डिवोर्स, कैरियर ओरिएंटेड वुमन, बड़ी कंपनियों के कल्चर, अमीरगरीब के बीच के प्यार को ले कर बुनी जाती है.

ट्रेंडी और यूथ ओरिएंटेड टच का भी कमाल

लेकिन कुछ मामलों में इन का कौंसेप्ट बिल्कुल ट्रेंडी और कैची है, जो यूथ को हुक करना जानता है जैसे इन की SciFi यानी साइंस फिक्शन बेस्ड ड्रामाज, जिस में दूसरे एलियन से प्यार दिखाया जाता है, कुछ गेम्स डिवाइसेस या गेम्स कल्चर को ले कर भी बनते हैं, जिस में ऐक्टर्स को नए गेम को बनाते, उस पर रिसर्च करते और उसे यूज करते दिखाया जाता है.

इतना ही नहीं कम उम्र में अपनी कंपनी या अपना बिजनेस शुरू करने के प्लौट पर कहानियां बुनी गई हैं. इन ड्रामाज का यूथ में स्टार्टअप के प्रति आकर्षण दिखाया है. वे अपने पेरैंट्स की तरह ट्रेडिशनल जौब्स करने की बजाय कुछ नया और अपना काम करने में यकीन रखते हैं.

कब और कैसे भारतीय युवाओं के दिमाग में दीमक की तरह फैला

K-Drama और C-Drama दोनों बहुत ही पुरानी संस्कृति से भारत भूमि पर आए, ठीक उसी तरह जैसे मध्यकालीन युग में आक्रमणकारी भारत आए. मध्यकालीन बर्बर आक्रमणकारियों और K-Drama और C-Drama के बीच यह समानता है कि दोनों का इरादा लूटने का ही रहा, अंतर यह था कि एक मारकाट कर लूटता गया और दूसरा प्यार बरसा कर लूट रहा है.

Statista की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में साल 2023 में हुए एक सर्वे में शामिल 29 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे K-Drama से भलीभांति परिचित हैं. इस सर्वे में 15 से 59 साल के 1600 लोगों ने भाग लिया.

एक अनुमान के अनुसार लौकडाउन के दिनों में ही वेब सीरीज की तरह ही युवाओं को इन ड्रामाज की लत लगी. अंतर बस यही था कि वेब सीरीज देखनेवालों में ज्यादातर 25 साल से ऊपर के लोग थे तो इन ड्रामाज को देखने वाले ज्यादातर इस एज ग्रुप
(25 से 30 साल) के नीचे वाले लोग थे.

 

कब और कैसे भारतीय युवाओं के दिमाग में दीमक की तरह फैला

K-Drama और C-Drama दोनों बहुत ही पुरानी संस्कृति से भारत भूमि पर आए, ठीक उसी तरह जैसे मध्यकालीन युग में आक्रमणकारी भारत आए. मध्यकालीन बर्बर आक्रमणकारियों और K-Drama और C-Drama के बीच यह समानता है कि दोनों का इरादा लूटने का ही रहा, अंतर यह था कि एक मारकाट कर लूटता गया और दूसरा प्यार बरसाकर लूट रहा है. Statista की एक रिपोर्ट के अनुसार,भारत में साल 2023 में हुए एक सर्वे में शामिल 29 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे K-Drama से भलीभांति परिचित हैं. इस सर्वे में 15 से 59 साल के 1600 लोगों ने भाग लिया.

एक अनुमान के अनुसार लौकडाउन के दिनों में ही वेबसीरीज की तरह युवाओं की इसकी लत लगी. अंतर बस यही था कि वेबसीरीज देखनेवालों में ज्यादातर 25 साल से ऊपर के लोग थे तो इन ड्रामाज को देखनेवालों ज्यादातर इस एजग्रुप (25 से 30 साल) के नीचे वाले लोग थे.

तेजी से बढ़त बनाने की वजह

इन ड्रामाज में से कई ओटीटीज पर फ्री हैं. कुछ यूट्यूब पर भी फ्री में मिल रहे हैं. इन में से कई पौपुलर ड्रामाज हिंदी में डब्ड हैं या फिर इंग्लिश सबटाइटल्स के साथ मौजूद हैं. वैसे तो ये दोनों देशों के ड्रामाज भारत के सीरियल्स की तुलना में कम एपिसोड्स के होते हैं, जो 25 एपिसोड तक खत्म हो जाते हैं खासकर दक्षिण कोरिया में बने ड्रामा. हालांकि चीन के कुछ ड्रामाज 100 एपिसोड तक लंबे होते हैं.

Statista की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, 26 देशों में किए गए सर्वे में शामिल 41 प्रतिशत लोगों ने माना कि कोरियन ड्रामाज उन के देश में बहुत मशहूर हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, साल 2019 से 2020 के बीच भारत में नेटफ्लिक्स पर k-dramas देखने वालों की संख्या में 370 प्रतिशत की बढ़त देखी गई.

K-Drama देखने के लिए लोग इन OTT प्लेटफौर्म्स का रुख करते हैं, viki, Routen viki या Netflix पर जाते हैं तो c-drama देखने के लिए MX Player, Amazon Mini, YouTube जैसे प्लेटफौर्म्स पर मंडराते हैं.

उत्तर कोरिया में नहीं देख सकते ये रोमांटिक ड्रामा

हालांकि उत्तर कोरिया में दक्षिणी कोरिया के ड्रामाज देखने की सख्त मनाही है और पकड़े जाने पर सजा भी दी जाती है. साउथ कोरिया के एक रिसर्च ग्रुप ने एक वीडियो फुटैज जारी किया, जो वहां के उन टीनजर्स की थी, जिन्हें ये ड्रामाज और फिल्में देखने और उस को बांटने के लिए 12 साल की कड़ी मेहनत करने की सख्त सजा दी गई थी. इन यूथ्स की उम्र 16 साल थी और सजा देते वक्त यह कहा गया गया कि दोनों उस विदेशी कल्चर से प्रभावित हैं, जो उन का भविष्य खराब कर सकती है.

वैसे कुल मिला कर कहा जाए, तो इन ड्रामाज की सब से अच्छी बात है कि इस में हिंसा नहीं दिखाया जाता है, कुछ मार्शल आर्ट्स पर भी ड्रामाज हैं लेकिन फिर भी वह साउथ इंडियन मूवीज या हौलीवुड की तुलना में न के बराबर हैं.

सच कहा जाए तो इस तरह के ड्रामाज में कई ऐसे वैल्यूज हैं जो भटके हुए टीनएजर्स और यूथ को पौजिटिव मैसेज देते हैं जैसे फैमिली वैल्यूज, कैरियर को ले कर सचेत होना, नौकरी के भरोसे रहने के बजाय अपना बिजनेस या स्टार्टअप शुरू कर अपने सपनों को पूरा करना, घर में पेरैंट्स की भागीदारी को कम करना और गर्लफ्रैंड से जीभर कर रोमांस करना.

मेरे पति शराबी हैं जिस कारण वे ठीक से सैक्स नहीं कर पाते

अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल :

मेरी शादी को 6 महीने हुए हैं और मुझे हमेशा से एक ऐसा लाइफ पार्टनर चाहिए था जो मुझे समझे, मेरी केयर करे और मेरी फिजिकल नीड्स को अच्छे से सैटिस्फाई कर पाए. शादी के बाद मुझे पता चला कि मेरे पति अकसर काम से घर लौटते हुए अपने दोस्तों के साथ शराब पीते हैं. मैं ने कई बार उन्हें समझाया कि अब शादी हो चुकी है, शराब नहीं पीनी चाहिए लेकिन वे मेरी बिलकुल नहीं सुनते जिस वजह से हमारी कई बार लड़ाई भी हो जाती है. जब वे शराब पी कर घर लौटते हैं तो सिर्फ खाना खा कर सो जाते हैं. न वे मुझ से बात करते और न ही कभी मेरे साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करते. सैक्स के समय भी वे इतने नशे में होते हैं कि उन से ठीक से सैक्स तक नहीं किया जाता और ऐसे में वे मेरी फिजिकल नीड्स कभी सैटिस्फाई नहीं कर पाते. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब :

शराब अपने साथ कई ऐसी बीमारियां ले कर आती है जो बसाबसाया घर उजाड़ कर रख देती है. कहा जाता है कि शुरुआत में इंसान शराब को पीता है लेकिन धीरेधीरे शराब इंसान को पीने लग जाती है और उसे इस बात की खबर तक नहीं लगती कि कब उसे शराब की आदत लग जाती है.

आप को अपने पति को बैठा कर अच्छे से समझाना चाहिए कि उन्हें अब थोड़ी जिम्मेदारी होनी चाहिए कि उन के घर उन की पत्नी बैठी है जो उन का इंतजार कर रही है. आप उन से यह बातें तब कीजिए जब वे बिलकुल नशे में न हों.

जब वे शराब पी कर आएं तो उन से बिलकुल लड़ाई न करें बल्कि आप ऐसा कर सकते हैं कि कुछ दिनों के लिए उन से बात करनी बिलकुल बंद कर दें ताकी उन्हें आप की चुप्पी से फर्क पड़े और वे सोचने पर मजबूर हो जाएं कि वे जो कर रहे हैं बिलकुल गलत कर रहे हैं.

आप उन से काम से 3-4 दिन की छुट्टी लेने को कहें और उन के साथ कहीं बाहर घूमने का प्लान करें जहां सिर्फ आप दोनों हो और एक अच्छा क्वालिटी टाइम स्पैंड हो सके. इस दौरान आप उन्हें अपने दिल की बात बताएं कि शराब के कारण आप उन से दूर होती जा रही हैं और अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह रिश्ता किसी काम का नहीं रहेगा बल्कि सिर्फ नाम का रह जाएगा.

आप उन्हें घर में ऐसा माहौल दीजिए कि उन्हें घर आने की जल्दी रहे. जब वे आएं तब आप सुंदर कपड़े पहन कर उन का फैवरिट खाना तैयार रखें और उन्हें कौल कर के बताएं कि आज आप उन के लिए उन का फैवरिट खाना बनाया है ताकि उन्हें लगे कि आप उन के बारे में काफी सोचती हैं.

काम के बीचबीच में उन्हें कौल कीजिए जिस से कि आप दोनों एकदूसरे से जुङे रहें. ऐसा करने से वे आप के बारे में सोचने लगेंगे और हो सकता है कि धीरे धीरे शराब को छोड़ दें.

जितना हो सके उन के साथ क्वालिटी टाइम स्पैंड करें और उन को एक ऐसी लाइफ दिखाएं कि उन के मन में शराब के लिए खुद नफरत पैदा हो और वे यह सोचने पर मजबूर हो जाएं कि असली सुख घर में ही है.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें.

जम्मू कश्मीर चुनाव : भाजपा की रणनीति चित करने जा रही राहुल गांधी-फारुक अब्दुल्ला की जोड़ी

भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी की सत्ता आने के बाद जिस तरह जम्मू कश्मीर को और आवाम को दर्द ही दर्द मिला है क्या उसे कोई भूल सकता है ? यहां तक कि नागरिक अधिकार अधिकार नहीं रहे और बंदूक के साए में अब देश के सब से बड़े न्यायालय के आदेश के बाद चुनाव होने जा रहे हैं. यह एक ऐसा रास्ता है जो लोकतांत्रिक मृग मरीचिका का आभास देता है. मगर सितंबर 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव की जो रणनीति कांग्रेस बना रही है उस में नरेंद्र मोदी और अमित शाह का पूरा खेल बिगड़ता दिखाई दे रहा है.

 

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भाजपा किसी भी हालत में यहां सत्ता में आती नहीं दिखाई देती. जिस का आगाज लोकसभा चुनाव में भी परिणाम के रूप में हमारे सामने है. इधर फारूक अब्दुल्ला ने जिस तरह सामने आ कर मोर्चा संभाला है और विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि नरेंद्र मोदी की रणनीति चारों खाने चित हो चुकी है.

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी श्रीनगर पहुंचे हैं. खरगे ने जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अन्य विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने की इच्छा जताई और केंद्र शासित प्रदेश के लोगों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वादों को ‘जुमला’ करार दिया.

खरगे ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ श्रीनगर में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से विधानसभा चुनावों की जमीनी स्तर की तैयारियों के बारे में जानकारी ली. खरगे ने कहा, ‘इंडिया’ गठबंधन ने एक तानाशाह को पूर्ण बहुमत के साथ (केंद्र में) सत्ता में आने से रोका है. यह ‘इंडिया’ की सब से बड़ी सफलता है.’

उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने राज्य का दर्जा बहाल करने की पहल की है. हम इस दिशा में काम करने का वादा करते हैं.” उन्होंने कहा राहुल गांधी की जम्मू कश्मीर में चुनाव पूर्व गठबंधन बनाने में रुचि है. राहुल गांधी अन्य पार्टियों के साथ मिल कर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं.

दरअसल भाजपा लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद चिंतित है, क्योंकि वे जिन विधेयकों को पारित कराना चाहते थे उस में करारी मात मिली.

जम्मू-कश्मीर : पूर्ण राज्य का दर्जा

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के श्रीनगर दौरे से राजनीति में एक गरमाहट आ गई है. राहुल गांधी ने कहा, “जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की प्राथमिकता है. यह उन की पार्टी का लक्ष्य है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उन के लोकतांत्रिक अधिकार वापस मिलें.” उन्होंने कहा, “कांग्रेस और ‘इंडिया’ की प्राथमिकता है कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए. हमें उम्मीद थी कि चुनाव से पहले ऐसा कर दिया जाएगा, लेकिन चुनाव घोषित हो गए. हम उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा और जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकार बहाल किए जाएंगे. आजादी के बाद यह पहली बार है कि कोई राज्य केंद्र शासित प्रदेश बन गया है.”

यहां कोई विधान परिषद, कोई पंचायत या नगर पालिका नहीं है. लोगों को लोकतंत्र से दूर रखा गया है. खरगे कहा, सुप्रीम कोर्ट के 30 सितंबर तक चुनाव कराने के निर्देश के कारण ही जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा की गई है.

आगे कहा, चुनाव से पहले जम्मू कश्मीर के लोगों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है. कुल मिला कर कांग्रेस नेताओं में जिस तरह जम्मू कश्मीर में मोर्चाबंदी की है उस से नरेंद्र मोदी अमित शाह के मंसूबे ध्वस्त होंगे ऐसा प्रतीत होता है.

फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस

जम्मू कश्मीर में जो नए राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं उस से साफ दिखाई दे रहा है कि फारूक अब्दुल्ला जो जम्मू कश्मीर के सब से बड़े नेता और चेहरे हैं ने कांग्रेस के साथ चुनाव मिल कर लड़ने का ऐलान कर दिया है और यह गठबंधन अगर बन जाता है तो उन की सरकार बनने की पूरी संभावना है क्योंकि इन के सामने सारे नेता बौने हैं. वहीं राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन का अब समय आ गया है दिखाई देता है.

जम्मू कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्तूबर, यानी 3 चरणों में चुनाव होंगे. नतीजे 4 अक्तूबर को घोषित किए जाएंगे. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘कांग्रेस के साथ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के (एमवाई) तारिगामी भी हमारे साथ हैं.

उन्होंने आगे कहा, “मुझे उम्मीद है कि हमें लोगों का साथ मिलेगा और हम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारी बहुमत से जीतेंगे. इस के पहले राहुल गांधी ने आश्वासन दिया था -जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य के दर्जा को बहाल करना कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन की प्राथमिकता है. अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि सभी शक्तियों के साथ पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा.

अब्दुल्ला ने‌ कहा, “राज्य का दर्जा हम सभी के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है. इस का हम से वादा किया गया है. इस राज्य ने बुरे दिन देखे हैं और हमें उम्मीद है कि इसे पूरी शक्तियों के साथ बहाल किया जाएगा. इस के लिए हम ‘इंडिया’ गुट के साथ एकजुट हैं.”

महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है कि चुनाव पूर्व या चुनाव बाद गठबंधन में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी की मौजूदगी से भी नैशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने इनकार नहीं किया है. कुल मिला कर जो चक्रव्यूह चुनावी सामने आ रहे हैं उस में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पूरी योजना धरी की धरी रह जाने की संभावना है.

अविवाहित युवती हूं सेफ सैक्स के लिए क्या करूं ?

अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल :

मेरी उम्र 26 साल है और मेरे घर वाले शादी का रिश्ता ढूंढ़ रहे हैं. मैं हमेशा से अपने पढ़ाई के लिए काफी गंभीर रही हूं। इसी वजह से मैं ने आजतक स्कूल या कालेज में कभी कोई बौयफ्रैंड नहीं बनाया. मेरी कई फ्रैंड्स हैं जिन की शादी हो चुकी है और कुछ के तो बौयफ्रैंड्स भी रह चुके हैं. मेरी फ्रैंड्स जब भी मुझ से मिलती हैं तो वे अपनी सैक्स लाइफ के बारे में बातें करती हैं पर मैं हमेशा खामोश रहती हूं. मेरा बहुत मन करता है सैक्स करने का लेकिन डर लगता है. मैं चाहती हूं कि जिस से भी मेरी शादी हो मैं सिर्फ उसी के साथ सैक्स करूं. मैं हमेशा सैक्स को ले कर काफी चिंतित रही हूं क्योंकि मुझे हमेशा से ऐसा लगता है कि सैक्स को हमेशा ऐसे करना चाहिए जिस से कि हम दोनों को कभी कोई परेशानी न हो. मुझे बताएं कि सेफ सैक्स के लिए किनकिन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है?

जवाब :

सैक्स एक ऐसा टौनिक है जो दोनों पार्टनर्स को एकदूसरे के करीब लाता है. शादी के बाद आप पहली बार सैक्स करेंगी इसलिए आप को बहुत सी बातों का खयाल रखना चाहिए. जैसाकि आप ने बताया कि आप का कोई बौयफ्रैंड नहीं रहा और आप ने आजतक कभी सैक्स का आनंद नहीं लिया है तो सैक्स को ले कर आप को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

सैक्स को हमेशा पूरी फील के साथ ऐंजौय करना चाहिए। अगर आप सैक्स के दौरान खुद को स्ट्रैस में रखेंगी या फिर इस बारे में ज्यादा सोचेंगी तो औप सैक्स को कभी ऐंजौय नहीं कर पाएंगी. अपनी पूरी बौडी को फ्री छोड़ कर और दिमाग को बिलकुल स्ट्रैसफी रख कर ही सैक्स को अच्छे से फील किया जा सकता है.

आप को इस बात का खास खयाल रखना चाहिए कि सैक्स के दौरान आप या आप के पार्टनर को कुछ ऐसा नहीं करना है जिस से कि आप दोनों के प्राइवेट पार्ट्स को कोई नुकसान पहुंचे. अकसर ऐसा देखा गया है कि सैक्स के दौरान हम कुछ ऐसी चीजें करते हैं जिस से कि हमारे पार्टनर को आनंद मिलने की बजाय दर्द होने लगता है। तो खुद भी और अपने पार्टनर से भी कहें कि वह सैक्स के दौरान मजा दे नकि सजा।

अगर आप को कभी सैक्स के दौरान ऐसा लगे कि आप के पार्टनर कुछ ऐसा कर रहे हैं जिस में आप बिलकुल सहज नहीं हैं तो आप अपने पार्टनर को साफसाफ बोल कर मना कर सकती हैं.

सैक्स में हमेशा जरूरी है कि एकदूसरे की भावनाओं का खयाल रखना. आप को अपने पार्टनर से सैक्स संबंधित बात करने में शरमाना बिलकुल भी नहीं चाहिए। आप के पार्टनर को भी अच्छा लगेगा कि आप उन से अपनी फीलिंग्स शेयर कर पा रही हैं.

सैक्स करने से पहले आप को अपने पार्टनर के साथ रोमांस करना चाहिए ताकि आप दोनों एकदूसरे के साथ सहज हो पाएं. रोमांस करने से रिश्ता और भी ज्यादा गहरा बन जाता है. शुरुआत हमेशा धीरेधीरे होनी चाहिए जिस से कि दोनों सैक्स का भरपूर आनंद उठा पाएं.

अच्छा तो यही है कि संसर्ग से पहले फोरप्ले का आनंद उठाएं। चुंबन, एकदूसरे के अंगों को सहलाने के साथ पोजीशन बदलबदल कर सैक्स करने से आनंद को कई गुणा तक बढ़ाया जा सकता है।

याद रखें, सैक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है। इसलिए सैक्स को खूब ऐंजौय करें, मगर ऐहतियात के साथ.

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