उस रोज भी जब ननकू को अपनी बीवी पर चीखते देखा तो कुसुम चुपचाप निकल कर पटवारी के आंगन में जा बैठी थी. बड़ी देर तक वह दीवार से पीठ टिकाये वहीं बैठी रही.