देश को मेट्रो ट्रेन की सौगात देने वाले ई. श्रीधरन, जिन्होंने खुद मेट्रोमैन के नाम से देश-दुनिया में ख्याति बटोरी है, ने 26 फरवरी को केरल के मलप्पुरम में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन की है. एक बेहतरीन इंजीनियर के तौर पर ई. श्रीधरन ने देश को जो सेवाएं और सौगातें दी हैं, वह बेमिसाल हैं, उनकी तुलना नहीं की जा सकती है, मगर 88 साल की उम्र में राजनितिक जीवन की शुरुआत करना यही बताता है कि - बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले. हालांकि अरमान श्रीधरन से ज़्यादा उफान पर भाजपा के हैं जो केरल में अपना परचम लहराने को उतावली है और श्रीधरन के रूप में उसको वहां अपनी विजयश्री नज़र आ रही है.
श्रीधरन की इच्छा है कि वह अपने गृह जिले मलप्पुरम से चुनाव लड़ें. 140 सदस्यों वाली केरल विधानसभा के लिए 6 अप्रैल को वोटिंग होनी है और चुनाव के नतीजे 2 मई को आएंगे. सूत्रों की माने तो श्रीधरन को केरल का मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर देकर पार्टी में लाया गया है. हालांकि भाजपा उनको मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करके केरल का चुनाव लड़ेगी, इस पर अभी सस्पेंस बना कर रखा गया है. केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने पहले अपने एक बयान में कहा था कि भाजपा ने 88 साल के ई श्रीधरन को सीएम कैंडिडेट बनाने का फैसला किया है, मगर 3 घंटे बाद ही वे अपने बयान से पलट गए और कहने लगे कि मुझे मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए श्रीधरन को पार्टी का सीएम कैंडिडेट बनाने की जानकारी मिली थी. बाद में जब मैंने पार्टी प्रमुख से बात की, तो उन्होंने ऐसे किसी भी फैसले से इनकार किया है.
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