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New Year Special: नए साल को दें मजबूत रिश्तों का तोहफा

नया साल, नई उमंगें, नई चाहतें, रिश्तों को नयापन देने की ख्वाहिश ताकि नए साल में खुशियों की बरसात होती रहे, प्यार व अपनेपन की खुमारी दिनोंदिन बढ़ती रहे. दरअसल जिस तरह पेड़पौधों को हराभरा रखने के लिए पर्याप्त खाद, पानी व देखभाल की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह पतिपत्नी के रिश्ते में भी नई ताजगी, नई जिंदगी बनाए रखने के लिए जरूरत होती है नएनए ऐक्सपैरिमैंट करने की, बासी, मुरझाए रहे रिश्तों को नयापन देने की. आइए जानें, नए साल में शादीशुदा जिंदगी को कैसे दें नई चमक, नई जिंदगी.

खूब बातें कीजिए

आप अगर रिश्ते को तरोताजा बनाए रखना चाहते हैं तो एकदूसरे को पर्याप्त समय दें. विशेषज्ञों का कहना है, आपस में विश्वास बढ़ाने का सब से अच्छा साधन है कम्युनिकेशन थेरैपी. जब दो लोग आपस में भरपूर बातें करते हैं तो अंदर के इमोशंस और फीलिंग निकल कर बाहर आ जाते हैं जिस से मन हलका और तरोताजा हो जाता है. कम्युनिकेशन थेरैपी से जोडि़यां टूटने से बच जाती हैं. आमनेसामने बैठ कर बातें करने का समय न हो तो फोन, मोबाइल या इंटरनैट चैटिंग के माध्यम से बातें कर सकते हैं.

सिर्फ बुरी बातों पर न दें ध्यान

हर किसी के अंदर अच्छी बातें और बुरी बातें होती हैं. यह समझने वाली बात है कि किसी की अच्छी बात किसी के लिए बुरी बात या किसी की बुरी बात किसी के लिए अच्छी बात भी हो सकती है. खैर, जीवनसाथी की कोई बात बुरी लगती है तो गुस्सा करने के बजाय उसे समझाने की कोशिश करें, क्योंकि जो आदत बन जाती है उसे सुधरने में समय लगता है. मनोवैज्ञानिक डा. जेम्स क्लार्क का कहना है, ‘‘बुरी आदतों को छोड़ने के लिए पतिपत्नी को एकदूसरे को सहयोग देने की आवश्यकता होती है. यदि कोई हिटलर की तरह और्डर दे कर अपनी बात मनवाने की कोशिश करेगा तो गृहयुद्ध होना स्वाभाविक है.

‘‘इस के लिए एक अच्छा श्रोता होना बहुत जरूरी है. पर सुनना कम ही लोगों को आता है. परिणाम, एकदूसरे की बातों को सही तरीके से सुने बिना, एकदूसरे पर बातों की गोलियां दागना शुरू कर देते हैं और अपने अच्छेखासे घर को युद्ध का मैदान बना लेते हैं. जीवनसाथी की सिर्फ बुरी बातों पर ध्यान देने के बजाय उस की अच्छी बातों पर भी ध्यान दें.’’

दूरी न बनाएं

रिश्ते में थोड़ा सा भी तनाव आने पर पतिपत्नी एकदूसरे से भागने लगते हैं और वे समस्या को अधिक गंभीर बना लेते हैं. दूर भागने से बीच की दूरियां भी बढ़ने लगती हैं. दूर भागने के बजाय उन्हें एकदूसरे का सामना करना चाहिए. जब आप सामना करेंगे तो अपनी समस्या को एकदूसरे के सामने खुल कर रख सकेंगे. दूर भागने पर आप ऐसा नहीं कर पाएंगे. चुपचाप बैठ कर ब्लेमगेम खेलने के बजाय कोई पौजिटिव स्टैप उठाएं. हर मुद्दे पर सवाल उठाएं. बातचीत खुले दिल से करें. कड़े हो कर टूटने के बजाय नरम हो कर झुक जाएं. यदि कोई एक झुक रहा है तो दूसरा मान जाए. झुक जाने से किसी की हार या किसी की जीत नहीं होगी. इस में दोनों की जीत ही होगी. दोनों फिर से एकदूसरे के और करीब आ जाएंगे.

स्पर्श का जादू

जब आप अपने से दूर जाते हैं तो रिश्ते में और अधिक कड़वाहट घुलती है. दूर जाने के बजाय एकदूसरे को स्पर्श करें. टच फीलिंग एकदूसरे को करीब, और करीब लाती है. जीवनसाथी का स्पर्श एकदूसरे के शरीर में अपनापन, प्यार की फीलिंग करवाता है. बांहों में भर लेना, जीवनसाथी के शरीर को सहलाना, बालों पर हाथ फेरना, हाथों को दबाना जैसी बातें रिश्ते को ताजगी से भर देती हैं. टच फीलिंग मन से सारी कड़वाहट को निकाल कर रिश्ते में मिठास भर देता है.

सैक्स और रोमांस की डोज

किसी बात पर मनमुटाव होने पर अधिकतर जोड़े अपना गुस्सा आपसी संबंध पर निकालते हैं. दोनों संबंध बनाने में एकदूसरे को परेशान करने लगते हैं. रिश्ते के पौधे को मजबूत और हराभरा बनाए रखने के लिए उस में सैक्स और रोमांस का खादपानी देते रहना जरूरी है. रोमांस का मतलब केवल यौन संबंध ही नहीं होता. यह तो जीवन के वह रोमांचक क्षण होते हैं जो पतिपत्नी मिल कर बिताते हैं और जीवन का आनंद उठाते हुए अपने संबंधों में मधुरता बनाए रखते हैं. नियमित रूप से संबंध बनाने से पतिपत्नी का आपसी रिश्ता मजबूत और मधुर बना रहता है. किसी भी बात पर मनमुटाव पैदा होने पर एकदूसरे से मुंह फेरने के बजाय संबंध बनाएं व रोमांस के लिए समय जरूर निकालें. संबंध बनाने पर तनाव कम होता है और यह मनमुटाव को भी खत्म कर देता है.

कोशिश जारी रखें

रिश्ते की कड़वाहट को दूर करने के लिए समय का इंतजार न करें. लंबे समय तक रहने वाली आपस की कड़वाहट दूरियां ला देती है. यह भी न सोचें कि सामने वाला अगर बात करेगा तो मैं बात करूंगा/करूंगी. ऐसा करने पर बात और बिगड़ सकती है. इस के लिए खुद को कदम बढ़ाने की जरूरत है.

मामले को सुलझाने के लिए जब कोई एक आगे कदम बढ़ाता है तब जा कर मामला खत्म होने की संभावना बनती है. ऐसे में कभीकभी पौजिटिव रिजल्ट नहीं मिलता है. ऐसे में ‘सब बेकार है’ मान कर निराश हो कर बैठ न जाएं, कोशिश करते रहें.रिश्ते को सुधारने के लिए एक के बाद एक कोशिश करते रहना चाहिए. पत्नी नासमझी कर रही है तो पति को समझना चाहिए कि उसे खुद आगे कदम बढ़ा कर पत्नी को समझाने की जरूरत है. वहीं पति नहीं मान रहा तो पत्नी को मान लेना चाहिए कि उस में घमंड भरा हुआ है, जो आसानी से दूर नहीं होने वाला. रिश्तों में सुधार लाने के लिए कोशिश करना, वजन कम करने का प्रोग्राम नहीं है जिस पर अमल करते ही कुछ समय में पौजिटिव रिजल्ट मिल जाएगा. इस के रिजल्ट के लिए कभीकभी काफी लंबे समय की आवश्यकता होती है. पतिपत्नी यदि समझदार हों तो जल्दी रिजल्ट मिल जाते हैं.

सौरी बोलने का साहस

रिश्ते को हमेशा जीवंत बनाए रखने के लिए सौरी शब्द काफी अहम भूमिका निभाता है. विश्व के अनेक जोड़ों ने यह स्वीकार किया है कि आगे बढ़ कर उन के सौरी बोलने से रिश्ते को नई जिंदगी देने का मौका मिला है. अकसर देखा गया है कि लोग सौरी बोलने का साहस नहीं कर पाते हैं. सौरी बोलने से यदि रिश्ते को टूटने से बचाया जा सकता है तो हिम्मत से यह शब्द बोल देना चाहिए.

सम्मान को दें स्थान

रिश्ता बनाना जितना आसान होता है, उसे निभाना उतना ही मुश्किल. इसलिए यदि इसे बरकरार रखना है तो एकदूसरे का सम्मान करें. पतिपत्नी के बीच झगड़ा होना स्वाभाविक है पर झगड़े को बढ़ाएं नहीं. उस पर ज्यादा बहस के बजाय आगे बढ़ें. एकदूसरे को आजादी दें.

मुसीबत हारेगी प्यार जीतेगा

हर रिश्ते में चुनौतियां, खुशियां और मुसीबतें होती हैं लेकिन एकदूसरे का साथ दे कर जब आप इन चुनौतियों और मुसीबतों से लड़ते हैं और जीतते हैं तो वहां खुशियों को चारचांद लग जाते हैं. आज के समय में ज्यादातर दांपत्य जीवन बीच मंझधार में ही बिखर इसलिए जाते हैं क्योंकि शादीशुदा जोड़े जिंदगी की चुनौतियों के सामने हार मान जाते हैं. इसलिए आप मानसिक रूप से पहले से ही तैयार रहें. परिस्थितियां हमेशा एकजैसी नहीं होतीं बल्कि कभी खुशी कभी गम भी जीवन का एक हिस्सा है. साथ रहेंगे, साथ चलेंगे और जीवनभर एकदूसरे को कहेंगे कि हम साथसाथ हैं तो निश्चित ही प्यार से किए गए कामों की जीत होगी और मुसीबतों की हार. तो फिर सोचना क्या इस नए साल में यह संकल्प लीजिए कि जीवन की हर मुसीबत का, हर खुशी का साथसाथ मिल कर सामना करेंगे.

New Year Special: इन 11 टिप्स को अपनाकर नए साल में करें जिंदगी की नई शुरुआत

नए साल में इंसान नई उम्मीद रखता हैं, तरक्की के सपने देखता है और नई ऊंचाइयां हासिल करने की इच्छा रखता है. लेकिन कई बार ऐसा महसूस होता है कि हम थम से गए हैं. समय आगे बढ़ता जा रहा है और हम पिछड़ते जा रहे हैं. ऐसे में मन में हताशा और अपराधबोध हावी होने लगता है. आप पिछड़ेपन के एहसास और हताशा से बचना चाहते हैं और नए साल में सचमुच नई ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं तो सिर्फ सपने देखने से कुछ नहीं होगा, आप को ऐक्शन में आना होगा और कुछ कड़े फैसले लेने होंगे. कुछ फैसले हैं जिन पर पूरी ईमानदारी से अमल करेंगे तो दुनिया की कोई ताकत आप को तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ने से नहीं रोक पाएगी.

पिछली गलतियों से सीखें

नए साल में सबकुछ नया करने का मतलब यह नहीं होता कि आप पिछले साल की अपनी ‘लाइफ फाइल’ को डिलीट कर दें. होना यह चाहिए कि बीते साल की गलतियों पर गंभीरतापूर्वक विचार करें और उन से सबक लें. उन गलत फैसलों की समीक्षा करें जिन की वजह से आप को नीचा देखना पड़ा या असफलता का सामना करना पड़ा और निश्चय करें कि अब वैसी गलती आप दोबारा नहीं करेंगे. इस साल यह वादा खुद से जरूर करें कि आप अपनी गलतियों को दूसरों के सिर नहीं मढ़ेंगे क्योंकि आप की यह आदत आप की मदद करने के बजाय आप को कमजोर बनाती है. अपनी गलतियों की जिम्मेदारी लेने में घबराना नहीं चाहिए.

मानसिक रूप से रहें दुरुस्त

स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है लेकिन हम रोजमर्रा की भागदौड़ में इस शरीर और मन दोनों की ही अवहेलना करते हैं जिस के चलते हमारी सफलता प्रभावित होती है. नए साल में आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करें. इस के लिए जरूरी है कि आप फिटनैस को प्राथमिकता दें. व्यायाम, मौर्निंग वौक, जौगिंग द्वारा शरीर व मन दोनों को तरोताजा रखें. अच्छे संगीत व किताबों का सहारा लें.

लक्ष्य निर्धारित करें

आप को अपनी मंजिल का पता ही नहीं और आप सड़क पर तेजी से चले जा रहे हैं, तो पक्का है कि आप कभी भी, कहीं भी नहीं पहुंच पाएंगे. मंजिल बिना सफर कैसा? ठीक इसी तरह निर्धारित लक्ष्य के बिना सफलता की चाहत रखना भी बेमानी है. नए साल में आप अपनी पढ़ाई, कैरियर या बिजनैस में क्या हासिल करना चाहते हैं, यह तय करें, फिर अपने टीचर्स, काउंसलर या क्षेत्र के अनुभवी लोगों से मिल कर सफर तय करने के सही और आसान तरीकों की जानकारी हासिल करें.

नए साल में नया जोश

उत्साह में कमाल की शक्ति होती है. यह आप के पूरे जीवन को नई ऊर्जा से सराबोर कर सकता है. बिना उत्साह जीवन नीरस लगने लगता है. उत्साही व्यक्ति न सिर्फ खुद को बल्कि अपने संपर्क में रहने वाले हर व्यक्ति को प्रेरित करता है और आगे बढ़ता जाता है. इस साल आप उत्साही बनने का प्रण लें. हर काम में अपना उत्साह दिखाएं. बुझेबुझे से दिखने के बजाय जिंदादिल बनने की कोशिश करें. कुछ नया पाने को ले कर हमेशा रोमांचित रहें. अगर आप उत्साह से भरे रहेंगे तो लोग आप को सराहेंगे और चाहेंगे भी.

मेहनत बने यूएसपी

जो व्यक्ति मेहनत करता है उस के अंदर एक खास आत्मविश्वास होता है कि उस ने अपनी ओर से पूरा प्रयास किया है. इस के बाद जो होगा, देखा जाएगा. लेकिन जो व्यक्ति मेहनत से जी चुराता है वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता. वह सिर्फ ऐसे मौकों की तलाश में रहता है कि जिन में उसे बिना कुछ किए ही फायदा मिल जाए. यह फायदा लंबे समय तक नहीं चलता, जबकि मेहनत अंत तक काम आती है. मेहनत करने वाला व्यक्ति स्वाभिमानी होता है और किसी से डरता नहीं. वह अपनी मेहनत के बूते पर खुद सफल हो कर दिखाता है.

नया सीखते रहें

आज के युग में ज्ञान सब से बड़ी शक्ति है. इसलिए अपने ज्ञान को बढ़ाते रहें. अपनी कमियों को दूर करते रहें और अपने से समझदार लोगों से कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते रहें. जो व्यक्ति लगातार कुछ न कुछ सीखता रहता है उस के जीवन में कभी परेशानी आ ही नहीं सकती. वह हर परेशानी का हल खोज लेता है. सीखने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और मौका आने पर वह खुद को साबित भी कर पाता है. कभीकभी लगता है कि फलां चीज सीखना बड़ा मुश्किल है, पर आप रोज उस के बारे में अपना ज्ञान बढ़ाते रहेंगे तो पता लगेगा कि कुछ समय बाद आप ने उस में अच्छी पकड़ हासिल कर ली है. अपने कार्यक्षेत्र से संबंधित जानकारी बढ़ाने के लिए संबंधित किताबों का अध्ययन करें, ट्रेनिंग कार्यक्रमों का हिस्सा बनें.

हार न मानें

जीवन में असल सफलता वही व्यक्ति हासिल करता है जो कोशिश करता रहता है. हार मान जाने वाला व्यक्ति माथा पकड़ कर बैठा रहता है और कोशिश करने वाला व्यक्ति अपने प्रयासों में मस्त रहता है. वह जल्दी से निराश भी नहीं होता. अगर लोग डराते भी हैं कि सफलता नहीं मिलेगी तो भी वह दोगुने जोश के साथ कोशिश करता है. अपने सपनों को पूरा करने के लिए कोशिश करें, दूसरों को खुश करने के लिए कोशिश करें. कोशिश करें कि चारों तरफ की मुश्किलें भी कम हों. अगर आप कोशिश करेंगे तो दुनिया आप के जज्बे को सलाम करेगी. जीतना महत्त्वपूर्ण नहीं है, कोशिश करना महत्त्वपूर्ण है. हारजीत तो जिंदगी में लगी रहती है पर कोशिश करने से अनुभव मिलता है. जीवन के खाते में हर दिन कुछ जोड़ने का आसान फार्मूला है- हर दिन नई कोशिश.

न बनें मियां मिट्ठू

जो लोग अपने लक्ष्यों के बारे में पहले ही बढ़चढ़ कर बातें करने लगते हैं, वे उन्हें कभी हासिल नहीं कर पाते. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन की सारी ऊर्जा दूसरे लोगों के आगे अपनी प्रशंसा करने में ही खर्च हो जाती है. ऐसे में अपने काम के प्रति वे अपना सौ फीसदी ध्यान नहीं दे पाते. कई बार लोग आप के इस स्वभाव का फायदा उठा कर आप के बिजनैस या कैरियर को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. इसलिए अपने लक्ष्यों के बारे में हर किसी को बताते न चलें और अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना बंद करें.

निर्णय लेने की आदत डालें

सही टाइमिंग का ही सारा खेल है. इसलिए सही सीखने की कोशिश कीजिए कि कब फैसला तुरंत लेना है और कब इस में थोड़ा धैर्य बरत कर चलना है. इस में आप का पुराना अनुभव काम आएगा. आप चाहें तो दूसरे सफल लोगों से मिल कर भी फैसले लेने की कला जान सकते हैं और सफल हो सकते हैं. दूसरों को देख कर सीखना अच्छी बात है पर दूसरों की नकल करना ठीक नहीं है. आप को अपने बारे में खुद ही फैसला लेना चाहिए. आप का मित्र जो कर रहा है उसी के पीछे चलना सही नहीं है. आप और आप का मित्र अलगअलग हैं. आप के सपने, आप का व्यक्तित्व सब से जुदा है. ऐसे में आप दूसरों की देखादेखी करेंगे तो नुकसान आप का ही होगा. जीवन में आप को खुद फैसले लेने की आदत विकसित करनी होगी. आप को सब की सुननी चाहिए, पर करनी अपने मन की चाहिए तभी सफलता मिल पाएगी. सही समय पर लिया गया फैसला सही निर्णय निर्धारित करेगा कि आप कितना सफल होंगे. कभी कोई निर्णय गलत भी हो जाए तो निराश व हताश न हों, इंसान गलतियों से ही सीखता है.

पहचान का दायरा बढ़ाएं

नए साल पर संपर्कों को और ज्यादा तरजीह देने का प्रण लेना जरूरी है. आप अपने बिजनैस या कैरियर फील्ड में अपने संपर्क बढ़ाना न छोड़ें. नएनए लोगों से तो मिलें ही, साथ ही पुराने संपर्कों को मजबूत करने के लिए भी काम करें. दूसरे लोगों से मिल कर आप को नई चीजें सीखने का मौका मिलता है. इसलिए उन संपर्कों को एक इन्वैस्टमैंट की तरह देखिए. ये आप को व्यावसायिक रिटर्न तो देंगे ही, साथ ही इन से कुछ हद तक भावनात्मक रिटर्न भी मिल सकता है. इन का साथ होने से आप खुद को अकेला नहीं पाते. कई बार संपर्कों की बदौलत आप अपना बिजनैस आगे बढ़ाने लगते हैं.

समय की कद्र करना सीखें

इस साल अपनी सब से कीमती पूंजी यानी समय की कद्र करना सीखिए. यह तय कर लें कि आप आज का काम कल पर टालने की आदत से बचेंगे. अपने शैड्यूल को सही मैनेजमैंट दे कर आप कीमती समय को बेवजह बरबाद होने से बचा सकेंगे. टाइम के सही मैनेजमैंट का पहला कदम है कि आप अपनी प्राथमिकताओं की एक सूची बना लें और उस के अनुरूप काम करें. समय को बरबाद करने के बजाय नई चीज सीखने में निवेश करेंगे, तो बाद में लाभ आप को ही होगा. समय की कद्र कर के आप एक सफल बिजनैसमैन के रूप में नाम कमा सकते हैं. नए साल में सफलता आप के कदम चूमे, इस के लिए सकारात्मक भाव वाले लोगों में नजदीकी बनाएं व नकारात्मक भाव वालों से दूरी. सकारात्मक भाव वाले लोग आप को आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे वहीं नकारात्मक भाव वाले लोग अपनी नकारात्मकता से आप की सफलता की राह में रोड़ा बनेंगे. फैसला आप के हाथ में है.

इन 5 चीजों से करें नए साल की शुरुआत, हमेशा रहेंगे स्वस्थ

नए साल की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में कई लोग अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहने की न्यू ईयर रिजोल्यूशन बनाते हैं, तो कई लोग हेल्दी डाइट फौलो करना तय करते हैं. जिस तरह की भागदौड़ भरी जींदगी हो गई है, लोग अपनी सेहत का ख्याल नहीं रख पा रहे. लोगों को पास अपनी सेहत का ख्याल रखने का वक्त नहीं रहा. लेकिन सभी के लिए जरूरी है कि वो हेल्दी डाइट चार्ट फौलो करें. इससे आप कई तरह की बीमारियों से दूर रह सकेंगे, स्वस्थ रह सकें. इस लिए हम आपको कुछ टिप्स बताने वाले हैं, जिन्हें फौलो कर के आप अपनी सेहत का ख्याल रख सकेंगे.

करें कम चीनी का सेवन

स्वस्थ्य रहने के लिए जरूरी है कि आप चीनी का ज्यादा सेवन न करें. इसका ज्यादा सेवन करने से वजन बढ़ता है साथ में ब्लड प्रेशर संबंधी कई परेशानियां होने लगती हैं.

खूब पिएं पानी

अच्छी सेहत के लिए जरूरी है कि आप भरपूर मात्रा में पानी पिएं. इससे मेटाबैलिज्म मजबूत होता है और शरीर के सारे टौक्सिंस बाहर निकल जाते हैं. भरपूर मात्रा में पानी पीने से सिर दर्द और माइग्रेन जैसी बीमारियों से भी राहत मिलती है.

फाइबर युक्त डाइट लें

अच्छी सेहत के लिए जरूरी है कि आप फाइबर युक्त डाइट लें. पाचन क्रिया के लिए फाइबर बेहद फायदेमंद है. इससे कब्ज संबंधी शिकायतें दूर होती हैं. इसके नियमित सेवन से वजन भी कम होता है. फाइबर के प्रयोग से आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है.

सुबह का नाश्ता है जरूरी

दिनभर के खाने में सुबह का नाश्ता बेहद जरूरी होता है. ब्रेकफास्ट से मेटाबौलिज्म मजबूत होता है. जिससे शरीर का कैलोरी बर्न होता है. नाश्ता करने से शरीर में दिनभर एनर्जी बनी रहती है. ब्रेकफास्ट में प्रोटीन युक्त चीजें जैसे- ताजे फल, अंडे, सब्जियों से बना सैंडविच या ओटमील आदि चीजों का ही सेवन करना चाहिए.

जंक फूड-प्रोसेस्ड फूड से रहें दूर

प्रोसेस्ड फूड या जंक फूड से दूरी बना लें. फ्रोजेन फूड में खाने को लंबे समय तक फ्रेश रखने के लिए कई प्रकार के केमिकल्स और स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है. इसमें फैट की अत्यधिक मात्रा पाई जाती है. इसका कभी कभी इस्तेमाल ठीक है, लेकिन रोजाना इनके खाने से सेहत को गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता है.

जानकारी: सिरदर्द हैं पैट्स लवर

शहरों में ‘पैट्स लवर्स’ की संख्या बढ़ती जा रही है. कुत्ते के साथ ही साथ बिल्ली और दूसरे पैट्स भी आते हैं. कुत्ते को ले कर कई बार पड़ोसियों में आपस में  झगड़े होने लगते हैं. कई बार लोग शौकिया पैट्स को पाल लेते हैं फिर आवारा छोड़ देते हैं. छोटे डौग्स को खिलौने जैसा सम झने लगते हैं. ऐसा करने वाले सावधान हो जाएं. अब सरकार पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का सख्ती से पालन करने लगी है. पशु अधिकारों के लिए मेनका गांधी ने बड़ी लड़ाई लड़ी थी. जिस के बाद अब तमाम एनजीओ ऐसे बन गए हैं जो पशु अधिकारों की लड़ाई लड़ने लगे हैं. ध्यान रखें कि गाय पालना पैट रखना नहीं है. वह तो धार्मिक कर्तव्य है पर पैट की तरह गाय को शायद ही घर में कोई रखता है.

ऐसे में कोई भी गलती करना पशुओं को पालने वाले पर भारी पड़ सकता है. सरकारी कर्मचारी सड़कों पर घूम रहे पशुओं का भले ही ध्यान न रखें लेकिन अगर पशु पालने वाले के खिलाफ कोई शिकायत मिलेगी तो वे अपनी मनमानी पर उतर आएंगे. काला हिरन का शिकार करना फिल्म स्टार सलमान खान को भारी पड़ चुका है.

लखनऊ का चर्चित पिटबुल कांड

पैट्स पालने वालों में सब से अधिक संख्या डौग पालने वालों की होती है. ये जहां रहते हैं वहां इन के पड़ोसी परेशान रहते हैं. इस की सब से बड़ी वजह यह है कि अब लोग खतरनाक किस्म के डौग पालने लगे हैं जिन को देख कर ही लोग डर जाते हैं. खासकर बच्चे बहुत डरते हैं. इस के अलावा कई बार डौग घरों के आसपास ही गंदगी करते हैं. ऐसे में डौग लवर जिस भी सोसाइटी में रहते हैं वहां लोगों के निशाने पर रहते हैं. सोसाइटी और अपार्टमैंट्स में भी इन के लिए अलग नियम बन गए हैं.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कैसरबाग महल्ले में एक घर में पिटबुल और लैब्राडोर प्रजाति के दो डौग्स पले हुए थे. घर में एक जवान लड़का अमित त्रिपाठी और उस की 82 साल की बूढ़ी मां सुशीला त्रिपाठी रहती थीं. मां टीचर के पद से रिटायर थी. बेटा जिम ट्रेनर के रूप में काम करता था. एक दिन घर में मां अकेली थी. पता नहीं किन हालातों में पिटबुल प्रजाति वाले कुत्ते ने उस को काट लिया. इस के बाद उन की बौडी से खून ज्यादा निकल गया और जब तक उस के बेटे को पता चला काफी देर हो चुकी थी. वह अपनी मां को ले कर अस्पताल गया. वहां पता चला मां की मौत हो चुकी थी.

मौका पा कर महल्ले वालों ने कुत्ते को बाहर कराने के लिए हल्ला मचा दिया. पिटबुल को आदमखोर घोषित कर दिया. नगरनिगम के लोग कुत्ते को ले गए. उस के व्यवहार को देखासम झा 14 दिन अपनी देखरेख में अस्पताल में रखा. कुत्ते में कोई खराब लक्षण नहीं दिखे. तब उस को वापस मालिक को दे दिया गया. इस के बाद भी महल्ले वालों की दिक्कत बनी हुई है.

ऐसे मामले किसी एक जगह के नहीं हैं. अब लोग अपार्टमैंट में रहते हैं. वहां भी कुत्ते पालते हैं. बिल्लियां भी पालते हैं. ये पैट्स कई तरह से दिक्कत देते हैं. एक तो आवाज करते हैं. गंदगी करते हैं. दूसरे, अनजान लोगों को देख कर काटते और भौंकते हैं जिस की वजह से अनजान लोगों को डर लगता है.

पहले लोगों के बड़ेबड़े घर होते थे. ऐसे में डौग या दूसरे पालतू जानवरों को पालने से दूसरों को दिक्कत नहीं होती थी. अब महल्ले और कालोनी में छोटे घर होते हैं. अपार्टमैंट में तो बहुत ही करीबकरीब घर होते हैं. ऐसे में अगर आप पैट्स लवर हैं तो ऐसे पैट्स पालें जिन से लोगों को दिक्कत न हो.

डौग को ले कर तमाम तरह के नियम बन गए हैं. नगरनिगम से लाइसैंस लेना पड़ता है. इन को समयसमय पर वैक्सीन लगवानी पड़ती है. डौग की ट्रेनिंग ऐसी हो जिस से वह ऐसे काम न करे कि पड़ोस में रहने वालों को दिक्कत हो.

कालोनियों ने अपनेअपने नियम अलग बनाए हैं ऐसे में अगर आप को पैट्स पालने हैं तो सब से पहले नियमों का पालन करें.

अपने पैट्स को सही तरह से ट्रेनिंग दें और पड़ोसियों की सहमति भी लेते रहें. खतरनाक किस्म की प्रजातियां न पालें. कोई दिक्कत हो तो एनिमल्स के डाक्टरों से संपर्क करें. वे पैट्स के व्यवहार को देखसम झ कर उन का इलाज करते हैं. सोसाइटी के निशाने पर आने से बचने के लिए जरूरी है कि उन की सहमति से काम करें.

अगर कोई बेवजह आप को परेशान कर रहा है तो कई कानून पैट्स पालने वालों के लिए भी हैं. कई संस्थाएं भी हैं जो एनिमल लवर्स की मदद करती हैं और उन के अधिकारों की रक्षा करने के लिए आवाज उठाती हैं. भारत सरकार ने पशुओं की सुरक्षा के लिए कानून भी बनाया है जो उन के अधिकारों की रक्षा करता है. इस को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के नाम से जाना जाता है.

क्या है पशु क्रूरता निवारण अधिनियम

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का उद्देश्य ‘जानवरों को अनावश्यक दर्द पहुंचाने या पीड़ा देने से रोकना’ है, जिस के लिए अधिनियम में जानवरों के प्रति अनावश्यक क्रूरता और पीड़ा पहुंचाने के लिए सजा का प्रावधान किया गया है. 1962 में बने इस अधिनियम की धारा 4 के तहत भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की स्थापना भी की गई है. 3 महीने की समय सीमा में इस के तहत मुकदमा कायम किया जा सकता है.

जो लोग अपने घरों में पालतू जानवर रखते हैं लेकिन जानेअनजाने में उन के साथ कई बार ऐसे सलूक करते हैं जो अपराध की श्रेणी में आता है. इस की भी सजा मिल सकती है. इसी तरह आसपास घूमने वाले जानवरों के साथ भी लोगों का व्यवहार बहुत मायने रखता है. गलत व्यवहार पर सजा हो सकती है.

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51(।) के मुताबिक हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना भारत के हर नागरिक का मूल कर्तव्य है.

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम में साफ कहा गया है कि कोई भी पशु (मुर्गी समेत) सिर्फ बूचड़खाने में ही काटा जाएगा. बीमार और गर्भ धारण कर चुके पशुओं को मारा नहीं जाएगा.

भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के मुताबिक किसी पशु को मारना या अपंग करना, भले ही वह आवारा क्यों न हो, दंडनीय अपराध है. पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के मुताबिक किसी पशु को आवारा छोड़ने पर 3 महीने की सजा हो सकती है. वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत बंदरों को कानूनी सुरक्षा दी गई है. इस के तहत बंदरों से नुमाइश करवाना या उन्हें कैद में रखना गैरकानूनी है.

कुत्तों के लिए कानून को 2 श्रेणियों में बांटा गया है. पालतू और आवारा. कोई भी व्यक्ति या स्थानीय प्रशासन पशु कल्याण संस्था के सहयोग से आवारा कुत्तों का बर्थ कंट्रोल औपरेशन कर सकता है. उन्हें मारना गैरकानूनी है. जानवर को पर्याप्त भोजन, पानी, शरण देने से इनकार करना और लंबे समय तक बांधे रखना दंडनीय अपराध है. इस के लिए जुर्माना या 3 महीने की सजा या फिर दोनों हो सकते हैं.

पशुओं को लड़ने के लिए भड़काना, ऐसी लड़ाई का आयोजन करना या उस में हिस्सा लेना संज्ञेय अपराध है. पीसीए एक्ट के सैक्शन 22(2) के मुताबिक भालू, बंदर, बाघ, तेंदुए, शेर और बैल को मनोरंजन के लिए ट्रैंड करना और इस्तेमाल करना गैरकानूनी है.

ड्रग्स एंड कौस्मेटिक रूल्स 1945 के मुताबिक जानवरों पर कौस्मेटिक्स का परीक्षण करना और जानवरों पर टैस्ट किए जा चुके कौस्मेटिक्स का आयात करना प्रतिबंधित है. स्लाटर हाउस रूल्स 2001 के मुताबिक देश के किसी भी हिस्से में पशु बलि देना गैरकानूनी है.

पशुओं को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने को ले कर भी कानून बनाया गया है. पशुओं को असुविधा में रख कर, दर्द पहुंचा कर या परेशान करते हुए किसी भी गाड़ी में एक जगह से दूसरी जगह ले जाना मोटर व्हीकल एक्ट और पीसीए एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है.

पंछी या सांपों के अंडों को नष्ट करना या उन से छेड़छाड़ करना या फिर उन के घोंसले वाले पेड़ को काटना या काटने की कोशिश करना शिकार कहलाएगा. इस के दोषी को 7 साल की सजा या 25 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

किसी भी जंगली जानवर को पकड़ना, फंसाना, जहर देना या लालच देना दंडनीय अपराध है. इस के दोषी को 7 साल तक की सजा या 25 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

पैट्स पालने को ले कर भी बने हैं कानून

घरों में कुत्ताबिल्ली पालने से पहले नगरनिगम द्वारा लागू नियमों का पालन करना पड़ेगा. पैट्स को पालने से पहले उन का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन उसी दशा में होगा जब आप का पड़ोसी अनापत्ति देगा.

पालतू कुत्तों के साथसाथ शहर में स्ट्रीट डौग्स की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इन की वजह से कुत्तों के हमलों के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. एक का प्यारा पैट दूसरे का भयंकर सिरदर्द बन सकता है.

Manohar Kahaniya: प्रेमी को पति बनाने की जिद

सौजन्य: मनोहर कहानियां

15जुलाई, 2022 की सुबह थी. मोहल्ले में अब तक अधिकांश लोग जाग चुके थे. घर के सभी सदस्य उठ गए थे. लेकिन नगीना को अपनी बड़ी बेटी रुचि नहीं दिखाई दी तो उस ने आंगन में बैठे पति मनोज से पूछा, ‘‘रुचि बिटिया कहां है?’’

इस पर मनोज ने बताया कि ऊपर कमरे में सो रही है. अब तक नीचे नहीं उतरी है.

उसे जगाने के लिए मां नगीना ने आवाज दी. लेकिन उस ने कोई जबाव नहीं दिया. इस पर मां जीना चढ़ कर पहली मंजिल पर बने कमरे में गई. दरवाजा धकेल कर जैसे ही कमरे में घुसी, उस के मुंह से चीख निकल गई. कमरे में खून फैला हुआ था. वहां रुचि मरी पड़ी थी. उस के ऊपर बोरी पड़ी हुई थी.

रुचि की मौत की बात सुनते ही घर में कोहराम मच गया. चीखपुकार का शोर सुन कर आसपास के लोग भी आ गए. मनोज की जवान बेटी की अचानक मौत होने से मोहल्ले में सनसनी फैल गई. रुचि की लाश देख उस की मां और भाईबहन बिलखबिलख कर रो रहे थे. मोहल्ले की महिलाओं ने उन्हें किसी तरह संभाला.

पड़ोसियों ने हत्या की सूचना पुलिस को दे दी. घटना की जानकारी होते ही थानाप्रभारी नरेंद्र शर्मा, सीओ (सिटी) अभिषेक श्रीवास्तव पुलिस टीम के साथ वहां पहुंच गए और घटनास्थल का निरीक्षण किया. सूचना दिए जाने पर एसपी (ग्रामीण) डा. अखिलेश नारायण सिंह भी आ गए. फोरैंसिक टीम को भी वहां बुला लिया गया.

पूछताछ में पिता मनोज राठौर ने बताया कि रुचि ने अपने हाथ की नस काट कर आत्महत्या कर ली है. उस ने बताया कि वह उस की शादी के लिए लड़का तलाश रहा था. जबकि वह दूसरी जाति के युवक से प्रेम करती थी और उस से शादी करना चाहती थी. हम लोगों ने गैरबिरादरी के लड़के के साथ शादी करने से मना कर दिया था. इस बात से वह नाराज हो गई और उस ने हाथ की नस काट कर आत्महत्या कर ली.

इस पर एसपी (ग्रामीण) ने ऊपर बने कमरे में जा कर लाश का निरीक्षण किया. कमरे में लाश बोरे से ढकी थी. हालात कुछ संदिग्ध लगे. बोरा हटाया तो रुचि के गले के पास भी खून दिखाई दिया. गौर से देखने पर पता चला कि उस का गला भी कटा हुआ है. इस से स्पष्ट हो गया कि रुचि की हत्या की गई है.

पिता की बातों से शक होने पर पुलिस ने बिना देर किए उसे हिरासत में ले लिया और उसे थाने ले गई.

मनोज ही अपनी बेटी का हत्यारा था. इस बात पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा था कि सीधासादा दिखने वाला मनोज इतनी बेरहमी से बेटी की हत्या कर सकता है. पड़ोसियों के साथ ही रिश्तेदार भी उसे कोस रहे थे.

इस बीच  फोरैंसिक टीम ने मौके से सबूत जुटाए. पुलिस ने मौके की काररवाई निपटाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया.

पुलिस ने थाने पर ले जा कर मनोज से पूछताछ की. कुछ देर तो वह रुचि द्वारा अपने हाथ की नस काट कर आत्महत्या की बात पर टिका रहा, लेकिन पुलिस की सख्ती पर उस ने बेटी की हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया. अपनी बेटी की हत्या का उसे कोई पछतावा नहीं था. बेटी के कत्ल के पीछे जो कहानी निकली, वह इस प्रकार थी—

उत्तर प्रदेश में कांच की नगरी के नाम से प्रसिद्ध फिरोजाबाद जनपद के थाना उत्तर के तिलक नगर इलाके में रहने वाला मनोज कुमार राठौर एक चूड़ी कारखाने में काम करता था. घर में पत्नी नगीना के अलावा 3 बेटियां और एक बेटा था.

वैसे मनोज मूलरूप से मक्खनपुर थाना क्षेत्र के गांव अंगदपुर का रहने वाला है. उस के मातापिता और भाई गांव में ही रहते हैं. कुछ साल से वह तिलक नगर में अपना मकान बना कर परिवार के साथ रह रहा था.

मनोज का बायां हाथ लगभग 10 साल पहले थे्रशर मशीन में आ जाने से कट गया था. एक हाथ कटने के बाद भी मनोज परिवार के भरणपोषण के लिए चूड़ी कारखाने में काम करने लगा.

परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए अब घर पर ही चूड़ी जुड़ाई का काम उस की पत्नी नगीना करने लगी थी. बड़ी बेटी रुचि 9वीं कक्षा में पढ़ रही थी. उस की पढ़ाई बंद करा कर उसे भी इसी काम में लगा दिया. वह चूडि़यों पर नग लगाने का काम करती थी. रुचि इस काम से अपना खर्चा भी निकाल लेती थी.

घटना से 6 महीने पहले की बात है. अपनी सहेली के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने रुचि उस के घर पहुंची थी. जन्मदिन में थाना एटा के ग्राम पिलुआ निवासी फोटोग्राफर सुधीर पचौरी फोटो खींच रहा था. रुचि ने भी उस से अपनी सहेली के साथ तरहतरह के पोजों में फोटो खिंचवाए.

सुधीर उस का अनगढ़ सौंदर्य देख ठगा सा रह गया. रुचि को भी एहसास हो गया कि सुधीर उसे कैमरे की आंख से देख रहा है. जवानी की दलहीज पर पहुंची रुचि का दिल तेजी से धड़कने लगा था. इसी बीच फोटोग्राफर सुधीर और रुचि के बीच परिचय हो गया. घर आते समय रुचि ने सुधीर को अपना मोबाइल नंबर देने के साथ ही उस का नंबर भी ले लिया.

रुचि सोशल मीडिया पर भी थी. वे दोनों फेसबुक पर एकदूसरे से जुड़ कर बात करने लगे. सुधीर रहने वाला तो एटा क्षेत्र का था, लेकिन काम के संबंध में वह फिरोजाबाद में कमरा ले कर रहने लगा था.

सोशल मीडिया के जरिए रुचि और सुधीर की दोस्ती कब प्यार में बदल गई, इस का दोनों को ही पता नहीं चला. इस बीच रुचि और सुधीर आपस में मिल भी लेते थे और अपने दिल का हाल भी एकदूसरे को बता देते थे. धीरेधीरे दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा. यहां तक कि दोनों ने शादी करने का फैसला तक ले लिया.

अब दोनों चोरीछिपे अकसर मिलने लगे थे. जब भी रुचि और सुधीर अकेले में मिलते, दोनों भविष्य के सपने संजोते.

एक दिन रुचि ने सुधीर का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा, ‘‘सुधीर, तुम मुझे कितना प्यार करते हो?’’

इस पर सुधीर ने कहा, ‘‘यह भी कोई पूछने की बात है. प्यार का कोई पैमाना तो होता नहीं है, जिस से मैं बता सकूं. लेकिन तुम यह सब क्यों पूछ रही हो?’’

रुचि राठौर समाज की थी जबकि सुधीर ब्राह्मण समाज से था. रुचि ने कहा, ‘‘सुधीर समाज से डर कर तुम मुझे भूल तो न जाओगे?’’

रुचि ने सुधीर से साफसाफ कह दिया कि वह जातपांत में विश्वास नहीं करती है, शादी करेगी तो उसी से अन्यथा अपनी जान दे देगी.

इस पर सुधीर ने उस के होंठों पर हाथ रख उसे चुप कराते हुए कहा, ‘‘2 सच्चे प्रेमियों को मिलने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती. मैं तुम से सच्चा प्यार करता हूं और तुम्हारे ही साथ शादी करूंगा.’’

हालांकि दोनों की जाति (बिरादरी) अलगअलग थी. इस के बावजूद उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया था.

प्रेमी युगल अपने भविष्य के सुखद सपने संजोते हैं, दिल कुछ और चाहता है और किस्मत कुछ और. रुचि और सुधीर भी सपने संजोने लगे.

बेटी किसी लड़के के साथ प्यार की पींगें बढ़ा रही है, इस की जानकारी रुचि के घर वालों को नहीं थी. बल्कि इन सब बातों से बेखबर मनोज को जवान होती बेटी रुचि की शादी की चिंता सता रही थी. वह उस के लिए लड़का देखने लगा.

उस ने दिल्ली में एक लड़का देखा था. उस के परिवार से बात चल रही थी. इस की भनक जैसे ही रुचि को लगी तो उस ने पिता से कहा, ‘‘एक लड़का जो फोटोग्राफर है और अच्छा कमाता है, वह अपनी जाति का है. उस से मेरी शादी करा दो.’’

तब मनोज ने पत्नी नगीना से बात की. इस पर सभी लोग सुधीर से रुचि की शादी कराने को तैयार हो गए. निर्णय लिया कि शादी से पहले लड़का परिवार के अन्य सदस्यों को भी दिखा दिया जाए.

करीब 2 महीने पहले मनोज और नगीना सुधीर को साथ ले कर परिवार के अन्य सदस्यों को दिखाने के लिए गांव अंगदपुर पहुंचे. यहां सभी को लड़का पसंद आ गया. बातचीत के दौरान सुधीर की अन्य जगह रिश्तेदारियों के संबंध में पूछने पर वह सही से बता नहीं सका.

इस दौरान पता चला कि सुधीर उन की जाति का नहीं है. जबकि मनोज बेटी की शादी सजातीय लड़के से करना चाहता था, क्योंकि अभी रुचि से छोटी 2 बेटियां और थीं.

युवक के गैरबिरादरी का होने से रुचि के घर वाले इस शादी के लिए राजी नहीं हुए. रुचि ने पिता से सुधीर की जाति छिपाई थी. जाति छिपाने वाली बात से मनोज बेटी से नाराज हो गया और गुस्से में आ गया था.

फिर भी उस ने पहले बेटी को समझाने की कोशिश की. यहां तक कि उस का दिल्ली में रिश्ता भी तय कर दिया. इस बात से रुचि चिढ़ गई. रुचि ने पिता द्वारा तय की गई शादी करने से इंकार कर दिया.

रुचि पिता की इच्छा के खिलाफ अपने प्रेमी से मिलती और उस के साथ घूमने जाती रही. इसी बीच 11 जुलाई, 2022 को रुचि ने सुधीर को घर बुलाया. कुछ समय घर पर रहने के बाद वह दोस्त के घर जाने की बात कह कर चला गया. देर शाम सुधीर फिर से घर आया और रात को घर पर ही रुक गया.

देर रात रुचि और सुधीर को मनोज ने एक कमरे में बांहों में बांहें डाले बातचीत करते देख लिया. रात के समय एकांत में बैठ कर दोनों का बातचीत करना उसे अखर गया. उस ने इस बात का विरोध किया.

रुचि को यह सब नागवार गुजरा. वह जिद पर अड़ गई. उस ने अपने पिता से कह दिया कि वह शादी करेगी तो सुधीर से और यदि आप ने विरोध किया तो वह सुधीर के साथ कोर्ट मैरिज कर लेगी. इस बात से परिवार में कलह रहने लगी.

बेटी की यह हरकत उसे नागवार गुजरी.  इस बात ने आग में घी का काम किया. 2 दिन से मनोज सो नहीं सका था. बेटी की हरकत  उस की आंखों के सामने बारबार घूम रही थी. उसे समाज में अपनी बदनामी का डर सता रहा था.

तब उस ने एक खौफनाक निर्णय ले लिया. वह बाजार से एक आरी खरीद कर लाया और उसे घर में छिपा कर रख दिया. मनोज की योजना की भनक तक नगीना और घर के अन्य सदस्यों को भी नहीं लगी.

घर के निचले तल पर 3 कमरे और किचन है, वहीं ऊपरी मंजिल पर 2 कमरे हैं. गुरुवार 14 जुलाई, 2022 की रात को मनोज के परिवार के सभी सदस्य सो गए थे. नगीना दोनों बेटियों व बेटे के साथ कमरे में सो गई. उस ने रुचि को भी अपने साथ सोने को बुलाया था, लेकिन वह ऊपरी मंजिल पर बने अपने कमरे में सोने चली गई. जबकि मनोज जीने के सामने चारपाई पर लेट गया, लेकिन मनोज की आंखों से तो नींद उड़ चुकी थी.

आधी रात के बाद मनोज दबे पांव अपनी चारपाई से उठा. उस समय कूलर चलने के कारण कमरे में सो रही पत्नी नगीना को कुछ पता नहीं चला. मनोज ने लाई हुई आरी उठाई और सीढि़यां चढ़ कर रुचि के कमरे में पहुंचा. उस समय वह गहरी नींद में सो रही थी.

मनोज ने सो रही रुचि के सिर पर पहले डंडे से प्रहार किया, जिस से वह अचेत हो गई. इस के बाद आरी से उस का गला रेत कर हत्या कर दी. हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए मनोज ने रुचि की कलाई की नस भी काट दी. बेहोशी के कारण न तो रुचि चीख सकी और न अपना बचाव कर पाई.

हत्या के बाद उस ने शव को बोरे से ढंक दिया. मनोज ने बेटी की हत्या करने के बाद खून से सने हाथों को धोया. बेटी का गला रेत कर सुकून की नींद सोता रहा. फिर सुबह के समय वह अपने गांव अंगदपुर गया और वहां रुचि के मोबाइल को रख कर वापस घर आ गया था.

यह जानकारी जब नगीना और मोहल्ले के अन्य लोगों को हुई तो सभी आश्चर्यचकित रह गए कि मनोज ने बेटी का कितनी चालाकी से कत्ल कर दिया और किसी को इस का अहसास तक नहीं हुआ कि एक बाप ऐसा कर सकता है.

नगीना ने पति मनोज के खिलाफ बेटी की हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज कराई. 15 जुलाई, 2022 को पुलिस ने मनोज की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त आरी बरामद कर ली. शनिवार 16 जुलाई को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

प्रेम विवाह के प्रति आज भी परिवार और समाज का दृष्टिकोण बदला नहीं है. खासकर 2 अलगअलग जातियों के पे्रमियों का मिलना तो और दुश्वार कर दिया जाता है. यही इस घटना में भी हुआ.द्य

मेरा बॉयफ्रेंड मुझे ब्लैकमेल कर रहा है, क्या करूं?

सवाल

मैं एक 17 साल की लड़की हूं और एक 28 साल के शादीशुदा मर्द को बहुत पसंद करती हूं. हमारे बीच जिस्मानी रिश्ता भी बन चुका है. पर अब वह आदमी चाहता है कि मैं उस के एक दोस्त का भी बिस्तर गरम करूं. वह मुझे ब्लैकमेल कर रहा है कि अगर मैं ने उस की बात नहीं मानी तो वह मुझे बदनाम कर देगा. मैं क्या करूं?

जवाब

उम्र की नादानी और सहूलियत से सैक्स के मजे लेने के चक्कर में आप एक गलत आदमी के चंगुल में फंस गई हैं, जो इसी तरह आप को कालगर्ल सरीखा भी बना सकता है.

उस के जिस दोस्त का आप बिस्तर गरम करेंगी, कल को वह भी किसी और को खुश करने का दबाव बना सकता है. इस तरह आप मुफ्त का माल बन कर कहीं की नहीं रहेंगी.

बदनामी से डरना छोड़ दें और अपने आशिक को धमकी दें कि अगर उस ने इस तरह ब्लैकमेल करने की कोशिश की, तो आप पुलिस में शिकायत कर देंगी, क्योंकि वह शादीशुदा है, इसलिए डरेगा.

किसी भी नाबालिग लड़की के साथ जिस्मानी ताल्लुकात बनाना रेप माना जाता है. वह अगर रास्ते पर न आए, तो घर वालों को सच बता कर उन की मदद लें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

सब्जेक्ट में लिखें- सरिता व्यक्तिगत समस्याएं/ personal problem 

Year Ender 2022: लता मंगेश्कर, राजू श्रीवास्तव समेत इन दिग्गजों ने इस साल दुनियां को कहा अलविदा

साल 2022 खत्म होने को है, यह साल बहुत खुशियां देकर जा रहा है तो वहीं कुछ गम भी इस साल ने दिया है, हमारे कई चहेते सितारों को हमसे दूर कर दिया है इस साल ने तो आइए जानते हैं उन सितारों के नाम जो इस साल हमें हमेशा के लिए छोड़कर चले गए.

1, लता मंगेशकर

भारत रत्न लता मंगेशकर 93 साल कि उम्र में 06 फरवरी 2022 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, इन्हें सुरों की कोकिका भी कहा जाता था, 70 साल के कैरियर में उन्होंने कई यादगार गाने गाए हैं. भले ही वह आज नहीं हैं लेकिन उनके गाने हमेशा याद आएंगे.

 

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2. बप्पी लहरी 

डिस्को किंग के नाम से जाने जानने वाले बप्पी लहरी भी सिंगर कंपोजर , रिकॉर्डर के तौर पर शानदार गाने गाएं हैं, इनके गानों के साथ- साथ इनके अंदाज को भी खूब पसंद किया जाता था, बप्पी दा भले ही हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके गाने उनकी याद दिलाती रहती है.

 

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3. कृष्ण कुमार कुन्नथ (केके)

वॉयस ऑफ लव कहे जाने वाले सिंगर केके के निधन से सभी लोगों को काफी ज्यादा झटका लगा था, उनका अचानक यूं चले जाना किसी को अच्छा नहीं लगा लोग भी केके को आज उनके गाने के जरिए बहुत मिस करते हैं.

4. कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव

राजू श्रीवास्तव सिर्फ 59 साल की उम्र में इस दुनिया को छोड़कर चले गए, राजू श्रीवास्तव कुछ वक्त से बीमार चल रहे थें, अचानक उनकी मौत हो गई थी, जिससे सभी घर वाले सदमें में आ गए थें, उनकी कॉमेडी लोगों को खूब पसंद आती थी.

5. सिद्दू मूसेवाला

पॉपुलर सिंगर सिद्दू मूसेवाला को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, सिद्दू के गाने पंजाब ही नहीं यूके और कनाडा में भी पॉपुलर थें, सिंगर की गाड़ी पर 30 से ज्यादा गोलियां चलाई गई थीं.

6. पंडित बिरजू महाराज

पंडित बिरजू महाराज कथक डांसर, सिंगर और कंपोजर थें, 83 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली थी, उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी.

राहुल की भारत जोड़ो यात्रा : “नेताजी” बैचेन क्यों हैं ….

कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की “भारत जोड़ो यात्रा” धीरे-धीरे अपने उफान की और है. जहां इस यात्रा से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी और भारतीय जनता पार्टी सकते में है वहीं देश के बड़े-बड़े विपक्षी नेताओं में भी बेचैनी स्पष्ट दिखाई दे रही है. इसका मूल कारण यह है कि कांग्रेस से निकल कर या छोड़कर गए नेता या कांग्रेस के विरोध में बनाई गई पार्टीयां और उसके नेता यह चाहते हैं कि कांग्रेस हमेशा कमजोर रहे और उन्हें कांग्रेस की नहीं बल्कि कांग्रेस को उनकी दरकार बनी रहे . जब तक कांग्रेस कमजोर रहेगी उनकी हांडी की दाल पकती रहेगी और वह कभी भी प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं.

यही कारण है कि खुलकर के भारत जोड़ो यात्रा के समर्थन में चाहे ममता बनर्जी हो या फिर शरद पवार या फिर नीतीश कुमार नहीं आ रहे हैं. क्योंकि भारत जोड़ो जात्रा से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को एक अनोखा ऑक्सीजन मिल रहा है , लोग इस यात्रा की और आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं.यही नहीं राहुल गांधी की लोकप्रियता अचानक बहुत ज्यादा बढ़ गई है वही उनकी बातचीत की शैली और भाषण को सुनकर दीगर पार्टियों के नेताओं की सांसें भी फुल रही हैं. अब जब 3 तारीख को दिल्ली से चलकर के भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने जा रही है जो देश का सबसे बड़ा राज्य है और जहां से देश की राजनीति को एक दिशा मिलती है तब चर्चित चेहरे मौन हो गए हैं. कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शिरकत के लिए आमंत्रित किए गए विभिन्न दलों ने अभी इसमें शामिल होने का इरादा जाहिर नहीं किया है. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी का अन्य कार्यक्रमों में व्यस्तता की वजह से इस यात्रा में शामिल होना मुश्किल बताया जा रहा है. कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई ने अखिलेश यादव और जयंत के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा समेत विभिन्न पार्टियों के
नेताओं को तीन जनवरी को उत्तर प्रदेश में दाखिल हो रही कांग्रेस की “भारत जोड़ो यात्रा” में शिरकत करने का न्यौता दिया है मगर यह नेता “भारत जोड़ो यात्रा” में राहुल गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के चलने में गुरेज कर रहे हैं मानो उनका कद छोटा हो जाएगा.
_________
राहुल गांधी के पीछे, राहुल गांधी के आगे _____ _____ दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व को स्वीकारने में अनेक नेता असहज महसूस कर रहे हैं .पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के बारे में कहा है – यात्रा को लेकर राहुल गांधी के भावनात्मक आहवान से उनका जुड़ाव है, लेकिन उन्हें किसी प्रकार का निमंत्रण नहीं मिला है. इस बीच सपा के एक नेता ने बताया है कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का कार्यक्रम पहले से ही तय है और उनका कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होना बहुत मुश्किल है.वहीं रालोद के मुख्य प्रवक्ता ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि रालोद प्रमुख जयंत चौधरी यात्रा में जाएंगे. उनके तमाम कार्यक्रम पहले से ही निर्धारित हैं. जहां तक पार्टी के किसी नेता के यात्रा में शामिल होने का सवाल है, तो उसका फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह खुद करेंगे.’

उधर, बसपा के एक वरिष्ठ नेता ने गोपनीयता बनाए रखने की शर्त पर कहा है – पार्टी को कांग्रेस की तरफ से अब तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है और यात्रा में शिरकत करने का फैसला पार्टी मायावती ही करेंगी. सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के संयोजक पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने उन्हें फोन कर आमंत्रित किया था. अगर भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ उत्तर प्रदेश के चेहरे साथ साथ होंगे तो निसंदेह भारतीय जनता पार्टी कमजोर होगी और देश की जनता में एक संदेश दिया जाएगा कि सभी देश के बड़े नेता एक है.

Bigg Boss 16 : साजिद खान के खिलाफ बोलती नजर आईं टीना

बिग बॉस के घर में इन दिनों लगातार नए-नए ट्विस्ट आ रहे हैं, जिसे देखकर दर्शकों को भी खूब मजा आ रहा है. इन दिनों घरवालों को  एक टॉस्क दिया गया है जिसमें साजिद खान लीड रोल में नजर आ रहे हैं. उन्हें नॉमिनेट हुए कंटेस्टें को बचाना है.

इस दौरान साजिद खान और टीना दत्ता में विवाद होता हुआ नजर आ रहा है. साजिद खान से जब सलमान खान पूछते है कि साजिद गुड क्या तुमने लिस्ट बना ली है तो इस पर टीना दत्ता आकर कहती हैं कि हां बन गई है साजिद निमृत को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इस पर साजिद खान कुछ रिप्लाई नहीं देते हैं.

दरअसल , टीना कहती है कि साजिद निमृत को सेफ कर रहे हैं, हम पागल हैं जो यहां बैठे बैठे टॉस्क कर रहे हैं. तो प्रियंका कहती है कि निमृत अकेली कभी ना खेली. इसके बाद से सारे घर वाले निमृत के खिलाफ बात करते नजर आ रहे हैं. यह टॉस्क काफी ज्यादा मजेदार होने वाला है.

जिसमें नॉमिनेट हुए कंटेस्टेंट का नाम रिवील न्यूज पेपर पर होगा. खैर आने वाले एपिसोड इस बात का खुलासा होगा कि नॉमिनेट हुआ औऱ कौन सेफ है इस नॉमिनेशन से . इससे पहले अंकित को लेकर बिग बॉस के घर में बवाल चल रहा था कि प्रियंका ने चलाकी से अंकित को बाहर कर दिया है.

शीजान और तुनीषा के बीच में आ गई थी दूसरी लड़की, इसलिए टूटा था रिश्ता!

टीवी एक्टर तुनीषा शर्मा की मौत को लेकर कई तरह की बातें इन दिनों होने लगी है, वह अपने को एक्टर शीजान खान के साथ रिलेशन में थी, लेकिन जैसे ही इनका ब्रेकअप हुआ वह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई और हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

शीजान से ब्रेकअप के बाद से तुनीषा लगातार डिप्रेशन की शिकार हो रही थी, वह सीरियल दास्तान ए काबुल की शूटिंग के दौरान शीजान के मेकअप रूम में फांसी लगाकर जान दे दी. जिसके बाद से लगातार उनकी मौत की खबर चल रही है.

अब इस मामले में शीजान के मामा ने एएनआई को बयान दिया है जिसमें उन्होंने बताया है कि शीजान के कई दूसरी औरतों के साथ संबंध थें इसलिए तुनीषा ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी. शीजान से मिलने के बाद से अदाकारा में कई बदलाव आएं थें वह हिजाब पहनने लगी थी.

 

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इधर पुलिस ने शीजान को गिरफ्तार करके कस्टडी में पेश किया है, जहां पर लगातार शीजान से पूछताछ चल रही है. शीजान को पहले 3 दिन के लिए हिरासत में लिया गया था, अब 2 दिन और कस्टडी बढ़ा दी गई है. वहीं  तुनीषा की मम्मी का रो रोकर बुरा हाल है.

वह बार बार  तुनीषा का नाम लेकर उसे याद कर रही हैं, जब आखिरी विदाई अपनी बेटी को दे रही थी उस वक्त भी   तुनीषा की मां की हालत काफी ज्यादा खराब लग रही थी. बार-बार अपनी बेटी को याद करके रो रही हैं.

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