नए साल में इंसान नई उम्मीद रखता हैं, तरक्की के सपने देखता है और नई ऊंचाइयां हासिल करने की इच्छा रखता है. लेकिन कई बार ऐसा महसूस होता है कि हम थम से गए हैं. समय आगे बढ़ता जा रहा है और हम पिछड़ते जा रहे हैं. ऐसे में मन में हताशा और अपराधबोध हावी होने लगता है. आप पिछड़ेपन के एहसास और हताशा से बचना चाहते हैं और नए साल में सचमुच नई ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं तो सिर्फ सपने देखने से कुछ नहीं होगा, आप को ऐक्शन में आना होगा और कुछ कड़े फैसले लेने होंगे. कुछ फैसले हैं जिन पर पूरी ईमानदारी से अमल करेंगे तो दुनिया की कोई ताकत आप को तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ने से नहीं रोक पाएगी.

पिछली गलतियों से सीखें

नए साल में सबकुछ नया करने का मतलब यह नहीं होता कि आप पिछले साल की अपनी ‘लाइफ फाइल’ को डिलीट कर दें. होना यह चाहिए कि बीते साल की गलतियों पर गंभीरतापूर्वक विचार करें और उन से सबक लें. उन गलत फैसलों की समीक्षा करें जिन की वजह से आप को नीचा देखना पड़ा या असफलता का सामना करना पड़ा और निश्चय करें कि अब वैसी गलती आप दोबारा नहीं करेंगे. इस साल यह वादा खुद से जरूर करें कि आप अपनी गलतियों को दूसरों के सिर नहीं मढ़ेंगे क्योंकि आप की यह आदत आप की मदद करने के बजाय आप को कमजोर बनाती है. अपनी गलतियों की जिम्मेदारी लेने में घबराना नहीं चाहिए.

मानसिक रूप से रहें दुरुस्त

स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है लेकिन हम रोजमर्रा की भागदौड़ में इस शरीर और मन दोनों की ही अवहेलना करते हैं जिस के चलते हमारी सफलता प्रभावित होती है. नए साल में आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करें. इस के लिए जरूरी है कि आप फिटनैस को प्राथमिकता दें. व्यायाम, मौर्निंग वौक, जौगिंग द्वारा शरीर व मन दोनों को तरोताजा रखें. अच्छे संगीत व किताबों का सहारा लें.

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