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हम 2 बहनों का विवाह 2 सगे भाइयों से हुआ था लेकिन एक साल बाद हम दोनों ने पति बदल लिए थे, अब क्या करें?

सवाल

हमारी समस्या थोड़ी अजीब है. हम 2 सगी बहनें हैं और हमारा विवाह एक ही घर में 2 सगे भाइयों से हुआ था. लेकिन हम दोनों बहनों ने विवाह के 1 वर्ष बाद ही अपने अपने पतियों की सहमति से पति बदल लिए थे. इस समय हमारी उम्र 30 वर्ष है. पतियों की अदलाबदली वाली बात घर में हम चारों के अलावा और कोई नहीं जानता है और दोनों बहनों के पतियों में 1 वर्ष का अंतर है. चूंकि हमारी ससुराल अत्यंत धनाढ्य घराना है इसलिए ससुर ने अभी से वसीयत कर दी है और वसीयत का बंटवारा दोनों भाइयों में बराबरबराबर कर दिया है. पतियों की अदलाबदली से छोटी बहन जेठानी और मैं देवरानी हो गई हूं. हम बहनों और हमारे पतियों में अटूट प्रेम है. लेकिन हमें डर है कि अगर हम दोनों बहनों में से कोई भी एक पहले विधवा हो जाती है तो क्या इस का असर हमारी संपत्ति के बंटवारे पर पड़ेगा.

हमें ऐसा क्या करना चाहिए जिस से हमारे बीच का राज, राज ही बना रहे और संपत्ति को ले कर किसी को कोई नुकसान नहीं हो. इस के अलावा हमें अपने मायके की संपत्ति को ले कर भी डर है कि कहीं हमारी इस अदलाबदली से वहां की संपत्ति के बंटवारे में कोई विवाद तो नहीं हो जाएगा? सलाह दें.

जवाब

आप ने सही कहा, आप की समस्या अजीबोगरीब है और ऐसा आप बहनों की पतियों की अदलाबदली के निर्णय के कारण हुआ है. आप ने यह नहीं बताया कि आप ने विवाह के 1 वर्ष बाद पतियों की अदलाबदली का अजीबोगरीब निर्णय क्यों लिया? क्या इस के पीछे कोई खास वजह थी. अगर आप को पतियों की पसंद को ले कर कोई समस्या थी तो आप को यह अदलाबदली विवाह से पहले ही करनी चाहिए थी. आप ने विवाह के बाद ऐसा कर के बहुत बड़ा रिस्क लिया है. आप घरपरिवार वालों के सामने इस बदले रिश्ते को कैसे निभा पाते हैं, यह एक कठिन काम है. हालांकि अब आप ऐसा कर चुके हैं और आप ने ऐसा कर के वैवाहिक संबंधों को हंसीखेल बना दिया है.

जहां तक संपत्ति के बंटवारे को ले कर फायदेनुकसान की बात है तो यह बात आप सभी के पक्ष में हुई है कि आप के ससुर ने संपत्ति का बंटवारा दोनों भाइयों में बराबरबराबर किया है. अगर ऐसा नहीं होता तो आप लोगों के इस बेतुके निर्णय से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता था.

जहां तक आप का यह संशय कि अगर आप दोनों में से कोई पहले विधवा हुई तो क्या इस का असर आप लोगों की संपत्ति पर पड़ेगा तो इस का जवाब भी यही है कि ऐसा कोई असर आप लोगों की संपत्ति पर नहीं पड़ेगा क्योंकि संपत्ति का बंटवारा बराबरी से हुआ है. इस के अलावा जहां तक पतियों के अदलाबदली वाली बात का घर के अन्य सदस्यों को पता चलने का डर है तो वह तब तक किसी अन्य सदस्य को पता नहीं चलेगी जब तक आप लोगों में से कोई इस राज को जाहिर नहीं करेगा. और अगर पीहर की संपत्ति के बंटवारे की बात करें तो वहां भी आप के राज के बारे में किसी को पता नहीं है. ऐसे में अगर आप के पिता अगर दोनों बहनों के बीच संपत्ति का बंटवारा बराबर करेंगे तो कोई समस्या नहीं होगी लेकिन अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो इस का खमियाजा या फायदा आप दोनों बहनों को ही उठाना पड़ेगा. इस के अलावा आप लोगों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है. यह सब आप को पतियों की अदलाबदली करने से पहले सोचना चाहिए था.

Valentine’s Special: दिल का संबंध सेक्स से नहीं

वर्ष 1962 में गुरुदत्त की एक  फिल्म आई थी, ‘साहब, बीवी और गुलाम,’ जिस में छोटी बहू ‘मीना कुमारी’ और भूतनाथ ‘गुरुदत्त’ के बीच एक ऐसा रिश्ता था, जिस में छोटी बहू के प्रति भूतनाथ के लगाव में प्रेम के साथसाथ आदर और चिंता भी दिखती है. छोटी बहू भी भूतनाथ को अपना विश्वस्त और प्रिय मानती है. भूतनाथ को देख कर वह खुश होती है. दूसरी तरफ भूतनाथ भी छोटी बहू पर अपना अधिकार समझता है. फिल्म के कुछ अंतरंग दृश्यों में भूतनाथ छोटी बहू को तुम कहने में भी नहीं हिचकता, लेकिन फिल्म के एक दृश्य में शराब का गिलास छीनने के चक्कर में जब भूतनाथ अचानक छोटी बहू का हाथ छू लेता है तो वह बिफर उठती है. वह डांटती है कि तुम ने एक पराई स्त्री का हाथ छुआ, जी हां, बस यही हाथ का छू जाना जब रोमांचित करने के बजाय नाराज कर जाए तो इसे ही प्लैटोनिक लव या फिर दिल का संबंध कहते हैं, जिस में यह फीलिंग तो होती है कि किसी के साथ रहो, उस से बात करो, टाइम स्पैंड करो, बातें शेयर करो, लेकिन एकदूसरे से कुछ भी उम्मीद न रखो. यह दिल से जुड़ा रिश्ता होता है जिस में एक अनजाना सा लगाव एकदूसरे की तरफ खींचता जरूर है पर वह रिश्ता शारीरिक न हो कर सिर्फ दिल से जुड़ा होता है.

यार कितना सच्चा है परखें

दिल के संबंध में वासना की जगह नहीं

प्यार दो दिलों का मेल होता है. प्यार किया नहीं जाता, हो जाता है. सच्चे प्यार में वासना नहीं होती. मन में गलत विचार नहीं आते. बस, प्रेमिका से मीठीमीठी बातें करते रहने को दिल करता है. आंखों के सामने बस उस का चेहरा ही नजर आता है. जिस के साथ आप सेफ महसूस करें जिस के साथ आप चाहे आधी रात में कहीं हों या फिर सुनसान जगह पर, हर जगह खुद को उस के साथ सेफ महसूस करें. इस बात का पूरा विश्वास हो कि दोनों में से किसी के भी बहकने के चांस नहीं हैं, वहीं दिल का संबंध है.

कोई डिमांड नहीं है यहां

इस तरह के प्यार में सैक्स या रोमांटिक फीलिंग नहीं आती और न ही आप को उस इंसान से किसी तरह की डिमांड होती है. इस तरह का प्यार दो दोस्तों के बीच अकसर देखने को मिलता है. आप तन, मन और धन से एकदूसरे की हमेशा मदद करते हैं और हमेशा उस का साथ देते हैं.

सिर्फ सैक्स की चाहत तो नहीं

कहीं आप का पार्टनर हर वक्त सिर्फ सैक्स के लिए जोर तो नहीं डालता. अगर ऐसा है तो यह प्यार नहीं सिर्फ जिस्मानी आकर्षण है.

प्लैटोनिक लव और लस्ट में अंतर समझें

कई लोगों को लस्ट से भरा प्यार होता है, जिस में सिर्फ शरीर की भूख होती है. आप का मन होता है कि आप किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाएं, उसे किस करें तो समझ लें कि आप का संबंध दिल से नहीं है आप को प्यार नहीं लस्टफुल लव है. इस तरह के प्यार में आप एक लिमिट के बाद उस इंसान से बोर हो जाते हैं.

इस में दैहिक आकर्षण जैसा कुछ नहीं है

यहां साथी आप के रूपरंग और अदाओं पर नहीं बल्कि आप की समझदारी भरी बातें, धैर्य, निश्छल सोच और केयरिंग नेचर को पसंद करता है. उसे आप के आंतरिक गुणों से मतलब है, फिर चाहे  आप गोरी हों या काली, लंबी हों या छोटी, उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता.

निस्वार्थ भाव से जुड़ा है यह रिश्ता

यह एक ऐसा प्यार होता है जिस में गहरा लगाव, निस्वार्थ श्रद्धा, अटूट विश्वास होता है. इस में वासना का कोई स्थान नहीं होता. कुछ लोग इसे महज आकर्षण का नाम देते हैं. लेकिन आकर्षण से परे इस में एक अलग जुड़ाव होता है, एकदूजे के लिए निरंतर शुभ और प्रगति की कामना मन में रहती है. अकसर इस रिश्ते को समझने में लोग भूल कर बैठते हैं, जबकि यह रिश्ता निस्वार्थ भाव से जुड़ा केवल मन का रिश्ता होता है. दिल का यह संबंध किसी दोस्त, रिश्तेदार या किसी अजनबी से भी हो सकता है. यह रिश्ता भाईबहन, देवरभाभी, टीचरस्टूडैंट के बीच भी हो सकता है.

दिल का संबंध है या सैक्स का कैसे परखें

–       आप का साथी बातबात में आप को टच करने की कोशिश करता है.

–       आप के रंगरूप पर वह मोहित होता है और आप से बाहरी आकर्षण महसूस करता है.

–       आप की बातों से ज्यादा उसे आप की अदाएं मोहित करती हैं.

–       उस की आंखें हर पल आप को घूरती हैं.

–       वह अपने दोस्तों से आप को अपनी गर्लफ्रैंड कह कर परिचित कराता है, क्योंकि आप काफी स्मार्ट हैं और उस के दोस्तों पर इस का रोब पड़ता है.

इस के विपरीत अगर आप किसी को इतना पसंद करते हैं कि उस के साथ आप अपनी हर बात शेयर करना चाहते हैं, फोन पर बतियाते हैं, हर खुशी और गम का साथी उसे बनाते हैं, एक दिन उस से बात न हो तो आप बेचैन हो उठते हैं लेकिन फिर भी उस के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बारे में सोच भी नहीं सकते, तो फिर यही प्लैटोनिक लव और दिल का संबंध है. जहां प्यार की भावनाएं तो हैं पर सैक्स नहीं. जहां मन तो जुड़े पर तन नहीं.

सैक्स से नहीं, दिल के संबंध और सच्चे प्यार से निखरती है सेहत

अगर आप रचनात्मक बनना चाहते हैं तो किसी के प्यार में डूबने के बारे में सोचिए. यहां प्यार का मतलब सिर्फ प्यार से है, सैक्स से नहीं. आप किसी के प्यार में पड़ कर ज्यादा रचनात्मक हो सकते हैं आप के दिमाग में काम के बारे में नए विचार आ सकते हैं, यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है.

एम्सटर्डम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्यार इंसान की सोच को बदल देता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि प्यार में पड़ कर ही इंसान भावुक और विनम्र होने के साथसाथ कलात्मक काम करने की पे्ररणा पाता है, जबकि इंसानी फितरत में यह बदलाव सैक्स से नहीं आता. सेहत की दृष्टि से भी सैक्स से बेहतर दिल का संबंध होता है.

शोधकर्ताओं का मानना है कि किसी से प्यार और लगाव इंसान को और भी ज्यादा काम करने के लिए प्रेरित करता है. ताजमहल जैसे वास्तुशिल्प कामों के पीछे अगर कुछ है तो वह सिर्फ प्यार है. अमेरिका के जर्नल साइंटिस्ट और मनोवैज्ञानिक द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया है कि प्यार इंसान की सोच को बदल देता है. यह इंसान की सोच को तार्किक बना देता है. शोधकर्ता बताते हैं कि आप के दिमाग में हजारों सवाल ऐसे पैदा होते होंगे कि प्यार में ऐसा क्या है जो इंसान में इतना अधिक बदलाव ले आता है.

तो इन सब सवालों का एक ही जवाब है कि प्यार का असर इंसान के दिमाग पर लंबे समय तक रहता है, जबकि सैक्स का असर चंद समय के लिए ही रहता है. प्यार से शरीर के उन हारमोंस पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो इंसान को रचनात्मक बनाते हैं.

शारीरिक संबंध बनाने में जल्दबाजी से बेहतर है दिल का संबंध

अगर आप भी दिल से जुड़े सच्चे संबंध के इंतजार में हैं तो अपने पार्टनर से नजदीकियां बढ़ाने से पहले थोड़ा इंतजार कीजिए. यकीनन नजदीकियां बढ़ाने से पहले एकदूसरे को अच्छी तरह से जान लेना रिश्ते को मजबूत बनाता है.

एक हालिया अध्ययन के मुताबिक चंद मुलाकातों में भी आप को दिल से जुड़ा सच्चा प्यार मिल सकता है. अध्ययन में शामिल 642 लोगों में से 56% ने माना कि शारीरिक संबंध बनाने से पहले उन्होंने रिश्तों में गंभीरता और परिपक्वता के लिए सैक्स के लिए लंबा इंतजार किया. ऐसे लोगों के रिश्ते में वासना से अधिक प्यार देखा गया. 27% लोग ऐसे थे जिन्होंने डेटिंग के समय ही सैक्स किया और 17% लोगों ने बिना प्रेम के शारीरिक संबंध बनाए.

आयोवा यूनिवर्सिटी में समाजविज्ञान के प्रोफैसर एंथोनी पैक कहते हैं कि उन लोगों में कुछ खास बात होती है जो सैक्स के लिए इंतजार करते हैं. उन के रिश्ते भी मजबूत होते हैं.

Bigg Boss 16: एमसी स्टेन ने ट्रॉफी को किया अपने नाम, पैसे और कार मिला इनाम

पिछले 4 महीने से चल रहा शो बिग बॉस 16 अब खत्म हो चुका है और साथ ही लोगों के मन से लगातार चल रही सवाल कौन बनेगा विनर वो भी खत्म हो गया है, फाइनली एम सी स्टेन विनर बच चुके हैं,  यानि बिग बॉस 16 का ट्रॉफी एम सी स्टेन अपने नाम कर चुके हैं.

हालांकि सभी कंटेस्टेंट अपने अलग- अलग अंदाज में दर्शकों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ा है लेकिन एम सी स्टेन इस शो के विनर बच चुके हैं. एम सी स्टेन का अंदाज बाकियों से बिल्कुल अलग था शायद इसलिए उन्हें विनर बनया गया.

 

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एमसी स्टेन ने एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं इस शो का विनर बनूंगा लेकिन मैं दर्शकों का  आभार करता हूं.  एमसी स्टेन ने बताया कि मुझे लग रहा था कि इस का विनर शिव ठाकरे होंगे. और वह इस शो का ट्रॉफी लेकर जाएंगे.

जब एमसी स्टेन से पूछा गया कि जब सलमान खान ने उन्हें विनर अनाउंस किया तो उन्हें कैसा लग रहा था इस पर उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं रोऊं या फिर हंसू. मैं काफी ज्यादा खुश और इमोशननल दोनों था.

सिद्धार्थ कियारा रिसेप्शन: ब्लैक साड़ी में पति अनंत अंबानी संग पहुंची श्लोका मेहता

सिद्धार्थ और कियारा 7 फरवरी को हमेशा के लिए एक-दूसरे के हो चुके हैं, इनकी शादी जैसलमेर के सूर्यगढ़ किले से हुई थी, जहां पर तमाम सितारे बधाई देने पहुंचे थें, यह शादी पिछले कई दिनों से काफी ज्यादा चर्चा में बना हुआ है.

सूर्यगढ़ से हुई इस शादी में कियारा आडवाणी कि बचपन की सहेली ईशा अंबानी भी अपने पति आनंद पिरामल के साथ पहुंची थी, जहां पर दोनों एक शाही अंदाज में एंट्री किए थें. सिड और कियारा के रिसेप्शन में ईशा अंबानी की भाभी श्लोका मेहता और अनंत अंबानी नजर आएं, श्लोका ब्लैक कलर की साड़ी में काफी खूबसूरत लग रही थी.

 

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इनकी साड़ी की चर्चा जमकर सोशल मीडिया पर हो रही है, वहीं रिसेप्शन में कियारा ब्लैक और ऑफ व्हाइट वेस्टर्न गाउन में काफी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी, कियारा के साथ उनके पति सिद्धार्थ मल्होत्रा ने ब्लैक कलर का आउटफिट मैच किया था, जिसमें वह काफी जच रहे थें.

सिद्धार्थ और कियारा की जोड़ी लोगों को खूब पसंद आ रही है, सिद्धार्थ और कियारा अपनी रिसेप्शन में अपने कुछ खास मेहमानों को बुलाया था, जिसमें कई हस्तियां शिरकत करती नजर आ रही थी.

वहीं इससे पहले कियारा अपने ससुराल पहुंची थीं, जहां पर उनका भव्य स्वागत हुआ था, फैंस लगातार कियारा सिद्धार्थ को बधाई दे रहे हैं.

राष्ट्रवाद के नाम पर नरेंद्र दामोदरदास मोदी इस्तीफा दें

नरेंद्र दामोदरदास मोदी उनकी सरकार, उनकी सहयोगी संस्थाएं उनकी मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयं संघ हर हमेशा राष्ट्रवाद की बात करते हैं. उनके लिए राष्ट्र सबसे आगे है. अब अदाणी की सारी कहानी आज हमारे देश भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए एक सबक बन गया है कि किस तरह राजनीति और उद्योगपति मिलकर देश को चौराहे पर ला सकते हैं .ऐसे में उनसे राष्ट्रवाद के नाम पर ही कांग्रेस और अन्य पार्टियों को लोकसभा में इस्तीफा मांगना चाहिए.

जिस तरह तलवार से तलवार और कलम से कलम ही सवाल-जवाब कर सकती है उसी तरह आज जब देश को क्षति पहुंचाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी की सरकार में काम हुआ है दुनिया भर में किरकिरी हुई है और अरबों रुपए के वारे न्यारे हो गए हैं और इसके बावजूद संसद में मोदी सरकार इस पर चर्चा नहीं कराना चाहती और उल्टे विपक्ष को ही गलत ठहरा रही है इससे सिद्ध हो जाता है कि नरेंद्र मोदी सरकार का अदाणी और अंबानी दोनों को ही पूरा संरक्षण है. आज अदाणी अगर 209 से दूसरे नंबर के अमीर बन गए तो यह कोई अपने खून पसीने को बहाकर दुनिया के अमीर नहीं बने थे बल्कि यह सीधा-सीधा एक बड़ा फर्जीवाड़ा था जो अब उनकी कंपनी के शेयर धराशाई होने के बाद देश के सामने है. ऐसे में नरेंद्र दामोदरदास मोदी को राष्ट्रवाद के नाम पर ही इस्तीफा दे देना चाहिए अगर वह सच्चे भारतीय हैं सच्चे देशभक्त हैं तो उन्हें यह कुर्बानी हंसते-हंसते देनी चाहिए.

कल्पना कीजिए कि अगर यह सब कुछ कांग्रेस के राज में हुआ होता तो राष्ट्र और देश के नाम पर भाजपा के नेता लोग सारे देश में माइक लेकर के कांग्रेस को देश के कटघरे में खड़ा कर देते. मगर आज का विपक्ष भाजपा की रणनीति के सामने बौना हो गया है यही कारण है कि इतने बड़े मसले पर भी नरेंद्र मोदी से इस्तीफा नहीं लिया जा सका. ———————–

राहुल के संसद में बेबाक बोल _________

केरल से कश्मीर तक यात्रा करके संसद में पहुंचे राहुल गांधी ने संसद में जिस तरह हमला बोला है वह अद्भुत है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडाणी समूह मामले को लेकर केंद्र सरकार को घेरा , लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण प्रस्ताव पर चर्चा पश्चात राहुल गांधी ने कहा – केरल से कश्मीर तक 3600 किलोमीटर की यात्रा में एक ही सवाल था, अडाणी, अडाणी अडाणी. इस पर विपक्षी दलों ने ‘शेम-शेम-शेम’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे लगाए और केंद्र सरकार को घेरा. राहुल गांधी कहा – केंद्र सरकार ने अडाणी को ये हवाई अड्डे देने के लिए नियमों को बदल दिया और छह हवाईअड्डे अडाणी को उपलब्ध कराए.

राहुल गांधी ने कहा यही नहीं वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के दिल्ली आने के बाद असली जादू यह हुआ है कि बीते आठ वर्षों के भीतर उद्योगपति गौतम अडाणी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए.उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा – हार्वर्ड (अमेरिकी संस्थान) को अध्ययन करना चाहिए कि राजनीति और कारोबार का क्या रिश्ता होता है? इसमें प्रधानमंत्री को स्वर्णपदक मिलेगा.

राहुल गांधी ने बेबाकी से कहा कहा 2014 में दुनिया के अमीर लोगों की सूची में अडानी 609 वें नंबर पर थे, पता नहीं, जादू हुआ और वह दूसरे नंबर पर आ गए. राहुल गांधी ने कहा- भारत जोड़ो यात्रा में लोगों ने पूछा आखिर यह सफलता कैसे हुई और भारत के प्रधानमंत्री के साथ अडाणी का क्या रिश्ता है ?
गांधी ने अपने लंबे भाषण में नरेंद्र मोदी और उसकी सरकार की बेहद प्रभावी ढंग से घेराबंदी की मगध नरेंद्र मोदी अब मौन हो गए हैं आप आजकल नरसिम्हा राव जो एक समय मौनी प्रधानमंत्री के नाम से जाने जाते थे, जैसा व्यवहार करने लगे हैं. मगर सवाल देश का है और अगर देश के नाम पर नरेंद्र दामोदरदास मोदी मौन होंगे तो क्या देश उन्हें माफ करेगा, इतिहास माफ करेगा.

राहुल गांधी ने महत्वपूर्ण तरीके से पांच मुद्दों पर सरकार को घेरा यह है –
पहला- प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं के बाद अडाणी को मिला लाभ.
दूसरा- ग्रीन इन्सेंटिव’ के नाम पर अडाणी समूह को सहयोग .
तीसरा- जांच एजेंसियों ईडी व सीबीआइ के दुरुपयोग .
चौथा- अग्निवीर योजना से युवा खुश नहीं, योजना को आरएसएस ने बनाया.
पांचवां- राष्ट्रपति के अभिभाषण में महंगाई और बेरोजगारी का जिक्र नहीं किया गया .

भगवा ब्रिगेड और शाहरुख खान की “पठान”

शाहरुख खान की ‘पठान’ : हिंसा, नफरत और सेक्स की भूख से उपजी कुंठाओं का शोषण और कारोबार है. इस सब के बावजूद एक बार फिर सिद्ध हो गया कि देश में भगवा ब्रिगेड चाहे जितने चिल्ल पौं कर ले भारत की आत्मा की आवाज कुछ और है जिसमें मूल रूप से धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता एक मिसाल है. राष्ट्रीय स्वयं संघ , भारतीय जनता पार्टी और भगवा ब्रिगेड की लाख कोशिश करने के बाद भी शाहरुख खान की फिल्म पठान सफलता के झंडे गाड़ रही है ऐसे में इन सभी के हाथ पांव फूल गए और यह लोग पर्दे से गायब हो गए हैं और कहीं विरोध का नाम नहीं ले रहे.

दरअसल, शाहरुख खान की फिल्म पठान हो या फिर आमिर खान की या फिर अन्य किसी खान बंधुओं की कुछ लोग यह चाहते हैं कि यह चाहे कितना ही अच्छा करें इनका विरोध करना है. और देश में मुस्लिम बनाम हिंदुत्व की भावना को पैदा करके माहौल में विष पैदा करना है और अपनी सत्ता बनाए रखनी है, मगर यह सब देश की जनता देख समझ रही है. यही कारण है कि लाख कोशिशों के बावजूद पठान फिल्म सफलता के झंडे गाड़ रही है देश ही नहीं दुनिया भर में जिस तरह यह फिल्म कमाई कर रही है सभी आश्चर्यचकित हैं.

वस्तुत: स्वयं शाहरुख खान ने भी नहीं सोचा होगा की देश में ज़ोरदार विरोध के बाद यह फिल्म ऐसा कमाल दिखा पाएगी. आपको बताते चलें कि शाहरुख खान की फिल्म पठान को प्रदर्शित हुए दो सप्ताह का समय हो गया है और यह फिल्म हर दिन एक नया कीर्तिमान अपने नाम कर रही है. 25 जनवरी को प्रदर्शित हुई पठान ने कमाई के मामले में बड़ी बड़ी फिल्मों को पीछे छोड़ दिया है. सिद्धार्थ आनंद के निर्देशन में बनी पठान विरोध को मुंह चिढ़ाते हुए कमाई कर रही है. फिल्म ने दूसरे सप्ताह 65.75 करोड़ का कारोबार किया है और शाहरुख खान की यह फिल्म( देश )भारत में 453.25 करोड़ के बड़े आंकड़े को पार कर चुकी है, जबकि विश्वव्यापी स्तर पर फिल्म ने 879 करोड़ रुपए की कमाई की है.

जिस तरह से पठान कमाई के मामले में आगे बढ़ रही है, देख कर कहा जा सकता है कि शीघ्र शाहरुख की फिल्म “पठान” ‘बाहुबली’ का कीर्तिमान भी तोड़ सकती है. अगर ऐसा हो गया तो विरोध करने वालों के मुंह पर या एक बड़ा सवाल होगा कि आपने अपना काम किया खूब विरोध किया मगर देश की जनता आपके द्वेष तोड़ फोड़ की नीति का विरोध करती है. यहां यह भी याद रखना चाहिए कि पिछले समय जब आमिर खान की फिल्म आई तो यही दस्ता लोक पर उतर आया और जब से ब्लॉक हो गई तो अपनी पीठ थपथपा रहा था अब मुंह छुपाता फिर रहा है . _______ पठान फिल्म की सफलता के मायने
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भारत देश जैसे देश में पठान फिल्म की सफलता ने कई अर्थों में यह खुलासा कर दिया है कि देश सच में अनेकता में एकता की मिसाल है, हजारों सालों से यहां विभिन्न संस्कृतियों मिलजुलकर रहती रही हैं और अनेक जातियां धर्म साथ कर रहते हैं और रहेंगे. चंद लोग चाहे कितना ही प्रयास करें चाहे सत्ता में आ जाएं मगर देश की एकता को कोई तोड़ नहीं सकता.

बता दें कि इस्टाग्राम पर शाहरुख ने एक तस्वीर शेयर की है और एक बड़ी संकेतिक बात लिखी है,- सूरज अकेला है, यह जलता है और अंधेरे से फिर से चमकने के लिए आता है. पठान पर सूरज को चमकने देने के लिए आप सभी का धन्यवाद. एक तस्वीर में, सूरज की किरणें शाहरुख पर पड़ते ही उन्हें अपनी दाढ़ी दिखाते हुए देखा जा सकता है. पठान ने बाक्स आफिस पर इतिहास रच दिया है और 850 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई कर ली है. हाल ही में एक पार्टी आयोजित की गई जिसमें शाहरुख, दीपिका और सिद्धार्थ ने पठान के निर्माण के अपने अनुभव साझा किए.

उन्होंने कहा, -वापस आना अच्छा है. मैं फिल्म खत्म करने की जल्दी में नहीं हूं. लोगों के बीच खुशियां बांटना और मनोरंजन के लिए फिल्में बनाना हमेशा से मेरी इच्छा रही है. जब भी मैं ऐसा करने में विफल होता हूं, तो बहुत बुरा लगता है. मैं बहुत खुश हूं कि मैं खुशियां बांट पाया और खासकर उन लोगों के लिए जो मेरे दिल के करीब हैं. यह सच है कि पठान फिल्म बॉलीवुड शैली की एक सामान्य फिल्म है इसके बावजूद अगर यह सफल है तो आरएसएस परिवार के लिए एक सबक है.

इस वैलंटाइन्स डे पर अपनी शादीशुदा जिंदगी में लाएं नयापन

शादी से पहले रोज डे ,परपोज़ डे ,हग डे ,वैलंटाइन्स डे और शादी के बाद खाना दे, चाय दे ,पानी दे और बस जीने दे।। क्या आपको भी अपनी शादीशुदा लाइफ में यही शिकायत रहती है। क्या आपको भी लगता है कि वैलंटाइन्स डे गर्ल फ्रेंड व बॉय फ्रेंड के लिए ही बना है शादी शुदा ज़िंदगी में इनकी कोई अहमियत नहीं। अक्सर शादी के बाद कपल्स में रोमांस कम हो जाता हैं जो रिश्ते को कमजोर भी बनता है.ऐसे में इस वैलंटाइन्स डे पर करें कुछ खास और बेहतर बनाएं अपने पार्टनर के साथ रिश्ता। महिला हों या पुरुष अपनाएं हमारे दिए गए ये वैलेंटाइन डे स्पेशल टिप्स.

1.फूलों के साथ करें सुबह का स्वागत
अपने पार्टनर को सुबह में उठाते समय एक प्यारी सी किस के साथ फूलों का गुलदस्ता या एक गुलाब का फूल देकर जगाएं। और उसके साथ प्यार के वो तीन शब्द यानी आई लव यू बोलना न भूले . यह यकीनन उनकी सुबह को शानदार बना देगा। साथ ही यह आपके दिल में बसे उनके प्रति प्रेम को महसूस करने में मदद भी करेगा.
पसंदिता ब्रेकफास्ट करें तैयार
अपने पार्टनर की पसंद का नाश्ता बनाएं साथ ही कॉफी या नाश्ते पर क्रीम या सॉस से आप हार्ट शेप बना कर वैलेंटाइन स्पेशल ब्रेकफास्ट टच देकर सर्व करें. उसके साथ में एक प्यार भरा रोमांटिक सा नोट भी लिख कर दें सकते हैं.
एक दूजे को दें समय
आप दोनों कामकाजी हैं या परिवारिक ज़िम्मेवारियों के चलते आप एक दूसरे को समय नहीं दें पाते हैं तो वैलेंटाइन्स डे पर ऑफिस से छुट्टी प्लान कर सकते हैं .अगर ऐसा मुमकिन नहीं हो तो शाम के समय अपने पार्टनर के साथ उनकी पसंदिता जगह पर घूमने जाएं व रोमांटिक डिनर करें। यदि बाहर न भी जा पाएं तो अपने घर में ही रोमांटिक कैंडल लाइट डिनर कर सकते हैं .
रोमांटिक थीम नाईट
अगर आपकी प्लानिंग होटल में रुकने की है तो पहले से बुकिंग करना न भूले क्योंकि वैलंटाइन्स डे पर रेस्ट्रॉन्ट या होटल में जगह मिल पाना मुश्किल होता है. लकिन यदि आप अपने घर में ही हैं तो अपने बैडरूम को फूलों ,गुब्बारे व कैंडल लाइट से डेकोरेट कर सकते हैं। साथ ही रोमांटिक म्यूजिक के साथ सैक्ससी लुक में अपनी रोमांटिक नाईट सेलिब्रेट कर सकते हैं। यह आपकी इंटिमेसी को सेक्सी टर्न देने में मदद करेगा। और आप के वैलंटाइन्स डे को स्पेशल बनाने के साथ साथ आपके बीच की दूरियों को भी खत्म करेगा व लाइफ में रोमांस बढ़ाएगा ।

Valentine’s Special- सबसे बड़ा गिफ्ट: नेहा ने राहुल को कौन-सा तोहफा दिया?

Writer- Dr.Shashikant Kapoor

राहुल रविवार के दिन सुबह जब नींद से जागा तो टैलीफोन की घंटी लगातार बज रही थी. अकसर ऐसी स्थिति में नेहा टैलीफोन अटैंड कर लेती थी. रोज जो बैड टी, बैड के पास के टेबल पर रख कर उसे जगाया जाता था, आज वह भी मिसिंग थी.

नेहा को आवाज लगाई तो भी कोई उत्तर न पा राहुल खुद बिस्तर से उठ कर टैलीफोन तक गया.

‘‘हैलो, मैं नेहा बोल रही हूं,’’ दूसरी तरफ से नेहा की ही आवाज थी.

‘‘कहां से बोल रही हो?’’ राहुल ने पूछा.

‘‘मैं ने एक अपार्टमैंट किराए पर ले लिया है. अब मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकती.’’

‘‘देखो, तुम ऐसा नहीं कर सकतीं,’’ राहुल ने कहा.

‘‘मैं वैसा ही करूंगी जैसा मैं सोच चुकी हूं,’’ नेहा ने बड़े इतमीनान से कहा, ‘‘तुम चाहते हो कि तुम कोई काम न करो, मैं कमा कर लाऊं और घर मेरी कमाई से ही चले, ऐसा कब तक चलेगा? मैं तुम से तलाक नहीं लूंगी. बस तब तक अकेली रहूंगी, जब तक तुम कोई काम नहीं ढूंढ़ लोगे. मैं तुम्हें जीजान से चाहती हूं, मगर तुम्हें इस स्थिति में नहीं देखना चाहती कि तुम मेरे रहमोकरम पर ही रहो. मैं तुम्हारे नाम के साथ तभी जुड़ूंगी, जब तुम कुछ कर दिखाओगे.’’

‘‘तुम अपने मांबाप के घर भी तो रह सकती हो. वे बहुत अमीर हैं. वहां आराम से और सब सुखसुविधाओं के बीच रहोगी,’’ राहुल ने सलाह दी तो बगैर तैश में आए नेहा का उत्तर था, ‘‘मैं उन के पास तो बिलकुल नहीं जाऊंगी. मेरे आत्मसम्मान को यह मंजूर नहीं है. हां, मैं संपर्क सब के साथ रखूंगी, लेकिन तुम्हारे साथ रहना मुझे तभी मंजूर होगा जब तुम जिंदगी में किसी काबिल बन जाओगे.’’

क्षण भर के लिए राहुल किंकर्तव्यविमूढ हो  गया. उस ने ऐसा कभी सोचा भी न था कि नेहा इस तरह उसे अचानक छोड़ कर अकेले जीवन बिताने का कदम उठा लेगी. उस ने नेहा से कहा, ‘‘यदि तुम ने अलग रहने का फैसला कर ही लिया है तो अपने पापा को इस विषय में सूचना दे दो.’’

नेहा ने राहुल की सलाह मान ली. उस के पापा ने जब उसे मायके आने के लिए कहा तो नेहा ने कहा, ‘‘पापा, आप ने पढ़ालिखा कर मुझे इस काबिल बनाया है कि मैं अपने पैरों पर खड़ी हो सकूं. मैं राहुल को तलाक नहीं दे रही हूं. आप को पता है कि मैं राहुल को बहुत चाहती हूं. आप के और ममा के विरोध के बावजूद मैं ने राहुल से विवाह किया. मैं तो बस इतना चाहती हूं कि राहुल को उस मोड़ पर ला कर खड़ा कर दूं, जहां वह कुछ बन कर दिखाए.’’

नेहा की बात उस के पापा की समझ में आ गई. उन्होंने कहा, ‘‘नेहा, इस रचनात्मक कदम पर मैं तुम्हारे साथ हूं. फिर भी यदि कभी सहायता की जरूरत हो तो संकोच न करना, मुझे बता देना.’’

राहुल को इस तरह नेहा का अचानक उसे छोड़ कर जाना अच्छा नहीं लगा, लेकिन उसे इस बात से बहुत राहत मिली कि नेहा ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि स्थिति बदली और राहुल ने या तो कोई व्यवसाय कर लिया या अपनी काबिलीयत के आधार पर कोई अच्छी नौकरी कर ली, तो वह उस की जिंदगी में फिर वापस आएगी. नेहा ने राहुल को यह भी स्पष्ट कर दिया कि उसे सारा ध्यान अपने बेहतर भविष्य और कैरियर पर लगाना चाहिए. वह उस से मिलने की भी कोशिश न करे, न ही मोबाइल पर लंबीचौड़ी बातें करे. राहुल को तब बहुत बुरा लगा जब उस ने अपना पता तो बता दिया, लेकिन साथ में यह भी कह दिया कि वह उस के घर पर न आए. वह तब ही आ कर उस से मिल सकता है, जब आय के अच्छे साधन जुटा ले और जिंदगी में उस की उपलब्धियां बताने लायक हों.

नेहा को इस बात का बहुत संतोष था कि अब तक उस की कोई औलाद नहीं थी और वह स्वतंत्रतापूर्वक दफ्तर के कार्य पर पूरा ध्यान और समय दे सकती थी. नेहा के बौस उम्रदराज और इंसानियत में यकीन रखने वाले सरल स्वभाव के व्यक्ति थे, इसलिए नेहा को दफ्तर के वातावरण में पूरी सुरक्षा और सम्मान हासिल था. एक योग्य, स्मार्ट और आधुनिक महिला के रूप में उस की छवि बहुत अच्छी थी, दफ्तर के सहकर्मी उस का आदर करते थे.

कालेज की कैंटीन में राहुल ने नेहा को पहली बार देखा था. वह अपनी बहन सीमा का दाखिला बी.ए. में करवाने के लिए वहां गया था. पहली नजर में नेहा उसे बहुत सुंदर लगी. वह अपनी सहेलियों के साथ कैंटीन में थी. बाद में उसे देखने के लिए वह सीमा को कालेज छोड़ने के बहाने से जाने लगा. नेहा को भी बारबार दिखने पर राहुल का व्यक्तित्व, चालढाल, तौरतरीका आकर्षक लगा. फिर सीमा से कह कर उस ने नेहा से परिचय कर ही लिया. बाद में जब उन्होंने शादी की तब राहुल पोस्ट ग्रैजुएट था लेकिन कोई नौकरी नहीं कर रहा था और नेहा एम.बी.ए. करने के बाद नौकरी करने लगी थी.

राहुल से अलग रहने में नेहा ने कोई कष्ट अनुभव नहीं किया, क्योंकि यह उस का अपना सोचासमझा फैसला था. दृढ़ निश्चय और स्पष्ट सोच के कारण अपने बौस की पर्सनल सैक्रेटरी का काम वह बखूबी कर रही थी. धीरेधीरे औफिस में बौस के साथ उस की नजदीकियां बढ़ रही थीं. ऐसे में उन्हें कोई गलतफहमी न हो जाए, इस के लिए उस ने अपने संबंध के विषय में स्पष्ट करते हुए एक दिन उन से कहा, ‘‘सर, मैं अपने पति से अलग भले ही रह रही हूं किंतु मेरा पति के पास वापस जाना निश्चित है. फ्लर्टिंग में मैं यकीन नहीं रखती हूं. हां, महीने में 1-2 बार डिनर या लंच पर मैं आप के साथ किसी अच्छे रेस्तरां में जाना पसंद करूंगी. वह भी इस खयाल से कि अगर इस बात की खबर राहुल को पहुंची या कभी आप के साथ आतेजाते उस ने देख लिया तो या तो उसे आप से ईर्ष्या होगी या इस बात का टैस्ट हो जाएगा कि वह मुझ पर कितना विश्वास करता है. दूर रहने पर संदेह पैदा होने में देर नहीं लगती.’’

उधर अपनी योग्यता के बल पर और कई इंटरव्यू दे कर राहुल एक अच्छी नौकरी पा चुका था. एक मल्टीनैशनल कंपनी में उसे पब्लिक रिलेशन औफिसर के पद पर काम करने का अवसर मिल चुका था.

नौकरी शुरू करने के 2 महीने बाद राहुल ने नेहा को फोन पर इस विषय में सूचना दी, ‘‘नेहा, मैं पिछले 2 महीने से नौकरी कर रहा हूं.’’

‘‘बधाई हो राहुल, मुझे पता था कि तुम्हारी अच्छाइयां एक दिन जरूर रंग लाएंगी.’’

राहुल को बहुत समय बाद नेहा से बात करने का मौका मिला था. उस की खुशी फोन पर बात करते समय नेहा को महसूस हो रही थी. वह भी बहुत खुश थी. राहुल ने कहा, ‘‘अभी फोन मत काटना, कुछ और भी कहना चाहता हूं. बातें और करनी हैं. नेहा, वापस मेरे पास आने के बारे में जल्दी फैसला करना…’’

राहुल अपने विषय में बहुत कुछ बताना चाहता था लेकिन नेहा बीच में ही बोल पड़ी, ‘‘मेरे बौस अपने चैंबर में मेरा इंतजार कर रहे हैं. एक मीटिंग के लिए मुझे पेपर्स तैयार करने हैं. जो बातें तुम पूछ रहे हो, उस विषय में मैं बाद में बात करूंगी.’’

जिस तरह सोना आग में तपतप कर कुंदन बनता है, ठीक वैसे ही राहुल ने जीजान से मेहनत की. उसे कंपनी ने विदेशों में प्रशिक्षण के लिए भेजा और 1 वर्ष के भीतर ही पदोन्नति दी. राहुल, जिस में शुरुआत में आत्मविश्वास व इच्छाशक्ति की कमी थी, अब एक सफल अधिकारी बन चुका था. उस के पास आने की बात का नेहा से कोई उत्तर न मिलने पर उस में क्रोध जैसी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. वह नेहा को उस के प्रति छिपे प्यार को पहचान रहा था.

मन से नेहा उस के पास आने को आतुर थी, मगर इस बात के लिए न तो वह पहल करना चाहती थी, न ही जल्दबाजी में कोई निर्णय लेना चाहती थी.

नेहा के पापा और ममा ने कभी ऐसी भूमिका नहीं अदा की कि वे नेहा और राहुल के आत्मसम्मान के खिलाफ कोई काम करें. नेहा को पता भी नहीं चला कि उस के पापा राहुल को फोन कर के उस का हालचाल जानते रहते हैं और अपनी तरफ से उसे उस के अच्छे कैरियर के लिए मार्गदर्शन देते रहते हैं. राहुल के पिता का देहांत उस के बचपन में ही हो चुका था. राहुल के घर पर उस की मां और बहन के अलावा और कोई नहीं था. बहुत छोटी फैमिली थी उस की.

नेहा के बौस ने एक दिन नेहा को बताया कि उसे उन के साथ एक मीटिंग में दिल्ली चलना है. लैपटौप पर कुछ रिपोर्ट्स बना कर साथ ले जानी हैं और कुछ काम दिल्ली के कार्यालय में भी करना होगा. वहां जाने पर कामकाज की बेहद व्यस्तता होने पर भी वे समय निकाल कर नेहा को डिनर के लिए कनाट प्लेस के एक अच्छे रेस्तरां में ले गए. डिनर तो एक बहाना था. दरअसल, वे संक्षेप में अपने जीवन के बारे में कुछ बातें नेहा के साथ शेयर करना चाहते थे.

‘‘नेहा, तुम ने एक दिन मुझ से स्पष्ट बात की थी कि तुम फ्लर्ट करने में विश्वास नहीं करती हो. लेकिन किसी को पसंद करना फ्लर्ट करना नहीं होता. मैं तुम्हारे निर्मल स्वभाव और अच्छे कामकाज की वजह से तुम्हें पसंद करता हूं. तुम स्मार्ट हो, हर काम लगन से समय पर करती हो, दफ्तर में सब सहकर्मी भी तुम्हारी बहुत तारीफ करते हैं.’’ बौस के ऐसा कहने पर नेहा ने बहुत आदर के साथ अपने विचार कुछ इस तरह व्यक्त किए, ‘‘सर, जो बातें आप बता रहे हैं उन्हें मैं महसूस करती हूं. आप को ले कर मुझे औफिस में कोई असुरक्षा की भावना नहीं है. आप ने मेरा पूरा खयाल रखा है.’’

वे आगे बोले, ‘‘मैं अपनी पर्सनल लाइफ किसी के साथ शेयर नहीं करता. लेकिन न जाने क्यों दिल में यह बात उठी कि तुम से अपने मन की बात कहूं. तुम में मुझे अपनापन महसूस होता है. अगर मेरा विवाह हुआ होता तो शायद तुम्हारी जैसी मेरी एक बेटी होती. बचपन में ही मांबाप का साया सिर से उठ गया था. तब से अब तक मैं बिलकुल अकेला हूं. घर पर जाता हूं तो घर काटने को दौड़ता है. दोस्त हैं लेकिन कहने को. सब स्वार्थ से जुड़े हैं. कोई रिश्तेदार शहर में नहीं है. शायद तुम्हें मेरे हावभाव या व्यवहार से ऐसा लगा हो कि मेरी तरफ से फ्लर्ट करने जैसी कोई कोशिश जानेअनजाने में हो गई है. लेकिन ऐसा नहीं है. मैं ने मांबाप को खोने के बाद मन में कभी यह बात आने नहीं दी कि मैं विवाह करूंगा. मेरी जिंदगी में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं है.’’

नेहा भी थोड़ी भावुक हो गई. उसे लगा कि जिंदगी में सच्चे मित्र की आवश्यकता सभी को होती है. उस ने अपने पति में भी एक सच्चे दोस्त की ही तलाश की थी.

मीटिंग के बाद नेहा अपने बौस के साथ चंडीगढ़ लौट आई. अपने बौस जैसे इंसान को करीब से देखने, परखने का यह अवसर उसे जीवन के अच्छे मूल्यों और अच्छाइयों के प्रति आश्वस्त करा गया. उन्होंने नेहा से यह भी कहा कि जहां तक संभव होगा वे उसे राहुल के जीवन में वापस पहुंचाने में पूरी मदद करेंगे. नेहा मन ही मन बहुत खुश थी. उसे ऐसा लग रहा था जैसे बौस के रूप में उसे एक सच्चा दोस्त मिल गया हो.

वे दिल्ली में मैनेजिंग डायरैक्टर से विचारविमर्श कर के नेहा को पदोन्नति देने के विषय में निर्णय ले चुके थे. लेकिन यह बात उन्होंने गुप्त ही रखी थी. सोचा था किसी अच्छे मौके पर वह प्रमोशन लैटर नेहा को दे देंगे.

कंपनी की ऐनुअल जनरल मीटिंग की तिथि निश्चित हो चुकी थी, जो सभी कर्मचारियों और शेयर होल्डर्स द्वारा अटैंड की जानी थी. भव्य प्रोग्राम के दौरान उन्होंने प्रमोटेड कर्मचारियों के नामों की घोषणा की, जिस में नेहा का नाम भी था. नेहा ने देखा कि उस का पति राहुल भी हौल में बैठा था. नेहा की खुशी का ठिकाना न था. नेहा ने बौस से इस विषय में पूछा तो उन्होंने उत्तर दिया कि राहुल को मैं ने आमंत्रित किया है. वैसे इस कंपनी के कुछ शेयर्स भी इस ने खरीदे हैं. आज का दिन तुम्हारे लिए आश्चर्य भरा है. जरा इंतजार करो. मैं वास्तव में तुम्हारे गार्जियन की तरह कुछ करने वाला हूं. नेहा कुछ समझ नहीं पाई. उस ने चुप रहना बेहतर समझा.

घोषणाओं का सिलसिला चलता रहा. फिर नेहा के बौस ने घोषणा की, ‘‘फ्रैंड्स, आप को जान कर खुशी होगी कि यहां आए राहुल की योग्यता और अनुभव के आधार पर उस का चयन हमारी कंपनी में असिस्टैंट जनरल मैनेजर पद के लिए हो चुका है. राहुल और उस की पत्नी नेहा को बधाई हो.’’

नेहा की आंखों से आंसुओं की अविरल धारा बह निकली. सब आमंत्रित लोगों के जाने के बाद, राहुल और नेहा दोनों उन के पास गए और उन को धन्यवाद प्रकट किया. खुशनुमा माहौल था.

‘‘कैन आई हग यू?’’ उन्होंने नेहा से पूछा.

‘‘ओ श्योर, वाई नौट’’ कहते हुए नेहा उन से ऐसे लिपट गई, जैसे वह अपने पापा से लाड़प्यार में लिपट जाया करती थी. उन की आंखें भर आई थीं. उन्हें लगा जैसे एक पौधा जो मुरझा रहा था, उन्होंने उस की जड़ें सींच दी हैं.

आंसुओं के बीच उन्होंने नेहा से कहा, ‘‘आज की शाम का सब से बड़ा गिफ्ट मैं तुम्हें दे रहा हूं. राहुल के साथ आज ही अपने घर लौट जाओ. अब तुम दोनों की काबिलीयत प्रूव हो चुकी है.’’

तारक मेहता में नए टप्पू की एंट्री, क्या जीत पाएंगे दर्शकों का दिल

टीवी के पॉपुलर शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा देखने वाले दर्शकों को काफी बड़ा झटका लगा है, जब राज आनदकट यानि टप्पू ने शो को अलविदा कह दिया है, इस खबर के आते ही इनके फैंस काफी ज्यादा दुखित हो गए थें.

खैर अब शो में नए टप्पू की एंट्री हो चुकी है, शो के मेकर्स ने कहा है कि जल्द ही शो में नए टप्पू का आगमन होगा, वह नए टप्पू के साथ शो को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, मेकर्स ने नीतीश भलूनी को शो के लिए फाइनल किया है. अब वह टप्पू बनकर दर्शकों को एटरटेन करते नजर आएंगे.

खबर है कि नीतिश जल्द शो कि शूटिंग भी शुरू करेंगे, देखते हैं जेठालाल के बेटे बनकर टप्पू ऑडियंस का दिल जीत पाते हैं या नहीं. क्योंकि पिछले 14 साल से यह शो दर्शकों की मन पसंद शो बनी हुई है, इस शो को देखने के लिए फैंस हमेशा इंतजार में बने रहते हैं.

इससे पहले नीतिश मेरी डोली मेरे अंगना सीरियल में काम कर चुके हैं, वैसे देखते हैं कि टप्पू बनकर ऑडियंस का दिल जीतने में कामयाब होते हैं या नहीं. टीवी इंजस्ट्री में नीतिश का यह बहुत बड़ा ब्रेक हो सकता है. क्योंकि पिछले 4 सालों में यह शो लोगों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ा  है.

 

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