नरेंद्र दामोदरदास मोदी उनकी सरकार, उनकी सहयोगी संस्थाएं उनकी मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयं संघ हर हमेशा राष्ट्रवाद की बात करते हैं. उनके लिए राष्ट्र सबसे आगे है. अब अदाणी की सारी कहानी आज हमारे देश भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए एक सबक बन गया है कि किस तरह राजनीति और उद्योगपति मिलकर देश को चौराहे पर ला सकते हैं .ऐसे में उनसे राष्ट्रवाद के नाम पर ही कांग्रेस और अन्य पार्टियों को लोकसभा में इस्तीफा मांगना चाहिए.

जिस तरह तलवार से तलवार और कलम से कलम ही सवाल-जवाब कर सकती है उसी तरह आज जब देश को क्षति पहुंचाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी की सरकार में काम हुआ है दुनिया भर में किरकिरी हुई है और अरबों रुपए के वारे न्यारे हो गए हैं और इसके बावजूद संसद में मोदी सरकार इस पर चर्चा नहीं कराना चाहती और उल्टे विपक्ष को ही गलत ठहरा रही है इससे सिद्ध हो जाता है कि नरेंद्र मोदी सरकार का अदाणी और अंबानी दोनों को ही पूरा संरक्षण है. आज अदाणी अगर 209 से दूसरे नंबर के अमीर बन गए तो यह कोई अपने खून पसीने को बहाकर दुनिया के अमीर नहीं बने थे बल्कि यह सीधा-सीधा एक बड़ा फर्जीवाड़ा था जो अब उनकी कंपनी के शेयर धराशाई होने के बाद देश के सामने है. ऐसे में नरेंद्र दामोदरदास मोदी को राष्ट्रवाद के नाम पर ही इस्तीफा दे देना चाहिए अगर वह सच्चे भारतीय हैं सच्चे देशभक्त हैं तो उन्हें यह कुर्बानी हंसते-हंसते देनी चाहिए.

कल्पना कीजिए कि अगर यह सब कुछ कांग्रेस के राज में हुआ होता तो राष्ट्र और देश के नाम पर भाजपा के नेता लोग सारे देश में माइक लेकर के कांग्रेस को देश के कटघरे में खड़ा कर देते. मगर आज का विपक्ष भाजपा की रणनीति के सामने बौना हो गया है यही कारण है कि इतने बड़े मसले पर भी नरेंद्र मोदी से इस्तीफा नहीं लिया जा सका. -----------------------

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