शाहरुख खान की 'पठान' : हिंसा, नफरत और सेक्स की भूख से उपजी कुंठाओं का शोषण और कारोबार है. इस सब के बावजूद एक बार फिर सिद्ध हो गया कि देश में भगवा ब्रिगेड चाहे जितने चिल्ल पौं कर ले भारत की आत्मा की आवाज कुछ और है जिसमें मूल रूप से धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता एक मिसाल है. राष्ट्रीय स्वयं संघ , भारतीय जनता पार्टी और भगवा ब्रिगेड की लाख कोशिश करने के बाद भी शाहरुख खान की फिल्म पठान सफलता के झंडे गाड़ रही है ऐसे में इन सभी के हाथ पांव फूल गए और यह लोग पर्दे से गायब हो गए हैं और कहीं विरोध का नाम नहीं ले रहे.

दरअसल, शाहरुख खान की फिल्म पठान हो या फिर आमिर खान की या फिर अन्य किसी खान बंधुओं की कुछ लोग यह चाहते हैं कि यह चाहे कितना ही अच्छा करें इनका विरोध करना है. और देश में मुस्लिम बनाम हिंदुत्व की भावना को पैदा करके माहौल में विष पैदा करना है और अपनी सत्ता बनाए रखनी है, मगर यह सब देश की जनता देख समझ रही है. यही कारण है कि लाख कोशिशों के बावजूद पठान फिल्म सफलता के झंडे गाड़ रही है देश ही नहीं दुनिया भर में जिस तरह यह फिल्म कमाई कर रही है सभी आश्चर्यचकित हैं.

वस्तुत: स्वयं शाहरुख खान ने भी नहीं सोचा होगा की देश में ज़ोरदार विरोध के बाद यह फिल्म ऐसा कमाल दिखा पाएगी. आपको बताते चलें कि शाहरुख खान की फिल्म पठान को प्रदर्शित हुए दो सप्ताह का समय हो गया है और यह फिल्म हर दिन एक नया कीर्तिमान अपने नाम कर रही है. 25 जनवरी को प्रदर्शित हुई पठान ने कमाई के मामले में बड़ी बड़ी फिल्मों को पीछे छोड़ दिया है. सिद्धार्थ आनंद के निर्देशन में बनी पठान विरोध को मुंह चिढ़ाते हुए कमाई कर रही है. फिल्म ने दूसरे सप्ताह 65.75 करोड़ का कारोबार किया है और शाहरुख खान की यह फिल्म( देश )भारत में 453.25 करोड़ के बड़े आंकड़े को पार कर चुकी है, जबकि विश्वव्यापी स्तर पर फिल्म ने 879 करोड़ रुपए की कमाई की है.

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