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यूक्रेन और भारतीय स्टूडैंट्स

यूक्रेन में युद्ध खत्म नहीं हुआ है. हर रोज धमाके हो रहे हैं. यूक्रेनी तो अब इस के आदी होने लगे हैं. रूसियों की बमवर्षा की अब वे फिक्र नहीं करते पर अगर भारतीय स्टूडैंट मैडिकल की पढ़ाई करने के लिए मौत के मुंह में फिर जाने की तैयारी कर रहे हैं तो यह उन की हिम्मत नहीं, भारत देश की मिसमैनेज्ड पढ़ाई का नतीजा है.

जो भी लाखदोलाख भारतीय छात्र यूक्रेन, कजाकिस्तान, रूस, चीन, किर्गिस्तान जैसे देशों में पढऩे जा रहे हैं वे इसलिए जा रहे हैं क्योंकि हमारी सरकार मोटेमोटे वादों के बावजूद देश में पर्याप्त कालेज नहीं खोल पा रही है.

भारत में पढ़ाई, कालेज के आनेजाने का खर्च मिला कर भी, विदेश की पढ़ाई से महंगी है. अच्छी है या नहीं, इस की कोई गारंटी नहीं है क्योंकि जिस तरह की रिश्वतखोरी और शिक्षा में जिस तरह का कर्मशियलिज्म दिख रहा है उस से नहीं लगता कि भारत के एजूकेशन इंस्टिट्यूशनों में लोहे को सोना बनाया जाता होगा.

असल में जवान होते बच्चे कहीं भी, किसी भी तरह का जोखिम ले कर पढऩे को इच्छुक हैं. इन युवाओं को अगर भारतीय संस्थानों में जगह नहीं मिली तो यह यहां सीटों की कमी के चलते है, स्टूडैंट्स की इच्छा में कमी नहीं. जो बम फूटते यूक्रेन में जा कर अपनी पढ़ाई पूरी करने को तैयार हैं उन्हें न तो निकम्मा कहा जा सकता है न बेवकूफ.

चीन ने भी अब 3 साल बाद वुहान में मैडिकल स्टूडैंट्स को लौटने की इजाजत देनी शुरू कर दी है. ये स्टूडैंट्स जानते हैं कि एकदो मामले होने पर भी पूरे शहर को लौकडाउन में डाल देने की चीनी नीति किसी भी शहर पर कभी भी लागू हो सकती है पर फिर भी चीती दूतावास के आगे लौटने की इच्छा के साथ स्टूडैंट्स की कतारें लगी हैं.

भारत में शिक्षा का जो हाल है वह क्यूईटी परीक्षा के भयंकर ???……???  एक्सपैरिमैंट से साफ है. जो 7-8 लाख स्टूडैंट्स इस एग्जाम में बैठे वे महीनों खो चुके हैं और कई तो बारबार एग्जाम की जेल में जाने को मजबूर हैं. हमारे पौलिसीमेकर्स को घंटोंघडिय़ालों की इतनी चिंता है कि स्टूडैंट्स में उन्हें या तो सैक्स दिखता है या फिर एकलव्य. स्टूडैंट्स आगे चल कर देश को बनाएंगे, इस की चिंता वे नहीं करते क्योंकि अभी तो हर स्टूडैंट के मांबाप नचिकेता के पिता की तरह अपना सबकुछ दान करने में लगे हैं और पौलिसीमेकर्स दान जमा करने में.

देश को एक्सपर्टों की जरूरत है पर देश ढीलेढालों को भी खपा सकता है. जो लोग, आमतौर पर, झाडफ़ूंक में भरोसा करते रहे हैं वे आज भी एक आरएमपी के आगे लाइन लगाए रहते हैं. नेपाल, रूस, चीन, यूक्रेन का मैडिकल ग्रेजुएट उस झाडफूंक वाले या आरएमपी से तो अच्छा ही होगा.

मैं अपने प्रेमी से शादी करने वाली हूं, पर अब मेरा पुराना प्रेमी वापस आ गया है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 24 वर्षीय युवती हूं. एक युवक से मैं पिछले 3 साल से प्रेम करती थी, लेकिन किसी कारण उस से ब्रेकअप हो गया. लेकिन मैं ने निराशा का दामन छोड़ आशा का मार्ग अपनाया और एक अन्य युवक से मेरा अफेयर हो गया अब हम शादी करने वाले हैं, लेकिन पिछले हफ्ते मेरा पुराना प्रेमी बाजार में मुझ से अचानक मिल गया और बोला कि मैं अब सुधर गया हूं तथा तुम्हारा साथ चाहता हूं. अब मैं क्या करूं?

जवाब

यह लड़का जो आप को छोड़ गया फिर आप ने बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला और अब जब आप अपने जीवन को अपने दूसरे प्यार के साथ निभाने जा रही हैं तो वह सिर्फ आ कर माफी मांगता है और आप कन्फ्यूज हो जाती हैं कि क्या करूं?

अरे, उसे कहिए जा अब मेरी जिंदगी से. सोचिए, जब आप डिप्रैशन में थीं और ब्रेकअप के बाद बड़ी मुश्किल से खुद को संभाल रही थीं, वह कहां था. क्या वह तब आया आप से माफी मांगने? क्या उस के पास आप का कौन्टैक्ट नंबर, घर का पता, सहेली आदि के जरिए बातचीत करने का अवसर नहीं था. अगर वह चाहता तो तभी आप से माफी मांग एक नई शुरुआत कर सकता था, पर अब तो आप भी काफी आगे निकल चुकी हैं. उस के प्यार का कोई मतलब नहीं.

‘The Kerala Story’ के डॉयरेक्टर सुदीप्तो सेन की अचानक बिगड़ी तबीयत

फिल्ममम द केरल स्टोरी को लेकर एक बुरी खबर आ रही है, खबर है कि इस फिल्म के डॉयरेक्टर सुदीप्तो सेन फिर से एक बार अस्पताल में भर्ती हैं, क्योंकि बताया जा रहा है कि सुदीप्तो पिछले काफी समय से ज्यादा व्यस्त हैं. फिल्म में काफी व्यस्त होने की वजह से उन्हें समय नहीं मिल पा रहा था.

बता दें कि वह फिल्म द केरल स्टोरी का प्रमोशन कर रहे हैं, जगह- जगह जाकर जिस वजह से उनका रुटीन बिगड़ गया है. ज्यादा तनाव की वजह से उनकी यह हालत हुई है.

उनकी हालत को देखते हुए फिल्म के प्रमोशन को रोक दिया गया है, इन दिनों वह अस्पताल में भर्ती है, बता दें कि द केरल स्टोरी को लगातार बैन की मांग की जा रही है. फिल्म को लेकर जगह-जगह प्रमोशन हो रहा है.

बता दें कि अब फिल्म पश्मचम बंगाल में भी रिलीज हो चुकी है, इस फिल्म को देखकर लोग काफी ज्यादा खुश हैं. यह एक सच्ची घटना पर अधारित है. जिसकी चर्चा काफी ज्यादा हो रही है. कुछ वक्त पहले सुदीप्तो सेन और अदा शर्मा का एक्सीडेंट हो गया था. जिसके बाद से अब वह दोनों ठीक हैं.

गदर का ट्रेलर लॉच होते ही सोशल मीडिया पर मचा बवाल

सनी देओल और अमीषा पटेल की फिल्म गदर 2 का ट्रेलर लॉच हो गया है. फैंस इस फिल्म को लेकर काफी ज्यादा एक्साइटेड हैं, और इस फिल्म का ट्रेलर 26 मई को लॉच हो गया है. सनी देओल और अमीषा पटेल को एक बार फिर से साथ देखकर फैंस काफी ज्यादा खुश हैं.

9 जून को यह फिल्म सिनेमा घर में रिलीज होने वाली है, फिलहाल गदर का ट्रेलर लॉच हो गया है, इस फिल्म का ट्रेलर देखकर फैंस काफी ज्यादा खुश हैं. इस ट्रेलर को देखने के बाद से फैंस काफी ज्यादा खुश है.

बता दें कि इससे पहले भी जब फिल्म गदर लॉच हुई थी तो फैंस इस फिल्म की खूब तारीफ कर रहे थें, यह फिल्म साल 2001 में लॉच हुई थी, जिसे सबसे ज्यादा देखा गया था. उस वक्त सनी देओल और अमीषा पटेल की जोड़ी को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता था.

इसके अलावा सनी देओल और अमीषा की जोड़ी कई फिल्मों में देखी जा चुकी है, लेकिन सबसे ज्यादा मशहूर गदर फिल्म में ही हुई है.

 

सुखी दांपत्य जीवन का आधार

शादी अपने साथ कई चुनौतियां ले कर आती है. यदि खुशी है तो गम भी आप की जिंदगी का हिस्सा होता है. ऐसे में जरूरी है कि आप उस में संतुलन बना कर चलें. पति और पत्नी एक सिक्के के दो पहलू हैं. दोनों में  से एक को कभी भी किसी मोड़ पर दूसरे की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में ध्यान रखना आवश्यक है कि आप उसे परेशानी नहीं समझें बल्कि अपना कर्तव्य समझ कर समझदारी से काम लें.

ऐसा ही कुछ अभिनव और आरती के साथ हुआ. अभिनव की नौकरी किसी कारणवश छूट गई जिस के चलते वह घर में रहने लगा. वह चिड़चिड़ा होने के साथ गुस्सैल स्वभाव का बरताव करने लगा. उस का ऐसा बरताव आरती से सहन नहीं हो पाया और वह अपने मायके में जा कर बैठ गई.

आरती को थोड़े संयम की आवश्यकता थी. आरती को समझने की जरूरत थी कि समय कभी एकजैसा नहीं रहता. यदि आज परेशानी है तो कल उस से छुटकारा भी मिल ही जाएगा. आइए जानें किस तरह पत्नियां स्वयं को घर में कैद न समझ, प्रेमपूर्वक अपने जीवनसाथी का साथ निभाएं :

पति, पत्नी का मजबूत रिश्ता

प्यार व विश्वास पर टिका है पतिपत्नी का रिश्ता. किसी भी इमारत को बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि उस की नींव मजबूत हो, अगर नींव मजबूत नहीं होगी तो इमारत गिरने का खतरा हमेशा बना रहेगा. ठीक इसी तरह पतिपत्नी के रिश्ते की इमारत के 2 आधार स्तंभ होते हैं प्यार और विश्वास. यही स्तंभ अगर कमजोर हों तो रिश्ता ज्यादा समय नहीं चल सकता. जिन पतिपत्नी के बीच ये दोनों बातें मजबूत होती हैं, उन का दांपत्य जीवन सुखमय बीतता है.

बीमार पड़ने पर

जब आप को पता चले कि आप का जीवनसाथी किसी बीमारी से ग्रस्त है तो जरूरी है कि आप प्यार और संयम से काम लें. जीवनसाथी में यदि पति किसी बीमारी से ग्रस्त है तो पत्नी ध्यान दे कि इस समय उन के पति को सब से ज्यादा उन के सहयोग की उन्हें आवश्यकता है क्योंकि ज्यादातर पुरुषों को कार्य के सिलसिले में बाहर रहना पड़ता है और जब उन्हें घर में बैठना पड़ जाता है तो उन से यह कतई बरदाश्त नहीं हो पाता है.

साथ ही, बीमार होने के कारण उन का चिड़चिड़ापन और बातबात में गुस्सा आना स्वाभाविक हो जाता है. ऐसे में पत्नियों का बेहद महत्त्वपूर्ण योगदान होता है. पत्नियां प्यार और धैर्य से उन्हें समझाती हैं और उन का ध्यान रखती हैं.

ऐसे बहुत से जोड़े देखने को मिलते हैं जो अपनी जिंदगी के मुश्किल दौर में एकदूसरे का साथ दे पाए हैं. यहां तक कि उन्होंने गंभीर बीमारी के साथ खुशीखुशी जीना भी सीख लिया है.

ऐसा ही कुछ अक्षय और पारुल के साथ हुआ. अक्षय की रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के कारण वह बिना किसी की मदद के जरा भी हिलडुल नहीं सकता था. उस की पत्नी पारुल ने समझदारी से उस का साथ निभाया. वह हमेशा अक्षय के साथ रहती थी, उस की हर जरूरत को पूरा करती थी, यहां तक कि करवट लेने तक में भी उस की मदद करती थी. वह अपने पति और अपने रिश्ते को पहले से भी अधिक मजबूत महसूस कर रही थी.

तालमेल है जरूरी

अकसर देखा जाता है कि पति की नाइटशिफ्ट की जौब होती है जिस में पति पूरी रात औफिस में रहता है और पूरा दिन घर में आराम करता है. या फिर शिफ्ट चेंज होती रहती है. ऐसे में जौब करना चाहते हुए भी पत्नियां अपने जीवनसाथी की देखभाल के लिए घर में रहती हैं क्योंकि औरों को देखते हुए उन की दिनचर्या का पूरा सिस्टम ही अलग तरह से चलता है. जब पति पूरी रात कार्य करेंगे तो वे पूरा दिन घर में आराम करेंगे. ऐसे में पत्नी को उन के नहाने, खाने व सोने आदि का ध्यान रखते हुए अपने कार्यों का एक रुटीन बनाना होता है.

आभा, जिन के पति की नाइटशिफ्ट की नौकरी है, बताती हैं, ‘‘मेरे पति जब घर पर आते हैं तो मैं ध्यान रखती हूं कि उन के सोने के समय में कोई भी उन्हें परेशान न करे क्योंकि वे पूरी रात के जगे होते हैं. मैं उन के आने से पहले उन का नाश्ता और बाकी सभी चीजों का ध्यान रखती हूं जो उन्हें चाहिए होती हैं. हम दोनों में किसी भी तरह का मनमुटाव नहीं है.’’

जौब छूट जाने पर

औफिस में किसी परेशानी के चलते या फिर किसी कारणवश पति की अच्छीखासी जौब छूट जाती है, तो नई जौब मिलने तक पति को अपनी पत्नी की सब से ज्यादा आवश्यकता होती है. ऐसे में सब से ज्यादा साथ देने वाली पत्नियां अपने रिश्ते को और भी मजबूत बना लेती हैं. जब पति कमा कर लाता है तो हर पत्नी को अच्छा लगता है लेकिन जब वही पति घर में बैठ जाता है तो वह उन से बरदाश्त नहीं होता है.

जौब छूटने पर पति मानसिक रूप से टूट जाते हैं लेकिन एक समझदार पत्नी  उन का ध्यान रखने के साथ उन का मनोबल बढ़ाती है, घर में रह कर उन की जरूरतों को पूरा करती है जिस से पति को किसी भी तरह तनाव महसूस न हो, वह अपने को अकेला महसूस न करे. साथ ही, नई नौकरी ढूंढ़ने में पत्नी उन का पूरा साथ देती है. वह अपने पति के खानपान और रहनसहन का पूरा खयाल रखती है. इस तरह दांपत्य खुशहाल रहता है.

राष्ट्रपति क्यों शामिल नहीं हो रहे हैं संसद भवन के उद्घाटन में ?

जिन लाखों लोगों के पास रहने लायक छत नहीं है और तिरपाल या पौलिथिन की छत के नीचे दिल्ली की सॢदयां, गॢमयां और बरसात गुजार देते हैं उन के कुछ मील या बस दूर पर एक भव्य 65000 मीटर में 7 लाख वर्गफुट का नया संसद भवन बन गया है. नरेंद्र मोदी को उस नए भवन से इतना लगाव है कि उन्होंने इस का शिलान्यास का पत्थर भी खुद रखा और अब 28 मई को उद्घाटन भी खुद किया. न राष्ट्रपति की दोनों मामलों में जरूरत थी न अध्यक्ष की.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म को शायद इसलिए नहीं बुलाया जा रहा कि वे दलित अछूत हैं. रामनाथ कोंविद को भी शिलान्यास के समय नहीं बुलाया गया था क्योंकि वास्तु के पंडितों के हिसाब से यह भवन बना है. किस के दिमाग में क्या है, यह कौन जाने या जो दिख रहा है वह यह है कि इस संसद भवन में दलितों की पहचान केवल इतनी है कि सारा 20,045 मीट्रिक टर्न लोहा 63,807 मीट्रिक टन सीमेंट और 9,689 मीट्रिक टन दलित मजदूरों ने ही सिर पर ढोह होगी.

देश का संसद भवन आरामदेय हो पर जब देश भर में पंचायत घर सीधेसादे मकानों से चल सकते है तो संसद भवन और उस के आसपास के भवनों पर 2,000 करोड़ तो सीधेसीधे और दूसरे कई हजार करोड़ दूसरे विभागों से खर्च कराना एक महज फिजूलखर्ची है. प्रधानमंत्री गारंटी से कह नहीं सकते कि इस संसद भवन के 10 किलोमीटर कोई गरीब पटरी पर नहीं सो रहा, कोई दुकान तिरपाल के नीचे नहीं है, कोई सडक़ टूटी नहीं, कोई पटरी टेढ़ीमेढ़ी नहीं है. किसी महल्ले में गंदगी का ढेर नहीं है.

देश में अमीरीगरीबी के बीच की बढ़ती लाइन का एक सरकारी अमूल है यह संसद भवन. ऐसा ही नमूना वे 2 बड़े 8000-8000 करोड़ के हवाई जहाज हैं जो प्रधानमंत्री केवल विदेशी दौरों में अब साल में 8-10 बार करते हैं.

1921 में जब पुराना संसद भवन बना था तब देश अंगरेजों का गुलाम था. तब गरीब तो क्या अमीर भी सरकार के रहमोकरम पर जिदा रहते थे. चुङ्क्षनदा कश्मीरों के अलावा नई दिल्ली के इलाकों में इक्कादुक्का भारतीय सेठों के मकान थे. हां तब भी झोंपडिय़ां थीं पर इतनी नहीं क्योंकि अंगरेजों ने नौकरों को भी पक्के मकान बना कर दिए थे जो आज भी संसद भवन के आसपास देखे जा सकते हैं.

आज यह हाल बदल चुका है. अब भाग्य का मामला है. पिछले जन्म के कर्मों के फल का हवाला देकर मुंह बंद कर दिया जाता है. नरेंद्र मोदी के भाग्य में है कि वे गरीब जनता से इक्_ïी की गई टैक्स की रकम पर मौज कर सकें. मंदिर, भाजपा कार्यालय, संघ के दफ्तर बनबा सकें. उन्हें गरीबों की कोई ङ्क्षचता नहीं है, प्रधानमंत्री का बुलडोजर 2 जगह चलता है, एक संसद भवन जैसे विशाल चमचम करते मकान बनाने में ओर दूसरे झुग्गियां तोडऩे में, जिस दिन संसद का उद्घाटन हुआ उसी दिन दिल्ली में ही तुगलकाबाद में बुलडोजरों से गिराए गए मकानों के मामलों से लोग अपनी कीमती चीजें ढूंढ रहे थे.

देश का तीनचौथाई गरीब गरीब रहेगा, यह पक्की गारंटी है पर देश का अमीर कितना अमीर हो जाएगा इस की कोई गारंटी कहीं दे सकता.

 

क्या कोई टैस्ट है, जिससे मैं साबित कर सकूं कि विवाह से पूर्व मेरा कोई शारीरिक संबंध नहीं था?

सवाल

मैं 42 वर्षीय महिला हूं. मेरे विवाह को अभी 4 साल हुए हैं. मेरी परेशानी यह है कि हमारी सैक्सुअल लाइफ सही नहीं चल रही है. मेरे पति को लगता है कि मेरे देरी से विवाह का कारण मेरा विवाह से पूर्व कोई लव अफेयर है. जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. विवाह से पूर्व मेरा किसी के साथ कोई प्रेम संबंध नहीं था. क्या ऐसा कोई टैस्ट है जिस से मैं अपने पति को साबित कर सकूं कि विवाह से पूर्व मेरा किसी के साथ कोई शारीरिक संबंध नहीं था. मैं अपना वैवाहिक रिश्ता कैसे सुधारूं?

जवाब

आप के पति को ऐसा क्यों लगता है कि विवाह पूर्व आप के किसी के साथ शारीरिक संबंध थे. कहीं ऐसा तो नहीं उन्होंने आप से विवाह किसी पारिवारिक दबाव में मजबूरीवश किया हो और वे आप से दूरी बनाने के लिए आप पर आरोप लगा रहे हों? जहां तक आप के पति के सामने आप के वर्जिन साबित करने वाले टैस्ट की बात है तो यह टैस्ट होता है लेकिन इस टैस्ट का कोई औचित्य नहीं है. इसे टू फिंगर टैस्ट भी कहा जाता है. इस टैस्ट में जांच की जाती है कि महिला की हाइमन झिल्ली बरकरार है या नहीं. लेकिन वास्तव में यह झिल्ली इतनी लचीली होती है कि मात्र खेलतेकूदते समय ही यह टूट जाती है. इस के अलावा हाइमनोप्लास्टी द्वारा भी आर्टिफिशियल हाइमन की तरह के टिशूज भी बनाए जा सकते हैं. इसलिए इस टैस्ट के कोई माने नहीं हैं.

वैवाहिक रिश्ते विश्वास पर चलते हैं न कि टैस्ट पर. इस बात की क्या गारंटी है कि आप के वर्जिनिटी टैस्ट में पास होने के बाद भी वे आप पर शक नहीं करेंगे और आप के संबंध सुधर जाएंगे और यह भी हो सकता है कि टैस्ट में पता चले कि आप की झिल्ली खेलकूद या किसी शारीरिक गतिविधि के कारण टूट गई हो तो उन का शक और गहरा हो जाएगा. इसलिए कोई टैस्ट वर्जिनिटी को साबित नहीं कर सकता.

अगर आप अपने पति के साथ वैवाहिक रिश्ते को सुधारना चाहती हैं तो उन के मन से शक का बीज हटा कर विश्वास की जड़ें पैदा करें. अपनी सैक्सुअल लाइफ को बेहतर बनाने के लिए नएनए तरीके अपनाएं. उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने के लिए खुद को फिट रखें. लेटेस्ट फैशन व ब्यूटी अपडेट्स के लिए पत्रिकाएं पढें.

मैंगो सैंडविच हो या मैंगो रबड़ी, आम से बनाएं ये 6 यम्मी डिश

गर्मी के दिन में आम का कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है, ऐसे में आप अपने घर पर मैंगो रबड़ी अपने घर पर बना सकते हैं. तो आइए जानते हैं कैसे बनाएं मैंडो रबड़ी.

  1. मैंगो सैंडविच

सामग्री

– 1 आम के टुकड़े – 200 ग्राम दूध – 8 ब्रैडस्लाइस – 1/2 छोटा चम्मच इलायची पाउडर – 1/2 छोटा चम्मच दूध में भीगा केसर – 100 ग्राम घी – शक्कर स्वादानुसार.

विधि

दूध को पका कर रबड़ी बना लें. ब्रैडस्लाइस को कटोरी से गोल काट कर 1 घंटे तक सुखा लें. कड़ाही में घी गरम कर ब्रैडस्लाइस को सुनहरा होने तक तल लें. आम के टुकड़ों को मिक्सी में चला लें. कांच के प्याले में रबड़ी, आम का पल्प, शक्कर, थोड़ा इलाइची पाउडर व थोड़ा केसर डाल कर अच्छी तहर मिला लें, 2 ब्रैडस्लाइस पर तैयार मिश्रण लगा कर दूसरा ब्रैडस्लाइस मिश्रण लगे पहले ब्रैडस्लाइस पर लगाएं. ब्रैड के ऊपर वाले हिस्से पर तैयार मिश्रण और अच्छी तरह लगा लें. मैंगो सैंडविच पर केसर और इलायची पाउडर डाल कर सर्व करें.

2. मैंगो रबड़ी का श्रीखंड

सामग्री

– 1 किलोग्राम दूध – 1/4 छोटा चम्मच हरी इलायची का पाउडर – 1/4 छोटा चम्मच दूध में भीगा केसर – 1 छोटा चम्मच ताजा दही – 2 आम – 1 छोटा चम्मच गुलाब का शरबत – शक्कर स्वादानुसार.

विधि

कड़ाही में दूध को तब तक उबालती रहें जब तक वह 400 ग्राम न रह जाए. ठंडा होने पर उसे कांच के प्याले में निकाल लें. उस का दही जमने रख दें. दही को मलमल के कपड़े में बांध 1 घंटे के लिए लटका दें. आम की कतरन को मिक्सी में चला लें. तैयार दही रबड़ी में शक्कर, इलायची पाउडर, केसर, आम का पल्प एवं गुलाब का शरबत डाल कर चम्मच से अच्छी तरह मिला लें. फ्रिज में ठंडा कर मैंगो रबड़ी के श्रीखंड पर आम के छोटेछोटे टुकड़े, केसर, इलायची पाउडर डाल सर्व करें.

3. मैंगो कोल्ड सूप

सामग्री

– 2 आम – 1/2 छोटा चम्मच जलजीरा – 60 ग्राम दही – 1 बड़ा चम्मच मक्खन

– 1/4 छोटा चम्मच सफेद मिर्च पाउडर – भुजिया इच्छानुसार – 1 बड़ा चम्मच क्रीम – 1/2 छोटा चम्मच गुलाबजल – नमक व शक्कर स्वादानुसार.

विधि

आम का पल्प निकाल लें. मिक्सी में आम का पल्प, दही, शक्कर, नमक, जलजीरा, कालीमिर्च पाउडर, गुलाबजल एवं क्रीम डाल कर पीस लें. कड़ाही में मक्खन गरम कर तैयार मिश्रण डाल पका कर फ्रिज में ठंडा कर मैंगो कोल्ड सूप पर आम के टुकड़े, जलजीरा पाउडर, भुजिया एवं क्रीम डाल कर सर्व करें.

4. मैंगो भल्ले

सामग्री

– 2 आम – 100 ग्राम मूंग की दाल – 1/2 छोटा चम्मच अदरक कद्दूकस किया – 200 ग्राम दही – 1 बड़ा चम्मच इमली की चटनी – 100 ग्राम तेल – 1/2 छोटा चम्मच भूना जीरा पाउडर – 1 बड़ा चम्मच बेसन – 1 बड़ा चम्मच धनियापत्ती की चटनी – शक्कर एवं लालमिर्च पाउडर स्वादानुसार – नमक स्वादानुसार.

विधि

मूंग की दाल को 3 घंटे पानी में भिगो लें. आधी दाल को मिक्सी में मोटी एवं आधी को बारीक पीस लें. एक आम की कतरन कर मिक्सी में चला लें. कांच के प्याले में दाल, 2 बड़े चम्मच आम की कतरन, अदरक, बेसन एवं मसाले डाल कर अच्छी तरह मिला लें. कड़ाही में तेल गरम कर हाथ से दाल के भल्ले बना तेल में सुनहरा होने तक तल लें. गरम पानी में मैंगो भल्ले डाल दें. दही में आम का पल्प एवं मसाले डाल मथ लें. दही में मैंगो भल्ले पानी लगे हाथ से दबा कर निकाल कर, इमली की चटनी, नमक, जीरा, मिर्च पाउडर, आम की कतरन, धनियापत्ती की चटनी डाल लें. फ्रिज में ठंडा कर मैंगो भल्ले पर इमली व धनिया की चटनी, आम की कतरन और जीरा पाउडर डाल कर सर्व करें.

5. मैंगो टिक्का

सामग्री

– 2 आम – थोड़ी सी पिसी शक्कर – 70 ग्राम पनीर – 1/2 छोटा चम्मच काली मिर्च पाउडर – 50 ग्राम हंग कर्ड – 1/4 छोटा चम्मच जलजीरा – 1/4 छोटा चम्मच जीरा भुना व दरदरा किया – नमक स्वादानुसार.

विधि

आम और पनीर के मनचाहे आकार के टुकड़े कर लें. कांच के प्याले में हंग कर्ड, आम व पनीर के टुकड़े, शक्कर, नमक, कालीमिर्च पाउडर एवं थोड़ा जलजीरा डाल कर अच्छी तरह मिला कर फ्रिज में ठंडा कर कालीमिर्च पाउडर व जलजीरा डाल कर मैंगो टिक्का सर्व करें.

6. आम की खट्टीमीठी इडली

सामग्री

– 1/2 छोटा चम्मच जलजीरा – 200 ग्राम इडली का घोल – 2 बड़े चम्मच मक्खन – 1/4 छोटा चम्मच फू्रट साल्ट – शक्कर स्वादानुसार – 2 आम – 1/2 छोटा चम्मच सफेद तिल तवे पर मक्खन में सिंके – 1/2 छोटा चम्मच जीरा – 1 छोटा चम्मच नारियल कद्दूकस किया – नमक स्वादानुसार.

विधि

छिले आम के टुकड़ों को मिक्सी में चला लें. कांच के प्याले में आम का पल्प, इडली का घोल, शक्कर, नमक, सफेद तिल, 2 बड़े चम्मच आम के छोटेछोटे टुकड़े डाल मिला लें. मिश्रण में फू्रट साल्ट मिला कर उसे इडली के सांचे में मक्खन लगा कर डाल इडली बना लें. खट्टीमीठी आम की इडली पर मक्खन लगा गरमगरम मैंगो सौस के साथ सर्व करें.

व्यंजन सहयोग : मंजु जैसलमेरिया

‘गुम है किसी के प्यार में’ सीरियल के दर्शकों ने सई की हरकत से हुए नाराज

स्टार प्लस का सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने वाला सीरियल गुम है किसी के प्यार में आएं दिन कुछ न कुछ नया ड्रामा देखने को मिलते रहता है. इन दिनों सीरियल को देखने के बाद से फैंस ज्यादातर गाली दे रहे हैं.

दर्शकों ने न केवल मेकर्स को खरीखोटी सुनाया है बल्कि सबकी चहेती सई को भी खूब खरी खोटी सुनाया है. जिसके बाद से लगातार नीचे कमेंट आ रहे हैं. इस सीरियल को लेकर दर्शक खूब सोशल मीडिया पर बवाल बना रहे हैं.

सीरियल में दिखाया जाता है कि सत्या के साथ हादसा हो जाता है और वह अस्पताल में रहता है,सई जैसे ही घर पहुंचती है उसे विराट नशे की हालत में मिलता है उसे नशे में देखकर सई कि आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह खुद को रोक नहीं पाती है. उसे खूब समझाती है.

तभी वहां अंबा जाती है और वह विराट औऱ सई को ऐसी हालत में देखकर आग बबूला हो जाती है. वह सई के चरित्र पर सवाल खड़े करते हुए उसे बेशर्म भी कहती है. लेकिन सई अपना आंसू पोछकर वहां से चली जाती है. इसके अलावा गुम है किसी के प्यार के दर्शक भी सई को कैरेक्टरलेस कह रहे हैं.

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