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फोन को हैक होने से ऐसे बचाएं

आजकल हर कोई अपना हर काम स्‍मार्टफोन पर ही करता है. ऐसे में उसके कई पर्सनल डेटा और बैंक सम्‍बंधी जानकारियां भी फोन में ही मौजूद रहती हैं.

कई बार लोगों का डेटा चोरी हो जाता है और वो बड़ी मुश्किल में फंस जाते हैं. अगर आप अपने स्‍मार्टफोन को सुरक्षित बनाएं रखना चाहते हैं और उसे हैकिंग से बचाना चाहते हैं तो ये 5 टिप्‍स अपनाएं –

न करें निजी डेटा शेयर

सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह है कि आप किसी पर भी भरोसा न करें. आपके सामने अगर कोई जानकारी आती है जो कि आपसे आपका निजी डेटा मांगती है तो उसे नकारने में कोताही न बरतें.

पासवर्ड सेव न रखें

कभी भी अपनी किसी भी डिवाइस में पासवर्ड को सेव न रखें. यह आपके लिए समस्‍या का कारण बन सकता है.

एप को लॉक

अपनी सभी एप को लॉक रखें, खासकर उनको, जिन पर आपकी व्‍यक्तिगत बातचीत होती हो.

डेटा वाइप करें

अपने निजी डेटा या तस्‍वीरों को समय-समय पर वाइप करते रहें या उन्‍हें किसी पीडी में सेव करते रहें.

पब्लिक वाई-फाई

पब्लिक वाई-फाई का इस्‍तेमाल न करें. इससे आपकी गुप्‍त जानकारी लीक हो सकती है.

FIFA क्वालीफायर: नेमार ने दिलाई ब्राजील को जीत

नेमार के विजयी गोल के दम पर ब्राजील ने कोलंबिया को विश्व कप 2018 फुटबॉल क्वालीफाइंग दौर के मैच में 2-1 से हरा दिया. पांच बार की विश्व कप विजेता ब्राजील के आठ मैचों में 15 अंक हैं और वह अंक तालिका में शीर्ष पर चल रही उरुग्वे से एक अंक पीछे है.

बार्सिलोना के सुपरस्टार नेमार ने 74वें मिनट में गोल किया. नेमार के लिए यह गोल इसलिए भी खास रहा, क्योंकि कोलंबिया के खिलाफ 2014 विश्व कप मैच में उन्हें चोट लगी थी. डिफेंडर जोआओ मिरांडा ने मैच के दूसरे मिनट में ही गोल कर कोलंबिया को झटका दे दिया.

इसके बाद बराबरी को कोशिशों में लगी कोलंबिया के हाथ निराशा लगी. लेकिन मैच के 36वें मिनट में ब्राजील के माक्विन्होस ने आत्मघाती गोल कर कोलंबिया को 1-1 से बराबरी पर ला दिया.

कावानी ने दागे दो गोल

विश्व कप क्वालीफायर के एक अन्य मैच में उरुग्वे ने पराग्वे को 4-0 से मात दी. उरुग्वे के लिए एडिंसन कावानी ने दो गोल किए. लुइस सुआरेज और क्रिस्टियन रोडिग्वेज ने भी एक-एक गोल किए.

अर्जेटीना ने ड्रॉ खेला

कप्तान लियोन मेसी के बिना खेल रही अर्जेंटीना की टीम वेनेजुएला के खिलाफ दो गोल से पिछड़ने के बाद मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रही.

बेलारूस ने फ्रांस को थामा

यूरो कप उपविजेता फ्रांस की विश्व कप के क्वालीफायर मैचों में शुरुआत खराब रही. फ्रांस और बेलारूस के बीच मैच गोलरहित ड्रॉ रहा.

अब लाइसेंस रखने के झंझट से छुटकारा

अब आपको वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) अपने साथ रखने की जरूरत नहीं होगी. डिजिलॉकर के जरिए आप इसका ऑनलाइन इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिलॉकर को सड़क परिवहन मंत्रालय की ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रणाली से जोड़ दिया गया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस एकीकरण की शुरुआत की और कहा कि नागरिक हवाई अड्डों पर भी वैध पहचान पत्र के रूप में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं.

डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस व वाहन पंजीकरण दस्तावेज नागरिकों के मोबाइल फोन में डिजिलॉकर मोबाइल एप के जरिए उपलब्ध होंगे. ट्रेफिक पुलिस व अन्य प्रवर्तन एजेंसियां इसके जरिए मौके पर ही सत्यापन कर सकेंगी यानी ये सत्यापन के लिए वैध दस्तावेज होंगे. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा, इस प्रणाली से केवल भ्रष्टाचार ही दूर नहीं होगा बल्कि यह प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया पहल को मूर्त रूप देने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा. नागरिक हवाई अड्डों पर इसका इस्तेमाल वैध पहचान दस्तावेज के रूप में कर सकेंगे.

गडकरी ने इस पहल को परिवहन क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण बताया जहां 19.5 करोड़ वाहन पंजीबद्ध हैं जबकि 10 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस हैं. वहीं एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि इस सिस्टम में परिवहन से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध होंगे. वहीं इसकी मदद से यूजर्स लाइसेंस रिन्युअल जैसी 20 से 30 अलग अलग सर्विस का भी फायदा उठा सकते हैं. अधिकारी के मुताबिक इस एप से जुड़ी सबसे बड़ी मुश्किल डेटा सिक्‍योरिटी की थी. लेकिन इस एप में सभी बातों का ख्याल रखा गया है.

इस एप्पल वॉच में बहुत कुछ है खास

सैन फांसिस्को में एप्पल के नए वॉच 'सीरीज 2' को लॉन्च किया गया. एप्पल के सीईओ टॉम कुक ने इसे लॉन्च किया. कंपनी का कहना है कि यह नए सिरे से डिजाईन की गई है. यह स्विमिंग प्रूफ वॉच है,  साथ ही यह जीपीएस सिस्टम से भी लैस है.

एप्पल वॉच 'सीरीज 2'  की खासियत

– यह पूरी तरह से वॉटर प्रूफ वॉच है. इसे पहनकर स्विमिंग की जा सकती है. यह15 मीटर गहरे पानी तक का प्रेशर सह सकती है.

– इस वॉच से स्वीमिंग करते हुए कितनी कैलोरी खर्च हुई उसका हिसाब रखा जा सकेगा

– इसमें बिल्ट इन जीपीएस फीचर है. वॉकिंग और रनिंग में सुविधा के लिए बिल्ट-इन जीपीएस एड किया गया है.

– एप्पल वॉच के लिए नया ऐप पोकिमॉन गो लोगों को एंटरटेन करेगा.

– OS 3 पर रन करने वाली ऐपल वॉच सीरीज 3 को कई सारे वैरियंट्स में लॉन्च किया गया है.

अबकी बार ‘फ्लैक्सी फेयर’ की मार

हवाई यात्रा मे लागू होने वाले ‘फ्लैक्सी फेयर’ को रेल के सफर में लागू कर केन्द्र सरकार रेल के सफर को हवाई जहाज के सफर का अनुभव कराना चाहती है. बिना टैक्स का रेल बजट पेश कर वाहवाही लूटने वाले रेलमंत्री सुरेश प्रभु को जब साल भर रेल के टिकट बढाने है तो रेल बजट बेमानी हो जाता है. 7 वें वेतनमान का लाभ तो केवल कुछ प्रतिशत सरकारी नौकरों को ही मिलने वाला है. केन्द्र सरकार इसका बोझ सभी पर डालना चाहती है.

‘फ्लैक्सी फेयर’ इसकी पहली सीढी है. जिसे भारतीय रेलवे फिलहाल राजधानी, शताब्दी और दुरंतों में लागू कर रही है. धीरे धीरे यह ‘फ्लैक्सी फेयर’ सभी ट्रेनों में लागू होगा. यह ठीक वैसे ही धीरे धीरे किया जायेगा जैसे केन्द्र सरकार रसोई गैस यानि एलपीजी सब्सिडी को लेकर कर रही है. एलपीजी सब्सिडी में केन्द्र सरकार ने सबसे पहले जनता से सब्सिडी छोडने की अपील की. अब 10 लाख सालाना कमाई वालों की सब्सिडी वापस लेने की योजना है. इसके बाद 5 लाख सालाना कमाई वालों की एलपीजी सब्सिडी वापस की जायेगी. धीरे धीरे सरकार एलपीजी सब्सिडी को खत्म कर देगी.

ट्रेनों के टिकट में ‘फ्लैक्सी फेयर’ की मार केवल मध्यम वर्ग पर पड रही है. एक्जक्यूटिव क्लास और एसी सेकेंड और फर्स्ट क्लास में यात्रा करने वालों पर ‘फ्लैक्सी फेयर’ का बोझ नहीं डाला गया है. ‘फ्लैक्सी फेयर’ का मतलब यह होता है कि ट्रेन में जैसे जैसे सीटे कम होंगी वैसे वैसे उनका किराया बढेगा. मतलब यह है कि जो टिकट पहले 100 रूपये में मिला वही बाद में 150 रूपये हो जायेगा. 9 सितबंर से लागू इस योजना का भार पहले बुक हो चुकी टिकट पर नहीं पड़ेगा. टिकट की गणना इस प्रकार होगी कि अगर किसी ट्रेन में 100 सीटे हैं, तो 10 सीटों का किराया सामान्य होगा. इसके बाद हर 10 सीट पर यह रेट बढ़ता जायेगा. यह अधिक से अधिक डेढ गुना हो सकता है.

रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु ने ‘फ्लैक्सी फेयर’ योजना को लागू कर दिया है. सरकार का दावा है कि इससे रेलवे को घाटे से उबारने का मौका मिलेगा. सरकार का तर्क है कि ‘फ्लैक्सी फेयर’ योजना प्रीमियम ट्रेनों में लागू की गई है. यह कहते हुये सरकार भूल जाती है कि राजधानी, शताब्दी और दुरंतों जैसी ट्रेने  हर शहर से होकर गुजरती हैं जिससे आम लोग इसमें सफर करते हैं. ऐसे में यह कहना गलत है कि ‘फ्लैक्सी फेयर’ का प्रभाव आम जनता पर नही पड़ेगा.

सरकार जब रेल बजट पेश करती है तो वाहवाही के लिये वह कोई टैक्स नहीं बढ़ाती. इसके बाद पूरे साल किसी न किसी बहाने रेलयात्री पर खर्च का बोझ डाला जाता है. अब यह सवाल भी उठने लगा है कि जब रेल बजट का कोई मतलब नहीं है तो इसे पेश क्यों किया जाता है ? रेल बजट को बंद होना चाहिये और इसे मुख्य बजट का ही हिस्सा बना देना चाहिये.

‘जब तक’ में दिखेगा धोनी और साक्षी का रोमांस

बॉलीवुड की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘एमएस धोनी-द अनटोल्ट स्टोरी’ का ऑडिंयस बड़ी बेसब्री से इंतज़ार  कर रही है. अभी  कुछ ही दिनों पहले इस फिल्म का नया गाना ‘कौन तुझे’ में धोनी और उनकी एक्स गर्लफ्रेंड प्रियंका झा के रोमांस को दर्शाया गया था! पर अब आप  सभी जानना चाहते होंगे धोनी और उनकी पत्नी साक्षी की लव स्टोरी के बारे में.

द अनटोल्ड स्टोरी के ट्रेलर ने आते ही साथ धूम मचा दी है. ट्रेलर ने सोशल मीडिया पर बने अब तक के सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं,  फिल्म के ट्रेलर को और अब तक रिलीज़ हुए गानों को भी शानदार रेस्पांस मिल रहा है. कैप्टन कूल माही के व्यक्तित्व का जादू पूरे देश में है. उनकी फैन फॉलोविंग करोड़ों में  है. इस कारण से ही एमएसडी के ट्रेलर और गानों को उनके दर्शकों ने हाथोंहाथ ले लिया है.

धोनी के चाहने वाले ये देखना चाहते हैं की आखिर धोनी और साक्षी कैसे, कहां और कब मिले, कैसे शुरू हुई इनके प्यार की कहानी, किसने किसको कैसे प्रपोज़ किया होगा..कैसे धोनी साक्षी की ख़ूबसूरती के कायल हो गए होंगे..आप के इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा इस फिल्म के  अगले गाने 'जब तक' में. जिसमे धोनी और साक्षी के प्यार को दर्शाया जायेगा.. साक्षी का किरदार जो इस फिल्म मैं कियारा आडवाणी ने निभाया है, सुशांत के साथ रोमांस करती नजर आयेंगी! 'जब तक' गाने मे कैसे ये प्यार परवान चढ़ा, ये सभी कुछ देखेंगे आप.

फिल्म के ट्रेलर ने जहां रिलीज होने से पहले ही कई रिकॉर्ड बना लिए थे, वहीं इस फिल्म का गाना "बेसबरियां " और ‘कौन तुझे" सुपर डुपर हिट हो चुका है. यह फिल्म भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की जीवनी पर आधारित है और इस साल की बहुप्रतीक्षित फिल्म है.

 

सिनेमा की बर्बादी के लिए किसे दोष दे रहे हैं अभय देओल

बौलीवुड में तमाम लोग सिनेमा में आए बदलाव की चर्चा कर रहे हैं. मगर अभिनेताअभय देओल से इसे महज कोरी कल्पना मानते हैं. ‘‘सरिता’’ पत्रिका से बात करते हुए अभय देओल ने कहा-‘‘लोग बातें बहुत कर रहे हैं, मगर मुझे लगता है कि हम सिनेमा में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं कर पा रहे हैं. इसकी मूल वजह यह है कि हम सभी को डर सताता है कि दर्शक देखना चाहेगा या नहीं? यही वजह है कि हम 60 के दशक से लगभग एक जैसा ही सिनेमा बना रहे हैं. बीच बीच में ‘देव डी’, ‘मसान’ या ‘रांझणा’ जैसी कुछ अलग फिल्में आती रहती हैं. हम सभी आदर्शवाद की ही पूजा करते हैं. इसके अलावा दर्शक कलाकार और निर्देशकों को उसकी पहली सफल फिल्म के अनुसार ही दूसरी फिल्म में देखना चाहता है.

दर्शक कभी यह नहीं सोचता कि इस फिल्म में इसने यह किया है, अब देखते हैं कि अगली फिल्म में क्या करेगा? इसके अलावा सिनेमा को नुकसान पहुंचाने में मीडिया की भी भूमिका है. जैसे ही निर्माता अपनी फिल्म के साथ सौ करोड़ का तमगा लगा देता है, वैसे ही पूरी मीडिया उसके पीछे भागने लगती है. यदि किसी फिल्मकार ने चिरपरिचित फिल्म से हटकर कोई फिल्म बनायी है, तो मीडिया भी उसको तवज्जो नहीं देता.’’

जब हमने उनसे कहा कि क्या सौ करोड़ की हवाबाजी भी गलत होती है? तो अभय देओल ने कहा-‘‘मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री दोनों का गठबंधन है. मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री में कोई फर्क रह ही नहीं गया. क्योंकि दोनों हाथ मिलाकर काम कर रहे हैं. देखिए, जब तक मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री का गठबंधन रहेगा, तब तक मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री दोनों ही मीडियाकर काम करते रहेंगें. इसलिए सिनेमा में बदलाव नहीं आ सकता.’’

जब हमने अभय देओल से पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि सिनेमा के बदलाव की सारी झूठी खबरें फैलायी जा रही हैं? तो अभय देओल ने कहा-‘‘सिनेमा में बदलाव की चाहत लोगों के दिलों में हैं, पर हो नहीं रहा है. जैसा कि मैने पहले ही कहा कि एक दो गैर मेन स्ट्रीम फिल्मों को सिनेमा का बदलाव कहना मूर्खता है. असली सिनेमा में बदलाव तब आएगा,जब आप ऐसे किसी मुद्दे पर फिल्म बनाते हैं,जिस पर फिल्म बनाने की हिम्मत किसी ने न की हो. सिनेमा में बदलाव आने के लिए लेखन में बदलाव कलाकारों और फिल्मकारों के एटीट्यूड में बदलाव आना चाहिए. इसके लिए पूरी फिल्म इंडस्ट्री को रिस्क लेना पड़ेगा. हर कलाकार को रिस्क उठाना पड़ेगा. ऐसा लगातार करना पडे़गा.

कलाकार के तौर पर यदि हमने एक फिल्म में रिस्क उठायी, वह फिल्म असफल हो गयी और हम भाग खड़े हुए, तो सिनेमा में कभी बदलाव नहीं आएगा. मेरी कोशिश तो यही रहती है कि मेरी फिल्में असफल होती हैं, पर मैं भेड़चाल का हिस्सा नहीं बनता. मेरी राय में एक फिल्म से कोई बदलाव नहीं आता. मैं कहता हूं कि सिनेमा में कोई बदलाव नहीं आया. हां! बदलाव यह आया है कि अब फिल्म निर्माण में पैसा ज्यादा खर्च होता है. इसलिए फिल्में चमकदार ज्यादा हो गयी है. अब पटकथा भी शूटिंग से पहले मिलने लगी हैं. पर फिल्में वही फार्मूला वाली बन रही हैं.

आचरण शुद्धि की नहीं, प्रशासनिक बुद्धि की जरुरत है

मध्य प्रदेश महिलाओं के प्रति होने बाले अपराधों के मामले में तो टॉप फाइव में है ही, लेकिन मासूम बच्चियों से होने बाले दुष्कर्मों के मामले में शीर्ष स्थान छू रहा है. इस बात की चिंता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी है, लिहाजा उन्होंने घोषणा कर दी है कि अब सूबे में आचरण शुद्धि अभियान भी चलाया जाएगा. 1500 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि देवी नर्मदे की वेबसाइट लांच करते वक्त शिवराज सिंह ने आचरण शुद्धि मुहिम की भी बात कही, तो उसे और विस्तार देते यह भी जोड़ा कि आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है, दुष्कर्म के 90 फीसदी मामलों में आरोपी बच्चियों के निकट परिजन ही होते हैं, हमें अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए आचरण शुद्धि अभियान चलाने की जरूरत है.

धर्मगुरुओं सरीखी भाषा बोल रहे शिवराज सिंह शायद भूल गए कि बलात्कार आत्मा से नहीं, बल्कि शरीर से होता है और कानून सजा भी आरोपी के शरीर को देता है. एनसीआरबी की ताजी रिपोर्ट में मध्य प्रदेश बलात्कार के मामलों मे अव्वल है, जिसका सीधा संबंध प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था से है. इस पर धर्म और नैतिकता का प्रतिनिधित्व करते शब्दों और विचारों की चादर डालकर शिवराज सिंह एक अव्याहरिक और बेतुकी बात कह बैठे.

बीती 31 अगस्त को भोपाल में एक मासूम के साथ उसके सौतेले पिता ने बलात्कार किया था, जिस पर पांच दिन खूब हल्ला मचा था, लेकिन यह नई बात नहीं है सूबे हर कभी हर कहीं ऐसा होता रहता है. चूंकि इस मर्तबा राजधानी में हुआ था, इसलिए खुद सीएम को बोलना पड़ा नहीं तो किसी के कानों पर जूं नहीं रेंगती. कई बार तो पुलिस वाले रिपोर्ट भी नहीं लिखते.

अब यह अपराधियों खासतौर से बच्चियों के बलात्कारियों की ज़िम्मेदारी है कि वे समाज की दिशा वहां ले जाने में मुख्यमंत्री की मदद करें, जहां वे चाहते हैं. इन हैवानों को अपनी आत्मा की शुद्धि पर ध्यान देना चाहिए,  जिसका ठेका पंडे पुजारियों, मौलवियों, फादरों और मुनियों ने ले रखा है. ये लोग सहज उपलब्ध हैं और दक्षिणा दो तो आत्म शुद्धि का रास्ता भी बता देते हैं. आत्म शुद्धि के टोटके से अगर अपराध नियंत्रित होते, तो यकीन से कहा जा सकता है कि एक मासूम का बलात्कार तो दूर की बात है मध्य प्रदेश में जेब कटी तक का भी मामला दर्ज नहीं होना चाहिए था. वो इसलिए कि राज्य में एक दफा सूरज भले ही निकलना भूल जाए पर धार्मिक आयोजन करना धर्म के धंधेबाज करना नहीं भूलते.

अब यह और बात है कि अपराधी उनकी बात नहीं सुनते, इसलिए खुद मुख्यमंत्री को ध्यान आया कि आचरण का गहरा ताल्लुक आचरण से है, जो दिनों दिन बिगड़ता जा रहा है. इसलिए अपराध बढ़ रहे हैं, लोगों की बुद्धि भ्रष्ट हो रही है, क्योंकि वे धर्म से विमुख होते जा रहे हैं. इसलिए राज्य में और ज्यादा धार्मिक आयोजनो की जरूरत है. बच्चियों की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं करना है, सुस्त और लापरवाह पुलिस वालों के कान नहीं उमेठना है, कानूनी खामियों का जिक्र नहीं करना है, नशे के सामानों की बिक्री पर रोक नहीं लगाना है, जो अपराध की बड़ी वजह होते हैं, लाखों स्कूल खस्ताहाल पड़े हैं, उनमे दखल नहीं देना है पर मंदिरों के लिए दिल खोल कर दान देना है, जो लोगों को असभ्य और अशिक्षित रखने में बड़े मददगार साबित होते हैं. लोगों का लोक भले ही अपराधों के चलते बिगड़ जाए, पर उनका परलोक नहीं बिगड़ने देना है. इसलिए कोशिश प्रशासनिक नहीं बल्कि आत्मा के स्तर पर होना चाहिए, वह भी बाकायदा मुहिम चलाकर.  

सस्पेंस खत्म, ढ़ेर सारे बदलावों के साथ iPhone7 लॉन्च

ऐप्पल  के नए फ्लैगशिप स्मार्टफोन आईफोन 7 और आईफोन 7 प्लस लॉन्च हो गए हैं. इनका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था. नए आईफोन्स में ऐप्पल  ने सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के मामले में कई सारे बदलाव किए हैं. ऐप्पल का कहना है कि आईफोन 7 उनका अब तक का सबसे शानदार आईफोन है. आईए देखें, कैसे नजर आते हैं नए आईफोन और क्या अलग है इनमें…

1. आईफोन के दो वैरियंट्स हुए लॉन्च

जैसे कयास लगाए जा रहे थे, वैसा ही हुआ. ऐप्पल  ने अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन के दो वैरियंट्स लॉन्च किए हैं- आईफोन 7 और आईफोन 7 प्लस. ये 32जीबी, 128 जीबी और 256 जीबी के ऑप्शंस में उपलब्ध होंगे.

2. आईफोन के 2 नए रंग पेश

अब आईफोन 5 कलर ऑप्शंस में उपलब्ध होंगे- सिल्वर, गोल्ड, रोज गोल्ड, ब्लैक और जेट ब्लैक. इस बार ब्लैक और जेट ब्लैक रंग नए पेश किए गए हैं.

3. ऑडियो के लिए 3.5mm जैक नहीं है

चर्चा थी कि आईफोन 7 में हेडफोन जैक नहीं होगा. हुआ भी ऐसा ही और नए आईफोन्स में 3.5mm जैक नहीं दिया गया है. यूजर्स को हेडफोन कनेक्ट करने के लिए लाइनिंग पोर्ट इस्तेमाल करना होगा. इसके अलावा वे वायरलेस एयर पॉड्स भी इस्तेमाल कर पाएंगे.

4. इंप्रूव्ड कैमरा

बेहतर कैमरा ऐप्पल  ने आईफोन के कैमरा सिस्टम को इंप्रूव किया है. इसमें f/1.8 अपर्चर, सिक्स-एलिमें लेंस और बड़ा सेंसर लगा है. आईफोन 7 का फ्रंट कैमरा 12 मेगापिक्सल है और आईफोन 7 प्लस में ड्यूल कैमरा सेटअप है. इसमें दोनों कैमरे 12 मेगापिक्सल हैं, जो एक ही यूनिट के तौर पर काम करते हैं.

5. बेहतर बैटरी

ऐप्पल  के सीईओ टिम कुक ने कहा कि नए आईफोन की बैटरी भी इंप्रूव की गई है. उदाहरण के लिए आईफोन 7 पहले के आईफोन 6s के मुकाबले 2 घंटे का ज्यादा बैटरी बैकअप देगा.

6. होम बटन

ऐप्पल  ने पहली बार अपने आइकॉनिग होम बटन में बदलाव किया है. आईफोन 7 में फिजिकली प्रेस होने वाले बटन के बजाय फोर्स सेंसिटिव होम बटन दिया है. यह मैकबुक लैपटॉप्स के फोर्ट टच ट्रैकपैड्स जैसे ही काम करते हैं. होम बटन भी अलग-अलग लेवल के प्रेशर पर अलग-अलग तरह से काम करता है.

7. भारत में अक्टूबर में होंगे लॉन्च

नए आईफोन भारत में 7 अक्टूबर से उपलब्ध होंगे. इनकी कीमत 60 हजार रुपये से शुरू होगी.

8. नई ऐपल चिप

ऐप्पल  आईफोन 7 और आईफोन 7 प्लस कंपनी के कस्टम डिजाइन्ड A10 फ्यूजन चिप पर रन करते हैं. ऐप्पल  का कहना है कि इसकी परफॉर्मेंस पिछले आईफोन्स से बेहतर है.

9. LTE बैंड्स

दोनों आईफोन्स 25 LTE बैंड्स सपॉर्ट करते हैं.

10. रेटिना HD डिस्प्ले

आईफोन 7 में 4.7 इंच का रेटिना HD डिस्प्ले लगा है, जबकि आईफोन 7 प्लस में 5.5. इंच रेटिना HD डिस्प्ले दिया गया है. ऐप्पल  का कहना है कि दोनों डिस्प्ले सिनेमा स्टैंडर्ड कलर्स सपॉर्ट करते हैं.

चमत्कारों के बाद ‘प्रभु’ का प्रकोप

शताब्दी, दुरंतो और राजधानी ट्रेनों के पैसेंजर्स को 9 सितंबर से ज्यादा किराया चुकाना होगा. रेलवे ने इन ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया सिस्टम लागू करने का ऐलान किया है. इसके तहत डिमांड के साथ ही किराया भी बढ़ता जाएगा. किराया बढ़ाने के लिए 10 फीसदी के स्लैब बनाए गए हैं. पहली 10 फीसदी सीटों पर तो मूल किराया ही लिया जाएगा लेकिन इन सीटों के फुल होते ही अगली 10 फीसदी सीटों के लिए 10 फीसदी किराया ज्यादा देना होगा. इस तरह से 10-10 फीसदी के अनुपात में 10 फीसदी किराया तब तक बढ़ता जाएगा, जब तक यह 50 फीसदी तक न पहुंच जाए. इस तरह से ट्रेन के आधे पैसेंजर्स को तो पचास फीसदी अधिक किराया देना ही होगा.

स्लीपर पर भी गाज

यह दुरंतो की स्लीपर क्लास सीटों पर भी लागू होगा. इसके अलावा थर्ड और सेकंड एसी के लिए भी इसी तरह से डिमांड के आधार पर हर 10 फीसदी सीटों के बाद 10 फीसदी किराया बढ़ जाएगा. अधिकतम 50 फीसदी तक किराया बढ़ेगा. इसी तरह से शताब्दी ट्रेनों के लिए भी यही प्रणाली लागू की गई है. इसके तहत चेयरकार के पैसेंजर्स पर भी 10 फीसदी सीटें फुल होने के बाद अगली 10 फीसदी सीटों के लिए किराया 10 फीसदी ज्यादा देना होगा. आधी सीटें बुक होने के बाद बाकी आधी सीटों पर पैसेंजर्स को 50 फीसदी अतिरिक्त किराया देना होगा.

अपर क्लास को छूट

महत्वपूर्ण है कि इस किराया सिस्टम को फर्स्ट एसी और एग्जिक्युटिव क्लास (EC) पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला गया है. इन दोनों ही कैटिगरी के पैसेंजर्स के किराए में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है और न ही डिमांड बढ़ने पर इन पैसेंजर्स को अतिरिक्त किराया चुकाना होगा.

इंडियन रेलवे का कहना है कि इस बेस किराए के साथ ही रिजर्वेशन चार्जेज, सुपरफास्ट चार्जेज, कैटरिंग चार्जेज और सर्विस टैक्स भी पहले की तरह ही देना होगा लेकिन टैक्स नए किराए की राशि के आधार पर ही चुकाना होगा.

कैंसल टिकट पर किराया

रेलवे ने साफ किया है कि जो भी टिकट कैंसल होंगे, उनके लिए करंट रेट पर ही किराया लिया जाएगा यानी उस वक्त ट्रेन में जो किराया चल रहा होगा, वही लागू होगा. अगर चार्ट बनने के बाद टिकट कैंसल होता है तो उस वक्त करंट काउंटर पर ये टिकट उपलब्ध होंगे लेकिन इसके लिए भी वही किराया लिया जाएगा, जो अंतिम टिकटों के लिए लिया गया होगा. इन ट्रेनों में प्रीमियम तत्काल कोटा लागू नहीं किया जाएगा. जिन पैसेंजर्स को किराए में छूट मिलती है, उन्हें यह छूट मिलेगी लेकिन उसी टिकट की दर पर मिलेगी, जो उस वक्त चल रहा होगा.

रेलवे का कहना है कि नया सिस्टम 9 सितंबर से लागू होगा और अगर किसी ने पहले ही टिकट बुक करा रखा है तो उसे अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा.

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