मध्य प्रदेश महिलाओं के प्रति होने बाले अपराधों के मामले में तो टॉप फाइव में है ही, लेकिन मासूम बच्चियों से होने बाले दुष्कर्मों के मामले में शीर्ष स्थान छू रहा है. इस बात की चिंता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी है, लिहाजा उन्होंने घोषणा कर दी है कि अब सूबे में आचरण शुद्धि अभियान भी चलाया जाएगा. 1500 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि देवी नर्मदे की वेबसाइट लांच करते वक्त शिवराज सिंह ने आचरण शुद्धि मुहिम की भी बात कही, तो उसे और विस्तार देते यह भी जोड़ा कि आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है, दुष्कर्म के 90 फीसदी मामलों में आरोपी बच्चियों के निकट परिजन ही होते हैं, हमें अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए आचरण शुद्धि अभियान चलाने की जरूरत है.
धर्मगुरुओं सरीखी भाषा बोल रहे शिवराज सिंह शायद भूल गए कि बलात्कार आत्मा से नहीं, बल्कि शरीर से होता है और कानून सजा भी आरोपी के शरीर को देता है. एनसीआरबी की ताजी रिपोर्ट में मध्य प्रदेश बलात्कार के मामलों मे अव्वल है, जिसका सीधा संबंध प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था से है. इस पर धर्म और नैतिकता का प्रतिनिधित्व करते शब्दों और विचारों की चादर डालकर शिवराज सिंह एक अव्याहरिक और बेतुकी बात कह बैठे.
बीती 31 अगस्त को भोपाल में एक मासूम के साथ उसके सौतेले पिता ने बलात्कार किया था, जिस पर पांच दिन खूब हल्ला मचा था, लेकिन यह नई बात नहीं है सूबे हर कभी हर कहीं ऐसा होता रहता है. चूंकि इस मर्तबा राजधानी में हुआ था, इसलिए खुद सीएम को बोलना पड़ा नहीं तो किसी के कानों पर जूं नहीं रेंगती. कई बार तो पुलिस वाले रिपोर्ट भी नहीं लिखते.