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BCCI की ड्रीम टीम में कोहली को नहीं मिली जगह

मौजूदा टेस्ट कप्तान और धुरंधर बल्लेबाज विराट कोहली बेशक लोकप्रियता के मामले में इस समय बाकी भारतीय क्रिकेटरों से कहीं आगे हों लेकिन क्रिकेट फैन्स ने अपनी ऑल टाइम ड्रीम टीम में उन्हें जगह नहीं दी है. वहीं लंबे समय से टेस्ट टीम से बाहर चल रहे युवराज सिंह को 12वां खिलाड़ी चुना.

युवराज का ड्रीम टीम का 12वां खिलाड़ी चुना जाना अब तक चुनी गई तमाम भारतीय ड्रीम टीम में सबसे आश्चर्यजनक फैसला है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीम इंडिया के 500वें टेस्ट का जश्न मनाने के लिए क्रिकेट फैन्स को सोशल मीडिया पर भारत की 'ड्रीम टीम' चुनने का मौका दिया था.

बीसीसीआई ने भारतीय क्रिकेट टीम के फेसबुक पेज पर सर्वेक्षण सीरीज शुरू की थी जिस पर क्रिकेट फैन्स को हर ऑर्डर के लिए दिए गए खिलाड़ियों में से अपनी पसंद के खिलाड़ी को वोट देने का मौका दिया गया था.

युवराज 12वें खिलाड़ी की भूमिका में चंदू बोर्डे, हेमू अधिकारी, मंसूर अली खां पटौदी और एकनाथ सोलकर के साथ मुकाबला कर रहे थे और फैन्स ने 12वें खिलाड़ी के रूप में युवराज को 62 फीसदी वोट दे डाले.

गावस्कर और वीरू की जोड़ी

ओपनिंग के पहले क्रम के लिए महान सुनील गावस्कर, पंकज रॉय, नवजोत सिंह सिद्धू, वसीम जाफर और मुरली विजय के नाम दिए गए थे.

दूसरे ओपनर के लिए वीरेंद्र सहवाग, कृष्णामाचारी श्रीकांत, गौतम गंभीर, चेतन चौहान और विजय मर्चेंट के बीच मुकाबला था. ओपनिंग जोड़ी के लिए सबकी पहली पसंद गावस्कर और सहवाग रहे.

द्रविड़ पर FANS का भरोसा कायम

तीसरे नंबर के लिए मोहिंदर अमरनाथ, रूसी मोदी, अजित वाडेकर, राहुल द्रविड़ और विनोद कांबली के बीच टक्कर थी. लेकिन यहां पर द्रविड़ के मुकाबले कोई नहीं था. द्रविड़ सबकी एकमात्र पसंद थे.

चौथे नंबर के लिए मुकाबला सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, गुंडप्पा विश्वनाथ, विजय मांजरेकर और दिलीप वेंगसरकर के बीच था और इस क्रम पर मास्टर ब्लास्टर सचिन के आगे फैन्स विराट को ज्यादा वोट नहीं दे पाए.

पांचवें नंबर की होड़ में वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली, विजय हजारे, संजय मांजरेकर और पॉली उमरीगर थे. यहां पर वेरी वेरी स्पेशल लक्ष्मण अन्य दावेदारों पर हावी रहे.

छठे नंबर पर ऑलराउंडर की भूमिका के लिए वर्ल्ड कप विजेता कपिल देव का कोई जवाब नहीं था. कपिल के मुकाबले दत्तू फडकर, वीनू मांकड, अमर सिंह और रवि शास्त्री थे.

विकेटकीपर के मामले में सबसे आगे माही

विकेटकीपर के लिए महेंद्र सिंह धोनी सबकी इकलौती पसंद रहे. धोनी ने फारूख इंजीनियर, सैयद किरमानी, किरण मोरे और नयन मोंगिया को पछाड़ा.

मौजूदा ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी पूर्व अन्य दिग्गज स्पिनरों बिशन सिंह बेदी, हरभजन सिंह, सुभाष गुप्ते और बापू नादकर्णी पर भारी पड़े.

कुंबले का कोई मुकाबला नहीं

दूसरे स्पिनर के लिए मौजूदा भारतीय कोच और पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले का कोई जवाब नहीं था. भागवत चंद्रशेखर, एस वेंकटराघवन, ईरापल्ली प्रसन्ना और दिलीप दोषी इस मामले में प्रशंसकों की राय में काफी पीछे रह गए.

दो तेज गेंदबाजों के लिए जवागल श्रीनाथ और जहीर खान ने बाजी मारी. दसवें नंबर पर श्रीनाथ ने ईशांत शर्मा, रमाकांत देसाई, करसन घावरी और मोहम्मद निसार को पीछे छोड़ा जबकि 11वें नंबर पर जहीर ने वेंकटेश प्रसाद, अजीत आगरकर, इरफान पठान और आशीष नेहरा को पछाड़ा.

कप्तान के लिए धोनी सबकी पहली पसंद

इस ड्रीम टीम के कप्तान के लिए भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान धोनी सबकी पसंद रहे. हालांकि उन्हें सौरव गांगुली से नजदीकी चुनौती मिली. धोनी को 54 फीसदी और गांगुली को 39 फीसदी वोट मिले.

इस मामले में अजीत वाडेकर, नवाब पटौदी और कपिल देव काफी पीछे रहे. ड्रीम टीम में राहुल द्रविड़ को सबसे अधिक 96 फीसदी वोट मिले.

उनके बाद कुंबले को 92, कपिल को 91 और धोनी को 90 फीसदी वोट मिले. सचिन को आश्चर्यजनक रूप से 73 फीसदी वोट ही मिल सके.

कुछ ऐसी है FANS की ड्रीम टीम

सुनील गावस्कर, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, कपिल देव, एमएस धोनी (कप्तान एंड विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ, जहीर खान और युवराज सिंह.

राजनीति के ढेर में दफन निजी स्वतंत्रता

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक मंत्री संदीप कुमार को मंत्री पद से हटा दिया, क्योंकि एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर घूमने लगा, जिस में संदीप कुमार किसी औरत के साथ सैक्स संबंध बना रहा था. अरविंद केजरीवाल ने नैतिकता के मानदंडों के नाम पर संदीप कुमार को हटा दिया कि उस के मंत्री विवादों से ऊपर रहें. अगर यह क्लिप वास्तव में संदीप कुमार का किसी औरत के साथ है, जो उस की पत्नी नहीं है तो चटखारे लेने की बात तो हो सकती है पर उस में नैतिकता का सवाल उठाने का हक पत्नी को है किसी और को नहीं. सैक्स का सहमति से होना नैतिकता के दायरे में आए यह जरूरी नहीं खासकर तब जब न उस औरत ने उसी दिन आपत्ति की हो और न पत्नी ने. अब विवाद खड़ा होने पर वह औरत शिकायत करने जा पहुंची है, क्योंकि शायद उसे लगा वह नाहक बदनाम हो जाएगी.

यह तर्क चाहे बुरा लगे पर सच यह है कि सदियों से विवाह की परंपरा के बावजूद विवाहेतर संबंध बनते रहे हैं. इस पर आपत्ति और नैतिकता का सवाल असल में औरतों को बदनाम करने के लिए उठाया जाता रहा है. किसी औरत के गैरपति से संबंध बनाने की सजा औरत को ही मिलती रही है, पति को नहीं. आज भी हम इन गैरबराबरी वाले विचारों से उठ नहीं पाए हैं और नैतिकता को कोरा सैक्स से जोड़ रहे हैं. इसी वजह से ज्यादातर औरतें छुईमुई बनी रहती हैं, अपने को घर की दीवारों में कैद रखती हैं, किसी मर्द से बात करती घबराती हैं. नौकरीपेशा हों तो रातदिन डरती हैं कि कहीं कोई ऊंचनीच न हो जाए. विवाहिताओं की तो छोडि़ए, अविवाहिताएं भी इसी कारण उस युवक से प्रेम निवेदन करने से कतराती हैं, जो उन के उपयुक्त है और जिस के साथ जीवनसुख मिल सकता है. युवा प्रेम निवेदन करता है तो पहले वे इनकार करती हैं और बाद में ही झिझक कम होती है.

इस थोथी नैतिकता के कारण औरतों का व्यक्तित्व सामाजिक परंपराओं, सदाचरण, अस्मिता में खो जाता है. पुरुष हर तरह का जोखिम ले सकता है, औरत इस इज्जत को बचाने के लिए अपने को कुरबान कर देती है. संदीप कुमार के जिस भी औरत के साथ संबंध थे वे पत्नी से धोखा हो सकते हैं पर जनता को उस से कोई मतलब नहीं, जब तक यह साबित न हो जाए कि एक नेता देह के रूप में कुछ वसूली कर रहा था. अगर वीडियो चोरीछिपे बनाया गया है तो यह वीडियो ही अनैतिकता के दायरे में है. निजी स्वतंत्रता को राजनीति के ढेर में दफना देना शायद जरूरी है पर यह जनता की ज्यादती है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी मोनिका लेविंस्की के मामले में फंसे थे इस तरह की छद्म नैतिकता के चक्कर में.

सोशल मीडिया: सावधानी हटी, दुर्घटना घटी

ज्यादातर लोगों की सारी पर्सनल डिटेल्स उनके मोबाइल फोन डीटेल्स में होती हैं. लेकिन यदि आप अपने फोन में इन पर्सनल चीजों को रखकर सोशल मीडिया यूज करते हैं तो ऐसा करना आप पर भारी पड़ सकता है. इसके लिए बहुत जरूरी है कि आप अपनी पर्सनल डिटेल्स की सिक्योरिटी के लिए कुछ जरूरी कदम उठाएं.

आपकी महज एक चूक से फेसबुक, ट्विटर तथा व्हाट्सएप यूज करना महंगा पड़ सकता है. आपकी डिटेल्स की सिक्योरिटी के लिए कुछ जरूरी टिप्स हैं जिन्हें अपनाकर आप सिक्योर रह सकते हैं.

फेसबुक पर डेटा चोरी होने से ऐसे बचाएं

फेसबुक में लॉगइन वेरिफिकेशन होता है. इस वेबसाइट के सेटिंग पेज पर ही बहुत ही काम का फीचर होता है, जो व्हेयर यू लॉग्डइन नाम से होता है. यह फीचर तब बहुत ही काम का होता है जब आप कहीं और से अपना फेसबुक ओपन करते हैं. मान लें कि आप अपने दोस्त के पास गए और आपने उसके कंप्यूटर या लैपटॉप से फेसबुक लॉगइन किया और आप जब वापस आए तो लॉग आउट करना भूल गए. ऐसे में आप इस फीचर के जरिए किसी भी डिवाइस से अपना फेसबुक अकाउंट साइन आउट कर सकते हैं. इसके लिए आप ऐंड एक्टिविटी पर क्लिक कर उससें साइन आउट हो सकते हैं.

व्हाट्सएप पर डेटा चोरी होने से ऐसे रोकें

व्हाट्सएप पर आपकी चैट्स को सिक्योर करने के लिए ऐंड टू ऐंड एन्क्रिप्शन यूज किया जाता है. इससे कोई और तो क्या खुद व्हाट्सएप का स्टाफ भी आपकी चैट्स नहीं पढ़ सकता. लेकिन चिंता की बात तब हो सकती है जब आपका फोन ही खो जाए. फोन ले जाने वाले के पास आपके व्हाट्सएप अकाउंट से सारी डीटेल्स चली जाएंगी. जिनमें आपकी चैट, तस्वीरें, विडियो, ऑडियो और जरूरी डॉक्युमेंट्स आदि. ऐसे में गलत लोग आपका फायदा भी उठा सकते हैं. इसे रोकने के लिए व्हाट्सएप को एक पिन के साथ लॉक करना होगा. इसके लिए आपको एक एप की जरूरत पड़ेगी. यदि आप अकाउंट ओपन है और फोन चोरी हो जाता है तो तुरंत दूसरी सिम से व्हाट्सएप में रजिस्टर करें. इससे चोरी हुए मोबाइल फोन में तुरंत आपका अकाउंट डिऐक्टिवेट हो जाएगा.

ट्विटर पर डेटा चोरी होने से ऐसे रोकें

ट्विटर में भी सिक्योरिटी के लिए लॉगइन वेरिफिकेशन बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है. ट्विटर अकाउंट ओपन करने के बाद अपनी प्रोफाइल के आइकन पर क्लिक करें, मेन्यू बार में जाकर सेटिंग्स पर क्लिक करें और उसके बाद सिक्यॉरिटी ऐंड प्राइवेसी सेटिंग्स पर क्लिक करें. लॉगिन वेरिफेकिशन से पहले अपना ईमेल आईडी कंफर्म करें. यह प्रोसेस आप एपल आईओएस अथवा एंड्रॉयड एप मदद से पूरी कर सकते हैं.

इस नंबर पर कॉल करें और पायें जियो सिम

मोबाइल फोन यूजर रिलायंस जियो का कनेक्शन लेना चाहते हैं लेकिन उन्हें रिलायंस जियो का सिम (SIM) रिलायंस डिजिटल स्टोर या रिलायंस डिजिटल एक्सप्रेस पर नहीं मिल पाता है. स्टोर से जवाब मिलता है कि सिम उपलब्ध नहीं है. लेकिन अब दुखी होने की जरूरत नहीं है. आपको जियो सिम अवश्य मिलेगी लेकिन आपको इस प्रक्रिया का अनुसरण करना होगा. आप अपने फोन से इस नंबर 1800-200-200-2 पर कॉल करें और अपने फोन पर SMS का इंतजार करें.

– SMS आपको एक लिंक देगा. उस लिंक को क्लिक करने के बाद आपको MyJio app डाउनलोड करने के लिए प्ले स्टोर मिलेगा.

– डाउनलोड करें और अपने फोन पर MyJio app इंस्टॉल करें और ओपन करें.

– जब आप MyJio app ओपन करेंगे तब आपको 'Get Jio Sim' के बैनर पर क्लिक करना होगा.

– उसके बाद 'Agree' और 'Get Jio Sim Offer' पर क्लिक करें. इसके बाद आप अपने लोकेशन को सेलेक्ट करने के लिए ड्रॉप डाउन मैन्यू पर जायें.

– आप अपने फोन के स्क्रीन पर दिख रहे 'Next' पर क्लिक करें और 'Offer Code' पायें.

– आपको 'Offer Code' के साथ रिलायंस स्टोर पर जाने की जरूरत होगी. आप अपने आईडी फ्रूफ, फोटोग्राफ, निवास फ्रूफ स्टोर पर जमा करना होगा. इन औपचारिकताओं के पूरा होने पर आपको जियो सिम दिया जायेगा.

500वें टेस्ट में जीत के साथ ही नंबर1 बन सकती है टीम इंडिया

न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में खेले गए पहले टेस्ट में टीम इंडिया ने 197 रन से जीत दर्ज की. आखिरी दिन जीत के लिए मिले 434 रनों के टारगेट का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम 236 रन पर ऑल आउट हो गई.

न्यूजीलैंड की दूसरी पारी में ल्यूक रोंची ने सबसे ज्यादा 80 और मिशेल सेंटनर ने 71 रन बनाए. अश्विन ने दूसरी पारी में 6 विकेट लिए. इस तरह कानपुर टेस्ट में उनके कुल 10 विकेट हो गए. जडेजा ने इस टेस्ट मैच में 6 विकेट लिए. उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया है. चेतेश्वर पुजारा और मुरली विजय ने दोनों पारियों में अर्द्धशतक जड़े.

अपने ऐतिहासिक 500वें टेस्ट में शानदार जीत के साथ ही भारत का टेस्ट रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचना करीब-करीब तय हो गया है. अब टीम इंडिया को इस सीरीज में मिली बढ़त को बनाए रखना जरूरी है. यानी टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन पर पहुंचने के लिए भारत को यह मैच 1-0 से जीतना होगा. नियमों के मुताबिक मैच नहीं, सीरीज के बाद रैंकिंग का ऐलान होता है.

500वां टेस्ट जीतने वाली तीसरी टीम

टीम इंडिया अपना 500वां टेस्ट मैच जीतने वाली दुनिया की तीसरी टीम बन गई है. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज यह मुकाम पार कर चुके हैं.

ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज ने अपना-अपना 500वां टेस्ट जीता था. जबकि, इंग्लैंड का 500वां टेस्ट ड्रॉ रहा था.

आंकड़ों में कानपुर टेस्ट

टेस्ट में टीम इंडिया की यह 130वीं जीत है और होम ग्राउंड पर 88वां जीत.

न्यूजीलैंड के खिलाफ यह 19वीं जीत है. रन के मामले में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरी बड़ी जीत.

विराट के पास ‘चौके’ का मौका

कप्तान विराट कोहली के पास इस सीरीज में जीत का चौका लगाने का मौका है जो और मजबूत हो गया. कप्तान बनने के बाद से वो श्रीलंका, साउथ अफ्रीका और वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीत चुके हैं.

न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज जीतकर विराट के पास जीत का चौका लगाने का गोल्डन चांस हैं. फिलहाल टीम इंडिया 1-0 से आगे है.

दीपिका के बाद करण जौहर ने कबूली डिप्रेशन की बात

बौलीवुड में जितनी तेजी से सफलता मिलती है, उतनी ही तेजी से असफलता भी हाथ लगती है, जिसे संभाल पाना हर इंसान के लिए मुश्किल होता है. परिणामतः ज्यादातर लोग डिप्रेशन मे चले जाते हैं. मगर इस बात को कबूल करने का साहस ‘शो बिजनेस’ से जुडे़ लोगों के लिए हमेशा असंभव रहा है. मगर लगभग एक साल पहले इस बात को दीपिका पादुकोण ने कबूल किया था और अब तो दीपिका पादुकोण एक एनजीओ भी चला रही हैं, जो कि  डिप्रेशन के शिकार लोगों को डिप्रेशन से मुक्ति पाने में मदद करता है.

दीपिका के बाद अब एक टीवी चैनल से बात करते हुए फिल्मकार करण जौहर ने भी कबूल किया है कि वह भी डिप्रेशन का शिकार हुए थे. उन्होंने टीवी चैनल के पत्रकार से कहा-‘‘मैने लोगों को डिप्रेशन पर खुलकर बातें करते सुना है. मेरी जिंदगी में भी एक ऐसा ही पड़ाव आया था. करीबन दो ढाई साल तक मैं क्लीनिकल डिप्रेशन का शिकार रहा. मैं एक मीटिंग में था. तभी अचानक मुझे लगा कि मुझे हृदयाघात हो रहा है. मैने लोगों से माफी मांगी और डाक्टर के पास पहुंचा. पता चला कि यह हार्ट अटैक नहीं, बल्कि डिप्रेशन का मसला है. उसके बाद मैंने मनोवैज्ञानिक डाक्टर से संपर्क किया. फिर मुझे अहसास हुआ कि मुझे अपने कुछ आंतरिक मुद्दों को हल करने चाहिए. मेरी राय में डिप्रेशन कोई दिमागी बीमारी नही है. लोगों को इस पर खुलकर बात करना चाहिए.’’

करण जौहर ने आगे कहा- ‘‘मनोवैज्ञानिक डाक्टर के यहां मैंने मेडीटेशन करके बहुत कुछ बदलाव महसूस किया.’’

गलतफहमी में बर्खास्त हुये थे गायत्री प्रजापति

अखिलेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे अधिक चर्चा का विषय गायत्री प्रजापति का बर्खास्त और बहाल होना था. मंत्री पद पर बहाल होने के बाद जिस तरह से गायत्री ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पैर छुये, वो अलग सीन बन गया था. पैर छूने के विषय में गायत्री ने कहा ‘मुलायम और अखिलेश जमीन से जुडे नेता हैं. उन तक पहुंचना सरल है. देश में ऐसे नेता भी हैं जो मंच पर केवल अपने लिये ही कुर्सी रखते हैं. कुछ बड़े नेता आम कार्यकर्ताओं से इतनी दूरी रखते हैं कि उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है.’ राजनीति में पैर छूने की संस्कृति नई नहीं है. अलग अलग समय पर अलग अलग नेता चर्चा में रहे हैं. नेताओं को खुश करने के लिये हर उपाय लोग करते हैं.

समझने वाली बात यह थी कि गायत्री प्रजापति कैसे बर्खास्त किये गये थे? गायत्री प्रजापति को हटाने का मुद्दा जब विवादों में आया, मीडिया ने सवाल किया तो हर बार मुख्यमंत्री ने कहा कि गायत्री को हटाने की जानकारी नेता जी को थी. बात यह उठती थी कि अगर नेता जी यानि मुलायम सिंह यादव के कहने पर जब गायत्री हटाये गये, तो नेता जी दोबारा उनको मंत्री बनाने के लिये क्यों कह रहे हैं? मुख्यमंत्री इस बात को हमेशा टाल जाते थे. समाजवादी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि नेता जी और मुख्यमंत्री जी के बीच बातचीत के दौरान गलत फहमी हो गई थी जिसकी बजह से गायत्री बर्खास्त हो गये थे.

घटना क्रम कुछ इस तरह था कि मुख्यमंत्री और नेताजी के बीच टेलीफोन पर बातचीत हो रही थी. जिसमें गायत्री की बात आई. नेता जी ने कहा कि गायत्री का विभाग बदल दो. मुख्यमंत्री जी को यह समझ आया कि नेताजी कह रहे है कि गायत्री को निकाल दो. ‘बदल दो’ और ‘निकाल दो’ की गलत फहमी में गायत्री बर्खास्त कर दिये गये. बर्खास्त करने के बाद कुछ ही देर में उनको वापस मंत्रिमंडल में शामिल करना मुश्किल था.ऐसे में समय का इंतजार जरूरी था.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की 10 अहम बातें

अमेरिका में आज राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहा है और यहां पर मुख्य मुकाबला डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के बीच में होता है. अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में तमाम अन्य देशों की तरह केवल अमेरिकी नागरिक ही मतदान कर सकते हैं, लेकिन पूरी दुनिया पर पड़ने वाले इसके दूरगामी प्रभावों के कारण दुनियाभर की निगाहें इन चुनावों पर लगी होती हैं.

अमेरिकी राजनीति को समझने परखने वाले विशेषज्ञों की नजर में राष्ट्रपति पद के चुनाव सालों से केवल दो ही पार्टियों डेमोकेट्रिक और रिपब्लिक के इर्द गिर्द ही घूमते रहे हैं, लेकिन वहां की चुनाव प्रक्रिया बेहद उलझाउ प्रतीत होती है जो प्राइमरी, कन्वेंशन, अर्ली पोल और इनोगरेशन तक फैली है. यह प्रक्रिया राष्ट्रपति चुनाव की औपचारिक तिथि से करीब दो साल पहले से शुरू हो जाती है.

प्रमुख अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक कार्नेजी एनडोवमेंट फोर इंटरनेशनल पीस द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव दो चरणों में बंटा होता है : प्राइमरी और आम चुनाव. विभिन्न राज्यों में प्राइमरी चुनाव के जरिए पार्टियां अपने सबसे प्रबल दावेदार का पता लगाती हैं.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सेंटर फोर कैनेडियन, यूएस एंड लैटिन अमेरिकन्स स्टडीज की प्रमुख प्रोफेसर के पी विजयलक्ष्मी ने बताया कि प्राइमरी के बाद प्रमुख राजनीतिक दल अपने अपने कन्वेंशन का आयोजन करते हैं, जिसमें पार्टी राष्ट्रपति पद के लिए आधिकारिक उम्मीदवार का फैसला करती है.

इसके बाद उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 538 सदस्यीय इलेक्टोरेल कालेज के हाथों में चला जाता है, जो राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन करते हैं. जनसंख्या के आधार पर हर राज्य को कुछ वोट दिए जाते हैं जिससे साफ जाहिर है कि अधिक आबादी वाले राज्यों के पास अधिक वोट होंगे. सबसे अधिक आबादी वाले कैलिफोर्निया राज्य के पास 55 वोट हैं और सबसे कम आबादी वाले व्योमिंग के पास मात्र तीन वोट हैं.

अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव चार साल में एक बार होता है और यहां की चुनाव प्रक्रिया जटिल होने के साथ दिलचस्प भी है, आइए जानते हैं इस चुनाव की 10 अहम बातें…

1. अमेरिका की जनता राष्ट्रपति का चुनाव सीधे नहीं करती है बल्कि जनता के द्वारा एक निर्वाचक मंडल का चुनाव किया जाता है जो राष्ट्रपति को चुनने में अहम भूमिका अदा करते हैं.

2. अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए 3 स्तरों पर चुनाव होता है, राष्ट्रपति चुनाव के पहले पार्टी प्राथमिक चुनाव में चुने गये प्रतिनिधि को दूसरे दौर में अपना प्रत्याशी बनाती है.

3. अमेरिकी राष्ट्रपति पुद का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम योग्यता 35 वर्ष की आयु है इसके अलावा पिछले 14 सालों से जो व्यक्ति अमेरिका में रह रहा हो, वो अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी मैदान में उतर सकता है.

4. रिपब्लिकन पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथी है जबकि डेमोकेटिक पार्टी का चुनाव चिन्ह गधा है. 1853 के बाद अभी तक कभी ऐसा नहीं हुआ है जब राष्ट्रपति रिपब्लिकन पार्टी या डेमोकेटिक पार्टी के अलावा किसी अन्य दल का कोई व्यक्ति राष्ट्रपति बना हो.

5. अंतिम चरण में इलेक्टोरल कॉलेज के 538 सदस्य वोटिंग में भाग लेते हैं और राष्ट्रपति बनने के लिए कम से कम 270 इलेक्टोरल मत जरुरी होते हैं.

6. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही उपराष्ट्रपति पद का चुनाव भी होता है और यहां पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के लिए चार साल तक पद पर बने रहने का प्रावधान हैं.

7. अमेरिका में राष्ट्रपति को पुर्ननिर्वाचित होने का प्रावधान है लेकिन कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक अमेरिका में राष्ट्रपति नहीं चुना जा सकता है.

8. अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को जनरल इलेक्शन कहा जाता है जबकि इसके अलावा जिस चुनाव में राष्ट्रपति का निर्वाचन के लिए मतदान नहीं होता है उसे मिड टर्म इलेक्शन कहा जाता है.

9. अमेरिका में अर्ली वोटिंग का भी प्रावधान है अर्थात यहां पर विशेष परिस्थितिओं में चुनाव के दिन के पूर्व भी मतदान का कराया जा सकता है.

10. अमेरिका से बाहर रह रहे अमेरिकी नागरिक और सेना में कार्यरत कर्मचारी डाक के माध्यम से भी अपना मत दे सकते हैं.

सौंदर्य निखारने का अनोखा प्रोडक्ट

अपनी खूबसूरती को निखारने के लिए महिलाएं कई जतन करती है. कभी घरेलू नुसखे कभी ब्यूटी प्रोडक्ट्स का प्रयोग कर के अपनी सुंदरता को बढ़ाती हैं. पर अब आप को जान कर आश्चर्य होगा कि कई बीमारियों में खाई जाने वाली दवाई ‘एस्प्रिन’ हमारे सौंदर्य के लिए बहुत फायदेमंद है, वे ऐसे…

फैसपैक बनाने की विधि

ऐस्प्रिन को एक कागज पर रख कर महीन पीस लें. एक छोटे कटोरे में एक चम्मच दही और शहद ले कर अच्छी तरह से मिलाएं फिर उस में ऐस्प्रिन का पाउडर डाल कर मिला कर पेस्ट तैयार कर लें. फेस पर पैक लगाने से पहले फेस को हलके कुनकुने पानी से साफ कर लें या गरम पानी से निचोड़ी हुई टौवल कुछ देर फेस पर रख लें. जिस से फेस के पोर्स खुल जाएं. फिर फेस पैक लगाएं. ऐसा करने से इस फेसपैक का असर बेहतर होगा. ब्रश की सहायता से आंख के आसपास की ऐरिया और होठों को छोड़ कर पूरे फेस पर इस पैक को लगा कर आधा घंटा छोड़ दें. सूखने पर इसे कुनकुने पानी से ही हटाएं. पैक को हटाते ही फेस पर एक नई ताजगी आ जाएगी.

ऐस्प्रिन फेस पैक के फायदे

ऐस्प्रिन फेस पैक को फेस पर लगाने से फेस तो क्लीन होता ही है साथ ही स्किन संबंधी बीमारियां भी दूर होती हैं. इस से फेस पर निखार, कसावट भी आती है और फेस दिखता है सनशाइन ब्यूटी…

तो देर किस बात की अपनी ब्यूटी को निखारें ऐस्प्रिन से जो आप के स्किन में एक जान डाल दे और आप दिखें हसीन और जवां…

प्यार के स्वस्थ और खूबसूरत फायदे

कहते हैं लाख दुखों की दवा है प्यार, जब किसी को किसी से प्यार होता है तो वह उस व्यक्ति में कमियां होते हुए भी पौजिटिव चीजें देखता है. दुनिया में शायद ही कोई हो जो प्यार की खुमारी में डूबना पसंद न करता हो, क्योंकि जब आप प्यार में पड़ते हैं तो आप काल्पनिक दुनिया में ही रहते हैं. बातबात पर जहां चारों तरफ खुशी ही खुशी दिखाई पड़ती है. जिंदगी से निराशाओं के बादल छंट जाते हैं. जहां प्यार खुशहाल जिंदगी जीने का जज्बा देता है वहीं वह इंसान को जिंदगी के माने भी सिखा देता है. एक रिसर्च के मुताबिक ‘‘प्यार इंसान के सैल्फ कौंफिडेंस को बढ़ाने का काम करता है. इस के साथ ही प्यार में पड़ा शख्स दूसरों की अपेक्षा ज्यादा खुश रहता है.’’

सच्चा प्यार

सच्चा प्यार कभी भी किसी को देखते ही नहीं होता है यह धीरेधीरे दूसरे व्यक्ति के दिल में अपनी जगह बनाता है. इस में एक ठहराव होता है एकदूसरे की रिस्पैक्ट और अंडरस्टैंडिंग होती है. प्यार जहां एक कमिटमैंट है वहीं वह जिम्मेदारी का अहसास भी कराता है. प्यार में पड़ा व्यक्ति जिंदादिल भी होता है पर क्या आप जानते हैं इतनी सब चीजें होने के साथ प्यार हमारी सेहत और सौंदर्य को बहु फायदा पहुंचाता है तो आइए जानते हैं प्यार के खास फायदे जो आप की सेहत और खूबसूरती से जुड़े हैं.

प्यार के फायदे अनेक

कुछ अध्ययनों से ये बात सामने आई है कि जिम में कसरत करने के मुकाबले अगर रोजाना प्यार करने का टाइम निकाला जाए तो ज्यादा फायदे में रहेंगेः

लव मेकिंग सेशन में योग या वाक के मुकाबले 150 कैलोरी तक घटाते हैं.

  • प्यार के पलों में एडोर्फिन्स रिलीज होते हैं और आप की त्वचा विटामिन डी से भरपूर होती है जिस से त्वचा खिलीखिली होती है.
  • प्यार में रहने से आप की बौडी में एस्ट्रोजन हार्मोन बनते हैं. जिस से त्वचा मुलायम और बाल चमकदार होते हैं.
  • प्यार में होने से आप युवा दिखते हैं और चेहरे पर झुर्रियां भी नहीं दिखती इस का कारण खुशी के स्तर का बढ़ना.
  • प्यार में होने से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है. वैज्ञानिक भी मानते हैं प्यार में पड़ना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है.
  • प्यार ब्लडप्रैशर से जुड़ी बीमारियों से आप को सुरक्षित रखता है क्योंकि प्यार में रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.
  • अगर आप प्यार में हैं तो आप की बौडी में एडे्रनेलाइन तैयार होता है जो भूख बढ़ाता है.
  • प्यार मूड फ्रेश करने के साथ हर बड़ी बीमारी से लड़ने के लिए तैयार करता है.
  • प्यार तनाव को दूर करता है और आप सकारात्मक सोच रखते हैं.
  • प्यार में रहने वाला व्यक्ति खुश होने के साथ जिंदादिल होता है उसे अपने लुक को संवारने का सलीका आ जाता है जो उस की खूबसूरती को बढ़ाता है.

प्यार में इतने सारे गुण होने की वजह से क्यों ना कुछ पल प्यार में गुजार लिए जाएं जिस से सेहत और खूबसूरती दोनों ही आप की मुट्ठी में हो और आप रहे हरदम खुश.

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