अमेरिका में आज राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहा है और यहां पर मुख्य मुकाबला डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के बीच में होता है. अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में तमाम अन्य देशों की तरह केवल अमेरिकी नागरिक ही मतदान कर सकते हैं, लेकिन पूरी दुनिया पर पड़ने वाले इसके दूरगामी प्रभावों के कारण दुनियाभर की निगाहें इन चुनावों पर लगी होती हैं.

अमेरिकी राजनीति को समझने परखने वाले विशेषज्ञों की नजर में राष्ट्रपति पद के चुनाव सालों से केवल दो ही पार्टियों डेमोकेट्रिक और रिपब्लिक के इर्द गिर्द ही घूमते रहे हैं, लेकिन वहां की चुनाव प्रक्रिया बेहद उलझाउ प्रतीत होती है जो प्राइमरी, कन्वेंशन, अर्ली पोल और इनोगरेशन तक फैली है. यह प्रक्रिया राष्ट्रपति चुनाव की औपचारिक तिथि से करीब दो साल पहले से शुरू हो जाती है.

प्रमुख अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक कार्नेजी एनडोवमेंट फोर इंटरनेशनल पीस द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव दो चरणों में बंटा होता है : प्राइमरी और आम चुनाव. विभिन्न राज्यों में प्राइमरी चुनाव के जरिए पार्टियां अपने सबसे प्रबल दावेदार का पता लगाती हैं.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सेंटर फोर कैनेडियन, यूएस एंड लैटिन अमेरिकन्स स्टडीज की प्रमुख प्रोफेसर के पी विजयलक्ष्मी ने बताया कि प्राइमरी के बाद प्रमुख राजनीतिक दल अपने अपने कन्वेंशन का आयोजन करते हैं, जिसमें पार्टी राष्ट्रपति पद के लिए आधिकारिक उम्मीदवार का फैसला करती है.

इसके बाद उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 538 सदस्यीय इलेक्टोरेल कालेज के हाथों में चला जाता है, जो राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन करते हैं. जनसंख्या के आधार पर हर राज्य को कुछ वोट दिए जाते हैं जिससे साफ जाहिर है कि अधिक आबादी वाले राज्यों के पास अधिक वोट होंगे. सबसे अधिक आबादी वाले कैलिफोर्निया राज्य के पास 55 वोट हैं और सबसे कम आबादी वाले व्योमिंग के पास मात्र तीन वोट हैं.

अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव चार साल में एक बार होता है और यहां की चुनाव प्रक्रिया जटिल होने के साथ दिलचस्प भी है, आइए जानते हैं इस चुनाव की 10 अहम बातें…

1. अमेरिका की जनता राष्ट्रपति का चुनाव सीधे नहीं करती है बल्कि जनता के द्वारा एक निर्वाचक मंडल का चुनाव किया जाता है जो राष्ट्रपति को चुनने में अहम भूमिका अदा करते हैं.

2. अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए 3 स्तरों पर चुनाव होता है, राष्ट्रपति चुनाव के पहले पार्टी प्राथमिक चुनाव में चुने गये प्रतिनिधि को दूसरे दौर में अपना प्रत्याशी बनाती है.

3. अमेरिकी राष्ट्रपति पुद का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम योग्यता 35 वर्ष की आयु है इसके अलावा पिछले 14 सालों से जो व्यक्ति अमेरिका में रह रहा हो, वो अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी मैदान में उतर सकता है.

4. रिपब्लिकन पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथी है जबकि डेमोकेटिक पार्टी का चुनाव चिन्ह गधा है. 1853 के बाद अभी तक कभी ऐसा नहीं हुआ है जब राष्ट्रपति रिपब्लिकन पार्टी या डेमोकेटिक पार्टी के अलावा किसी अन्य दल का कोई व्यक्ति राष्ट्रपति बना हो.

5. अंतिम चरण में इलेक्टोरल कॉलेज के 538 सदस्य वोटिंग में भाग लेते हैं और राष्ट्रपति बनने के लिए कम से कम 270 इलेक्टोरल मत जरुरी होते हैं.

6. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही उपराष्ट्रपति पद का चुनाव भी होता है और यहां पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के लिए चार साल तक पद पर बने रहने का प्रावधान हैं.

7. अमेरिका में राष्ट्रपति को पुर्ननिर्वाचित होने का प्रावधान है लेकिन कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक अमेरिका में राष्ट्रपति नहीं चुना जा सकता है.

8. अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को जनरल इलेक्शन कहा जाता है जबकि इसके अलावा जिस चुनाव में राष्ट्रपति का निर्वाचन के लिए मतदान नहीं होता है उसे मिड टर्म इलेक्शन कहा जाता है.

9. अमेरिका में अर्ली वोटिंग का भी प्रावधान है अर्थात यहां पर विशेष परिस्थितिओं में चुनाव के दिन के पूर्व भी मतदान का कराया जा सकता है.

10. अमेरिका से बाहर रह रहे अमेरिकी नागरिक और सेना में कार्यरत कर्मचारी डाक के माध्यम से भी अपना मत दे सकते हैं.

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